नालंदा:- मुस्कान पत्तल उद्योग युवक लगाकर लाखों कमा रहे हैं, उद्योग में 10 लोगों को मिला रोजगार आज के युवाओं में रोजगार पाने की होड़ लगी रहती है,
नालंदा के एक युवा ने इस परिपाटी को तोड़ते हुए न केवल स्वयं के लिए रोजगार सृजित किया, बल्कि अन्य लोगों को भी रोजगार देने का बीड़ा उठाया है। रहुई प्रखंड के भागन बिगहा निवासी रवि रंजन पांडे ने अपने इस साहसिक कदम से यह साबित कर दिया है कि जहाँ चाह है, वहाँ राह है। दो वर्ष पूर्व, रविरंजन ने अपने घर से ही एक लघु उद्योग की शुरुआत की। आज, उनका यह उद्यम न केवल फल-फूल रहा है, बल्कि 10 अन्य व्यक्तियों को भी रोजगार प्रदान कर रहा है। रवि के अनुसार, "मैंने यूट्यूब से इस उद्योग की बारीकियाँ सीखीं। हमारा फोकस पेपर प्लेट, पेपर ग्लास, गुपचुप प्लेट और दोना जैसे उत्पादों पर है। उद्यम की शुरुआत के बारे में रवि बताते हैं, "मुझे हमेशा से ही अपना मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट बेचने में रुचि थी। मैंने शुरू से ही दूसरों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा था।" उनका मानना है कि थोड़े से प्रशिक्षण और लगभग 50,000 रुपये की प्रारंभिक पूंजी से कोई भी इस तरह का उद्यम शुरू कर सकता है। आर्थिक पहलू पर बात करते हुए रवि ने बताया कि वे प्रति माह लगभग 50,000 रुपये की बचत कर पा रहे हैं। लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी खुशी यह है कि वे अब दूसरों को रोजगार दे पा रहे हैं। उद्योग में काम करने वाले कर्मचारी भी अपनी स्थिति से संतुष्ट हैं। एक कर्मचारी ने बताया, "घर के पास ही रोजगार मिलने से हम अपने घरेलू कामों के साथ-साथ यहाँ भी काम कर पैसे कमा पा रहे हैं। रवि के "मुस्कान लघु उद्योग" में हाइड्रोलिक मशीन, सिंगल डाय, डबल डाय, लेमिनेशन मशीन और कॉफी कप मशीन जैसे आधुनिक उपकरण लगे हुए हैं। इन मशीनों की मदद से पत्तल, कटोरी, कॉफी कप और प्लेट जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं। स्थानीय बाजार में इन उत्पादों की अच्छी मांग है। थोक व्यापारी सीधे प्लांट से ही माल खरीदते हैं। हरनौत, चंडी, बिहार शरीफ, रहुई और नूरसराय जैसे आसपास के बाजारों में भी इन उत्पादों की आपूर्ति की जाती है। रवि रंजन पांडे की यह सफलता गाथा नालंदा के अन्य युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है। यह कहानी दर्शाती है कि कैसे एक व्यक्ति की पहल न केवल उसके जीवन को बदल सकती है, बल्कि समाज के लिए भी लाभदायक हो सकती है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में और भी युवा इस तरह के नवाचारी उद्यमों की ओर रुख करेंगे, जिससे न केवल उनका व्यक्तिगत विकास होगा, बल्कि क्षेत्र का समग्र आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा।
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नालंदा के एक युवा ने इस परिपाटी को तोड़ते हुए न केवल स्वयं के लिए रोजगार सृजित किया, बल्कि अन्य लोगों को भी रोजगार देने का बीड़ा उठाया है। रहुई प्रखंड के भागन बिगहा निवासी रवि रंजन पांडे ने अपने इस साहसिक कदम से यह साबित कर दिया है कि जहाँ चाह है, वहाँ राह है। दो वर्ष पूर्व, रविरंजन ने अपने घर से ही एक लघु उद्योग की शुरुआत की। आज, उनका यह उद्यम न केवल फल-फूल रहा है, बल्कि 10 अन्य व्यक्तियों को भी रोजगार प्रदान कर रहा है। रवि के अनुसार, "मैंने यूट्यूब से इस उद्योग की बारीकियाँ सीखीं। हमारा फोकस पेपर प्लेट, पेपर ग्लास, गुपचुप प्लेट और दोना जैसे उत्पादों पर है। उद्यम की शुरुआत के बारे में रवि बताते हैं, "मुझे हमेशा से ही अपना मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट बेचने में रुचि थी। मैंने शुरू से ही दूसरों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा था।" उनका मानना है कि थोड़े से प्रशिक्षण और लगभग 50,000 रुपये की प्रारंभिक पूंजी से कोई भी इस तरह का उद्यम शुरू कर सकता है। आर्थिक पहलू पर बात करते हुए रवि ने बताया कि वे प्रति माह लगभग 50,000 रुपये की बचत कर पा रहे हैं। लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी खुशी यह है कि वे अब दूसरों को रोजगार दे पा रहे हैं। उद्योग में काम करने वाले कर्मचारी भी अपनी स्थिति से संतुष्ट हैं। एक कर्मचारी ने बताया, "घर के पास ही रोजगार मिलने से हम अपने घरेलू कामों के साथ-साथ यहाँ भी काम कर पैसे कमा पा रहे हैं। रवि के "मुस्कान लघु उद्योग" में हाइड्रोलिक मशीन, सिंगल डाय, डबल डाय, लेमिनेशन मशीन और कॉफी कप मशीन जैसे आधुनिक उपकरण लगे हुए हैं। इन मशीनों की मदद से पत्तल, कटोरी, कॉफी कप और प्लेट जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं। स्थानीय बाजार में इन उत्पादों की अच्छी मांग है। थोक व्यापारी सीधे प्लांट से ही माल खरीदते हैं। हरनौत, चंडी, बिहार शरीफ, रहुई और नूरसराय जैसे आसपास के बाजारों में भी इन उत्पादों की आपूर्ति की जाती है। रवि रंजन पांडे की यह सफलता गाथा नालंदा के अन्य युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है। यह कहानी दर्शाती है कि कैसे एक व्यक्ति की पहल न केवल उसके जीवन को बदल सकती है, बल्कि समाज के लिए भी लाभदायक हो सकती है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में और भी युवा इस तरह के नवाचारी उद्यमों की ओर रुख करेंगे, जिससे न केवल उनका व्यक्तिगत विकास होगा, बल्कि क्षेत्र का समग्र आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा।

नालंदा जिले के रहुई प्रखंड कार्यालय स्थित किसान भवन सभागार में इंद्रदेव चौधरी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का वार्षिक साधारण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता रहुई प्रखंड के उप प्रमुख राकेश रंजन ने की। बैठक में किसानों को एफपीओ द्वारा पिछले एक साल में किए गए कार्यों और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही, किसानों को कृषि मंत्रालय द्वारा प्रदान की जा रही योजनाओं और उनके लाभों के बारे में भी बताया गया। इस अवसर पर किसानों को बताया गया कि एफपीओ के माध्यम से उन्हें सब्सिडी पर खाद, बीज, कृषि यंत्र और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, किसानों की उपज को उचित मूल्य दिलाने के लिए भी एफपीओ मदद करेगा। इस बैठक में डीपीएम बैद्यनाथ प्रसाद, कंपनी की सीईओ अंजली कुमारी और कई प्रमुख लोग एवं सैकड़ों किसान उपस्थित थे।
नालंदा जिले के रहुई प्रखंड कार्यालय स्थित किसान भवन सभागार में इंद्रदेव चौधरी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का वार्षिक साधारण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता रहुई प्रखंड के उप प्रमुख राकेश रंजन ने की। बैठक में किसानों को एफपीओ द्वारा पिछले एक साल में किए गए कार्यों और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही, किसानों को कृषि मंत्रालय द्वारा प्रदान की जा रही योजनाओं और उनके लाभों के बारे में भी बताया गया। इस अवसर पर किसानों को बताया गया कि एफपीओ के माध्यम से उन्हें सब्सिडी पर खाद, बीज, कृषि यंत्र और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, किसानों की उपज को उचित मूल्य दिलाने के लिए भी एफपीओ मदद करेगा। इस बैठक में डीपीएम बैद्यनाथ प्रसाद, कंपनी की सीईओ अंजली कुमारी और कई प्रमुख लोग एवं सैकड़ों किसान उपस्थित थे।
नालंदा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बिहार के मंत्री श्रवण कुमार ने जन स्वराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के उस बयान पर कड़ा प्रहार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी की सरकार बनते ही शराबबंदी कानून को खत्म कर दिया जाएगा। श्रवण कुमार ने कहा कि कुछ लोग राजनीति के जरिए समाज सुधार की बात करते हैं, लेकिन असल में समाज की बुराइयों को खत्म करने से ही समाज चलता है। उन्होंने महात्मा गांधी का हवाला देते हुए कहा कि गांधीजी भी शराब जैसी बुराइयों को खत्म करना चाहते थे, और शराबबंदी का सपना महात्मा गांधी का सपना था, जिसे कुछ लोग चकनाचूर करना चाहते हैं। मंत्री ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के आरोपों का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पास नीतीश कुमार का वीडियो फुटेज है, जिसमें वे सरकार बनाने के लिए पैर पकड़कर गिड़गिड़ा रहे थे। श्रवण कुमार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि नीतीश कुमार कभी किसी के सामने गिड़गिड़ाए नहीं हैं और उनका एकमात्र सपना बिहार की तरक्की और शांति है। उन्होंने कहा कि बड़बोलापन से राज्य की तरक्की नहीं होती, बल्कि राज्य की समस्याओं को समझकर योजना बनाने से होती है। बिहार में कानून व्यवस्था पर बोलते हुए श्रवण कुमार ने कहा कि हत्याओं और घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन जो लोग अपराध करते हैं, उन्हें किसी भी हालत में बचाया नहीं जाता। कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाती है, और यही बिहार की कानून व्यवस्था की खासियत है। मंत्री श्रवण कुमार नालंदा स्थित महाबोधि एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर संस्थान में नए B.Ed सत्र के शुभारंभ के मौके पर छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करने पहुंचे थे, साथ ही उन्होंने परिसर में पौधारोपण कर जल जीवन हरियाली का संदेश भी दिया।
जिला राष्ट्रीय जनता दल कार्यालय, बड़ी पहाड़ी, बिहार शरीफ में आयोजित प्रेस वार्ता में राजद के जिला प्रवक्ताओं धनंजय कुमार और दीपक कुमार सिंह ने बिहार सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने जदयू के प्रखंड अध्यक्ष की शराब के साथ गिरफ्तारी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह घटना सरकार की शराबबंदी नीति की विफलता को उजागर करती है। प्रवक्ताओं ने याद दिलाया कि 2015 में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में शराबबंदी लागू की गई थी, लेकिन अब यह पूरी तरह फेल हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि शराबबंदी के नाम पर गरीबों और दलितों को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि सत्ता के संरक्षण में शराब का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। नालंदा और पूरे बिहार में जदयू के नेताओं पर शराबबंदी कानून के उल्लंघन के आरोप लगाते हुए उन्होंने इसे सरकार की विफलता करार दिया। प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार और अपराध की स्थिति बेकाबू है, और 2025 में तेजस्वी यादव की सरकार बनने पर हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएग।
मनरेगा योजना के तहत नालंदा जिले के 134 गांव-टोलों में अत्याधुनिक खेल मैदानों का निर्माण किया जा रहा है। इस पहल से ग्रामीण युवाओं को बेहतर खेल सुविधाएं मिलेंगी, जो उनके खेल कौशल को निखारने में मददगार होंगी। पहले चरण में 56 स्थानों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जिसमें हर खेल मैदान के लिए 5 से 10 लाख रुपये का अनुमानित खर्च है। इन मैदानों में दौड़ने के ट्रैक, क्रिकेट पिच, फुटबॉल गोल पोस्ट, बैडमिंटन और वॉलीबॉल कोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कुछ जगहों पर मिनी स्टेडियम का निर्माण भी हो रहा है, जहां दर्शकों के बैठने की व्यवस्था होगी। मनरेगा के जिला परियोजना अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को खेल के क्षेत्र में शहरी सुविधाओं के बराबर मौके देना है। इससे युवाओं को खेल में निपुण बनने और सशस्त्र बलों की तैयारी करने में भी सहायता मिलेगी। कुलती, कोनंद, औंगारी, धुरगांव और कई अन्य गांवों में इस परियोजना का कार्य तेजी से चल रहा है। यह पहल न केवल खेल को बढ़ावा देगी बल्कि रोजगार सृजन में भी सहायक साबित होगी।
Sep 15 2024, 15:00
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