69 हजार शिक्षकों के भर्ती प्रकरण में कोर्ट के फैसले ने भाजपा के सामने खड़ी की मुश्किलें, अब इस प्रकरण को लेकर विपक्ष ने अपनाया आक्रामक रूक

लखनऊ । लोकसभा चुनाव होने के बाद अब यूपी में दस सीटों पर उप चुनाव होने वाले है। जिसकी तैयारियों में भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस जुटी है।ऐसे में 69 हजार शिक्षकों के भर्ती प्रकरण में कोर्ट के फैसले ने भाजपा के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है। चूंकि इस प्रकरण को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। राजनीतिक जानकारों की माने तो यह मुद्दा अब सिर्फ विधानसभा उपचुनाव तक ही नहीं, बल्कि 2027 के चुनाव पर भी प्रभाव डालेगा। इसीलिए भाजपा अब इसकी काट को तलाशना शुरू कर दिया है।

उपचुनाव के लिए विपक्ष को मिला सियासी मुद़दा

जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट के फैसले के पहले अयोध्या और कन्नौज में हुई दो प्रमुख घटनाओं को लेकर भाजपा सपा के खिलाफ जमकर हमला बोल रही थी लेकिन अचानक 69 हजार शिक्षकों के भर्ती प्रकरण में कोर्ट के फैसले ने विपक्ष के हाथ में एक बड़ा और प्रभावी सियासी मुद्दा थमा दिया है। इस घटना को लेकर जिस तरह से पूरे विपक्ष ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। चूंकि आरक्षण के मुददे को लेकर विपक्ष पहले से ही बीजेपी पर हमला कर रहा है। अब ऐसे समय जब दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं, नौकरी और आरक्षण जैसे विषयों पर सरकार किसी एक तरफ झुकने से बचना चाह रही है। यदि सूची रद्द होती है तो पहले से नौकरी कर रहे युवाओं के सामने एक बड़ा संकट आएगा। यह एक ऐसा ज्वलंत मुद्दा होगा जिससे सरकार हर हाल में बचना चाहेगी। सरकार यह जानती है कि नौकरी और आरक्षण ऐसे दो मुद्दे हैं जिन पर विपक्ष लोकसभा चुनाव में पूरी तरह से हमलावर रहा है। सपा के 37 सीटें जीतने में इन दो मुद्दों ने बड़ी भूमिका निभाई है। निश्चित ही इस मुद्दे को विपक्ष हाथों-हाथ लपकने में देर नहीं करेगा। विपक्षी पार्टियों के नेताओं को सुर यह बताते हैं कि यह फैसला भले ही कोर्ट का हो, लेकिन इस मसले पर वह सरकार को कटघरे में खड़ा करने की पूरी कोशिश करेंगे।

सपा इस मुद्दे को धार देने के लिए रणनीति भी तैयार कर रही

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अखिलेश यादव ने इस मामले में भाजपा सरकार पर तीखी हमला करके यह जता दिया है कि वह अब इस मुद्दे को खत्म नहीं होने देंगे। इसे लंबे समय तक जिंदा रखकर भाजपा के लिए मुश्किल खड़ा रखने की कोशिश करेंगें। सपा इस मुद्दे को धार देने के लिए रणनीति भी तैयार कर रही है, जिसका असर आने वाले उपचुनाव पर भी पड़ेगा। सपा अध्यक्ष ने यह भी साफ कर दिया है कि अभ्यर्थियों की मांग के साथ नाइंसाफी नहीं होगी। सपा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर अंत तक खड़ी रहेगी। अखिलेश ही नहीं राहुल गांधी और प्रियंका ने भी इस मुददे को लेकर योगी सरकार को घेरना शुरू कर दी है। अब सरकार उनके हमलों से बचने के लिए इसकी काट खोजने में जुट गई है।  सत्ता पक्ष की ओर से इसकी ऐसी काट तैयार की जा रही है कि यह मुद्दा अधिक दिनों तक जिंदा ही न रहे। कोशिश है कि उपचुनाव की घोषणा होने से पहले इस मुद्दे की धार को कुंद कर दी जाए।

शिक्षक भर्ती के मामले को लेकर सरकार ने स्पष्ट किया अपना रुख

69000 शिक्षक भर्ती के मामले में सरकार ने अपना रूख स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले न तो सुप्रीम कोर्ट में कोई चुनौती देगी और न ही किसी अभ्यर्थी के साथ अन्याय होने देगी। सरकार ने यह भी तय किया है कि कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जहां शिक्षकों की भर्ती की नई सूची तैयार की जाएगी। वहीं, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा आरक्षण के पात्र सभी अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिले और अन्य अभ्यर्थियों के साथ भी अन्याय न होने पाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर रविवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों बुलाकर पूरे प्रकरण को समझा। इसके बाद निर्देश दिया कि हाईकोर्ट के फैसले की पारदर्शिता से पालन किया जाए।

सरकार ने कहा किसी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होगा

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों के भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के पर्यवेक्षण और इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में ही शिक्षक भर्ती की कार्यवाही को पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान में दी गई आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के सभी पात्र अभ्यर्थियों को मिलना ही चाहिए। साथ ही किसी भी अभयर्थी के साथ भी अन्याय नहीं होना चाहिए।बैठक में हाई कोर्ट के आदेश के क्रम में यह भी चर्चा हुई की इस पर महाधिवक्ता से भी राय ली जाए। इसके साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग आगे की कार्यवाही करेगा। वहीं विभाग नई सूची तैयार करेगा और इससे जो लोग प्रभावित होंगे, उनके लिए क्या किया जाएगा, विभाग इसका भी प्रस्ताव तैयार करेगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगी या नहीं। इस पर विभाग का कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

69000 शिक्षक भर्ती मामले में कब क्या हुआ, जानिये पूरा ब्योरा

1. पांच दिसंबर 2018 को 69000 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया
2. परीक्षा छह जनवरी 2019 को आयोजित की गई, जिसमें 4.10 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए।
3. 12 मई 2020 को परिणाम घोषित। 1,46,060 अभ्यर्थी चयनित हुए।
4. अनारक्षित श्रेणी का कटआफ 67.11 प्रतशित, पिछड़ा वर्ग श्रेणी का कटऑफ 66.73 प्रतिशत रहा
5. सात जनवरी 2019 को राज्य सरकार के भर्ती प्रक्रिया में किए गए बदलाव के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
6. 29 मार्च 2019 को कोर्ट ने राज्य सरकार के बदलाव के आदेश को निरस्त किया। मामले की अपील छह मई 2020 को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में की गई।
7. 18 नवंबर 2020 को मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के छह मई 2020 के आदेश को सही माना।
8. आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
9. हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने माना कि आरक्षण एक्ट 1994 का सही ढंग से पालन नहीं किया गया, जिससे आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थी प्रभावित हुए।
10. सरकार ने पांच जनवरी 2022 को आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित की।
11. 13 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने चयनित अभ्यर्थियों की सभी सूचियों को रद्द कर नए सिरे से सूची बनाकर भर्ती करने का आदेश दिया।
सवर्ण समाज के साथ अन्याय सवर्ण आर्मी बर्दाश्त नहीं करेगी : सूरज प्रसाद चौबे
लखनऊ । सवर्ण आर्मी के प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे अपने आवश पर आये समान्य वर्ग के शिक्षक से बात करते हुए कहा की 69000 शिक्षक भर्ती पर  ओबीसी एससी एस टी वर्ग के नेता मंत्री सांसद विधायक  सत्ता पक्ष विपक्ष सभी एक स्वर मे बोल रहे है। लेकिन सवर्ण सांसद विधायक मंत्री का कोई बयान नहीं आया,जिन समान्य वर्ग के बच्चों का आज से चार साल पहले सरकार ने खुद चयन किया था।

अगर नयी चयन प्रकिया के अंतर्गत वह बाहर होते है तो उनका भविष्य अंधकार मे चला जायेगा मेरी हिसाब से नई मेरिट लिस्ट तैयार की जाति है तो कम से कम 6000 से8000 समान्य वर्ग के बच्चे बाहर हो जायेगे । हम समान्य वर्ग के बच्चों के साथ इतना बड़ा अन्याय नहीं होने देंगे,उत्तर प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाए,अगर सरकार नहीं जाति है तो हमारे बच्चे सुप्रीम कोर्ट जायेगे ।

हम समान्य वर्ग को लड़ाई कोर्ट मे भी लड़ेंगे ,अगर जरूरत पड़ी तो सडको पर भी लड़ेंगे,सवर्ण आर्मी प्रमुख सर्वेश पांडेय पूरे मामले पर नजर बनाये हुए है सोशियल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा सवर्ण समाज के साथ अन्याय सवर्ण आर्मी बर्दास्त नहीं करेगी मांग करते है की सवर्ण समाज के शिक्षक के हितो की रक्षा हो ये हजारो परिवार से जुड़ा बहुत हि संवेदनशील मुद्दा है।
रक्षाबंधन पर्व को लेकर बस स्टेशनों पर खास इंतजाम,बहनों का नहीं लगेगा किराया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रक्षाबंधन पर्व का उत्सव सोमवार को मनाया जायेगा। रक्षाबंधन पर बस स्टेशनों पर भीड़ बढ़ने की सम्भावना को देखते हुए उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम ने खास इंतजाम किये हैं। भाई बहन के पर्व पर महानगरों के बस अड्डों से विभिन्न रुटों के लिए अतिरिक्त बसें लगायी गयी है। जनपदों के रोडवेज बस स्टॉप या बस स्टेशनों तक बसों को पहुंचाने एवं तय समय तक रोकने के निर्देश बस चालकों को दिये गये हैं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने रक्षाबंधन को लेकर प्रदेश स्तर पर सूचना जारी की है कि रोडवेज एवं अनुबंधित बसों में महिला यात्री से टिकट का शुल्क नहीं लिया जायेगा। 18 अगस्त रविवार की रात्रि बारह बजे से 19 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक यह आदेश जारी रहेगा। इस दौरान महिलाएं अपने भाईयों को राखी बांधने के लिए बसों में नि: शुल्क यात्रा कर सकती है। वहीं बस में सीट उपलब्ध होने पर महिला यात्री को तत्काल सीट भी देना होगा।

इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न डिपो में कार्यरत महिला कर्मचारियों को रक्षाबंधन पर कार्य करने का अनुरोध किया गया है। जिससे बसों एवं अन्य गतिविधियों का संचालन सुचारु रुप से हो सके। इसके साथ ही छुट्टी चल रहे बस चालकों एवं परिचालकों को भी काम पर वापस बुलाया गया है। इसके अलावा क्षेत्रीय प्रबंधक, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को भी रक्षाबंधन के अवसर पर कार्य क्षेत्र में रहने के निर्देशित दिये गये हैं।

आगरा, गोरखपुर, वाराणसी रुट की विशेष ध्यान

रक्षाबंधन पर दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश में आने वाले यात्रियों के मद्देनजर आगरा, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, झांसी, प्रयागराज और गाजियाबाद के बस स्टेशनों पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये गये हैं। डिपो से बसों के ससमय संचालन के लिए सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों की जिम्मेदारी तय की गयी है। जिससे बस स्टेशन पर यात्रियों को बसों के लिए परेशान ना होना पड़े।
बुलंदशहर में पिकअप को बस ने मारी टक्कर, 12 लोगों की मौत, रक्षाबंधन मनाने सभी जा रहे थे घर

लखनऊ । यूपी के बुलंदशहर जिले में भीषण सड़क हादसा हुआ है। रक्षाबंधन मनाने घर जा रहे मजदूरों की पिकअप को बस ने टक्कर मार दी। हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई बच्चों समेत 18 से ज्यादा मजदूर घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पिकअप में 35, जबकि बस में 60 लोग सवार थे। इस घटना पर सीएम योगी ने शोक संवदेना व्यक्त की।


गाजियाबाद की एक ब्रेड कंपनी में मजदूरी करने वाले करीब 35 से अधिक मजदूर पिकअप में गाजियाबाद से अलीगढ़ जनपद की तहसील अतरौली के गांव रायपुर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए जा रहे थे। जैसे ही सलेमपुर थाने के पास पहुंचे तो यहां एक डग्गामार बस ने पिकअप को टक्कर मार दी। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। कुछ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि कई घायलों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। सभी गाजियाबाद की एक बिस्कुल फैक्ट्री में नौकरी थे।



18 से ज्यादा घायलों का जिला अस्पताल और जेपी अस्पताल में इलाज चल रहा है। 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों में एक ही परिवार के सात लोग शामिल हैं। दो लोग संभल के बताए जा रहे हैं। जबकि एक की शिनाख्त नहीं हुई है। पिकअप  सवार में दस और बस में सवार दो लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में सात महिलाएं, चार पुरुष और एक बच्चा शामिल है। दर्दनाक हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। सीएम योगी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है साथ ही अधिकारियों को पीड़ितों को जल्द इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।


पिकअप सवार अलीगढ़ के रायपुर खास अहिर नगला गांव के रहने वाले थे। गाजियाबाद की एक बिस्कुल फैक्ट्री में नौकरी करते थे। रक्षाबंधन पर घर जा रहे थे। सलेमपुर के पास पहुंचे थे, तभी सामने से बस ने टक्कर मार दी। घटना के बाद बस ड्राइवर फरार हो गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पिकअप का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे के बाद चीख पुकार मच गई। लोग छिटककर सड़क पर गिरे। थोड़ी देर में भारी संख्या में आसपास के लोग जुट गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी घायलों को अस्पताल भर्ती कराया।

मरने वालों में इनकी हो पायी हैं पहचान

मरने वालों में जिनकी पहचान हो पायी है उनके नाम मुकुट सिंह पुत्र बच्चू यादव निवासी रायपुर खास अहेरिया नगला अतरौली अलीगढ़, सुगरपाल पुत्र गंगाशरण निवासी रायपुर खास अहेरिया नगला अतरौली अलीगढ़, दीनानाथ पुत्र जय सिंह निवासी रायपुर खास अहेरिया नगला अतरौली अलीगढ़, बृजेश पुत्र भोली सिंह यादव निवासी रायपुर खास अहेरिया नगला अतरौली अलीगढ़, शिशुपाल पुत्र राम खिलाड़ी यादव निवासी रायपुर खास अहेरिया नगला अतरौली अलीगढ़, बाबू सिंह पुत्र भगवान सिंह निवासी रायपुर खास अहेरिया नगला अतरौली अलीगढ़, गिरिराज पुत्र भगवान सिंह निवासी रायपुर खास अहेरिया नगला अतरौली अलीगढ़, ओमकार पुत्र  निवासी ऊंचागांव बुलंदशहर बाकी अज्ञात हैं।

पुलिस भर्ती परीक्षा में पुख्ता इंतजाम करने में जुटा पुलिस-प्रशासन
लखनऊ।  यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती की दोबारा आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए भर्ती बोर्ड और जिला व पुलिस प्रशासन तैयारियों को पुख्ता करने में जुटा हुआ है। गुरुवार को डीएम ने बताया कि लखनऊ में बनाए गए सभी 81 केंद्रों पर 1-1 सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। बोर्ड ने अभ्यर्थियों को जिले आवंटित कर दिए हैं और एक्जाम डेट भी जारी कर दी गई है।जिलाधिकारी  सूर्यपाल गंगवार ने गुरुवार को 23 से 31 अगस्त तक होने वाली पुलिस भर्ती परीक्षा के मद्देनजर अहम बैठक की। डीएम ने बताया कि लखनऊ में कुल 81 केन्द्र बनाए गए हैं. परीक्षा 23 अगस्त, 24 अगस्त, 25 अगस्त, 30 अगस्त और 31 अगस्त को दो-दो पालियों में होनी है।

प्रत्येक केंद्र पर 1 सेक्टर मैजिस्ट्रेट और 1 स्टैटिक मैजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है।केंद्र में कर्मचारी भी नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल फोन: डीएम ने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी जिनकी ड्यूटी परीक्षा में लगी है, वह परीक्षा के समय से 2 घंटा पूर्व अपने अपने केंद्र पर पहुंचेंगे. किसी भी तरह की शिथिलता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. नकलविहीन परीक्षा कराने के उद्देश्य से 81 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 81 स्टैटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है। प्रत्येक केंद्र पर पुलिस विभाग की तरफ से एक केंद्र प्रभारी, 1 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 1 स्टैटिक मजिस्ट्रेट, प्रधानाचार्य स्तर के केंद्र व्यवस्थापक की नियुक्ति की गई है. केंद्र में किसी भी कर्मचारी को मोबाइल फोन ले जाने को अनुमति नहीं होगी।

अभ्यर्थियों को केंद्र का पता जानने में नहीं होगी समस्या: डीएम ने कहा है कि लखनऊ में 81 केंद्र बनाए गए है, इन केंद्रों में परीक्षा देने अलग-अलग जिलों से अभ्यर्थी ट्रेन और बस से आएंगे, जिन्हें अपने आवंटित केंद्र का पता ठीक से नहीं ज्ञात होगा। ऐसे में रेलवे स्टेशन और बस अड्डे के बाहर सभी परीक्षा केंद्रों के गूगल मैप टैग किए हुए क्यूआर कोड चस्पा किए जाएंगे. इससे कोई भी अभ्यर्थी उसे स्कैन कर आसानी से अपने केंद्र का पता जान सकेगा।

बता दें कि, यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती 60244 की परीक्षा 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को दो-दो पालियों में आयोजित होगी। पहली पाली सुबह 10 बजे से 12 तक और दूसरी पाली दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक होगी। यह परीक्षा 67 जिलों के 1174 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी. यदि किसी उम्मीदवार को आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 के लिए परीक्षा शहर सूचना को डाउनलोड करने / जांचने में कठिनाई होती है, तो वह हेल्पलाइन नम्बर-8867786192/9773700762 पर सम्पर्क कर सकता है।
अटल जी के मूल्य व सिद्धांत सदैव प्रेरणा देते रहेंगे : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री 'भारत रत्न' श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर लोकभवन में अटल जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। इस अवसर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में अजातशत्रु के रूप में एक सर्वमान्य चेहरे के

रूप में अटल जी की पहचान थी। उन्होंने भारतीय राजनीति को एक नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने का काम किया। योगी ने कहा कि अटल जी की कविताएं उनकी स्मृतियां भारतीय राजनीति के लिए उनके मूल्य व सिद्धांत सदैव एक नई प्रेरणा देती रहेंगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता की ओर से उत्तर प्रदेश शासन की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अटल जी का पैतृक गांव वह बटेश्वर है। उन्होंने उच्च शिक्षा कानपुर में रहकर पूरी की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से वह उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा लेने के बाद राष्ट्रधर्म और अन्य विचार परिवार के साथ जुड़कर एक लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाई। डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी व पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सानिध्य में उन्होंने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। लखनऊ संसदीय क्षेत्र का उन्होंने लगातार पांच बार संसद में प्रतिनिधित्व किया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण का माडल कैसा होना चाहिए। ग्रामीण भारत में विकास का माडल क्या होना चाहिए। अन्त्योदय की योजना को उन्होंने गरीबों तक पहुंचाने का काम किया।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि अटल एक व्यक्ति नहीं विचार हैं,अटल एक जीवन नहीं संस्कार हैं। राष्ट्र निर्माण में उनके अद्वितीय योगदान के लिए हमेशा स्मरण किया जायेगा।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, महापौर सुषमा खर्कवाल, राज्यसभा सांसद डा. दिनेश शर्मा, पूर्व मंत्री डा. महेन्द्र सिंह, एमएलसी लालजी प्रसाद निर्मल, मुकेश शर्मा, विधायक डा.नीरज बोरा व महानगर भाजपा अध्यक्ष आनंद द्विवेदी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कला किसी भाषा या क्षेत्र की नहीं, बल्कि पूरे देश की होती है : योगी आदित्यनाथ


लखनऊ। कला किसी व्यक्ति, जाति, मत-मजहब, भाषा या क्षेत्र की नहीं, बल्कि पूरे देश की होती है। कला हमारे सांस्कृतिक व आध्यात्मिक परम्परा का प्रतिनिधित्व भी करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हर वर्ष देश के अलग-अलग राज्यों के कलाकारों को हम स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस आदि आयोजनों पर उत्तर प्रदेश में आमंत्रित करते हैं तो उत्तर प्रदेश के कलाकार भी अन्य राज्यों में जाते हैं। सांस्कृतिक दलों के माध्यम से संस्कृति का आदान-प्रदान कैसे हो सकता है, यह उसका छोटा सा प्रयास है। हम सभी एक-दूसरे की भाषा, परम्पराओं को सम्मान देकर आगे बढ़ेंगे तो वही एक भारत-श्रेष्ठ भारत का प्रतीक बनेगी।

उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर विधान भवन के समक्ष प्रस्तुति देने वाले देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों के साथ ही उत्तर प्रदेश के कलाकारों का भी सम्मान किया। गुरुवार को यह समारोह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आयोजित किया गया। सीएम ने देश के अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर उप्र की राजधानी लखनऊ में देखकर अच्छा लगा। कलाकारों की आज की प्रस्तुति बहुत शानदार रही।

पुरातन वाद्ययंत्रों को सुरक्षित व संरक्षित करें कलाकार

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज के परिवेश में आधुनिक वाद्ययंत्रों का प्रयोग हो रहा है। पुरातन वाद्ययंत्र भूल से गए हैं। कलाकारों को चाहिए कि उन प्राचीन वाद्ययंत्रों को सुरक्षित व संरक्षित करें। अपने यहां उसका संग्रहालय बनाएं। वह कला का प्रतिनिधित्व करते हुए दिखाई देंगे। प्राचीन काल से भारत में अलग-अलग जगहों पर लोगों ने अलग-अलग तरीके से अपनी परम्परा व बातों को काव्यात्मक, गायन के रूप से व्यक्त करने का माध्यम बनाया था। बहुत ऐसी चीजें हैं, जिसे केवल वाद्ययंत्रों के माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं। इसलिए हमें उन्हें सुरक्षित करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। बहुत सारे लोगों ने प्राचीन वाद्ययंत्रों को सुरक्षित व संरक्षित रखा है। सीएम ने उपस्थित कलाकारों से उम्मीद जताई कि यदि आप भी ऐसा करेंगे तो उसके अच्छे परिणाम आएंगे।

एक मंच पर इतने कलाकारों का एकजुट होना अभिभूत करने वाला क्षण

मुख्यमंत्री ने अतिथि व उत्तर प्रदेश के कलाकारों के प्रति आभार जताया। कहा कि बाहर से आए कलाकारों ने लखनऊ में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम को देखा है। मैंने अतिथि कलाकारों को उत्तर प्रदेश के कलाकारों संग आमंत्रित किया है। हम लोग पूरे देश की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हुए दिखाई दें, यही हमारा ध्येय होना चाहिए। इतनी बड़ी संख्या में एक मंच पर इतने कलाकारों का एकजुट होना अभिभूत करने वाला क्षण होता है। इस अवसर पर पर्यटन व संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर आदि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने किया सम्मान, आतिथ्य पाकर अभिभूत हुए कलाकार

मुख्यमंत्री योगी ने अपने सरकारी आवास पर सिक्किम से आए कलाकार ग्रुप लीडर दिल कुमारी तमांग व उनकी टीम, जम्मू-कश्मीर दल प्रमुख मो. यासीन व टीम, संजीव गुप्ता व टीम, गुजरात के गोपाल भाई व टीम, डॉ. हेमंग व्यास व टीम, महाराष्ट्र के अमोल महादेव जाधव व टीम, असम के दल प्रमुख मृदुल व टीम, मध्य प्रदेश के दल प्रमुख मनीष सिसौदिया व टीम, उमेश नामदेव व टीम, भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की टीम मोहित कपूर व टीम, ललितपुर की मोहिनी व टीम, महोबा के दल प्रमुख जितेंद्र कुमार चौरसिया व टीम, अयोध्या के दल प्रमुख विजय वीर विक्रम बहादुर व टीम, आराधना गौतम व टीम, ब्रज की जया सक्सेना व टीम, प्रयागराज की दल प्रमुख सुप्रिया सिंह रावत व टीम का सम्मान किया। मुख्यमंत्री का आतिथ्य पाकर विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों के साथ ही उत्तर प्रदेश के कलाकार भी अभिभूत दिखे।
हैलो तुम्हारी बेटियों का अपहरण किया है, पैसों की व्यवस्था करों नहीं तो हत्या कर दूंगा
लखनऊ । हैलो... स्कूल में पढ़ रहीं तुम्हारी बेटियों का मैंने अपहरण किया है। अगर उन्हें सुरक्षित देखना चाहते हो तो रुपयों की व्यवस्था करो। नहीं तो उनकी हत्या कर दूंगा...। यह व्हाट्सएप कॉल पाकिस्तान के नंबर से मंगलवार को जालसाज ने निगोहां के एक स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं के अभिभावकों की।

अभिभावक जब स्कूल गए तो बेटियां सुरक्षित मिलीं। मामले में अभिभावकों ने तहरीर दी है। निगोहां गांव निवासी शैलेंद्र कुमार की बेटी गंगा देवी महिला डिग्री कॉलेज में पढ़ती है। मंगलवार को वह स्कूल गई थी।शैलेंद्र के मुताबिक सुबह 11:30 बजे व्हाट्सएप पर +923410274115 नंबर से कॉल आई। उस पर किसी पुलिस अधिकारी का फोटो लगा था। कॉल उठाने पर ठग ने कहा कि मैंने तुम्हारी बेटी का अपहरण करवाया है।तुम्हें स्कैनर भेज रहा हू्ं। पैसों की व्यवस्था करो नहीं तो बेटी की हत्या कर दूंगा। इसी तरह अन्य अभिभावकों के पास भी कॉल आई। एसो अनुज तिवारी ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस जांच कर रही है।
राजधानी के सरकारी संस्थानों में किया गया ध्वजारोहण
लखनऊ । स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी लखनऊ में जिलाधिकारी, पुलिस कमांड समेत पूरे थाना और पुलिस कार्यालयों में ध्वजारोहण किया गया।पुलिस कमिश्नरे अमरेंन्द्र कुमार सेंगर ने पुलिस कमांड में, सयुंक्त पुलिस आयुक्त मुख्यालय में जेसीपी आकाश आनंद ने, डीसीपी एडीसीपी, एसीपी समेत, विशेष सुरक्षा बल मुख्यालय, रिजर्व पुलिस लाइन, जीआरपी समेत सभी पुलिस थाना एवं चौकी में ध्वजा रोहण किया गया है।

मंडलायुक्त कार्यालय में कमिश्नर डा. रौशन जैकब, जिलाधिकारी कार्यालय और आवास पर डीएम डा. सूर्यपाल गंगवार ने ध्वाजा रोहण किया। इस अवसर पर देश की एकता की रक्षा करने व उसे मजबूत बनाने में योगदान करने की शपथ ली गई। बेहतर एवं सरहनीय कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को पदक व प्रशंसा चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा सभी सरकारी संस्थानों में ध्वजारोहण कर लोगों को मिठाई वितरण की गयी।

करुणा शंकर सिंह रजत पदक से सम्मानित

स्वतंत्रता दिवस  के अवसर पर नीरा रावत, ADG112 द्वारा  करुणा शंकर सिंह, प्रभारी मीडिया सेल मुख्यालय 112 को पुलिस महानिदेशक यूपी द्वारा प्रदत्तं रजत पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया ।

मेरठ में एडीजी डीके ठाकुर ने किया ध्वजारोहण

स्वतंत्रता दिवस गुरुवार को मेरठ जनपद में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक डीके ठाकुर ने अपने कार्यालय में ध्वजारोहण किया।एडीजी डीके ठाकुर ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस पर अपने कार्यालय पर ध्वजारोहण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे देश को स्वतंत्रता अमर बलिदानियों के त्याग और बलिदान के कारण मिली है। इसे संजोकर रखना हम सभी का कर्तव्य है। स्वतंत्रता दिवस पर हमें इसे अक्षुण्ण रखने का संकल्प लेना होगा। इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करना पड़ेगा। इस दौरान राष्ट्रगान गाया गया।

कानपुर पुलिस आयुक्त अखिल कुमान ने ध्वजा रोहण कर बीर सपूतों को नमन किया

78वें स्वतंत्रता दिवस पर गुरुवार को पुलिस आयुक्त अखिल कुमार एवं जिलाधिकारी राकेश कुमार ने अपने कैम्प कार्यालय में ध्वजारोहण किया और आजादी के महान बलिदानियों को नमन किया।पुलिस आयुक्त श्री कुमार ने ध्वजारोहण के बाद अपने मातहत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद एवं नमन करते हुए नागरिक एवं राष्ट्र सुरक्षा में निष्ठापूर्वक कार्यों को पूरा करने के लिए उत्साहवर्धन किया।

स्वतंत्रता दिवस-2024 के अवसर पर पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा किया गया ध्वजारोहण
लखनऊ । प्रशान्त कुमार, पुलिस महानिदेशक द्वारा गुरुवार को तिलक मार्ग, स्थित कैम्प कार्यालय, लखनऊ में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तथा उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें दी गयीं। तत्पश्चात पुलिस महानिदेशक, यूपी द्वारा पुलिस मुख्यालय गोमती नगर विस्तार के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। पुलिस महानिदेशक यूपी द्वारा सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को शुभकामनायें देते हुए मुख्यालय में नियुक्त निम्न पुलिस कार्मिकों को पदक से अलंकृत किया गया।

‘सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह’
1. राजेश अस्थाना, मुख्य आरक्षी, परिवहन शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।
‘पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह’ (गोल्ड)
1. विजय कुमार सिंह, मुख्य आरक्षी, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।
2. बसन्त राम कुशवाहा, कानून एवं व्यवस्था, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।

‘पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह’ (सिल्वर)

1. वीरेन्द्र कुमार मिश्र, उपनिरीक्षक, प्रशासन शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ।
2. वेद प्रकाश, ए0एस0आई0 (एम0) प्रशासन शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ।

3. राज कुमार, मुख्य आरक्षी, विधि प्रकोष्ठ मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0  लखनऊ।
4. सर्वजीत, आरक्षी, कानून एवं व्यवस्था, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0       


डीजीपी द्वारा उक्त अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा गया कि भारत को प्यार करने वाले, भारत का सम्मान करने वाले, भारत पर गौरव करने वाले, भारत के लोकतंत्र और संविधान के प्रति आस्था रखने वाले सभी लोगों को स्वतंत्रता के इस पवित्र पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। उत्तर प्रदेश पुलिस परिवार के हर सदस्य, उनके सम्मानित परिजनों को बधाई। उन सभी शहीद आत्माओ की तपस्या को नमन जिन्होंने कठोर यातनाएं सहीं लेकिन आजादी के परचम को गिरने नहीं दिया।

अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत दुर्दांत अपराधियों से हुई साहसिक मुठभेड़ों मे वर्ष 2017 से अब तक हमारे हमारे 17 बहादुर साथियों ने अपने अमूल्य जीवन का बलिदान दिया है। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं उत्तर प्रदेश पुलिस बल के उन सभी सम्मानित पुलिस कार्मिकों को यूपी पुलिस परिवार की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर उत्तर प्रदेश पुलिस की गरिमा को अभिवर्धित किया।

उन सभी सम्मानित कार्मिकों का अभिनंदन, जिनकी कर्तव्य परायणता, पराक्रम और पुरुषार्थ के चलते उत्तर प्रदेश पुलिस ’परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च    दुष्कृताम’ संकल्प को चरितार्थ कर रही है, जिनके परिश्रम ने उत्तर प्रदेश पुलिस को भारत के श्रेष्ठ पुलिस बल के रूप में स्थापित होने में अपना योगदान दिया है।आजादी मिलने के बाद सबसे बड़ी चुनौती उसको कायम रखने की होती है। ऐसे अनेक देश हैं जिन्हें आजादी तो मिल गई लेकिन कालांतर में वे खंडित हो गए। हम सभी अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि हमारा देश अखण्ड रहते हुए विश्व में एक महाशक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है।

हर्ष की बात है कि अपने उत्तर प्रदेश की उसमें बड़ी भूमिका है। उत्तर प्रदेश पुलिस बल के जवानों ने विषम से विषम परिस्थितियों में अपनी जान पर खेलकर कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किया है।  सभी जानते हैं कि अपना उत्तर प्रदेश, देश में सुशासन का मानक बन गया है। सुशासन की आत्मा ’सुरक्षा’ होती है। प्रदेश में सुरक्षित वातावरण बनाने में, हर नागरिक के मन में सुरक्षा के प्रति विश्वास जगाने में उत्तर प्रदेश पुलिस की असाधारण भूमिका है। आज के इस ऐतिहासिक और पुनीत अवसर पर ऐसे पुलिस बल के जांबाज, कर्मठ, जुझारू और कर्तव्य परायण साथी सम्मानित होने जा रहे हैं।

इस अवसर पर 17 पुलिस कार्मिकों को राष्ट्रपति का वीरता पदक, 04 पुलिस कार्मिकों को विशिष्ट सेवा के लिये पदक एवं 70 पुलिस कार्मिकों को सराहनीय सेवा के लिये पदक प्रदान किये गये है। इसके अतिरिक्त 1013 पुलिस कार्मिकों को गृह मंत्रालय भारत सरकार का अति उत्कृष्ट सेवा पदक, 729 पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा पदक, 48 पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह, 201 पुलिस कार्मिकों को   सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह, 429 पुलिस कार्मिकों को पुलिस महानिदेशक का हीरक, स्वर्ण एवं रजत प्रशंसा चिन्ह प्रदान किये गये हैं। इन सभी अलंकृत हुए कार्मिकों एवं उनके सम्मानित परिजनों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई!।

मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार व अपराध के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को धरातल पर उतारने में उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रभावी व अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया है।आज उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध की कमर टूट चुकी है। जो अपराधी कल तक भय का कारण थे, आज वे खुद भयभीत हैं। यहां अपराधी बेहाल और आमजन खुशहाल हैं। यह सुखद और गर्व करने वाली स्थिति आप सभी के अथक परिश्रम, अटूट अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा के कारण बन सकी है।उत्तर प्रदेश को माफिया मुक्त एवं दस्यु मुक्त करने एवं अपराधियों पर काल बनकर प्रहार करने के लिए  विशेष रूप से बधाई की पात्र है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराध पर प्रभावी और परिणामदायक नियंत्रण के लिए अत्यंत नियोजित  तरीके से कार्य किया। माफिया उन्मूलन हेतु प्रदेश स्तर पर बनाई गई एंटी माफिया टास्क फोर्स एवं माफियाओं के विरुद्ध कृत कार्यवाई की प्रत्येक माह शासन एवं पुलिस मुख्यालय स्तर पर नियमित अनुश्रवण से आज प्रदेश मे माफिया एवं उनका नेटवर्क पूर्णतः ध्वस्त हो चुका है। वर्ष 2017 से अब तक, 68 कुख्यात माफियाओं में से 29 और उनके 60 सहयोगियों को दोषी ठहराया गया है, जिनमें से दो को अंतिम दंड - मृत्युदंड - मिला है। यूपी गैंगस्टर्स एक्ट के तहत, माफियाओं की ₹4,038 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त एवं ध्वस्त की गई और इन आपराधिक साम्राज्यों के चंगुल से मुक्त कराई गई है जो अपने आप मे ऐतिहासिक है।

अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण रखने तथा अपराधियों को मा0 न्यायालय में अधिकाधिक सजा कराए जाने के उद्देश्य से विवेचनाओं के गुणवत्तापरक, निष्पक्ष एवं शीघ्र निस्तारण तथा मा0 न्यायालयों में सघन पैरवी हेतु  01.07.2023 से मिशन मोड में ’आपरेशन कन्विक्शन’ प्रारम्भ किया गया। इस अभियान में 01.07.2023 से 04.08.2024 तक 45,097 अभियुक्तों को दोषसिद्ध कराया जा चुका है जिसमें 42 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड, 4481 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 778  अभियुक्तों को 20 वर्ष से अधिक तक की सजा करायी जा चुकी है।

अपराधों में शामिल अभियुक्तों की वास्तविक पहचान एवं उनके चिन्हीकरण हेतु ’ऑपरेशन त्रिनेत्र’ प्रारम्भ किया गया। जिसके क्रम में प्रदेश के समस्त थानों में चिन्हित सार्वजनिक स्थलों पर जनसहयोग से 10 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन कराया जा चुका है, जिससे अपराधों के अन्वेषण में उल्लेखनीय मदद मिल रही है।जनता की समस्याओं के समयबद्ध एवं त्वरित निस्तारण व प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु च्नइसपब ळतपमअंदबम त्मअपमू च्वतजंस लॉन्च किया गया है।

डायल 112 की सेवा के माध्यम से पुलिस की गतिशीलता, रिस्पांस टाईम में सुधार तथा फुट पेट्रोलिंग के जरिए पुलिस की बढ़ती विजिबिलिटी ने अपराध नियंत्रण के साथ ही जनसंवाद को बढ़ाया है।सामुदायिक पुलिसिंग की दिशा मे एक नयी पहल करते हुए दिनाँक 12.08.2024 को यूपी-112 ने पीड़ितों की समय से मदद और अपराध की रिपोर्ट करने के लिए जन-जागरुकता अभियान ’एक पहल’ की शुरूआत की है। विदित हो कि डायल 112 सेवा को वीमेन पावर लाइन 1090, ळत्च्, फायर सर्विस, महिला हेल्पलाइन 181 सेवा, एम्बुलेंस सेवा 108 व उ.प्र. राज्य परिवहन हेल्पलाइन एवं साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 के साथ एकीकृत किया गया है जिससे हमारी इमरजेंसी हेल्पलाइन देश की सर्वश्रेष्ठ हेल्पलाइन के रूप में स्थापित हुई है।

विवेचनाओं की गुणवत्ता में वृद्धि लाने एवं आधुनिकतम तकनीक से दक्ष वैज्ञानिकों को तैयार करने के उद्देश्य से यूपी राज्य फॉरेन्सिक विज्ञान संस्थान’ की स्थापना लखनऊ में की गई है।यह संस्थान फोरेंसिक के क्षेत्र में प्रशिक्षित जनशक्ति का एक पूल तैयार करने के साथ ही पुलिस कर्मियों एवं न्यायपालिका के सदस्यों को फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने का कार्य कर रहा है । सोशल मीडिया के समस्त प्लेटफॉर्म पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपनी सशक्त उपस्थिति बनाकर एक बेंचमार्क स्थापित किया है जिसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हुई है। हमने कई राज्य पुलिस बलों को उनके अनुरोध पर सोशल मीडिया हैंडलिंग मे प्रशिक्षित करने का भी कार्य किया है।

शासन द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जनपद में अत्याधुनिक एवं समस्त संसाधनों से सुसज्जित सोशल मीडिया सेंटर की स्थापना की स्वीकृति दी गई थी जिसमें प्रथम चरण में 10 जनपदों में निर्माण कार्य पूर्ण कर उन्हें क्रियाशील किया जा चुका है। पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर द्वारा देश में सर्वप्रथम एक अभिनव प्रयोग करते हुए सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर आत्महत्या किए जाने से संबंधित पोस्ट का संज्ञान लेकर मेटा कम्पनी के सहयोग से अब तक पिछले दो वर्षो मे 470 व्यक्तियों के जीवन की रक्षा की जा चुकी है जिसके लिये वो बधाई के पात्र हैं।

भारतीय लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 को कुशल पुलिस प्रबन्धन व सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था से सद्भावपूर्ण वातावरण में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक सकुशल सम्पन्न कराए गए हैं। पुलिस बल को और बेहतर, सक्षम एवं मजबूत बनाने के लिये समय-समय पर उच्च मापदंडो के साथ निष्पक्ष एवं पारदर्शी पुलिस भर्ती प्रक्रिया विभिन्न पदों पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा पूर्ण कुशलता, पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ की गयी है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के 60,244 पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रचलित है। बदलते समय के साथ दृष्टिगत यूपी पुलिस ने स्वयं को अपडेट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश पुलिस ने त्मवितउ, च्मतवितउ, ज्तंदेवितउ मंत्र को आत्मसात कर अपराधों की बदलती प्रकृति और शैली के अनुरूप खुद को तैयार किया है। अत्याधुनिक संसाधनों से लैस, तकनीकी दक्षता से युक्त, आधुनिकतम नवीनतम आधारभूत ढांचे और विश्वस्तरीय फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं की उपलब्धता, नियमित अंतराल पर उत्कृष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि आधुनिक, अनुशासित उत्तर प्रदेश पुलिस की पहचान बन गए हैं। किसी भी समाज मे  महिला सुरक्षा की स्थिति उस समाज की कानून-व्यवस्था का मापक होती है।

विगत 07 वर्षों में उ0प्र0 शासन द्वारा महिलाओं, बालिकाओं की सुरक्षा एवं सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए अनेकों योजनायें तथा अभियान संचालित किये गये हैं जिनके अत्यन्त सुखद परिणाम सामने आये हैं। मिशन शक्ति अभियान के फलस्वरूप आज पूरे प्रदेश में मातृशक्ति स्वयं को सुरक्षित, सम्मानित, सशक्त व आत्मविश्वास से परिपूर्ण महसूस कर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश महिलाओं के विरुद्ध अपराध में सजा दिलाने में 70.8 की दर से देश में प्रथम स्थान पर है। वरीयता क्रम में यह शीर्ष स्थान पूरी संवेदनशीलता के साथ किए गए अविराम प्रयासों का परिणाम है।

विदित हो कि प्रदेश के 1546 थानों में कुल 20,000  महिला पुलिस कर्मियों को नियुक्त करते हुए 10,000 महिला बीटों का आवंटन किया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक थानों मे महिला हेल्प डेस्क एवं प्रत्येक जनपद में महिला थाना के अतिरिक्त एक अन्य थाने में महिला थानाध्यक्ष की तैनाती की पहल ने महिला पुलिस कर्मियों को आत्मविश्वास से भर दिया है और थाने का वातावरण पूर्व से अधिक जनकेंद्रित हुआ है। अब आधी आबादी बिना किसी संकोच के अपनी बात थाने में कह पाती है।

आज आपका उत्तर प्रदेश 18 सेफ सिटी वाला देश का पहला राज्य है जो पब्लिक सेफ्टी के उत्कृष्ट मानदंड स्थापित कर रहा है। यूपी पुलिस के परिश्रम, समर्पण, उपलब्धियों और बलिदान की भावना को चंद आंकड़ों में बयान कर पाना संभव नहीं है। मुस्कुराता हुआ, आत्मविश्वास से भरा हुआ, सुरक्षित महसूस करता उत्तर प्रदेश हमारे भागीरथी प्रयासों की दास्तान कह रहा है।स्वाधीनता संग्राम में युवा राष्ट्र भक्तों ने स्वराज्य के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। आज के पावन अवसर पर हम सभी पुलिस अधिकारियों को सुराज्य के लिए अपने जीवन को समर्पित करने का संकल्प लेना चाहिये।

आज उत्तर प्रदेश पुलिस मे हो रही ऐतिहासिक भर्तियों के कारण युवा साथियों की संख्या बढ़ रही है। हमारे युवा पुलिस अधिकारी वर्ष 2047 मे स्वाधीनता की 100 वीं वर्षगाँठ के ऐतिहासिक पल के साक्षी होंगे। मैं अपने युवा साथियों का आह्वान करता हूं कि आप सभी वर्ष 2047 के भारत की अत्याधुनिक एवं निजनतपेजपब पुलिसिंग के संकल्प की सिद्धि के लिए अपने आपको तैयार करें।

मैं अपेक्षा करता हूं कि आप सभी अपनी ईमानदारी, कठिन परिश्रम, अटूट निष्ठा और उत्तम आचरण से पुलिस की छवि को जनता में उज्ज्वल बनाकर एक मित्र पुलिस, रक्षक पुलिस के रूप में कानून व्यवस्था के उत्कृष्ट मानक स्थापित करेंगे। आपके पूर्ण समर्पण के बिना एक सशक्त, संवेदनशील और सहयोगी पुलिस के लक्ष्य की सिद्धि सम्भव नहीं है। मैं पुनः सभी अमर बलिदानियों को नमन करते हुए आप सभी को स्वतंत्रता दिवस के पुनीत अवसर पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।