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Sep 16 2024, 16:18

'वर्दी उतरवा दूंगा..', भाजपा पार्षद ने दी धमकी तो आहत होकर ASI ने खुद फाड़ी खाकी, वीडियो हो रहा वायरल


मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक बीजेपी नेता द्वारा ASI (सहायक उप निरीक्षक) को धमकी देने का मामला सामने आया है, जिसमें नेता ने कहा कि वह उनकी वर्दी उतरवा देंगे। इस धमकी से आहत होकर ASI विनोद मिश्रा ने आपा खो दिया और सभी के सामने अपनी वर्दी फाड़ दी। यह घटना कोतवाली थाना के अंदर टीआई के चेंबर में हुई। घटना का सीसीटीवी फुटेज हाल ही में वायरल हो गया है, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।


मामला आठ महीने पुराना बताया जा रहा है, जो नाली को लेकर चल रहे विवाद से जुड़ा है। विवाद थाने पहुंचा, जहां टीआई के चेंबर में पुलिस, नगर निगम के अफसर और बीजेपी नेता पार्षद पति अर्जुन गुप्ता मौजूद थे। बातचीत के दौरान अर्जुन गुप्ता ने ASI विनोद मिश्रा को वर्दी उतरवाने की धमकी दी, जिससे ASI ने गुस्से में आकर अपनी वर्दी फाड़ दी। इस घटना का वीडियो हाल ही में वायरल होने से राजनीति गरमा गई है। एमपी कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि, "यह सत्ता की हनक है, भाजपा के पार्षद की धमक देखिए, एक वर्दीधारी को अपनी वर्दी फाड़ना पड़ गई। प्रदेश में पुलिसिंग का स्तर जीरो हो गया है, अपराध अनियंत्रित है, अपराधी बेख़ौफ़ और पुलिस कहीं लाचार तो कहीं दबाब में है।"


इस घटना के बाद एसपी निवेदिता गुप्ता ने ASI पर कार्रवाई की थी। हालांकि, वीडियो लीक होने के बाद अब पुलिस विभाग में फिर से हड़कंप मच गया है, और एसपी ने वीडियो और फुटेज लीक होने की जांच के निर्देश दिए हैं।

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Sep 16 2024, 15:47

ममता बनर्जी ने पांचवीं बार डॉक्टर्स को बुलाया, बोलीं- आखिरी मौका, नहीं होगी लाइव स्ट्रीमिंग

#kolkata_rape_murder_case_mamata_banerjee_again_invites_doctors_last_time

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए पांचवी बार बुलाया है।प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स को ममता बनर्जी ने सोमवार को बातचीत का आखिरी मौका दिया है। बंगाल सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स को आज शाम 5 बजे मुलाकात के लिए बुलाया है। हालांकि, सरकार ने बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग नहीं मानी है। ऐसे में देखना होगा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स इस मीटिंग में शामिल होने जाते हैं या नहीं?

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को भेजे गए हालिया ईमेल में मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट के 9 सितंबर के निर्देश के अनुसार अपनी ड्यूटी पर लौटना होगा। पत्र में कहा गया है, यह पांचवीं और अंतिम बार है जब हम माननीय मुख्यमंत्री और आपके प्रतिनिधियों के बीच बैठक के लिए आपसे संपर्क कर रहे हैं। पिछले दिन की हमारी चर्चा के अनुसार हम एक बार फिर आपको माननीय मुख्यमंत्री के साथ उनके कालीघाट स्थित आवास पर खुले मन से चर्चा के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि बैठक की वीडियोग्राफी या लाइव-स्ट्रीमिंग नहीं की जा सकती है। वहीं, डॉक्टर्स के मेंबर्स की संख्या 30 नहीं, बल्कि 15 रहेगी।

डॉक्टर्स की ओर से कोई बयान नहीं आया है। ये बातचीत का 5वां बुलावा है। इससे पहले 4 बार मीटिंग तय हो चुकी है। ममता बनर्जी ने पिछले शनिवार को भी डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया था लेकिन बात एक बार फिर लाइव स्ट्रीमिंग पर आकर अटक गई। 14 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता खुद डॉक्टर्स के प्रदर्शन स्थल पर गई थीं और बातचीत के लिए कहा था।

शनिवार को ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से कहा कि वे बारिश के पानी में नहीं भींगे और अंदर आकर बातचीत करें। मुझे पद का लालच नहीं है। मैं आंदोलन को सही मानती हूं। मैं खुद छात्र आंदोलन से निकली हूं। मैंने भी बहुत कुछ सहन किया है। पद नहीं मेरे लिए इंसान होना बड़ी बात है। आज 34 दिन हो गए हैं। तब से मैं भी नहीं सो पाई हूं। आप जब रास्ते पर हैं तो मुजे भी आपकी पहरेदारी करनी पड़ रही है।

कोलकाता रेप केस मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स पिछले एक महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। प्रदर्शन खत्म करने को लेकर सीएम ममता ने इन्हें कई बार बातचीत के लिए बुलाया लेकिन प्रदर्शन खत्म करने को लेकर सहमति नहीं बन पाई।

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Sep 16 2024, 14:54

यूपी से ले जाते नेपाल और बना देते ईसाई, हिन्दू संगठनों ने पकड़ी दो बस, पढ़िए, पुलिस प्रशासन ने क्या किया एक्शन

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से सटे नेपाल के सीमावर्ती इलाके में ईसाई धर्मांतरण को लेकर बड़ा हंगामा हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल में धर्मांतरण के उद्देश्य से ले जाए जा रहे भारतीय नागरिकों के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। नेपाल के स्थानीय निवासियों ने भी धर्मांतरण करवाने वालों के साथ मारपीट की और उनके मुँह पर कालिख पोत कर उन्हें वापस भारत भेज दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार, 14 सितंबर 2024 को महाराजगंज के ठूठीबारी कस्बे से लगभग 100 लोगों का एक समूह नेपाल के खैरहनी इलाके में धर्मांतरण के लिए रवाना हुआ। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ और बच्चे थे, जो दलित और पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखते थे। इस यात्रा का आयोजन पादरी अमोस ने किया था, जिन्होंने इन्हें खैरहनी स्थित चर्च में धर्मांतरण के लिए बुलाया था। इन लोगों को लाने के लिए नेपाल के महेशपुर बस स्टैंड पर नेपाल नंबर की दो विशेष बसें खड़ी थीं।

धर्मांतरण की जानकारी मिलते ही नेपाल के विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान नेपाल के स्थानीय निवासियों ने भी धर्मांतरण के प्रयास को विफल करने के लिए हस्तक्षेप किया। उन्होंने धर्मांतरण के लिए आए भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार किया, उनके मुँह पर कालिख पोत दी और उन्हें जबरन वापस भारत भेज दिया। स्थानीय लोगों ने पादरी अमोस की भी पिटाई की और नेपाल पुलिस को मौके पर बुलाया। पुलिस ने भारतीयों के नाम-पते नोट किए और उन्हें चेतावनी दी। इसके बाद भारतीयों को सीमा पार वापस भेजा गया, जिससे मामला शांत हुआ।

महाराजगंज पुलिस ने इस घटना पर स्पष्ट किया है कि यह घटना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुई है, बल्कि नेपाल में घटी है। नेपाल पुलिस से इस मुद्दे पर बातचीत की जा रही है, और लोगों से अपील की गई है कि इसे महाराजगंज की घटना कहकर प्रसारित न करें। यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में धर्मांतरण का मामला सामने आया हो। इससे पहले 31 अगस्त 2024 को भी एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया था, जब नेपाल के सीमावर्ती इलाके में केरल के दो पादरी धर्मांतरण करवाने की कोशिश करते पकड़े गए थे। उन्हें यूपी पुलिस के हवाले कर दिया गया था।

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Sep 16 2024, 14:42

एक तरफ केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा की, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर कर दिया यह बड़ा ऐलान, पढ़िए, पूरी खबर

दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां तैयारी में जुट गई हैं। इस बीच तिहाड़ जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर बड़ा ऐलान किया।

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने रविवार को कहा कि कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। इस चुनाव में कांग्रेस किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके द्वारा इस्तीफे की पेशकश करना एक राजनीतिक ड्रामा है। आपको बता दें कि दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था।

उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चार महीने पहले इस्तीफा दे दिया होता तो दिल्ली में जलजमाव के कारण जो 30 से भी अधिक बेगुनाहों की जान गई है, वो शायद नहीं जाती। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि वह दो दिन का इंतजार क्यों कर रहे हैं? यह एक राजनीतिक ड्रामा लग रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उन पर प्रतिबंध लगा रखे हैं। जल्द से जल्द एक नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया जाना चाहिए। दिल्ली की जनता जागरूक है और वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में इसका जवाब जरूर देगी।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सीएम अरविंद केजरीवाल के दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने वाले बयान पर कहा कि यह उनकी इच्छा है। अगर वह जेल में सीएम रह सकते हैं तो बाहर भी सीएम रह सकते हैं। हो सकता है कि कुछ और गंभीर मामले हों, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।

बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे दो दिन के बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि मनीष सिसोदिया भी सीएम नहीं बनेंगे। वे और सिसोदिया जनता के बीच जाएंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव तक पार्टी का कोई दूसरा नेता मुख्यमंत्री बनेगा।

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Sep 16 2024, 14:41

गणपति उत्सव : भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना के साथ विसर्जन की विधि भी अहम, जानिए बप्पा की विदाई का शुभ मुहूर्त और विसर्जन की विधि


हर वर्ष गणपति उत्सव भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है तथा 10 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त गणपति बप्पा को अपने घरों और पंडालों में बड़े श्रद्धा के साथ स्थापित करते हैं। पूरे देश में विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, और तेलंगाना जैसे राज्यों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। भक्त सुबह और शाम को गणपति जी की आरती और पूजा करते हैं और उन्हें उनके पसंदीदा पकवानों का भोग लगाते हैं। इनमें विशेष रूप से मोदक, लड्डू और विभिन्न मिठाइयाँ शामिल होती हैं, जिन्हें गणपति बप्पा अत्यंत प्रिय मानते हैं।

अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन की परंपरा

गणपति उत्सव के दसवें दिन, जिसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है, गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा को धूमधाम से विदा करते हैं। विसर्जन की प्रक्रिया को विशेष विधि-विधान के साथ किया जाता है। बप्पा को ढोल-नगाड़ों के साथ, भक्तजन नाचते-गाते हुए उनके विसर्जन स्थल (जैसे तालाब, नदी, या समुद्र) तक ले जाते हैं। विसर्जन का अर्थ गणपति बप्पा को उनके निवास स्थान कैलाश पर्वत पर भेजना होता है, जहाँ से वे अगले साल फिर से अपने भक्तों के पास आते हैं।

विसर्जन के समय भक्त गणपति जी से अगले वर्ष जल्दी आने की प्रार्थना करते हैं और उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखने की कामना करते हैं। विसर्जन के दौरान विशेषकर महिलाएँ और बच्चे भी शामिल होते हैं और 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' के जयकारे लगाते हैं।

गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त


इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को है। इस दिन गणपति विसर्जन के कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे, जिनमें भक्त गणपति को विदा कर सकते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस दिन के तीन प्रमुख मुहूर्त हैं:
पहला मुहूर्त: सुबह 9:10 बजे से दोपहर 1:47 बजे तक।
दूसरा मुहूर्त: अपराह्न 3:18 बजे से शाम 5:50 बजे तक।
तीसरा मुहूर्त: रात 7:51 बजे से रात 9:19 बजे तक।
इन शुभ मुहूर्तों में भक्तजन अपने गणपति बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं, जिससे उन्हें भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त हो और उनका जीवन सफल और समृद्ध हो।


गणपति विसर्जन की विधि
गणपति विसर्जन की प्रक्रिया भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी उनकी स्थापना। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित विधियों का पालन करना चाहिए।

आसन की तैयारी: सबसे पहले एक लकड़ी का आसन तैयार करें, उस पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और गंगाजल का छिड़काव करें।

प्रतिमा की स्थापना: इसके बाद गणपति बप्पा की प्रतिमा को आसन पर स्थापित करें। मूर्ति को नया पीला वस्त्र पहनाएं और माथे पर कुमकुम का तिलक लगाएं।

पूजन सामग्री: गणपति जी को फूल, अक्षत, और मोदक अर्पित करें। मोदक भगवान गणेश को अति प्रिय है, इसलिए इसे अवश्य अर्पित करें।

आरती और प्रार्थना: फिर पूरे परिवार के साथ गणपति जी की आरती करें। विसर्जन से पहले गणपति जी से हुई किसी भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें।

विसर्जन की प्रार्थना: आरती के बाद, भगवान गणेश से अगले वर्ष फिर से आने की प्रार्थना करें और उनके आशीर्वाद की कामना करते हुए प्रतिमा का विसर्जन करें।


विसर्जन के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखना भी आवश्यक है। आजकल पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए मिट्टी या पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों का विसर्जन पर जोर दिया जाता है, ताकि जल स्रोत प्रदूषित न हों। कई स्थानों पर कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था की जाती है, जिससे प्राकृतिक जल स्रोतों पर विपरीत प्रभाव न पड़े। भक्त भी अब अधिक जागरूक हो रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए जिम्मेदारी से कार्य कर रहे हैं।

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Sep 16 2024, 14:40

गणपति उत्सव : भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना के साथ विसर्जन की विधि भी अहम, जानिए बप्पा की विदाई का शुभ मुहूर्त और विसर्जन की विधि

हर वर्ष गणपति उत्सव भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है तथा 10 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त गणपति बप्पा को अपने घरों और पंडालों में बड़े श्रद्धा के साथ स्थापित करते हैं। पूरे देश में विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, और तेलंगाना जैसे राज्यों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। भक्त सुबह और शाम को गणपति जी की आरती और पूजा करते हैं और उन्हें उनके पसंदीदा पकवानों का भोग लगाते हैं। इनमें विशेष रूप से मोदक, लड्डू और विभिन्न मिठाइयाँ शामिल होती हैं, जिन्हें गणपति बप्पा अत्यंत प्रिय मानते हैं।

अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन की परंपरा

गणपति उत्सव के दसवें दिन, जिसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है, गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा को धूमधाम से विदा करते हैं। विसर्जन की प्रक्रिया को विशेष विधि-विधान के साथ किया जाता है। बप्पा को ढोल-नगाड़ों के साथ, भक्तजन नाचते-गाते हुए उनके विसर्जन स्थल (जैसे तालाब, नदी, या समुद्र) तक ले जाते हैं। विसर्जन का अर्थ गणपति बप्पा को उनके निवास स्थान कैलाश पर्वत पर भेजना होता है, जहाँ से वे अगले साल फिर से अपने भक्तों के पास आते हैं।

विसर्जन के समय भक्त गणपति जी से अगले वर्ष जल्दी आने की प्रार्थना करते हैं और उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखने की कामना करते हैं। विसर्जन के दौरान विशेषकर महिलाएँ और बच्चे भी शामिल होते हैं और 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' के जयकारे लगाते हैं।

गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को है। इस दिन गणपति विसर्जन के कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे, जिनमें भक्त गणपति को विदा कर सकते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस दिन के तीन प्रमुख मुहूर्त हैं:

पहला मुहूर्त: सुबह 9:10 बजे से दोपहर 1:47 बजे तक।

दूसरा मुहूर्त: अपराह्न 3:18 बजे से शाम 5:50 बजे तक।

तीसरा मुहूर्त: रात 7:51 बजे से रात 9:19 बजे तक।

इन शुभ मुहूर्तों में भक्तजन अपने गणपति बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं, जिससे उन्हें भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त हो और उनका जीवन सफल और समृद्ध हो।

गणपति विसर्जन की विधि

गणपति विसर्जन की प्रक्रिया भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी उनकी स्थापना। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित विधियों का पालन करना चाहिए।

आसन की तैयारी: सबसे पहले एक लकड़ी का आसन तैयार करें, उस पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और गंगाजल का छिड़काव करें।

प्रतिमा की स्थापना: इसके बाद गणपति बप्पा की प्रतिमा को आसन पर स्थापित करें। मूर्ति को नया पीला वस्त्र पहनाएं और माथे पर कुमकुम का तिलक लगाएं।

पूजन सामग्री: गणपति जी को फूल, अक्षत, और मोदक अर्पित करें। मोदक भगवान गणेश को अति प्रिय है, इसलिए इसे अवश्य अर्पित करें।

आरती और प्रार्थना: फिर पूरे परिवार के साथ गणपति जी की आरती करें। विसर्जन से पहले गणपति जी से हुई किसी भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें।

विसर्जन की प्रार्थना: आरती के बाद, भगवान गणेश से अगले वर्ष फिर से आने की प्रार्थना करें और उनके आशीर्वाद की कामना करते हुए प्रतिमा का विसर्जन करें।

विसर्जन के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखना भी आवश्यक है। आजकल पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए मिट्टी या पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों का विसर्जन पर जोर दिया जाता है, ताकि जल स्रोत प्रदूषित न हों। कई स्थानों पर कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था की जाती है, जिससे प्राकृतिक जल स्रोतों पर विपरीत प्रभाव न पड़े। भक्त भी अब अधिक जागरूक हो रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए जिम्मेदारी से कार्य कर रहे हैं।

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Sep 16 2024, 14:36

भारत में जल्द शुरू होगी जनगणना, जातिगत गिनती भी संभव, मोदी सरकार ने दिए संकेत

भारत में जल्द ही जनगणना शुरू होने की संभावना है। यह संकेत केंद्र सरकार ने हाल ही में दिए हैं। हालांकि, अब तक कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है। सरकार जातिगत जनगणना पर विचार कर रही है, लेकिन इस पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 'एक देश, एक चुनाव' जैसी पहल को भी इस कार्यकाल में लागू कर सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दशकीय जनगणना की तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। लेकिन जाति आधारित कॉलम जोड़ने पर निर्णय नहीं हुआ है। 1881 से भारत में हर 10 साल में जनगणना की जाती रही है। 2020 में इसे शुरू होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इसे स्थगित करना पड़ा। महिला आरक्षण अधिनियम का कार्यान्वयन भी जनगणना से संबंधित परिसीमन प्रक्रिया पर निर्भर करता है, जो जनगणना के प्रासंगिक आंकड़ों के आधार पर होगी। सूत्रों के अनुसार, जातिगत जनगणना पर फैसला अभी लंबित है, जबकि कई राजनीतिक दल इसकी मांग कर रहे हैं। वर्तमान में सरकारी नीतियों और सब्सिडी के आवंटन के लिए 2011 के आंकड़ों का उपयोग किया जा रहा है क्योंकि नए आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। जनगणना के तहत घरों की सूचीबद्धता और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने का काम 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच किया जाना था, जिसे महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया।

अधिकारियों का कहना है कि पूरी जनगणना और NPR प्रक्रिया पर 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होने का अनुमान है। यह पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें नागरिकों को खुद की गणना करने का विकल्प दिया जाएगा। इसके लिए एक स्व-गणना पोर्टल तैयार किया गया है, जो अभी लॉन्च नहीं किया गया है। स्व-गणना के दौरान आधार या मोबाइल नंबर की जानकारी भी अनिवार्य रूप से जुटाई जाएगी।

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Sep 16 2024, 14:35

हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 3 ऑब्जर्वर किए नियुक्त, क्या गहलोत-माकन और बाजवा दिला पाएंगें फायदा?

#whatiscongressstrategybehindappointed3observersfor_haryana

हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव को लेकर वोटिंग होनी हैं। इससे पहले सभी पार्टियों ने पूरा जोर लगा रखा है। एक तरफ बीजेपी तीसरी बार सत्ता में बने रहने के लिए पूरी जोर आजमाइश में लगी है, वहीं कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता वापसी के लिए लड़ रही है। कांग्रेस इस चुनाव में बढ़त के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि पार्टी के तीन बड़े नेताओं को हरियाणा भेजकर अहम जिम्मेदारी दी जा रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। कांग्रेस राजस्थान, दिल्ली और पंजाब से अपने तीन बड़े नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है।

10 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस का पूरा जोर

कांग्रेस 10 साल से सत्ता में दूर है इसलिए पार्टी चुनाव की तैयारियों में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहती इसलिए अशोक गहलोत, मकान और बाजवा जैसे वरिष्ठ नेताओं को हरियाणा भेजा जा रहा है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन और पंजाब असेंबली में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, तीनों ही नेता न सिर्फ बेहद सीनियर व अनुभवी हैं, बल्कि संगठन में इनकी अपनी एक साख है। तीनों नेता हरियाणा की सीमा से सटे तीन राज्यों दिल्ली, पंजाब व राजस्थान से आते हैं। ऐसे में इन तीनों के सहारे उन इलाकों में इनके प्रभाव का इस्तेमाल करने की भी योजना है।

तीनों पर्यवेक्षकों के लिए बागियों को साधना सबसे बड़ी जिम्मेदारी

सूत्रों के मुताबिक, इन पर्यवेक्षकों का फिलहाल प्रमुख काम वहां नाराज पार्टी नेताओं, बागियों, नाराज कार्यकर्ताओं से संपर्क कर उनकी नाराजगी दूर करना, नाराज घर बैठ चुके लोगों को घर से बाहर निकालना है। उल्लेखनीय है कि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 16 सितंबर सोमवार है। इसलिए कांग्रेस पूरा जोर लगाकर अपने बागियों को मनाने की कोशिश में लगी है। फिलहाल कांग्रेस में 31 बागी निर्दलीय खड़े हुए हैं। इन्हें साधना कांग्रेस की सबसे बड़ी प्राथमिकता व चिंता है। पार्टी के भीतर फिलहाल इस बात पर मंथन हो रहा है कि किस तरह के बागी को कैसे मनाया जाए या उस पर कहां व किससे कहलवाकर जोर डलवा कर नाम वापस लेने के लिए तैयार किया जा सकता है।

5 अक्टूबर को होगा मतदान

90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है और मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। सूबे में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला है। तीनों ही पार्टियों ने चुन चुनकर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं। सूबे में 10 सालों से बीजेपी की सरकार है। ऐसे में पार्टी तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में है तो वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था जिसको लेकर पार्टी के हौसले बुलंद हैं। पार्टी किसी भी तरह से राज्य में वापसी करने की कोशिश में लगी हुई है।

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Sep 16 2024, 13:11

अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं हैं…” जानें सौरभ भारद्वाज ने क्यों कही ये बात

#saurabhbhardwajrevealsplanafterarvindkejriwal_resignation 

अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इसके बाद से दिल्ली के नए सीएम को लेकर चर्चा चल रही है। कई नामों को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। केजरीवाल के घर पर आज शाम पीएसी की बैठक होगी। जिसमें दिल्ली के नए सीएम के नाम पर चर्चा होगी। इससे पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आज यानी सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि केजरीवाल को फंसाया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केजरीवाल को सीएम रहते हुए अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहना पड़ा। 

दिल्ली के लोग उत्सुकता- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, दिल्ली के लोगों के बीच इतनी उत्सुकता है कि आज ही चुनाव हो जाएं और जनता दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री चुन लें, लोग कह रहे हैं कि अच्छा हुआ जो मुख्यमंत्री ने जेल में इस्तीफा नहीं दिया। सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, लोगों में बीजेपी को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। उन्होंने सीएम केजरीवाल के बारे में बात करते हुए कहा, उन्होंने आईआईटी किया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ी और यह बीजेपी एक ईमानदार आदमी के पीछे पड़ गई उसे जेल में डाला और जब वो जेल से बाहर आए तो अब केजरीवाल ने सत्ता की कुर्सी को छोड़ा दिया।

केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी- सौरभ भारद्वाज

आप नेता ने कहा, लोग कह रहे हैं कि ऐसा तो सतयुग में हुआ था, जब भगवान राम 14 वर्षों के लिए वनवास पर गए थे। उन्होंने आगे कहा, अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं है, उनकी भगवान राम से कोई तुलना नहीं है, वो तो भगवान राम के भक्त हनुमान के भक्त हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी हैं।

ऐसा पहली बार हुआ...-सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई मौजूदा मुख्यमंत्री जेल से बाहर आकर खुद ये एलान कर रहा हो कि अगर आप मुझे ईमानदार मानते हैं तो मुझे वोट दें। ऐसा चुनाव देश में पहली बार होगा, जिसमें एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ये चुनाव ईमानदारी के नाम पर लड़ा जाएगा और वो भी तब जब देश की केंद्र सरकार के साथ-साथ तमाम एजेंसियां चाहे वो ईडी हों, सीबीआई हों, इनकम टैक्स हों, सभी एजेंसियां मुख्यमंत्री के पीछे पड़ी हैं और उन्हें बदनाम करने की कोई कोशिश नहीं की गई हैं।

आज शाम को पीएसी की बैठक

सौरभ भारद्वाज ने जानकारी दी है कि आज शाम को आप के पीएसी की बैठक होगी। पार्टी का जो भी नेता चुना जाएगा। वह उपराज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति के पास दावा पेश करेगा। उन्होंने कहा कि विधायक हमारे साथ हैं। तो जाहिर है उस व्यक्ति को बुलाया जाएगा और शपथ ली जाएगी। सौरभ ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।

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Sep 16 2024, 13:11

अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं हैं…” जानें सौरभ भारद्वाज ने क्यों कही ये बात
#saurabh_bhardwaj_reveals_plan_after_arvind_kejriwal_resignation *”
अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इसके बाद से दिल्ली के नए सीएम को लेकर चर्चा चल रही है। कई नामों को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। केजरीवाल के घर पर आज शाम पीएसी की बैठक होगी। जिसमें दिल्ली के नए सीएम के नाम पर चर्चा होगी। इससे पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आज यानी सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि केजरीवाल को फंसाया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केजरीवाल को सीएम रहते हुए अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहना पड़ा। *दिल्ली के लोग उत्सुकता- सौरभ भारद्वाज* सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, दिल्ली के लोगों के बीच इतनी उत्सुकता है कि आज ही चुनाव हो जाएं और जनता दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री चुन लें, लोग कह रहे हैं कि अच्छा हुआ जो मुख्यमंत्री ने जेल में इस्तीफा नहीं दिया। सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, लोगों में बीजेपी को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। उन्होंने सीएम केजरीवाल के बारे में बात करते हुए कहा, उन्होंने आईआईटी किया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ी और यह बीजेपी एक ईमानदार आदमी के पीछे पड़ गई उसे जेल में डाला और जब वो जेल से बाहर आए तो अब केजरीवाल ने सत्ता की कुर्सी को छोड़ा दिया। *केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी- सौरभ भारद्वाज* आप नेता ने कहा, लोग कह रहे हैं कि ऐसा तो सतयुग में हुआ था, जब भगवान राम 14 वर्षों के लिए वनवास पर गए थे। उन्होंने आगे कहा, अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं है, उनकी भगवान राम से कोई तुलना नहीं है, वो तो भगवान राम के भक्त हनुमान के भक्त हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी हैं। *ऐसा पहली बार हुआ...-सौरभ भारद्वाज* सौरभ भारद्वाज ने कहा, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई मौजूदा मुख्यमंत्री जेल से बाहर आकर खुद ये एलान कर रहा हो कि अगर आप मुझे ईमानदार मानते हैं तो मुझे वोट दें। ऐसा चुनाव देश में पहली बार होगा, जिसमें एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ये चुनाव ईमानदारी के नाम पर लड़ा जाएगा और वो भी तब जब देश की केंद्र सरकार के साथ-साथ तमाम एजेंसियां चाहे वो ईडी हों, सीबीआई हों, इनकम टैक्स हों, सभी एजेंसियां मुख्यमंत्री के पीछे पड़ी हैं और उन्हें बदनाम करने की कोई कोशिश नहीं की गई हैं। *आज शाम को पीएसी की बैठक * सौरभ भारद्वाज ने जानकारी दी है कि आज शाम को आप के पीएसी की बैठक होगी। पार्टी का जो भी नेता चुना जाएगा। वह उपराज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति के पास दावा पेश करेगा। उन्होंने कहा कि विधायक हमारे साथ हैं। तो जाहिर है उस व्यक्ति को बुलाया जाएगा और शपथ ली जाएगी। सौरभ ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।