कुशेश्वरस्थान-फुलतोड़ा सड़क का निर्माण कार्य हुआ पूरा
कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड का लाइफ लाइन कुशेश्वरस्थान फुलतोड़ा सड़क बन कर तैयार हो गया है।

निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मिथिला और फरकीया जुड़ गया है। लोगों का सालों के सपना अब साकार हो गया। इस मार्ग से आवागमन शुरू होते ही दरभंगा और खगड़िया की दूरी सिमट कर मात्र 111 किलोमीटर रह जाएगी। इस दूरी को तय करने में पहले घंटों समय लग जाते थे। अब तो दो से ढ़ाई घंटे में दरभंगा से खगड़िया पहुंचा जा सकता है।


जबकि कुशेश्वरस्थान से खगड़िया जाने के लिए पहले समस्तीपुर के रोसड़ा, हसनपुर होते हुए 125 किलोमीटर की दूरी तय करने में साढ़े तीन से चार घंटे का समय लगता था। अब यह दूरी घटकर सिर्फ 51 किलोमीटर रह गई है और इस दूरी को तय करने में 50-60 मिनट का समय लगता है।

न नाव पर चढ़ने की झंझट न ही नदी पार करने की जरूरत। इस मार्ग से दरभंगा, कुशेश्वरस्थान और खगड़िया आसानी से जा सकते। बस अब इस सड़क का उद्घाटन का इंतजार है।

20.8 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था

दरभंगा जिला का सुदूरवर्ती कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में कोसी और कमला बलान नदी, इसकी उपधारा और नाले का जाल बिछा हुआ था। वर्तमान बिहार के एनडीए सरकार की सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक सड़क निर्माण करने की नीति और वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव में यहां के सांसद बने महेश्वर हजारी व तात्कालीन विधायक शशिभूषण हजारी के प्रयास से कुशेश्वरस्थान फुलतोड़ा सड़क की मंजूरी मिली।

वर्ष 2018 में तात्कालीन विधायक ने 413 करोड़ रुपए की प्राक्कलित राशि से 20.8 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। सड़क का निर्माण कार्य 21 अप्रैल 2022 तक पूरा करने की तिथि निर्धारित हुई थी।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
प्राथमिक कक्षाओं के मूल्यांकन में नया पैटर्न लागू
प्राथमिक कक्षाओं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा 26 सितंबर को सम्पन्न हो जाएगी। इसके तुरंत बाद तीसरी से आठवीं कक्षा तक के परीक्षार्थियों की व्यवहृत उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 27 सितंबर से आरंभ हो जाएगा। पहली अक्टूबर तक मूल्यांकन कार्य सम्पन्न होगा।

समग्र शिक्षा के डीपीओ रवि कुमार ने कहा कि डीईओ के निर्देश पर उतर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन केंद्र का निर्धारण और मूल्यांकन निदेशक की नियुक्ति का काम सम्पन्न कर लिया गया है। प्रत्येक पंचायत में मूल्यांकन केंद्र के रूप में ऐसे विद्यालय का चयन किया गया है जहां सभी प्रकार की आधारभूत संरचना उपलब्ध है। उसी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को मूल्यांकन निदेशक के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्ति की कार्रवाई भी आरंभ कर दी गई हैं।

प्रधानाध्यापक शिक्षकों के सहयोग से तैयार करेंगे प्रगति पत्रक

डीपीओ रवि कुमार ने कहा कि मूल्यांकन निदेशकों का दायित्व होगा कि वह व्यवहृत उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद वर्गवार और विषयवार अंक-पत्रक को प्रतिदिन अपने संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। संबंधित बीईओ मूल्यांकन केंद्र से हस्तगत कराए गए अंक-पत्रक को संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को उसी दिन उपलब्ध करा देंगे। उपलब्ध अंक-पत्रक के आधार पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अपने शिक्षकों के सहयोग से बच्चों का प्रगति पत्रक तैयार करेंगे। प्रगति पत्रक को 5 अक्टूबर को समारोह पूर्वक शिक्षक अभिभावक बैठक आयोजित कर बच्चों के बीच वितरित किया जाएगा।

13 मूल्यांकन केन्द्रों का चयन

ई-शिक्षा कोष पोर्टल से डाउनलोड किए गए प्रश्न पत्र के आधार पर आयोजित पहली और दूसरी कक्षा के अंकपत्र को भी प्रगति पत्रक में सम्मिलित करने का निर्देश दिया गया है। इस बार प्राथमिक कक्षाओं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा और व्यवहत उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पूरी तरह राज्य शिक्षा, शोध परिषद् के निर्देश र उपलब्ध कराई गई सामग्री के आधार पर आयोजित की जा रही है।

उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में सहायक एवं प्रधान शिक्षक भी नियुक्त किए जा रहे हैं। मूल्यांकन कार्य को लेकर प्रखंडों में तैयारी चल रही है। सदर प्रखंड में प्रभारी बीईओ कृतिका वर्मा ने बताया कि 13 मूल्यांकन केन्द्र का चयन कर लिया गया है। संकुल समन्वयक और संकुल प्रभारी को उनके दायित्वों के प्रति अवगत करा दिया गया है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा एम्स के लिए 37.31 एकड़ जमीन ट्रांसफर
बिहार के दरभंगा में एम्स 187.44 एकड़ जमीन में बनेगा। राज्य सरकार ने दरभंगा एम्स के लिए केंद्र सरकार को शेच बची 37.31 एकड़ जमीन ट्रांसफर कर दी है। मंगलवार को सचिवालय स्थित विकास भवन सभागार में एम्स निदेशक को विभाग के विशेष सचिव ने जमीन के कागजात सौंप दिए।
एम्स के लिए 37.31 एकड़ जमीन ट्रांसफर

इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि दरभंगा एम्स निर्माण के लिए बिहार सरकार ने 150.13 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को पूर्व में हस्तांतरित की थी। आज शेष 37.31 एकड़ जमीन और हस्तांतरित हो गई है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी मौजूद थे।

8 करोड़ लोगों को होगा फायदा

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि डबल इंजन की सरकार में तेजी से हो विकास हो रहा है। 2019-20 में दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स की स्वीकृति प्रदान की गई थी। 750 बेड वाले इस अस्पताल के लिए 2020 में 1 हजार 264 करोड़ राशि की मंजूर हुई थी। संस्थान को नए स्वरुप में बनाने की जिम्मेदारी आईआईटी दिल्ली को दी गई है। मिथिलावासियों सहित नेपाल और पूर्वाेत्तर राज्यों के 8 करोड़ लोगों को इससे फायदा होगा।

इस परियोजना से स्वास्थ्य ढांचे में सुधार होगा। स्थानीय लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शोभन बाइपास की जमीन को एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त बताया था।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए जमीन सर्वे शुरू
दरभंगा में शोभन एकमी बाइपास पथ स्थित बलिया मौजे के समीप अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल पर जमीन सर्वे का काम शुरू हो गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और एम्स कार्यपालक निदेशक डॉ माधवानंद कार द्वारा 7 सिंतबर को स्थल निरीक्षण के 15 दिनों बाद जमीन सर्वे कार्य शुरू हुआ है डीएसआर सर्वे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से कोलकाता और दिल्ली की पांच सदस्यीय टीम ने निर्माण स्थल पर जमीन सर्वे शुरू किया है। अस्पताल को लेकर जमीन सर्वे का काम प्रारंभ होने से मिथिलांचलवासियों में विश्वास जागृत हो गया है।

भूमि सर्वे के बाद मिट्टीकरण का काम शुरू

सर्वे टीम में शामिल जय मंडल, शिवम कुमार, आनंद कुमार, संजय मंडल, समोद्वीप सोमांता ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय दिल्ली के निर्देश पर शोभन बाइपास में एम्स निर्माण को लेकर प्रस्तावित दो सौ एकड़ जमीन का सर्वे तकनीकी उपकरण के माध्यम से करने के बाद प्रतिवेदन समर्पित किया जाएगा।

इसके बाद सरकारी मापदंड के तहत मिट्टी करण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। सर्वेअर टीम के तीन सदस्य प्रस्तावित भूमि के जलजमाव स्थल पर लगे तीन से चार फीट पानी के आतंरिक भाग के सर्वे कार्य को लेकर तैनात हैं।

मिट्टी खुदाई वाले गड्ढे में जलजमाव

बता दें कि शोभन चौक से लगभग पांच किलोमीटर आगे एकमी जाने वाले पथ पर सिमरी और हनुमान नगर थाना के सीमावर्ती क्षेत्र से पश्चिम में जमीन का सर्वे किया जा रहा है। प्रस्तावित स्थल के अंदर मिट्टी खुदाई वाले गड्ढे में ढाई से तीन फीट जलजमाव है। अधिकांश भाग सूखा नजर आ रहा है।

स्थानीय ग्रामीण फैजान अहमद, शहाबुद्दीन, मनोज सिंह ने बताया कि वर्षा नहीं होने के कारण इस समय यह स्थिति है। सर्वे टीम के संजय मंडल ने बताया कि भूमि सर्वे के बाद एम्स स्थल की भूमि पर मिट्टीकरण को लेकर नजरी नक्शा के अनुसार कार्य होगा।

अब तक के सर्वे और स्थल अवलोकन को देखकर लगता है कि जलजमाव वाले स्थल पर लगभग 10 से 15 फीट मिट्टी भरने की जरूरत होगी। शोभन एकमी बाईपास पथ के किनारे से लगभग चार फीट नीचे तक मिट्टी भराई का कार्य किया जा सकता है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
बिहार राज्य विद्यालय बालिका हैंडबॉल प्रतियोगिता आयोजित
खेल विभाग बिहार राज्य खेल प्राधिकरण पटना और जिला प्रशासन दरभंगा के संयुक्त देखरेख में बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस-13 के प्रांगण में दिनांक 23 सितंबर से 28 सितंबर 2024 तक बिहार राज्य विद्यालय बालिका हैंडबॉल( अंडर- 14,17 ,19 )प्रतियोगिता 2024-25 का आयोजन किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस प्रतियोगिता में बिहार के 38 जिलों के प्रतिभागियों का यहां आना सुनिश्चित है। अभी तक 28 जिलों की ओर से आने की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। मैदान की सुव्यवस्था के काम में शारीरिक शिक्षा शिक्षक आशीष कुमार के साथ राष्ट्रीय हैंडबॉल खिलाड़ी मुकेश कुमार ने कमान संभाल रखी है। संपूर्ण खेल परिसर को व्यवस्थित एवं सुसज्जित किया जा चुका है। खेल का मैदान पूर्ण रूपेण खेल के लिए उपयुक्त बनाया गया है।

दरभंगा जिला के तीनों आयु वर्ग के बालिका टीम का यहां आगमन हो चुका है और सभी बालिका खिलाड़ी खेल कौशल के साथ-साथ सभी कार्यों में सहयोग कर उत्कृष्ट खेल भावना का परिचय दे रहे हैं। बाहर के जिले से आने वाली टीमों के आगमन के साथ ही निबंध के कार्य हेतु शारीरिक शिक्षा शिक्षक राजेश कुमार ,अरुण कुमार एवं मिथिलेश कुमार दास कि प्रतिनियुक्ति की गई है।

खेल मैदान की व्यवस्था आशीष कुमार एवम मुकेश कुमार, गोविंद कुमार वरीय खिलाड़ी लगे हैं। कार्यालय का दायित्व राकेश कुमार सिंह, प्रमाण पत्र लेखन में रश्मि दास ,कंचन कुमारी खुशबू सुमन, सीमा कुमारी,रुबी सिन्हा,पूजा कुमारी ,नमिता कुमारी एवं खिलाड़ियों को सुंदर भोजन उपलब्ध कराने के लिए सर्व व्यवस्था प्रमुख के रूप में एक बार फिर हरिमोहन चौधरी के ऊपर दायित्व है। साथ ही अजय यादव सहयोग कर रहे हैं।

कार्यक्रम को संपन्न कराने और इसके उत्कृष्ट संचालन के लिए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण से प्रति नियुक्त तकनीकी पदाधिकारी एवं ऑफिशियल प्रतिनियुक्त किए गए हैं। जिनकी देख रेख में यह प्रतियोगिता संपन्न होगी।

राष्ट्रीय रेफरी संतोष कुमार वर्मा, सपना कुमारी, विजय कुमार एवं बबलू कुमार है। ग्राउंड की सुंदर व्यवस्था को देख कर उन्होंने कहा कल्पना को ऊंची उड़ान चाहिए,पंछी को नीला आसमान चाहिए। हैंडबॉल के खिलाड़ियों को 40 बाई 20 का समतल मैदान चाहिए।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
पहली बार दरभंगा पहुंचे केंद्रीय कोयला मंत्री
दरभंगा के सांसद सह लोकसभा में पार्टी के सचेतक डॉ.गोपाल जी ठाकुर ने दरभंगा परिसदन में केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश डूबे का पार्टी पदाधिकारियों के साथ स्वागत करने के बाद उपरोक्त विचार व्यक्त किया। सांसद डॉ.ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री का स्थानीय परिसदन में मिथिला की संस्कृति और परंपरा के अनुसार मखान का माला पाग और अंगवस्त्र से सम्मानित किया। मंत्री के साथ पार्टी की सदस्यता अभियान और अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

सांसद डॉ.ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री को पार्टी का ऊर्जावान संगठनकर्ता बताते हुए कहा कि सदस्यता अभियान के लक्ष्य को पूरा करने में केंद्रीय मंत्री के अनुभवों का लाभ दरभंगा भाजपा के जिला संगठन को मिलेगा।

सांसद डॉ.ठाकुर ने सदस्यता अभियान के लक्ष्य को कार्यकर्ताओं के लिए एक सुखद अवसर बताते हुए कहा कि संगठन की मजबूती के लिए बूथ स्तर तक सदस्यता अभियान को सफल बनाना है। ताकि विरोधी दलों की हर सोच का प्रतिकार किया जाए।

सांसद डॉ.ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री से मिथिला क्षेत्र में रोजगार सृजन की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से घिरे इस क्षेत्र में औद्यौगिक निवेश की आवश्यकता है। इसके लिए संभावनाओं पर पहल किया जाए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष जीभ सहनी समेत अन्य पार्टी नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
लोन के बदले बैंक में मॉर्गेज जमीन को फर्जीवाड़ा कर बेचने का आरोपी धराया
दरभंगा के सिमरी थाना क्षेत्र के भराठी में स्थित जमीन को बैंक में मॉर्गेज कर लोन लेकर उक्त जमीन को दूसरे व्यक्ति के हाथों बेचकर ठगी करने के मामले में नामजद फरार अभियुक्त सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के चक दरगाह निवासी मो साबिर को सिमरी पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

बताया गया है कि उक्त मामले में मुख्य आरोपी रमीज साबरी को पुलिस ने पूर्व में ही गिरफ्तार किया था। वहीं, उसके पिता मो साबिर व भाई अरशद साबरी की अग्रिम जमानत याचिका पटना हाई कोर्ट से खारिज होने के बाद न्यायालय से दोनों के खिलाफ वारंट के साथ कुर्की जब्त की कार्रवाई का आदेश दिया गया था। इस मामले में नौ माह से गिरफ्तार मुख्य आरोपी रमीज साबरी न्यायिक हिरासत जेल में अबतक बंद है।

वहीं, एक अन्य फरार अभियुक्त की पुलिस तलाश कर रही है। विदित हो कि सीवान जिला के भगवानपुर थानाक्षेत्र के बड़का गांव निवासी डा एजाज अहमद ने सिमरी थाना में 21अक्टूबर 2023 को धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

जिसमें उक्त तीनों पिता व पुत्र को नामजद किया था। उसने बताया था कि पटना में उनका अस्पताल है। आरोपितों ने जमीन की कीमत, बाउंड्री वाल व कमरा निर्माण कराने को लेकर 46 लाख की ठगी कर ली थी।

23 अगस्त 2023 को भराठी मौजा में दो कट्ठा जमीन मो साबिर व अरशद साबरी से निबंधित केवाला के माध्यम से खरीदा था। जबकि उक्त जमीन पर पीएनबी बैंक से 42 लाख 61 हजार 704 रुपए का लोन 2017 में लिया गया था। जिसका नोटिस भी भूखंड पर बैंक के अधिकारी ने चस्पा किया है।

बेचते समय उक्त आरोपितों ने भूखंड को निर्विवाद बताया था। जमीन की तय कीमत 16 लाख रुपए आरोपित को भुगतान के बाद निबंधित कराने में एक लाख 63 हजार रुपए खर्च हुआ था।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
चार हजार से अधिक सीटों पर होना है एडमिशन, तीन हजार रुपए ऑनलाइन देने होंगे
दो वर्षीय बीएड और शिक्षा शास्त्री में नामांकन को लेकर राज्य के विभिन्न बीएड कॉलेजों में रिक्त सीटों की सूची 20 सितंबर यानी शुक्रवार को प्रकाशित कर दी गई। राज्य के विभिन्न बीएड कॉलेजों में रिक्त 4469 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो. अशोक कुमार मेहता ने बताया कि राज्य के सभी संबंधित विश्वविद्यालयों के अधीन बीएड कॉलेजों में रिक्त सीटों की सूची वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गई है। इस वर्ष स्पॉट नामांकन की जगह केंद्रीकृत काउंसिलिंग और नामांकन राउंड प्रक्रिया शुरू की गई है।

4469 सीटों पर नामांकन होना है

बिहार के परंपरागत 14 विश्वविद्यालयों के अधीन बीएड कॉलेजों में रिक्त कुल 4469 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया पूरी होनी है। चयनित अभ्यर्थी 21 से 22 सितंबर तक नामांकन के लिए बीएड पोर्टल पर तीन कॉलेजों का चयन कर सकेंगे। 24 सितंबर को चयनित अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित कर दिया जाएगा। 25 से 28 सितंबर तक ऑनलाइन तीन हजार रुपए जमा कर कॉलेजों में नामांकन की स्वीकृति लेनी होगी।

वहीं 25 से 28 सितंबर तक आवंटित कॉलेजों में पेपर सत्यापन के बाद नामांकन की प्रक्रिया संपन्न की जाएगी।

कहां कितनी सीटें रिक्त हैं

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना में सर्वाधिक 893 सीटें रिक्त हैं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में 671, मगध विश्वविद्यालय बोधगया में 654, मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय में 571, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में 404, आर्यभट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना में 321, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा में 219, तिलका मांझी विश्विद्यालय भागलपुर में 209, पूर्णिया विश्वविद्यालय में 143, जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा में 162, मुंगेर विश्वविद्यालय में 127, बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में 77, पटना विश्वविद्यालय में 16 सीटें रिक्त चल रही हैं। शिक्षा शास्त्री के लिए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में दो सीटें रिक्त हैं।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में 500 लोगों के पास जमीन के दस्तावेज नहीं, 70 सालों से अवैध कब्जा
दरभंगा में विशेष भूमि सर्वे हो रहा है। इसमें नई बात निकल कर सामने आ रही है। यहां एक ऐसा गांव है, जो बिहार सरकार की जमीन पर बसा हुआ है। इस जमीन के लिए यहां के लोगों के पास न तो कोई पर्चा है, न ही इस जमीन के कोई कागजात है। सरकार के इस जमीन पर लोगों का अवैध कब्जा बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार गांव में करीब 70 साल से लोग रह रहे हैं। जहां 500 से अधिक घर है। यह पूरा मामला जिला के गौरा बौराम प्रखड के बौराम पंचायत के बरदाहा परती का है। यह जमीन इसी प्रखंड क्षेत्र के कन्हई मोजे की है। 72 एकड़ की जमीन पर अलग-अलग जगह से आए लोगों ने कब्जा कर रखा है। उनके पास इस संदर्भ में सरकार की ओर से कोई भी समुचित कागजात मौजूद नहीं है। अब सवाल खड़ा होता है कि आखिर कैसे सरकार की 72 एकड़ की जमीन पर कोई कब्जा कर सकता है।

अलग-अलग जगह से यहां पहुंचे लोग

गांव के निवासी मोहम्मद आरिफ ने हमें बताया कि इस पूरी जमीन पर लगभग 500 से ज्यादा घरों की आबादी है। जिसमें कुछ बौराम पंचायत के और कुछ कन्हय पंचायत के लोग हैं। अलग-अलग जगह से लोग यहां पहुंचे है। क्योंकि, उनके पास जमीन नहीं थी। उन्होंने यहां शरण ली। कोई यहां 70 सालों से रह रहा है। कोई 60 सालों से रह रहा है। यहां लगभग सभी लोग 50 साल से ज्यादा रह रहे हैं।

मोहम्मद आरिफ ने आगे बताया कि यहां जितने लोग रह रहे हैं। वह सभी भूमिहीन है। किसी के पास कोई जमीन नहीं है। आवास योजना के तहत सरकार जो मकान देती है। इसका लाभ लेने के लिए जमीन के कागजात होने जरूरी है, जो हम लोगों के पास नहीं है। इससे हमें वह भी फायदा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने खुद जाकर तीन बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस समस्या के निदान के लिए आवेदन दिया। लेकिन, इस पर क्या पहल हुई, इसकी जानकारी हम लोगों को नहीं है।

ग्रामीण बताते है कि साल 1972 में हुए सर्वे से पहले यह एक ही खाता एक ही खेसरा का जमीन था। लेकिन, इसके बाद सरकार ने इस जमीन को टुकड़े टुकडे में बांट दिया। उस सर्वे में जिस प्लॉट पर जिसका कब्जा है, उसके नाम के साथ अवैध कब्जा लिखा हुआ आता है।

पूर्वजों ने की थी पर्चा लेने की कोशिश

स्थानीय मोहम्मद आजाद आलम बताते हैं कि हम लोग यहां अल्पसंख्यक समाज के अति पिछड़ी जाति से आते हैं। जो आसपास के गांव से भटक कर यहां शरण ले रहे हैं। हमारे लोगों के पास कोई जमीन नहीं है। इसलिए, हम लोग यहां पर कब्जा कर रह रहे हैं। इस जमीन का पर्चा मिल जाए, इसको लेकर हमारे पूर्वजों ने काफी कोशिश की। अगर हम लोगों को यहां से हटा दिया जाता है, तो हम लोग पूरी तरह से बेघर हो जायेंगे।

गौरा बौराम के अंचल अधिकारी ने कहा कि इस तरह की कोई जानकारी मेरे पास नहीं है। हम इस बात को स्थानीय कर्मचारियों से वेरीफाई करवाएंगे। फिर संदर्भ में कुछ जानकारी दे पाएंगे।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
सीखने में तीन महीने का समय लग सकता
भाषा वैज्ञानिकों की मानें तो इसे अच्छी तरह सीखने में तीन महीने का समय लग सकता है, लेकिन राज्य सरकार ने प्रशिक्षण के लिए तीन दिन का समय ही निर्धारित किया है। यह सिखाने वालों के अलावा सीखने वालों के लिए भी बड़ी चुनौती होगी। बता दें कि पुरानी कैथी लिपि में खतियान होने से इसे पढ़ पाना कठिन हो रहा था। ऐतिहासिक ब्राह्मी लिपि कैथी को कायथी या कायस्थी भी कहा जाता है। इसका उपयोग 600 ईसवी से शुरू होने का अनुमान है।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। अगले माह चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। विश्वविद्यालय मुख्यालय से लेकर कॉलेजों तक छात्र संगठनों की सक्रियता बढ़ गई है। पांच वर्ष बाद होने वाले चुनाव को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभागों समेत कॉलेजों में सदस्यता अभियान चलाना शुरू कर दिया है।

कॉलेजों से लेकर विश्वविद्यालय मुख्यालय तक धरना-प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है। छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, मिथिला स्टूडेंट यूनियन, आईसा, एनएसयूआई, एआईएसएप, एसएपआई, छात्र राजद, छात्र जदयू, छात्र युवा शक्ति की और से सदस्यता अभियान चलाकर छात्र-नौजवानों को जोड़ा जा रहा है।

संगठनों के विचारधाराओं से छात्रों को अवगत कराया जा रहा है। इसके साथ ही छात्र-छत्राएं भी अपने प्रतिनिधियों को चुनने को लेकर काफी उत्साहित हैं। कॉलेजों से लेकर विश्वविद्यालय तक समस्याओं की अंबार लगी है। अब इसे उठाने वाले छात्र प्रतिनिधियों की सक्रियता बढ़ने लगी है। छात्र संगठनों की ओर से मोबाइल और वाट्सएप नंबर जारी कर समस्याओं के निदान की गारंटी दी जा रही है।

2019 में हुआ था अंतिम चुनाव

मिथिला विश्वविद्यालय में 2019 के दिसंबर माह में छात्र संघ के प्रथम चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ था। इसमें चार जिला के कुल 38 अंगीभूत कॉलेजों व चार संकायों में छात्र-छात्राओं ने अपने प्रतिनिधियों को चुनने के लिए वोट डाले थे। दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर व बेगूसराय को मिलाकर कुल 13.29 प्रतिशत मतदान हुए थे। प्रथम चरण में ऑफिस बियरर व काउंसिल मेंबर के 414 पदों के लिए करीब 1074 प्रत्याशी मैदान में थे।

अभाविप समर्थित उम्मीदवारों ने सभी सीटों दर्ज की थी जीत

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में वर्ष 2019 में लगातार तीसरी बार छात्र संघ चुनाव में अभाविप समर्थित उम्मीदवारों ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। अध्यक्ष पद पर एपीएसएम कालेज, बरौनी के आलोक कुमार, उपाध्यक्ष पद पर वीएसजे कॉलेज, राजनगर के ध्रुव कुमार, महासचिव पद पर एमआरएम कॉलेज, दरभंगा की प्रीति कुमारी, संयुक्त सचिव पद पर आरबी कॉलेज, दलसिंहसराय के अमत्र्य कुमार व कोषाध्यक्ष पद पर बीआरबी कॉलेज, समस्तीपुर के नीतीश कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी।

इस तरह अभाविप ने पांच संगठनों के प्रगतिशील गठबंधन, तीन संगठनों के वाम-जनवादी गठबंधन और मिथिला स्टूडेंट यूनियन को शिकस्त दी थी। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व कोषाध्यक्ष के पदों पर वाम-जनवादी गठबंधन ने दूसरा स्थान प्राप्त किया था।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट