प्रतिबंधित दवाओं के क्रय विक्रय पर कठोर कार्रवाई की जाए- जिलाधिकारी
पूर्वी चंपारण समाहरणालय मोतिहारी स्थित डॉ राधाकृष्णन सभागार में जिलाधिकारी श्री सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकट्रॉपिक सब्सटेंस के संबंधी दवाओं के क्रय विक्रय के नियम, उससे होने वाले कुप्रभाव के संबंध में बैठक की गई। बैठक में उपस्थित औषधि नियंत्रण प्रशासन के प्रतिनिधि ड्रग इंस्पेक्टर श्री विकास शिरोमणि ने सभी बिंदुओं पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के नियमानुसार जानकारी दी तथा यह बताया कि नारकोटिक ड्रग्स के अंतर्गत आने वाले दवाओं में कुछ जीवन रक्षक दवाएं भी होती है जिसका प्रयोग मरीज को डॉक्टर के पुर्जे पर लिखित दवा का करना है। दवा विक्रेताओं को दवा की खरीद और बिक्री संबंधी सारी जानकारियां पारदर्शी रूप से रजिस्टर या कंप्यूटर के माध्यम से सुरक्षित रखना है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि उनके द्वारा पूर्व में किए गए जांच में जिले में कई प्रकार के दवा में निर्माण संबंधी त्रुटियां पाई गई थी जिसके बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने बताया कि नीमुस्लाइड, एसिक्लोफिनेक, डाइक्लोफिनेक, केटोप्रोफिनेक आदि मिश्रित दवावों का प्रयोग पशुओं पर किया जा रहा है जिसका काफी कुप्रभाव है। पक्षियों की जो जातियां आज विलुप्त के कगार पर हैं जैसे नीलकंठ, गिद्ध आदि पर भी इन्हीं दवावों का कुप्रभाव है ।यह दवाई पशुओं में कई बीमारियों को जन्म देती है ,जो पशु पक्षी के साथ मानव के लिए भी हानिकारक हैं। इस पर जिलाधिकारी के द्वारा प्रतिबंधित दवाओं की जांच लगातार करने का निर्देश देते हुए कहा गया कि नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में दवा के अवैध क्रय विक्रय पर कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी के द्वारा नेपाल की सीमा पर स्थित चेक पोस्ट पर विशेष निगरानी रखने का निर्देश जिला मध्य निषेध पदाधिकारी को दिया गया ताकि वहां से शराब का आवागमन भी रोका जा सके। ड्रग इंस्पेक्टर को भी निर्देश दिया गया कि नियमित रूप से सभी दवा दुकानों की जांच करें जिससे यह पता चल सके कि प्रतिबंधित दवावों की बिक्री दवा की दुकानों में ना हो जिसका प्रयोग नशा के लिए किया जा रहा है। एमवीआई को निर्देश दिया गया कि उत्पाद विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न शराब कांड में पकड़े गए वाहनों का मूल्यांकन शीघ्र करें जिससे कि वाहनों की नीलामी की जा सके। बैठक में उपस्थित जिला खनन पदाधिकारी को अवैध खनन, भंडारण एवं परिवहन पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि करों की भुगतान करने वाले ईट- चिमनी भट्ठों को आगामी सत्र में चलाने का लाइसेंस नहीं दिया जाए। बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए शीघ्र विज्ञापन निकाला जाए एवं कार्य विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिया गया कि उपयोग किए गए बालू एवं अन्य खनिजों की रॉयल्टी का भुगतान समय से करना सुनिश्चित करें। बैठक में जिलाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी,डीसीएलआर, डीपीआरओ, ड्रग इंस्पेक्टर मध्य निषेध पदाधिकारी एवं जिला खनिज विकास पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
Aug 02 2024, 17:22