चित्रगुप्त मंदिर द्वारा मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण

गोरखपुर। श्री चित्रगुप्त मंदिर सभा द्वारा आयोजित उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह पर बुधवार को बेतियाहाता हाता स्थित मुंशी प्रेमचंद पार्क में उनकी प्रतिमा पर सभा के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने माल्यार्पण किया।

इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष आलोक रंजन वर्मा, मंत्री शुभेंदु सिंह श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, जगदीश प्रसाद श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी विवेक अस्थाना, राजेश श्रीवास्तव, मृत्युंजय शंकर सिंह, दीप प्रकाश श्रीवास्तव, नम्रता श्रीवास्तवा, फूलचंद श्रीवास्तव, शानू श्रीवास्तव, विजय श्रीवास्तव गुड्डू, शिवचरण, मंदराचल और सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

मोटापे और मधुमेह से भी बचाता है स्तनपान, कमजोर बच्चों के लिए भी सुरक्षित

गोरखपुर, जो बच्चे छह माह तक सिर्फ स्तनपान करते हैं और उसके बाद दो वर्ष तक मां के दूध के साथ पूरक आहार का सेवन कर पाते हैं उनमें मोटापे और मधुमेह की आशंका कम हो जाती है। स्तनपान, कमजोर बच्चों के लिए भी सुरक्षित है। यह कहना है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का।

उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी स्तनपान के इन लाभों के बारे में पुष्टि करता है। स्तनपान के वैश्विक महत्व को देखते हुए हर साल की भांति इस वर्ष भी एक अगस्त से सात अगस्त तक ह्यह्यक्लोजिंग द गैप : ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर आॅलह्णह्ण थीम के साथ विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा । इस दौरान सभी प्रसव केंद्रों, सरकारी अस्पतालों और समुदाय के बीच स्तनपान की महत्ता का संदेश दिया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि स्तनपान न करने वाले बच्चों को लोग वसायुक्त चीनी मिला कर दूध देते हैं जो उनमें मोटापा बढ़ाता है। एक वर्ष तक बच्चों को चीनी नहीं देनी चाहिए। इसके विपरीत स्तनपान करने वाले शिशु इस मोटापे से बच पाते हैं और कालांतर में मधुमेह से भी उनका बचाव होता है। जन्म से कमजोर बच्चों को जब बाहर का दूध दिया जाता है तो वह पचा नहीं पाते हैं और उनके कुपोषित और अधिक कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं कमजोर बच्चे भी स्तनपान से जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। डायरिया पीड़ित बच्चों का भी स्तनपान कराते रहना चाहिए। अगर बच्चे का अधिक निर्जलीकरण हुआ है तो ओआरएस के घोल और जिंक के टैबलेट के साथ मां का दूध पर्याप्त मात्रा में पिलाया जाना चाहिए।

डॉ दूबे ने बताया कि स्तनपान सप्ताह के दौरान तीन मुख्य संदेश जन जन तक पहुंचाया जाना है। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद यथाशीघ्र बच्चे को स्तनपान कराया जाए। इस कार्य में उपस्थित एनएम और स्टॉफ नर्स को मदद करनी चाहिए। बच्चे को छह महीने तक सिर्फ मां का दूध पिलाना है। उसे पानी या खाने की कोई भी चीज नहीं देनी है। मां के दूध से ही बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है। शिशु जब छह महीने का हो जाए तो उसे दो वर्ष की आयु तक पूरक आहार के साथ साथ मां का दूध अवश्य देना है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों के विपरीत, छह महीने से कम उम्र के आधे से भी कम शिशुओं को सिर्फ स्तनपान कराने का चलन है, जो कि चिंताजनक है।

प्रमुख सचिव ने की है वीडियो अपील

प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सोशल मीडिया के जरिये वीडियो अपील जारी कर कहा है कि शोध के अनुसार पहले छह माह तक सिर्फ स्तनपान से बच्चों की मृत्यु में 22 फीसदी तक की कमी आ सकती है। बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए बहुत जरूरी है जन्म के तुरंत बाद मां स्तनपान कराए। स्तनपान से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास हो सकता है और इस दिशा में सभी को मिल जुल कर कदम उठाने चाहिए।

प्रचार प्रसार का निर्देश

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ पिंकी जोवल ने विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने के संबंध में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेज कर विस्तृत दिशा निर्देश दिये हैं। पत्र के अनुसार स्तनपान सप्ताह में आठ प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए कहा गया है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही से ही स्तनपान का लाभ बताने, स्तनपान से गर्भावशय के कैंसर से बचाव, मां शिशु के भावनात्मक लगाव व बच्चों की बुद्धिमता में बढ़ोत्तरी जैसी बातों को समुदाय तक पहुंचाने के लिए कहा गया है। मिशन निदेशक ने स्तनपान सप्ताह के दौरान स्वयं सहायता समूहों की मदद लेने, मां कार्यक्रम के दस बिंदुओं को लागू करने और बाहरी दूध व खाद्य पदार्थों के प्रतिकूल प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कहा है।

प्रेमचंद ने साहित्य के सौंदर्य शास्त्र के प्रस्थान बिंदु को बदल दिया

गोरखपुर। 'प्रेमचंद ने साहित्य के सौंदर्य शास्त्र के प्रस्थान बिंदु को बदल दिया।' यह बात प्रख्यात आलोचक और जे.बी. महाजन डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मधुप कुमार ने कहा। वे दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी और पत्रकारिता विभाग में प्रेमचंद जयंती के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रह थे। डॉ. मधुप ने प्रेमचंद के साहित्य की चर्चा करते हुए कहा कि लेखक किसी असुंदर चीज को सुंदर बनाने के लिए सीधे-सीधे बात नहीं करता है बल्कि वह प्रतीकों के माध्यम से बात करता है। प्रेमचंद ने अपने साहित्य के माध्यम से ऐसा ही किया है। प्रेमचंद में वह शक्ति है कि वह अपने पाठकों को एक तरफ आत्मोन्मुख भी करते हैं और दूसरी तरफ समाजोन्मुख भी करते हैं।

इससे पूर्व अपने स्वागत वक्तव्य में विभागाध्यक्ष प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी ने प्रेमचंद के 'साहित्य का उद्देश्य' निबंध की व्याख्या करते हुए कहा कि प्रेमचंद ने साहित्य का नया उद्देश्य, नया आयाम, नई विचारयात्रा प्रस्तुत किया।

प्रो. राजेश कुमार मल्ल ने कहा कि प्रेमचंद अपने समय के अंतरविरोधों की व्याख्या करते हैं जिसमें वे आंतरिक उपनिवेशवाद का न सिर्फ चित्रण करते हैं बल्कि इसका विरोध भी करते हैं।

उन्होंने भारतीय समाज की आंतरिक समस्याओं को गहराई से व्याख्यायित किया।

प्रो. विमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि प्रेमचंद को खंड-खंड में न देखकर समग्रता में देखना होगा तब वे आधुनिक लेखक के रूप में सामने आते हैं। 'परीक्षा' कहानी के माध्यम से मनुष्य में संवेदनशीलता की महत्ता की चर्चा करते प्रो. मिश्र ने कहा कि विडंबना यह है कि आज का दौर में प्रेमचंद को भूलने का दौर है।

प्रेमचंद ने कथा साहित्य के माध्यम से ऐसी राष्ट्रीयता का स्वप्न देखा जिसमें जन्मजात वर्णों की गंध न हो।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. अनिल कुमार राय ने कहा कि प्रगतिशीलता का मानदंड इससे भी निर्धारित होता है कि साहित्यकार स्वयं को उस तरफ विकसित करता है या नहीं। प्रो. राय ने आगे कहा कि प्रेमचंद कई बार अपनी सीमाओं को अतिक्रमिक करते हैं।

प्रेमचंद ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि विचारों में परिवर्तन व्यक्ति का गुण होना चाहिए।

इसके पूर्व एमए के छात्र अनुराग यादव ने प्रेमचंद की कहानी 'ठाकुर का कुआं' का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन एमए के छात्र प्रवीण तिवारी ने और धन्यवाद ज्ञापन अचिंत्य मिश्र ने किया। इस अवसर पर प्रो. कमलेश कुमार गुप्त, प्रो. प्रत्यूष दुबे, डॉ. अखिल मिश्र, डॉ. रामनरेश राम, डॉ. संदीप यादव, डॉ. नरेन्द्र कुमार, डॉ. अभिषेक शुक्ल, डॉ. रजनीश कुमार चतुवेर्दी, डॉ. नरगिस बानो, आयुष सेंगर और विभाग के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

चौरी चौरा विधायक ई. सरवन निषाद ने सीएम योगी से किया मुलाकात

चौरी चौरा। चौरी चौरा विधायक ई. सरवन निषाद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चौरी चौरा की विभिन्न विकास कार्यों को लेकर मुलाकात किया। विधायक ने मुख्यमंत्री से चौरी चौरा विधानसभा के नई बाजार में नाली निर्माण कराने की मांग किया और बताया इस नाली निर्माण से आस पास के कई हजार लोगों को सीधा लाभ मिलेगा और जलजमाब की समस्या से मुक्ति मिलेगी और दूसरा मटियरा घाट पुल जो बड़हलगंज और बांसगांव को जोड़ता है।

इस पुल के निर्माण कार्य से लोगों को आवागमन के लिए काफी सहूलियत मिलेगी। विधायक ने इन दोनों कार्यों को के जल्द कराने की मांग की विधायक ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रशासन द्वारा मनमानी तरीके से वापस लिए गए सुरक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिसके बाद तत्काल मुख्यमंत्री के निर्देश पर विधायक ई. सरवन निषाद को सुरक्षा वापस मिला।

विधायक ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद और आभार जताया और और कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश का समूचा विकास हो रहा है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज है लगातार विकास कार्य कराए जा रहे हैं। चौरी चौरा विधानसभा में लगातार विकास कार्य प्रगति पर है विधानसभा में लगातार समस्याओं का निस्तारण कराया जा रहा है। पिछली सरकारों में पिछड़े दलित समाज के साथ उत्पीड़न किया जाता था। इस सरकार में बिना भेदभाव योजनाओं का लाभ प्रत्येक वर्ग को लोगों को मिल रहा है।

पिछली सरकार में बिचौलियों की चांदी होती थी। विपक्ष ने संविधान के नाम पर जनता को गुमराह करके वोट लेने का कार्य किया है।

गोरखपुर में आज से एक सप्ताह तक बारिश: वज्रपात की चेतावनी जारी, 27°C रहेगा न्यूनतम तापमान, उमस से मिलेगी निजात
गोरखपुर में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है, जिससे क्षेत्र के लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।


इसके अलावा, 58 जिलों में गरज चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। कुछ क्षेत्रों में बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, आज भी उमस के साथ गर्मी का सिलसिला जारी रहेगा। दिन के समय तापमान 37-38°C के बीच रहने का अनुमान है, जबकि न्यूनतम तापमान 27°C के आसपास रहने की संभावना है। मौसम के इस परिवर्तन के साथ ही शाम तक हल्की बारिश होगी, और हवा की रफ्तार 20-30 kmph के बीच रहने की उम्मीद है।
हाजियों का सम्मान, अनुभवों को किया साझा
गोरखपुर। इस साल हज यात्रा से लौटे हाजियों के सम्मान में दावते इस्लामी इंडिया की ओर से मंगलवार को आइडियल मैरेज हाउस उंचवा गाजी रौजा में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

हाजियों का सम्मान गुलपोशी से हुआ। सम्मानित होते ही हाजियों की आंखें खुशी से छलक गईं। हाजियों ने मक्का व मदीना के सफ़र के अनुभवों को साझा किया।

मुख्य वक्ता हाजी मो. आज़म अत्तारी ने कहा कि हज पर जाना एक आम मुसलमान के लिए मानो दुनिया में सब कुछ पा लेने जैसा है। हज कर लिया मतलब ज़िंदगी मुकम्मल हो गई। हज इंसान को सब्र और शुक्र की सीख देता है। अल्लाह की राह में अपना सब कुछ कुर्बान कर देने का नाम हज है।

हाजियों को चाहिए कि बाकी जिंदगी अल्लाह और रसूल की रज़ा में गुज़ारें।  गुनाहों से बचें। नेकी की दावत आम करें। जिस तरह से हज करने से पहले हज के मसाइल सीखें हैं उसी तरह पाबंदी के साथ नमाज़ अदा करते हुए नमाज़ के अहम मसाइल जरूर सीखें। दावते इस्लामी इंडिया हाजियों के लिए तीन दिन का स्पेशल फैजाने नमाज़ कोर्स शुरू करने जा रही है। उसमें सभी हाजी हिस्सा लें और नमाज़ के अहम और बुनियादी मसाइल को सीख कर अपनी नमाज़ दुरुस्त करें। जिस तरह उन पर हज फ़र्ज़ था उसी तरह हर मुसलमान पर प्रतिदिन पांच वक्तों की नमाज़ भी फ़र्ज़ है।

उन्होंने कहा कि हज के बाद, हाजी शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की गहन भावना के साथ अपने घरों को लौटते हैं। हज के दायित्व को पूरा करने के बाद हाजी अपने विश्वास की गहरी समझ और धार्मिक और पवित्र जीवन जीने की प्रतिबद्धता अपने साथ वापस लाते हैं। यह अनुभव व्यक्तिगत परिवर्तन का कारण बन सकता है, जो हाजियों को अल्लाह के करीब लाता है

क़ुरआन -ए-पाक की तिलावत हाफिज आरिफ रज़ा ज्याइ ने की। नात-ए-पाक आदिल अत्तारी ने पेश की। अंत में मुल्क में अमनो सलामती, खुशहाली व तरक्की के लिए दुआ मांगी गई। सम्मान समारोह में फरहान अत्तारी, वसीउल्लाह अत्तारी, इब्राहीम अत्तारी, शहजाद अत्तारी, रमज़ान अत्तारी, सलमान निजामी, अहमद अत्तारी, शहाबुद्दीन अत्तारी, अफसर अत्तारी, शम्स अत्तारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

लापरवाही बरतने पर दो लेखपालो को एसडीएम ने किया निलंबित

गोरखपुर। बांसगांवझ्र मंगलवार को उपजिलाधिकारी बांसगांव केशरी नन्दन तिवारी ने तहसील सभागार में समीक्षा बैठक के दौरान जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र तथा खतौनी में अंश निर्धारण व किसान सम्मान निधि की समीक्षा किया तथा किसान सम्मान निधि एवं अंश निर्धारण के कार्यो में तेजी लाने का निर्देश लेखपाल एवं कानूनगो को दिया।

तहसीलदार नरेंद्र कुमार से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम खखरी बलिया के लेखपाल रिशु कुमार एवं ग्राम सिसवा उर्फ सिउवा के लेखपाल रत्नेश कुमार द्वारा तहसील से जारी होने वाले जाति प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र,अधिवास प्रमाण पत्रों को निर्धारित 7 कार्यावधि या 20 दिन के अंदर न जारी किए जाने तथा आवेदन डिफॉल्ट होने एवं कार्य के प्रति उदासीनता बरते जाने के कारण उपजिलाधिकारी केशरीनन्दन तिवारी ने दोनों लेखपालों को निलंबित करते हुए इन्हें रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया है।

धड़ल्ले से हुई जेसीबी से पोखरे की खुदाई, रोजगार सेवक ने मौके पर कराया काम

खजनी गोरखपुर। इलाके के बेलघाट ब्लॉक क्षेत्र के कटघरा ग्रामसभा के बनकट गांव में सोमवार 29 जुलाई 2024 को सरेआम पोखरे की खुदाई जेसीबी मशीन लगा कर कराई गई। गांव के लोग ने इसका वीडियो फोटो भी बना लिया है। जिसमें ग्राम रोजगार सेवक अरविंद कुमार मिश्रा के द्वारा खुद मौके पर मौजूद रह कर धड़ल्ले से जेसीबी मशीन से पोखरे की खुदाई कराई जा रही है। गांव की लगभग 60 डिसमिल की सरकारी पोखरी आराजी संख्या 253 की खुदाई जेसीबी मशीन से कराए जाने पर इस संदर्भ में ग्रामप्रधान हनुमान तिवारी से वार्ता का प्रयास किया गया किन्तु बात नहीं हो सकी।

बता दें कि शासन के द्वारा गांवों में मिट्टी के सभी काम मनरेगा मजदूरों से कराने का स्पष्ट आदेश है। जिसमें तालाब,पोखरों की खुदाई हो या संपर्क मार्गों के किनारे मिट्टी डालने का काम मनरेगा मजदूरों से कराया जाता है। किंतु 237? दिहाड़ी मजदूरी की दर पर काम करने के लिए मनरेगा मजदूर नहीं मिलते उन्हें बाहर काम करने पर आसानी से 500? रोज की दर से मजदूरी मिल जाती है।

वहीं बीडीओ बेलघाट सतीश सिंह ने कहा कि मनरेगा से पोखरी की खुदाई जेसीबी मशीन से नहीं कराई जा सकती है लेकिन राज्य वित्त से हो सकता है। मस्टरोल तो नहीं भरा गया है, इसकी जांच की जाएगी।

फूड विभाग की टीम ने मेडिकल कॉलेज रोड बशारतपुर में की छापेमारी की कार्रवाई

गोरखपुर । शासन के निर्देश पर आम जनमानस को शुद्ध खाद्य पेय पदार्थ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अभिहित अधिकारी के निर्देश पर मुख्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम ने जनपद के मेडिकल कॉलेज बशारतपुर में राहुल ट्रेडर्स के वहां छापेमारी की कार्रवाई की गई कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में एक्सपायरी डेट की टॉफी, बिस्किट और आटा मिला। टीम ने सभी सामानों को कब्जे में लेकर नष्ट की कार्रवाई की गई ।

मुख्य सुरक्षा अधिकारी जितेंद्र मोहन त्रिपाठी में बताया कि निरीक्षण के क्रम में राहुल ट्रेडर्स मेडिकल कॉलेज रोड के पास जांच किया गया तो यहां पर एक्सपायरी डेट के आटा पाया गया जो खाने योग्य नहीं था जिसे नष्ट कराया गया और संडे के आधार पर रेड बुल एनर्जी ड्रिंक और कन्फेक्शनरी के दो सैंपल लेकर नमूने के लिए भेजा गया है मौके से लगभग एक कुंटल ट्रॉफी बिस्कुट और 10 कुंतल आटा 5 ह्यॅ व 10 ह्यॅ के बरामद किया गया है जो एक्सपायरी डेट की हो चुके थे उसे नष्ट की कार्रवाई की गई है। जिसकी कीमत बाजार भाव 60 हजार के आसपास होगी। प्रतिष्ठान संचालक को कारण बताओं नोटिस जारी किया जा रहा है।

कार्रवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमाशंकर सिंह कमल नारायण आभा प्रतिमा उपाध्याय नागेंद्र शैलेंद्र श्रीवास्तव विजयनंद विनय शाही समेत अन्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौजूद रहे।

व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सार्थक सेमिनार : लल्लन तिवारी

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड द्वारा विपणन विकास सहायता एवं प्रचार प्रसार योजनान्तर्गत एक दिवसीय मंडल स्तरीय माटी कला सेमिनार एवं टूल किट्स प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन कंबल कारखाना खजनी गोरखपुर में मंगलवार को किया गया।

सेमिनार के तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए तकनीकी सत्र विशेषज्ञ मनोज कुमार ने कहा कि आधुनिक युग में कार्य को सुलभ बनाने हेतु बहुत सी मशीन आ गई है जिनके प्रयोग से अपने प्रोडक्ट की अच्छी क्वालिटी के साथ कम से कम समय में अधिक से अधिक उत्पाद में तैयार किया जा सकती है। श्री मनोज कुमार ने कहा कि माटी कला के कारीगरों के लिए जो भट्टी प्रयोग की जाती है वह वस्तुत: दो प्रकार की होती है। जिन्हे अप ड्राफ्ट और डाउन ड्राफ्ट भट्टी के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने कहा कि कारीगरों के लिए उत्तम भट्टी वही होती है जो स्थानीय रूप से सर्वसुलभ हो। जिससे सस्ती ईंधन आसानी से प्राप्त हो जाए।उन्होंने कहा कि छोटे स्तर पर कार्य करने पारंपरिक भट्टी का ही इसेमाल करना चाहिए।

सेमिनार के शिल्पकारी सत्र में विशेषज्ञ देवानंद गुप्त ने शिल्पकारों को नए नए गुण समझाए। उन्होंने अपने कहा कि मृद् भांड नव पाषाण काल से चला आ रहा है किंतु आज वर्तमान समय में पूजा पाठ की सामग्री तक ही सीमित रह गया है। उन्होंने कहा कि कुछ शिल्पकार हैं जो दैनिक जीवन में प्रयोग आने वाली वस्तुओं का निर्माण कर रहे हैं। इन्हीं वस्तुओं का अधिक से अधिक उत्पादन करके अपने व्यवसाय में वृद्धि किया जा सकता है। उन्होंने मृद् भांड सामग्री, गृह निर्माण सामग्री, सजावटी सामग्री एवं मूर्ति खिलौना के निर्माण तथा इनमें आनी समस्याओं के निदान पर प्रकाश डाला।

सेमिनार में व्यावसायिक सत्र को संबोधित करते हुए सत्र विशेषज्ञ अजय कुमार ने उत्पादों के बाजार में उतारने से लेकर व्यवसाय की सफलता तक के हर पहलू की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है जिससे शिल्पकार समृद्ध हो। उन्होंने कहा की माटी कला के व्यावसायिक अवसरों की पहचान उत्पादों की बाजार में मांग उत्पादों की कीमत निर्धारण मार्केटिंग और ब्रांडिंग गुणवत्ता नियंत्रण पैकेजिंग और परिवहन बिक्री और वितरण प्रदर्शनियां और नवाचार पर सरकार जोर दे रही है जिससे शिल्पकारों के व्यवसाय में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न आए और व्यवसाय सुचारू रूप से चले।

इससे पूर्व सेमिनार का उद्घाटन तहसीलदार खजनी कृष्ण गोपाल त्रिपाठी एवं पूर्व विधायक पूर्व सदस्य उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड लल्लन तिवारी परिषेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी ए के पाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। तहसीलदार कृष्ण गोपाल त्रिपाठी ने कहा कि तकनीकी शिल्पकारी तथा व्यावसायिक सत्र में हिस्सा लेने वाले शिल्पकारों के विकास में यह सेमिनार मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने सेमिनार में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।श्री त्रिपाठी ने सेमिनार के उपादेयता पर प्रकाश डाला और सरकार की योजनाओं की जानकारी प्रतिभागियों को दी। सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधायक एवं पूर्व सदस्य उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड लल्लन तिवारी ने सेमिनार की सफलता के लिए आयोजको को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन शिल्पियों में उत्साह एवं ऊर्जा भरते है।

उन्होंने कहा कि आज का यह सेमिनार हुनरमंद हाथों को अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। अतिथियों का स्वागत करते हुए परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी ए के पाल ने कहा उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड की योजनाओं से शिल्पकारों को अवगत कराया। शिल्पकारों को टूल किट्स एवं प्रमाण पत्र वितरण भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन नवीन पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम में आर के यादव जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, राम कृष्ण श्रीवास्तव, प्रबंधक ग्रामोद्योग देवरिया, ध्यानचंद आचार्य मंडल यह प्रशिक्षण केंद्र खजनी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में के एम पांडेय, विजय गुप्ता, प्रमोद श्रीवास्तव, मुहम्मद आरिफ, शिवेंद्र सिंह, अरुणेश पांडेय सहित सैकड़ों शिल्पकार मौजूद रहे।