चीन की ये कैसी चाल? बांधे बांग्लादेश के जमात-ए-इस्लामी के तारीफों के पुल, कहा-सुव्यवस्थित पार्टी
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बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद नई सरकार में भारत के खिलाफ साजिश रचने का खेल शुरू हो गया है। एक तरफ देश की अंतरिम सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनो पर बैन हटा दिया है, दूसरी ओर अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बंगला टीम (एबीटी) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को रिहा कर दिया है। इस बीच बांग्लादेश में चीनी राजदूत याओ वेन ने जमात-ए-इस्लामी को सुव्यवस्थित राजनीतिक पार्टी बताया है।
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चीनी राजदूत ने सोमवार को ढाका में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में जमात के अमीर डॉ. शफीकुर रहमान के साथ बैठक की। जमात के अमीर से मुलाकात के बाद चीनी राजदूत ने बांग्लादेश की तारीफ करते हुए कहा कि यह एक खूबसूरत देश है और जमात-ए-इस्लामी को एक सुव्यवस्थित संगठन बताया। उन्होंने कहा कि चीन बांग्लादेश के लोगों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है और बांग्लादेश के विकास, प्रगति और समृद्धि के लिए काम करना जारी रखेगा।
बता दें कि जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में भारत का विरोध करती है, इस पर शेख हसीना सरकार ने बैन लगा दिया था, लेकिन मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इस प्रतिबंध को हटा दिया। अब चीन बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों से दोस्ती कर रहा है। यह पूरा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता की बात है, क्योंकि जमात-ए-इस्लामी पार्टी भी बांग्लादेश में भारत के प्रभाव से चिढ़ती रही है।
चीन के समर्थन से अगर यह पार्टी सत्ता में आती है तो बांग्लादेश में एक ऐसी सरकार बनेगी, जो भारत के साथ आतंकवाद, सीमा सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के मुद्दे के खिलाफ रहे। नई सरकार में चीन बांग्लादेश में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रॉजेक्ट को गति दे सकता है, ताकि भारत का प्रभाव कम हो सके।






जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का बुधवार से स्टार प्रचार शुरू हो गया। पार्टी ने पहले चरण में नेता प्रतिपक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को उतारा है।लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज यानी बुधवार को रामबन और अनंतनाग जिलों में दो जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं।
राजनीति में मुलाकातों के बड़े मायने होते हैं। ये मुलाकात तब और खास हो जाते हैं, जब चुनावी खेल होने हो। हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। राहुल से मिलने के बाद वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिले। इस मुलाकात के बाद दोनों पहलवानों के चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं। यही नहीं, खबरें ये भी मिल रही हैं कि कांग्रेस, बजरंग पूनिया को बादली और विनेश फोगाट को जुलाना से चुनावी मैदान में उतारने जा रही है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक साथ चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। इसके लिए दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता शीघ्र ही मुलाकात कर गठबंधन की संभावनाएं तलाश सकते हैं। कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए एक कमेटी भी बनाई है, जो की आम आदमी पार्टी से गठबंधन की संभावनाओं को लेकर चर्चा करेगी। अहम बात यह कि हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा ने प्रदेश में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन अब गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी से मीटिंग का दौर चल रहा है। ऐसे में सवाल है कि कांग्रेस के सामने राजनीतिक मजबूरी है या खास रणनीति के तहत गठबंधन चाहती है? हरियाणा में अब तक एकला चलो की नीति पर काम कर रही कांग्रेस ने अचानक आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन का फैसला किया है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राहुल गांधी ने आप से गठबंधन करने पर पार्टी नेताओं से राय मांगी है. इसके बाद से पार्टी नेता गठबंधन का फॉर्मूला तलाशने में जुट गए हैं, जिसमें लिए स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा शामिल हैं। *वोटों का बंटवारा रोकने की कवायद* अब सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन मजबूरी है? दरअसल, कांग्रेस इस बात से फिक्रमंद है कि इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) -बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) गठबंधन और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी)-आज़ाद समाज पार्टी के बीच गठबंधन से कांग्रेस को मिलने वाले दलित वोटों में सेंध लग सकती है. आखिरकार इसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ सकता है। लिहाजा कांग्रेस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसलिए कांग्रेस वोटों का बंटवारा रोकने के लिए आप से भी डील करने पर विचार कर रही है। *भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी वोट बंट जाने का डर* आम आदमी पार्टी की अभी दिल्ली और पंजाब में सरकार है और अब पार्टी की नजर हरियाणा पर है। बताया जा रहा है कि कुरुक्षेत्र सहित पंजाब से सटे जिलों में आम आदमी पार्टी का प्रभाव हो सकता है। अभी आप सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है। अगर पार्टी ऐसा करती है तो भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी वोट बंट जाएंगे, जो कांग्रेस के साथ आप के लिए नुकसानदेह है। इसके साथ ही इंडिया गठबंधन पर भी असर पड़ेगा। *विपक्षी एकता का संदेश देने की कोशिश* एक वजह ये भी बताई जा रही है कि राहुल गांधी विपक्षी एकता को जिंदा रखना चाहते हैं। वो ये मैसेज देना चाहते हैं कि विपक्ष पूरी तरह से एकजुट है। *कांग्रेस और आप, दोनों को फायदा?* हरियाणा में यदि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गंठबंधन होगा तो कुछ हद तक दोनों ही पार्टियो को फायदा होगा। कांग्रेस पांच सीटें आम आदमी पार्टी को देना चाहती है, ताकि नॉन जाट वोट भी कांग्रेस को मिल सके। वहीं, आम आदमी पार्टी 10 सीटें मांग रही है, लेकिन यदि उसका एक भी प्रत्याशी जीत हासिल करता है तो आम आदमी पार्टी के लिए फायदे का सौदा होगा और हरियाणा में भी उसकी एंट्री हो जाएगी। इसके अलावा, यदि पार्टी कोई भी सीट जीतती भी नहीं है तो गठबंधन में चुनाव लड़ने से उसका वोट शेयर बढ़ जाएगा, जिसका उसे सियासी तौर पर लाभ मिलेगा।

Sep 04 2024, 16:29
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