*भदोही में ललही छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया
नितेश श्रीवास्तव ,भदोही । भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष षष्ठी को श्रीकृष्ण के बडे़ भाई बलराम जी का जन्मोत्सव हल षष्ठी पर्व के रुप में मनाया जाता है।
इस दिन महिलाएं संतान की दीर्घायु और कुशलता की कामना के लिए व्रत रखती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बलराम जी को शेषनाग क अवतार माना जाता है। उनका प्रधान शस्त्र मूसल है इसलिए इस दिन को हल षष्ठी,हरछठ या ललही छठ के रुप में जाना जाता है। इस दिन व्रत करने से श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है और जिनकी पहले से संतान है, उनकी संतान की आयु, आरोग्य और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है।
इस दिन श्रीबलराम के साथ भगवान शिव, पार्वती, गणेश कार्तिकेय और नंदी की पूजा का विशेष महत्व है। हल षष्ठी के दिन महिलाएं गढ्ढा बनाकर,उसे गोबर से लीप कर तालाब का रुप देती है और व्रत रखकर घर के आंगन में झरबेरी और पलाश की टहनी लगाकर पूजा करती है। श्रीगणेश और माता पार्वती की पूजा कर छठ माता की पूजा की जाती है। पूजा के समय सात अनाजों को मिलाकर बनाया गया सतनजा चढ़ाया जाता है और दही - तिन्नी के चावल चढ़ाकर षष्ठी की कथा सूनी जाती है।
इस व्रत में गाय के दूध से बने खाद्य पदार्थों और हल चले खेत से उत्पन्न कोई खाद्य पदार्थ नहीं खाया जाता है। सिर्फ तालाब में पैदा हुए चीजें ही खाने का विधान है। पूजा के बाद घी से हवन किया जाता है। रात में चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारायण किया जाता है। हल षष्ठी के दिन महिलाओं को महुआ की दातुन और महुआ खाने का भी विधान है।
ललही छठ का का पर्व क्षेत्र में रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर महिलाओं ने ब्रत रख पुत्र के दीर्घायु होने की कामना की। कृष्ण पर्व की षष्ठी के दिन होने वाले इस त्योहार पर व्रती महिलाएं दिनभर व्रत कर पूजा आरती करने के बाद नदी या तालाब में उगने वाले बिना हल चलाए पैदा होने वाले चावल तथा दही खाकर व्रत तोड़ती हैं। जन्माष्टमी से पहले हर साल हलषष्ठी या ललही छठ का त्योहार रविवार को जिले में धूमधाम से मनाया गया।
जगह-जगह महिलाएं एकत्रित होकर छीउल व कूसा को जमीन में गाड़कर पूजा की। पुत्रों की दीर्घायु व पुत्र प्राप्ति के लिए विवाहिता महिलाओं ने व्रत भी रखा।बताया जाता है कि भाद्रप्रद कृष्ण पक्ष की षष्ठी को मनाए जाने वाले इसी दिन में भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। इसके पीछे मान्यता है कि जब कंस को पता चला कि वासुदेव और देवकी की संतान उसकी मृत्यु का कारण बनेंगी तो उसने उन्हें कारागार में डाल दिया।
Aug 27 2024, 13:20