गणपति उत्सव : भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना के साथ विसर्जन की विधि भी अहम, जानिए बप्पा की विदाई का शुभ मुहूर्त और विसर्जन की विधि


हर वर्ष गणपति उत्सव भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है तथा 10 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त गणपति बप्पा को अपने घरों और पंडालों में बड़े श्रद्धा के साथ स्थापित करते हैं। पूरे देश में विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, और तेलंगाना जैसे राज्यों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। भक्त सुबह और शाम को गणपति जी की आरती और पूजा करते हैं और उन्हें उनके पसंदीदा पकवानों का भोग लगाते हैं। इनमें विशेष रूप से मोदक, लड्डू और विभिन्न मिठाइयाँ शामिल होती हैं, जिन्हें गणपति बप्पा अत्यंत प्रिय मानते हैं।

अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन की परंपरा

गणपति उत्सव के दसवें दिन, जिसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है, गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा को धूमधाम से विदा करते हैं। विसर्जन की प्रक्रिया को विशेष विधि-विधान के साथ किया जाता है। बप्पा को ढोल-नगाड़ों के साथ, भक्तजन नाचते-गाते हुए उनके विसर्जन स्थल (जैसे तालाब, नदी, या समुद्र) तक ले जाते हैं। विसर्जन का अर्थ गणपति बप्पा को उनके निवास स्थान कैलाश पर्वत पर भेजना होता है, जहाँ से वे अगले साल फिर से अपने भक्तों के पास आते हैं।

विसर्जन के समय भक्त गणपति जी से अगले वर्ष जल्दी आने की प्रार्थना करते हैं और उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखने की कामना करते हैं। विसर्जन के दौरान विशेषकर महिलाएँ और बच्चे भी शामिल होते हैं और 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' के जयकारे लगाते हैं।

गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त


इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को है। इस दिन गणपति विसर्जन के कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे, जिनमें भक्त गणपति को विदा कर सकते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस दिन के तीन प्रमुख मुहूर्त हैं:
पहला मुहूर्त: सुबह 9:10 बजे से दोपहर 1:47 बजे तक।
दूसरा मुहूर्त: अपराह्न 3:18 बजे से शाम 5:50 बजे तक।
तीसरा मुहूर्त: रात 7:51 बजे से रात 9:19 बजे तक।
इन शुभ मुहूर्तों में भक्तजन अपने गणपति बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं, जिससे उन्हें भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त हो और उनका जीवन सफल और समृद्ध हो।


गणपति विसर्जन की विधि
गणपति विसर्जन की प्रक्रिया भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी उनकी स्थापना। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित विधियों का पालन करना चाहिए।

आसन की तैयारी: सबसे पहले एक लकड़ी का आसन तैयार करें, उस पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और गंगाजल का छिड़काव करें।

प्रतिमा की स्थापना: इसके बाद गणपति बप्पा की प्रतिमा को आसन पर स्थापित करें। मूर्ति को नया पीला वस्त्र पहनाएं और माथे पर कुमकुम का तिलक लगाएं।

पूजन सामग्री: गणपति जी को फूल, अक्षत, और मोदक अर्पित करें। मोदक भगवान गणेश को अति प्रिय है, इसलिए इसे अवश्य अर्पित करें।

आरती और प्रार्थना: फिर पूरे परिवार के साथ गणपति जी की आरती करें। विसर्जन से पहले गणपति जी से हुई किसी भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें।

विसर्जन की प्रार्थना: आरती के बाद, भगवान गणेश से अगले वर्ष फिर से आने की प्रार्थना करें और उनके आशीर्वाद की कामना करते हुए प्रतिमा का विसर्जन करें।


विसर्जन के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखना भी आवश्यक है। आजकल पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए मिट्टी या पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों का विसर्जन पर जोर दिया जाता है, ताकि जल स्रोत प्रदूषित न हों। कई स्थानों पर कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था की जाती है, जिससे प्राकृतिक जल स्रोतों पर विपरीत प्रभाव न पड़े। भक्त भी अब अधिक जागरूक हो रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए जिम्मेदारी से कार्य कर रहे हैं।
गणपति उत्सव : भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना के साथ विसर्जन की विधि भी अहम, जानिए बप्पा की विदाई का शुभ मुहूर्त और विसर्जन की विधि

हर वर्ष गणपति उत्सव भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है तथा 10 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त गणपति बप्पा को अपने घरों और पंडालों में बड़े श्रद्धा के साथ स्थापित करते हैं। पूरे देश में विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, और तेलंगाना जैसे राज्यों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। भक्त सुबह और शाम को गणपति जी की आरती और पूजा करते हैं और उन्हें उनके पसंदीदा पकवानों का भोग लगाते हैं। इनमें विशेष रूप से मोदक, लड्डू और विभिन्न मिठाइयाँ शामिल होती हैं, जिन्हें गणपति बप्पा अत्यंत प्रिय मानते हैं।

अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन की परंपरा

गणपति उत्सव के दसवें दिन, जिसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है, गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा को धूमधाम से विदा करते हैं। विसर्जन की प्रक्रिया को विशेष विधि-विधान के साथ किया जाता है। बप्पा को ढोल-नगाड़ों के साथ, भक्तजन नाचते-गाते हुए उनके विसर्जन स्थल (जैसे तालाब, नदी, या समुद्र) तक ले जाते हैं। विसर्जन का अर्थ गणपति बप्पा को उनके निवास स्थान कैलाश पर्वत पर भेजना होता है, जहाँ से वे अगले साल फिर से अपने भक्तों के पास आते हैं।

विसर्जन के समय भक्त गणपति जी से अगले वर्ष जल्दी आने की प्रार्थना करते हैं और उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखने की कामना करते हैं। विसर्जन के दौरान विशेषकर महिलाएँ और बच्चे भी शामिल होते हैं और 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' के जयकारे लगाते हैं।

गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को है। इस दिन गणपति विसर्जन के कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे, जिनमें भक्त गणपति को विदा कर सकते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस दिन के तीन प्रमुख मुहूर्त हैं:

पहला मुहूर्त: सुबह 9:10 बजे से दोपहर 1:47 बजे तक।

दूसरा मुहूर्त: अपराह्न 3:18 बजे से शाम 5:50 बजे तक।

तीसरा मुहूर्त: रात 7:51 बजे से रात 9:19 बजे तक।

इन शुभ मुहूर्तों में भक्तजन अपने गणपति बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं, जिससे उन्हें भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त हो और उनका जीवन सफल और समृद्ध हो।

गणपति विसर्जन की विधि

गणपति विसर्जन की प्रक्रिया भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी उनकी स्थापना। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित विधियों का पालन करना चाहिए।

आसन की तैयारी: सबसे पहले एक लकड़ी का आसन तैयार करें, उस पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और गंगाजल का छिड़काव करें।

प्रतिमा की स्थापना: इसके बाद गणपति बप्पा की प्रतिमा को आसन पर स्थापित करें। मूर्ति को नया पीला वस्त्र पहनाएं और माथे पर कुमकुम का तिलक लगाएं।

पूजन सामग्री: गणपति जी को फूल, अक्षत, और मोदक अर्पित करें। मोदक भगवान गणेश को अति प्रिय है, इसलिए इसे अवश्य अर्पित करें।

आरती और प्रार्थना: फिर पूरे परिवार के साथ गणपति जी की आरती करें। विसर्जन से पहले गणपति जी से हुई किसी भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें।

विसर्जन की प्रार्थना: आरती के बाद, भगवान गणेश से अगले वर्ष फिर से आने की प्रार्थना करें और उनके आशीर्वाद की कामना करते हुए प्रतिमा का विसर्जन करें।

विसर्जन के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखना भी आवश्यक है। आजकल पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए मिट्टी या पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों का विसर्जन पर जोर दिया जाता है, ताकि जल स्रोत प्रदूषित न हों। कई स्थानों पर कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था की जाती है, जिससे प्राकृतिक जल स्रोतों पर विपरीत प्रभाव न पड़े। भक्त भी अब अधिक जागरूक हो रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए जिम्मेदारी से कार्य कर रहे हैं।

भारत में जल्द शुरू होगी जनगणना, जातिगत गिनती भी संभव, मोदी सरकार ने दिए संकेत

भारत में जल्द ही जनगणना शुरू होने की संभावना है। यह संकेत केंद्र सरकार ने हाल ही में दिए हैं। हालांकि, अब तक कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है। सरकार जातिगत जनगणना पर विचार कर रही है, लेकिन इस पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 'एक देश, एक चुनाव' जैसी पहल को भी इस कार्यकाल में लागू कर सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दशकीय जनगणना की तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। लेकिन जाति आधारित कॉलम जोड़ने पर निर्णय नहीं हुआ है। 1881 से भारत में हर 10 साल में जनगणना की जाती रही है। 2020 में इसे शुरू होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इसे स्थगित करना पड़ा। महिला आरक्षण अधिनियम का कार्यान्वयन भी जनगणना से संबंधित परिसीमन प्रक्रिया पर निर्भर करता है, जो जनगणना के प्रासंगिक आंकड़ों के आधार पर होगी। सूत्रों के अनुसार, जातिगत जनगणना पर फैसला अभी लंबित है, जबकि कई राजनीतिक दल इसकी मांग कर रहे हैं। वर्तमान में सरकारी नीतियों और सब्सिडी के आवंटन के लिए 2011 के आंकड़ों का उपयोग किया जा रहा है क्योंकि नए आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। जनगणना के तहत घरों की सूचीबद्धता और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने का काम 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच किया जाना था, जिसे महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया।

अधिकारियों का कहना है कि पूरी जनगणना और NPR प्रक्रिया पर 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होने का अनुमान है। यह पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें नागरिकों को खुद की गणना करने का विकल्प दिया जाएगा। इसके लिए एक स्व-गणना पोर्टल तैयार किया गया है, जो अभी लॉन्च नहीं किया गया है। स्व-गणना के दौरान आधार या मोबाइल नंबर की जानकारी भी अनिवार्य रूप से जुटाई जाएगी।

हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 3 ऑब्जर्वर किए नियुक्त, क्या गहलोत-माकन और बाजवा दिला पाएंगें फायदा?

#whatiscongressstrategybehindappointed3observersfor_haryana

हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव को लेकर वोटिंग होनी हैं। इससे पहले सभी पार्टियों ने पूरा जोर लगा रखा है। एक तरफ बीजेपी तीसरी बार सत्ता में बने रहने के लिए पूरी जोर आजमाइश में लगी है, वहीं कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता वापसी के लिए लड़ रही है। कांग्रेस इस चुनाव में बढ़त के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि पार्टी के तीन बड़े नेताओं को हरियाणा भेजकर अहम जिम्मेदारी दी जा रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। कांग्रेस राजस्थान, दिल्ली और पंजाब से अपने तीन बड़े नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है।

10 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस का पूरा जोर

कांग्रेस 10 साल से सत्ता में दूर है इसलिए पार्टी चुनाव की तैयारियों में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहती इसलिए अशोक गहलोत, मकान और बाजवा जैसे वरिष्ठ नेताओं को हरियाणा भेजा जा रहा है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन और पंजाब असेंबली में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, तीनों ही नेता न सिर्फ बेहद सीनियर व अनुभवी हैं, बल्कि संगठन में इनकी अपनी एक साख है। तीनों नेता हरियाणा की सीमा से सटे तीन राज्यों दिल्ली, पंजाब व राजस्थान से आते हैं। ऐसे में इन तीनों के सहारे उन इलाकों में इनके प्रभाव का इस्तेमाल करने की भी योजना है।

तीनों पर्यवेक्षकों के लिए बागियों को साधना सबसे बड़ी जिम्मेदारी

सूत्रों के मुताबिक, इन पर्यवेक्षकों का फिलहाल प्रमुख काम वहां नाराज पार्टी नेताओं, बागियों, नाराज कार्यकर्ताओं से संपर्क कर उनकी नाराजगी दूर करना, नाराज घर बैठ चुके लोगों को घर से बाहर निकालना है। उल्लेखनीय है कि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 16 सितंबर सोमवार है। इसलिए कांग्रेस पूरा जोर लगाकर अपने बागियों को मनाने की कोशिश में लगी है। फिलहाल कांग्रेस में 31 बागी निर्दलीय खड़े हुए हैं। इन्हें साधना कांग्रेस की सबसे बड़ी प्राथमिकता व चिंता है। पार्टी के भीतर फिलहाल इस बात पर मंथन हो रहा है कि किस तरह के बागी को कैसे मनाया जाए या उस पर कहां व किससे कहलवाकर जोर डलवा कर नाम वापस लेने के लिए तैयार किया जा सकता है।

5 अक्टूबर को होगा मतदान

90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है और मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। सूबे में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला है। तीनों ही पार्टियों ने चुन चुनकर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं। सूबे में 10 सालों से बीजेपी की सरकार है। ऐसे में पार्टी तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में है तो वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था जिसको लेकर पार्टी के हौसले बुलंद हैं। पार्टी किसी भी तरह से राज्य में वापसी करने की कोशिश में लगी हुई है।

अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं हैं…” जानें सौरभ भारद्वाज ने क्यों कही ये बात

#saurabhbhardwajrevealsplanafterarvindkejriwal_resignation 

अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इसके बाद से दिल्ली के नए सीएम को लेकर चर्चा चल रही है। कई नामों को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। केजरीवाल के घर पर आज शाम पीएसी की बैठक होगी। जिसमें दिल्ली के नए सीएम के नाम पर चर्चा होगी। इससे पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आज यानी सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि केजरीवाल को फंसाया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केजरीवाल को सीएम रहते हुए अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहना पड़ा। 

दिल्ली के लोग उत्सुकता- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, दिल्ली के लोगों के बीच इतनी उत्सुकता है कि आज ही चुनाव हो जाएं और जनता दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री चुन लें, लोग कह रहे हैं कि अच्छा हुआ जो मुख्यमंत्री ने जेल में इस्तीफा नहीं दिया। सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, लोगों में बीजेपी को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। उन्होंने सीएम केजरीवाल के बारे में बात करते हुए कहा, उन्होंने आईआईटी किया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ी और यह बीजेपी एक ईमानदार आदमी के पीछे पड़ गई उसे जेल में डाला और जब वो जेल से बाहर आए तो अब केजरीवाल ने सत्ता की कुर्सी को छोड़ा दिया।

केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी- सौरभ भारद्वाज

आप नेता ने कहा, लोग कह रहे हैं कि ऐसा तो सतयुग में हुआ था, जब भगवान राम 14 वर्षों के लिए वनवास पर गए थे। उन्होंने आगे कहा, अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं है, उनकी भगवान राम से कोई तुलना नहीं है, वो तो भगवान राम के भक्त हनुमान के भक्त हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी हैं।

ऐसा पहली बार हुआ...-सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई मौजूदा मुख्यमंत्री जेल से बाहर आकर खुद ये एलान कर रहा हो कि अगर आप मुझे ईमानदार मानते हैं तो मुझे वोट दें। ऐसा चुनाव देश में पहली बार होगा, जिसमें एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ये चुनाव ईमानदारी के नाम पर लड़ा जाएगा और वो भी तब जब देश की केंद्र सरकार के साथ-साथ तमाम एजेंसियां चाहे वो ईडी हों, सीबीआई हों, इनकम टैक्स हों, सभी एजेंसियां मुख्यमंत्री के पीछे पड़ी हैं और उन्हें बदनाम करने की कोई कोशिश नहीं की गई हैं।

आज शाम को पीएसी की बैठक

सौरभ भारद्वाज ने जानकारी दी है कि आज शाम को आप के पीएसी की बैठक होगी। पार्टी का जो भी नेता चुना जाएगा। वह उपराज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति के पास दावा पेश करेगा। उन्होंने कहा कि विधायक हमारे साथ हैं। तो जाहिर है उस व्यक्ति को बुलाया जाएगा और शपथ ली जाएगी। सौरभ ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।

अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं हैं…” जानें सौरभ भारद्वाज ने क्यों कही ये बात
#saurabh_bhardwaj_reveals_plan_after_arvind_kejriwal_resignation *”
अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इसके बाद से दिल्ली के नए सीएम को लेकर चर्चा चल रही है। कई नामों को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। केजरीवाल के घर पर आज शाम पीएसी की बैठक होगी। जिसमें दिल्ली के नए सीएम के नाम पर चर्चा होगी। इससे पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आज यानी सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि केजरीवाल को फंसाया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केजरीवाल को सीएम रहते हुए अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहना पड़ा। *दिल्ली के लोग उत्सुकता- सौरभ भारद्वाज* सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, दिल्ली के लोगों के बीच इतनी उत्सुकता है कि आज ही चुनाव हो जाएं और जनता दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री चुन लें, लोग कह रहे हैं कि अच्छा हुआ जो मुख्यमंत्री ने जेल में इस्तीफा नहीं दिया। सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, लोगों में बीजेपी को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। उन्होंने सीएम केजरीवाल के बारे में बात करते हुए कहा, उन्होंने आईआईटी किया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ी और यह बीजेपी एक ईमानदार आदमी के पीछे पड़ गई उसे जेल में डाला और जब वो जेल से बाहर आए तो अब केजरीवाल ने सत्ता की कुर्सी को छोड़ा दिया। *केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी- सौरभ भारद्वाज* आप नेता ने कहा, लोग कह रहे हैं कि ऐसा तो सतयुग में हुआ था, जब भगवान राम 14 वर्षों के लिए वनवास पर गए थे। उन्होंने आगे कहा, अरविंद केजरीवाल भगवान राम नहीं है, उनकी भगवान राम से कोई तुलना नहीं है, वो तो भगवान राम के भक्त हनुमान के भक्त हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मर्यादा के लिए कुर्सी छोड़ी हैं। *ऐसा पहली बार हुआ...-सौरभ भारद्वाज* सौरभ भारद्वाज ने कहा, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई मौजूदा मुख्यमंत्री जेल से बाहर आकर खुद ये एलान कर रहा हो कि अगर आप मुझे ईमानदार मानते हैं तो मुझे वोट दें। ऐसा चुनाव देश में पहली बार होगा, जिसमें एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ये चुनाव ईमानदारी के नाम पर लड़ा जाएगा और वो भी तब जब देश की केंद्र सरकार के साथ-साथ तमाम एजेंसियां चाहे वो ईडी हों, सीबीआई हों, इनकम टैक्स हों, सभी एजेंसियां मुख्यमंत्री के पीछे पड़ी हैं और उन्हें बदनाम करने की कोई कोशिश नहीं की गई हैं। *आज शाम को पीएसी की बैठक * सौरभ भारद्वाज ने जानकारी दी है कि आज शाम को आप के पीएसी की बैठक होगी। पार्टी का जो भी नेता चुना जाएगा। वह उपराज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति के पास दावा पेश करेगा। उन्होंने कहा कि विधायक हमारे साथ हैं। तो जाहिर है उस व्यक्ति को बुलाया जाएगा और शपथ ली जाएगी। सौरभ ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।
वन नेशन वन इलेक्शन' पर तेजी से काम कर रही केंद्र सरकार, मौजूदा कार्यकाल में ही लागू होगा
#modi_gov_nda_government_will_implement_one_nation_one_election_soon *
बीजेपी के नेतृत्व वाली मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही 'एक देश, एक चुनाव' को लागू करेगी।सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि एनडीए में शामिल सभी राजनीतिक दलों, विशेष रूप से केंद्र सरकार में शामिल सहयोगियों द्वारा इस बिल का समर्थन करने की उम्मीद है। पिछले महीने अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में, प्रधान मंत्री ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की जोरदार वकालत की और तर्क दिया कि बार-बार होने वाले चुनाव देश की प्रगति में बाधाएं पैदा कर रहे हैं। मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था, 'देश को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए आगे आना होगा।'' प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों से लाल किले से और राष्ट्रीय तिरंगे को साक्षी मानकर देश की प्रगति सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने पार्टियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि राष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग आम आदमी के लिए किया जाए और कहा, 'हमें 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के सपने को साकार करने के लिए आगे आना होगा।' इससे पहले मार्च में 'वन नेशन वन इलेक्शन' यानी 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की संभावना पर विचार करने के लिए बनी उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति की रिपोर्ट में आने वाले वक्त में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ-साथ नगरपालिकाओं और पंचायत चुनाव करवाने के मुद्दे से जुड़ी सिफारिशें दी गई। 191 दिनों में तैयार इस 18,626 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि 47 राजनीतिक दलों ने अपने विचार समिति के साथ साझा किए थे जिनमें से 32 राजनीतिक दल 'वन नेशन वन इलेक्शन' के समर्थन में थे। रिपोर्ट में कहा गया है, "केवल 15 राजनीतिक दलों को छोड़कर शेष 32 दलों ने न केवल साथ-साथ चुनाव प्रणाली का समर्थन किया बल्कि सीमित संसाधनों की बचत, सामाजिक तालमेल बनाए रखने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए ये विकल्प अपनाने की ज़ोरदार वकालत की।" इसके अलावा, विधि आयोग सरकार के सभी तीन स्तरों लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों जैसे नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए 2029 से एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है। वह सदन में अविश्वास प्रस्ताव या अनिश्चितकाल तक बहुमत नहीं होने की स्थिति में एकता सरकार का प्रावधान करने की सिफारिश कर सकता है।
मैं झुकूंगा नहीं”, गोल्फ क्लब के पास गोलीबारी के बाद बोले डोनाल्ड ट्रंप

#donaldtrumpsaidafterfiringiwillneversurrender

जुलाई के बाद एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हमले का सामना करना पड़ा। रविवार को जब वह फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में अपने गोल्फ कोर्स में गोल्फ खेल रहे थे। तभी वहां पर गोलीबारी हुई। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काफी नजदीक गोलियां चलीं। हालांकि, गनीमत रही की इस गोलीबारी में डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह सुरक्षित हैं।गोलीबारी की घटना पर डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया आई है।पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि वह सुरक्षित हैं और झुकेंगे नहीं।

घटना के बाद समर्थकों को एक ईमेल में, ट्रंप ने कहा कि मेरे आसपास गोलियों की आवाजें थीं, लेकिन इससे पहले कि अफवाहें नियंत्रण से बाहर होने लगें, मैं चाहता था कि आप पहले यह जान लें कि मैं सुरक्षित हूं। उन्होंने कहा कि कोई भी मुझे चुनाव प्रचार से पीछे नहीं हटा पाएगा। मैं कभी आत्मसमर्पण नहीं करूंगा। मेरा समर्थन करने के लिए मैं हमेशा आपका आभारी हूं।

अमेरिका में हिंसा के लिए जगह नहीं

वहीं, व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन और राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस दोनों को इस जांच के बारे में जानकारी दे दी गई है और उन्हें इस बारे लगातार ताजा जानकारी दी जाएगी। व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि उन्हें यह जानकर राहत मिली है कि ट्रंप सुरक्षित हैं।

13 जुलाई को भी हुआ था ट्रंप पर हमला

इससे पहले पेनसिल्वेनिया में 13 जुलाई को एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को निशाना बनाते हुए एक बंदूकधारी ने गोलीबारी की थी। इस हमले में एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूकर निकल गई थी, जबकि रैली में शामिल एक व्यक्ति मारा गया था और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

बाल-बाल बचे डोनाल्ड ट्रंप, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर फिर हुआ हमला, आरोपी रेयान रूथ गिरफ्तार

#donald_trump_assassination_attempt

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक बार फिर हमला हुआ है।अमेरिका के फ्लोरिडा वेस्ट पाम बीच में डोनाल्ड ट्रंप के गोल्फ क्लब के पास गोलीबारी हुई। इस दौरान ट्रंप क्लब के अंदर ही मौजूद थे।ट्रंप के आवास मार ए लागो गोल्फ कोर्स के पास गोलीबारी करने के आरोप में सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने एक संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। संदिग्ध की पहचान 58 वर्षीय रेयान वेस्ले रूथ के रूप में हुई है। घटनास्थल से एक अत्याधुनिक एके-47 राइफल, एक स्कोप और एक गोप्रो कैमरा भी बरामद किया गया है। ट्रंप पर ये दूसर हमला है।लगभग दो महीने पहले ही उन पर एक रैली में हमला किया गया था। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं।

एफबीआई ने बताया कि ट्रंप आवास के आसपास गोलीबारी होने के बाद जवाबी कार्रवाई में सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने भी फायरिंग की। जिस पर झाड़ी में छिपा बैठा रेयान रूथ बाहर निकला और एक काले रंग की कार में बैठकर मौके से फरार हो गया। हालांकि बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अमेरिकी सीक्रेट एजेंसी के एजेंटों ने बताया कि जहां ट्रम्प खेल रहे थे, वहां से लगभग 400 गज की दूरी पर झाड़ियों के बीच एक एके-47 भी बरामद किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रेयान रूथ नॉर्थ कैरोलिना ग्रीन्सबोरो इलाके का निवासी है और पेशे से पूर्व निर्माण श्रमिक है। रूथ की कोई औपचारिक सैन्य पृष्ठभूमि नहीं थी, लेकिन वह सोशल मीडिया पर सशस्त्र सैन्य संघर्ष में भाग लेने की इच्छा जाहिर कर चुका है। खासकर रूस के यूक्रेन हमले के बाद उसने यूक्रेन की तरफ से युद्ध लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। रूथ ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा था कि वह यूक्रेन के लिए लड़ने और मरने के लिए तैयार है। अपने सोशल मीडिया बायो में रूथ ने लिखा है कि 'नागरिकों को युद्ध को बदलना चाहिए और भविष्य के युद्धों को रोकना चाहिए।'

अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने कहा कि वह इस घटना की जांच कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि इस घटना की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस को दी गई है। व्हाइट हाउस ने बयान में कहा, 'राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को ट्रंप के इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स में सुरक्षा को लेकर जानकारी दी गई। उन्हें यह जानकर राहत मिली है कि ट्रंप सुरक्षित हैं।'

इससे पहले 13 जुलाई को, पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक रैली में हत्या के प्रयास के दौरान ट्रंप को गोली मार दी गई थी. यह गोली उनके कान को छूती हुई निकल गई थी. जिसके आठ दिन बाद, डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन चुनावी रेस से हट गए, जिससे उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को पार्टी का उम्मीदवार बनने का रास्ता मिल गया था।

अरविंद केजरीवाल ने चला इस्तीफे का दांव, हरियाणा विधानसभा चुनाव मे कितना होगा असर?*
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हरियाणा विधानसभा चुनाव को 1 महीने से भी कम समय बचा है। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सियासत में भूचाल खड़ा कर दिया है। तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद सीएम केजरीवाल ने इस्तीफा देने की घोषणा करके सभी को हैरान कर दिया है। अब सवाल यह है कि केजरीवाल के ये इस्तीफे वाला दांव हरियाणा चुनाव पर कितना असर डालेगा? *हरियाणा चुनाव पर होगा पूरा फोकस* राजनीति के जानकारों की मानें तो सीएम केजरीवाल के इस्तीफे से हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी का बड़ा फायदा मिल सकता है। कहा जा रहा है कि इस्तीफे के बाद केजरीवाल हरियाणा चुनाव को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो सकते हैं। चूंकी, हरियाणा आप के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल खुद जाकर हरियाणा के अलग-अलग विधानसभाओं में पार्टी के कैंडिडेट्स के साथ प्रचार करेंगे। आम आदमी पार्टी दिल्ली में तीन बार और पंजाब में एक बार सरकार बना चुकी है। ऐसे में अब हरियाणा में भी बड़ा “खेल” कर सकती है। *केजरीवाल खेल रहे इमोशनल कार्ड!* माना ये भी जा रहा है कि केजरीवाल इस्तीफा देकर हरियाणा की जनता के बीच में बड़ा इमोशनल कार्ड खेलेंगे। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि हरियाणा केजरीवाल का गृह राज्य है जबकि हिसार जिले में वो पले बड़े हैं। वो अक्सर खुद को हरियाणा के लाल भी कहते रहते हैं।इसलिए माना जा रहा है कि केजरीवाल अब हरियाणा की जनता के बीच में अपना इमोशनल कार्ड खेलने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। बता दें कि हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी एक प्रमुख पार्टी है। केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी के हौसले बुलंद हैं। केजरीवाल की रिहाई के बाद लग रहा है कि हरियाणा का चुनाव दंगल जोरदार होगा। 2019 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 46 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, उस समय वोट शेयर महज 1 फीसदी के आसपास का रहा था और किसी भी सीट पर खाता नहीं खोल पाई थी। इस चुनाव के बाद आप ने हरियाणा में खुद को मजबूत भी किया और जनता के बीच में अपनी पैठ भी मजबूत की है। इस बार के लोकसभा चुनाव में इसका असर भी देखने को मिला। लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का हरियाणा में वोट शेयर 3.94 फीसदी के आसपास पहुंच गया।