चीन के करीबी मुइज़्ज़ू का बदला मिजाज, क्या फिर भारत के करीब आ रहा मालदीव?*
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में मालदीव की तीन दिवसीय यात्रा संपन्न की। दोनों देशों के बीच राजनीतिक विवाद के बाद नई दिल्ली से ये पहली उच्च स्तरीय यात्रा थी। यही नहीं, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की चीन से नज़दीकी ज़ाहिर होने के बाद यह भारत के किसी बड़े मंत्री की पहली मालदीव यात्रा थी।एस जयशंकर की ये यात्रा भारत की एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि साबित हुई।एस जयशंकर ने अपनी इस यात्रा में मालदीव में यूपीआई से पेमेंट की सुविधा शुरू करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया है। साथ ही मालदीव ने 28 द्वीपों की व्यवस्था को भारत को सौंपने का फैसला लिया है। इन 28 द्वीपों पर अब पानी सप्लाई और सीवर से जुड़ी परियोजनाओं पर काम करने और इसकी देखरेख करने की जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने खुद इसका ऐलान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, मालदीव के 28 द्वीपों में पानी और नाले से जुड़ी परियोजनाओं को आधिकारिक तौर पर सौंपे जाने के मौके पर डॉक्टर एस जयशंकर से मिलकर खुशी हुई। हमेशा मालदीव की मदद करने के लिए मैं भारत सरकार और खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने कहा है कि हमारी साझेदारी से दोनों देशों के बीच सुरक्षा, विकास और सांस्कृतिक संबंध और मज़बूत होंगे. हम इस क्षेत्र में ज़्यादा समृद्ध भविष्य का निर्माण करेंगे। मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने अपने सोशल मीडिया पर एस जयशंकर के साथ मुलाक़ात की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की हैं। ख़बरों के मुताबिक़ मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने भारत को अपने सबसे क़रीबी सहयोगियों में से एक बताया है। वहीं भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी मालदीव के साथ संबंधों को ख़ास बताया है. यह घटनाक्रम इस साल की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद भारत और मालदीव के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बाद हुआ है। इस यात्रा ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया था जब एक मालदीव के नेता ने प्रधान मंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था, जिससे पड़ोसी देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था।इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू, जो चीन समर्थक रुख और 'इंडिया आउट' अभियान के साथ सत्ता में आए थे, ने पहले द्विपक्षीय संबंधों के लिए चुनौतियाँ पेश की थीं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि, क्या चीन के करीबी मुइज़्ज़ू का मिजाज बदल गया है और मालदीव फिर भारत के करीब आ रहा है? हालांकि, इस सकारात्मक बदलाव के झलकी राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने पहले भी दिखाई है। मुइज़्ज़ू ने 12 अगस्त को भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा से मालदीव के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक रहा है, जो जरूरत पड़ने पर अमूल्य सहायता प्रदान करता रहा है। राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने प्रधान मंत्री मोदी और भारतीय लोगों के निरंतर समर्थन के लिए गहरा आभार व्यक्त किया। एस जयशंकर की इस यात्रा पर काफ़ी लोगों की नज़र थी। चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, चीनी विशेषज्ञों ने कहा है कि चीन मालदीव के साथ बहुत खास संबंध या सहयोग की इच्छा नहीं रखता है, जबकि भारत इस इलाके में अपने प्रभुत्व के लिए चीन को एक डर के तौर पर पेश करता है। वैसे चीन के सरकारी अखबार का एस जयशंकर की यात्रा पर नजर रखना ये प्रदर्शित करता है, चीन छटपटा तो रहा है लेकिन वो भारत और मालदीव के रिश्ते खराब करने में नाकाम रहा। बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जु इंडिया आउट का नारा देकर सत्ता में आए थे। पिछले वर्ष 17 नवंबर को सत्ता हासिल करने के बाद उन्होंने मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को वापस भेजने में काफी तेजी दिखाई थी। राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा टर्की और दूसरी यात्रा चीन की थी, सामान्य तौर पर मालदीव के राष्ट्रपति की पहली विदेश यात्रा भारत की होती है। पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर मालदीव के कई मंत्रियों ने विवादित बयान दिए थे, हालांकि डैमेज कंट्रोल करते हुए मोइज्जू ने उन्हें पद से हटा दिया था। मालदीव में लगातार हो रहे ऐसे फैसलों से ये माना जा रहा था कि चीन समर्थक मोइज्जू, चीन के दबाव में भारत से अच्छे रिश्ते नहीं रखेंगे, लेकिन मालदीव को विपक्षी दलों के दबाव और अपनी जरूरतों को देखते हुए, यू-टर्न लेना पड़ा। भारत से रिश्ते सुधारने के लिए मोइज्जू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। माना जा रहा है कि यहीं से दोनों देशों के रिश्ते बेहतर होने की शुरुआत हुई। पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा और मालदीव और भारत के संबंधों में आए तनाव के बाद दोनों देशों में हुआ ये नया समझौता भारत विरोधियों को चुभ सकता है, लेकिन ऐसे वक्त में जब बांग्लादेश में भारत समर्थित सरकार का तख्तापलट हुआ है, ये भारत की कूटनीति के लिहाज से अच्छी खबर है।
जापान के प्रधानमंत्री का पद छोड़ेंगे फुमियो किशिदा, पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से भी किया इनकार*
#japanese_prime_minister_fumio_kishida_said_he_will_step_down_in_september
जापान के प्रधानमंत्री ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया है। फुमियो किशिदा ने कहा कि वह सितंबर में पद छोड़ देंगे। उन्होंने सितंबर में होने वाले पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया है। फुमियो किशिदा अगले महीने नए अध्यक्ष का चुनाव होते ही पीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। जापान के सरकारी टीवी चैनल ने इसकी पुष्टि की है। किशिदा को 2021 में अपनी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था और उनका कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है। फुमियो किशिदा ने सत्ताधारी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक (एलडीपी) की पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव भी नहीं लड़ने का ऐलान किया है। बता दें कि अक्टूबर 2021 में फुमियो किशिदा ने जापान के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था। किशिदा ने योशीहाइद सुगा की जगह ली थी। बता दें कि जापान की सत्ताधारी पार्टी पिछले कुछ समय से कई तरह के विवादों में घिरी रही है। पिछले साल दिसंबर में भी राजनीतिक फंडिंग को लेकर विवाद हुआ था। पार्टी के अंदर भी किशिदा के खिलाफ विरोद के स्वर उठ रहे हैं। साथ ही किशिदा की कैबिनेट की अप्रूवल रेटिंग भी लगातार गिर रही है और यह पिछले आठ महीने से सिर्फ 20 प्रतिशत के आसपास ही है। जिसके बाद पार्टी नेताओं का मानना है कि मौजूदा सरकार के नेतृत्व में अगला आम चुनाव जीतना काफी मुश्किल है। जापान में अक्तूबर महीने में चुनाव होने हैं। बीते अप्रैल में जापान के कई शहरों में उपचुनाव हुए थे, जिनमें नागासाकी, शिमाने और टोक्यो जैसे शहर शामिल हैं। उस उपचुनाव में एलडीपी को हार का सामना करना पड़ा था। उस वक्त भी किशिदा के इस्तीफे की मांग हुई थी, लेकिन किशिदा ने उस वक्त पद छोड़ने से इनकार कर दिया था। इससे साफ है कि किशिदा पर लंबे समय से पद छोड़ने का दबाव था और अब आखिरकार उन्होंने पद छोड़ने का एलान कर दिया है।
मुल्क छोड़ने के बाद शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या-क्या कहा?

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शेख हसीना ने बांग्लादेश से भागने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है। हसीना का यह बयान उनके खिलाफ बांग्लादेश में हत्या का मामला दर्ज करने के बाद आया है। शेख हसीना ने सत्ता से हटने और देश छोड़ने के बाद अपने पहले बयान में बांग्लादेश में जुलाई माह के दौरान हुई हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों के लिए सजा की मांग की है।उनके बयान को बेटे सजीब वाजेद जॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। इस बयान में उन्होंने बांग्लादेश के निर्माता शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों के अपमान और उनके निवास स्थान पर हुई आगजनी को लेकर भी अपना दुख जाहिर किया है।

परिवार के बलिदान को किया याद

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अपने एक्स अकाउंट पर अपनी मां का पहला बयान पोस्ट किया। जिसमें कहा गया है, प्रिय देशवासियों, 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के राष्ट्रपति, राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उनके प्रति गहरा सम्मान रखें। उसी समय मेरी मां बेगम फजीलतुन्नैसा, मेरे तीन भाई स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन शेख कमाल, स्वतंत्रता सेनानी लेफ्टिनेंट शेख जमाल, कमाल और जमाल की नवविवाहित दुल्हन सुल्ताना कमाल और रोजी जमाल और मेरे 10 वर्ष के छोटे भाई शेख रसेल की बेरहमी से हत्या कर दी गई। 

मेरे इकलौते चाचा लकवाग्रस्त स्वतंत्रता सेनानी शेख नासिर, राष्ट्रपति के सैन्य सचिव ब्रिगेडियर जमील उद्दीन, पुलिस अधिकारी सिद्दीकुर रहमान, स्वतंत्रता सेनानी शेख फजलुल हक मोनी और उनकी गर्भवती पत्नी आरजू मोनी, कृषि मंत्री स्वतंत्रता सेनानी अब्दुर रब सरनियाबाद, उनके 10 वर्षीय बेटे आरिफ और 13 साल की बेटी बेबी, 4 साल का पोता सुकांत, स्वतंत्रता सेनानी, शहीद पत्रकार भतीजे रेंटू समेत कई अन्य की बेरहमी से हत्या कर दी गयी। मैं 15 अगस्त को शहीद हुए सभी लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।

आंदोलन के नाम पर आतंकवादी हमले

हसीना ने अपने बयान में आगे कहा कि पिछली जुलाई से देश में आंदोलन के नाम पर तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा में कई जानें जा रही हैं। आतंकवादी हमलों के परिणामस्वरूप मारे गए छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, महिला पुलिस अधिकारियों, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, कामकाजी लोगों, अवामी लीग और सहयोगी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं, पैदल यात्रियों और विभिन्न संस्थानों के श्रमिकों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और आत्मा की शांति की प्रार्थना करती हूं। उन लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं जो मेरी तरह अपने रिश्तेदारों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं। मैं मांग करती हूं कि इस हत्या और बर्बरता की उचित जांच की जाए और दोषियों की पहचान कर उन्हें उचित सजा दी जाए।

बंगबंधु भवन को लेकर जताया दुख

शेख हसीना ने कहा कि प्रिय देशवासियों हम दोनों बहनों ने 15 अगस्त 1975 को धनमंडी बंगबंधु भवन में हुई नारकीय हत्या की स्मृति वाले घर को बंगाल की जनता को समर्पित किया। इसमें एक स्मारक संग्रहालय बनाया गया था। देश के आम लोगों से लेकर देश-विदेश के गणमान्य लोग इस सदन में आ चुके हैं। यह संग्रहालय आज़ादी का स्मारक है। यह आज धूल भरी है। यह स्मृति हमारे जीवित रहने का आधार थी, वह जलकर राख हो गयी है। यह बहुत दुखद है। 

हसीने ने देशवासियों से की न्याय की अपील

राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्म-सम्मान प्राप्त किया, अपनी पहचान पाई और एक स्वतंत्र देश प्राप्त किया, उनका घोर अपमान किया गया है। उन्होंने लाखों शहीदों के खून का अपमान किया। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं। मैं आपसे 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को उचित गरिमा और गंभीरता के साथ मनाने की अपील करती हूं। बंगबंधु भवन में पुष्प माला चढ़ाकर और प्रार्थना कर सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। अल्लाह बांग्लादेश के लोगों को आशीर्वाद दे। खुदा हाफ़िज़। जय बांग्ला जय बंगबंधु।

ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर की जांच के लिए कोलकाता पहुंची सीबीआई की टीम, सामने होंगी ये चुनौतियां

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पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर से रेप-मर्डर की निष्पक्ष जांच की मांग पर देशभर में जारी डॉक्टरों की हड़ताल के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंप दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई की टीम कोलकाता पहुंची है। दिल्ली से सीबीआई के अफसर कोलकाता पहुंच गई है। कोलकाता पुलिस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपेगी। जिसके बाद सीबीआई की टीम फोरेंसिक टीम के साथ मौका-ए-वारदात का दौरा करेंगे।

इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने हत्याकांड की जांच मंगलवार को अपने हाथ में ले ली थी। एजेंसी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ ही घंटों के अंदर सभी औपचारिकताएं पूरी कर लीं थीं। जांच एजेंसी में सीबीआई ने नई एफआईआर दर्ज की है। इसके मद्देनजर सीबीआई की दिल्ली से एक टीम मामले कोलकाता पहुंची। सीबीआई ने दिल्ली से एक विशेष चिकित्सा और फोरेंसिक टीम भेजी है। कोलकाता पहुंचने के बाद टीम सबसे पहले न्यू टाउन राजारहाट में बीएसएफ-दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों से मिलने पहुंची।

सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश!

हालांकि, जिस तरह के हालात पैदा हुए हैं, उस वजह से जांच के दौरान सीबीआई को केस से जुड़े सबूतों को लेकर काफी परेशानी हो सकती है।दरअसल, सीबीआई के मौके पर पहुंचने से पहले ही हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज में जिस जगह पर डॉक्टर के साथ हैवानियत हुई है, उसी जगह के पास तोड़फोड़ की जा रही है। रेजिडेंट डॉक्टर के कमरे से सटे कमरे की मरम्मत की जा रही है और आरोप है कि सेमिनार रूम से जुड़े साक्ष्यों से जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि क्या सीबीआई के आने से पहले सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश तो नहीं हो रही है?

कोलकाता लेडी डॉक्टर से गैंगरेप की आशंका

वहीं, हत्या और रेप के इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। महिला डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए डॉ. सुबर्नो गोस्वामी ने कहा कि पीड़िता के शरीर जिस प्रकार की चोटें पाई गई हैं वह एक व्यक्ति से संभव नहीं है। गोस्वामी ने कहा कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने जो सैंपल लिए हैं। उसमें मृतक लेडी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट काफी मात्रा में सीमेन मिला है। इसकी मात्रा करीब 151 ग्राम के करीब है। गोस्वामी ने कहा कि इतना सीमेन सिर्फ एक से अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर ही संभव है।

केवल पिता को शव देखने की मिली इजाजत

इस बीच, ट्रेनी डॉक्टर के परिवार और रिश्तेदार की ओर से सामने आ रही बातें कई तरह कई सवाल खड़े कर रही हैं। परिवार का कहना है कि हॉस्पिटल अथॉरिटी ने उन्हें फोन करके कहा कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। फिर जब वे हॉस्पिटल में शव देखने पहुंचे, उन्हें अस्पताल के बाहर तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा, इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक रिश्तेदार ने बताया, ‘तीन घंटे बाद… पिता को अंदर जाने, बेटी का शव देखने की अनुमति दी..बेटी की केवल एक तस्वीर क्लिक करने की अनुमति दी गई जिसे उन्होंने बाहर आने पर हमें दिखाया… इस रिश्तेदार ने बताया कि उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था… उसके पैर 90 डिग्री अलग-अलग थे… ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक कि पेल्विक गर्डल टूट न जाए.. इसका साफ मतलब है कि वह दो भागों में एकदम चीर दी गई थी… वह बताते हैं कि बेटी का चश्मा टूटा हुआ था.. ये ही शीशे उसकी आंखों में घुस गए थे.. उसे गला घोंटकर मारा गया…

ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले अरशद नदीम से मिला लश्कर-ए-तैयबा का, विवादों में घिरे पाकिस्तान के स्टार जैवलिन थ्रोअर

#arshad_nadeem_with_lashkar_e_tayyiba_terrorist_harris_dar 

पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले पाकिस्तान के स्टार जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 में हुई भाला फेंक प्रतियोगिता में पाकिस्तान के लिए गोल्ड जीतने वाले एथलीट अरशद नदीम पिछले कई दिनों से चर्चा में हैं। वो पाकिस्तान के लिए ओलंपिक में इंडिविजुअल गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बने। इसके बाद से ही लगातार उनका सम्मान किया जा रहा है। इसी बीच अरशद नदीम की एक ऐसी फोटो वायरल हो रही है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है। 

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मोहम्मद हारिस डार से मिले हैं। उन्हें डार के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है। इस वीडियो को लेकर दावा है कि अरशद नदीम एक कार्यक्रम में गए थे जहाँ उनकी बातचीत लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी से एकदम करीब बैठकर हुई। इस वीडियो में हारिस अरशद से कहता नजर आ रहा है कि इस मुल्क का नाम पूरी दुनिया में रोशन करना है। हम लोग जैवलिन थ्रो का टूर्नामेंट करवाएंगे।

ये वीडियो वायरल होने के बाद भाजयुमो के राष्ट्रीय सचिव तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अरशद पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा- पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद अरशद नदीम की मुलाकात भारत के मोस्ट वांटेड लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी हारिस डार से हुई।

हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल सका है कि अरशद की मुलाकात पेरिस ओलंपिक से पहले हुई थी या फिर वहां से पाकिस्तान लौटने के बाद, लेकिन ये वीडियो वायरल होने के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। मालूम हो कि जिस आतंकी से बातटीत का वीडियो सामने आने पर अरशद नदीम पर सवाल उठे हैं वो सिर्फ भारत विरोधी बयान बाजी नहीं करता बल्कि यून द्वारा बनाई गई आतंकियों की लिस्ट में भी उसका नाम है। साल 2018 में अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने विदेश विभाग के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और उसकी राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को निशाना बनाते हुए सात लोगों को वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) के रूप में नामित किया था। इस लिस्ट में सैफुल्लाह खालिद, मुजम्मिल इकबाल हाशिमी, मुहम्मद हारिस डार समेत 7 नाम थे।

ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले अरशद नदीम से मिला लश्कर-ए-तैयबा का, विवादों में घिरे पाकिस्तान के स्टार जैवलिन थ्रोअर*
#arshad_nadeem_with_lashkar_e_tayyiba_terrorist_harris_dar

पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले पाकिस्तान के स्टार जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 में हुई भाला फेंक प्रतियोगिता में पाकिस्तान के लिए गोल्ड जीतने वाले एथलीट अरशद नदीम पिछले कई दिनों से चर्चा में हैं। वो पाकिस्तान के लिए ओलंपिक में इंडिविजुअल गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बने। इसके बाद से ही लगातार उनका सम्मान किया जा रहा है। इसी बीच अरशद नदीम की एक ऐसी फोटो वायरल हो रही है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मोहम्मद हारिस डार से मिले हैं। उन्हें डार के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है। इस वीडियो को लेकर दावा है कि अरशद नदीम एक कार्यक्रम में गए थे जहाँ उनकी बातचीत लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी से एकदम करीब बैठकर हुई। इस वीडियो में हारिस अरशद से कहता नजर आ रहा है कि इस मुल्क का नाम पूरी दुनिया में रोशन करना है। हम लोग जैवलिन थ्रो का टूर्नामेंट करवाएंगे। ये वीडियो वायरल होने के बाद भाजयुमो के राष्ट्रीय सचिव तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अरशद पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा- पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद अरशद नदीम की मुलाकात भारत के मोस्ट वांटेड लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी हारिस डार से हुई। हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल सका है कि अरशद की मुलाकात पेरिस ओलंपिक से पहले हुई थी या फिर वहां से पाकिस्तान लौटने के बाद, लेकिन ये वीडियो वायरल होने के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। मालूम हो कि जिस आतंकी से बातटीत का वीडियो सामने आने पर अरशद नदीम पर सवाल उठे हैं वो सिर्फ भारत विरोधी बयान बाजी नहीं करता बल्कि यून द्वारा बनाई गई आतंकियों की लिस्ट में भी उसका नाम है। साल 2018 में अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने विदेश विभाग के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और उसकी राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को निशाना बनाते हुए सात लोगों को वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) के रूप में नामित किया था। इस लिस्ट में सैफुल्लाह खालिद, मुजम्मिल इकबाल हाशिमी, मुहम्मद हारिस डार समेत 7 नाम थे।
विनेश फोगाट पर “सियासी नूराकुश्ती”, हरियाणा विधानसभा चुनाव में लाभ लेने की होड़ में बीजेपी-कांग्रेस

#vinesh_phogat_becomes_issue_of_haryana_assembly_elections 

पेरिस ओलंपिक 2024 में कुश्ती फाइनल से पहले अयोग्य घोषित होने के बाद पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार को संन्यास की घोषणा की। ओलंपिक कुश्ती फाइनल के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनने के बाद विनेश का बुधवार की सुबह 100 ग्राम वजन ज्यादा पाया गया। जिसके कारण उन्हें 50 किग्रा वर्ग की स्पर्धा से अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद विनेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संन्यास का ऐलान किया। विनेश के ओलंपिक से बाहर होने और संन्यास का ऐलान करने के बाद से भारत में इसे लेकर राजनीति शुरू हो गयी है।

विनेश फोगाट ओलंपिक से अयोग्य ऐसे समय करार दी गई हैं, जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म है। राजनीतिक पार्टियां चुनावी बिसात बिछाने में जुट गई हैं। ऐसे में हरियाणा से आने वाली विनेश फोगाट के ओलंपिक से बाहर होने के मुद्दे को सियासी रंग दिया जाने लगा है। विनेश फोगाट के मामले को लेकर हरियाणा का सियासी माहौल और गरमा गया है।

पेरिस ओलंपिक के घटनाक्रम को हरियाणा विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।पहलवान विनेश फोगाट के मामले ने हरियाणा में कांग्रेस को बीजेपी के खिलाफ बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया है। अब कांग्रेस इस मामले को लेकर भाजपा को जमकर घेर रही है। राज्य के नेताओं की ओर से जमकर बयानबाजी हो रही है। राजनीति के जानकार बताते हैं कि इस मामले का पूरा असर विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। 

 

विनेश के मामले में कांग्रेस ने बीजेपी को सरकार घेरा है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे षड्यंत्र बताया है। उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट के खिलाफ रचा गया षड्यंत्र एक न एक दिन बेनकाब होगा, ये षड्यंत्र का चक्रव्यूह टूट कर रहेगा। सुरजेवाला ने कहा कि कौन है जिसने हरियाणा और देश की बेटी की पीठ में छुरा घोंपा? कौन है इस नफरती षड्यंत्र के पीछे? कौन है जिससे विनेश फोगाट की जीत हजम नहीं हुई? किसका चेहरा बचाने की हुई कोशिश? सबका पर्दाफाश होगा।

वहीं, कांग्रेस नेता और रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जब सारी दुनिया के एथलीट कुश्ती के मैट पर अभ्यास कर रहे थे, तब वह महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए धरने की दरी पर बैठी थीं। इसके बावजूद भी वह फाइनल में पहुंची, लेकिन उसे ओलंपिक से बाहर करने की साजिश रची गई है। इस तरह से कांग्रेस के तमाम दूसरे नेताओं ने विनेश फोगाट को लेकर सवाल उठाए और मोदी सरकार के घेरते हुए नजर आए।

बता दें कि विनेश फोगाट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और बीजेपी नेता बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

वहीं दूसरी तरफ, वहीं हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने सिल्वर मेडल विजेता की तरह विनेश फोगाट का सम्मान करने का ऐलान कर अपना दांव चल दिया। हरियाणा की बीजेपी सरकार ने घोषणा की है कि फोगाट को रजत पदक विजेता के बराबर सम्मानित किया जाएगा और उनके लौटने पर भव्य स्वागत किया जाएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का कहना है कि विनेश भले ही फाइनल मुकाबला नहीं लड़ पाईं हो लेकिन वे सभी के लिए एक चैंपियन हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें वह सभी पुरस्कार और सुविधाएं देगी जो रजत पदक विजेता को दी जाती हैं।

सैनी के ऐलान पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर हुड्डा ने भी बड़ा दांव खेल दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में उनके पास पर्याप्त संख्या होती तो वह कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में फोगाट को राज्यसभा के लिए चुनाव में उतारते। हुड्डा ने ऐसा कहकर चुनाव से पहले बीजेपी को मानसिक तौर भी झटका देने की कोशिश कर रहे हैं। विनेश अगर चुनाव लड़ती हैं तो विधानसभा के चुनाव से पहले राज्यसभा के चुनाव में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

बता दें कि हरियाणा में 2 महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। हरियाणा में अभी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है। लोकसभा चुनाव के नतीजे देखें तो हरियाणा में भाजपा की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है। ऐसे में विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। यहां मुख्य मुकाबला सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच है। हरियाणा में सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग की नाराजगी देखी जा रही है। इसके अलावा प्रदेश में एंटी इंकम्बेंसी का माहौल भी है। लोगों में सरकार से नाराजगी देखी जा रही है। इसी दौरान पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को अयोग्य करार दिए जाने का मामला सामने आ गया। जो बीजेपी के खिलाफ जा सकता है।

आसाराम आएगा जेल से बाहर, कोर्ट से मिली सात दिन की पैरोल

#jodhpur_court_grants_seven_days_parole_to_asaram 

यौन शोषण के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम को कोर्ट से सात दिन की पैरोल मिली है। राजस्थान हाईकोर्ट से उपचार के लिए आसाराम को पैरोल दी गई है। उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को पहली बार सात दिन की पैरोल मिल गई है। बताया जा रहा है कि पैरोल की अवधि में आसाराम महाराष्ट्र के माधोबाग में इलाज करवाएंगे। इस दौरान वे पुलिस कस्टडी में ही रहेंगे।

आसाराम ने इलाज के लिए पैरोल एप्लिकेशन लगा रखी थी, लेकिन हर बार खारिज हुई। इससे पहले आसाराम को जोधपुर स्थित निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए पुलिस कस्टडी में अनुमति दी गई थी। वहां आसाराम ने पुणे के डॉक्टर्स की देखरेख में इलाज करवाया था। इसके बाद वापस तबीयत बिगड़ने पर जोधपुर एम्स में भर्ती हुए। आसाराम की ओर से वापस पैरोल एप्लिकेशन लगाई गई, जिसे स्वीकार करते हुए इलाज के लिए 7 दिन की पैरोल के आदेश हुए हैं।

कोर्ट ने आसाराम को पैरोल तो दे दी लेकिन इसके साथ ही कुछ शर्तें भी लगा दीं हैं। आसाराम पुलिस कस्टडी में ही खोपोली माधव बाग महाराष्ट्र के अस्पताल में उपचार करवा सकता है लेकिन पुलिस का खर्चा पूरा आसाराम को वहन करना पड़ेगा। साथ ही आसाराम के साथ दो अटेंडेंट और एक डॉक्टर भी जा सकता है। 

आसाराम पर नाबालिग से रेप का आरोप है। आसाराम पर पीड़िता ने आरोप लगाया था कि साल 2013 में उसने अपने जोधपुर आश्रम में उसके साथ बलात्कार किया था। उस वक्त वो नाबालिग थी। उसकी उम्र महज 16 साल थी। इसी मामले में आसाराम आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इस केस में आसाराम अबतक 11 साल की सजा काट चुका है। 31 अगस्त 2013 को आसाराम बापू की गिरफ्तारी हुई थी, इसके बाद से उसने कई बार जेल से बाहर आने की और जमानत पाने की कोशिश की लेकिन वह नाकाम रहा।

कोलकाता में डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच करेगी सीबीआई, ममता की डेडलाइन से पहले हाई कोर्ट का फैसला

#cbi_investigate_kolkata_doctor_murder_case 

कलकत्ता हाई कोर्ट ने ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को कल सुबह 10 बजे तक केस डायरी, सीसीटीवी फुटेज और बयानों समेत सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने के लिए कहा है। कलकत्ता हाई कोर्ट का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल ही यानी सोमवार को ही पुलिस को रविवार तक का अल्टीमेटम दिया था। बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया गया था। रेप के बाद महिला डॉक्टर की हत्या भी कर दी गई थी। वहीं इस मामले को लेकर देश भर में डॉक्टरों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बीच इस मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने मामले का स्‍वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और जांच को हर हाल में बुधवार सुबह तक सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। तीन हफ्ते बाद मामले की अगली सुनवाई होगी। पूरी जांच हाईकोर्ट की निगरानी में होगी।

इससे पहले सोमवार को मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था क‍ि पुल‍िस अगर रव‍िवार तक जांच पूरी नहीं करती है, तो मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाएगा। पीड़‍िता के माता-पिता चाहते थे क‍ि मामले की सीबीआई जांच की जाए। दरअसल, सोमवार को जब मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी उनसे मिलने पहुंचीं थीं, तब भी उन्‍होंने इसकी मांग की थी।

कोलकाता के आरजीकर मेडकिल कॉलेज में शुक्रवार की रात इमरजेंसी ने ड्यूटी कर रही जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई। मामले की जांच कर रही पुलिस ने अभी तक केवल एक आरोपी को गिरफ्तार की है। माना जा रहा है कि जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है उसमें अकेला शख्स शामिल नहीं हो सकता है। ऐसे में प्रदर्शनकारी डॉक्टर बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना था कि पुलिस घटना में शामिल बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने में अभी तक असफल रही है।

घटना के बाद सीसीटीवी में एक व्यक्ति सुबह चार बजे सेमिनार हॉल में जाता दिखा था। पुलिस को महिला के शव के पास ब्लूटूथ ईयरफोन भी मिले थे। ब्लूटूथ ईयरफोन के जरिए ही पुलिस ने अपराधी का पता लगाया। ईयरफोन संदिग्ध के फोन से कनेक्ट हो गए। इसके बाद आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसके फोन में अश्लील वीडियो भी पाए गए।

उत्तर प्रदेश में 'दो लड़के' अपराधियों को पनाह दे रहे हैं ' बीजेपी ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव पर निशाना साधा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का जिक्र करते हुए कहा कि "दो लड़के" के राजनीतिक प्रभाव में हालिया वृद्धि ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों की स्थिति मजबूत कर दी है। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर अपराधियों को बचाने का आरोप लगाया और उससे जुड़े दो लोगों की गिरफ्तारी के लिए पार्टी की आलोचना की, जिन पर बलात्कार और बलात्कार के प्रयास का आरोप है।

"जो चुनाव में कहते थे वही दो लड़के, उन लड़कों के साथ जो लोग हैं वो गलती नहीं अपराध कर रहे हैं। और जब से ये दो लड़कों की ताकत बढ़ी है, तब से अपमान की हिम्मत और हिमाकत भी उसी अनुरूप में बढ़ती हुई नजर आ रही है। जब से इन दोनों को अधिक शक्ति मिली है, अपराधियों का साहस भी बढ़ गया है।)” त्रिवेदी ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव के स्पष्ट संदर्भ में यह कहा, जिनका गठबंधन हाल के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से आगे निकल गया। 

उन्होंने आरोप लगाया कि सपा न केवल अपराधियों को "कवर फायर" दे रही है, बल्कि विपक्षी भारतीय गुट के सदस्य भी अपने गठबंधन सहयोगियों के आपराधिक तत्वों को बचाने में एक-दूसरे की सहायता कर रहे हैं। अपराधियों का समर्थन करना समाजवादी पार्टी के डीएनए में है। 

भाजपा नेता ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनके उस बयान के लिए भी हमला किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर स्थानीय पुलिस रविवार तक इसे नहीं सुलझाती है तो वह कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर देंगी।

उन्होंने सवाल किया कि क्या देरी का उद्देश्य मामले में हेराफेरी करना था और उन्होंने जांच को तत्काल सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग की।

मैंने इन अपराधों के संबंध में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा की "चुप्पी" पर सवाल उठाया है, जिसमें कहा गया है कि इंडिया ब्लॉक पार्टियां अपने गठबंधन के भीतर "आपसी आपराधिक तत्वों" को कवर कर रही हैं।

इस बीच, एनसीपी (एससीपी) सांसद सुप्रिया सुले ने ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए कहा कि वह त्वरित कार्रवाई करेंगी और परिवार को फास्ट-ट्रैक कोर्ट के माध्यम से न्याय मिलना चाहिए। “देश भर में ऐसी बहुत सी घटनाएं होती हैं और हम उन सभी की निंदा करते हैं। हमें विश्वास है कि ममता बनर्जी जल्द कार्रवाई करेंगी और परिवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से न्याय मिलना चाहिए। हम अपनी बेटी को इस घटना से नहीं बचा सके, लेकिन ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए, ”एएनआई ने सुले के हवाले से कहा।