प्रयागराज: भारत स्वर्णिम शाखा में तीज का रंगारंग कार्यक्रम धूमधाम से सम्पन्न

प्रयागराज, 21 अगस्त: भारत स्वर्णिम शाखा द्वारा आज आयोजित तीज के पर्व का रंगारंग कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर कीर्तिका अग्रवाल जी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि तीज व्रत हमारी सनातनी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है।

उन्होंने कहा कि तीज नारी शक्ति, समर्पण और संस्कृति का प्रतीक है, जो हमें हमारे परंपराओं से जोड़े रखता है। यह पर्व हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने स्वर्णिम शाखा की सभी बहनों का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

कार्यक्रम का आयोजन स्वर्णिम शाखा की अध्यक्ष श्रीमती मधुमती अस्थाना के नेतृत्व में किया गया। उनके साथ संस्थापिका सदस्य माया द्विवेदी और अन्य शाखा सदस्य बहनें भी कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम की शुरुआत भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन के साथ हुई, जिसके बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू हुआ। स्वर्णिम शाखा की बहनों ने गीत-संगीत, नृत्य और नाट्य के माध्यम से तीज के पर्व का उल्लास बिखेरा। पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी बहनों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं, जिससे पूरे वातावरण में उमंग और उत्साह का संचार हुआ।



कार्यक्रम का समापन सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। सभी उपस्थित लोगों ने एक-दूसरे को तीज की शुभकामनाएं दीं और उत्सव का आनंद लिया। इस अवसर पर स्थानीय समाजसेवियों और गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे कार्यक्रम की शोभा और बढ़ गई।

स्वर्णिम शाखा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने प्रयागराज में तीज के उत्सव को एक नई ऊंचाई दी, और उपस्थित लोगों के लिए यह एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ।
*पत्रकार विज्ञापन न मिलने से अस्पताल को कर रहे बदनाम*

विश्वनाथ प्रताप सिंह,प्रयागराज- कोरांव तहसील अन्तर्गत कोरांव में स्थित कोसफरा नहर के पास आरती हास्पिटल स्थित है अस्पताल के प्रबंधक आरती ने बताया कि कुछ दिन पहले दूसरे छेत्र के एक पत्रकार आरती हास्पिटल में आए और 15 अगस्त  का विज्ञापन मागने लगे उनसे हमने कहा कि हमारे कोरांव के एक अखबार के पत्रकार को साल भर में एक बार ही विज्ञापन दिया जाता है पत्रकार को बात अच्छी नहीं लगी और वह हमारे अस्पताल की खबर निकालने की धमकी देने लगा और वहा से चला गया।

हास्पिटल के प्रबंधक जय प्रताप पांडेय ने  बताया कि हमारे अस्पताल पर लगाए गए आरोप बिलकुल गलत है दो वर्ष पूर्व हमारे अस्पताल का रजिस्ट्रेशन हुआ है और रही बात आरती की वह हमारे यहां पर प्रबंधक हैं और जिस पुलिया का जिक्र किया गया है वह पुलिया ब्लाक प्रमुख मुकेश कोल जी के कार्य काल में इसका निर्माण कार्य किया गया है ।

हमारे अस्पताल में जो भी मरीज आता है उसका अच्छे से अच्छा इलाज किया जाता है हमारे अस्पताल में हर मरीज का बेहतर इलाज होता है और पत्रकार द्वारा अस्पताल पर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं।
निषाद पार्टी ने यूपी में उपचुनाव की दो सीटों पर की दावेदारी

लखनऊ। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” के 09वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के अवसर पर शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक समारोह आय़ोजित किया गया। इस अवसर पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद ने पार्टी की आगामी रणनीतियों पर चर्चा की। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए के समर्थन में प्रचार-प्रसार करने के साथ ही सभी सीटों पर एनडीए की जीत दर्ज कराने का आह्वान किया।

संजय निषाद ने कार्यकर्ताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान कटेहरी और मझवां सीट पर अपने सिंबल पर चुनाव लड़ा था और आगामी उपचुनाव भी निषाद पार्टी दोनों सीटों पर अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने इस दौरान राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश कार्यकारिणी और जिला कार्यकारिणी की घोषणा करने का ऐलान भी किया।

उन्होंने कहा कि आज ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा हो जाएगी और जिला कार्यकारिणी की घोषणा अगले दिन 17 अगस्त तक जारी कर दी जाएगी। उन्होंने नई कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी निषाद पार्टी को लगातार आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।

मझावर आरक्षण के लिए नौ वर्ष पूर्व हुआ था पार्टी का गठन

निषाद पार्टी अध्यक्ष ने मझवार आऱक्षण के मुद्दे पर कहा कि पार्टी की स्थापना के 09 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और निषाद पार्टी का गठन मझवार आरक्षण के मुद्दे समेत मछुआ समाज व अन्य मुद्दों को लेकर हुआ था। आज भी निषाद पार्टी अपने मुद्दे पर अडिग है। आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र व राज्य सरकार से लगातार वार्ता जारी है, आजतक मेरी भाजपा शीर्ष नेतृत्व से हुए हर मुलाकात में आरक्षण के मुद्दे पर वार्ता जरूर हुई है। निषाद पार्टी आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी और रिपोर्ट को केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष रखेगी।

विपक्ष निषाद पार्टी को लेकर कर रहा दुष्प्रचार

संजय निषाद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुझे मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से पता चलता रहता है कि निषाद पार्टी को लेकर विपक्ष द्वारा लगातार दुष्प्रचार और भ्रम कि स्थिति बनाई जा रही है। कुछ नए-नए नेता समाजवादी पार्टी से सांसद बने हैं जिनको जनता लगातार ना जाने कितने विधानसभा, लोकसभा चुनाव हरवाएं हैं, जिनको निषाद समाज ने नाकार दिया था वो आज निषाद पार्टी और मुझे लेकर राय दे रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अयोध्या में अभी निषाद समाज की बेटी के साथ उनकी पार्टी के नेता ने दुष्कर्म किया था, उस समय लोकसभा और उप्र की विधानसभा दोनों चल रही थीं, मैं तो सोच रहा था कि लोकसभा में समाजवादी पार्टी के दोनों निषाद सांसद हमारे समाज की बेटी को लेकर आवाज उठाएंगें, लेकिन इस पर बात तक नहीं उठाई। वो ​विपक्ष में हैं और विपक्ष का तो काम है सरकार और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाना, किंतु समाजवादी पार्टी के दोनों सांसदों के मुंह से एक शब्द नहीं निकला।

उन्होंने कहा कि मैं तो कभी कभी ये सोचकर परेशान हो जाता हूं कि ऐसी भी क्या मजबूरी रही होगी दोनों नेताओं की कि उन्होंने अयोध्या की बच्ची के लिए एक शब्द नहीं बोला। अब ये आपको (जनता) को तय करना है कि निषाद समाज को मजबूर नेता देना है या मजबूत नेता देना है। खैर मैं तो दोनों सासंदों के लिए महाराजा गुह्यराज निषाद जी से सदबुद्धि देने की कामना करूंगा। क्योंकि समाज से ऊपर कुछ नहीं होता है। तय आपको करना है ऐसे धोखेबाजों को गांव से भगाना है की नहीं।

आज सीएम योगी की मौजूदगी में मिलेंगे 70 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मिशन रोजगार को रफ्तार देने के लिए योगी सरकार निरंतर नए-नए कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा 17 और 18 अगस्त को क्रमशः अंबेडकरनगर और अयोध्या में वृहद रोजगार मेला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें करीब 150 प्रतिष्ठित कंपनियां 70 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर प्रदान करने जा रही हैं। रोजगार मेला का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। 

यह जानकारी प्रदेश सरकार में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने दी।कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि यह रोजगार मेला उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तथा प्रशिक्षण एवं सेवा योजन निदेशालय और एमएसएमई विभाग के तत्वावधान में आयोजित हो रहा है।रोजगार मेला प्रातः नौ से शाम पांच बजे तक आयोजित होगा तथा इसमें उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन व आईटीआई के प्रशिक्षण प्राप्तकर्ता छात्रों के साथ ही अन्य सामान्य विद्यार्थी भी प्रतिभाग कर सकेंगे।

18 अगस्त को वृहद रोजगार मेला आयोजित किया जा रहा

18 अगस्त को अयोध्या के आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, कुमारगंज में यह वृहद रोजगार मेला आयोजित किया जा रहा है। इस वृहद रोजगार मेला में 50,000 से अधिक रिक्तियों के सापेक्ष युवाओं का चयन करने के लिए 100 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियां उपलब्ध रहेगी।इससे पूर्व, 17 अगस्त को अंबेडकरनगर के देव इंद्रावती महाविद्यालय कैंपस, कटेहरी में भी वृहद रोजगार मेला का आयोजन कराया जाना निर्धारित किया गया है। इस रोजगार मेले में 21,000 से अधिक रिक्तियों के सापेक्ष युवाओं का चयन करने के लिए 46 प्रतिष्ठित कंपनियां उपलब्ध रहेंगी।

अंबेडकरनगर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा रोजगार मेला 

यह रोजगार मेला उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन एवं राजकीय आईटीआई अंबेडकरनगर एवं जिला सेवायोजन एवं उपायुक्त उद्योग विभाग अंबेडकरनगर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। जनपद स्तरीय रोज़गार मेले में इच्छुक युवक और युवतियां अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभाग करके तथा अपने अपने बायोडाटा एवम शैक्षिक दस्तावेजों के साथ इस सुनहरे अवसर का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकते हैं।

योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहने का बनाया रिकॉर्ड

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम शुक्रवार को एक और नया रिकार्ड जुड़ गया है। उन्होंने उप्र में एक समय में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री बनने के रिकार्ड को अपने नाम कर लिया है।

योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार उप्र में भाजपा की सरकार बनाने के साथ ही प्रदेश की कमान संभालने वाले लगातार सबसे अधिक दिन तक रहने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने लगातार 7 वर्ष, 148 दिन तक मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड कायम किया है। इस रिकार्ड को अपने नाम करते हुए वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव, नेताजी मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को पीछे छोड़ दिया है। योगी आदित्यनाथ अब यूपी में सबसे लंबे समय तक लगातार कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रियों में शुमार हो गए हैं।

योगी आदित्यनाथ से पहले कांग्रेस के मुख्यमंत्री डॉक्टर संपूर्णानंद इस पद पर सबसे ज्यादा समय तक रहे हैं। क्षेत्रीय पार्टियों के नेता चौधरी चरण सिंह, मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री योगी के आस-पास भी नहीं दिखाई पड़ते हैं। मायावती ने चार बार और मुलायम सिंह ने तीन बार शपथ ली, लेकिन फिर भी जो रिकार्ड योगी आदित्यनाथ ने बनाया है वह नहीं तोड़ पाए थे।

मुख्यमंत्री योगी की गिनती उन नेताओं में होती है, जिनके नेतृत्व में प्रदेश में किसी पार्टी की दूसरी बार सरकार बनी। 25 मार्च 2022 को जब योगी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उन्होंने नारायण दत्त तिवारी का 37 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था। नारायण दत्त ने वर्ष 1985 में अविभाजित उत्तर प्रदेश में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उत्तराखंड बनने के बाद देखा जाए तो योगी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं, जो लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुए। यहीं नहीं मुख्यमंत्री योगी ने नोएडा जाने से कुर्सी चली जाने का मिथक भी तोड़ने का रिकार्ड बनाया है।

यूपी में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती सूची रद्द, नई मेरिट लिस्ट फिर से जारी करने के निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में हुई 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सरकार को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने आज इस भर्ती को लेकर अपना फैसला सुनाते हुए पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द कर दिया है। कोर्ट ने तीन माह के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश जारी कर सरकार के लिए परेशानी को भी बढ़ा दिया है।यूपी की 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले पर आज लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने बड़ा निर्णय सुनाते हुए पूरी चयन सूची को ही रद्द कर दिया।

न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की बेंच ने पूरी चयन सूची को रद्द करते हुए डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया। सिंगल बेंच ने 8 मार्च 2023 को फैसला दिया था कि 69000 शिक्षक भर्ती 2020 की लिस्ट को रद्द किया जाता है। सिंगल बेंच ने एटीआरई (अपेक्स टैलेंट रिवॉर्ड एग्जाम) को पात्रता परीक्षा नहीं माना था। डबल बेंच ने इस आदेश को रद्द करते हुए आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3 (6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का सरकारपालन करें। कोर्ट ने 3 महीने के अंदर नई लिस्ट रिजर्वेशन का पालन करते हुए सरकार से देने को कहा है. वहीं एटीआरआई परीक्षा को पात्रता परीक्षा माना है।

किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा

उल्लेखनीय है कि सामान्य सीट पर अगर आरक्षित वर्ग का मेरीटोरियस कैंडिडेट सामान्य वर्ग के बराबर अंक पाता है, तोउसको सामान्य वर्ग में रखा जाएगा। बाकी की 27 फीसदी और 21 प्रतिशत सीटों को ओबीसी व एससी से भरा जाएगा।कोर्ट ने बीते मार्च में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने बीते मंगलवार को फैसला सुनाया था। यह फैसला शुक्रवार को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड हुआ।

इस फैसले पर उतर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि माननीय न्यायालय के इस आदेश का विभाग अध्ययन करा रहा है। किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा।

चयन सूची रद्द करने के खिलाफ सभी अपीलें निस्तारित

इस मामले में परिषदीय विद्यालयों के 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण विसंगति पाए जाने पर हाईकोर्ट ने 13 मार्च 2023 को 6800 अभ्यर्थियों की सूची रद्द करते हुए पूरी लिस्ट को फिर से देखने का आदेश राज्य सरकार को दिया था, इसके खिलाफ 19000 सीटों पर विवाद को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों के खंडपीठ में विशेष अपील दाखिल की थी। पिछले साल 13 मार्च को एकल पीठ ने मामले में 1 जून 2020 को जारी सहायक अध्यापक के चयन से जुड़ी सूची को तीन माह में संशोधित करने का निर्देश दिया था।

आरक्षण नियमावली का सही से पालन नहीं किया गया

कोर्ट ने इसके साथ ही भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 को जारी हुई चयन सूची को भी खारिज कर दिया था। इस चयन सूची को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि इसे बिना किसी विज्ञापन के जारी किया गया था। याचियों की तरफ से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमावली का सही से पालन नहीं किया गया। इस कारण आरक्षित वर्ग में चयनित 18,988 अभ्यर्थियों को जारी कटऑफ में 65 परसेंट से ज्यादा अंक प्राप्त करने के बावजूद सामान्य श्रेणी की सूची में शामिल नहीं किया गया। इनकी नियुक्ति प्रक्रिया को आरक्षित श्रेणी में ही पूरा कर दिया गया, जो आरक्षण नियमावली का उल्लंघन था।

5 जनवरी 2022 की चयन सूची को चुनौती दी गई थी

इससे आरक्षित श्रेणी के अन्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका। इसी को लेकर कई अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में अलग अलग याचिकाएं दाखिल की थी। इनमें से कुछ याचिकाओं में चयन सूची को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि आरक्षित श्रेणी के उन अभ्यर्थियों को भी आरक्षित श्रेणी में ही जगह दी गई है जिन्होंने अनारक्षित वर्ग के लिए तय कट ऑफ मार्क्स प्राप्त किए हैं। जबकि, अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिकाओं में कहा गया था कि आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों को गलत तरीके से अनारक्षित वर्ग में रखा गया, जिन्होंने टीईटी व सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण का लाभ ले लिया था। इन याचिकाओं में एक बार आरक्षण का लाभ लेने के बाद अनारक्षित वर्ग में अभ्यर्थियों का चयन किए जाने को विधि विरुद्ध बताया गया था, जबकि दो याचिकाओं में आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को चुनौती दी गई थी।

किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा

उल्लेखनीय है कि सामान्य सीट पर अगर आरक्षित वर्ग का मेरीटोरियस कैंडिडेट सामान्य वर्ग के बराबर अंक पाता है, तोउसको सामान्य वर्ग में रखा जाएगा। बाकी की 27 फीसदी और 21 प्रतिशत सीटों को ओबीसी व एससी से भरा जाएगा।कोर्ट ने बीते मार्च में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने बीते मंगलवार को फैसला सुनाया था। यह फैसला शुक्रवार को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड हुआ।इस फैसले पर उतर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि माननीय न्यायालय के इस आदेश का विभाग अध्ययन करा रहा है। किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा।

स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृति पर्यटन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी का संदेश


मध्यप्रदेश।आज़ादी के अमृतकाल में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का 78वां स्वतंत्रता दिवस हम मना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्वगुरु बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।प्रधानमंत्री  ने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है।

हम सब प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को विकसित राष्ट्र एवं डॉ मोहन यादव जी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश को विकसित मध्यप्रदेश बनाने में अपना योगदान देने का संकल्प लें।

स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर मैं सभी स्वतंत्रता सेनानियों, भारत माता के सभी वीर सपूतों को नमन करता हूँ,

"जय हिन्द-जय भारत"
ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का है आधार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संपूर्ण विश्व तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है। पेट्रोल, औद्योगिक क्रांति की धुरी रहा है, परंतु नॉलेज अर्थात ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का आधार है।

ऐतिहासिक रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा बहुत समृद्ध रही है। इसी का परिणाम रहा कि आक्रांताओं ने हमेशा हमारे ज्ञान के केन्द्रों को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट करने की कोशिश की। भारत अपनी ज्ञान परंपरा का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है। विज्ञान शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ शोध, अनुसंधान और नवाचार को भी देश में बहुत महत्व दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अकादमिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, आईसर, ट्रिपल आईटी, एनआईटी और आईआईएफएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान विद्यमान है। भोपाल में स्थापित हो रहा राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का परिसर राष्ट्रीय महत्व का है। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की भोपाल में उपस्थिति प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।

राज्य सरकार उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अपने स्तर पर प्रयास करने के साथ-साथ निजी भागीदारी को भी प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश में आरंभ हुए पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस निश्चित ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइसर) भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह के शुभारंभ अवसर पर यह विचार व्यक्त किए।

युवा शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग देश और समाज हित में करें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत के पास टेलेंट, टेक्नालॉजी, प्रबंधन और नेतृत्व का अनूठा संगम है। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान जैसे केंद्रों के माध्यम से देश युवा शक्ति को श्रेष्ठतम शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। इन संस्थानों से मिलने वाली डिग्री युवाओं की प्रतिभाओं का बड़ा सम्मान है। इससे समाज में उनकी विशेष पहचान स्थापित होती है। युवाओं का यह कर्तव्य है कि प्राप्त शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग देश और समाज के हित में हो। मध्यप्रदेश ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में देश के लक्ष्य के अनुरूप कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के युवाओं को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए 6 ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित किए जा रहे हैं।

आईआईटी गांधी नगर के साथ मिलकर विज्ञान के लोकव्यापीकरण के लिए नवीन कार्यक्रम आरंभ किया गया है। आईआईटी इंदौर के माध्यम से उज्जैन में भी सेटेलाइट टाऊन की स्थापना की गई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है और यह विश्वास है कि हम विश्व के विकसित देश के रूप में अपना स्थान स्थापित करेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की पहचान : केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में पदक और उपाधियां प्राप्त करने के लिए बधाई और शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि भारत में जिज्ञासा, शोध और सीखने की संस्कृति और प्रवृति के परिणाम स्वरूप ही देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी इस प्रतिष्ठित संस्थान में अध्ययनरत हैं। संस्थान ने विज्ञान शिक्षा में देश ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विद्यार्थियों के अध्ययन, शोध और अनुसंधान का अधिकतम लाभ देश के लोगों के कल्याण में हो।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमी-कंडक्टर और स्पेस सेक्टर को दिया जा रहा है प्रोत्साहन

केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने फॉसिल फ्यूल के उपयोग को घटाकर नवकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और उसके भांडाण के लिए शोध को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सरकार इस दिशा में विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को विभिन्न भागों में बांट कर देखने की बजाए समग्र मानव कल्याण की दृष्टि से देखना आवश्यक है।

भारत को-2047 तक विकसित भारत के रूप में स्थापित करने के लिए नवाचार करने होंगे। हमारी सरकार शोध और अनुसंधान के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार ने इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन को अनुमोदन प्रदान किया है और इसके लिए 10 हजार 300 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान भी किया गया है।

भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के हब के रूप में भी विकसित किए जाने की योजना है। देश को वर्ष 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य है। भारत का सेमी-कंडक्टर मिशन-2021 में आरंभ किया गया था। भारत में इस क्षेत्र में तीन इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलना बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि नवाचार,शोध और विकास को प्रोत्साहित करने केन्द्र सरकार अपना दायित्व मानती है।

छात्रों को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान परिसर में शैक्षणिक भवन और व्याख्यान कक्ष का शिलान्यास किया तथा संस्थान की शैक्षणिक शोभा यात्रा में शामिल हुए। संस्थान का 11वां दीक्षांत समारोह सरस्वती वंदना के साथ आरंभ हुआ। संस्थान के निदेशक प्रो. गोवर्धन दास ने अतिथियों का स्वागत एवं अभिवादन अंग वस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया।

संस्थान के निदेशक डॉ. गोवर्धन दास ने संस्थान की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक, प्रवीणता पदक और सर्वश्रेष्ठ थीसिस के लिए छात्रों को सम्मानित किया।

भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए विद्यार्थी अपनी उपाधियों का उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश विज्ञान, शिक्षा सहित विकास और जनकल्याण के क्षेत्र में तेजी से अग्रसर है।
ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का है आधार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल।प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शोध, अनुसंधान और नवाचार को मिल रहा है प्रोत्साहन राज्य सरकार उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में निजी भागीदारी को भी कर रही है प्रोत्साहित वर्ष 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य: केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल का 11 वाँ दीक्षांत समारोह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संपूर्ण विश्व तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है। पेट्रोल, औद्योगिक क्रांति की धुरी रहा है, परंतु नॉलेज अर्थात ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का आधार है।

ऐतिहासिक रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा बहुत समृद्ध रही है। इसी का परिणाम रहा कि आक्रांताओं ने हमेशा हमारे ज्ञान के केन्द्रों को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट करने की कोशिश की। भारत अपनी ज्ञान परंपरा का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है। विज्ञान शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ शोध, अनुसंधान और नवाचार को भी देश में बहुत महत्व दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अकादमिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, आईसर, ट्रिपल आईटी, एनआईटी और आईआईएफएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान विद्यमान है। भोपाल में स्थापित हो रहा राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का परिसर राष्ट्रीय महत्व का है। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की भोपाल में उपस्थिति प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।

राज्य सरकार उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अपने स्तर पर प्रयास करने के साथ-साथ निजी भागीदारी को भी प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश में आरंभ हुए पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस निश्चित ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइसर) भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह के शुभारंभ अवसर पर यह विचार व्यक्त किए। युवा शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग देश और समाज हित में करें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत के पास टेलेंट, टेक्नालॉजी, प्रबंधन और नेतृत्व का अनूठा संगम है।

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान जैसे केंद्रों के माध्यम से देश युवा शक्ति को श्रेष्ठतम शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। इन संस्थानों से मिलने वाली डिग्री युवाओं की प्रतिभाओं का बड़ा सम्मान है। इससे समाज में उनकी विशेष पहचान स्थापित होती है। युवाओं का यह कर्तव्य है कि प्राप्त शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग देश और समाज के हित में हो।

मध्यप्रदेश ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में देश के लक्ष्य के अनुरूप कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के युवाओं को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए 6 ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। आईआईटी गांधी नगर के साथ मिलकर विज्ञान के लोकव्यापीकरण के लिए नवीन कार्यक्रम आरंभ किया गया है। आईआईटी इंदौर के माध्यम से उज्जैन में भी सेटेलाइट टाऊन की स्थापना की गई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है और यह विश्वास है कि हम विश्व के विकसित देश के रूप में अपना स्थान स्थापित करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की पहचान : केंद्रीय मंत्री केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में पदक और उपाधियां प्राप्त करने के लिए बधाई और शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि भारत में जिज्ञासा, शोध और सीखने की संस्कृति और प्रवृति के परिणाम स्वरूप ही देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी इस प्रतिष्ठित संस्थान में अध्ययनरत हैं।

संस्थान ने विज्ञान शिक्षा में देश ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विद्यार्थियों के अध्ययन, शोध और अनुसंधान का अधिकतम लाभ देश के लोगों के कल्याण में हो। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमी-कंडक्टर और स्पेस सेक्टर को दिया जा रहा है प्रोत्साहन केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने फॉसिल फ्यूल के उपयोग को घटाकर नवकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और उसके भांडाण के लिए शोध को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सरकार इस दिशा में विशेष प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि विज्ञान को विभिन्न भागों में बांट कर देखने की बजाए समग्र मानव कल्याण की दृष्टि से देखना आवश्यक है। भारत को-2047 तक विकसित भारत के रूप में स्थापित करने के लिए नवाचार करने होंगे। हमारी सरकार शोध और अनुसंधान के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार ने इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन को अनुमोदन प्रदान किया है और इसके लिए 10 हजार 300 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान भी किया गया है। भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के हब के रूप में भी विकसित किए जाने की योजना है। देश को वर्ष 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य है। भारत का सेमी-कंडक्टर मिशन-2021 में आरंभ किया गया था। भारत में इस क्षेत्र में तीन इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलना बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि नवाचार,शोध और विकास को प्रोत्साहित करने केन्द्र सरकार अपना दायित्व मानती है। छात्रों को किया सम्मानित मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान परिसर में शैक्षणिक भवन और व्याख्यान कक्ष का शिलान्यास किया तथा संस्थान की शैक्षणिक शोभा यात्रा में शामिल हुए। संस्थान का 11वां दीक्षांत समारोह सरस्वती वंदना के साथ आरंभ हुआ।

संस्थान के निदेशक प्रो. गोवर्धन दास ने अतिथियों का स्वागत एवं अभिवादन अंग वस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। संस्थान के निदेशक डॉ. गोवर्धन दास ने संस्थान की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक, प्रवीणता पदक और सर्वश्रेष्ठ थीसिस के लिए छात्रों को सम्मानित किया।

भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए विद्यार्थी अपनी उपाधियों का उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश विज्ञान, शिक्षा सहित विकास और जनकल्याण के क्षेत्र में तेजी से अग्रसर है।
दान एवं सेवा से मिलती है आत्मिक अनुभूति - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


भोपाल।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सेवा एवं दान के सुख और आनंद को शब्दों में परिभाषित करना कठिन है।  सेवा एवं दान का आनंद और सुख आत्मिक अनुभूति का विषय है। दान एवं सेवा का सुख और आनंद की अनुभूति हम कर्म करके ही प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज इंदौर के राऊ स्थित डीपीएस स्कूल में जागरण सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित गुरूदेव शिक्षा केन्द्र इंदौर के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा का दान सबसे बड़ा दान है।

ईश्वर की सच्ची पूजा वंचित वर्गों की सेवा एवं उनके कल्याण के कार्य हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को लेकर शिक्षा का प्रसार किया जाना चाहिए। जो संस्थाएं ऐसे कार्यों में लगी हैं उनके कार्य सराहनीय है। उन्हीं में से एक संस्था जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी भी है। उन्होंने कहा कि इस संस्था द्वारा कमजोर वर्ग के बच्चों को बेहतर शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, यह संस्था बधाई की पात्र है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक मधु वर्मा,सुश्री उषा ठाकुर तथा गोलू शुक्ला, अभिषेक मोहन गुप्ता भी विशेष रूप से मौजूद थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों को गणवेश एवं पठन-पाठन सामग्री वितरित की। उन्होंने पौध-रोपण भी किया। कार्यक्रम में प्राचार्य श्रीमती आशा नायर ने स्वागत भाषण दिया। शिक्षा केन्द्र की डीन मेघा मुक्तिबोध ने "एक यात्रा सपने से अपनों तक" के माध्यम से गुरुदेव शिक्षा केन्द्र के बारे में जानकारी दी। केन्द्र के वायस चेयरमेन हरिमोहन गुप्ता ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि अभावग्रस्त बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए गुरुदेव शिक्षा केन्द्र की स्थापना की गई है।