ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने भारतीय मुसलमानो को लेकर ऐसा क्या कहा? भारत ने दिया करार जवाब

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ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने भारतीय मुसलमानों को लेकर चिंता जताई है।अयातुल्लाह अली खामेनेई को भारतीय मुसलमान पीड़ित नजर आ रहा है।उन्होंने भारत पर मुस्लिम उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उसे म्यांमार और गाजा के साथ तुलना की। हालांकि, भारत की तरफ से करार जवाब मिला है।भारत ने ईरान को जवाब देते हुए कहा कि वो पहले अपना रिकॉर्ड देखें।

दरअसल, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने सोमवार को भारत पर अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया।इसके साथ ही ईरान के सुप्रीम लीडर ने दुनियाभर के मुसलमानों से एकजुट होने का आह्वान भी किया।खामेनेई ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "इस्लाम के दुश्मनों ने हमेशा हमें इस्लामी उम्माह के रूप में हमारी साझा पहचान के प्रति उदासीन बनाने की कोशिश की है। अगर हम #म्यांमार, #गाजा, #भारत या किसी अन्य स्थान पर एक मुसलमान को होने वाली पीड़ा से अनजान हैं, तो हम खुद को मुसलमान नहीं मान सकते।"

भारत सरकार ने देश में अल्पसंख्यकों के संबंध में ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु अली ख़ामेनेई की तरफ से की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा की और बयान को “गलत जानकारी वाला और अस्वीकार्य” बताया। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने ख़ामेनेई के बयान को सिरे से खारिज किया और कहा कि भारत को लेकर उनकी समझ कम है। एमईए ने कहा, “हम ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के संबंध में की गई टिप्पणियों की कड़ी आलोचना करते हैं। ये बिल्कुल गलत जानकारी है और कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है।”

मंत्रालय ने उन देशों से भी आग्रह किया जो अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार के बारे में टिप्पणी करते हैं और उनसे कहा कि दूसरों की आलोचना करने से पहले अपने रिकॉर्ड के बारे में विचार करना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा, “अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह दी जाती है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देख लें।”

यह पहली बार नहीं है कि ईरान के सुप्रीम लीडर ने भारत में मुसलमानों को लेकर ऐसा बयान दिया। खामेनेई 2020 के दिल्ली दंगों पर भी बयान दे चुके हैं। उन्होंने दंगों को मुसलमानों का नरसंहार बताया था। उन्होंने दिल्ली दंगे पर ट्वीट किया था कि दुनिया भर के मुसलमान भारत में मुसलमानों के नरसंहार पर दुखी हैं। भारत सरकार को चरमपंथी हिंदुओं और उनकी पार्टियों का मुकाबला करना चाहिए और इस्लाम की दुनिया से भारत के अलगाव को रोकने के लिए मुसलमानों के नरसंहार को रोकना चाहिए। इसके बाद उन्होंने हैशटैग IndianMuslimslnDanger का इस्तेमाल किया था। 

ऐसी ही 2019 में J-K में अनुच्छेद 370 हटने पर खामेनेई ने चिंता जताई थी। तब उन्होंने कहा था कि हम कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। हमारे भारत के साथ अच्छे संबंध हैं, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार कश्मीर के लोगों के प्रति उचित नीति अपनाएगी और इस क्षेत्र में मुसलमानों के उत्पीड़न को रोकेगी।

पीएम नरेंद्र मोदी आज मना रहे अपना 74वां जन्मदिन, शाह और योगी समेत इन नेताओं ने दी बधाई

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। वे 74 साल के हो गए हैं। पीएम मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। उनके जन्मदिन के मौके पर भाजपा समेत राजनीतिक दलों के नेताओं और अन्य जानीमानी हस्तियों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को बधाई दी और उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।

राष्ट्रपति ने दी शुभकामनाएं

राष्ट्रपति मुर्मू की ओर से माइक्रो ब्लॉगिंग साइट 'एक्स' पर लिखा गया, 'प्रधानमंत्री को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बल पर असाधारण नेतृत्व प्रदान किया है तथा देश की समृद्धि और प्रतिष्ठा में वृद्धि की है। मेरी कामना है कि आपके द्वारा राष्ट्र प्रथम की भावना से किए जा रहे अभिनव प्रयासों से भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त हो। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि आप दीर्घायु हों तथा सदैव स्वस्थ और सानंद रहें।'

अमित शाह ने दी बधाई

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, "मोदी जी ने अपने दशकों लंबे सार्वजानिक जीवन में राष्ट्र के लिए त्याग व समर्पण के नए मानदंड स्थापित किये हैं। देश में लंबे समय के बाद राष्ट्रप्रथम के विचार को पुनर्स्थापित करने का काम मोदी जी ने किया। संगठन से लेकर सरकार के सर्वोच्च शिखर तक की उनकी यात्रा में जनकल्याण व समाज के हर आयु-वर्ग की चिंता सर्वोपरि रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के जरूरतमंदों को न सिर्फ सशक्त बनाया, बल्कि 'विकसित भारत' के निर्माण के संकल्प से पूरे देश को जोड़ने का काम किया। ऐसे दूरदर्शी राजनेता के मार्गदर्शन में देशहित के कार्यों में सहभागी बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।"

सीएम योगी आदित्यनाथ ने को दी शुभकामनाएं

वहीं उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पीएम मोदी को बधाई देते हुए लिखा, "नवनिर्माण के शिल्पकार बीते एक दशक में विश्व पटल पर ग्लोबल लीडर बनकर उभरे भारत के शिल्पी आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं। युद्धग्रस्त राष्ट्र भी समाधानकारी हस्तक्षेप पर जिन पर भरोसा करते हैं, वह मोदी ही हैं। रूस और यूक्रेन के मध्य तनावपूर्ण हालात हो या पश्चिम एशिया का संकट, हर वैश्विक तनाव के समाधान हेतु प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत केंद्र में है। 'मोदी है तो मुमकिन है' के भाव को आज न केवल देश मानता है, बल्कि महाशक्ति देशों को भी 'मोदी की गारंटी' पर विश्वास है।

खरगे समेत इन विपक्षी नेताओं ने दी शुभकामनाएं

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को शुभकामनाएं दीं और उनकी दीर्घायु की कामना की। खरगे ने ‘एक्स’ पर लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं। उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की कामना है।' समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने पोस्ट किया, 'प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।' वहीं, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'माननीय प्रधानमंत्री को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आपके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।'

आज इस्तीफा देंगे केजरीवाल, किसे मिलेगी दिल्ली सीएम की कुर्सी?

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देश की राजधानी दिल्ली में राजनीति पारा हाई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के लेकर राजनीति सरगर्मी आज दिन भर बनी रहेगी। केजरीवाल आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की थी कि वो दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने शाम 4.30 बजे एलजी वीके सक्सेना से मिलने का वक्त मांगा है। उससे पहले सुबह 11 बजे विधायक दल की बैठक में नया सीएम चुना जाएगा। आप 12 बजे नए सीएम के नाम का ऐलान करेगी। विधायक दल की बैठक के बाद नए सीएम के नाम की घोषणा होगी।

आज सुबह 11 बजे विधायक दल की बैठक होगी। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने सभी विधायकों को बैठक की औपचारिक सूचना भेजी है। पंकज गुप्ता ने सभी विधायकों को बैठक में मौजूद रहने के निर्देश दिए।

सोमवार को हुईं कई बैठकें

इससे पहले सोमवार को कई बैठकें कीं। केजरीवाल ने पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था-राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) के सदस्यों से अपने आधिकारिक आवास पर ‘एक-एक करके’ बैठकें कीं और अगले मुख्यमंत्री को लेकर उनकी राय मांगी। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी की पसंद के बारे में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा सहित वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। 

सीएम की रेस में ये नेता

मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में मंत्री कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज का नाम भी शामिल है। सौरभ भारद्वाज दिल्ली मंत्रिमंडल के एक प्रमुख सदस्य हैं और उनके पास स्वास्थ्य और शहरी विकास सहित कई महत्वपूर्ण विभाग हैं। वह भी इस दौड़ में शामिल हैं। ऐसी भी अटकलें हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आप किसी दलित या मुस्लिम विधायक को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे ला सकती है। दिल्ली में 12 सीट आरक्षित हैं और लगभग आधा दर्जन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अल्पसंख्यक आबादी काफी अधिक है। मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में आतिशी को भी एक प्रबल दावेदार माना जा रहा है। आतिशी के पास दिल्ली सरकार में शिक्षा, वित्त, लोक निर्माण विभाग, राजस्व और सेवाएं समेत अधिकतम संख्या में विभाग हैं। आतिशी को केजरीवाल का करीबी भी माना जाता है।

केजरीवाल ने किया था इस्तीफे का ऐलान

बता दें कि आबकारी नीति मामले में जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि वह 48 घंटे के भीतर इस्तीफा दे देंगे और दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा था कि जब तक लोग उन्हें ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’’ नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। केजरीवाल ने कहा था कि वह कुछ दिनों में आप विधायकों की बैठक करेंगे और पार्टी का कोई नेता मुख्यमंत्री बनेगा।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: इंजीनियर रशीद और जमात ने मिलाया हाथ, क्या हैं इसके सियासी मायने?
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जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले दौर का मतदान 18 सितंबर को होना है। इससे पहले इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तिहाद पार्टी ने प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ गठबंधन कर लिया है। अवामी इत्तिहाद पार्टी और जमात के इस गठबंधन को कश्मीर घाटी में होने वाले चुनाव के लिहाज से बहुत अहम माना जा रहा है।इस नए गठजोड़ से घाटी में चुनाव परिणामों में भारी उलटफेर की संभावना जताई जा रही है।

इंजीनियर रशीद के मुताबिक़ जमात के साथ गठबंधन का मक़सद कश्मीरियों की आवाज़ को बुलंद करना और कश्मीर की समस्या का समाधान ढूंढना है। उन्होंने कहा, "हम जमात के उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे और वो हमारे उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे, जबकि कुछ सीटों पर दोस्ताना मुक़ाबला भी होगा और दोनों के उम्मीदवार मौजूद होगें।"

दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग के मुताबिक एआईपी कुलगाम व पुलवामा जिले में जमात समर्थित उम्मीदवारों का समर्थन करेगी, जबकि जमात पूरे कश्मीर में एआईपी प्रत्याशियों का समर्थन करेगा। उत्तरी कश्मीर के लंगेट तथा दक्षिण कश्मीर के देवसर व जैनापोरा में दोनों पार्टियों के बीच दोस्ताना लड़ाई होगी।

इस नए गठजोड़ से नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन तथा पीडीपी को घाटी में झटका लग सकता है।विश्लेषकों का भी मानना है कि इंजीनियर रशीद की पार्टी और जमात ए इस्लामी का गठबंधन दरअसल कांग्रेस, एनसी और पीडीपी के ख़िलाफ़ एक मोर्चा है, जो इनके वोट बैंक को तोड़ने की एक कोशिश हो सकती है। जमात का दक्षिण कश्मीर तो एआईपी का उत्तर कश्मीर में खासा प्रभाव है। कुलगाम व पुलवामा के कई इलाके जमात के गढ़ रहे हैं।
इस बार के विधानसभा चुनाव में नेकां, कांग्रेस और माकपा के बीच गठबंधन में हैं। गठबंधन के तहत विधानसभा की 90 सीटों में 51 पर नेकां व 32 पर कांग्रेस लड़ रही है। माकपा तथा पैंथर्स भीम के लिए एक-एक सीट छोड़ी गई है। कुछ सीटों पर नेकां-कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार हैं।

बता दें कि जमात पिछले तीन दशक से चुनावों का बहिष्कार करती रही है। जमात-ए-इस्लामी ने आख़िरी बार साल 1987 के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया था। क़रीब 37 साल बाद यह पहला मौक़ा है जब जमात चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है।

वहीं, इंजीनियर राशिद हालिया लोकसभा चुनाव में उत्तरी कश्मीर में दो दिग्गज (पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीपल्स कांफ्रेंस के मुखिया सज्जाद लोन) को हराकर सुर्खियों में बने हुए हैं।
कॉलेज के हॉस्टल में ‘बीफ’ पकाने पर हंगामा, 7 छात्रों को किया गया रेस्टिकेट
#seven_students_expelled_after_cooking_beef_in_hostel

ओडिशा के बहरामपुर के एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल में कथित तौर पर ‘बीफ’ पकाने वाले 7 छात्र निष्कासित कर दिए गए। उनकी शिकायत छात्रों के एक दूसरे समूह ने कॉलेज प्रशासन को दी। मामले में विश्व हिन्दू परिष और बजरंग दल ने भी प्रदर्शन किया। इसके बाद कॉलेज ने यह एक्शन लिया। वहीं, घटना के बाद तनाव बढ़ गया और कॉलेज कैंपस के अंदर पुलिस को तैनात करना पड़ा है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टूडेंट कल्याण के डीन ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन के जरिए से ऐलान किया कि छात्रों को 'प्रतिबंधित गतिविधियों' में शामिल होने की वजह से निष्कासित किया गया है, जो 'हॉल ऑफ रेजिडेंस के कोड ऑफ कंडक्ट' का उल्लंघन है।

मामला ओडिशा के पराला महाराजा इंजीनियरिंग कॉलेज का है। आरोप है कि 11 सितंबर 2024 की रात फाल्गुनी एचओआर रे अपने हॉस्टल के कमरा नंबर बी-23 में सात छात्रों ने बीफ पकाया था। अगले दिन 12 सितंबर की इसकी सूचना कॉलेज अथॉरिटी को दी गई।मामले की जांच हुई तो जानकारी सही पाई गई।

वहीं दूसरी तरफ, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं ने छात्रावास में बीफ पकाने वाले छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। स्थिति के मद्देनजर कॉलेज परिसर और हॉस्टल के पास पुलिस कर्मियों की एक टीम तैनात की गई है। फिलहाल सभी सातों छात्रों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया गया है और उनके पेरेंट्स को मामले की पूरी जानकारी दे दी गई है।
डिफॉल्ट के कगार पर खड़ा मालदीव, राष्ट्रपति मुइज़्जू के भारत दौरे से बनेगी बात?

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पिछले एक साल से भारत और मालदीव के बीच कभी गरमग तो कभी नर्म संबंध बने हुए हैं। 'इंडिया आउट' के नारे के साथ सत्ता में आने वाले मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्जू को चीन के प्रति झुकाव रखने वाला नेता माना जाता है। हालांकि चीन की चालों में आकर भारत की खिलाफत करना मुइज़्जू को महंगा पड़ गया। अब मालदीव बाहरी कर्ज के दबाव और आर्थिक संकट के चलते डिफॉल्ट के कगार पर खड़ा है। इस बीच रिपोर्ट है कि मालदीव को संकट से निकालने के लिए उसका पुराना दोस्त भारत वित्तीय सहायता देने की तैयारी कर रहा है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुद्रा स्वैप कार्यक्रम के तहत तुरंत 40 करोड़ डॉलर मिल सकता है, जबकि 2019 में विस्तारित 80 करोड़ डॉलर की कर्ज सीमा के तहत द्वीपीय देश अतिरिक्त कर्ज की मांग कर सकता है। मालदीव सरकार ने अभी तक औपचारिक रूप में भारत से मदद का अनुरोध नहीं किया है, लेकिन ऐसी उम्मीद है कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हाल ही में होने वाली भारत यात्रा के दौरान इस पर चर्चा हो सकती है।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्जू बहुत जल्द भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे। इसी सप्ताह मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की प्रवक्ता हीना वलीद ने बताया था कि राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जूद जल्द ही भारत की यात्रा पर जाएंगे। उन्होंने बताया था कि अभी यात्रा का कार्यक्रम निर्धारित नहीं हुआ है। दोनों देश इस बारे में बात कर रहे हैं। मुइज्जू की इस यात्रा को भारत के साथ रिश्ते सुधारने की दिशा में माले का प्रयास माना जा रहा है। यात्रा की घोषणा वाले दिन ही पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले दो मालदीव के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। मुइज्जू ने इन मंत्रियों को पहले ही निलंबित कर दिया था।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव को अक्टूबर में 25 मिलियन डॉलर का भुगतान करना है, जो उसके 500 मिलियन डॉलर सुकुक ऋण का हिस्सा है। मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि वह भारत के साथ 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा अदला-बदली के लिए चर्चा कर रहा है, लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय और अन्य संबंधित निकायों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

हाल के सालों में मालदीव के सामने आर्थिक चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के मुताबिक, मार्च 2024 तक देश का लोन उसके सकल घरेलू उत्पाद का 110% हो गया है, जबकि विदेशी मुद्रा भंडार कम हो गया है। 2025 और 2026 में महत्वपूर्ण बाहरी ऋण चुकौती के साथ, रेटिंग एजेंसी मूडीज ने हाल ही में देश की क्रेडिट रेटिंग को और भी कम करके जंक स्टेटस में डाल दिया, जिसमें डिफॉल्ट के बढ़ते जोखिम का हवाला दिया गया।

बार-बार मुइज्जू के भारत विरोधी रवैये के बावजूद, भारत मालदीव का समर्थन करने के लिए तैयार है। दरअसल, मुइज़्ज़ू के सत्ता संभालते ही भारत के साथ मालदीव के राजनयिक संबंधों में तनाव की स्थिति बन गई थी। ये विवाद तब और बड़ा हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल लक्षद्वीप का दौरा किया था। उन्होंने इसकी कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं और भारतीयों से लक्षद्वीप घूमकर आने की बात भी कही।

इस पर सोशल मीडिया पर मालदीव की बजाय लक्षद्वीप जाने की चर्चा ने ज़ोर पकड़ा। पीएम मोदी की तस्वीरों पर मुइज़्ज़ू सरकार में मंत्री मरियम शिउना ने आपत्तिजनक ट्वीट किए थे। उन्होंने पीएम मोदी को इजराइल से जोड़ते हुए निशाने पर लिया था। उस समय दोनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था।

लेकिन मालदीव को इस विवाद की कीमत अपनी अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार यानी टूरिज़म सेक्टर में आई सुस्ती से चुकानी पड़ी थी। मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या घटी। मालदीव पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक़ जनवरी 2024 में करीब 13 हज़ार भारतीय मालदीव घूमने गए लेकिन ये आंकड़ा 2023 के जनवरी महीने में 17 हज़ार से अधिक था। इसके बाद मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को भी चरणबद्ध तरीके से वापस भारत भेजने का फैसला किया। लेकिन इसी साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार अपने पद की शपथ ली तो मोहम्मद मुइज़्ज़ू भी नई दिल्ली पहुंचे। उसके बाद से दोनों देशों के बीच के तनाव नरम पड़ते दिख रहे हैं।

*डिफॉल्ट के कगार पर खड़ा मालदीव, राष्ट्रपति मुइज़्जू के भारत दौरे से बनेगी बात?
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पिछले एक साल से भारत और मालदीव के बीच कभी गरमग तो कभी नर्म संबंध बने हुए हैं। 'इंडिया आउट' के नारे के साथ सत्ता में आने वाले मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्जू को चीन के प्रति झुकाव रखने वाला नेता माना जाता है। हालांकि चीन की चालों में आकर भारत की खिलाफत करना मुइज़्जू को महंगा पड़ गया। अब मालदीव बाहरी कर्ज के दबाव और आर्थिक संकट के चलते डिफॉल्ट के कगार पर खड़ा है। इस बीच रिपोर्ट है कि मालदीव को संकट से निकालने के लिए उसका पुराना दोस्त भारत वित्तीय सहायता देने की तैयारी कर रहा है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुद्रा स्वैप कार्यक्रम के तहत तुरंत 40 करोड़ डॉलर मिल सकता है, जबकि 2019 में विस्तारित 80 करोड़ डॉलर की कर्ज सीमा के तहत द्वीपीय देश अतिरिक्त कर्ज की मांग कर सकता है। मालदीव सरकार ने अभी तक औपचारिक रूप में भारत से मदद का अनुरोध नहीं किया है, लेकिन ऐसी उम्मीद है कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हाल ही में होने वाली भारत यात्रा के दौरान इस पर चर्चा हो सकती है।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्जू बहुत जल्द भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे। इसी सप्ताह मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की प्रवक्ता हीना वलीद ने बताया था कि राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जूद जल्द ही भारत की यात्रा पर जाएंगे। उन्होंने बताया था कि अभी यात्रा का कार्यक्रम निर्धारित नहीं हुआ है। दोनों देश इस बारे में बात कर रहे हैं। मुइज्जू की इस यात्रा को भारत के साथ रिश्ते सुधारने की दिशा में माले का प्रयास माना जा रहा है। यात्रा की घोषणा वाले दिन ही पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले दो मालदीव के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। मुइज्जू ने इन मंत्रियों को पहले ही निलंबित कर दिया था।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव को अक्टूबर में 25 मिलियन डॉलर का भुगतान करना है, जो उसके 500 मिलियन डॉलर सुकुक ऋण का हिस्सा है। मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि वह भारत के साथ 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा अदला-बदली के लिए चर्चा कर रहा है, लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय और अन्य संबंधित निकायों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

हाल के सालों में मालदीव के सामने आर्थिक चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के मुताबिक, मार्च 2024 तक देश का लोन उसके सकल घरेलू उत्पाद का 110% हो गया है, जबकि विदेशी मुद्रा भंडार कम हो गया है। 2025 और 2026 में महत्वपूर्ण बाहरी ऋण चुकौती के साथ, रेटिंग एजेंसी मूडीज ने हाल ही में देश की क्रेडिट रेटिंग को और भी कम करके जंक स्टेटस में डाल दिया, जिसमें डिफॉल्ट के बढ़ते जोखिम का हवाला दिया गया।

बार-बार मुइज्जू के भारत विरोधी रवैये के बावजूद, भारत मालदीव का समर्थन करने के लिए तैयार है। दरअसल, मुइज़्ज़ू के सत्ता संभालते ही भारत के साथ मालदीव के राजनयिक संबंधों में तनाव की स्थिति बन गई थी। ये विवाद तब और बड़ा हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल लक्षद्वीप का दौरा किया था। उन्होंने इसकी कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं और भारतीयों से लक्षद्वीप घूमकर आने की बात भी कही।

इस पर सोशल मीडिया पर मालदीव की बजाय लक्षद्वीप जाने की चर्चा ने ज़ोर पकड़ा। पीएम मोदी की तस्वीरों पर मुइज़्ज़ू सरकार में मंत्री मरियम शिउना ने आपत्तिजनक ट्वीट किए थे। उन्होंने पीएम मोदी को इजराइल से जोड़ते हुए निशाने पर लिया था। उस समय दोनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था।

लेकिन मालदीव को इस विवाद की कीमत अपनी अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार यानी टूरिज़म सेक्टर में आई सुस्ती से चुकानी पड़ी थी। मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या घटी। मालदीव पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक़ जनवरी 2024 में करीब 13 हज़ार भारतीय मालदीव घूमने गए लेकिन ये आंकड़ा 2023 के जनवरी महीने में 17 हज़ार से अधिक था। इसके बाद मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को भी चरणबद्ध तरीके से वापस भारत भेजने का फैसला किया। लेकिन इसी साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार अपने पद की शपथ ली तो मोहम्मद मुइज़्ज़ू भी नई दिल्ली पहुंचे। उसके बाद से दोनों देशों के बीच के तनाव नरम पड़ते दिख रहे हैं।
मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस ने गिनाई विफलताएं, कश्मीर के आतंकी हमलों से रेल हादसों पर घेरा
#congress_press_conference_on_bjp_led_nda_govt_100_days
नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन पूरे हो गए हैं। ऐसे में मोदी सरकार के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रिपोर्ट कार्ड जारी किया है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज नरेंद्र मोदी सरकार के 100 दिन पूरे हुए हैं। ये 100 दिन देश की अर्थव्यवस्था, किसानों, युवाओं, महिलाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे और संस्थाओं पर बहुत भारी पड़े हैं। इन 100 दिनों में साबित हो गया कि नरेंद्र मोदी के पास देश की समस्याओं से निपटने के लिए कोई विजन नहीं है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, पीएम चुनाव प्रसार के दौरान अपनी सरकार के 100 दिन के प्लान का जो जिक्र करते थे, उनके सामने विफलताओं का एक पुलिंदा खड़ा है। साथ ही उन्होंने पूछा कि हमारा सवाल है कि उनका प्लान क्या है? उन्होंने बीजेपी को रिपोर्ट कार्ड थमाते हुए कहा, रेल ध्वस्त है, इंफ्रास्ट्रक्चर ध्वस्त है, महिला सुरक्षित नहीं हैं, बेरोजगारी चरम छू रही है।

*यू-टर्न सरकार बता कसा तंज*
सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी सरकार को यू-टर्न सरकार कहते हुए कहा, विपक्ष और लोगों ने इस सरकार को यू-टर्न लेने पर मजबूर किया। लेटरल एंट्री, वक्फ बोर्ड बिल, ब्रॉडकास्ट बिल, इंडेक्सेशन बेनिफिट, NPS से UPS सब पर यू-टर्न लेना पड़ा। 100 दिन में 38 बड़े रेल हादसे हुए और 21 मौते हुईं। रेल मंत्री बेशर्मी से कहते हैं ये छोटी-छोटी घटनाएं हैं। एक दिन नहीं बीतता जब रेल पटरी से ना उतरी हो। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, बड़े-बड़े पुल गिर गए। देश की संसद में पानी टपक रहा था। अटल सेतु, सुदर्शन सेतु में दरारें आ गईं। सबसे शर्मनाक घटना तब हुई जब छत्रपति शिवाजी की मूर्ति टूटकर गिर गई। आस्था का प्रतीक श्रीराम का मंदिर टूटने लगा।

*जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों का जिक्र*
जम्मू कश्मीर में पीएम बड़ी–बड़ी बातें करते हैं। पिछले 100 दिनों में जम्मू कश्मीर में 26 आतंकी हमले हुए हैं, 21 जवान शहीद हुए हैं, 15 नागरिकों की मौत हुई है। अब कश्मीर से ज्यादा आतंकी हमले जम्मू में हो रहे हैं। एक श्रद्धांजलि का शब्द नरेंद्र मोदी के मुंह से नहीं निकलता है।''

*महिला सुरक्षा पर घेरा*
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस देश की आधी आबादी के साथ जो आपके गुर्गों ने किया वो  क्षमा न देने वाले अपराध हैं। आप वही हैं ना जो देश की बेटियों का यौन शोषण करने वालों के साथ लगातार खड़े रहे। 100 दिनों में 157 पीड़िताएं सामने आई हैं। काशी में जघन्य गैंग रेप का मामला सामने आता है, जो बीजेपी IT सेल के हैं।

*पेपर लीक पर उठाया सवाल*
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि इन 100 दिनों में लगातार पेपर लीक हुआ, परीक्षा रद्द हुई, नीट पेपर लीक हुआ, नीट पीजी का एग्जाम कैंसिल हुआ, UGC NET का पेपर लीक हुआ।

*अर्थव्यवस्था को लेकर दिखाई ‘आंख’*
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एफडीआई गिर रहा है, बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है और महंगाई बढ़ती जा रही है। रुपया आपको 58 पर मिला था, आपने उसे 84 पर पहुंचा दिया। 100 दिन पहले 82 पर था, आपने इतनी कोशिश की, लेकिन 84 पर पहुंचने से रोक नहीं पाए। टोल टैक्स 15 फीसदी बढ़ा, CNG के दाम बढ़े।'

*मणिपुर पर कह दी ये बात*
वहीं, केंद्र सरकार को घेरते हुए श्रीनेत ने कहा, लद्दाख के पूर्व सांसद और कॉउन्सिलर, चरवाहों ने लगातार वहां घुसपैठ के मुद्दे को उठाया, लेकिन आपने कुछ नहीं किया। 16 महीने से इस देश का एक राज्य जल रहा है, लेकिन आपमें ना इतना साहस है ना नीयत है कि आप मणिपुर जाएं। असलियत ये है कि आप लगातार कुर्सी से चिपकने के लिए लालायित हैं।
'वर्दी उतरवा दूंगा..', भाजपा पार्षद ने दी धमकी तो आहत होकर ASI ने खुद फाड़ी खाकी, वीडियो हो रहा वायरल


मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक बीजेपी नेता द्वारा ASI (सहायक उप निरीक्षक) को धमकी देने का मामला सामने आया है, जिसमें नेता ने कहा कि वह उनकी वर्दी उतरवा देंगे। इस धमकी से आहत होकर ASI विनोद मिश्रा ने आपा खो दिया और सभी के सामने अपनी वर्दी फाड़ दी। यह घटना कोतवाली थाना के अंदर टीआई के चेंबर में हुई। घटना का सीसीटीवी फुटेज हाल ही में वायरल हो गया है, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।


मामला आठ महीने पुराना बताया जा रहा है, जो नाली को लेकर चल रहे विवाद से जुड़ा है। विवाद थाने पहुंचा, जहां टीआई के चेंबर में पुलिस, नगर निगम के अफसर और बीजेपी नेता पार्षद पति अर्जुन गुप्ता मौजूद थे। बातचीत के दौरान अर्जुन गुप्ता ने ASI विनोद मिश्रा को वर्दी उतरवाने की धमकी दी, जिससे ASI ने गुस्से में आकर अपनी वर्दी फाड़ दी। इस घटना का वीडियो हाल ही में वायरल होने से राजनीति गरमा गई है। एमपी कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि, "यह सत्ता की हनक है, भाजपा के पार्षद की धमक देखिए, एक वर्दीधारी को अपनी वर्दी फाड़ना पड़ गई। प्रदेश में पुलिसिंग का स्तर जीरो हो गया है, अपराध अनियंत्रित है, अपराधी बेख़ौफ़ और पुलिस कहीं लाचार तो कहीं दबाब में है।"


इस घटना के बाद एसपी निवेदिता गुप्ता ने ASI पर कार्रवाई की थी। हालांकि, वीडियो लीक होने के बाद अब पुलिस विभाग में फिर से हड़कंप मच गया है, और एसपी ने वीडियो और फुटेज लीक होने की जांच के निर्देश दिए हैं।
ममता बनर्जी ने पांचवीं बार डॉक्टर्स को बुलाया, बोलीं- आखिरी मौका, नहीं होगी लाइव स्ट्रीमिंग

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पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए पांचवी बार बुलाया है।प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स को ममता बनर्जी ने सोमवार को बातचीत का आखिरी मौका दिया है। बंगाल सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स को आज शाम 5 बजे मुलाकात के लिए बुलाया है। हालांकि, सरकार ने बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग नहीं मानी है। ऐसे में देखना होगा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स इस मीटिंग में शामिल होने जाते हैं या नहीं?

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को भेजे गए हालिया ईमेल में मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट के 9 सितंबर के निर्देश के अनुसार अपनी ड्यूटी पर लौटना होगा। पत्र में कहा गया है, यह पांचवीं और अंतिम बार है जब हम माननीय मुख्यमंत्री और आपके प्रतिनिधियों के बीच बैठक के लिए आपसे संपर्क कर रहे हैं। पिछले दिन की हमारी चर्चा के अनुसार हम एक बार फिर आपको माननीय मुख्यमंत्री के साथ उनके कालीघाट स्थित आवास पर खुले मन से चर्चा के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि बैठक की वीडियोग्राफी या लाइव-स्ट्रीमिंग नहीं की जा सकती है। वहीं, डॉक्टर्स के मेंबर्स की संख्या 30 नहीं, बल्कि 15 रहेगी।

डॉक्टर्स की ओर से कोई बयान नहीं आया है। ये बातचीत का 5वां बुलावा है। इससे पहले 4 बार मीटिंग तय हो चुकी है। ममता बनर्जी ने पिछले शनिवार को भी डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया था लेकिन बात एक बार फिर लाइव स्ट्रीमिंग पर आकर अटक गई। 14 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता खुद डॉक्टर्स के प्रदर्शन स्थल पर गई थीं और बातचीत के लिए कहा था।

शनिवार को ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से कहा कि वे बारिश के पानी में नहीं भींगे और अंदर आकर बातचीत करें। मुझे पद का लालच नहीं है। मैं आंदोलन को सही मानती हूं। मैं खुद छात्र आंदोलन से निकली हूं। मैंने भी बहुत कुछ सहन किया है। पद नहीं मेरे लिए इंसान होना बड़ी बात है। आज 34 दिन हो गए हैं। तब से मैं भी नहीं सो पाई हूं। आप जब रास्ते पर हैं तो मुजे भी आपकी पहरेदारी करनी पड़ रही है।

कोलकाता रेप केस मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स पिछले एक महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। प्रदर्शन खत्म करने को लेकर सीएम ममता ने इन्हें कई बार बातचीत के लिए बुलाया लेकिन प्रदर्शन खत्म करने को लेकर सहमति नहीं बन पाई।