भारत को पेरिस ओलंपिक खेलों में मिला छठा पदक, पहलवान अमन सहरावत ने जीता ब्रॉन्ज मेडल
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अमन सहरावत ने पेरिस ऑलिंपिक्स में भारत को छठा मेडल दिलाया और 57 किलोग्राम कुश्ती में कांस्य पदक जीता। पूरे मैच में अपने विरोधी को कभी भी हावी नहीं होने दिया और बढ़त बनाए रखी और एकतरफा मुकाबला जीता। 21 वर्षीय अमन ने कांस्य के लिए खेले गए मुकाबले में पुअर्तो रिको के डारियान टोई क्रूज को 13-5 के अंतर से हराया। भारत ने पेरिस ओलंपिक में अब तक पांच कांस्य और एक रजत सहित कुल छह पदक जीते हैं।
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पहले ही ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन
अमन का यह पहला ओलंपिक था और उन्होंने अपने पहले ही ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है। अमन ने इस तरह ओलंपिक में कुश्ती में भारत का पदक का खाता खोला। विनेश फोगाट के अयोग्य करार दिए जाने के बाद निराशा में डूबे भारत को उन्होंने खुशियां दी हैं
एकतरफा अंदाज में 13-5 से दी शिकस्त
पहले राउंड में ही अमन 6-3 से आगे चल रहे थे। दूसरे राउंड अमन ने इस बढ़त को और आगे बढ़ाया और क्रूज को कोई मौका नहीं दिया। इस तरह अमन सहरावत ने जीत हासिल की। अमन ने पुअर्तो रिको के रेसलर को ब्रॉन्ज मेडल मैच में एकतरफा अंदाज में 13-5 से शिकस्त देते हुए ये ब्रॉन्ज मेडल जीता।
ओलंपिक की शानदार शुरूआत
पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहे 21 साल के अमन के लिए डेब्यू यादगार रहा। उन्होंने शुरुआत ही शानदार की और पहली ही बाउट में मेसिडोनिया के व्लादिमिर इगोरोव को 10-0 से हरा दिया था. इसके बाद क्वार्टर फाइनल में भी उनका यही कमाल देखने को मिला जहां उन्होंने अल्बानिया के जेलिमखान अबाकरोव को भी 12-0 से हराते हुए सेमीफाइनल में एंट्री मारी थी. सेमीफाइनल में हालांकि अमन को हार का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके सामने वर्ल्ड नंबर-1 जापान के रेइ हिगुची थे. हिगुची ने अमन को 10-0 से हराते हुए फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को खत्म कर दिया
अमन पेरिस ओलंपिक में भारत के एकमात्र पुरुष पहलवान थे। हालांकि, उन्होंने कुश्ती में पदकों के सिलसिले को बरकरार रखा। भारत 2008 बीजिंग ओलंपिक के बाद से हर ओलंपिक में कुश्ती में पदक जीत रहा है। 2008 में सुशील कुमार ने कांस्य, 2012 में सुशील ने रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य, 2016 में साक्षी मलिक ने कांस्य, 2020 टोक्यो ओलंपिक में रवि दहिया ने रजत और बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीता था।






बांग्लादेश में हिंसा पर दुनिया के तमाम नेता चिंता जता रहे हैं। वहां अल्पसंख्यकों, हिंदुओं पर हमले की आलोचना कर रहे हैं। भारत के हिंदूवादी संगठनों ने इसे रोकने की अपील की है। हालांकि, विपक्ष के नेताओं का इस मसले पर कोई बयान नहीं आया है। राहुल गांधी समेत इंडिया ब्लॉक के किसी नेता ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की न तो आलोचना की और न ही किसी तरह का विरोध जताया।शुक्रवार बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बांग्लादेश का जिक्र किया और जो कुछ वहां चल रहा है उसकी बात की। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा।
बांग्लादेश में हिंसा पर दुनिया के तमाम नेता चिंता जता रहे हैं। वहां अल्पसंख्यकों, हिंदुओं पर हमले की आलोचना कर रहे हैं। भारत के हिंदूवादी संगठनों ने इसे रोकने की अपील की है। हालांकि, विपक्ष के नेताओं का इस मसले पर कोई बयान नहीं आया है। राहुल गांधी समेत इंडिया ब्लॉक के किसी नेता ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की न तो आलोचना की और न ही किसी तरह का विरोध जताया।शुक्रवार बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बांग्लादेश का जिक्र किया और जो कुछ वहां चल रहा है उसकी बात की। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को यह कहते हुए घेरने की कोशिश की कि नेता प्रतिपक्ष ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में (कुछ) नहीं बोला है। उन्होंने कहा, जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई दी, लेकिन साथ ही उन्होंने उनसे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। ठाकुर ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेता प्रतिपक्ष ने अंतरिम सरकार (बांग्लादेश की) को बधाई दी, लेकिन हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का जिक्र नहीं किया। ठाकुर ने कहा, (आखिर) क्या मजबूरी थी? आपने गाजा के बारे में बात की, लेकिन बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के बारे में नहीं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने ट्वीट कर अंतरिम सरकार के प्रमुख को बधाई दी साथ ही हिंदुओं की सुरक्षा की बात की। अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट किया और बधाई दी तो हिंदुओं की सुरक्षा की कोई बातचीत नहीं थी और ना ही उल्लेख किया। ऐसी कौन सी मजबूरी थी जो हिंदुओं का नाम नहीं लिया। वह गाजा को लेकर बड़ी बड़ी बाते करते हैं लेकिन इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोले बता दें कि राजनीतिक रूप से अस्थिरता का सामना कर रहे बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यूनुस ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने वाले मोहम्मद यूनुस को शुभकामनाएं दीं और देश में जल्द ही स्थिति सामान्य होने तथा हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होने की उम्मीद जताई। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को मेरी ओर से शुभकामनाएं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी और हिंदुओं व अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। वहीं, दूसरी तरफ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने के बाद गुरुवार को उन्हें बधाई दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने पर प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को बधाई। शांति और सामान्य स्थिति की शीघ्र बहाली समय की मांग है।
केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम बिल 2024 के लिए आज जेपीसी के सदस्यों के नाम का ऐलान कर दिया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कुल 31 सदस्यों के नाम का ऐलान किया। लोकसभा के 21 सदस्यों के अलावा राज्यसभा के भी 10 सदस्यों के नाम जेपीसी में शामिल किए गए हैं। गुरुवार को लोकसभा में बहस के बाद बिल को जेपीसी को भेजने का फैसला किया गया था। गुरुवार को लोकसभा में विधेयक पेश किया गया और गरमागरम बहस के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया। सरकार ने कहा कि प्रस्तावित कानून का मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं है और विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाना और संविधान पर हमला बताया।
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति की टोन पर सवाल उठाए। जया बच्चन के इस अंदाज से सभापति जगदीप धनखड़ भी भड़क उठे और मर्यादा में रहने की नसीहत दे डाली।सभापति ने जया बच्चन की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें स्कूली शिक्षा नहीं चाहिए। वह किसी स्क्रिप्ट के अनुसार नहीं चलते हैं और उनकी अपनी स्क्रिप्ट है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से वाकआउट कर दिया। राज्यसभा में विपक्ष के आचरण को अमर्यादित बताते हुए निंदा प्रस्ताव लाया गया।
ईरान और इजरायल दोनों के बीच इन दिनों तकरार अपने चरम पर है। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ती तनातनी के मध्य पूर्व में जंग के से हालात हैं। इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स कहती है ईरान हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद इजरायल को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है। दूसरी तरफ ये चर्चा चल रही है कि अगर इन दोनों देशों में युद्ध छिड़ा तो विश्व में शांति का संदेश देने वाला भारत का स्टैंड क्या होगा? युद्ध में भारत आखिर किसका साथ देगा? इसे समझने के लिए ईरान और इजरायल के साथ भारत के रिश्ते को समझना पड़ेगा।
Aug 10 2024, 10:26
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