‘गाय को मारने से बचाया तो मुसलमान मुझे मारने आए’, मुंबई की पत्रकार ने शेयर किया वीडियो
महाराष्ट्र के मलाड से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ रहने वाली पत्रकार आम्रपाली शर्मा ने बीते दिनों सोशल मीडिया पर अपनी वीडियो शेयर करते हुए बताया था कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र में रहना किस प्रकार से उनका मुश्किल हो रहा है। वीडियो में उनका कहना था कि जानवरों को खाना देने पर उन्हें गाली दी जाती है, धमकी दी जाती है, उनके घर के बाहर मीट फेंका जाता है तथा खुदखुशी को मजबूर किया जाता है जिससे वो तंग आकर इलाके को छोड़ दें तथा उनके फ्लैट पर कब्जा हो जाए।
वही अब इसी मामले में आगे बढ़ते हुए आम्रपाली शर्मा ने कुछ और वीडियोज और स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। इन वीडियो में दिखाया गया है कि किस प्रकार उन्हें तंग किया जाता है तथा कैसे इस मुद्दे पर आवाज उठाने पर मुस्लिम उन्हें धमकी देते हैं। आम्रपाली शर्मा द्वारा साझा किए गए वीडियो में देख सकते हैं घर के पायदान पर मीट बिखेरा गया है तथा उसमें कचरा भी पड़ा है। वीडियो के साथ आम्रपाली शर्मा ने कैप्शन में लिखा, “मेरे घर पर माँस और कचरा डाला, मैंने गाय को मार से बचाया तो पूरे मुसलमान सड़क पे मुझे मारने आए। पुलिस ने कोई मदद नहीं की। एक और कैराना एक और कश्मीर है मालवणी, मलाड।”
इसके अतिरिक्त उन्होंने एक और ट्वीट किया है जिसमें कुछ स्क्रीनशॉट लगाए हैं। इन स्क्रीनशॉट्स में देख सकते हैं उन्हें गाली दी गई है। उन्हें ऐसे ट्वीट करने पर कहा, “तुम काफिर लोग जहां रहते हो फालतू की हरकतें करके मुसलमानों को परेशान ही करते हो।” एक स्क्रीनशॉट में उन्हें ‘हिंदू र*$ भी कहा गया है। आम्रपाली द्वारा ये मुद्दा उठाए जाने के पश्चात् उन्हें इनबॉक्स में समर्थन की जगह जो गालियां मिल रही हैं उस पर बोलती हैं, “मुसलमान ये मैसेज भेज रहे हैं मुझे X पर। सोचिए कितना जहर भरा है हिंदुओं के खिलाफ और इनको हमसे सहिष्णुता चाहिए! और कितना बर्दाश्त करें? खतरनाक लोग आसपास हैं। मेरा कत्ल भी कर देंगे। सेक्यूलरिज्म के लायक हैं ये लोग?” आम्रपाली बोलती हैं कि मालवानी पुलिस सीनियर पीआई अधव उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं और जब भी वह मदद के लिए जाती हैं जो उनकी मदद नहीं होती।
बता दें कि इससे पहले आम्रपाली ने कुछ वीडियो साझा की थी उसमें क्षेत्र में रहने वाले कुछ मुस्लिम उनपर भड़कते हुए नजर आ रहे थे। आम्रपाली ने पूछा था कि क्या एक हिंदू और जानवर प्रेमी महिला का मुस्लिम क्षेत्रों में रहना वाकई में कठिन है। उन्होंने आरोप लगाया था कि स्थानीय मुश्किल भीड़ उन्हें निरंतर प्रताड़ित करती है और परेशान करती है। वहीं पुलिस से सहायता माँगने जाओ तो सुनवाई नहीं होती।







शिरोमणि गुरुद्वार प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने निशान साहिब को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। एसजीपीसी ने आदेश जारी कर कहा कि निशान साहिब का रंग अब भगवा नहीं बसंती होगा। यह फैसला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने श्री अकाल तख्त साहिब में हुई पांच सिंह साहिबान की बैठक के बाद लिया है। बताया जा रहा है कि निशान साहिब का रंग हिंदू धर्म के प्रतीक भगवा रंग से मिलता-जुलता है। इस कारण कई बार संगत के लोग या अजनबी लोग इसमें अंतर नहीं कर पाते और दोनों को एक ही समझ लेते हैं। इसी दुविधा को दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया है। शिरोमणि समिति द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, श्री अकाल तख्त साहिब, श्री अमृतसर साहिब से प्राप्त परिपत्र संख्या: एटी/24/206/17-07-2024 के अनुसार, माननीय पांच सिंह साहिबानों की बैठक में पारित प्रस्ताव संख्या : 03/15-07 यह निर्णय 2024 के आधार पर लिया गया है। इसे लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कहा है कि केसरी निशान को लेकर संगत के बीच दुविधा थी। जिसके बारे में कुछ मामले श्री अकाल तख्त साहिब के ध्यान में आए जिसके बाद इस पर चर्चा हुई।



Jul 31 2024, 15:28
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