मोंगला पोर्ट पर भारत ने चीन को दी जोरदार “पटखनी”, कितनी अहम है ये कामयाबी?
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ईरान के चाबहार और म्यांमार में सित्तवे के लिए सफल समझौतों के बाद, भारत बांग्लादेश में मोंगला बंदरगाह पर एक टर्मिनल संचालित करने के लिए तैयार है। भारत ने बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह के एक टर्मिनल पर संचालन का अधिकार हासिल कर लिया है। यह भारत द्वारा तीसरा विदेशी बंदरगाह संचालन होगा क्योंकि नई दिल्ली बंदरगाहों और शिपिंग क्षेत्र में अपने वाणिज्यिक हितों का विस्तार करने के लिए विदेश में जाने में संकोच को तेजी से दूर कर रहा है। हालांकि, मोंगला पोर्ट के सौदे का विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस टर्मिनल का संचालन इंडिया बंदरगाह ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) के द्वारा किया जाएगा।
हिंद महासागर में चीन को काउंटर करने की कोशिश
हिंद महासागर और बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच विश्लेषक इसे भारत की रणनीतिक जीत बता रहे हैं। चीन भी इस बंदरगाह पर अपनी नजर बनाए हुए था। भारत की इस डील को हिंद महासागर में चीन को काउंटर करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। मोंगला पोर्ट के संचालन से भारत अपने पड़ोसी चीन की बढ़ती रणनीतिक उपस्थिति का मुकाबला करने में और सक्षम हो जाएगा। इसके साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र के पश्चिमी और पूर्वी दोनों हिस्सों में बंदरगाहों का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी। हिंद महासागर में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए चीन जिबूती में 652 करोड़ और पाकिस्तान के ग्वादर में 1.3 लाख करोड़ की मदद से बंदरगाह बना रहा है।
भारत के लिए कनेक्टिविटी के लिहाज से भी अहम
मोंगला बंदरगाह डील भारत के लिए कनेक्टिविटी के लिहाज से अहम है। इस बंदरगाह के जरिए भारत को उत्तर-पूर्व के राज्यों तक कनेक्टिविटी को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे चिकन नेक या सिलिगुड़ी कॉरीडोर पर दबाव कम होगा। मोंगला बंदरगाह पर भारत की पहुंच इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह चटगांव के बाद बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है।
बता दें कि भारत ने हाल के दिनों में वैश्विक समुद्री दौड़ में चीन का मुकाबला करने के लिए विदेशी बंदरगाहों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। कंटेनर ट्रैफिक के मामले में टॉप 10 बंदरगाह में भारत का एक भी बंदरगाह शामिल नहीं हैं। जबकि टॉप 10 में चीन के 6 बंदरगाह शामिल हैं। वहीं, चीन अब तक 63 से ज्यादा देशों के 100 से ज्यादा बंदरगाहों में निवेश कर चुका है। मोंगला बंदरगाह का संचालन, हिंद महासागर में भारत की बंदरगाह संचालन की क्षमताओं को दिखाने का अच्छा मौका है।
मोंगला बंदरगाह सौदा पिछले महीने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की दो दिवसीय भारत यात्रा के बाद हुआ है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। दोनों देशों ने समुद्री क्षेत्र सहित कई सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए। भारत के बाद हसीना चीन की यात्रा पर गई थीं, लेकिन दौरे के बीच में ही लौट आई थीं। इसके ठीक बाद उन्होंने तीस्ता प्रोजेक्ट भारत को देने की घोषणा की थी।
Jul 24 2024, 19:56