Swarup

Sep 15 2024, 13:02

आप व्हाट्सएप के नए फीचर को जरूर जान लें, अब सेलिब्रिटी की आवाज में कर सकेंगे चैट

डेस्क :– वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा बहुत जल्दी अपने इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप में टू-वे वॉयस चैट AI फीचर जोड़ने वाली है। वॉट्सऐप में इस फीचर के एडऑन होने के बाद यूजर्स को वॉयस चैट में एक अलग एक्सपीरियंस मिलेगा।

हाल में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार वॉट्सऐप का ये नया फीचर्स यूजर्स को सेलिब्रिटी की वॉइस यूज करने का मौका देगी। इस फीचर की बदौलत वॉट्सऐप पर यूजर्स को नया एक्सपीरियंस मिलेगा ।

मेटा AI वॉइस मोड

वॉट्सऐप फीचर ट्रैकर WABetaInfo की हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार मेटा के वॉयस चैट फीचर में AI वॉइस का ऑप्शन मिलेगा।साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वॉट्सऐप पर रोल आउट होने वाला ये फीचर फिलहाल एंड्रॉयड बीटा टेस्टर पर उपलब्ध है। जिसे जल्द ही OTA के जरिए यूजर्स तक पहुंचाया जाएगा।

WABetaInfo की रिपोर्ट के अनुसार वॉट्सऐप के AI वॉइस फीचर में यूजर्स को कई जानी-मानी हस्तियों की आवाज यूज करने के लिए मिलेगी। WABetaInfo के स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि मेटा AI वॉयस फ़ीचर अलग-अलग पिच, टोनलिटी और लहजे के साथ कई तरह की आवाज़ें पेश करेगा, जो एक कस्टमाइज़्ड इंटरैक्शन अनुभव प्रदान करेगा।

वॉट्सऐप में कैसी आवाज कर सकेंगे यूज

WABetaInfo के अनुसार वॉट्सऐप के AI वॉइस फीचर में यूजर्स को सिलेक्टिव सेलिब्रिटी की आवाज इस्तेमाल करने के लिए मिलेगी। इस फीचर में यूके और यूएस लहजे में भी वॉइस यूज करने का मौका मिलेगा। पिछले साल, मेटा ने मैसेंजर पर कस्टम AI चैटबॉट पेश किया था। जो सेलिब्रिटी के प्रोफाइल को दिखाता है।

इसके अलावा, इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म पर मेटा AI वॉयस मोड के लिए इंटरफ़ेस सीधा होने की उम्मीद है। सक्रिय होने पर, यूजर्स को नीचे की शीट पर “मेटा AI” प्रमुखता से दिखाई देगा और बीच में एक नीला रिंग आइकन होगा। वॉट्सऐप में इस फीचर के एडऑन होने के बाद मेटा AI चैटबॉट और पावरफुल होगा।

Swarup

Sep 15 2024, 12:41

बारिश में रेफ्रिजरेटर को किस मोड पर करना चाहिए यूज? जान लेंगे तो नहीं होगा नुकसान, वरना पैसों की बर्बादी तय

बारिश के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे आपके घरेलू उपकरणों, विशेष रूप से रेफ्रिजरेटर (फ्रिज), पर इसका असर पड़ सकता है. अगर आप कुछ खास बातों का ध्यान नहीं रखते, तो यह फ्रिज की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और बिजली की खपत भी बढ़ा सकता है। यहां कुछ ऐसी गलतियां बताई जा रही हैं जो बारिश के मौसम में फ्रिज इस्तेमाल करते समय नहीं करनी चाहिए, और साथ ही, रेफ्रिजरेटर को किस मोड पर सेट करना चाहिए।

फ्रिज के बैक साइड वेंट्स को बंद न करें

कई लोग बारिश में नमी से बचाने के लिए फ्रिज के पीछे लगे वेंट्स को बंद कर देते हैं। ऐसा करने से फ्रिज के कूलिंग सिस्टम पर असर पड़ सकता है और यह ओवरहीट हो सकता है। इसलिए, बैक साइड के वेंट्स को साफ और खुला रखें।

डिफ्रॉस्ट मोड में करें सेट

बारिश के मौसम में फ्रिज के अंदर नमी अधिक हो सकती है, जिससे फ्रिज के अंदर बर्फ जमने लगती है. इस स्थिति में, रेफ्रिजरेटर को डिफ्रॉस्ट मोड पर सेट करें। इससे फ्रिज के अंदर जमी हुई बर्फ पिघल जाएगी और उसकी कार्यक्षमता बेहतर हो जाएगी।

कूलिंग टेम्परेचर को कम करें

बारिश में मौसम ठंडा रहता है, इसलिए आपको अपने फ्रिज का कूलिंग टेम्परेचर थोड़ा कम (1-5 डिग्री सेल्सियस) सेट करना चाहिए। इससे बिजली की बचत होगी और फ्रिज सही तरीके से काम करेगा। कई रेफ्रिजरेटर में मॉइश्चर कंट्रोल फीचर होता है। इसे बारिश के मौसम में ऑन करें ताकि अंदर की नमी को नियंत्रित रखा जा सके और फ्रिज के अंदर के खाने-पीने की चीज़ें ज्यादा देर तक ताज़ा रहें।

ओवरलोडिंग न करें

फ्रिज को जरूरत से ज्यादा सामान से भरने से इसकी कूलिंग एफिशिएंसी कम हो जाती है। बारिश के मौसम में नमी और अधिक होती है, जिससे फ्रिज को कूलिंग करने में और मेहनत करनी पड़ती है। फ्रिज को ठीक से काम करने के लिए उसमें पर्याप्त जगह होनी चाहिए।

Swarup

Sep 15 2024, 11:52

बारिश में कारण घर के प्रिंटर में आ गया है मॉइश्चर, आईए जानते हैं इसे ठीक करने के ये हैं टिप्स

डेस्क :–अगर बारिश के कारण आपके प्रिंटर में नमी (मॉइस्चर) आ गई है, तो इससे प्रिंटर के अंदरूनी हिस्से जैसे सर्किट या पेपर फीडिंग मैकेनिज्म प्रभावित हो सकते हैं. इसे ठीक करने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स का पालन कर सकते हैं।

प्रिंटर को बंद करें और प्लग निकालें

सबसे पहले, सुरक्षा के लिए प्रिंटर को पूरी तरह से बंद कर दें और उसके प्लग को इलेक्ट्रिक आउटलेट से निकाल लें. इससे शॉर्ट सर्किट का खतरा नहीं रहेगा।

प्रिंटर को सूखे स्थान पर रखें

प्रिंटर को किसी सूखी और हवादार जगह पर रखें. अगर मौसम में नमी अधिक है, तो इसे एयर-कंडीशनिंग या डिह्यूमिडिफायर के पास रखें, ताकि वातावरण से नमी कम हो सके।

इलेक्ट्रिक ड्रायर या ब्लोअर का उपयोग करें

प्रिंटर के अंदर फंसी नमी को निकालने के लिए आप हेयर ड्रायर या इलेक्ट्रिक ब्लोअर का उपयोग कर सकते हैं। इसे कम गर्मी पर सेट करें और सावधानी से इस्तेमाल करें ताकि प्रिंटर के प्लास्टिक हिस्से को कोई नुकसान न हो।

अच्छी तरह से प्रिंटर को साफ करें

प्रिंटर के बाहरी हिस्सों को सूखे और मुलायम कपड़े से साफ करें. पेपर ट्रे, रोलर्स, और प्रिंटर के अंदर वाले हिस्से को भी हल्के हाथों से साफ करें ताकि नमी हट जाए।

सिलिका जेल का उपयोग करें

सिलिका जेल नमी सोखने में मदद करता है। आप इसे प्रिंटर के पास या अंदर रख सकते हैं. इसे प्रिंटर के कवर के पास रखकर कुछ घंटों तक छोड़ दें, ताकि अतिरिक्त नमी सोख ली जाए। नमी को पूरी तरह से हटाने के लिए प्रिंटर को एक-दो दिन तक बिना इस्तेमाल किए सूखे स्थान पर रखें।इससे अंदर की सारी नमी निकल जाएगी।

प्रिंटर को जांचें और टेस्ट करें

जब आपको लगे कि प्रिंटर पूरी तरह से सूख गया है, तो उसे फिर से ऑन करें और टेस्ट पेज प्रिंट करें। अगर कोई समस्या दिखाई दे रही हो तो सर्विस सेंटर पर जांच करवाएं।

अगर नमी अधिक हो और प्रिंटर में समस्या बनी रहे, तो किसी तकनीकी विशेषज्ञ से प्रिंटर की जांच करवाएं. हो सकता है कि सर्किट या अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचा हो, जिसे ठीक करना आवश्यक हो। इन टिप्स की मदद से आप अपने प्रिंटर को मॉइस्चर से बचा सकते हैं और उसे सामान्य स्थिति में ला सकते हैं।

Swarup

Sep 15 2024, 10:34

अगर आप भी नई कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो हम आज आप लोगों को पांच ऐसी गाड़ियों के बारे में बताएंगे जो सेफ्टी के मामले में बिल्कुल भी सेफ नही

नई गाड़ी खरीदने से पहले फीचर्स और माइलेज नहीं बल्कि गाड़ी की Safety Rating को जरूर चेक कर लेना चाहिए, क्योंकि सड़क हादसे में फीचर्स नहीं बल्कि गाड़ी की ‘लोहालाट’ मजबूती ही आपको बचा सकती है। अगर आप भी नई कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो हम आज आप लोगों को पांच ऐसी गाड़ियों के बारे में बताएंगे जो सेफ्टी के मामले में बिल्कुल भी सेफ नहीं है।

अनसेफ गाड़ियों की इस लिस्ट में Maruti Suzuki, Mahindra, Citroen और Honda जैसी कंपनियों की गाड़ियां शामिल हैं। आज जिन मॉडल्स के बारे में हम आप लोगों को जानकारी देने वाले हैं, इन सभी मॉडल्स की मजबूती चेक करने के लिए Global NCAP एजेंसी इन गाड़ियों की क्रैश टेस्टिंग कर चुकी है।

Maruti Suzuki Ignis Safety Rating

मारुति सुजुकी की ज्यादातर गाड़ियों को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्टिंग में बहुत ही बुरे नंबर मिले हैं और ये गाड़ी भी उन्हीं में से एक है। क्रैश टेस्टिंग के जब नतीजे सामने आए थे तो पता चला कि चाइल्ड सेफ्टी के मामले में इस हैचबैक को जीरो रेटिंग तो वहीं एडल्ट सेफ्टी में 1 स्टार रेटिंग मिली है Ignis Price की बात करें तो इस कार की कीमत 5.84 लाख (एक्स-शोरूम) से 8.06 लाख (एक्स-शोरूम) तक है।

Mahindra Bolero Neo Safety Rating

महिंद्रा की इस एसयूवी को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्टिंग में कुछ खास अच्छे नंबर नहीं मिले हैं ।एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी के मामले में इस एसयूवी को सिर्फ 1 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है। Bolero Neo Price की बात करें तो भारत में इस एसयूवी की कीमत 9.95 लाख (एक्स-शोरूम) से 12.15 लाख (एक्स-शोरूम) तक है।

Honda Amaze Safety Rating

होंडा की इस सेडान ने ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्टिंग में कुछ खास अच्छा परफॉर्म नहीं किया है। क्रैश टेस्टिंग के नतीजे सामने आए तो पता चला कि एडल्ट सेफ्टी के मामले में ये कार 2 स्टार रेटिंग तो वहीं चाइल्ड सेफ्टी के मामले में इस सेडान को जीरो स्टार रेटिंग मिली है। Amaze Price की बात करें तो भारतीय बाजार में इस गाड़ी की कीमत 7.19 लाख (एक्स-शोरूम) से 9.95 लाख (एक्स-शोरूम) तक है।

Citroen eC3 Safety Rating

सिट्रोन कंपनी की इस गाड़ी को क्रैश टेस्टिंग में बहुत ही बुरी रेटिंग मिली है। ग्लोबल NCAP ने जब इस गाड़ी की क्रैश टेस्टिंग की तो पता चला है कि एडल्ट सेफ्टी के मामले में ये कार फिसड्डी निकली क्योंकि इस कार को ग्लोबल NCAP की तरफ से जीरो रेटिंग दी गई है। वहीं, चाइल्ड सेफ्टी मामले में इस कार को 1 स्टार रेटिंग दी गई है। Citroen eC3 Price की बात करें तो इस गाड़ी के इलेक्ट्रिक अवतार की कीमत 12 लाख 76 हजार रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू होती है।

Maruti Suzuki WagonR Safety Rating

मारुति सुजुकी की इस हैचबैक के क्रैश टेस्टिंग नतीजे काफी चौंका देने वाले हैं. ग्लोबल NCAP की ऑफिशियल साइट के मुताबिक, क्रैश टेस्टिंग में इस गाड़ी को चाइल्ड सेफ्टी में जीरो स्टार सेफ्टी रेटिंग तो वहीं एडल्ट सेफ्टी के मामले में 1 स्टार रेटिंग मिली है।

Swarup

Sep 15 2024, 09:27

ग्लोबल टेक कंपनी डायसन इंडियन यूजर्स के लिए DJ जैसा साउंड देने वाला हेडफोन लॉन्च करने जा रही है

डेस्क : – डायसन OnTrac हेडफोन जल्द ही इंडिया में पेश किया जाने वाला है, कंपनी ने इसके लिए मशहूर रैपर बादशाह को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है। डायसन के इस हेडफोन की कुछ डिटेल्स लॉन्चिग से पहले सामने आई हैं, जिनके बारे में हम यहां बता रहे हैं।

कैसा होगा डायसन OnTrac हेडफोन

अगर आप डायसन के हेडफोन को लॉन्चिग से हपले एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो इसे आप डायसन के स्टोर पर देख सकते हैं। इसके साथ ही अगर आप OnTrac हेडफोन को खरीदने की सोच रहे हैं तो इसे डायसन की वेबसाइट पर प्री-बुक कर सकते हैं।

OnTrac हेडफोन के फीचर्स

डायसन ऑनट्रैक हेडफोन के फीचर की बात करें तो ये बेहतरीन नॉइस कैंसिलेशन और बेहतर साउंड रेंज के साथ आते हैं । ये हेडफोन हर ऑडियो नोट को बेहद सटीकता से कैप्चर करते हुए एकदम साफ ऑडियो सुनिश्चित करते हैं। ये ओवर-ईयर हेडफोन ऑडियोफाइल्स और रोजमर्रा के उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए हैं, जो बेजोड़ आराम और एक कस्टमाइज करने के लायक डिज़ाइन देते हैं । ईयर कुशन और बाहरी कैप के लिए 2,000 से अधिक कलर कॉम्बिनेशन मिलेंगे

OnTrac हेडफोन के स्पेसिफिकेशन

डायसन के ये हेडफोन एक बार चार्ज करने पर ANC के साथ भी दो हफ्ते तक गहरे सब-बास और क्लीयर हाई देने का वादा करते हैं। डायसन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा, ‘ डायसन की ऑडियो श्रेणी और इंडस्ट्री दोनों में बड़े बदलाव लाने की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। इस साल की शुरुआत में पेश किए गए डायसन ऑनट्रैक हेडफोन से साबित होता है।पूरे भारत में डायसन ऑनट्रैक हेडफोन के लॉन्च का जश्न मनाने के लिए, हमें अपने पहले डायसन ऑनट्रैक हेडफोन एंबेसडर, बादशाह की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है।

Swarup

Sep 14 2024, 15:32

अब GPS से होगी टोल वसूली, नए नियम आज से, फास्टैग भी चलता रहेगा

डेस्क :– राष्ट्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय ने देश में GPS सिस्टम से टोल टैक्स की वसूली शुरू कर दी है। फिलहाल ये हाइब्रिड मोड पर केवल हरियाणा के पानीपत-हिसार नेशनल हाईवे 709 पर चालू है। आपको बता दें GPS टोल टैक्स में अगर आपकी गाड़ी नेशनल हाईवे पर पहुंचती है तो आप बिना पैसे के केवल 20 किमी तक का ही सफर कर सकते हैं।

क्या है GPS टोल टैक्स?

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस सिस्टम को ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) नाम दिया गया है। ये सिस्टम नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स ‘पे एज यू यूज’ बेसिस की तर्ज पर टैक्स वसूलेगा। इस टोल सिस्टम में आपकी GNSS से लैस गाड़ी केवल 20 किमी तक फ्री में चल सकेगी जैसे ही आपकी गाड़ी 20 किमी का सफर पूरा करेगी वैसे ही टोल टैक्स लगना शुरू हो जाएगा।

GNSS टोल सिस्टम के फायदे

ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम में आपको उतना ही टोल टैक्स देना होगा, जितनी आपकी गाड़ी नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे पर दौड़ेगी। इसके अलावा इस सिस्टम की बदौलत आपकी गाड़ी की रियल टाइम लोकेशन भी पता चलेगी।वहीं टोल टैक्स बूथ पर लगने वाले जाम से राहत मिलेगी।

GNSS टोल सिस्टम के नुकसान

ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम में जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं। GNSS टोल सिस्टम में टनल और घाट सेक्शन में सिग्नल में दिक्कत आएगी। ये सिस्टम पूरी तरह सैटेलाइट सिग्नल पर निर्भर होगा। ऐसे में खराब मौसम में दिक्कत आ सकती है।इसके साथ ही GNSS गाड़ी के मूवमेंट को ट्रैक करेगा जिससे प्राइवेसी की चिंता रहेगी।

फास्टैग अभी करेगा काम

GNSS टोल सिस्टम फिलहाल ट्रायल बेस्ड पर शुरू किया गया है। ऐसे में अभी फास्टैग के जरिए ही टोल टैक्स की वसूली कीजाएगी। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपनेआप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है।

Swarup

Sep 14 2024, 13:15

आइए जानते हैं कि बुजुर्ग अपना आयुष्मान कार्ड किस तरह से बनवा सकते हैं

डेस्क: – केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का दायरा बढ़ा दिया है। अब बुजुर्गों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। 70 साल और इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। भले ही वह किसी भी इनकम ग्रुप के हो। आयुष्मान कार्ड से बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक की सीमा में देश के किसी भी अस्पताल में बीमारियों का इलाज निशुल्क मिलेगा। आयुष्मान योजना के लाभ लेने के लिए आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने का तरीका भी सरकार ने बताया है ।आइए इस बारे में जानते हैं।

केंद्र सरकार के मुताबिक, आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए बुजुर्गों को किसी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पडेंगे। सिर्फ कुछ जरूरी कागजों की जरूरत होगी और मोबाइल एप से ही कार्ड बन जाएगा। एक सप्ताह में इसको लेकर सरकार आदेश भी जारी कर देगी। इसको लेकर सरकार एक कम्पैन भी लॉंच करने जा रही है। आधार कार्ड की मदद से बुजुर्ग मोबाइल एप के जरिए आयुष्मान कार्ड बनवा सकेंगे। इस कार्ड के बनने के बाद वह कई तरह की गंभीर बीमारियों का भी अस्पताल में निशुल्क इलाज करा पाएंगे। अभी तक आयुष्मान भारत योजना पर सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 30 जून 2024 तक देश के 34.7 करोड़ लोग आयुष्मान कार्ड बनवा चुके हैं।

बुजुर्गों का नया कार्ड बनेगा

केंद्र सरकार ने कहा कि अगर किसी परिवार का कोई सदस्य आयुष्मान भारत योजना का लाभ ले रहा है और उस परिवार में कोई बुजुर्ग है तो अब बुजुर्ग का नया कार्ड अलग बनेगा। इसके लिए पंजीकरण भी नए सिरे से कराना होगा। कार्ड बनने के बाद बुजुर्ग किसी भी अस्पताल में 5 लाख तक का इलाज निशुल्क करा सकेंगे। केंद्र सरकार ने यह भी कहा है की 70 साल या इससे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग जो केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, तो वे भी आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने का विकल्प चुन सकते हैं. अगर किसी की उम्र 70 साल या इससे अधिक है और उन्होंने प्राइवेट हेल्थ बीमा करा रखा है तो भी इस योजना के तहत पंजीकरण करा सकते हैं।

टोल-फ्री नंबर पर मिल जाएगी जानकारी

आयुष्मान कार्ड से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिएटोल-फ्री नंबर 14555 पर कॉल कर सकते हैं. इससे सारी जानकारी मिल जाएगी की कार्ड बनवाने के लिए क्या जरूरी कागज चाहिए और किन अस्पतालों में यह सुविधा मिल जाएगी।

इन राज्यों ने लागू नहीं की आयुष्मान योजना

दिल्ली ओडिशा और पश्चिम बंगाल में फिलहाल आयुष्मान योजना नहीं है । इन राज्य सरकारों ने इस योजना को नहीं लागू किया है। फ़िलहाल दिल्ली उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में बुजुर्गों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

Swarup

Sep 14 2024, 12:35

श्रमिक संघों की सहमति के बिना अडानी समूह को केन्या हवाई अड्डे का पट्टा नहीं मिलेगा

एसबी न्यूज़ ब्यूरो: केन्या के मुख्य हवाई अड्डे को भारत के अडानी समूह को 30 साल के लिए पट्टे पर देने के प्रस्ताव के खिलाफ हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने पिछले बुधवार को पूरे दिन विरोध प्रदर्शन किया। यूनियन नेताओं के साथ बातचीत के आधार पर हवाई अड्डे को अडानी समूह को पट्टे पर दिए जाने के आश्वासन के बाद श्रमिकों ने प्रदर्शन बंद किया।

केन्या की राजधानी नैरोबी में जोमो केन्याटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (जेकेआईए) के कर्मचारियों ने मंगलवार आधी रात को विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। अगले दिन बुधवार को पूरे दिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा. श्रमिकों की मांग है कि हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 1.85 अरब डॉलर के निवेश के बदले जेकेआईए को 30 साल के लिए अडानी समूह को पट्टे पर नहीं दिया जा सकता है। क्योंकि स्थानीय कर्मचारियों की छँटनी हो सकती है।

विरोध प्रदर्शन वापस लेने के संबंध मेंकेन्या सेंट्रल ऑर्गनाइजेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स के महासचिव फ्रांसिस एटोली ने कहा कि सरकार और केन्या एविएशन वर्कर्स यूनियन 10 दिनों के भीतर अदानी समूह के प्रस्ताव दस्तावेजों की समीक्षा करने पर सहमत हुए हैं। अडानी के साथ अनुबंध पर काम आगे बढ़ाने के लिए श्रमिक संघ की सहमति आवश्यक है।

श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन के कारण मंगलवार रात से बुधवार के बीच केन्या के मुख्य हवाई अड्डे पर सैकड़ों यात्री फंसे रहे।उड़ान रद्दीकरण और देरी. बाद में, केन्या के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने कहा कि हवाई यातायात पूरी क्षमता पर फिर से शुरू हो गया है। लेकिन ऐसी शिकायतें थीं कि यात्रियों को बदली हुई उड़ान के बारे में जानकारी पाने के लिए टर्मिनल के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ा।

पिक सौजन्य: रॉयटर्स

Swarup

Sep 14 2024, 12:20

आखिर 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाते क्यों हैं?1949 का क्या था वो समझौता

डेस्क :– हिन्दी आज मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए भले ही देश भर की संपर्क भाषा बन चुकी है। संविधान के अनुसार यह राजभाषा तो है ही पर इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की मांग भी लंबे समय से चली आ रही है। हर साल 14 सितंबर को देश भर में हिन्दी दिवस मनाया जाता है। शिक्षण संस्थानों से लेकर सरकारी-निजी कार्यालयों में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं । इसके साथ ही हिन्दी के विकास में योगदान की इतिश्री मान ली जाती है। सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाते क्यों हैं? आखिर साल 1949 में इस दिन ऐसा क्या समझौता हुआ था, जिससे हिन्दी राजभाषा बनी और भविष्य में इसके विकास की क्या योजना थी? आइए जानने की कोशिश करते हैं।

बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली समिति जब संविधान के स्वरूप पर मंथन कर रही थी तो भाषा से जुड़ा कानून बनाने की जिम्मेदारी अलग-अलग भाषा वाले पृष्ठभूमि से आए दो विद्वानों को दी गई थी। इनमें एक थे तत्कालीन बॉम्बे सरकार में गृह मंत्री रह चुके कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी, जिन्हें लेखकीय घनश्याम व्यास नाम से भी जाना जाता है। दूसरे विद्वान थे तमिलभाषी नरसिम्हा गोपालस्वामी आयंगर। आयंगर इंडियन सिविल सर्विस में अफसर रह चुके थे और साल 1937 से 1943 के दौरान जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री भी थे।

राष्ट्रभाषा के स्थान पर राजभाषा का मिला दर्जा

इन दोनों की अगुवाई में तीन साल तक हिन्दी के पक्ष-विपक्ष में यह गहन वाद-विवाद हुआ कि आखिर भारत की राष्ट्रभाषा का स्वरूप क्या होगा। आखिरकार एक फॉर्मूले पर मुहर लगी, जिसे मुंशी-आयंगर फॉर्मूला कहा जाता है। इसके अनुसार भाषा को लेकर भारतीय संविधान में कानून बना, जिसमें हिन्दी को राष्ट्रभाषा के स्थान पर राजभाषा का दर्जा दिया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 से लेकर 351 तक में इस कानून को 14 सितंबर 1949 को अंगीकार किया गया. इसीलिए 14 सितंबर को हर साल हिन्दी दिवस मनाया जाता है।

हिन्दी पर क्या कहता है संविधान?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के शुरू में कहा गया है कि संघ (भारत संघ) की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इसके आगे और बाद के आठ अनुच्छेदों में यह स्पष्ट किया गया है कि हिन्दी भारत की राजभाषा होगी। हालांकि, सभी आधिकारिक काम अंग्रेजी में किए जाते रहेंगे। उस वक्य यह व्यवस्था केवल 15 सालों के लिए बनाई गई थी, कुछ उसी तरह से जैसे संविधान में आरक्षण की व्यवस्था केवल 10 साल के लिए की गई थी। इन 15 सालों के दौरान यह भी प्रयास किया जाना था कि धीरे-धीरे पूरे देश में हिन्दी को सरकारी कामकाज की भाषा चरणबद्ध तरीके से बनाया जाए। हालांकि, ये 15 साल बीतने के बाद क्या होगा, इस पर कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया।

इसलिए हिन्दी को नहीं मिल पाया राष्ट्रभाषा का दर्जा

इतना जरूर था कि भविष्य में इस मुद्दे की जांच के लिए एक संसदीय समिति बनाने का फैसला किया गया था। इसके साथ ही भारतीय संविधान में 14 अन्य भाषाओं को मान्यता दी गई थी। वह समय भी आया, जब 15 साल बीत गए पर केंद्र सरकार के कामकाज में हिन्दी का वर्चस्व नहीं बन पाया। ज्यादातर कामकाज अंग्रेजी में ही होता रहा. राज्यों में भाषा के आधार पर राजनीति होती रही और जब-जब हिन्दी का मुद्दा उठा, गैर हिन्दी भाषी राज्यों में इसका विरोध होने लगता। राजनीतिक रूप से प्रतिबद्धता न होने के कारण हिन्दी आज भी राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई। हालांकि, सोशल मीडिया, मीडिया, फिल्मों और विज्ञापनों के जरिए आज हिन्दी देश भर में कम से कम समझी तो जाती ही है।

2011 में इतने लोगों की मातृभाषा थी हिन्दी

वास्तव में हिन्दी वैज्ञानिक रूप से जितनी समृद्ध है, उतनी ही प्रासंगिक भी. हिन्दी में जो बोला जाता है, वही लिखा जाता है और वही पढ़ा जाता है। इसमें किसी भी तरह का कोई अपवाद नहीं है। ऐसे में यह दिनोंदिन आम जनमानस के बीच अपनी पैठ बढ़ाती जा रही है। नए-नए शब्दों को हिन्दी में स्थान मिल रहा है। संचार माध्यमों के विकास के साथ इसकी पकड़ और मजबूत हुई है और साल 2011 की जनगणना में बताया गया था कि देश की कुल आबादी में से 43.63 फीसद लोगों की मातृभाषा हिन्दी है। इसके बाद बांग्ला और मराठी भाषा को स्थान दिया गया है।

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा हिन्दी भाषी प्रदेश है। फिर हिन्दी बोलने वालों की संख्या के आधार पर बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा को जगह मिलती है । यही नहीं, कई दूसरे देशों में भी हिन्दी बोलने, लिखने, पढ़ने और समझने वालों की अच्छी-खासी संख्या है। मॉरिशस, गयाना, सुरीनाम, फिजी, त्रिनिदाद टोबैगो और नेपाल जैसे देश तो ऐसे हैं, जहां हिन्दी बोलने और समझने वालों की बड़ी आबादी है।

Swarup

Sep 14 2024, 10:43

घटती जन्म दर, चीन ने बढ़ाई सेवानिवृत्ति की उम्र

विश्व समाचार

एसबी न्यूज ब्यूरो: एक वैश्विक समाचार एजेंसी के अनुसार, चीनी सरकार ने अपने नागरिकों की सेवानिवृत्ति की आयु को धीरे-धीरे बढ़ाने का फैसला किया है। यह जानकारी देश की सरकार ने शुक्रवार को दी।

सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दशकों में चीन में बुजुर्ग आबादी की दर बढ़ने वाली है। लेकिन उसकी तुलना में युवाओं की संख्या कम हो जायेगी ।मूलतः वैसा हीइन परिस्थितियों में, चीन श्रमिकों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने पर विचार कर रहा है।

चीन की सरकारी मीडिया शिन्हुआ ने बताया कि नए फैसले के मुताबिक, पुरुष कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र धीरे-धीरे 60 साल से बढ़ाकर 63 साल कर दी जाएगी। वर्तमान में महिलाओं के लिए सेवानिवृत्ति की दो आयु सीमाएं हैं, 50 और 55 वर्ष। नये फैसले के मुताबिक यह क्रमश: 55 और 58 साल होगी। 2025 से अगले 15 वर्षों में विभिन्न स्तरों परइस फैसले को चरण दर चरण लागू किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, 2023 से लगातार दो साल से चीन की जनसंख्या में गिरावट आ रही है।

देश के नीति-निर्माताओं का मानना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो यह देश के लिए हानिकारक होगा। इससे वहां की अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य क्षेत्र और सामाजिक कल्याण प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। चीन में पिछले कुछ दशकों में सेवानिवृत्ति की आयु नहीं बढ़ाई गई है। ऐसा कहा जाता है कि यह दुनिया में सबसे कम सेवानिवृत्ति की आयु हैदेश में है

ऐसे में औसत जीवन प्रत्याशा, नागरिकों की स्वास्थ्य क्षमता, जनसंख्या संरचना, शैक्षिक योग्यता और श्रम बल आपूर्ति का मूल्यांकन करके नया निर्णय लिया गया है। इस संबंध में बीजिंग में इंटरनेशनल बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स के श्रम अर्थशास्त्री लाई चांगगन ने कहा कि, उनकी राय में, कई लोग इस तरह की घोषणा के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले के पीछे जनसांख्यिकीय बदलाव मुख्य कारण है.

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