नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को लिखा पत्र, कहा, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के ब

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के बीमा प्रीमियम पर 18 फीसद माल एवं सेवा कर (GST) वापस लेने की मांग की है। पत्र का हवाला देते हुए रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नितिन गडकरी ने कहा कि जीएसटी जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के बराबर है। इससे इस सेक्टर का ग्रोथ रुक जाएगा।

हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक नितिन गडकरी ने सीतारमण को लिखे अपने लेटर में कहा है, "आपसे अनुरोध है कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी वापस लेने के सुझाव पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करें, क्योंकि यह सीनियर सिटिजन के लिए बोझिल हो जाता है।" उन्होंने कहा, "इसी तरह, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी इस सेगमेंट के विकास के लिए एक बाधा साबित हो रहा है जो सामाजिक रूप से आवश्यक है।"

उन्होंने कहा, "जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के समान है। यूनियन का मानना है कि जो व्यक्ति परिवार को कुछ सुरक्षा देने के लिए जीवन की अनिश्चितताओं के जोखिम को कवर करता है, उसे इस जोखिम के खिलाफ कवर खरीदने के प्रीमियम पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए।"

गडकरी ने कहा, " यह जीवन बीमा के जरिए बचत के अंतर उपचार, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए आयकर कटौती को फिर से शुरू करने और सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के कंसॉलिडेशन की ओर भी इशारा करता है।"

बजट को लेकर हो रही आलोचना

गडकरी ने वित्त मंत्री को यह पत्र ऐसे समय लिखा है जब पिछले हफ्ते नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट को लेकर कई पक्षों की आलोचना हो रही है। एनडीटीवी के मुताबिक विपक्ष ने जहां केंद्र पर केवल अपने प्रमुख सहयोगी टीडीपी और जेडीयू शासित राज्यों के प्रति उदार होने का आरोप लगाया है, वहीं सोशल मीडिया यूजर्स के एक वर्ग ने सैलरीड क्लास के लिए हाई टैक्स रेट की ओर इशारा किया है। वित्त मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों को धन मुहैया कराया है। उन्होंने कहा कि अगर बजट भाषण में किसी राज्य का नाम नहीं है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह कवर नहीं है।

‘गाय को मारने से बचाया तो मुसलमान मुझे मारने आए’, मुंबई की पत्रकार ने शेयर किया वीडियो

महाराष्ट्र के मलाड से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ रहने वाली पत्रकार आम्रपाली शर्मा ने बीते दिनों सोशल मीडिया पर अपनी वीडियो शेयर करते हुए बताया था कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र में रहना किस प्रकार से उनका मुश्किल हो रहा है। वीडियो में उनका कहना था कि जानवरों को खाना देने पर उन्हें गाली दी जाती है, धमकी दी जाती है, उनके घर के बाहर मीट फेंका जाता है तथा खुदखुशी को मजबूर किया जाता है जिससे वो तंग आकर इलाके को छोड़ दें तथा उनके फ्लैट पर कब्जा हो जाए।

वही अब इसी मामले में आगे बढ़ते हुए आम्रपाली शर्मा ने कुछ और वीडियोज और स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। इन वीडियो में दिखाया गया है कि किस प्रकार उन्हें तंग किया जाता है तथा कैसे इस मुद्दे पर आवाज उठाने पर मुस्लिम उन्हें धमकी देते हैं। आम्रपाली शर्मा द्वारा साझा किए गए वीडियो में देख सकते हैं घर के पायदान पर मीट बिखेरा गया है तथा उसमें कचरा भी पड़ा है। वीडियो के साथ आम्रपाली शर्मा ने कैप्शन में लिखा, “मेरे घर पर माँस और कचरा डाला, मैंने गाय को मार से बचाया तो पूरे मुसलमान सड़क पे मुझे मारने आए। पुलिस ने कोई मदद नहीं की। एक और कैराना एक और कश्मीर है मालवणी, मलाड।”

इसके अतिरिक्त उन्होंने एक और ट्वीट किया है जिसमें कुछ स्क्रीनशॉट लगाए हैं। इन स्क्रीनशॉट्स में देख सकते हैं उन्हें गाली दी गई है। उन्हें ऐसे ट्वीट करने पर कहा, “तुम काफिर लोग जहां रहते हो फालतू की हरकतें करके मुसलमानों को परेशान ही करते हो।” एक स्क्रीनशॉट में उन्हें ‘हिंदू र*$ भी कहा गया है। आम्रपाली द्वारा ये मुद्दा उठाए जाने के पश्चात् उन्हें इनबॉक्स में समर्थन की जगह जो गालियां मिल रही हैं उस पर बोलती हैं, “मुसलमान ये मैसेज भेज रहे हैं मुझे X पर। सोचिए कितना जहर भरा है हिंदुओं के खिलाफ और इनको हमसे सहिष्णुता चाहिए! और कितना बर्दाश्त करें? खतरनाक लोग आसपास हैं। मेरा कत्ल भी कर देंगे। सेक्यूलरिज्म के लायक हैं ये लोग?” आम्रपाली बोलती हैं कि मालवानी पुलिस सीनियर पीआई अधव उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं और जब भी वह मदद के लिए जाती हैं जो उनकी मदद नहीं होती।

बता दें कि इससे पहले आम्रपाली ने कुछ वीडियो साझा की थी उसमें क्षेत्र में रहने वाले कुछ मुस्लिम उनपर भड़कते हुए नजर आ रहे थे। आम्रपाली ने पूछा था कि क्या एक हिंदू और जानवर प्रेमी महिला का मुस्लिम क्षेत्रों में रहना वाकई में कठिन है। उन्होंने आरोप लगाया था कि स्थानीय मुश्किल भीड़ उन्हें निरंतर प्रताड़ित करती है और परेशान करती है। वहीं पुलिस से सहायता माँगने जाओ तो सुनवाई नहीं होती।

त्रिपुरा से दक्षिण भारत भागने वाले थे 23 बांग्लादेशी घुसपैठिए, RPF ने रेलवे स्टेशन पर दबोचा

 त्रिपुरा के अगरतला रेलवे स्टेशन से 27 जुलाई को बांग्लादेश के 23 अवैध घुसपैठियों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये गिरफ़्तारियाँ एक गुप्त सूचना के आधार पर की गई हैं। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के प्रवक्ता ने पुष्टि की, "सभी 23 व्यक्ति बांग्लादेश के चपई नवाबगंज के निवासी हैं, जिनकी उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच है।" 

पुलिस ने बताया है कि, वे हमसफ़र एक्सप्रेस ट्रेन से दक्षिण भारत जाने की कोशिश कर रहे थे। इस प्रकरण में एक चिंताजनक पैटर्न है। रेलवे स्टेशन पर पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश से आए सौ से ज़्यादा घुसपैठियों को हिरासत में लिया गया है। चूँकि उन्हें कई पुलिस अधिकार क्षेत्रों से छिपकर गुज़रना पड़ता है, इसलिए स्टेशन तक उनका सही रास्ता अभी भी अज्ञात है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि, "यह हैरान करने वाला है कि ये लोग स्थानीय पुलिस या खुफिया एजेंसियों की पकड़ में आए बिना कई जिलों में घुसने में कामयाब हो जाते हैं।" 

अगरतला के महाराजा बीर बिक्रम (MBB) हवाई अड्डे पर बांग्लादेश के छह और नागरिकों को हिरासत में लिया गया, जिससे रहस्य और गहरा गया। पुलिस ने बताया कि, "CISF कर्मियों ने संदेह के आधार पर व्यक्तियों को हिरासत में लिया और पूछताछ के दौरान वे संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे।" एयरपोर्ट पुलिस के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल ने बताया कि, "इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 28 जुलाई को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें आगे की जांच के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है।"

इस बड़े पैमाने पर घुसपैठ के पीछे के कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। इन अनधिकृत घुसपैठों को सक्षम करने वाले नेटवर्क की पहचान करने के लिए गहन जांच शुरू की गई है। एक पूर्व खुफिया अधिकारी ने कहा, "यहां राष्ट्रीय सुरक्षा दांव पर है; यह केवल सीमा सुरक्षा के बारे में नहीं है। यदि ये पैटर्न अनियंत्रित रूप से जारी रहते हैं, तो इससे पूरे देश में महत्वपूर्ण सुरक्षा जोखिम पैदा हो सकते हैं।"

नितिन गडकरी ने की लाइफ और हेल्‍थ इंश्‍योरेंस से जीएसटी हटाने की मांग, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा खत

#life_and_health_insurance_premiums_may_decrease_nitin_gadkari_demands 

आने वाले समय में देश के लाखों इंश्योरेंस प्रॉपर्टी लेने वालों को राहत मिल सकती है। दरअसल, सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम से जीएसटी हटाने की मांग की है।अगर, इस पत्र की मांग को मांगते हुए वित्त मंत्री बीमा प्रीमियम पर से जीएसटी खत्म करती है तो इससे लाखों लोगों को राहत मिलेगा क्योंकि प्रीमियम कम हो जाएगी।

रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्टर नितिन गडकरी ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने इसके लिए वित्त मंत्री को लेटर लिखकर खत्म करने की मांग की है।

नितिन गडकरी ने फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ये पत्र 28 जुलाई को लिखा है। अपने लेटर में गडकरी ने कहा, आपसे अनुरोध है कि आप लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी हटाने के सुझाव पर प्राथमिकता से विचार करें। क्योंकि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए बोझिल हो जाता है। 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस, आज हर व्यक्ति की जरूरत है और सामाजिक रूप से जरूरी हैं। ऐसे में इन उत्पादों के प्रीमियम पर 18 फीसदी टैक्स, इस सेक्टर की ग्रोथ को भी प्रभावित करता है। यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा यह लेटर, नागपुर मंडल जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ के जवाब में था। इस एम्पलाई यूनियन ने इंश्योरेंस इंडस्ट्री के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में बताते हुए नितिन गडकरी को एक ज्ञापन सौंपा था।

पत्र में लिखा गया है कि जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है। उन्होंने कहा, संघ का मानना है कि जो व्यक्ति परिवार को कुछ सुरक्षा देने के लिए जीवन की अनिश्चितताओं के जोखिम को कवर करता है, उससे इस जोखिम के लिए कवर खरीदने के प्रीमियम पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए। इसी तरह, चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी इस व्यवसाय के विकास के लिए बाधक साबित हो रहा है, जो सामाजिक रूप से आवश्यक है। इसलिए, उन्होंने बीमा प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को वापस लेने का आग्रह किया है।

नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस विषय पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा - आपसे अनुरोध है कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST वापस लेने के सुझाव पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करें।

राहुल गांधी पर अनुराग ठाकुर के पलटवार के मुरीद हुए पीएम मोदी, तारीफ में कही बड़ी बात

#pm_modi_praised_anurag_thakur 

लोकसभा में मंगलवार पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की विपक्ष के नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ तीखी नोकझोंक देखने को मिली। सदन में अनुराग ठाकुर ने जो भाषण दिया, अब पीएम मोदी ने भी उसकी तारीफ की है। उन्‍होंने सोशल मीडिया पर अनुराग ठाकुर का वीडियो पोस्‍ट करते हुए लिखा… जरूर सुनने लायक… गंदी राजनीत‍ि का पर्दाफाश।

प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर कहा, “यह भाषण मेरे युवा और ऊर्जावान सहयोगी अनुराग ठाकुर का है, जिसे अवश्य सुनना चाहिए। यह तथ्यों से समाहित है। यह इंडी गठबंधन की गंदी राजनीति को उजागर करता है।”

दरअसल, सदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कमल को हिंसा से जोड़ दिया था। जिसके बाद उनके बयान पर अनुराग ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा, एक नेता ने खड़े होकर कमल पर कटाक्ष किया, लेकिन कमल का नाम तो राजीव भी है, तो क्या वो राजीव गांधी को भी बुरा मानते हैं? अनुराग ने ऐसा कहकर राहुल के पिता स्वर्गीय राजीव गांधी की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता है कि उन्हें कमल से क्या आपत्ति है। कमल का पर्यायवाची तो राजीव भी है। शायद उन्हें इस बात का पता नहीं है। अगर होता, तो मुझे पूरी उम्मीद है कि वो कमल के बारे में इस तरह की टिप्पणी ही नहीं करते।

वहीं, अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी को जवाब देने के लिए शशि थरूर की किताब ‘द ग्रेट इंडियन नोवल’ का सहारा लिया। इस उपन्यास के पहले अंश को पढ़ते हुए ठाकुर ने कहा – 15 अगस्त को एक धृतराष्ट्र देश की गद्दी पर बैठा जो फैबियन सोशलिज्म का मानता था। अब ये कौन है शशि थरूर खुद बता देंगे। हमीरपुर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने शशि थरूर के ‘द ग्रेट इंडियन नोवल’ अनुराग ठाकुर ने इस उपन्‍यास की पृष्‍ठ संख्‍या-245 में लिखी गई बातों को लोकसभा में पढ़ते हुए कहा कि 15 अगस्‍त 1947 को प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी तो नहीं थे और यह (शशि थरूर) कह रहे हैं कि सन् 1947 में जिन्‍होंने सत्‍ता संभाली थी वह धृतराष्‍ट्र थे।अनुराग ठाकुर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यहां धृतराष्‍ट्र किसको कहा गया, स्‍पीकर महोदय ने हमें बांध रखा है कि उस समय के नेताओं का नाम नहीं लेना है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री को धृतराष्‍ट्र हमने नहीं कहा, इन्‍हीं की पार्टी के सांसद ने ‘द ग्रेट इंडिया नोवल’ में कहा है। उन्‍होंने मजाकिया अंदाज में पूछा कि शशि थरूर जी कहां हैं, कहीं छुप तो नहीं गए।

लाओस ने रामलला पर जारी किया डाक टिकट, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया अनावरण*
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अयोध्या स्थित राम मंदिर में विराजमान राम लला की मूर्ति पर दक्षिणी पूर्वी एशियाई देश लाओस ने डाक टिकट जारी किया है।लाओस की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अयोध्या से राम लला की मूर्ति को प्रदर्शित करने वाले एक विशेष स्मारक टिकट सेट का अनावरण किया।विदेश मंत्री एस जयशंकर और लाओस के विदेश मंत्री सेलुमक्से कोमासिथ ने संयुक्त रूप से इस टिकट को जारी किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर खुद इसकी जानकारी दी। एस जयशंकर भगवान राम की अयोध्या मूर्ति को समर्पित दुनिया का पहला डाक टिकट बताए जाने वाले इस टिकट के बारे में एक्स पर पोस्ट किया और कहा, “रामायण और बौद्ध धर्म की हमारी साझा सांस्कृतिक धरोहरों का जश्न मनाते हुए एक विशेष टिकट सेट लॉन्च किया।” बता दें कि लाओस में रामायण काफी लोकप्रिय है और प्रभु राम के नाम से वहां का हर नागरिक परिचित है। रामायण का एक लाओस वर्जन भी लोकप्रिय है। वहां पर साल के पवित्र समय में रामकीन की कथा कही जाती है और इसका मंचन होता है।
अब गुरुद्वारों में नहीं फहराया जाएगा भगवा झंडा, SGPC ने लिया निशान साहिब का रंग बदलने का फैसला*
#color_of_nishan_sahib_change शिरोमणि गुरुद्वार प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने निशान साहिब को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। एसजीपीसी ने आदेश जारी कर कहा कि निशान साहिब का रंग अब भगवा नहीं बसंती होगा। यह फैसला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने श्री अकाल तख्त साहिब में हुई पांच सिंह साहिबान की बैठक के बाद लिया है। बताया जा रहा है कि निशान साहिब का रंग हिंदू धर्म के प्रतीक भगवा रंग से मिलता-जुलता है। इस कारण कई बार संगत के लोग या अजनबी लोग इसमें अंतर नहीं कर पाते और दोनों को एक ही समझ लेते हैं। इसी दुविधा को दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया है। शिरोमणि समिति द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, श्री अकाल तख्त साहिब, श्री अमृतसर साहिब से प्राप्त परिपत्र संख्या: एटी/24/206/17-07-2024 के अनुसार, माननीय पांच सिंह साहिबानों की बैठक में पारित प्रस्ताव संख्या : 03/15-07 यह निर्णय 2024 के आधार पर लिया गया है। इसे लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कहा है कि केसरी निशान को लेकर संगत के बीच दुविधा थी। जिसके बारे में कुछ मामले श्री अकाल तख्त साहिब के ध्यान में आए जिसके बाद इस पर चर्चा हुई।
भारत की दिग्गज बैडमिंटन स्टार अश्विनी पोनप्पा ने किया संन्यास का ऐलान, कहा - मैंने अपना आखिरी ओलंपिक खेल लिया

#indian_veteran_badminton_player_ashwini_ponnappa_announced_her_retirement 

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा ने संन्यास की घोषणा कर दी। उन्होंने बताया कि यह उनका आखिरी ओलंपिक था। बैडमिंटन में भारत की तरफ से महिला डबल्स में हिस्सा लेने वाली अश्विनी पोनप्पा और तनीषा क्रास्टो की जोड़ी का सफर तीसरे ग्रुप मुकाबले में हार के साथ खत्म हो गया। 30 जुलाई को ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी के खिलाफ मिली हार के बाद अश्विनी काफी भावुक दिखाई दीं जिसमें उन्होंने मैच के बाद एक बड़ा ऐलान भी कर दिया और कहा कि ये उनके करियर का आखिरी ओलंपिक मैच था।

मंगलवार को पेरिस ओलंपिक की महिला युगल स्पर्धा में उन्हें और उनकी जोड़ीदार तनिषा क्रास्तो को लगातार तीसरी बार हार का सामना करना पड़ा।  अश्विनी और तनिषा ग्रुप सी के अपने अंतिम मैच में ऑस्ट्रेलिया की सेतियाना मापासा और एंजेला यू से 15-21, 10-21 से हार गईं। अपने तीनों ग्रुप मैच हारकर उनका अभियान समाप्त हो गया।

अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रही 34 वर्षीय अश्विनी से जब पूछा गया कि क्या वह 2028 लॉस एंजिल्स खेलों में खेलना चाहती हैं, तो उन्होंने कहा, “यह मेरा आखिरी ओलंपिक होगा, लेकिन तनिषा को अभी लंबा सफर तय करना है। यह भावनात्मक और मानसिक रूप से बहुत भारी पड़ता है, मैं इसे फिर से नहीं झेल सकती। यह आसान नहीं है, अगर आप थोड़े छोटे हैं तो आप यह सब झेल सकते हैं। इतने लंबे समय तक खेलने के बाद, मैं इसे और नहीं झेल सकती।”

अश्विनी ने 2001 में अपना पहला राष्ट्रीय खिताब जीता था और ज्वाला गुट्टा के साथ मिलकर एक शानदार और इतिहास रचने वाली महिला जोड़ी बनाई थी।

हमास चीफ इस्माइल हानिया के साथ एक और शख्स की हत्या, इजरायल ने अपने इस दुश्मन को मार गिराने का किया दावा

#israelkilledanotherenemyknowwhowas

इजरायल ने ईरान में घुसकर हमास चीफ इस्माइल हानिया को मार गिराया है। हालांकि, इसको लेकर इजराइल की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मगर शक की सुई इजरायल पर ही टिकी है। दरअसल, बेंजामिन नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले के बाद से ही हमास चीफ इस्माइल हानिया और हमास के अन्य नेताओं को मारने की कसम खाई थी। इसी बीच इजरायल ने अपने एक और दुश्मन के मारे जाने का दावा किया है। इजराइल की सेना ने हिजबुल्‍लाह के कमांडर फउद शुकर को मार गिराने का दावा किया है। इजरायल की सेना ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने मंगलवार को बेरूत इलाके में फउद शुकर को खत्म कर दिया है।

शुकर को गोलान हाइट्स पर रॉकेट हमले के लिए जिम्मेदार माना जा रहा था। लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने इजरायल के गोलन हाइट्स इलाके में शनिवार को एक फुटबॉल ग्राउंड पर रॉकेट दागे थे। इस हमले में 12 बच्चों की मौत हो गई थी, जिसका बदला लेने के लिए ही इजरायल की सेना ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर हवाई हमले किए। इजराइल की सेना के निशाने पर हिजबुल्लाह का कमांडर फुआद शुकर था। इजराइली की सेना ने कहा कि यह हमला गोलान में 12 युवाओं की मौत की मौत के साथ-साथ अन्य हमलों में कई इजराइली नागरिकों की मौत के लिए जिम्मेदार आतंकी कमांडर के ठिकाने को निशाना बनाकर किया गया।

लंबे समय से इजराइल-अमेरिका को थी शुकर की तलाश

इजरायल के खिलाफ कई बड़े हमलों को अंजाम देने वाले फउद शुकर की तलाश काफी समय से इजराइय और अमेरिका को थी। पिछले कई दशकों से इसकी तलाश जारी थी। बता दें कि हिजबुल्लाह के लिए रणनीति बनाने और उसे अंजाम देने के लिए ये काम करता था। फउद शुकर पर 40 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इनाम की राशि के जरिए आप हिंजबुल्लाह के कमांडर के कद का अंदाजा लगा सकते हैं। इस बीच इजरायली सेना की तरफ से दावा किया गया है कि उन्होंने कई मासूमों की मौत का बदला ले लिया है और फउद शुकर को मार गिराया है। 

कई हमलों का रह चुका है मास्टरमाइंड

बता दें कि फउद शुकर को मार गिराने के लिए उजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर कई हवाई हमले किए। फउद शुकर को हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह का करीबी और भरोसेमंद माना जाता है। साल 2016 में सीरिया में वरिष्ठ हिजबुल्लाह कमांडर की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद फउद शुकर ने उनकी जगह ली थी। साल 1983 में बेरूत की एक बैरक में हमला किया गया था। यह हमला जहां हुआ, वहां फ्रांस और अमेरिका के सैनिक तैनात थे। 

बता दें कि फउद शुकर के अलाव इजरायल ने आज हमास के मुखिया इस्माइल हानिया को भी मार गिराया है। हमास पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया को ईरान में घुसकर मार गिराया है।

मारा गया हमास चीफ इस्माइल हानिया, ईरान के तेहरान में हुई हत्या, क्या इजराइल ने लिया अपना बदला?

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इजराइल और हमास जंग के बीच बड़ी खबर है।हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्माइल हानिया की ईरान में हत्या कर दी गई है। ईरान की सेना ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने भी इसकी पुष्टि की है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि, हानिया और उसके एक बॉडीगार्ड की तेहरान स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई है। हानिया ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में बतौर गेस्ट शामिल होने आया था। इसी दौरान इस्माइल हानिया मारा गया।

ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के जनसंपर्क विभाग ने बताया कि हमला बुधवार की सुबह हुआ और घटना की जांच की जा रही है। बयान में इस्माइल हानिया की मौत पर दुख जताया गया और फिलिस्तीन के लोगों के प्रति समर्थन जताया गया। हमास ने भी बयान जारी कर इस्माइल हानिया की मौत की पुष्टि की है और साथ ही हत्या का आरोप इजराइल पर लगाया है। 

इस्माइल हानिया की हत्या के बाद हमास का बयान सामने आया है। उसका कहना है कि अल्लाह के मार्ग में मारे गए लोगों को मरा हुआ न समझो, बल्कि वे अपने रब के पास जीवित हैं। इस्लामिक रजिस्टेंस मूवमेंट हमास हमारे महान फिलिस्तीनी लोगों, अरब एंड इस्लामी राष्ट्र और दुनिया के सभी स्वतंत्र लोगों के बेटों के लिए शोक व्यक्त करता है। भाई नेता, शहीद, सेनानी इस्माइल हानिया, आंदोलन के नेता, जो नए ईरानी राष्ट्रपति के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के बाद तेहरान में अपने निवास पर एक विश्वासघाती ज़ायोनी छापे के परिणामस्वरूप गुजर गए। हम अल्लाह के हैं और उसी की पास लौटेंगे। यह जीत या शहादत का जिहाद है। हमास का कहना है कि हानिया की हत्या की सजा जरूर मिलेगी।

इससे पहले अप्रैल में हवाई हमले में हानिया के तीन बेटे मारे गए थे।अप्रैल 2024 में इजराइली सेना ने हानिया के तीन बेटों को भी मार गिराया था। इजराइल ने गाजा पट्टी पर एयर स्ट्राइक की थी जिसमें हानिया के तीन बेटे मारे गए थे। इजराइली सेना ने तब बताया था कि हानिया के तीन बेटे आमिर, हाजेम और मोहम्मद गाजा में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने जा रहे थे, इस बीच तीनों हवाई हमलों की चपेट में आ गए। 

हानिया को 6 मई 2017 को हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो का प्रमुख चुना गया था। अमेरिका के विदेश विभाग ने 2018 में हानिया को आतंकवादी घोषित किया था।इस्माइल हनीया का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के अल-शती शरणार्थी शिविर में हुआ था।इस्माइल ने 2006 से लेकर 2007 में फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। हमास ने 2006 के फिलिस्तीनी विधायी चुनावों में अधिकांश सीटें जीती थीं। प्रतिद्वंद्वी फतह के साथ गुटीय लड़ाई के बाद सरकार को भंग कर दिया गया और गाजा पट्टी में एक स्वायत्त हमास के नेतृत्व वाले प्रशासन की स्थापना की गई थी। हानिया ने गाजा पट्टी (2007-14) में वास्तविक सरकार के नेता के रूप में काम किया था। 2017 में उन्हें खालिद मेशाल की जगह हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख के रूप में चुना गया था।