पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया लेकिन यहां मना गणतंत्र दिवस, चौंकाने वाली है वजह, अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

देशभर में जब स्वतंत्रता दिवस की धूम थी, तब बिहार के गोपालगंज जिले में एक प्रशासनिक गलती ने लोगों को चौंका दिया। गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने का निमंत्रण पत्र वायरल हो रहा है। इस पत्र को देखकर लोग दंग हैं, क्योंकि उसमें 15 अगस्त के कार्यक्रम के लिए आमंत्रण तो था, मगर उसे गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का बताया गया। वही इस निमंत्रण पत्र में 15 अगस्त की तारीख दी गई थी, मगर कार्यक्रम को 26 जनवरी के रूप में वर्णित किया गया। इस गलती ने सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोरीं तथा लोग प्रशासन की इस लापरवाही पर तंज कस रहे हैं। यह पत्र सिधवलिया प्रखंड के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा तैयार किया गया था, जिसे सार्वजनिक रूप से जारी किया गया। इस गलती ने सरकारी अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आमतौर पर स्कूल जाने वाले बच्चों को भी स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस के बीच का अंतर पता होता है। ऐसे में जब उच्च पदों पर बैठे अफसरों से यह गलती होती है, तो सवाल उठना स्वाभाविक है। लोगों का मानना है कि किसी ने निमंत्रण पत्र को सही से पढ़ने और जांचने की आवश्यकता नहीं समझी, जिससे यह हास्यास्पद स्थिति उत्पन्न हुई। अब सवाल यह है कि इस प्रशासनिक चूक के लिए जिम्मेदार कौन है और क्या इस पर कोई कार्रवाई होगी?
विपक्ष के नेताओं को जेल में डाला जा रहा है', बोले मनीष सिसोदिया, मुझे सरकार में शामिल होने की कोई जल्दी नहीं

राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शराब घोटाले में 17 महीने पश्चात् जेल से बाहर आने पर पहला इंटरव्यू दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि शराब घोटाले में जेल जाना पडे़गा. सिसोदिया ने अपने एक इंटरव्यू के चलते कहा कि विपक्ष के नेताओं को जेल में डाला जा रहा है. हमें तोड़ने का प्रयास किया गया. राजनीति में एक दूसरे पर आरोप लगाना आम है. किन्तु मुझे लगता है कि किसी भी शख्स को जेल भेजने या उसे गिरफ्तार करने का कोई ना कोई कारण होता है. सरकार में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे फिलहाल सरकार में शामिल होने की जल्दी नहीं है. सिसोदिया ने 17 महीने की जेल के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि इस के चलते उनकी खुद से दोस्ती हो गई थी। शराब घोटाले की वजह से आम आदमी पार्टी की फजीहत होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में पार्टी की प्रतिष्ठा बढ़ी है, क्योंकि लोग देख रहे हैं कि पार्टी इतने दबाव के बावजूद डटी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि शराब घोटाले से जुड़े मामले को उन्होंने नहीं बल्कि उनकी पार्टी ने लड़ा है। उनकी पत्नी हर वक़्त उनके साथ खड़ी रही। सिसोदिया ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय की धमकी मिलने पर पार्टियां और सरकारें टूट जाती हैं, लेकिन उनकी पार्टी और सरकार डटे रहे और काम करते रहे। दिल्ली में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस के साथ गठबंधन के मुद्दे पर सिसोदिया ने कहा कि गठबंधन वक़्त के मुताबिक तय होते हैं तथा वे दिल्ली और लोकसभा चुनाव को अलग-अलग मानते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले भाजपा की तानाशाही से लड़ना होगा। वर्तमान में विपक्षी नेताओं को जेल में डाला जा रहा है तथा प्रवर्तन निदेशालय छोटे व्यापारियों को परेशान कर रही है। इस तानाशाही के खिलाफ खड़ा होना आवश्यक है। सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं माना जा सकता और यदि पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए, तो अरविंद केजरीवाल 24 घंटे में जेल से बाहर आ सकते हैं। मनीष सिसोदिया को 9 अगस्त को जमानत मिली थी, और वे 17 महीने की जेल के बाद बाहर आए हैं।
विपक्ष के नेताओं को जेल में डाला जा रहा है', बोले मनीष सिसोदिया, मुझे सरकार में शामिल होने की कोई जल्दी नहीं

राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शराब घोटाले में 17 महीने पश्चात् जेल से बाहर आने पर पहला इंटरव्यू दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि शराब घोटाले में जेल जाना पडे़गा. सिसोदिया ने अपने एक इंटरव्यू के चलते कहा कि विपक्ष के नेताओं को जेल में डाला जा रहा है. हमें तोड़ने का प्रयास किया गया. राजनीति में एक दूसरे पर आरोप लगाना आम है. किन्तु मुझे लगता है कि किसी भी शख्स को जेल भेजने या उसे गिरफ्तार करने का कोई ना कोई कारण होता है. सरकार में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे फिलहाल सरकार में शामिल होने की जल्दी नहीं है. सिसोदिया ने 17 महीने की जेल के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि इस के चलते उनकी खुद से दोस्ती हो गई थी। शराब घोटाले की वजह से आम आदमी पार्टी की फजीहत होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में पार्टी की प्रतिष्ठा बढ़ी है, क्योंकि लोग देख रहे हैं कि पार्टी इतने दबाव के बावजूद डटी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि शराब घोटाले से जुड़े मामले को उन्होंने नहीं बल्कि उनकी पार्टी ने लड़ा है। उनकी पत्नी हर वक़्त उनके साथ खड़ी रही। सिसोदिया ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय की धमकी मिलने पर पार्टियां और सरकारें टूट जाती हैं, लेकिन उनकी पार्टी और सरकार डटे रहे और काम करते रहे। दिल्ली में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस के साथ गठबंधन के मुद्दे पर सिसोदिया ने कहा कि गठबंधन वक़्त के मुताबिक तय होते हैं तथा वे दिल्ली और लोकसभा चुनाव को अलग-अलग मानते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले भाजपा की तानाशाही से लड़ना होगा। वर्तमान में विपक्षी नेताओं को जेल में डाला जा रहा है तथा प्रवर्तन निदेशालय छोटे व्यापारियों को परेशान कर रही है। इस तानाशाही के खिलाफ खड़ा होना आवश्यक है। सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं माना जा सकता और यदि पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए, तो अरविंद केजरीवाल 24 घंटे में जेल से बाहर आ सकते हैं। मनीष सिसोदिया को 9 अगस्त को जमानत मिली थी, और वे 17 महीने की जेल के बाद बाहर आए हैं।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की एक और ऊंची छलांग, इसरो ने आपदा का अलर्ट देने वाली सैटलाइट की लॉन्च*
#isro_earth_observation_satellite_eos_08_lifts_off_from_sriharikota

भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और ऊंची छलांग लगाई है। इसरो ने आज सुबह श्रीहरिकोटा से लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी-डी3) की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान को सफलता से लॉन्च किया। इस सफल लॉन्च के साथ ही इसरो ने दुनिया के छोटे उपग्रहों को स्पेस में भेजने के बाजार में कदम रख दिया है। सरो ने आपदा का अलर्ट देने वाली यह सैटलाइट लॉन्च की है।इस सैटलाइट को आग और ज्वालामुखी तक की जानकारी जुटाने के लिए खास तरीके से तैयार किया गया है। श्रीहरिकोटा से शुक्रवार सुबह 9.17 बजे एसएसएलवी-डी3-ईओएस 08 मिशन को लॉन्च किया गया। ये एसएसएलवी की तीसरी और आखिरी फ्लाइट है। एसएसएलवी-डी3-ईओएस 08 रॉकेट अपने साथ एक सैटेलाइट लेकर गया जो धरती की निगरानी के लिए बना है।इसरो के मुताबिक, मिशन का मेन मकसद एक माइक्रोसैटेलाइट का डिजाइन और विकास करना था. साथ ही माइक्रोसैटेलाइट बस के साथ कम्पैटिबल पेलोड उपकरणों को बनाना और भविष्य के ऑपरेशनल सैटेलाइट्स के लिए नई तकनीकों को शामिल करना भी मिशन के उद्देश्यों में से है। अर्थ ऑब्जरवेशन सैटलाइट (ईओएस-08) एक ऐसी सैटलाइट है जो पृथ्वी की निगरानी करेगा और साथ ही किसी भी तरह की आपदा की चेतवानी पहले से ही देगा, जिससे किसी भी आपदा का सामना करने में मदद मिलेगी। इसके तहत भूमि की सतह, जीवमंडल, ठोस पृथ्वी, वायुमंडल और महासागरों का निगाह रखी जाएगी। इससे दुनिया में कहीं भी बाढ़, ज्वालामुखी, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का पता लगाने में मदद मिलेगी। जानकारी के मुताबिक इस सैटलाइट का वजन लगभग 175.5 किलोग्राम है। इसमें तीन पेलोड हैं। एक इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआईआर), दूसरा ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर) और तीसरा एसआईसी यूवी डोसिमीटर है।
ट्रेनी डॉक्टर से रेप-हत्या मामले में गरमाई बंगाल की सियासत, ‘वाम' और 'राम’ तक पहुंचा मामला

#mamata_banerjee_blame_ram_bam_for_rg_kar_hospital_vandalism 

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। वहीं, रेप मर्डर मामले में सियासत जोरों पर है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज पर हमले को बीजेपी और लेफ्ट से जोड़ दिया है। ममता बनर्जी ने इस मामले से जुड़े प्रदर्शन का दोष 'राम'-'वाम' पर मढ़ दिया है।

पश्च‍िम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गुरुवार को राजभवन पहुंचीं। लेकिन चाय पार्टी के बाद उन्‍होंने बीजेपी और वामपंथी दलों पर जमकर निशाना साधा। ममता बनर्जी ने कहा कि बुधवार रात को आरजी कर में जो क्षति हुई है जिन्होंने यह तांडव किया है वे आरजी कर के छात्र आंदोलन से जुड़े नहीं हैं। वे बाहर के लोग हैं, मैंने जितनी वीडियो देखी है, उसमें किसी के हाथ में राष्ट्रीय ध्वज हैं। वे बीजेपी के लोग हैं, और कुछ लोगों के हाथ में सफेद लाल झंडे हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि तांडव वाम और राम ने यह किया है।

जब तक हमारी पुलिस जांच कर रही थी, कुछ लीक नहीं हुआ-ममता

ममता बनर्जी ने आगे कहा, हमने सारे दस्तावेज दे दिए हैं, जो भी लीक हो रहा है, जब तक हमारी पुलिस जांच कर रही थी, तब तक कुछ भी लीक नहीं हुआ। ममता बनर्जी ने कहा कि अब केस हमारे हाथ में नहीं हैं, सीबीआई के हाथ में है। आपको कुछ बोलना है तो सीबीआई को बोलें, हमें कोई आपत्ति नहीं हैं। मेरी और बंगाल के लोगों की संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं। यह बहुत बड़ा अपराध है, इसकी एकमात्र सजा फांसी है, अगर अपराधी को फांसी होगी तभी लोगों को इससे सबक मिलेगा लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए।

ममता ने की पुलिस की सराहना

ममता बनर्जी ने कहा कि कल पुलिस पर भी आक्रमण हुआ। पुलिस के लोगों पर बहुत आक्रमण हुआ लेकिन मैं उन्हें साधुवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने धीरज नहीं खोया। उन्होंने शांति के लिए किसी को चोट नहीं पहुंचाई।

बंगाल में आज खूब होगा बवाल! ट्रेनी डॉक्टर से रेप-हत्या के विरोध में टीएमसी-भाजपा का विरोध प्रदर्शन, डॉक्टर्स भी सड़कों पर

#kolkata_doctor_rape_murder_case_opposition_left_doctors_protest 

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के विरोध में देशभर में डॉक्टर अपने अपने तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसी शहर में काली पट्टी बांधकर काम हो रहा है तो कहीं ओपीडी बंद है। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 17 अगस्त को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस दौरान केवल इमर्जेंसी में काम होगा। ओपीडी सेवाएं ठप रहेंगी। इससे पहले आज यानी 16 अगस्त को बंगाल में खूब “बवाल” होने वाला है। इसके साथ ही आज पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा का विरोध प्रदर्शन होगा। 

आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में बंगाल में राजनीति तेज हो गई है। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा इस मामले को लेकर आज प्रदर्शन करने वाली हैं। एक तरफ जहां सीएम ममता बनर्जी दोषी को फांसी की सजा की मांग को लेकर रैली निकालेंगी। ममता बनर्जी इस घटना के विरोध में आज शाम 4 बजे मौलाली से धरमतला तक विरोध रैली आयोजित करेंगी। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा भी राज्य के हर जिले में विरोध प्रदर्शन करेगी। कोलकाता में मुख्यमंत्री आवास तक कैंडल मार्च निकाला जाएगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। ऐसे में सीएम ममता बनर्जी को इस्तीफा दे देना चाहिए।

सबूत मिटाने की आरोप

बंगाल बीजेपी का कहना है कि अस्पताल में सबूत मिटाने के लिए तोड़फोड़ की गई। यहां बहन बेटियां सुरक्षित नहीं है। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और सीबीआई के निदेशक को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि आरजी कर अस्पताल में सीएपीएफ फोर्स की तैनाती की जाए ताकि सबूतों से छोड़छाड़ न हो सके।

देशभर के डॉक्टर्स सड़कों पर

वहीं, घटना के बाद देशभर के डॉक्टर्स लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में डॉक्टरों की वैसे तो बहुतेरे मांग है लेकिन सबसे पहली और अहम मांग यही है कि पीड़िता को न्याय मिले। सभी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। मृतक डॉक्टर के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और इस मामले में जल्द से जल्द न्याय हो। डॉक्टर्स सरकार से सेंट्रल हेल्थकेयर प्रोटेक्शन एक्ट की भी मांग कर रहे हैं।

आईएमए ने 17 अगस्त को 24 घंटे के बंद का ऐलान किया

ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के छात्रों के आंदोलन के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी 24 घंटे के बंद का ऐलान किया है। आईएमए का यह बंद 17 अगस्त की सुबह 6:00 से 18 अगस्त की सुबह 6:00 बजे तक चलेगा। साथ ही देश के कई मेडिकल एसोसिएशन भी आईएमए के बंद में शामिल होने का ऐलान किया है। इसमें दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन भी शामिल है। डीएमए के एक अधिकारी ने बाताया कि अगर इसका स्थाई समाधान नहीं खोजा गया तो, मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े लोग सड़कों उतर आएंगे।

बंगाल में आज खूब होगा बवाल! ट्रेनी डॉक्टर से रेप-हत्या के विरोध में टीएमसी-भाजपा का विरोध प्रदर्शन, डॉक्टर्स भी सड़कों पर

#kolkatadoctorrapemurdercaseoppositionleftdoctorsprotest 

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के विरोध में देशभर में डॉक्टर अपने अपने तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसी शहर में काली पट्टी बांधकर काम हो रहा है तो कहीं ओपीडी बंद है। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 17 अगस्त को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस दौरान केवल इमर्जेंसी में काम होगा। ओपीडी सेवाएं ठप रहेंगी। इससे पहले आज यानी 16 अगस्त को बंगाल में खूब “बवाल” होने वाला है। इसके साथ ही आज पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा का विरोध प्रदर्शन होगा। 

आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में बंगाल में राजनीति तेज हो गई है। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा इस मामले को लेकर आज प्रदर्शन करने वाली हैं। एक तरफ जहां सीएम ममता बनर्जी दोषी को फांसी की सजा की मांग को लेकर रैली निकालेंगी। ममता बनर्जी इस घटना के विरोध में आज शाम 4 बजे मौलाली से धरमतला तक विरोध रैली आयोजित करेंगी। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा भी राज्य के हर जिले में विरोध प्रदर्शन करेगी। कोलकाता में मुख्यमंत्री आवास तक कैंडल मार्च निकाला जाएगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। ऐसे में सीएम ममता बनर्जी को इस्तीफा दे देना चाहिए।

सबूत मिटाने की आरोप

बंगाल बीजेपी का कहना है कि अस्पताल में सबूत मिटाने के लिए तोड़फोड़ की गई। यहां बहन बेटियां सुरक्षित नहीं है। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और सीबीआई के निदेशक को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि आरजी कर अस्पताल में सीएपीएफ फोर्स की तैनाती की जाए ताकि सबूतों से छोड़छाड़ न हो सके।

देशभर के डॉक्टर्स सड़कों पर

वहीं, घटना के बाद देशभर के डॉक्टर्स लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में डॉक्टरों की वैसे तो बहुतेरे मांग है लेकिन सबसे पहली और अहम मांग यही है कि पीड़िता को न्याय मिले। सभी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। मृतक डॉक्टर के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और इस मामले में जल्द से जल्द न्याय हो। डॉक्टर्स सरकार से सेंट्रल हेल्थकेयर प्रोटेक्शन एक्ट की भी मांग कर रहे हैं।

आईएमए ने 17 अगस्त को 24 घंटे के बंद का ऐलान किया

ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के छात्रों के आंदोलन के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी 24 घंटे के बंद का ऐलान किया है। आईएमए का यह बंद 17 अगस्त की सुबह 6:00 से 18 अगस्त की सुबह 6:00 बजे तक चलेगा। साथ ही देश के कई मेडिकल एसोसिएशन भी आईएमए के बंद में शामिल होने का ऐलान किया है। इसमें दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन भी शामिल है। डीएमए के एक अधिकारी ने बाताया कि अगर इसका स्थाई समाधान नहीं खोजा गया तो, मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े लोग सड़कों उतर आएंगे।

निर्वाचन आयोग का प्रेस कॉन्फ्रेंस आज, इन राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का हो सकता है ऐलान

#election_commission_to_announce_jammu_kashmir_haraya_aassembly_election_schedule_today 

इस साल के अंत तक जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग की आज अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग आज विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करेगा। हालांकि आज केवल जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान हो सकता है और बाकी महाराष्ट्र और झारखंड के लिए तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी।

दोपहर 3 बजे चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। चुनाव आयोग की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए मीडिया को भेजे गए चुनाव आयोग के निमंत्रण में उन राज्यों का उल्लेख नहीं किया गया है, जिनके लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। हालांकि, सूत्र बता रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है। दरअसल, चुनाव आयोग ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा भी किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद ये पहला चुनाव होगा। जम्मू-कश्मीर में 2018 में सरकार भंग होने के बाद से ही चुनाव नहीं हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में चुनाव हुए थे। तब भाजपा-पीडीपी ने गठबंधन बनाया था। हालांकि, बाद में भाजपा ने इस गठबंधन से दूरी बना ली। 2018 में भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी।

हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो रहा है। यहां आखिरी बार 2019 में चुनाव हुए थे। तब भाजपा-जजपा ने साथ आकर सरकार बनाई थी। हालांकि, इसी साल मार्च में दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया था। दूसरी तरफ भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री नियुक्त किया था।

पीएम मोदी ने लाल किले से छेड़ा नया राग, सेक्यूलर सिविल कोड का किया जिक्र, कांग्रेस बोली-अंबेडकर का अपमान

#pmnarendramodispeechsecualcivilcode

आजादी की 78वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से भाषण देते हुए एक बार फिर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का जिक्र किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूसीसी पर अपनी सरकार का रुख भी साफ कर दिया। हालांकि पीएम मोदी ने यूसीसी की जगह जिस नाम का इस्तेमाल किया है, वो विवाद बढ़ाने वाला है। जिसकी शुरूआत हो भी गई है। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सेकुलर सिविल कोड की जरूरत बताई।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश को कम्युनल नहीं, बल्कि एक सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। अब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से यह कह कर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का घोर अपमान किया है।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की दुर्भावना और विद्वेष की कोई सीमा नहीं है। आज के उनके लाल किले के भाषण में यह पूरी तरह से दिखा।' उन्होंने आरोप लगाया कि यह कहना हमारे पास अब तक 'सांप्रदायिक नागरिक संहिता' है, डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है, जो हिंदू पर्सनल लॉ में सुधारों के सबसे बड़े समर्थक थे। ये सुधार 1950 के दशक के मध्य तक वास्तविकता बन गए। इन सुधारों का आरएसएस और जनसंघ ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने 21वें विधि आयोग द्वारा 31 अगस्त, 2018 को पारिवारिक कानून के सुधार पर दिए गए परामर्श पत्र के कथन का उल्लेख किया।

देश को कम्युनल नहीं, सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत-पीएम मोदी

इससे पहले पीएम मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से कहा कि आज देश को कम्युनल नहीं, बल्कि एक सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। जिस सिविल कोड का हम पालन कर रहे हैं, वह कम्युनल सिविल कोड है। समय की यह मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो। इसके बाद ही हमें धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कई बार चर्चा की है। कई बार आदेश भी दिए हैं। मोदी ने यह भी कहा कि संविधान निर्माताओं का सपना पूरा करना हमारा दायित्व है। धर्म के आधार पर समाज को बांटने वाले कानून आधुनिक समाज स्थापित नहीं कर सकते। इसलिए इनका कोई स्थान नहीं हो सकता है।

इस गंभीर विषय पर व्यापक चर्चा हो-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ऐसे सिविल कोड से जब हम संविधान के 75 वर्षा मना रहे हैं अब संविधान की भावना जो कहती है हमें करने के लिए, देश की सुप्रीम कोर्ट भी हमें कहती है करने के लिए और तब संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी हमारी है और मैं चाहता हूं की इस गंभीर विषय पर व्यापक चर्चा हो, हर कोई अपने विचार लेकर आए और उन कानूनों को, जो कानून देश को धर्म के आधार पर बांट दे, समाज में ऊंच-नीच का कारण बन जाए, ऐसे कानून का समाज में कोई स्थान नहीं है और इसलिए मैं तो कहूंगा और समाज की मांग है कि देश में एक सेक्यूलर सिविल कोड होना चाहिए। हमने कम्यूनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सिविल कोड की तरफ जाना होगा और तब जाकर के जो भेदभाव हो रहे हैं, उससे हमें मुक्ति मिलेगी।

क्या है यूसीसी ?

यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता, जिसे प्रधानमंत्री ने सेक्युलर सिविल कोड के नाम से संबोधित किया, इसका सीधा सा मतलब है देश में रहने वाले हर धर्म, जाति, संप्रदाय और वर्ग के लिए हर मुद्दे पर एक समान नियम-कानून। एक ऐसा कानून जो पूरे देश के लिए एक समान हो। इसमें सभी धर्म वालों के लिए विरासत, शादी, तलाक और गोद लेने के नियम एक ही होंगे। भारत के संविधान में भी देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून की बात कही गई है। इसका अनुच्छेद-44 नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है और इस अनुच्छेद का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में दिए गए धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य के सिद्धांत का पालन करना है। अनुच्छेद-44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाना सरकार का दायित्व है।

पहले भी एक परिवार में एक नियम की कर चुके हैं पैरवी

ये पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता को देश की जरूरत बताया है। पिछले साल मध्य प्रदेश में एक रैली में उन्होंने कहा था, परिवार के एक सदस्य के लिए एक नियम हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा नियम हो तो क्या वो घर चल पाएगा? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?'

यूसीसी बीजेपी सरकार का टॉप एजेंडा

बता दें कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा मोदी सरकार के टॉप एजेंडे में रहा है। बीजेपी के तीन बड़े वादों- अयोध्या में राम मंदिर बनाना, कश्मीर से 370 हटाना के साथ- साथ समान नागरिक संहिता भी शामिल रहा है. राम मंदिर और 370 का वादा पूरा हो चुका है। अब बारी समान नागरिक संहिता या कहें तो सेक्यूलर सिविल कोड लागू करने की बारी है।

बिना कारण ही हिंदुओं को झेलनी पड़ रही गर्मी', बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बोले मोहन भागवत

#mohan_bhagwat_spoke_on_bangladesh_on_independence_day

आज स्वतंत्रता दिवस पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ मुख्यालय पर तिरंगा फहराया। मोहन भागवत ने ध्वजारोहण के बाद संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। आरएसएस प्रमुख ने बांग्लादेश में जारी हिंसा का जिक्र किया। उन्होंने अपने संबोधन में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदूओं को अकारण ही उस हिंसा की गर्मी झेलनी पड़ रही है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ के हेडक्‍वार्टर पर झंडा फहराते हुए कहा, 'हम अपना 78वां स्वतंत्रता दिन पूरा कर रहे हैं। देश में इस स्वतंत्रता के लिए बलिदान करने वाला समूह और उनके पीछे खड़े होने वाले समाज ये दोनों बातें जब बनी तब हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। हमने जो बड़ी मेहनत से स्वतंत्रता पाई वो पीढ़ी तो चली गई लेकिन आने वाले पीढ़ी को स्व के रंग में रंगना और उसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है। उन्‍होंने कहा, आने वाली पीढ़ी का यह कर्तव्य है कि वह स्वतंत्रता के ‘स्व’ की रक्षा करे क्योंकि दुनिया में हमेशा ऐसे लोग होते हैं जो दूसरे देशों पर हावी होना चाहते हैं और हमें उनसे सतर्क एवं सावधान रहना होगा तथा स्वयं को बचाना होगा।

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत ऐसा है कि वह खुद की रक्षा और स्वयं की स्वतंत्रता इसका तो दायित्व है ही, हर देश का होता है लेकिन भारतवर्ष की परंपरा रही है कि भारत अपने आपको दुनिया के उपकार के लिए बड़ा करता है और इसलिए पिछले सालों में हमने देखा होगा कि हमने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, कुछ नहीं किया। जब-जब जो संकट में था, उसकी मदद की, वह हमारे साथ कैसा व्यवहार करता है इसको देखा नहीं, जो संकट में है उसकी मदद करना ये हमारा देश है, ऐसा हमको चलना है।

भागवत ने परोक्ष रूप से बांग्लादेश के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि कि दुनिया भर के दुखी-पीड़ितों के लिए हम करते हैं, हमारी सरकार भी करती है, तो ऐसी परिस्थिति में अपना देश ठीक रहे और अन्य देशों को ठीक होना है, उनको हमारी मदद की जरूरत हो और उन देशों में जो अस्थिरता की अराजकता की गर्मी झेलने वाले जो लोग हैं। उनको कोई कष्ट न हो, उन पर कोई अत्याचार न हो, एक देश के नाते हमारे सिर पर है कुछ मामले तो सरकार को अपने स्तर पर ही करने पड़ते हैं। परंतु यह सब करके भी उनको शक्ति तब मिलती है जब समाज इस प्रकार की मनोवृत्ति लेकर, सजगता लेकर देश के लिए सबकुछ अर्पण करने के लिए जीता है।

भागवत ने कहा, यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि अस्थिरता और अराजकता की मार झेल रहे लोगों को किसी परेशानी, अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े. कुछ मामलों में सरकार को अपने स्तर पर भी देखना पड़ता है, लेकिन उसे ताकत तभी मिलती है जब समाज अपना कर्तव्य निभाता है और देश के लिए प्रतिबद्धता दिखाता है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। पीएम मोदी ने कहा, बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा, भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, हमारे संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।

बता दें कि बांग्लादेश में पिछले दिनों प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से कई हिंदू मंदिरों, हिंदू समुदाय के लोगों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की खबरें हैं। नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर शेख हसीना नीत सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद देश में अव्यवस्था का माहौल हो गया। हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ कर भारत आ गईं।