जापान के प्रधानमंत्री का पद छोड़ेंगे फुमियो किशिदा, पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से भी किया इनकार

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जापान के प्रधानमंत्री ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया है। फुमियो किशिदा ने कहा कि वह सितंबर में पद छोड़ देंगे। उन्होंने सितंबर में होने वाले पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया है। फुमियो किशिदा अगले महीने नए अध्यक्ष का चुनाव होते ही पीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। जापान के सरकारी टीवी चैनल ने इसकी पुष्टि की है। किशिदा को 2021 में अपनी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था और उनका कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है।

फुमियो किशिदा ने सत्ताधारी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक (एलडीपी) की पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव भी नहीं लड़ने का ऐलान किया है। बता दें कि अक्टूबर 2021 में फुमियो किशिदा ने जापान के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था। किशिदा ने योशीहाइद सुगा की जगह ली थी।

बता दें कि जापान की सत्ताधारी पार्टी पिछले कुछ समय से कई तरह के विवादों में घिरी रही है। पिछले साल दिसंबर में भी राजनीतिक फंडिंग को लेकर विवाद हुआ था। पार्टी के अंदर भी किशिदा के खिलाफ विरोद के स्वर उठ रहे हैं। साथ ही किशिदा की कैबिनेट की अप्रूवल रेटिंग भी लगातार गिर रही है और यह पिछले आठ महीने से सिर्फ 20 प्रतिशत के आसपास ही है। जिसके बाद पार्टी नेताओं का मानना है कि मौजूदा सरकार के नेतृत्व में अगला आम चुनाव जीतना काफी मुश्किल है। जापान में अक्तूबर महीने में चुनाव होने हैं।

बीते अप्रैल में जापान के कई शहरों में उपचुनाव हुए थे, जिनमें नागासाकी, शिमाने और टोक्यो जैसे शहर शामिल हैं। उस उपचुनाव में एलडीपी को हार का सामना करना पड़ा था। उस वक्त भी किशिदा के इस्तीफे की मांग हुई थी, लेकिन किशिदा ने उस वक्त पद छोड़ने से इनकार कर दिया था। इससे साफ है कि किशिदा पर लंबे समय से पद छोड़ने का दबाव था और अब आखिरकार उन्होंने पद छोड़ने का एलान कर दिया है।

बिहार के उद्यमियों के लिए खुशखबरी, अब घर बैठे मिलेगी बिजली की यह सुविधा

डेस्क : बिहार के उद्यमियों के लिए एक बड़ी खबर है। उन्हें अब बिजली कनेक्शन लेने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। आम उपभोक्ताओं की तरह ही उद्यमियों को भी घर बैठे ही बिजली कनेक्शन मिल जाएगा। कंपनी के कार्यालयों का चक्कर नहीं काटना होगा।

दरअसल पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में पाया गया कि अगर उद्यमियों को बिजली कनेक्शन लेना होता है तो उनको सबसे पहले उन्हें संबंधित क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता से प्राक्कलन बनवाना पड़ता है। इसके बाद तार-पोल भी अपने स्तर से ही गड़वाना पड़ता है। मीटर की खरीदारी भी खुद ही कर लगाना पड़ता है। बिजली कंपनी की ओर से जब तक मीटर की जांच नहीं की जाती, तब तक उद्यमियों का बिजली कनेक्शन चालू नहीं हो पाता है। 

इन परेशानियों को इसे देखते हुए ही बिजली कंपनी ने तय किया है कि 150 किलोवाट तक के औद्योगिक कनेक्शन कंपनी के स्तर पर ही दिया जाए। नए नियम के अनुसार उद्यमियों को केवल आवेदन करना होगा। इसके बाद कंपनी के इंजीनियर खुद ही प्राक्कलन तैयार करेंगे। इसके साथ ही संबंधित फैक्ट्री तक तार-पोल की व्यवस्था करेंगे। इस मद में जो खर्च आएगा, वह उद्यमियों को केवल भुगतान करना होगा। 

उद्यमियों को नए नियम के अनुसार कनेक्शन देने के लिए बिजली कंपनी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी ने इसके लिए विनियामक आयोग को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है। इसके बाद आयोग की ओर से इस पर निर्णय लिया जाएगा। आयोग की मंजूरी मिलते ही नया नियम लागू हो जाएगा और उद्यमियों को आसानी से कनेक्शन मिलने लगेगा।

राजधानी पटना की सड़के होंगी चकाचक, 120 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च

डेस्क : राजधानी पटना की सड़के चकाचक होगी। पटना की सड़कों के पुनर्निर्माण औार मरम्मत के लिए नगर विकास विभाग ने 120 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। यह राशि विभिन्न एजेंसियों द्वारा निर्माण कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को ठीक करने पर खर्च होगी। इससे पटना नगर निगम के छह अंचलों की अलग-अलग कुल 12 सड़कों का पुनर्निर्माण और मरम्मत होगी। 

नगर विकास विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि बिहार के विकास में कभी भी राशि की बाधा नहीं होने दी जाएगी। स्वीकृत राशि से पटना निगम के अजीमाबाद, नूतन राजधानी, बांकीपुर, पाटलिपुत्रा, कंकड़बाग और पटना सिटी अंचल में विकास कार्यों को करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि पटना नगर निगम का कुल क्षेत्रफल 109.21 वर्ग कमी है। आबादी करीब 26 लाख है। इसके अलावा पटना नगर निगम क्षेत्र में विभिन्न कारणों से प्रतिदिन 8 से 9 लाख बाहरी लोगों का आवागमन होता है। ऐसे में शहरी क्षेत्र एवं इसके इर्द-गिर्द रहने वाले नागरिकों की सुविधा के लिए पिछले वर्षों से विभिन्न एजेंसियों से कार्य कराए जा रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि इन कार्यों के क्रियान्वयन के क्रम में बड़े स्तर पर सड़कों की खुदाई की जाती है। वर्तमान में भी सड़कों की खुदाई की जा रही है। इन्हीं सड़कों के पुनर्निर्माण और मरम्मत पर यह राशि खर्च होगी।

मुल्क छोड़ने के बाद शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या-क्या कहा?

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शेख हसीना ने बांग्लादेश से भागने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है। हसीना का यह बयान उनके खिलाफ बांग्लादेश में हत्या का मामला दर्ज करने के बाद आया है। शेख हसीना ने सत्ता से हटने और देश छोड़ने के बाद अपने पहले बयान में बांग्लादेश में जुलाई माह के दौरान हुई हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों के लिए सजा की मांग की है।उनके बयान को बेटे सजीब वाजेद जॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। इस बयान में उन्होंने बांग्लादेश के निर्माता शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों के अपमान और उनके निवास स्थान पर हुई आगजनी को लेकर भी अपना दुख जाहिर किया है।

परिवार के बलिदान को किया याद

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अपने एक्स अकाउंट पर अपनी मां का पहला बयान पोस्ट किया। जिसमें कहा गया है, प्रिय देशवासियों, 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के राष्ट्रपति, राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उनके प्रति गहरा सम्मान रखें। उसी समय मेरी मां बेगम फजीलतुन्नैसा, मेरे तीन भाई स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन शेख कमाल, स्वतंत्रता सेनानी लेफ्टिनेंट शेख जमाल, कमाल और जमाल की नवविवाहित दुल्हन सुल्ताना कमाल और रोजी जमाल और मेरे 10 वर्ष के छोटे भाई शेख रसेल की बेरहमी से हत्या कर दी गई। 

मेरे इकलौते चाचा लकवाग्रस्त स्वतंत्रता सेनानी शेख नासिर, राष्ट्रपति के सैन्य सचिव ब्रिगेडियर जमील उद्दीन, पुलिस अधिकारी सिद्दीकुर रहमान, स्वतंत्रता सेनानी शेख फजलुल हक मोनी और उनकी गर्भवती पत्नी आरजू मोनी, कृषि मंत्री स्वतंत्रता सेनानी अब्दुर रब सरनियाबाद, उनके 10 वर्षीय बेटे आरिफ और 13 साल की बेटी बेबी, 4 साल का पोता सुकांत, स्वतंत्रता सेनानी, शहीद पत्रकार भतीजे रेंटू समेत कई अन्य की बेरहमी से हत्या कर दी गयी। मैं 15 अगस्त को शहीद हुए सभी लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।

आंदोलन के नाम पर आतंकवादी हमले

हसीना ने अपने बयान में आगे कहा कि पिछली जुलाई से देश में आंदोलन के नाम पर तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा में कई जानें जा रही हैं। आतंकवादी हमलों के परिणामस्वरूप मारे गए छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, महिला पुलिस अधिकारियों, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, कामकाजी लोगों, अवामी लीग और सहयोगी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं, पैदल यात्रियों और विभिन्न संस्थानों के श्रमिकों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और आत्मा की शांति की प्रार्थना करती हूं। उन लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं जो मेरी तरह अपने रिश्तेदारों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं। मैं मांग करती हूं कि इस हत्या और बर्बरता की उचित जांच की जाए और दोषियों की पहचान कर उन्हें उचित सजा दी जाए।

बंगबंधु भवन को लेकर जताया दुख

शेख हसीना ने कहा कि प्रिय देशवासियों हम दोनों बहनों ने 15 अगस्त 1975 को धनमंडी बंगबंधु भवन में हुई नारकीय हत्या की स्मृति वाले घर को बंगाल की जनता को समर्पित किया। इसमें एक स्मारक संग्रहालय बनाया गया था। देश के आम लोगों से लेकर देश-विदेश के गणमान्य लोग इस सदन में आ चुके हैं। यह संग्रहालय आज़ादी का स्मारक है। यह आज धूल भरी है। यह स्मृति हमारे जीवित रहने का आधार थी, वह जलकर राख हो गयी है। यह बहुत दुखद है। 

हसीने ने देशवासियों से की न्याय की अपील

राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्म-सम्मान प्राप्त किया, अपनी पहचान पाई और एक स्वतंत्र देश प्राप्त किया, उनका घोर अपमान किया गया है। उन्होंने लाखों शहीदों के खून का अपमान किया। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं। मैं आपसे 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को उचित गरिमा और गंभीरता के साथ मनाने की अपील करती हूं। बंगबंधु भवन में पुष्प माला चढ़ाकर और प्रार्थना कर सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। अल्लाह बांग्लादेश के लोगों को आशीर्वाद दे। खुदा हाफ़िज़। जय बांग्ला जय बंगबंधु।

ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर की जांच के लिए कोलकाता पहुंची सीबीआई की टीम, सामने होंगी ये चुनौतियां

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पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर से रेप-मर्डर की निष्पक्ष जांच की मांग पर देशभर में जारी डॉक्टरों की हड़ताल के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंप दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई की टीम कोलकाता पहुंची है। दिल्ली से सीबीआई के अफसर कोलकाता पहुंच गई है। कोलकाता पुलिस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपेगी। जिसके बाद सीबीआई की टीम फोरेंसिक टीम के साथ मौका-ए-वारदात का दौरा करेंगे।

इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने हत्याकांड की जांच मंगलवार को अपने हाथ में ले ली थी। एजेंसी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ ही घंटों के अंदर सभी औपचारिकताएं पूरी कर लीं थीं। जांच एजेंसी में सीबीआई ने नई एफआईआर दर्ज की है। इसके मद्देनजर सीबीआई की दिल्ली से एक टीम मामले कोलकाता पहुंची। सीबीआई ने दिल्ली से एक विशेष चिकित्सा और फोरेंसिक टीम भेजी है। कोलकाता पहुंचने के बाद टीम सबसे पहले न्यू टाउन राजारहाट में बीएसएफ-दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों से मिलने पहुंची।

सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश!

हालांकि, जिस तरह के हालात पैदा हुए हैं, उस वजह से जांच के दौरान सीबीआई को केस से जुड़े सबूतों को लेकर काफी परेशानी हो सकती है।दरअसल, सीबीआई के मौके पर पहुंचने से पहले ही हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज में जिस जगह पर डॉक्टर के साथ हैवानियत हुई है, उसी जगह के पास तोड़फोड़ की जा रही है। रेजिडेंट डॉक्टर के कमरे से सटे कमरे की मरम्मत की जा रही है और आरोप है कि सेमिनार रूम से जुड़े साक्ष्यों से जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि क्या सीबीआई के आने से पहले सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश तो नहीं हो रही है?

कोलकाता लेडी डॉक्टर से गैंगरेप की आशंका

वहीं, हत्या और रेप के इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। महिला डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए डॉ. सुबर्नो गोस्वामी ने कहा कि पीड़िता के शरीर जिस प्रकार की चोटें पाई गई हैं वह एक व्यक्ति से संभव नहीं है। गोस्वामी ने कहा कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने जो सैंपल लिए हैं। उसमें मृतक लेडी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट काफी मात्रा में सीमेन मिला है। इसकी मात्रा करीब 151 ग्राम के करीब है। गोस्वामी ने कहा कि इतना सीमेन सिर्फ एक से अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर ही संभव है।

केवल पिता को शव देखने की मिली इजाजत

इस बीच, ट्रेनी डॉक्टर के परिवार और रिश्तेदार की ओर से सामने आ रही बातें कई तरह कई सवाल खड़े कर रही हैं। परिवार का कहना है कि हॉस्पिटल अथॉरिटी ने उन्हें फोन करके कहा कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। फिर जब वे हॉस्पिटल में शव देखने पहुंचे, उन्हें अस्पताल के बाहर तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा, इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक रिश्तेदार ने बताया, ‘तीन घंटे बाद… पिता को अंदर जाने, बेटी का शव देखने की अनुमति दी..बेटी की केवल एक तस्वीर क्लिक करने की अनुमति दी गई जिसे उन्होंने बाहर आने पर हमें दिखाया… इस रिश्तेदार ने बताया कि उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था… उसके पैर 90 डिग्री अलग-अलग थे… ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक कि पेल्विक गर्डल टूट न जाए.. इसका साफ मतलब है कि वह दो भागों में एकदम चीर दी गई थी… वह बताते हैं कि बेटी का चश्मा टूटा हुआ था.. ये ही शीशे उसकी आंखों में घुस गए थे.. उसे गला घोंटकर मारा गया…

विनेश फोगाट पर तीसरी बार फैसला टला,16 अगस्त को होगा ऐलान

भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट की किस्मत पर फैसला एक बार फिर टल गया है. पेरिस ओलंपिक में अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) में अपील करने वाली विनेश फोगाट का इंतजार और बढ़ गया है.

 विनेश ने खुद को सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग करते हुए अपील की थी, जिस पर 9 अगस्त को सुनवाई भी हुई थी और उसी शाम फैसला आने की बात की गई थी लेकिन इसे फिर 10 अगस्त तक टाल दिया गया था. 10 अगस्त को भी फैसला नहीं आया और 13 अगस्त को फैसले की तारीख तय की गई थी लेकिन अब एक बार फिर CAS ने इसे 3 दिन के लिए टाल दिया है. अब ये फैसला 16 अगस्त को रात 9.30 बजे (भारतीय समयानुसार) सुनाया जाएगा.

क्या है मामला?

पिछले करीब एक हफ्ते से देश-दुनिया की मीडिया और सोशल मीडिया पर ये मुद्दा छाया हुआ है. 

इसकी शुरुआत 6 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में हुई थी. उस दिन महिलाओं की 50 किलोग्राम कैटेगरी में विनेश फोगाट ने पहले ही राउंड में जापान की वर्ल्ड नंबर-1 युई सुसाकी को हराकर तहलका मचा दिया था. इसके बाद विनेश ने अपना क्वार्टर फाइनल मैच भी आसानी से जीता और शाम को क्यूबा की गुजमैन लोपेज को सेमीफाइनल में हराते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. वो ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गईं थी. 

इसके साथ ही उनका मेडल भी पक्का हो गया था, जो गोल्ड भी हो सकता था और कम से कम सिल्वर मेडल तो तय ही था.

फिर अगले दिन यानी 7 अगस्त को फाइनल होना था लेकिन फाइनल से पहले नियम के मुताबिक सुबह फिर से वजन नापा जाना था. यहीं पर विनेश का वजन तय 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया और UWW के नियमों के मुताबिक उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए फाइनल से बाहर कर दिया गया. UWW के नियम इतने कठोर हैं कि सिर्फ फाइनल ही नहीं, बल्कि पूरे इवेंट से ही उन्हें बाहर करते हुए उनके सारे नतीजे भी रद्द कर दिए गए और संभावित सिल्वर मेडल भी छीन लिया गया. उन्हें 12 पहलवानों में सबसे अंत में रखा गया.

विनेश की अपील और सुनवाई

इस नियम और इस नतीजे के खिलाफ ही विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की. विनेश की मांग थी कि फाइनल को रोका जाए और उन्हें उनकी जगह वापस मिले, जिसे CAS ने ये कहकर ठुकरा दिया था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश ने अपील में संशोधन करते हुए संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की. उनकी दलील है कि सिर्फ फाइनल वाले दिन उनका वजन ज्यादा था लेकिन पहले दिन तीनों मैच उन्होंने तय वजन सीमा के अंदर खेले थे. CAS ने 9 अगस्त को 3 घंटे तक इसकी सुनवाई की, जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ भी पक्षकार बना, जबकि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी और UWW ने भी अपने पक्ष रखे. पहले इस पर सुनवाई के बाद ही फैसला आना था लेकिन फिर 10 अगस्त को फैसला आना था लेकिन इसे 13 अगस्त के लिए टाल दिया गया था.

कल 15 अगस्त को राजधानी पटना की बदली रहेगी यातायात व्यवस्था, घर से निकलने से पहले जान ले पूरा रुट*

डेस्क : कल गुरुवार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के एतिहासिक गांधी मैदान में राजकीय समारोह का आयोजन होगा। जिसमें सीएम नीतीश कुमार सहित कई वीवीआईपी शिरकत करेंगे। सुरक्षा के मद्देनजर स्वतंत्रता दिवस के दिन राजधानी पटना के यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। गांधी मैदान और आसपास की सड़कों पर आम वाहन नहीं चलेंगे। सुबह सात बजे से समारोह की समाप्ति तक कई मार्ग बंद रहेंगे। ट्रैफिक एसपी अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि मुख्य सड़कों पर वाहनों की पार्किंग पर भी प्रतिबंधित रहेगा। व्यावसायिक वाहनों के आवागमन पर भी रोक रहेगी। इन वाहनों को परिवर्तित मार्ग से गंतव्य के लिए भेजा जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही पुलिस उनके वाहन जब्त करेगी। यातायात पुलिस के अधिकारी ने बताया कि गांधी मैदान में मुख्यमंत्री सुबह नौ बजे तिरंगा फहराएंगे। फ्रेजर रोड पर डाकबंगला चौराहा से जेपी गोलम्बर के रास्ते मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित वीवीआईपी का कारकेड गांधी मैदान में आएगा। वीवीआईपी के आवागमन में कोई बाधा उत्पन्न ना हो और सुरक्षा को लेकर 15 अगस्त की सुबह सात बजे से समारोह की समाप्ति तक गांधी मैदान और आसपास की सड़कों पर आम वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। वीवीआईपी और आपातकालीन वाहनों को छोड़कर किसी भी वाहन को न्यू डाकबंगला रोड से एसपी वर्मा रोड में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सिटी बसें, ऑटो और व्यावसायिक वाहन वैकल्पिक मार्ग से चलेंगे। चिरैयाटाड़ दुर्गा मंदिर के ऊपर और नीचे से गोरिया टोली की तरफ और जीपीओ गोलंबर से मालवाहक का परिचालन बुद्ध मार्ग में नहीं होगा। आर ब्लॉक गोलंबर आयकर गोलंबर की और इन वाहनों के चलने पर रोक रहेगी। नेहरू पथ पर डुमरा चौकी से भट्टाचार्या चौराहा तक व पुलिस लाइन तिराहा से व्यावसायिक वाहन पूरब गांधी मैदान की ओर नहीं जएंगे। इंजीनियरिंग कॉलेज से सिटी बसें गांधी चौराहा, मछुआटोली दरियापुर तिराहा से नाला रोड-पीरमुहानी-सीडीए बिल्डिंग गोलंबर-गोरियाटोली होते हुए पटना जंक्शन जायेंगी एवं इसी मार्ग से आ सकेंगी। सिटी की ओर से आने वाले ऑटो / ई-रिक्शा मुसल्लहपुर हाट होते हुए बारी पथ में खजांची रोड तक आएंगे।
कार्य में कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों पर सख्त हुआ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, 400 सीओ समेत 37 जिलों के इन पदाधिकारियों को शोकॉज नोटिस

* डेस्क : बिहार का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग कार्य में कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ सख्ती शुरु कर दिया है। विभाग ने योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं करने वाले सीओ समेत संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। जमीन से संबंधित दस्तावेज और अभिलेख की ऑनलाइन कॉपी मुहैया कराने को लेकर डिजिटल हस्ताक्षर करने में लापरवाही बतरने वाले 400 सीओ और 37 जिलों के जिला अभिलेखागार पदाधिकारी को विभाग ने शोकॉज किया गया है। इन्हें 15 दिनों में इसका कारण बताने का निर्देश दिया गया है। हाल ही विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद सचिव जय सिंह के स्तर से इससे संबंधित आदेश जारी किया गया है। गौरतलब है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन से संबंधित दस्तावेज या अभिलेखों की स्कैन कॉपी ऑनलाइन मुहैया कराने की योजना शुरू कर रखी है। दस्तावेजों की श्रेणी के आधार पर जिला अभिलेखागार पदाधिकारी और सीओ (अंचलाधिकारी) का डिजिटल हस्ताक्षर अनिवार्य है, तभी यह दस्तावेज वैध माना जाता है। मगर इसमें लापरवाही बरतने के मामले उजागर हुए हैं। विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आई कि जमीन दस्तावेजों की ऑनलाइन कॉपी जारी करने से संबंधित अब तक 14 हजार 495 आवेदन आए हैं। इनमें 4 हजार 888 आवेदन डिजिटल हस्ताक्षर करके सीओ और संबंधित जिला अभिलेखागार पदाधिकारी ने जारी किए। मगर 9 हजार 408 मामले ऐसे हैं, जो 90 दिनों यानी 3 महीने से अधिक समय से लंबित पड़े हैं। इसके मद्देनजर सभी संबंधित पदाधिकारियों से कारण पूछा गया है। ऑनलाइन दस्तावेज जारी करने वाली इस योजना में सीओ समेत संबंधित पदाधिकारी के पास आवेदनों को रद्द करने का अधिकार नहीं होता है। इस कारण इनके पास ये सभी आवेदन लंबित दिख रहे हैं। पदाधिकारियों को नियमानुसार, दो से तीन दिन में इन्हें जारी कर देना होता है।
स्वतंत्रता दिवस पर गांधी मैदान के आसपास सुरक्षा का होगा पुख्ता इंतजाम, 98 मजिस्ट्रेट और एक हजार जवान रहेंगे तैनात*

डेस्क : कल गुरुवार 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को लेकर पटना जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा को पुख्ता इंतजाम किए गए है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान के आसपास 98 मजिस्ट्रेट और एक हजार जवान तैनात रहेंगे। आम जनता का प्रवेश गेट संख्या 4,5, 6 और 7 से होगा। इसस बाबत परेड का अंतिम पूर्वाभ्यास मंगलवार को किया गया। सुबह आठ बजे पूर्वाभ्यास शुरू हुआ। शहीद-ए- करगिल स्मृति स्थल पर माल्यार्पण करने के बाद आयुक्त कुमार रवि ने परेड के अंतिम पूर्वाभ्यास का निरीक्षण किया। कुल 20 टुकड़ियां भाग ले रही हैं। प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा है कि सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी सजग और तत्पर रहेंगे। मौके पर डीएम डॉ.चंद्रशेखर सिंह, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर और वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा उपस्थित थे। पूरे गांधी मैदान को चार सेक्टर एवं सब-सेक्टर में बांटा गया है। इसमें अपर जिला दंडाधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक को वरीय प्रभार में रखा गया है। गांधी मैदान एवं कारगिल स्मृति चौक में विधि-व्यवस्था के लिए कुल 60 विभिन्न स्थानों पर 98 दंडाधिकारियों की तैनाती की गई है। 4 सेक्टर दंडाधिकारी भी मुस्तैद रहेंगे। दंडाधिकारियों के साथ पुलिस पदाधिकारियों को भी तैनात किया गया है। महिला बल, लाठी बल एवं अन्य पुलिस बल भी ड्यूटी पर मुस्तैद रहेंगे। सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल 15 अगस्त को सुबह 6 बजे प्रतिनियुक्ति स्थल पर पहुंच जाएंगे। तब तक मुस्तैद रहेंगे जब तक भीड़ चली न जाए। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि लगभग साठ हज़ार वर्ग फीट में दर्शक दीर्घा के ऊपर शेड का निर्माण हो रहा है। इससे दर्शकों को बदलते मौसम में गर्मी तथा बरसात से राहत मिलेगी। गांधी मैदान में 13 झांकियां दिखाई जाएगी। वहीं ऊंची इमारतों के ऊपर भी जवान तैनात रहेंगे। सादे लिवास में भी रहेंगे।
सुप्रीमो कोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार के बड़ा फैसला, इन जातियों को एससी से हटाकर ईबीसी मे किया शामिल

डेस्क : बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए तांती, तंतवा जाति को अनुसूचित जाति (एससी) से बाहर करके इसे फिर से अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी में शामिल कर दिया है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों इस जाति को अनुसूचित वर्ग (एससी) से बाहर करने का आदेश दिया था। जिसके बाद बिहार की नीतीश सरकार ने अधिसूचना जारी कर तांती समाज को फिर से अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी में शामिल कर दिया है। 

 

बताते चले कि साल 2015 में तांती और तंतवा जाति को ईबीसी से बाहर कर एससी में शामिल किया गया था। जिसके बाद इसके खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल की गई थी और अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इनको अनुसूचित जाति से बाहर करके अति पिछड़ा में रखा जाए। इसके बाद अब कोर्ट के आदेश के अनुसार बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया है। 

राज्य सरकार द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि तांति और तंतवा जाति को 1 जुलाई 2015 को पान और स्वासी जाति में समायोजित किया गया था। इसके बाद तांति समाज को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ मिलने लगा। हालांकि, भीमराव अंबेडकर विचार मंच की ओर से इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। इस मामले में सुनवाई करते हुए 15 जुलाई 2024 को शीर्ष अदालत ने नीतीश सरकार की साल 2015 वाली अधिसूचना को रद्द करने का आदेश सुनाया।