क्रीमी लेयर पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, जानें क्या कहा था
#govtisavoidingthesuggestionofsubclassificationsc_st
अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के रिजर्वेशन को लेकर नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है।एससी-एसटी) को मिलने वाले आरक्षण के अंदर सब कोटा बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने साफ-साफ लफ्जों में बता दिया है कि आरक्षण में क्रीमी लेयर को आई सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश को लागू नहीं किया जाएगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में उप वर्गीकरण और पिछड़ों में भी अति पिछड़ों के हक की बात कही और इसी आधार पर राज्यों को आरक्षण के कोटे में कोटा तय करने का सुझाव दिया। लेकिन कोटे में कोटे का यह मामला सियासी तौर पर इतना संवेदनशील है कि सरकार ने संविधान का हवाला देते हुए क्रीमी लेयर से किनारा कर लिया है।
इस मामले पर शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट मीटिंग खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का विरोध किया। उन्होंने भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान का हवाला देते हुए कहा कि वहां एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है। यहां क्रीमी लेयर का मतलब उन लोगों और परिवारों से है जो उच्च आय वर्ग में आते हैं।
मोदी सरकार के पीछे कोई राजनीतिक मजबूरी?
अश्विनी वैष्णव भले ही एससी/एसटी आरक्षण पर आंबेडकर के संविधान का हवाला दे रहे हैं, लेकिन सियासी जानकार इस विरोध के पीछे राजनीतिक मजबूरी को भी एक बड़ी वजह मान रहे हैं। दरअसल, सरकार में शामिल तेलगू देशम पार्टी, एनडीए का हिस्सा केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के अलावा बीजेपी के कई सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का स्वागत किया है लेकिन पार्टी के ही करीब सौ एससी-एसटी सांसदों ने इसका विरोध किया है। ये सांसद पीएम मोदी से मिले और सुप्रीम कोर्ट के सुझाव लागू नहीं करने की मांग की। एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी कोर्ट के सुझाव से सहमत नहीं हैं।
क्या है सुप्मी कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि एसटी-एससी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं। ये फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सात जजों की संविधान पीठ ने सुनाया था। इस बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे। जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस बात की जांच कर रही थी कि क्या ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में 2004 के उसके फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है, जिसमें यह माना गया था कि अनुसूचित जातियां एक समरूप समूह हैं और इसलिए उनके बीच कोई सब कैटेगरी नहीं हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि सब कैटेगरी की अनुमति न देने से ऐसी स्थिति पैदा होगी, जहां क्रीमी लेयर के लोग सभी लाभों को हड़प लेंगे। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट 2004 के उस फैसले की जांच कर रहा था, जिसमें पांच जजों की पीठ ने कहा था कि केवल राष्ट्रपति ही यह अधिसूचित कर सकते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार कौन से समुदाय आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और राज्यों के पास इसके साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है।







बांग्लादेश में हिंसा पर दुनिया के तमाम नेता चिंता जता रहे हैं। वहां अल्पसंख्यकों, हिंदुओं पर हमले की आलोचना कर रहे हैं। भारत के हिंदूवादी संगठनों ने इसे रोकने की अपील की है। हालांकि, विपक्ष के नेताओं का इस मसले पर कोई बयान नहीं आया है। राहुल गांधी समेत इंडिया ब्लॉक के किसी नेता ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की न तो आलोचना की और न ही किसी तरह का विरोध जताया।शुक्रवार बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बांग्लादेश का जिक्र किया और जो कुछ वहां चल रहा है उसकी बात की। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा।
बांग्लादेश में हिंसा पर दुनिया के तमाम नेता चिंता जता रहे हैं। वहां अल्पसंख्यकों, हिंदुओं पर हमले की आलोचना कर रहे हैं। भारत के हिंदूवादी संगठनों ने इसे रोकने की अपील की है। हालांकि, विपक्ष के नेताओं का इस मसले पर कोई बयान नहीं आया है। राहुल गांधी समेत इंडिया ब्लॉक के किसी नेता ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की न तो आलोचना की और न ही किसी तरह का विरोध जताया।शुक्रवार बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बांग्लादेश का जिक्र किया और जो कुछ वहां चल रहा है उसकी बात की। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को यह कहते हुए घेरने की कोशिश की कि नेता प्रतिपक्ष ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में (कुछ) नहीं बोला है। उन्होंने कहा, जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई दी, लेकिन साथ ही उन्होंने उनसे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। ठाकुर ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेता प्रतिपक्ष ने अंतरिम सरकार (बांग्लादेश की) को बधाई दी, लेकिन हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का जिक्र नहीं किया। ठाकुर ने कहा, (आखिर) क्या मजबूरी थी? आपने गाजा के बारे में बात की, लेकिन बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के बारे में नहीं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने ट्वीट कर अंतरिम सरकार के प्रमुख को बधाई दी साथ ही हिंदुओं की सुरक्षा की बात की। अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट किया और बधाई दी तो हिंदुओं की सुरक्षा की कोई बातचीत नहीं थी और ना ही उल्लेख किया। ऐसी कौन सी मजबूरी थी जो हिंदुओं का नाम नहीं लिया। वह गाजा को लेकर बड़ी बड़ी बाते करते हैं लेकिन इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोले बता दें कि राजनीतिक रूप से अस्थिरता का सामना कर रहे बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यूनुस ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने वाले मोहम्मद यूनुस को शुभकामनाएं दीं और देश में जल्द ही स्थिति सामान्य होने तथा हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होने की उम्मीद जताई। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को मेरी ओर से शुभकामनाएं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी और हिंदुओं व अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। वहीं, दूसरी तरफ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने के बाद गुरुवार को उन्हें बधाई दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने पर प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को बधाई। शांति और सामान्य स्थिति की शीघ्र बहाली समय की मांग है।
केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम बिल 2024 के लिए आज जेपीसी के सदस्यों के नाम का ऐलान कर दिया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कुल 31 सदस्यों के नाम का ऐलान किया। लोकसभा के 21 सदस्यों के अलावा राज्यसभा के भी 10 सदस्यों के नाम जेपीसी में शामिल किए गए हैं। गुरुवार को लोकसभा में बहस के बाद बिल को जेपीसी को भेजने का फैसला किया गया था। गुरुवार को लोकसभा में विधेयक पेश किया गया और गरमागरम बहस के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया। सरकार ने कहा कि प्रस्तावित कानून का मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं है और विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाना और संविधान पर हमला बताया।
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति की टोन पर सवाल उठाए। जया बच्चन के इस अंदाज से सभापति जगदीप धनखड़ भी भड़क उठे और मर्यादा में रहने की नसीहत दे डाली।सभापति ने जया बच्चन की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें स्कूली शिक्षा नहीं चाहिए। वह किसी स्क्रिप्ट के अनुसार नहीं चलते हैं और उनकी अपनी स्क्रिप्ट है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से वाकआउट कर दिया। राज्यसभा में विपक्ष के आचरण को अमर्यादित बताते हुए निंदा प्रस्ताव लाया गया।
Aug 10 2024, 12:08
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
13.0k