एस जयशंकर ने भी माना भारतीयों नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती के लिए किया गया गुमराह, लोकसभा में दिया बयान*
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लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी सेना में भर्ती किए गए भारतीयों को लेकर बयान दिया है। जयशंकर के मुताबिक़, 91 भारतीय नागरिक रूसी सेना में शामिल हुए थे। इनमें से आठ नागरिकों की मौत भी हो चुकी है। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि 14 भारतीयों को सरकारी सहायता से रूसी सेना से बाहर निकाल लिया गया है। जबकि 69 भारतीय अभी भी रूस से वापस भारत आने का इंतज़ार कर रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कई मामलों में ऐसे संकेत मिले हैं कि भारतीय नागरिकों को गुमराह किया गया। लोकसभा में बोलते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में नागरिकों की साइबर अपराध तस्करी जैसे मुद्दों को गंभीरता से लिया है। *रूसी सेना से 69 भारतीय नागरिकों की रिहाई का इंतजार* एस जयशंकर ने कहा कि रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के अब तक कुल 91 मामले सामने आए हैं। इनमें से आठ की मौत हो चुकी है, 14 को छुट्टी दे दी गई है या वापस भेज दिया गया है और 69 नागरिकों की रिहाई का इंतजार है। उन्होंने कहा, 'हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। मैंने खुद रूसी विदेश मंत्री के साथ कई बार इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। *हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया-जयशंकर* जयशंकर ने बताया कि समस्या यह है कि रूसी अधिकारी यह मानते हैं कि इन भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सर्विस के लिए क़रार किया था। लेकिन हम ऐसा नहीं मानते, मुझे लगता है कि हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया था, उन्हें बताया गया था कि वे किसी अन्य नौकरी के लिए जा रहे हैं और फिर उन्हें रूसी सेना में तैनात किया गया। विदेश मंत्री ने बताया कि सीबीआई ने 19 व्यक्तियों और संस्थाओं के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया है। उन 14 लोगों की जांच भी हुई है, जो रूस से लौटे हैं। 10 मानव तस्करों के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत सामने आए हैं। इस मामले की जांच के दौरान, 24 अप्रैल को दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और 7 मई को दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। सभी चार अभियुक्त अभी में न्यायिक हिरासत में हैं।
ईरान-इजराइल के बीच युद्ध की आशंकाः दो दुश्मनों को ऐसे साध रहा भारत
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ईरान और इजरायल दोनों के बीच इन दिनों तकरार अपने चरम पर है। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ती तनातनी के मध्य पूर्व में जंग के से हालात हैं। इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स कहती है ईरान हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद इजरायल को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है। दूसरी तरफ ये चर्चा चल रही है कि अगर इन दोनों देशों में युद्ध छिड़ा तो विश्व में शांति का संदेश देने वाला भारत का स्टैंड क्या होगा? युद्ध में भारत आखिर किसका साथ देगा? इसे समझने के लिए ईरान और इजरायल के साथ भारत के रिश्ते को समझना पड़ेगा।

ईरान और इजरायल दोनों के साथ ही भारत के मैत्री संबंध हैं। दोनों देशों से भारत व्यापार करता है जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी अहम हैं। दोनों ही देशों से भारत पहले ही ड‍िप्‍लोमेसी का रास्‍ता अपनाने की बात कह चुका है। वह ब‍िल्‍कुल नहीं चाहता क‍ि उसके दो दोस्‍त आपस में भ‍िड़ जाएं। ऐसे में जानकारों का मानना है कि भारत के लिए ये स्थिति और परेशानी वाली हो सकती है क्योंकि ईरान और इजराइल दोनों से उसके अच्छे संबंध हैं। तो जानते हैं भारत के इन दोनों देशों के साथ कैसे कारोबारी रिश्‍ते हैं?

*पांच साल में भारत-इजरायल व्यापार दोगुना हुआ*
इजराइल के साथ भारत के राजनयिक संबंधों का इतिहास बहुत लंबा नहीं है। इजराइल 1948 में एक देश के तौर पर अस्तित्व में आया। जिसके बाद भारत ने 1992 में उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए। हालांकि, इसके बाद से भारत के इजराइल के साथ संबंध दिनोंदिन मज़बूत होते चले गए। अब इजराइल भारत को हथियार और तकनीकी निर्यात करने वाले शीर्ष देशों में से एक है।
पिछले पांच साल में भारत-इजरायल व्यापार दोगुना हो गया है। भारत ने 1992 में इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। तब से दोनों देशों के बीच ट्रेड काफी बढ़ा है। यह 1992 में लगभग 20 करोड़ डॉलर (मुख्य रूप से डायमंड) से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 10.7 अरब डॉलर (रक्षा को छोड़कर) हो गया है। पिछले चार सालों में यह बढ़ोतरी तेज हुई है। इस दौरान व्यापार दोगुना हो गया। 2018-19 में 5.56 अरब डॉलर से 2022-23 में यह बढ़कर 10.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2021-22 और 2022-23 के बीच व्यापार में 36.90 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह 7.87 अरब डॉलर से 10.77 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

*भारत और इजरायल में गहरा रक्षा संबंध*
भारत और इजरायल विभिन्न रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण साझेदारी साझा करते हैं। इजरायल भारत के शीर्ष हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत इस प्रसिद्ध इजरायली रक्षा दिग्गज और हथियार निर्माता के लिए प्राथमिक विदेशी ग्राहक है। हाल की कई रिपोर्टें इजरायल-गाजा संघर्ष के दौरान इजरायल की गोला-बारूद की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि का संकेत देती हैं। भारत ने इस संकट के दौरान इजरायल को गोला-बारूद उपलब्ध कराकर उसका समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

*ईरान के साथ भारत के पुराने रिश्ते*
इजराइल से उलट ईरान के साथ भारत के पुराने रिश्ते हैं। भारत और ईरान के बीच के संबंध का काफी पुराना इतिहास है। दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान, व्यापारिक और कनेक्टिविटी सहयोग, सांस्कृतिक संबंध हैं। 15 मार्च 1950 को भारत और ईरान ने मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए थे। ईरान भारत को तेल आपूर्ति करने वाले शीर्ष देशों में से एक था। ईरान पर उसके परमाणु कार्यक्रम की वजह से लगे अंतराष्ट्रीय प्रतिबंधों से पहले भारत को तेल निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश ईरान था।

*पिछले पांच साल में भारत-ईरान व्यापार का मूल्य कम हुआ*
पिछले पांच साल में भारत-ईरान व्यापार का मूल्य कम हो गया है। वित्‍त वर्ष 2022-23 में ईरान भारत का 59वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। उसके साथ द्विपक्षीय व्यापार 2.33 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़ोतरी से पहले ईरान के साथ भारत के व्यापार में कॉन्‍ट्रैक्‍शन देखा गया है। इसमें 2021-22 में 21.77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। यह 1.94 अरब डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 2.33 अरब डॉलर हो गया था। हालांकि, इसके पिछले तीन वर्षों (2019-20, 2020-21 और 2021-22) में ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के मद्देनजर साल-दर-साल 9.10 फीसदी से 72 फीसदी तक कॉन्‍ट्रैक्‍शन देखने को मिला। ईरान के साथ व्यापार भी 2018-19 में 17 अरब डॉलर के ऊंचे स्तर से घटकर 2019-20 में 4.77 अरब डॉलर और 2020-21 में 2.11 अरब डॉलर रह गया।

*ईरान के मुकाबले इजराइल से ज्यादा मजबूत संबंध*
इजरायल के साथ भारत के संबंध ईरान के मुकाबले काफी मजबूत हैं। अगर दोनों की तुलना करें तो इजरायल के साथ भारत कई मोर्चों पर डटा हुआ है। चाहे वो दोनों देशों के बीच राजनैतिक संबंध हों, चाहे वो कृषि हो, शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, डिफेंस सेक्टर हो या पानी को लेकर संधि हो, इजरायल और भारत लगभग हर मोर्चे पर एक-दूसरे के साथ हैं।

*दो कट्टर दुश्मनों को ऐसे साध रहा*
हालांकि, इजरायल और ईरान दोनों एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। इसके बावजूद भारत ने मध्य पूर्व के इन दोनों महत्वपूर्ण देशों का साधते हुए अपनी कूटनीति के दम पर विजय पाई है। भारत ने ईरान और इज़राइल में हितों को संतुलित करने का प्रयास किया है। एक तरफ भारत, ईरान समर्थित हमास के साथ इजराइल के संघर्ष में युद्ध सामग्री के रणनीतिक आपूर्तिकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका स्थापित की है। इस बीच, एक महत्वपूर्ण कदम में, मई 2024 में भारत ने इजरायल के प्रतिद्वंद्वी ईरान के साथ चाबहार के रणनीतिक बंदरगाह को संचालित करने के लिए 10 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
राज्यसभा में जगदीप धनखड़-जया बच्चन में तीखी बहस, विपक्ष का वॉकआउट
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राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान आज हंगामा हो गया। दरअसल राज्यसभा में सपा सांसद जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ में तीखी बहस हो गई। इसके विरोध में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। सदन में जया बच्चन ने जगदीप धनखड़ के बोलने के तरीके पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि वह अभिनेत्री हैं, कलाकार हैं, टोन समझती हैं और सभापति की टोन या बॉडी लैंग्वेज (हाव-भाव) ठीक नहीं है। इस पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि बेशक आप टोन समझती हैं, लेकिन एक अभिनेता को डायरेक्टर की बात सुननी होती है। यहां का डायरेक्टर मैं हूं, इसलिए मेरी बात मानिए, बैठ जाइए। दरअसल, सभापति ने जया बच्चन को जया अमिताभ बच्चन कहकर बुलाया था, जिस पर राज्यसभा सांसद कई बार आपत्ति जता चुकी हैं।

समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के नाम को लेकर राज्यसभा में आज फिर हंगामा हो गया। राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने जया बच्चन को अपनी बात रखने के लिए जब आमंत्रित किया, तो उन्होंने जया अमिताभ बच्चन कहकर संबोधित किया। इस बात पर जया बच्चन ने आपत्ति जताई। जया बच्चन ने कहा, "मैं कलाकार हूं, बॉडी लैंग्वेज समझती हूं और एक्सप्रेशन (भाव) समझती हूं। मुझे माफ कीजिएगा सर, लेकिन आपका जो टोन है, वो मुझे स्वीकार नहीं है। हम सहकर्मी हैं, भले ही आप चेयर पर क्यों नहीं बैठे हों।"

इस पर सभापति ने कहा, "ये धारणा नहीं रखें कि सिर्फ आपकी ही प्रतिष्ठा है। एक वरिष्ठ संसद सदस्य के रूप में आपके पास सभापति की प्रतिष्ठा को कम करने का लाइसेंस नहीं है।" सभापति धनखड़ ने कहा, "जया जी, कृपया अपने स्थान पर बैठिए। आपने अपनी एक प्रतिष्ठा बनाई है। आप जानती हैं कि अभिनेता निर्देशक के अनुसार काम करता है। आपने वह चीजें नहीं देखी हैं, जो मैंने यहां इस आसन पर बैठकर देखा हूं। आप मेरे लहजे के बारे में बात कर रही हैं? बस बहुत हुआ। आप होंगे सेलिब्रिटी, लेकिन आपको यहां सदन की गरिमा का ध्यान रखना होगा।"

वहीं, सदन से बाहर आने पर जया बच्चन ने मीडिया से कहा, "मैंने सभापति के टोन को लेकर आपत्ति जताई। हम स्कूल जाने वाले बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं। मैं उनके बोलने के लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप यह कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने देना चाहिए।"
जया बच्चन ने आगे कहा, "मेरा मतलब है  कि हर बार असंसदीय शब्दों का प्रयोग करना, जो मैं यहां सबके सामने नहीं कहना चाहती। तुम उपद्रवी हो, 'बुद्धिहीन' हो, ये कहा जाता है। उन्होंने कहा कि आप सेलिब्रिटी हो सकते हैं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं उनसे परवाह करने के लिए नहीं कह रही हूं। मैं कह रही हूं कि मैं संसद की सदस्य हूं। यह मेरा पांचवां कार्यकाल है। मैं जानती हूं कि मैं क्या कह रही हूं। आजकल संसद में जिस तरह से बातें कही जा रही हैं, पहले कभी किसी ने नहीं बोलीं।मुझे माफी चाहिए।"

जया बच्चन इससे पहले भी राज्यसभा में सभापति से उलझती रही हैं। इसी सत्र में जब उपसभापति हरिवंश सदन का संचालन कर रहे थे तब उन्होंने जया बच्चन को पूरा नाम (जया अमिताभ बच्चन) लेकर संबोधित किया था। इस पर जया बच्चन ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि आज के समय में औरतों को उनके पति के नाम से जाना जाता है, जैसे किसी औरत की खुद की कोई पहचान नहीं है। इस पर हरिवंश ने कहा था कि आपने खुद के दम पर नाम कमाया है।

राज्यसभा में जगदीप धनखड़ ने अगले दिन इसका जवाब दिया था। उन्होंने कहा कि हरिवंश की छवि नियमों को मानने वाले सरल और शांत व्यक्ति की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि रिकॉर्ड में जया का नाम जया अमिताभ बच्चन ही है। ऐसे में हरिवंश ने कुछ गलत नहीं किया था। दिलचस्प बात यह है कि जब शुक्रवार को जया को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने खुद अपना नाम जया अमिताभ बच्चन ही लिया।
सीएएस में विनेश फोगाट की अपील पर सुनवाई आज, देश के जाने-माने ये वकील करेंगे पैरवी

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पहलवान विनेश फोगाट ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई थी। हर तरफ उनकी जीत का जश्न मनाया जा रहा था, विनेश फोगाट ने क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन जैसी उस खिलाड़ी को हराया जिन्हें आज तक कोई हरा पाने में कामयाबी हासिल नहीं कर पाया था।जिसके बाद पूरा भारत उस एक मैच का इंतजार कर रहा था, जिसमें विनेश फोगाट गोल्ड के लिए मुकाबला करने वाली थी। हा लांकि इससे पहले पूरे देश के सपनों पर पानी फिर गया। पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया। विनेश फोगाट ने महिला रेसलिंग के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ बुधवार को खेल पंचाट (सीएएस) में अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। सीएएस ने विनेश की अपील को स्वीकार कर लिया है और इस मामलें में अब फैसला आज आएगा। 

विनेश फोगाट 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल रेसलिंग कैटगरी के फाइनल मुकाबले में पहुंच गई थी, मैच से कुछ ही देर पहले उन्हें अयोग्य ठहरा दिया गया। उनको अयोग्य ठहराने के पीछे वजह बताई गई कि विनेश फोगाट का वजन नियम से ज्यादा है। उनका वजन करीब 100 ग्राम ज्यादा था, ऐसे में नियम के कारण वह सेमीफाइनल जीतने के बाद भी गोल्ड मेडल से चूक गईं। विनेश फोगाट ने वजन कम करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की लेकिन उनका वजन 100 ग्राम फिर भी ज्यादा पाया गया। विनेश ने इस फैसले पर आपत्ति जताई और सीएएस में संयुक्त सिल्वर मेडल देने की मांग की।

क्या है सीएएस?

जब किसी भी खेल में जब कोई विवाद होता है तो खिलाड़ी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) में अपनी याचिका दायर करता है। विनेश फोगाट ने भी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) में अपनी याचिका दायर की है। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) एक स्वतंत्र संस्था है जो खेल जगत में हुए किसी भी विवाद के निपटारे के लिए काम करती है, इस कोर्ट में ही खिलाड़ी, कोच किसी भी तरह की फैसले पर आपत्ति या और भी किसी तरह के विवाद होने पर अपील कर सकते हैं। सीएएस का गठन साल 1984 में किया गया। इस कोर्ट का हेड ऑफिस स्विट्जरलैंड में है।

देश के जाने-माने वकील हरीश साल्वे करेंगे फोगाट की पैरवी

देश के जाने-माने वकील हरीश साल्वे शुक्रवार को पेरिस ओलंपिक से पहलवान विनेश फोगाट की पैरवी करेंगे। भारत सरकार (जीओआई) ने विनेश को सपोर्ट करने के लिए सुनवाई से पहले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को उनका वकील नियुक्त किया है। साल्वे ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें खेल पंचाट में फोगाट का प्रतिनिधित्व करने के लिए आईओए द्वारा नियुक्त किया गया है।

पेरिस ओलिंपिक 2024 : बला की खूबसूरत होने के कारण पराग्वे की महिला एथलीट को ओलंपिक से वापस भेजा गया घर

पैराग्वे की 20 साल की तैराक लुआना अलोंसो के साथ यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। साथी खिलाड़ियों ने अधिकारियों से यह शिकायत कि अलोंसो की अत्यधिक खूबसूरती से उनका ध्यान भटक रहा है। अलोंसो से ओलंपिक विलेज का कमरा खाली करने को कहा गया है। पेरिस में हो रहे ओलंपिक 2024 में पैराग्वे की 20 साल की तैराक लुआना अलोंसो का ज्यादा सुंदर होना उनके लिए मुश्किल बन गया। उनको ओलंपिक विलेज में कमरा खाली करने कहा गया और ओलंपिक छोड़कर वापस अपने देश लौटने बोल दिया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक ओलंपिक में भाग लेने पहुंचे पैराग्वे के कुछ खिलाड़ियों ने अधिकारियों से लुआना की सुंदरता को लेकर शिकायत की थी। खिलाड़ियों का कहना था कि लुआना इतनी खूबसूरत हैं कि वो खेल पर ध्यान नहीं लगा पा रहे हैं और उनका ध्यान भटक रहा है। घटना पैराग्वे की 20 की तैराक लुआना अलोंसो के हुई है। लुआना अलोंसो (Luana Alonso) को हद से ज्यादा खूबसूरत होने के चलते ओलंपिक विलेज से वापस उनके देश भेज दिया गया। अन्य खिलाड़ियों के शिकायत दर्ज कराने के बाद जब अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान दिया तो उनका भी यही मानना था। अधिकारियों ने पाया कि अलोंसो की सुंदरता ध्यान भटकाने वाली है। पैराग्वे के खिलाड़ियों को साथ मौजूद अधिकारियों को लगा कि लुआना की सुंदरता खिलाड़ियों पर भारी पड़ सकती है और प्रदर्शन खराब हो सकता है। ऐसे में लुआना उनको वापस घर भेज दिया गया।
भारत में बांग्लादेश जैसे हालात कभी नहीं देखे जाएंगे', सलमान खुर्शीद के बयान पर बोले रजा मुराद

मशहूर अभिनेता रजा मुराद ने हाल ही में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के बांग्लादेश के हालात के संबंध में दिए बयान पर प्रतिक्रिया दी है। खुर्शीद ने कहा था कि बांग्लादेश में जो हालात हैं, वे भारत में भी हो सकते हैं। इस पर मुराद ने कहा कि भारत में ऐसी कोई स्थिति नहीं होगी। उन्होंने भारतीय आर्म्ड फोर्स की अनुशासन तथा राजनीति से दूर रहने की बात की और कहा कि भारतीय सेना हमेशा प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की मदद करती है। मुराद ने बांग्लादेश के हालात पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अपने 73 साल के जीवन में उन्होंने कभी नहीं देखा कि लोग प्रधानमंत्री के आवास में घुसकर फर्नीचर लूट रहे हों। उन्होंने यह भी कहा कि शेख हसीना की उम्र 75 साल है तथा उन्हें इस प्रकार अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। OTT प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री के बारे में बात करते हुए मुराद ने कहा कि इन शो में अभद्र भाषा का उपयोग होता है तथा महिलाओं को चरित्रहीन दिखाया जाता है। उन्होंने निर्माताओं से सवाल किया कि क्या वे ऐसी सामग्री अपने परिवार के साथ देख सकते हैं। मुराद ने इस पर प्रतिबंध लगाने और कानूनी कार्रवाई की मांग की। मध्य प्रदेश के फिल्म निर्माण केंद्र के बारे में पूछे जाने पर मुराद ने कहा कि निर्माताओं को कम से कम 20 प्रतिशत स्थानीय कलाकारों को काम पर रखना चाहिए, विशेषकर जब वे राज्य सरकार से सब्सिडी ले रहे हों। आखिर में, मुराद ने रेसलर विनेश फोगट की पेरिस ओलंपिक के लिए अयोग्यता पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि हमें विनेश की उपलब्धि पर गर्व है और वह देश की सबसे बड़ी नायिका हैं।
17 महीने बाद जेल से बाहर आएँगे मनीष सिसोदिया, SC ने दी जमानत, क्या केजरीवाल देंगे प्रभार ?

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति से जुड़े मामले में 17 महीने जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 9 अगस्त 2024 को जमानत दी, इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की पीठ ने की थी। उल्लेखनीय है कि तीन दिन पहले, 6 अगस्त को, अदालत ने इस मामले पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका पर विचार करते हुए उन्हें जमानत दे दी, जिससे उन्हें जेल से रिहाई मिली। वहीं, दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल इसी मामले में जेल में हैं। वे कई बार जमानत की मांग कर चुके हैं, लेकिन उन्हें बेल नहीं मिल रही है। वे जेल से ही सरकार चलाने की जिद पर अड़े हुए हैं, ये भारत के इतिहास में पहला मामला है। अब माना जा रहा है कि सिसोदिया के बाहर आने के बाद केजरीवाल उन्हें अपना दायित्व सौंप देंगे, हालाँकि, अंतिम फैसला AAP सुप्रीमो का ही होगा।
नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में जीता सिल्वर मेडल, मां बोली- 'जो सोना ले गया वो भी हमारा लड़का'


नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक 2024 में भाला फेंक प्रतियोगिता में चाँदी का पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया। उन्होंने फाइनल में 89.45 मीटर का थ्रो फेंका, जबकि स्वर्ण पदक पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर की थ्रो से जीता। नीरज चोपड़ा ने अपनी जीत पर कहा, “हमेशा देश के लिए पदक जीतने पर खुशी होती है। अब हमें खेल को और बेहतर बनाने का प्रयास करना होगा। हम बैठकर चर्चा करेंगे तथा प्रदर्शन में सुधार करेंगे। भारत ने पेरिस ओलंपिक में अच्छा खेला। आज अरशद का दिन था। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, लेकिन कुछ बातों पर ध्यान देने और काम करने की जरूरत है। हमारा राष्ट्रगान आज नहीं बजा, लेकिन भविष्य में कहीं और जरूर बजेगा।” नीरज के माता-पिता ने भी इस जीत पर गर्व जताया। नीरज की माँ ने कहा, “हम बहुत खुश हैं। सिल्वर भी हमें गोल्ड जैसा ही लग रहा है।” उन्होंने अरशद नदीम के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “कोई बात नहीं, जो गोल्ड ले गया है वह भी हमारा लड़का है। मेहनत से ही उसने यह जीता। हर खिलाड़ी का दिन होता है। वह चोटिल था, इसलिए हम उसके प्रदर्शन से खुश हैं। जब वह आएगा तो उसका पसंदीदा खाना बनाऊँगी।” नीरज के पिता ने कहा, “नीरज ने सिल्वर मेडल जीतकर पूरे देश को खुशी दी है। उसे ग्रोइंग इंजरी थी, जिससे फाउल होते चले गए। ओलंपिक के बाद उसका इलाज होगा और 2028 ओलंपिक के लिए वह तैयार होगा। हमें उम्मीद है कि वह शानदार प्रदर्शन जारी रखेगा। विनेश फोगाट ने सिल्वर के लिए अप्लाई किया है, और हमें लगता है कि अपील सफल होगी। नीरज को कहना चाहूँगा कि अपना 100% दे और 2028 के लिए तैयारी करे।” नीरज के पिता ने अरशद नदीम के प्रदर्शन को लेकर कहा, “हर खिलाड़ी का दिन होता है और उसका लक भी। नदीम ने मेहनत की है और अपने देश के लिए जीता है। इंजरी के कारण फाउल हुए, लेकिन यह उसकी मेहनत का परिणाम है। दो-तीन दिन नीरज से बात नहीं होगी, फिर देखा जाएगा।” नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीता था। उस वक़्त भी अरशद नदीम और नीरज चोपड़ा चर्चा में थे। नीरज ने मीडिया में सवालों के जवाब दिए थे, जबकि अरशद नदीम ने पाकिस्तान में खेलों की कम सुविधाओं का जिक्र किया था और कहा था कि पाकिस्तानी सरकार केवल क्रिकेट पर ध्यान देती है, जिससे अन्य खेलों को नजरअंदाज किया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी, 3 लाख का इनामी आईएसआईएस आतंकी रिजवान गिरफ्तार*
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स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) मॉड्यूल का आतंकी गिरफ्तार किया है। आतंकी की पहचान रिजवान अली के रूप में हुई है। रिजवान दिल्ली के दरियागंज का रहने वाला है। इस पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तीन लाख रुपए का इनाम रखा हुआ था। एनआईए ने पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल में उसकी अहम भूमिका के लिए रिजवान पर 3 लाख रुपये का इनाम रखा था, जिसकी विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए जांच चल रही थी। पुणे पुलिस की हिरासत से भागने के बाद से वह पकड़ से बचता रहा था। पुलिस ने शुक्रवार को उसे गिरफ्तार किया। उसके पास से कई हथियार बरामद किए गए। पुलिस के मुताबिक, आतंकी रिजवान अली के बारे में एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई और उसे पुलिस ने दिल्ली के बायोडायवर्सिटी पार्क के पास गंगा बक्श मार्ग के पास से गुरुवार रात में लगभग 11 बजे गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से .30 बोर की एक स्टार पिस्टल और तीन कारतूस बरामद हुए। इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज की गई है। पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल के कई सदस्यों को पुणे पुलिस और एनआईए ने पहले भी गिरफ्तार किया था। एंटी टेरर एजेंसी ने इस साल मार्च में जो सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल की थी, उसमें तीन अन्य आरोपियों के साथ रिजवान अली का नाम भी शामिल था। एनआईए ने पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल केस में कुल 11 पर आरोप लगाए हैं। यह मामला महाराष्ट्र के पुणे में हथियारों, विस्फोटकों, रसायनों और आईएसआईएस से संबंधित साहित्य की जब्ती से जुड़ा है। यह गिरफ्तारी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा देश में आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पीएम मोदी ने 'एक्स' पर बदली प्रोफाइल फोटो, लोगों से 'हर घर तिरंगा' अभियान से जुड़ने की अपील

#pm_modi_urges_citizens_to_join_har_ghar_tiranga_campaign_changed_profile_pic 

प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक्स' पर अपनी प्रोफाइल फोटो बदल दी है। उन्होंने अपने प्रोफाइल फोटो पर तिरंगा लगाया है। पीएम मोदी ने अपनी प्रोफाइल हर घर तिरंगा अभियान के तहत बदली है।स्वतंत्रता दिवस से पहले उन्होंने करोड़ों देशवासियों से भी ऐसा करने की अपील की है। 

पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि इस साल का स्वतंत्रता दिवस नजदीक आ रहा है, आइए फिर से हर घर तिरंगा अभियान को एक यादगार जन आंदोलन बनाएं। मैं अपनी प्रोफाइल फोटो बदल रहा हूं और आप सभी से आग्रह करता हूं कि ऐसा करके हमारे तिरंगे का सम्मान करने में मेरा साथ दें। उन्होंने लोगों से हर घर तिरंगा डाट कॉम पर अपनी सेल्फी साझा करने का भी अपील की।

पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में भारत छोड़ो आंदोलन के बारे में भी बताया है, जो देश की आजादी में मील का पत्थर साबित हुआ। पीएम मोदी ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने आंदोलन के बारे में जानकारी दी है। यह वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा "बापू के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि। यह वास्तव में हमारे स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण क्षण था।"

बता दें कि आज से हर घर तिरंगा अभियान की शुरूआत हो चुकी है। इस अभियान की शुरूआत खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी डीपी पर तिरंगा लगाकर की है।केंद्र सरकार नौ अगस्त से देश भर में हर घर तिरंगा अभियान चलाती है। यह 15 अगस्त को समाप्त होता है सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं से रैली निकालने को कहा है। भाजपा के कार्यकर्ता इस दौरान कई कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं।

पीएम मोदी ने 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत देश के 20 करोड़ घरों की छतों पर तिरंगा फहराए जाने की बात कही गई थी। सरकार ने इस अभियान पर काफी खर्च किया था और इससे पहले झंडा फहराने के नियम भी बदले थे। नियम में बदलाव के बाद रात में भी तिरंगा फहराने की अनुमति दी गई थी।