बंगाल विधानसभा में दुष्कर्म-विरोधी विधेयक पेश, ममता बनर्जी ने अपराजिता विधेयक को बताया एतिहासिक
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में महिला सुरक्षा पर एक बिल पेश किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर एंटी रेप बिल (अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024) पेश किया। जिसके बाद सभा में इस बिल पर चर्चा शुरू हुई। सीएम ममता ने इस बिल को ऐतिहासिक बताया।इसके जरिए दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है।साथ ही इसमें दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के दोषी को बिना जमानत के आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान भी किया गया है।
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क्या बोलीं ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा, "43 साल पहले इसी दिन 1981 में, संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए 'महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन' के लिए एक समिति बनाई थी। मैं नागरिक समाजों से लेकर छात्रों तक सभी का अभिनंदन करती हूं, जो महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं।" सीएम ममता बनर्जी ने आगे कहा, "डॉक्टर की मौत 9 अगस्त को हुई। मैंने मृतक डॉक्टर के माता-पिता से उसी दिन बात की जिस दिन घटना हुई। उनके घर जाने से पहले उन्हें सारा ऑडियो, वीडियो, CCTV फुटेज सब कुछ दिया गया ताकि उन्हें सब पता चल सके। मैंने उनसे साफ कहा कि मुझे रविवार तक का समय दें, अगर हम तब तक सभी को गिरफ्तार नहीं कर पाए तो मैं खुद सोमवार को इसे CBI को सौंप दूंगी। पुलिस ने 12 घंटे में मुख्य आरोपी को पकड़ लिया, मैंने पुलिस से कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में जाएं और फांसी की सजा के लिए आवेदन करें, लेकिन मामला CBI को दे दिया गया। अब हम CBI से न्याय की मांग कर रहे हैं। हम शुरू से ही फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं।"
कोलकाता की घटना के बाद कानून को मजबूत करने की उठी है मांग
बंगाल सरकार के इस विधेयक 'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024' का उद्देश्य दुष्कर्म और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को संशोधित करके महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा को मजबूत करना है। बीते महीने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर जारी हंगामा अभी तक थमा नहीं है। राज्य में महिला सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग हो रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने सोमवार से विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का एलान किया था। इस विशेष सत्र में राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक द्वारा मंगलवार को दुष्कर्म-विरोधी विधेयक पेश किया।
बीजेपी ने किया बिल का समर्थन
ममता सरकार के इस बिल का विपक्षी पार्टी बीजेपी ने समर्थन कर दिया है. विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा में कहा, बीजेपी पूरी तरह से अपराजिता बिल का समर्थन करती है। हम चाहते हैं यह कानून जल्द ही लागू हो. यह आपकी(राज्य सरकार) जिम्मेदारी है। बीजेपी ने कहा, हम इस कानून के लागू होने के बाद राज्य में इसका नतीजा चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। हम आपका पूरा समर्थन करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा, आपको यह गारंटी देनी होगी कि यह विधेयक तुरंत लागू होगा।
अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक क्या है खास?
पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश हुए अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक बिल की तीन प्रमुख बाते हैं, जो दुष्कर्म के दोषियों को कड़ी सजा देने का प्रावधान कर रही हैं।
• किसी महिला का दुष्कर्म करने के बाद अगर उसकी हत्या कर दी जाती है तो ऐसा करने वाले दोषी को मृत्युदंड दिया जाएगा।
• किसी महिला के साथ दुष्कर्म किया गया तो इस अपराध को अंजाम देने वाले दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी।
• किसी नाबालिग के साथ दुष्कर्म होता है तो उसके आपराधिक दोषी को 20 साल की कैद और मौत की सजा दोनों का प्रावधान है।
इस बिल की ये तीन बड़ी बातें हैं, जिसे केंद्र सरकार के कानून में संशोधन के बाद पेश किया गया है। केंद्र सरकार का दुष्कर्म को लेकर जो कानून है, उसमें पूरी तरह से बदलाव नहीं किया जाएगा। मगर इस नए कानून के जरिए 21 दिनों में न्याय सुनिश्चित होगा। अगर 21 दिनों में फैसला नहीं आ पाता है तो पुलिस अधीक्षक की इजाजत से 15 दिन और मिल जाएंगे। यह समवर्ती सूची में है और हर राज्य को संशोधन करने का अधिकार है।
अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा बिल
विधानसभा से बिल पास होने के बाद राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जिनके हस्ताक्षर के बाद ये कानून का रूप लेगा। राज्य का कानून राज्यपाल की मंजूरी से ही बनता है। अगर राज्यपाल की राय इस बिल को कानून में तब्दील करने को लेकर नहीं बन पाती है तो वह इसे राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। हालांकि, राज्यपाल से मंजूरी लेना ही इसे राज्य में कानून बनाने के लिए पर्याप्त है।







भारतीय तटरक्षक बल के एक हेलीकॉप्टर को समुद्र में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी है।इस घटना में हेलीकॉप्टर पर सवार चार लोगों में तीन लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है। वहीं क्रू के एक सदस्य को बचा लिया गया है। तटरक्षक बल ने जानकारी दी है कि 02 सितम्बर 2024 को रात 11 बजे गुजरात के पोरबंदर में मोटर टैंकर हरि लीला से एक घायल चालक दल के सदस्य को निकालने के लिए एएलएच हेलीकॉप्टर को भेजा गया था। यह कार्रवाई गुजरात के पोरबंदर तट से करीब 45 किलोमीटर दूर की गई। तटरक्षक बल ने बताया कि मोटर टैंकर हरि लीला के मालिक के अनुरोध पर यह कार्रवाई की गई थी। तटरक्षक बल के दल में चार लोग सवार थे। कथित तौर पर अभियान के दौरान हेलीकॉप्टर को अरब सागर में ही आपात लैंडिंग करनी पड़ी। इंडियान कोस्ट गार्ड ने ट्वीट कर के जानकारी दी है कि यह घटना तब हुई जब हेलीकॉप्टर निकासी के लिए जहाज के पास आ रहा था। आपातकालीन लैंडिंग करने वाले हेलीकॉप्टर के चालक दल के एक सदस्य को खोज लिया गया है। वहीं, 3 अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर का मलबा मिल गया है। इंडियान कोस्ट गार्ड ने बचाव अभियान के लिए 04 जहाज और 02 विमान तैनात किए हैं।
बीजेपी का सदस्यता अभियान सोमवार को से शुरू हो गया। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदस्यता दिलाई। पीएम नरेंद्र मोदी ने मिस्ड कॉल के जरिए बीजेपी की सदस्यता ली। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह समेत पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने सदस्यता ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि बीजेपी अपने संविधान के आधार पर चलती है। पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज सदस्यता अभियान का एक और दौर शुरू हो रहा है। भारतीय जनसंघ से लेकर अब तक हमने देश में एक नई राजनीतिक संस्कृति लाने का भरसक प्रयास किया है। जब तक जिस संगठन के माध्यम से या जिस राजनीतिक दल के माध्यम से देश की जनता सत्ता सुपुर्द करती है, वो ईकाई, वो संगठन और वो दल अगर लोकतांत्रिक मूल्यों को नहीं जीता है, आंतरिक लोकतंत्र निरंतर उसमें पनपता नहीं है तो वैसी स्थिति बनती है जो आज देश कई दलों को हम देख रहे हैं। *भाजपा एकमात्र पार्टी,जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन करती है-पीएम मोदी* प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो अपनी पार्टी के संविधान अनुसार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए अपने कार्यों का विस्तार कर रही है और जन-सामान्य की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए अपने आप को निरंतर योग्य बनाती रहती है। मोदी ने कहा, मैं जब राजनीति में नहीं था, तो जनसंघ के जमाने में बड़े उत्साह के साथ कार्यकर्ता दीवारों पर पेंट करते थे, तो कई राजनीतिक दल के नेता अपने भाषण में मजाक उड़ाते थे कि दीवारों पर पेंट करने से सत्ता के गलियारों तक नहीं पहुंचा जा सकता है। हम वो लोग हैं, जिन्होंने दीवारों पर कमल पेंट किया, क्योंकि भरोसा था कि दीवारों पर पेंट किया गया कमल...कभी न कभी तो दिलों पर भी पेंट हो जाएगा। *नई राजनीतिक संस्कृति लाने का प्रयास किया-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'जनसंघ से लेकर अब तक हमने देश में एक नई राजनीतिक संस्कृति लाने का भरसक प्रयास किया है। जिस संघठन के माध्यम से देश की जनता सत्ता सुपुर्द करती है, वो ईकाई, वो संगठन, वो दल अगर लोकतांत्रिक मूल्यों को नहीं जीता है या उसके अंदर आंतरिक लोकतंत्र निरंतर नहीं पनपता है तो ऐसी स्थिति आती है जो आज हम देश कई दलों में देख रहे हैं। अमित भाई ने कहा कि देश में एकमात्र यही एक दल है जो पार्टी के संविधान का अक्षरश: पालन कर रहा है।' *जहां चुनौती है, वहां दिलों में कमल खिलाना है-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने कहा कि यह दल ऐसे ही यहां तक नहीं पहुंचा। अनेक पीढ़ियां खप गई है। तब जाकर यह दल लोगों के दिलों में जगह बना पाया है। मैं जब राजनीति में नहीं था, जनसंघ के जमाने में बड़े उत्साह के साथ कार्यकर्ता दीवारों पर दीपक (जनसंघ) पेंट करते थे। तब कई राजनीतिक दल के नेता मजाक उड़ाते थे कि दीवारों पर दीपक जलाने से सत्ता के गलियारे तक नहीं पहुंचा जा सकता है। हम वो लोग हैं जिन्होंने दीवारों पर इतनी श्रद्धा से पेंट किया कि दीवारों पर पेंट किया हुआ कमल कभी न कभी तो दिलों पर पेंट हो जाएगा। कुछ लोग हमेशा हमारा मजाक उड़ाते रहे। जब संसद में हमारे दो सदस्य थे तब भी इतना भद्दा मजाक उड़ाया गया था। कुछ लोगों का चरित्र ही ऐसा होता है। ऐसी सभी आलोचनाओं को झेलते हुए हम जनसामान्य के कल्याण के लिए समर्पित होकर नेशन फर्स्ट की भावना को जीते हुए चलते ही रहे। पीएम मोदी ने कहा कि चुनौती को चुनौती देना बीजेपी की रगों में है। जहां चुनौती है, वहां दिलों में कमल खिलाना है।
Sep 03 2024, 14:42
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