अब क्या “खेला” करने वालीं है ममता दीदी ? नीति आयोग की बैठक में होंगी शामिल, पीएम से मुलाकात का भी प्लान
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कब कौन सी चाल चल देंगी, ये कहना मुश्किल है। राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन की एक सबसे अहम साझेदार है टीएमसी। लेकिन, यह पार्टी अपनी स्थानीय राजनीतिक मजबूरी की वजह से इंडिया गठबंधन के साथ लुका-छिपी का खेल खेल रही है। अब तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के 2 दांव ने इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। पहला तो नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल होने की घोषणा और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग की घोषणा।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हो रही है। गठबंधन के दूसरे मुख्यमंत्री नीति आयोग की इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी बैठक में नहीं आ रहे हैं। इस तरह से विपक्ष शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल न होने की घोषणा कर दी है। लेकिन ममता बैठक में शामिल होने जा रही है. बैठक 27 जुलाई को होनी है।
इससे पहले माना जा रहा था कि 27 जुलाई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री शामिल नहीं होंगी। बैठक में ममता बैनर्जी क्यों शामिल हो रही हैं ये तो वे और उनकी पार्टी ही बता सकती है। लेकिन ये तो दिख रहा है कि उनके लिए इंडिया गठबंधन की कोई खास अहमियत नहीं है। पश्चिम बंगाल में उन्होंने एकला चलो का राग अलापा था। उनकी पार्टी टीडीपी अकेले ही पश्चिम बंगाल में लड़ी। यही नहीं टीडीपी मुखिया अपने भाषणों में लगातार बीजेपी के साथ कांग्रेस और लेफ्ट को बराबर का दुश्मन भी बताती रही।
पिछले साल ममता ने भी बहिष्कार किया था
यहां ये भी याद रखने वाली बात है कि पिछले साल भी नीति आयोग की बैठक में ममता बैनर्जी नहीं शामिल हुई थीं। 27 मई 2023 को हुई आयोग की बैठक में 11 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए थे। उस समय उन्होंने विपक्षी मुख्यमंत्रियों का साथ दिया था।
पीएम मोदी के साथ अलग से बैठक प्रस्तावित
यही नहीं ममता का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अलग से भी बैठक प्रस्तावित है। यह बैठक नीति आयोग की मीटिंग से पहले हो सकती है। बता दें कि गुरुवार से दिल्ली के तीन दिन के दौरे पर रहेंगी। राज्य सचिवालय के अंदरूनी सूत्रों ने बताया, “मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को एक पत्र भेजकर मुलाकात के लिए समय मांगा है।” सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रस्तावित बैठक का मुख्य एजेंडा विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्य सरकार को मिलने वाला लंबित केंद्रीय बकाया होगा।
‘इंडिया’ ब्लॉक ने नेताओं से करेंगी मुलाकात?
वहीं, अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ममता बनर्जी अपनी यात्रा के दौरान विपक्षी ‘इंडिया’ ब्लॉक के अन्य दलों के नेताओं से या किसी गैर-भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री से मिलेंगी या नहीं। कोलकाता में पत्रकारों ने जब ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि क्या दिल्ली दौरे पर वे सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगी? इस पर बंगाल की सीएम ने कहा कि हर बार सबसे मिलना जरूरी नहीं है। सोनिया गांधी से आखिरी बार जुलाई 2023 में ममता बनर्जी की मुलाकात हुई थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से भी अब तक ममता बनर्जी की कोई प्रस्तावित बैठक नहीं है। ममता हाल ही में लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से बुलाई गई इंडिया गठबंधन के दलों की बैठक में भी शामिल नहीं हुई थीं।







आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में होने के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के लिए अच्छी खबर आई है।दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी को नया दफ्तर आवंटित कर दिया है। बंगला नंबर 1, रविशंकर शुक्ला लेन, नई दिल्ली अब आम आदमी पार्टी मुख्यालय का नया पता होगा।फिलहाल पार्टी का मुख्यालय 206, राउज़ एवेन्यू, नई दिल्ली में है। आम आदमी पार्टी का दफ्तर अभी जिस जगह पर है, उस जगह पर राउज एवेन्यू कोर्ट का एक्सटेंशन होना है। इसलिए पार्टी को यह दफ्तर खाली करने के लिए कहा गया था। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी की अपील पर केंद्र सरकार को निर्देश दिए गए थे कि सेंट्रल दिल्ली में उनको कार्यालय आवंटित किया जाए। अदालत के निर्देश के मुताबिक, केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी को दफ़्तर आवंटित कर दिया है। आम आदमी पार्टी को 206 राउज एवेन्यू का दफ्तर 2015 में आवंटित किया गया था, 2016 में आम आदमी पार्टी ने वहां अपना दफ्तर बनाया था। इस बीच ये जगह कोर्ट के विस्तार में आ गई थी। आम आदमी पार्टी को दक्षिणी दिल्ली में एक जगह देकर मौजूदा दफ्तर खाली करने के लिए कहा गया था,लेकिन आम आदमी पार्टी का आरोप था कि सभी राष्ट्रीय दलों का दफ्तर सेंट्रल दिल्ली में है और उनको साउथ दिल्ली में दफ्तर दिया जा रहा है। पार्टी की दलील पर कोर्ट ने केंद्र सरकार के L&DO (लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस) डिपार्टमेंट से पूछा था कि आम आदमी पार्टी को सेंट्रल दिल्ली में दफ्तर आवंटित क्यों नहीं किया जा सकता? केंद्र सरकार ने जिस पर कहा था कि फिलहाल कार्यालय के लिए आवंटित करने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कहा था कि आप 25 जुलाई तक आम आदमी पार्टी को दफ्तर के लिए स्थाई जगह आवंटित करने पर फैसला ले, इसी के चलते केंद्र सरकार ने यह जानकारी दिल्ली हाईकोर्ट को दी। आम आदमी पार्टी का ये नया पता अभी अस्थायी है। मान्यता प्राप्त पार्टी को आफिस के लिए जगह दी जाती है, जिस पर पार्टी खुद दफ्तर बनाती है। जबतक जगह नहीं मिल जाती, दफ्तर नहीं बन जाता तब तक के लिए ये आम आमदी पार्टी का अस्थायी पता है।




संसद के मानसून सत्र में पेश हुए बजट के बाद बजट पर चर्चा का दूसरा दिन है। इसे लेकर सरकार पहले ही विपक्ष से सार्थक चर्चा की अपील कर चुका है। हालांकि, हालात उस तरह से बनते नहीं दिख रहे हैं। आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई है। चौथे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने बजट 2024-25 को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। बजट में भेदभाव को लेकर लोकसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे पर स्पीकर ने कहा कि सदन में मर्यादा में रहें, संसदीय परंपराओं का पालन करें। सदन की गरिमा बनाए रखें। आसन को चुनौती देने का काम नहीं करें।लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों को समझाते हुए कहा कि सांसद आसन से बहस या उसको चुनौती देने का काम कतई न करें। इससे सांसदों का भी सम्मान बढ़ेगा। इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया, "ये मॉनसून सत्र है और एक तरीके से ये बजट सत्र ही है। इस सत्र में जो बजट पेश किया गया, कल बजट पर चर्चा का पहला दिन था। देश देखना चाहता है कि बजट पर अच्छी चर्चा हो सार्थक चर्चा हो लेकिन कल विपक्ष के कुछ नेताओं ने जिस तरीके से बजट पर बात की जैसा भाषण दिया वो बजट सत्र की गरिमा को गिरा कर इन्होंने सदन का अपमान किया है। कल विपक्ष ने बजट पर कुछ नहीं कहा केवल राजनीति की है। दो चीजें विपक्ष ने कल की हैं, उन्होंने देश के जनादेश का अपमान किया है। विपक्ष के लोगों ने बजट के अच्छे प्रावधान का जिक्र ना करते हुए केवल गाली देने का काम किया है।

Jul 26 2024, 09:47
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