जिले में गणेश उत्सव की धूम, नगर व गांव क्षेत्र में लगाया गया पंडाल
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत महत्व है. इस विशेष पर्व को भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रुप में मनाया जाता है. ज्ञान और बुद्धि के देवता श्री गणेश के लिए भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था. लेकिन इस पर्व को अगले 10 दिनों तक मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि वेदव्यास जी ने भगवान गणेश से महाभारत ग्रंथ लिखने की प्रार्थना की. भगवान गणेश ने बिना रुके 10 दिनों तक महाभारत लिखी. इस दौरान एक ही स्थान पर लगातार लेखन करने के कारण गणेश जी के शरीर पर धूल और मिट्टी जम गई और 10वें दिन गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान करके शरीर पर जमी धूल और मिट्टी को साफ किया, तभी से गणेश उत्सव के 10 वें दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।एक और मान्यता के मुताबिक इन 10 दिनों में भगवान गणेश पृथ्वी पर यात्रा करते हैं, जहां उनके भक्त उनका स्वागत करते हैं और उन्हें अपने घर में आमंत्रित करते हैं।
इस दौरान घरों में और सावर्जनिक स्थानों पर उनकी प्रतिमा की स्थापना की जाती है. दसवें दिन यानि अंनत चतुर्दशी के दिन इस पर्व का समापन होता है। गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है और उन्हें भक्त विदाई देते हैं और अगले साल आने के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। भगवान श्री गणेश जी का जन्म मां पार्वती के शरीर की मैल से हुआ था।
उन्होंने मूर्ति में प्राण फूंक दिए और गणेश को अपने कक्ष की रखवाली करने का काम सौंपा था. जब देवी पार्वती के पति भगवान शिव ने कक्ष में प्रवेश करने का प्रयास किया, तो शिव की पहचान से अनजान गणेश ने उनका रास्ता रोक दिया. भगवान शिव ने क्रोधित होकरगणेश का सिर काट दिया, दुःखी मां ने शिव जी से पुत्र को जीवित करने की विनती की, शिव जी ने गणेश जी के सिर की जगह हाथी का सिर लगा दिया और उन्हें नया जीवन मिला। गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर विघ्नहर्ता श्री गणेश पंडालों और घरों में विराजमान हो गए हैं। प्रथम पृज्य विघ्नहर्ता सुखकर्ता श्री गणेश की पूजा की जा रही है।
शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक ढोल तासा के साथ गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया के जयघोष के बीच गणपति पंडालों में विराजमान हो गए हैं। पूरे जिले में गणेश उत्सव का उल्लास दिख रहा है। गणेश चतुर्थी पर लोग सुख समृद्धि के लिए लिए भगवान श्री गणेश का पूजन अर्चन कर मंगल की कामना कर रहे हैं। गणेश मंदिरों पर सुबह से ही दर्शन पूजन को लेकर श्रद्धालुओं की कतार लग रही है। विभिन्न स्थानों पर बनाए गए पूजन पंडाल में गणेश जी की मूर्ति स्थापित की गई है।
बाबा हरिहरनाथ मंदिर, श्री गणपति पूजनोत्सव सीमित बाबा बूढेंनाथ मंदिर ज्ञानपुर,श्री गणेश उत्सव मंडल सदर मोहाल गोपीगंज,श्री गणेश उत्सव मंडल पश्चिमी मोहाल गोपीगंज भव्य पंडाल सजाया गया है।
Sep 10 2024, 17:36