दिशा छात्र संगठन ने प्रेमचन्द के जन्मदिवस पर शहीद भगतसिंह पुस्तकालय' का हुआ उद्घाटन

गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन की ओर से प्रेमचन्द के जन्मदिवस के अवसर पर संस्कृति कुटीर, कल्याणपुर, जाफ़राबाज़ार, गोरखपुर में 'शहीद भगतसिंह पुस्तकालय' का उद्घाटन किया गया।

पुस्तकालय का उद्घाटन शिक्षक नेता जगदीश पाण्डेय ने फीता काटकर किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेमचन्द, शहीद भगतसिंह, अरविन्द और मीनाक्षी के तस्वीरों पर माल्यार्पण के साथ हुई। कार्यक्रम में सफ़दर हाशमी द्वारा लिखित नुक्कड़ नाटक 'राजा का बाजा' की प्रस्तुति की गयी। साथ ही 'आ गये यहां जवा क़दम', 'दुनिया के हर सवाल के हम ही ज़वाब हैं' आदि क्रान्तिकारी गीत गाये गये।

कार्यक्रम में शिक्षक नेता जगदीश पाण्डेय, आह्वान पत्रिका के सम्पादक प्रसेन और सामाजिक कार्यकर्ता रुबी ने बात रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवनन्दन सहाय ने की। 

वक्ताओं ने कहा कि पुस्तकालय जैसी संस्थाएं आने वाली पीढ़ियों के निर्माण का काम करती हैं। आज के दौर में जब चारो तरफ़ घटिया गानों-फिल्मों का बाज़ार बच्चों तक के मन में ज़हर घोलने का काम कर रहा है। सही विचार पहुंचने के माध्यम कम होते जा रहे हैं। ऐसे दौर में पुस्तकालय इस अतार्किकता-अवैज्ञानिकता के घटाटोप के बरक्स सही विचारों को पहुंचाने का माध्यम है। राष्ट्रीय आन्दोलन के दौर में भी भगतसिंह जैसे क्रांतिकारियों के क्रान्तिकारी व्यक्तित्व को गढ़ने में पुस्तकालयों की बहुत भूमिका रही। आज के दौर में भी यह पुस्तकालय समाज में परिवर्तनकामी विचारों का केन्द्र बनेगा।

आह्वान पत्रिका के सम्पादक प्रसेन ने आज के दौर में प्रेमचन्द की विरासत और उनकी प्रासंगिकता' पर बात रखते हुए कहा कि प्रेमचन्द सच्चे अर्थों में जनता के लेखक थे। उन्होंने अपने लेखन का विषय समाज के उस वर्ग की दुःख-तकलीफ़ को बनाया जो वर्ग उसके पहले कभी साहित्य और लेखन के केन्द्र में नहीं रहा। अपनी लेखनी के माध्यम से न केवल उन्होंने अपने दौर में ब्रिटिश हुक़ूमत की जड़ों पर गहरी चोट की, बल्कि भारतीय सामाजिक ढांचे में मौजूद तमाम कुरीतियों जातिवाद, सांप्रदायिकता आदि पर भी करारा प्रहार किया। अपनी इस लेखकीय प्रतिबद्धता और ईमानदारी की कीमत उन्हें बार-बार चुकानी पड़ी। सोजे-वतन जैसी उनकी रचना को जब्त कर लिया गया।

आज के दौर में जब लूट पर टिका मौजूदा सामाजिक ढांचा लोगों को तबाह कर रहा है, हर दिन हज़ारों बच्चे भूख और कुपोषण का शिकार होकर मौत के मुंह में जा रहे हैं, हर साल लाखों नौजवान हताशा और अवसाद का शिकार होकर आत्महत्या तक के क़दम उठा रहे हैं। दूसरी ओर फ़ासीवादी ताक़तें देश की पोर-पोर में साम्प्रदायिकता का ज़हर बोने में लगी हुई हैं। ऐसे दौर में प्रेमचन्द की विरासत को मानने वालों का फ़र्ज़ है कि वह साहित्य का इस्तेमाल भी प्रेमचन्द की तरह मौजूदा हालात का मुक़ाबला करने के लिए करें। 

सामाजिक कार्यकर्ता रुबी ने पुस्तकालय के महत्व पर बात रखी। कार्यक्रम का संचालन अंजलि ने किया।

कार्यक्रम में रेलवे कर्मचारी नेता जयनारायण शाह, सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप विक्रांत, आज़म अनवर, विजय शंकर, चंद्रप्रकाश, सौम्या, धर्मराज, अंजलि, प्रेमचन्द, नीशू, शिवा, अविनाश , अमित, मुकुल, ज्ञान, संजय, प्रियांशु, ध्रुव आदि शामिल हुए।

अंतर्राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में गोरखपुर के बच्चों का रहा शानदार प्रदर्शन

गोला गोरखपुर। अंतर्राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में इंटरनेशनल सोतोकान कराटे डू-क्योकाई में गोरखपुर यूपी के बच्चों का शानदार प्रदर्शन। अंतर्राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता के अध्यक्ष प्रेमजीत सेन की अध्यक्षता में हुई और साथ ही साथ इंटरनेशनल सोतोकान कराटे डू- क्योंकाई के महासचिव व राष्ट्रीय कराटे जज तथा कराटे कोच दीपक शाही, कोषाध्यक्ष और अध्यक्ष आरसी कराटे एसोसिएशन आॅफ इंडिया कराटे एसोसिएशन आॅफ बंगाल के ए बी के अध्यक्ष और ए ग्रेड के जज और रेफरी एशियन कराटे फेडरेशन और वर्ल्ड कराटे फेडरेशन की देखरेख में हुई। कराटे कोच श्री शाही ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतर्राष्ट्रीय ओपन कराटे चैंपियनशिप का शुभारंभ जुलाई 26, 27 व 28 को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित हुआ।

जिसमें भारत के साथ-साथ बांग्लादेश नेपाल भूटान श्रीलंका मलेशिया सऊदी अरब ईरान इन देशों के कराटे खिलाड़ी भी हिस्सा लिए। जिसमें उत्तर प्रदेश गोरखपुर जनपद के नगर पंचायत गोला तथा नगर पंचायत बांसगांव के भी खिलाड़ी हिस्सा लिए जिनका प्रशिक्षण केंद्र इंटरनेशनल सोतोकान कराटे डू-क्योकाई गोरखपुर है। कराटे खेल का प्रदर्शन कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत हासिल करते हुए पदकों पर कब्जा किया। जिसमें सीनियर कैटेगरी में आदित्य सिंह तथा शिवांश सिंह ने गोल्ड मेडल आयुष कुमार सिंह तथा जितेंद्र कुमार ने सिल्वर मेडल उसी के साथ-साथ रतन कुमार आबिद हुसैन अनमोल राव सतीश कुमार मौर्य विशाल भारती तथा मंगेश कुमार ने ब्रोंज मेडल पर कब्जा किया। उसी के साथ-साथ जूनियर कैटेगरी में 11 वर्ष में उदित विश्वकर्मा सिल्वर मेडल तथा राज कपूर ने ब्रांच मेडल पर कब्जा किया।

एसडीएम की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन हेतु टॉस्क फोर्स की बैठक हुई,रोग के खात्मे के लिए एसडीएम ने प्रेरित किया

खजनी गोरखपुर। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग द्वारा फाइलेरिया रोग को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए अभियान चलाया गया है। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर आज तहसील मुख्यालय सभागार में उप जिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह की अध्यक्षता में तहसील स्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक हुई।

जिसमें फाइलेरिया उन्मूलन राष्ट्रीय कार्यक्रम को 10 अगस्त 2024 से 2 सितंबर 2024 तक संचालित किए जाने के लिए 102 टीमें तथा 34 सुपरवाइजरों की टीम हर घर तक जाकर फैलेरिया रोधी दवाएं खिलाएँगे। बताया गया कि दवाओं को इस प्रकार खिलाना है। 2 से 5 वर्ष के बच्चों को 1 गोली डीईसी और 1 गोली एलबेंडजोल 5 से 15 वर्ष को 2 गोली डीईसी और 1 गोली एलबेंडजोल, 15 वर्ष से उपर को 3 डीईसी और गोली एलबेंडजोल खिलाई जाएगी।

किंतु यह दवा गर्भवती माताओं,अति गंभीर रोगी, 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाएगी। बताया गया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होता है। इसके विषाणु लंबे समय तक हमारे शरीर मे रहते है जिसका पता संक्रमित होने के 8 से 10 वर्ष बाद चलता है। यह बीमारी पैर,हांथ,अंडकोश, स्तन में खास तौर पर होती है।

यदि कोई व्यक्ति 3 वर्ष तक लगातार प्रतिरोधक दवा खा लेता है तो उसे कभी भी फैलेरिया की बीमारी नहीं होगी। इसलिए सभी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खानी चाहिए। बैठक में एमओआईसी डॉक्टर प्रदीप तिवारी एचईओ जुमराती अहमद बीसीपीएम खुश मोहम्मद अंसारी सीडीपीओ रचना पांडेय सहित तहसील स्तरीय टास्क फोर्स के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

चित्रगुप्त मंदिर द्वारा मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण

गोरखपुर। श्री चित्रगुप्त मंदिर सभा द्वारा आयोजित उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह पर बुधवार को बेतियाहाता हाता स्थित मुंशी प्रेमचंद पार्क में उनकी प्रतिमा पर सभा के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने माल्यार्पण किया।

इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष आलोक रंजन वर्मा, मंत्री शुभेंदु सिंह श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, जगदीश प्रसाद श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी विवेक अस्थाना, राजेश श्रीवास्तव, मृत्युंजय शंकर सिंह, दीप प्रकाश श्रीवास्तव, नम्रता श्रीवास्तवा, फूलचंद श्रीवास्तव, शानू श्रीवास्तव, विजय श्रीवास्तव गुड्डू, शिवचरण, मंदराचल और सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

मोटापे और मधुमेह से भी बचाता है स्तनपान, कमजोर बच्चों के लिए भी सुरक्षित

गोरखपुर, जो बच्चे छह माह तक सिर्फ स्तनपान करते हैं और उसके बाद दो वर्ष तक मां के दूध के साथ पूरक आहार का सेवन कर पाते हैं उनमें मोटापे और मधुमेह की आशंका कम हो जाती है। स्तनपान, कमजोर बच्चों के लिए भी सुरक्षित है। यह कहना है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का।

उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी स्तनपान के इन लाभों के बारे में पुष्टि करता है। स्तनपान के वैश्विक महत्व को देखते हुए हर साल की भांति इस वर्ष भी एक अगस्त से सात अगस्त तक ह्यह्यक्लोजिंग द गैप : ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर आॅलह्णह्ण थीम के साथ विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा । इस दौरान सभी प्रसव केंद्रों, सरकारी अस्पतालों और समुदाय के बीच स्तनपान की महत्ता का संदेश दिया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि स्तनपान न करने वाले बच्चों को लोग वसायुक्त चीनी मिला कर दूध देते हैं जो उनमें मोटापा बढ़ाता है। एक वर्ष तक बच्चों को चीनी नहीं देनी चाहिए। इसके विपरीत स्तनपान करने वाले शिशु इस मोटापे से बच पाते हैं और कालांतर में मधुमेह से भी उनका बचाव होता है। जन्म से कमजोर बच्चों को जब बाहर का दूध दिया जाता है तो वह पचा नहीं पाते हैं और उनके कुपोषित और अधिक कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं कमजोर बच्चे भी स्तनपान से जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। डायरिया पीड़ित बच्चों का भी स्तनपान कराते रहना चाहिए। अगर बच्चे का अधिक निर्जलीकरण हुआ है तो ओआरएस के घोल और जिंक के टैबलेट के साथ मां का दूध पर्याप्त मात्रा में पिलाया जाना चाहिए।

डॉ दूबे ने बताया कि स्तनपान सप्ताह के दौरान तीन मुख्य संदेश जन जन तक पहुंचाया जाना है। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद यथाशीघ्र बच्चे को स्तनपान कराया जाए। इस कार्य में उपस्थित एनएम और स्टॉफ नर्स को मदद करनी चाहिए। बच्चे को छह महीने तक सिर्फ मां का दूध पिलाना है। उसे पानी या खाने की कोई भी चीज नहीं देनी है। मां के दूध से ही बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है। शिशु जब छह महीने का हो जाए तो उसे दो वर्ष की आयु तक पूरक आहार के साथ साथ मां का दूध अवश्य देना है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों के विपरीत, छह महीने से कम उम्र के आधे से भी कम शिशुओं को सिर्फ स्तनपान कराने का चलन है, जो कि चिंताजनक है।

प्रमुख सचिव ने की है वीडियो अपील

प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सोशल मीडिया के जरिये वीडियो अपील जारी कर कहा है कि शोध के अनुसार पहले छह माह तक सिर्फ स्तनपान से बच्चों की मृत्यु में 22 फीसदी तक की कमी आ सकती है। बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए बहुत जरूरी है जन्म के तुरंत बाद मां स्तनपान कराए। स्तनपान से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास हो सकता है और इस दिशा में सभी को मिल जुल कर कदम उठाने चाहिए।

प्रचार प्रसार का निर्देश

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ पिंकी जोवल ने विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने के संबंध में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेज कर विस्तृत दिशा निर्देश दिये हैं। पत्र के अनुसार स्तनपान सप्ताह में आठ प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए कहा गया है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही से ही स्तनपान का लाभ बताने, स्तनपान से गर्भावशय के कैंसर से बचाव, मां शिशु के भावनात्मक लगाव व बच्चों की बुद्धिमता में बढ़ोत्तरी जैसी बातों को समुदाय तक पहुंचाने के लिए कहा गया है। मिशन निदेशक ने स्तनपान सप्ताह के दौरान स्वयं सहायता समूहों की मदद लेने, मां कार्यक्रम के दस बिंदुओं को लागू करने और बाहरी दूध व खाद्य पदार्थों के प्रतिकूल प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कहा है।

प्रेमचंद ने साहित्य के सौंदर्य शास्त्र के प्रस्थान बिंदु को बदल दिया

गोरखपुर। 'प्रेमचंद ने साहित्य के सौंदर्य शास्त्र के प्रस्थान बिंदु को बदल दिया।' यह बात प्रख्यात आलोचक और जे.बी. महाजन डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मधुप कुमार ने कहा। वे दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी और पत्रकारिता विभाग में प्रेमचंद जयंती के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रह थे। डॉ. मधुप ने प्रेमचंद के साहित्य की चर्चा करते हुए कहा कि लेखक किसी असुंदर चीज को सुंदर बनाने के लिए सीधे-सीधे बात नहीं करता है बल्कि वह प्रतीकों के माध्यम से बात करता है। प्रेमचंद ने अपने साहित्य के माध्यम से ऐसा ही किया है। प्रेमचंद में वह शक्ति है कि वह अपने पाठकों को एक तरफ आत्मोन्मुख भी करते हैं और दूसरी तरफ समाजोन्मुख भी करते हैं।

इससे पूर्व अपने स्वागत वक्तव्य में विभागाध्यक्ष प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी ने प्रेमचंद के 'साहित्य का उद्देश्य' निबंध की व्याख्या करते हुए कहा कि प्रेमचंद ने साहित्य का नया उद्देश्य, नया आयाम, नई विचारयात्रा प्रस्तुत किया।

प्रो. राजेश कुमार मल्ल ने कहा कि प्रेमचंद अपने समय के अंतरविरोधों की व्याख्या करते हैं जिसमें वे आंतरिक उपनिवेशवाद का न सिर्फ चित्रण करते हैं बल्कि इसका विरोध भी करते हैं।

उन्होंने भारतीय समाज की आंतरिक समस्याओं को गहराई से व्याख्यायित किया।

प्रो. विमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि प्रेमचंद को खंड-खंड में न देखकर समग्रता में देखना होगा तब वे आधुनिक लेखक के रूप में सामने आते हैं। 'परीक्षा' कहानी के माध्यम से मनुष्य में संवेदनशीलता की महत्ता की चर्चा करते प्रो. मिश्र ने कहा कि विडंबना यह है कि आज का दौर में प्रेमचंद को भूलने का दौर है।

प्रेमचंद ने कथा साहित्य के माध्यम से ऐसी राष्ट्रीयता का स्वप्न देखा जिसमें जन्मजात वर्णों की गंध न हो।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. अनिल कुमार राय ने कहा कि प्रगतिशीलता का मानदंड इससे भी निर्धारित होता है कि साहित्यकार स्वयं को उस तरफ विकसित करता है या नहीं। प्रो. राय ने आगे कहा कि प्रेमचंद कई बार अपनी सीमाओं को अतिक्रमिक करते हैं।

प्रेमचंद ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि विचारों में परिवर्तन व्यक्ति का गुण होना चाहिए।

इसके पूर्व एमए के छात्र अनुराग यादव ने प्रेमचंद की कहानी 'ठाकुर का कुआं' का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन एमए के छात्र प्रवीण तिवारी ने और धन्यवाद ज्ञापन अचिंत्य मिश्र ने किया। इस अवसर पर प्रो. कमलेश कुमार गुप्त, प्रो. प्रत्यूष दुबे, डॉ. अखिल मिश्र, डॉ. रामनरेश राम, डॉ. संदीप यादव, डॉ. नरेन्द्र कुमार, डॉ. अभिषेक शुक्ल, डॉ. रजनीश कुमार चतुवेर्दी, डॉ. नरगिस बानो, आयुष सेंगर और विभाग के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

चौरी चौरा विधायक ई. सरवन निषाद ने सीएम योगी से किया मुलाकात

चौरी चौरा। चौरी चौरा विधायक ई. सरवन निषाद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चौरी चौरा की विभिन्न विकास कार्यों को लेकर मुलाकात किया। विधायक ने मुख्यमंत्री से चौरी चौरा विधानसभा के नई बाजार में नाली निर्माण कराने की मांग किया और बताया इस नाली निर्माण से आस पास के कई हजार लोगों को सीधा लाभ मिलेगा और जलजमाब की समस्या से मुक्ति मिलेगी और दूसरा मटियरा घाट पुल जो बड़हलगंज और बांसगांव को जोड़ता है।

इस पुल के निर्माण कार्य से लोगों को आवागमन के लिए काफी सहूलियत मिलेगी। विधायक ने इन दोनों कार्यों को के जल्द कराने की मांग की विधायक ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रशासन द्वारा मनमानी तरीके से वापस लिए गए सुरक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिसके बाद तत्काल मुख्यमंत्री के निर्देश पर विधायक ई. सरवन निषाद को सुरक्षा वापस मिला।

विधायक ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद और आभार जताया और और कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश का समूचा विकास हो रहा है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज है लगातार विकास कार्य कराए जा रहे हैं। चौरी चौरा विधानसभा में लगातार विकास कार्य प्रगति पर है विधानसभा में लगातार समस्याओं का निस्तारण कराया जा रहा है। पिछली सरकारों में पिछड़े दलित समाज के साथ उत्पीड़न किया जाता था। इस सरकार में बिना भेदभाव योजनाओं का लाभ प्रत्येक वर्ग को लोगों को मिल रहा है।

पिछली सरकार में बिचौलियों की चांदी होती थी। विपक्ष ने संविधान के नाम पर जनता को गुमराह करके वोट लेने का कार्य किया है।

गोरखपुर में आज से एक सप्ताह तक बारिश: वज्रपात की चेतावनी जारी, 27°C रहेगा न्यूनतम तापमान, उमस से मिलेगी निजात
गोरखपुर में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है, जिससे क्षेत्र के लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।


इसके अलावा, 58 जिलों में गरज चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। कुछ क्षेत्रों में बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, आज भी उमस के साथ गर्मी का सिलसिला जारी रहेगा। दिन के समय तापमान 37-38°C के बीच रहने का अनुमान है, जबकि न्यूनतम तापमान 27°C के आसपास रहने की संभावना है। मौसम के इस परिवर्तन के साथ ही शाम तक हल्की बारिश होगी, और हवा की रफ्तार 20-30 kmph के बीच रहने की उम्मीद है।
हाजियों का सम्मान, अनुभवों को किया साझा
गोरखपुर। इस साल हज यात्रा से लौटे हाजियों के सम्मान में दावते इस्लामी इंडिया की ओर से मंगलवार को आइडियल मैरेज हाउस उंचवा गाजी रौजा में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

हाजियों का सम्मान गुलपोशी से हुआ। सम्मानित होते ही हाजियों की आंखें खुशी से छलक गईं। हाजियों ने मक्का व मदीना के सफ़र के अनुभवों को साझा किया।

मुख्य वक्ता हाजी मो. आज़म अत्तारी ने कहा कि हज पर जाना एक आम मुसलमान के लिए मानो दुनिया में सब कुछ पा लेने जैसा है। हज कर लिया मतलब ज़िंदगी मुकम्मल हो गई। हज इंसान को सब्र और शुक्र की सीख देता है। अल्लाह की राह में अपना सब कुछ कुर्बान कर देने का नाम हज है।

हाजियों को चाहिए कि बाकी जिंदगी अल्लाह और रसूल की रज़ा में गुज़ारें।  गुनाहों से बचें। नेकी की दावत आम करें। जिस तरह से हज करने से पहले हज के मसाइल सीखें हैं उसी तरह पाबंदी के साथ नमाज़ अदा करते हुए नमाज़ के अहम मसाइल जरूर सीखें। दावते इस्लामी इंडिया हाजियों के लिए तीन दिन का स्पेशल फैजाने नमाज़ कोर्स शुरू करने जा रही है। उसमें सभी हाजी हिस्सा लें और नमाज़ के अहम और बुनियादी मसाइल को सीख कर अपनी नमाज़ दुरुस्त करें। जिस तरह उन पर हज फ़र्ज़ था उसी तरह हर मुसलमान पर प्रतिदिन पांच वक्तों की नमाज़ भी फ़र्ज़ है।

उन्होंने कहा कि हज के बाद, हाजी शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की गहन भावना के साथ अपने घरों को लौटते हैं। हज के दायित्व को पूरा करने के बाद हाजी अपने विश्वास की गहरी समझ और धार्मिक और पवित्र जीवन जीने की प्रतिबद्धता अपने साथ वापस लाते हैं। यह अनुभव व्यक्तिगत परिवर्तन का कारण बन सकता है, जो हाजियों को अल्लाह के करीब लाता है

क़ुरआन -ए-पाक की तिलावत हाफिज आरिफ रज़ा ज्याइ ने की। नात-ए-पाक आदिल अत्तारी ने पेश की। अंत में मुल्क में अमनो सलामती, खुशहाली व तरक्की के लिए दुआ मांगी गई। सम्मान समारोह में फरहान अत्तारी, वसीउल्लाह अत्तारी, इब्राहीम अत्तारी, शहजाद अत्तारी, रमज़ान अत्तारी, सलमान निजामी, अहमद अत्तारी, शहाबुद्दीन अत्तारी, अफसर अत्तारी, शम्स अत्तारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

लापरवाही बरतने पर दो लेखपालो को एसडीएम ने किया निलंबित

गोरखपुर। बांसगांवझ्र मंगलवार को उपजिलाधिकारी बांसगांव केशरी नन्दन तिवारी ने तहसील सभागार में समीक्षा बैठक के दौरान जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र तथा खतौनी में अंश निर्धारण व किसान सम्मान निधि की समीक्षा किया तथा किसान सम्मान निधि एवं अंश निर्धारण के कार्यो में तेजी लाने का निर्देश लेखपाल एवं कानूनगो को दिया।

तहसीलदार नरेंद्र कुमार से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम खखरी बलिया के लेखपाल रिशु कुमार एवं ग्राम सिसवा उर्फ सिउवा के लेखपाल रत्नेश कुमार द्वारा तहसील से जारी होने वाले जाति प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र,अधिवास प्रमाण पत्रों को निर्धारित 7 कार्यावधि या 20 दिन के अंदर न जारी किए जाने तथा आवेदन डिफॉल्ट होने एवं कार्य के प्रति उदासीनता बरते जाने के कारण उपजिलाधिकारी केशरीनन्दन तिवारी ने दोनों लेखपालों को निलंबित करते हुए इन्हें रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया है।