यह राजनैतिक अराजकता व प्रशासनिक गुंडई : विनयशंकर तिवारी
गोला गोरखपुरI प्रशासन द्वारा बुधवार को की गई बुल्डोजर कार्ररवाई को पूर्व विधायक चिल्लूपार विनयशंकर तिवारी ने राजनीतिक अराजकता व प्रशासनिक गुंडई कहा. उन्होंने कहा कि यह सत्ता के अहंकार की निकृष्ट पराकाष्ठा है। व्यक्तिगत शत्रुता के चलते ब्राह्मण स्वाभिमान को चुनौती दी गई।
इसका निर्णय समय आने पर चिल्लूपार विधान सभा के लोग तो करेंगे ही देश और प्रदेश के निवासियों को भी करना है।
विनयशंकर तिवारी ने कहा कि लगातार चिल्लूपार से सात बार विधायक और सन 1996 से 2007 तक उत्तर प्रदेश की भिन्न भिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे सम्मान व स्वाभिमान के प्रतीक स्व.पण्डित हरिशंकर तिवारी के जन्म दिवस 5 अगस्त को उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित करने का मन बनाकर मेरे गांव टाड़ा के ग्रामप्रधान और ग्राम प्रबंध समिति के लोगों ने गांव के मुख्य द्वार का नामकरण उनके नाम पर करने और वहीं बगल में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया।
विधिक रूप से प्रस्ताव बनाकर उसे स्वीकृति हेतु उपजिलाधिकारी गोला को प्रेषित किया और अपनी तैयारी में लग गए।स्व.पंडित हरिशंकर तिवारी के कद,पद,प्रतिष्ठा के अनुरूप उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देने हेतु ग्राम वासियों के अतिरिक्त अन्य कई सारे वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मंत्रियों और क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति होनी है। स्वाभाविक रूप से इस आयोजन को एक भव्य स्वरूप देने की तैयारी चल रही थी कि अचानक मूर्ति स्थापना हेतु निर्मित चबूतरे को ढहाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल के साथ बुल्डोजर वाली सरकार बुल्डोजर के साथ पहुंची और निर्मित चबूतरे को ढहा दिया गया।गांव के मुख्य द्वार पर लिखा गया स्व.पंडित हरिशंकर तिवारी का नाम सत्ता के नशे में चूर विधायक के गुंडों ने रात के अंधेरे में चोरी से मिटा दिया।जिस व्यक्ति को मृत्योपरांत गार्ड ऑफ ऑनर देकर इसी सरकार में सम्मानित किया गया हो,जो व्यक्ति हिंदुआ सूर्य माननीय कल्याण सिंह जी की सरकार में भी उनका सहयोगी मंत्री रहा हो,जिस व्यक्ति को भारत रत्न माननीय अटल बिहारी वाजपेई के सानिध्य में भी सम्मान मिलता रहा हो, मुलायम सिंह यादव जी, मायावती जी की सरकारों ने भी जिन्हे कैबिनेट मंत्री बनाकर लगातार सम्मानित किया हो और जो ब्राह्मण अस्मिता के पर्याय रहे हों।उनके मरने के बाद वर्तमान के निरंकुश शासनाधीष द्वारा लगातार उन्हे अपमानित किया जा रहा हो तो .. हमे क्या करना चाहिए ।
गांव में उनकी मूर्ति स्थापित हो यह निर्णय हम उनके पुत्रों का नही था । यह निर्णय ग्रामवासियों का है। गांव के नागरिकों द्वारा निर्वाचित ग्राम प्रधान और ग्राम प्रबंध समिति का है पर अब यह हमारे स्वाभिमान का विषय भी बनता है और मेरे ही नही यह व्यवहार किसी भी स्वाभिमानी पिता के स्वाभिमानी पुत्र के साथ होता हो तो उसे सहन नही करना चाहिए ।हम भी नही करेंगे और इस अराजकता का उत्तर कानून और व्यवस्था की परिधि में रहकर अवश्य देंगे। अपने सहयोगियों, समर्थकों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील करते हुए विनयशंकर तिवारी ने कहा कि इस अनीति का उत्तर जरूर दिया जायेगा पर कानून व्यवस्था और मर्यादा की परिधि में रहकर।
Jul 31 2024, 20:33