पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा अब लुसैन डाइमंड लीग में आएंगे नजर
ठीक 3 साल पहले यही वक्त था, जब कोविड महामारी की निराशा और दुख के बीच पूरे भारत की जुबान पर सिर्फ एक ही नाम था. मीडिया पर एक ही शख्स का चेहरा बार-बार नजर आ रहा था. देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे कार्यक्रमों में वो शख्स फूल मालाओं से लदा नजर आ रहा था. चेहरे पर खुशी और मुस्कुराहट लेकर थकान को छुपाते हुए सबको खुश कर रहा था. अब 3 साल बाद एक बार फिर वो शख्स देश के लिए खुशी की वजह बना लेकिन उस चेहरे में वो खुशी नहीं दिखी, बल्कि थोड़ी निराशा के साथ दृढ़ निश्चय भी नजर आया- 3 साल पुरानी स्थिति को 4 साल बाद दोहराने का संकल्प. इसी संकल्प के साथ ये शख्स सिर्फ 14 दिनों के अंदर फिर से खुद को बेहतर बनाने और साबित करने उतर रहा है. नाम है- नीरज चोपड़ा. पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद नीरज अब लुसैन डाइमंड लीग में नजर आएंगे.
अरशद नदीम से हारे नीरज चोपड़ा
टोक्यो ओलंपिक 2020 में जैवलिन थ्रो का गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज से पेरिस 2024 में भी इस सफलता को दोहराने की उम्मीद थी. इतिहास खुद को दोहराता जरूर है लेकिन कभी-कभी उसमें वक्त लगता है और इस बार ऐसा ही हुआ. नीरज चोपड़ा ने एक बेहतरीन थ्रो किया, जो टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाने वाले थ्रो से भी ज्यादा था लेकिन इस बार गोल्ड मेडल नहीं मिल पाया क्योंकि पाकिस्तान के अरशद नदीम ने हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हुए 92.97 मीटर के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड पर कब्जा कर लिया
अपनी आदत के मुताबिक, नीरज हालांकि खाली हाथ घर नहीं लौटे और 89.45 मीटर के साथ सिल्वर मेडल अपने नाम किया. ये अपने आप में ऐतिहासिक था क्योंकि वो ओलंपिक में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बने. देश में भी थोड़ी निराशा तो थी लेकिन सिल्वर मेडल और नीरज की सफलता ने फिर से खुशी का मौका जरूर दिया. नीरज हालांकि इस दौरान अपने निराशा को चाहकर भी नहीं छुपा पा रहे थे. वो इस बार गोल्ड से चूक गए थे और पिछले 9 मुकाबलों में उनसे हारने वाले अरशद ने आखिरकार पहली बार नीरज पर जीत दर्ज करने में सफलता हासिल की थी.
चोट को भी भूलकर डाइमंड लीग में हिस्सा लेंगे
टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश लौटने वाले नीरज का जोरदार स्वागत हुआ था और उन्होंने कई सम्मान कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था, विज्ञापन शूटिंग की थी और सबके साथ जश्न मनाया था और फिर बचे हुए साल में कोई इवेंट नहीं खेला था. इस बार नीरज ऐसा नहीं कर रहे हैं. पेरिस में सिल्वर जीतने के बाद वो अभी तक भारत भी नहीं लौटे और वहां से जर्मनी चले गए थे, जहां वो अपनी ग्रोइन इंजरी के बारे में डॉक्टर से सलाह ले रहे थे. सर्जरी की आशंका के बीच नीरज ने स्विट्जरलैंड के लुसैन में डाइमंड लीग राउंड में हिस्सा लेने का फैसला किया. ओलंपिक फाइनल के बाद ये उनका पहला इवेंट है. हालांकि, इसमें अरशद नदीम हिस्सा नहीं लेंगे लेकिन पेरिस के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट एंडरसन पीटर्स और याकब वादलेच समेत कई बड़े दावेदार रहेंगे.
सिर्फ गोल़्ड ही नहीं, ये कसक भी बाकी
पेरिस में नीरज ने सिल्वर जरूर जीता और इसकी निराशा जरूर उनके चेहरे पर थी कोई भी समझ सकता है कि इस निराशा की दूसरी वजह उनका प्रदर्शन भी था. फाइनल में नीरज के 6 में से सिर्फ एक ही थ्रो वैध माना गया, जिसने मेडल जितवाया. बाकी 5 थ्रो या तो फाउल थे या खराब थ्रो के कारण जबरन ही फाउल किया. साथ ही 90 मीटर के मार्क को एक बार फिर भेदने में वो नाकाम रहे, जिसकी कसक उनके बयानों में भी साफ दिखाई दी. इसी 90 मीटर की तलाश और एक बार फिर सबसे ऊपर रहते हुए जीत दर्ज करने की आदत को बरकरार रखने के लिए नीरज डाइमंड लीग के इस लुसैन लेग में हिस्सा ले रहे हैं.
Aug 22 2024, 18:46