सुल्तानपुर डकैती कांड में फरार एक लाख का इनामी मुठभेड़ में ढेर
लखनऊ। यूपी के सुल्तानपुर में सर्राफा व्यवसाई के यहां हुई करोड़ों की डकैती मामले में फरार चल रहे एक और इनामी बदमाश की एसटीएफ से उन्नाव जिले में मुठभेड़ हो गई। इस कार्रवाई में वह मारा गया। उसका एक साथी भागने में सफल रहा है, जिसकी तलाश टीम कर रही है। हालांकि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

एसटीएफ से मिली प्रारंभिक जानकारी से यह पता चला है एनकाउंटर में मारे गए बदमाश की पहचान मूलरूप से अमेठी जिले के रहने वाले अनुज प्रताप सिंह के रूप में हुई है। एसटीएफ की टीम डकैती कांड में फरार चल रहे इनामी बदमाशों की तलाश में थी। इसी दौरान अनुज की लोकेशन जनपद उन्नाव के अचलगंज थाना क्षेत्र में स्थित कुलुहागढ़ा गांव में मिली। एसटीएफ ने उसकी घेराबंदी करते हुए उसे आत्म समर्पण को कहा, लेकिन उसने अपने साथी के साथ टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ ने जब कार्रवाई की तो वह गोली लगने से घायल हो गया। आनन-फानन में उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उस पर एक लाख का इनाम घोषित था। वही, उसके फरार साथी की तलाश में टीम जुट गई हैं।


अपर पुलिस महानिदेशक (एसटीएफ एवं कानून व्यवस्था) अमिताभ यश ने बताया कि उन्नाव में मारे गए इनामी बदमाश अनुज से पूर्व सुल्तानपुर डकैती कांड में इनामी मंगेश यादव को यूपी एसटीएफ की टीम ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इस डकैती कांड में पुलिस और यूपी एसटीएफ में कार्रवाई में अब तक दो बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया है जबकि कई बदमाशों की गिरफ्तारी करते हुए कार्रवाई जारी हैं। बता दें कि 23 सितंबर 2024 को सुल्तानपुर की भारत ज्वैलर्स की दुकान में डकैती हुई थी।
बिहार के कारीगर यूपी के बांदा में बना रहे थे रिवाल्वर पिस्टल, चार गिरफ्तार

लखनऊ। यूपी के जनपद बांदा में बिहार के कारीगर पिस्टल और रिवाल्वर बना रहे थे। कच्चा माल भी बिहार से मंगाया जाता था। जानकारी मिलने पर यूपी एसटीएफ की लखनऊ टीम ने बांदा और अतर्रा में छापा मार कर अंतरराज्यीय असलहा बनाने की फैक्ट्री बरामद कर भारी मात्रा में बने अधबने रिवाल्वर व पिस्टल बरामद किए। बिहार के दो कारीगरों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह में हमीरपुर और रायबरेली के दो लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं।

बांदा में संचालित हो रही थी पिस्टल बनाने की फैक्ट्री

एसटीएफ लखनऊ को सूचना मिली थी कि बांदा में बड़े पैमाने पर रिवाल्वर व पिस्टल बनाने की फैक्ट्री संचालित है। जिसमें बनाए गए रिवाल्वर व पिस्टल प्रदेश की राजधानी समेत अन्य जनपदों में बेचे जा रहे हैं। यह जानकारी मिलते ही एसटीएफ की एक टीम इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी के नेतृत्व में गठित की गई। जिसमें उप निरीक्षक विनोद कुमार सिंह, कांस्टेबल कौशलेंद्र प्रताप सिंह व आरक्षी रवि वर्मा को शामिल किया गया। टीम के उप निरीक्षक विनोद कुमार सिंह को एक दिन पहले बंदा भेज दिया गया। जिसने मुखबिर से संपर्क स्थापित कर लिया।

एसटीएफ को देखकर दोनों के हाथ पांव फूल गए

शनिवार को इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी बांदा पहुंचे। सिविल लाइन पुलिस चौकी के दरोगा को भी कार्रवाई में शामिल किया गया।टीम ने सबसे पहले शहर के गुलाब नगर स्थित ज्ञान सिंह के मकान में छापा मारा। जहां शुभम सिंह पुत्र चंद्रबली निवासी अतर्रा बांदा और अनुज सिंह निवासी स्वराज कॉलोनी गली नंबर दो,मिले। एसटीएफ को देखकर दोनों के हाथ पांव फूल गए। फिर कभी गलती न करने की दुहाई देते हुए माफ करने की बात करने लगे।

बिहार के दो कारीगर असलहा बनाते हुए पाए गए

टीम ने जब इस दो मंजिला मकान में और खोजबीन की तो वहां बिहार के दो कारीगर असलहा बनाते हुए पाए गए। इनमें प्रदीप शर्मा पुत्र बृजभान और संजीव पोद्दार पुत्र सत्यनारायण पोद्दार निवासी मरूस्ररपुर कासिम बाजार मुंगेर बिहार शामिल थे। मौके पर दो देशी पिस्टल, एक देसी रिवाल्वर, 5 अर्ध निर्मित पिस्टल, दो पिस्टल बॉडी, बॉडी कटिंग मशीन सहित अन्य उपकरण बरामद हुए। इनकी निशान देही पर अतर्रा में एल आई सी कार्यालय के पास एक मकान में छापा मार कर दो मशीने बरामद की गई। जो बॉडी बनाने के काम आती हैं। बरामद हुई मशीन इतनी भारी थी कि इन्हें क्रेन के जरिए बाहर निकाल कर लोडर के जरिए थाने भेजा गया।

बिहार से लाते थे कच्चा माल

पकड़े गए शिवम सिंह व अनुज ने बताया कि वह लोग बिहार से कच्चा माल लाते थे। अतर्रा में मशीनों के जरिए असलहे की बॉडी तैयार की जाती थी। इसके बाद बांदा में रिवाल्वर व पिस्टल तैयार किए जाते थे। अतर्रा में बरामद हुई मशीन बिहार का रहने वाला सद्दाम चलाता है जो मौके पर नहीं मिला। बिहार के पकड़े गए कारीगरों ने बताया कि उन्हें एक पिस्टल का मेहताना 5000 रुपए मिलता था। इसी लालच में आकर वह यहां आकर यहां काम करते हैं।एसटीएफ के इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में सात अभियुक्तों के नाम शामिल हैं। इनमें से चार की गिरफ्तारी हो चुकी है, तीन लोग फरार हैं। इनमें रायबरेली हमीरपुर और एक बिहार का रहने वाला व्यक्ति शामिल है।

साढ़े सात वर्षों में एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराए 49 अपराधी, 559 से अधिक हत्या, अपहरण व लूट की घटनाओं को घटित होने से पहले ही रोका

लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रदेश में सात हजार से अधिक कुख्यात और इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया है। 49 कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया। बड़ी मात्रा में अवैध हथियार, नशीला पदार्थ, प्रतिबंधित जानवरों की खाल व हड्डियां भी बरामद की हैं। इसके अलावा, एसटीएफ ने अपनी सूझबूझ से 559 से अधिक अपराधिक घटनाओं को घटित होने से पहले ही रोककर अपराधियों की योजना को नाकाम कर दिया।

मारे गए अपराधियों पर दस हजार से लेकर पांच लाख तक का था इनाम

अपर पुलिस महानिदेशक एसटीएफ अमिताभ यश ने रविवार को बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप, प्रदेश में अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए एसटीएफ की ओर से लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में, एसटीएफ ने पिछले साढ़े सात वर्षों में कुल 7,015 कुख्यात और इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 49 अपराधी मारे गये। इन सभी पर 10 हजार से लेकर पांच लाख रुपये तक का इनाम घोषित था।

559 से अधिक अपराधिक घटनाओं को घटित होने से पहले रोका

उन्होंने बताया कि जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सजगता और सतर्कता के फलस्वरूप 559 से अधिक अपराधिक घटनाओं को घटित होने से पहले रोका गया। इसमें जनप्रतिनिधि, प्रतिष्ठित व्यक्ति, आम नागरिकों के अपहरण, लूट, हत्या जैसे अपराध की घटनाएं शामिल हैं। इसके साथ ही 3970 संगठित अपराधियों को गिरफ्तार किया है।उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े सात वर्षों में परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक जैसी धांधली को रोकने एवं जड़ से खत्म करने के लिए 193 गिरोहों के 926 सरगना और साल्वरों के खिलाफ कार्रवाई की।

379 साइबर अपराधियों को भी दबोचा

वहीं, साइबर अपराधों में लिप्त 379 साइबर अपराधियों को भी दबोचा गया। इसके अलावा, अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर 189 अपराधियों की गिरफ्तारी कर उनके कब्जे से 2080 अवैध शस्त्र और 8229 अवैध कारतूस बरामद किये गये। एसटीएफ ने अवैध शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों से शराब की तस्करी करने वाले 523 शराब तस्करों को गिरफ्तार कर उनसे 80579 पेटी शराब, 330866 लीटर रेक्टिफाइड स्प्रिंट और 7560 लीटर तैयार देशी शराब बरामद की गयी है।

अवैध व्यवसाय में लिप्त 1082 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया

एसटीएफ की इस कार्रवाई से युवाओं में योगी सरकार की साख बढ़ी है।एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने बताया कि मादक पदार्थों के अवैध व्यवसाय में लिप्त 1082 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 91147.48 किलो गांजा, 2054.651 किलो चरस, 19727.1 किलो डोडा/पोस्ता, 7.06 किलो मॉरफीन, 723.758 किलो स्मैक, 21.521 किलो हेरोइन, 181.012 किलो अफीम, 6.1 किलो ब्राउन शुगर, 6.938 किलो मैथाड्रोन और 280899 अदद प्रतिबंधित नशीली दवाएं बरामद की गयी।इस दौरान मादक पदार्थों के परिवहन में प्रयुक्त वाहनों की भी बरामदगी करते हुए उचित कार्रवाई की गई।

एसटीएफ ने कुल 2670 सराहनीय कार्य किये

वहीं, प्रतिबन्धित वन्य जीवों का शिकार कर उनकी तस्करी करने वाले विभिन्न गिरोह के 170 अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 341 किलो कछुआ कैलीपी, दो पैगोलिन, एक बाघ की खाल, 18 किग्रा बाघ की हड्डी, दो हाथी दांत, 8011 कछुए, 4922 प्रतिबंधित पक्षी, एक लकड़बग्धे का कंकाल, 20 ग्रे लंगूर, एक तेंदुए की खाल, 4.12 किलो अम्बरगेरिस, 1 पैंगोलीन स्कलप, 4 जंगली शूकर के दाँत, 563.1 किग्रा लाल चन्दन की लकड़ी, 44 हाथी दांत से बनी वस्तुएं, 25 तेंदुए के दांत, 24 नाखून, 110 सियार सिंगी, 140 इंद्रजाल के पेड़, एक बाघ का ढांचा, एक अजगर और एक स्नेक बरामद किया गया। वहीं, इनके लिए प्रयुक्त किये जाने वाले वाहन, नगद धनराशि आदि की भी बरामदगी की गयी। इस दौरान एसटीएफ ने कुल 2670 सराहनीय कार्य किये।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत के खिलाफ केस दर्ज
लखनऊ।समाजवादी पार्टी के फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के खिलाफ कथित अपहरण, धमकी देने और मारपीट के मामले में थाना कोतवाली नगर में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुलिस के अनुसार शनिवार को रवि तिवारी नामक व्यक्ति ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।

रविवार को पुलिस ने बताया कि यह घटना कथित तौर पर शनिवार दोपहर फैजाबाद शहर में स्टेट बैंक मुख्य शाखा चौराहे के पास एक जमीन खरीद में कमीशन को लेकर विवाद के बाद हुई। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि अजीत प्रसाद और पांच-छह लोगों ने मारपीट की, धमकी दी और तिवारी का अपहरण करने की भी कोशिश की। शिकायतकर्ता अयोध्या के पूराकलंदर थाना क्षेत्र के पलिया रिसाली गांव का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
कांग्रेस-इनेलो को वोट बैंक की चिंता, हिंदुओं की नहीं : योगी
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को हरियाणा के चुनावी दौरे पर पहुंचे। उन्होंने नरवाना, राई और असंध विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा की। योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों के बलबूते हरियाणा में तीसरी बार कमल खिलाने का आह्वान किया। कांग्रेस-इनेलो, बसपा व आम आदमी पार्टी उनके निशाने पर रही। कांग्रेस पर तंज कसते हुए सीएम योगी ने असंध में कहा कि कांग्रेस का ढांचा वैसे ही जर्जर हो चुका है, जैसे अयोध्या में बाबरी ढांचा। इसे ऑक्सीजन दोगे तो यह सुरक्षा में सेंध लगाएगी। सीएम कांग्रेस, इनेलो,  आप और बसपा पर हमलावर रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली जनसभा नरवाना से  भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कृष्ण कुमार बेदी के पक्ष में हुई।

सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में पांच सौ वर्ष का इंतजार समाप्त हुआ और रामलला विराजमान हो चुके हैं। 1947 में आजादी के बाद पं. जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री बने थे। वे भी राम मंदिर बना सकते थे। उस समय विवाद भी इतना नहीं था। आजादी के तत्काल बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया तो इसके जिम्मेदार सेक्युलरिज्म का लबादा जोड़ने वाले दल हैं। प्रभु राम के नाम से कांग्रेस व इनेलो को परेशानी होती थी। इनका प्रयास भारत की आस्था व महापुरुष का अपमान करना था। भाजपा ने विवाद समाप्त कराए और राम मंदिर का निर्माण कराया। सीएम योगी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू मंदिर तोड़े जा रहे हैं। हिंदू मारे-काटे जा रहे हैं। हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। इनके मुख से एक भी शब्द नहीं निकल रहा है। बांग्लादेश में जिन हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है,  उनमें 90 फीसदी से अधिक दलित हैं। कांग्रेस को वोट बैंक की चिंता है, हिंदुओं की नहीं।

चुनाव में कांग्रेस,  इनेलो व निर्दलीय जाति के नाम पर आएंगे, लेकिन यह बिना पेंदी के लोटे हैं। इनका अपना कोई अस्तित्व-वजूद व विकास की विजन नहीं है। इनकी नीयत और राष्ट्र के प्रति नीति भी अच्छी नहीं है। भाजपा ने जो कहा, वह करके दिखाया। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर किया। कांग्रेस व इनेलो परिवारवाद में मस्त हैं। यह कभी प्रभु श्रीराम-श्रीकृष्ण तो कभी आंबेडकर का अपमान करते हैं। सत्ता मिलने पर अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार, सुरक्षा में सेंध व दंगा कराते हैं। यही कारण है कि सबसे लंबे समय तक शासन करने के बावजूद कांग्रेस महर्षि वाल्मीकि, संत रविदास,  बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के नाम पर नहीं, बल्कि अपने पूर्वजों के नाम पर विकास योजनाओं का नामकरण करती थी।

बच्चा पैदा बाद में होता था,  पहले उनके नाम पर एयरपोर्ट व स्टेडियम का नाम रख दिया जाता था। इनेलो का हरियाणा के बाहर कोई अस्तित्व नहीं है। इन्हें वोट देना बेकार है। सीएम ने कहा कि कांग्रेस व इनेलो को सत्ता मिली थी तो लूट धड़ल्ले से होती थी। यह लोग हिंदू मंदिरों से पैसा ले लेते थे। कोरोना में कांग्रेस व इनेलो के नेता गायब थे, लेकिन भाजपा का कार्यकर्ता 'सेवा ही संगठन' के नारे संग सरकार के साथ मिलकर जनता की सेवा के लिए तत्पर था। सीएम योगी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि के नाम पर अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना, मां शबरी के नाम पर रसोई घर बने तो बाबा साहेब आंबेडकर के पंच तीर्थों का निर्माण किया गया।
जहां- जहां उपचुनाव, वहां -वहां बह रही विकास की गंगा,योगी सरकार उपचुनाव वाले जिलों पर है मेहरबान



लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, इसे 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है। उपचुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने अभी नहीं किया है, लेकिन इसके पहले ही राजनीतिक दल इन सीटों पर रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे अधिक पसीना बहा रहे हैं क्योंकि उपचुनाव जिताने की कमान सीएम योगी ने अपने हाथ में ले रखी है। सीएम इन सभी सीटों का दौरा कर चुके हैं। सीएम अब तक पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर चुके हैं। 2024 के  लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस के गठबंधन ने भाजपा को तगड़ा झटका दिया। सपा-कांग्रेस गठबंधन ने यूपी की 80 में से 43 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमा लिया। सपा ने 37 और कांग्रेस ने छह सीटों पर कब्जा जमाया है।

भाजपा इससे परेशान है।भाजपा यूपी में अपना खोया हुआ जनाधार वापस लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। भाजपा रोज नए कार्यक्रम बना रही है। साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है।इसके लिए भाजपा और इंडिया गठबंधन तगड़ी तैयारी में जुटे हैं। खास बात यह है कि इन उपचुनाव को बसपा त्रिकोणीय बना रही है जो यूपी में अपनी सरकार जाने के बाद पहली बार उपचुनाव लड़ रही है। बसपा अपने खिसकते जनाधार से परेशान है और अपना जनाधार बढाने की जुगत भिड़ा रही है। उपचुनाव में भी भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती सपा और कांग्रेस का गठबंधन ही होगा। दरअसल सपा मुखिया अखिलेश यादव का पीडीए फार्मूला काफी कारगर साबित होता जा रहा है।

अखिलेश यादव इन समुदायों के मुद्दों को लेकर लगातार योगी सरकार पर हमलावर हैं। हाल में बदमाश मंगेश यादव की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत पर जिस तरह से अखिलेश यादव मुखर हुए और बुलडोजर को लेकर उनकी सीएम योगी से जुबानी जंग हुई, वह इसी पीडीए को और मजबूत बनाने की कोशिश थी। सीएम राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के सहारे अखिलेश यादव पर हमले कर रहे हैं। सीएम सपा को गुंडों की पार्टी बताने में लगे हुए हैं। भाजपा यह उपचुनाव राष्ट्रवाद, रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ने वाली है। सीएम ने इन 10 विधानसभा सीटों के लिए 30 मंत्रियों की टीम बनाई है। सीएम इस टीम से हर हफ्ते फीडबैक लेते हैं। सीएम ने उपचुनाव वाले जिन जिलों का दौरा किया है उनमें उन्होंने पांच हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है।

युवाओं को आकर्षित करने के लिए सीएम लगातार नियुक्ति प्रमाण पत्र बांट रहे हैं। 10 में से आठ क्षेत्रों में अब तक 22 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति प्रमाण पत्र मिल चुका है। इसके अलावा छात्रों को टैबलेट और स्मार्टफोन भी दिए जा रहे हैं। यह पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को लुभाने की कोशिश मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, इसमें अयोध्या जिले की मिल्कीपुर,अंबेडकरनगर की कटेहरी, कानपुर नगर की सीसामऊ,मैनपुरी की करहल,अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और भदोही जिले की मझवां विधानसभा सीट शामिल है। इनमें से नौ सीटों पर चुनाव विधायकों के सांसद चुने जाने और एक सीट सीसामऊ में सपा विधायक को सजा सुनाए जाने से उपचुनाव कराया जाएगा।
लखनऊ में युवक ने खुद को गोली मारकर की खुदकुशी

लखनऊ। राजधानी के गोमतीनगर विस्तार के गीतापुरी इलाके में एक युवक ने गुरुवार की रात को तमंचे से खुद को गोली मार ली। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार की सुबह सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। साथ ही पूरे मामले की जांच करने में जुट गई है। उधर युवक की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है।

मूलरूप से लखीमपुर का रहने वाला था युवक, यहां करता था जॉब

मूलरूप से लखीमपुर का रहने वाला राघवेन्द्र (28) अपने परिवार को लेकर लखनऊ के गीतापुरी इलाके में किराये के मकान में रहता था। उसकी मां ने बताया कि बेटा यहां पर एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। नशे की लत ने उसे ऐसा बिगाड़ा कि सारे पैसे वह नशे में उड़ा देता था। नशा न मिलने पर वह बैचेन हो जाता था। गुरुवार की रात को वह मसाला लेने की बात कहकर कमरे से निकला और बरामदा में पहुंचकर उसने खुद को गोली मार ली। परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। घटनास्थल का निरीक्षण किया।

मां के सामने सीने से सटाकर खुद को मार ली गोली

थाना प्रभारी सुधीर अवस्थी का कहना है कि प्रारंभिक जांच में नशे के कारण युवक ने अवैध तमंचे से गोली मारकर खुदकुशी की है। उसके पास तमंचा कैसे आया, इसकी जांच की जा रही है। हालांकि इस पूरे मामले में बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार रात करीब 12 बजे नशे की गोलियां खत्म हो गई थीं। इससे वह आपे में नहीं रहे और घर में रखे तमंचा लेकर निकलने लगे। परिजनों के काफी रोकने पर वह मान गए। मगर कुछ देर बाद उन्होंने मां के सामने तमंचा सीने से सटाकर खुद को गोली मार ली। घटना से हड़कंप मच गया।

यूपी उपचुनाव में भाजपा की कमान संघ थामेगा!,2027 के विजन के साथ गाँव गाँव, घर -घर जाएंगे कार्यकर्त्ता

लखनऊ। उप्र की दस विधानसभा सीटों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आरएसएस का सक्रिय साथ मिलेगा, यह लगभग तय है। पिछले दिनों संघ के राष्ट्रीय सम्पर्क प्रमुख सुनील आंबेकर ने तीन दिनों तक राजधानी में डेरा डाले रखा और उप्र में जातीय जनगणना, आरक्षण सामाजिक समरसता जैसे मुद्दों पर जमकर मंथन किया। संघ के सर कार्यवाह अरुण कुमार भी लखनऊ में भाजपा के कार्यकर्त्ताओं और प्रमुख नेताओं से मिलकर सलाह मशविरा कर चुके हैं।

उप्र की दस विधानसभा सीटों को अब भाजपा आलाकमान बिल्कुल भी हल्के में लेने की भूल नहीं कर रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल के साथ दसों सीटों पर भाजपा को सफलता दिलवाने की कमान अपने हाथ में थाम चुके हैं लेकिन जातीय जनगणना, आरक्षण जैसे मुद्दों पर लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के दलों समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को जैसी सफलता मिली उसने इन दोनों दलों को 2027 के लिए आत्मविश्वास दे दिया है। जबकि उप्र सरकार में एक समय न तो मंत्रिमंडल के अहम सदस्यों में आपसी एकता दिखाई दी और न एनडीए के सहयोगी दलों के साथ सामंजस्य। ओमप्रकाश राजभर से लेकर जयंत सिंह और अनुप्रिया पटेल से लेकर डॉ संजय निषाद तक प्रदेश सरकार में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते दिखे।

ओमप्रकाश राजभर और डॉ निषाद ने लोकसभा चुनाव में अपने फीके प्रदर्शन के लिए साफ़ साफ़ भाजपा को ही दोषी ठहराया दिया तो योगी आदित्यनाथ के कुछ निर्णयों को लेकर अनुप्रिया पटेल और जयंत चौधरी भी खुलकर सरकार के साथ विरोध जताते दिखे। भाजपा जानती है और संघ भी कि इन हालातों में विधानसभा उपचुनाव की डगर कठिन है और अगर भाजपा ने इन चुनाव में गच्चा खाया तो 2027 के लिए विपक्ष को संजीवनी देने जैसी बात हो जायेगी। ये उपचुनाव जीतना केवल उप्र सरकार ही नहीं, केन्द्र सरकार के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसीलिए अब संघ ने योगी आदित्यनाथ का भार हलका करने का निर्णय लिया है।

संघ ने दूरदराज के अंचलों से लेकर शहरी क्षेत्र तक में राष्ट्रवाद के मुद्दे को प्रचारित करने की ठानी है जो जातीय जनगणना और आरक्षण के विपक्ष के मुद्दों की धार को भौथरी करेगा। तय ये हुआ है कि अब सरकार और भाजपा संघ के बनाए रास्ते पर चलेंगे इसके लिए संघ के प्रचार विभाग को दौड़ाया जाना है जिसके सुनील आंबेकर राष्ट्रीय प्रमुख हैं। संघ के ये प्रचारक न केवल शहरी और देहाती क्षेत्र में दलित और पिछड़ों की बस्तियों में जाकर भाजपा की नीतियों को समझायेंगे बल्कि समरसता भोज जैसे आयोजन करेंगे। वे दलितों और पिछड़ों को यह भी समझायेंगे कि भाजपा उनके अधिकारों में कोई कटौती नहीं करने जा रही और न संविधान से कोई छेड़छाड़ करने जा रहीं जैसा लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने एकजुट होकर प्रचारित किया।

यही नहीं, संघ लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर भाजपा की कमजोरी को दूर करने का भी प्रयास करेगा और सरकार की नीतियों के साथ साथ विपक्ष को कठघरे में खड़े करने का काम भी करेगा। संघ और भाजपा को विश्वास है कि अगर समन्वित तरीके से काम हो तो जनजन में भाजपा की नीतियों के प्रति फिर विश्वास जगाया जा सकता है जो उपचुनावों में तो भाजपा के काम आएगा। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी संगठन और सत्ता को बेहतरीन विजन देगा।
बिहार की घटना के दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बिहार के नवादा जिले में दलितों के घरों को जलाने की घटना की कड़ी निंदा की है। साथ ही उन्होंने बिहार सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और पीड़ितों को पुनः बसाने की व्यवस्था किए जाने की भी मांग की है। मायावती ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट में यह बात कही।

नवादा जिले में बुधवार शाम को भूमि विवाद को लेकर दबंगों ने करीब 80 घरों में आग लगा दी। आगजनी के दौरान हवाई फायरिंग भी गई। मायावती के साथ-साथ विपक्ष के तमाम नेताओं ने इस घटना की निंदा की है।
आरक्षण अभी तक क्यों जिंदा है :सूरज प्रसाद चौबे प्रदेश महासचिव सवर्ण आर्मी
लखनऊ। 19 सितंबर 1990 मे बी पी सिंह ने ओबीसी आरक्षण लाया उस समय बड़ी तादात मे आरक्षण का विरोध करने सड़क पर उतर आये,बिरोध मे राजीव गोस्वामी जो देश बंधु कॉलेज मे पढ़ते थे,गलत नीतियों के बिरोध मे आत्मदाह करना पड़ा,इस बलिदान को हम नहीं भूल सकते आरक्षण अभी तक जिंदा क्यो है ।क्यो की हमने समाज के लिए लड़ने वालो को महत्व नहीं दिया,यह लड़ाई सिर्फ सर्वेश पांडेय की नहीं है,यह लड़ाई हर उस सवर्ण की है जो अपने सपने को देश मे बुनने आया,यह लड़ाई योग्य अयोग्य की है यह लड़ाई प्रतिभा की है ।

यह लड़ाई सवर्ण के अस्मिता की है यदि आप चुप बैठे तो आप यकीन मानिये आप की लड़ाई लड़ने वाला कोई नहीं बचेगा यकीन मानिये आप के प्रतिभा का गला  इसी तरह काटा जायेगा , यह बाते सवर्ण आर्मी प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने सवर्ण समाज के लोगो के बिच कही ,आगे कहा की आरक्षण का वर्गीकरण होना चाहिए ,भीम आर्मी के गुर्गे आये दिन ब्राह्मण को टारगेट कर रहे है अपशब्द भाषा मारपीट कर के मारते भी है एससी एस टी एक्ट का मुक़दमा भी लिखावा रहे है हम सभी को अब मुक दर्शक नहीं रहना है संगठित हो कर विरोध करना होगा।सवर्ण आर्मी सवर्ण समाज के मान सम्मान केहोगे,,जहा भी इनके साथ अन्याय होगा हम मजबूती के साथ खड़े होगे।

आरक्षण का वर्गीकरण न हि सभी राजनितिक दल चाहती है क्यो की ये नहीं चाहते है की दलित जो 70 सालो से गरीब है आरक्षण का नाम तक नहीं जानते उसको लाभ मिले, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण को पीड़ा है की EWS आरक्षण क्यो मिला उसको हटाने की बात करते है फिर भी सवर्ण समाज के नेता जो दलो मे है मुह में दही जमाए है,दुख तब होता है जब शासन सत्ता में बैठे सवर्ण सवर्ण की अनदेखी कर रहे है वही समाज के बिच जब आये उनकी भी अनदेखी किया जायेगा आज समय की मांग है की जो समाज के लिए संघर्ष कर रहा है उसका साथ दे अस्तित्व बचाने के लिए एक जुट हो नहीं तो सवर्ण समाज इतिहास के फटे पन्नों मे भी नहीं मिलेगा।