छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से बेहतर

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल में स्कूल शिक्षा के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से बेहतर है। उन्होंने बताया कि देश में 26 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक हैं जबकि प्रदेश में 21 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक है। शिक्षकों की पदस्थापना में अब तक कुछ अव्यवस्थाएं थी। जिसके कारण शिक्षकों की कमी परिलक्षित हो रही थी। इन कारणों से सर्वप्रथम युक्तियुक्तकरण करना पहली प्राथमिकता होगी। कुछ स्कूलों में जहां विषय संकाय है वहां शिक्षक नहीं है जहां विषय संकाय नहीं है वहां शिक्षक हैं। कुछ स्थानों पर राज्य के अनुपात से भी बहुत कम विद्यार्थियों पर शिक्षक है। कुछ स्थानों पर तो 4-5 विद्यार्थी पर एक शिक्षक है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया हेतु ऐसे स्कूलों का चिन्हांकन किया जा रहा है और शीघ्र ही सभी स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना कर दी जाएगी। इससे सभी स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे और शिक्षा का स्तर और भी अच्छा हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षकों की व्यवस्था के साथ ही अधोसंरचना विकास पर भी हम काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में शिक्षक और विद्यार्थियों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी होने से सभी स्कूलों में शिक्षक मिल सकेंगे। साय सरकार द्वारा किये जा रहे युक्तियुक्तकरण का सकारात्मक असर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा और ऐसे स्कूलों में भी शिक्षक मिल जाएंगे जहां शिक्षकों की कमी की वजह से शिक्षा प्रभावित हो रही है।

कोमल साहू की संदेहास्पद मृत्यु की जाँच कर परिवार को न्याय दिलाने विधायक भावना बोहरा ने ध्यानाकर्षण में उठाया मुद्दा

कवर्धा- छत्तीसगढ़ विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से शुरू होगा। इस सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस दौरान विधानसभा के प्रथम दिन पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने पीएम श्री योजना, राजस्व विभाग एवं वन विभाग से सम्बंधित प्रश्न सदन में उठाए।

इसके साथ ही उन्होंने सदन में ध्यानाकर्षण के दौरान कबीरधाम जिले के बिरकोना में किसान कोमल साहू के संदेहास्पद स्थिति में हुई मृत्यु की जांच के विषय में भी ध्यान आकर्षित किया। विधायक भावना बोहरा ने किसान कोमल साहू की संदेहास्पद स्थिति में हुई मृत्यु को मृतक के परिवारजनों द्वारा हत्या की दृष्टि से इसकी जांच करने की मांग करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा इस हादसे की जांच हेतु एसआईटी का गठन करने के निर्देश दिए था और 7 दिवस के भीतर इसकी रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक एसआईटी द्वारा जांच का प्रतिवेदन नहीं सौंपा गया है। जांच में हुए विलंब के कारण परिवार को न्याय मिलने में भी देरी हो रही है इसलिए उनके परिवार के हित को देखते हुए जल्द से जल्द हत्या के दृष्टिकोण से इसकी जांच की जाए।

इसके साथ ही पुलिस द्वारा जांच में इस हादसे को आत्महत्या बताया जा रहा है, परिवारजनों का अनुरोध है कि यदि यह आत्महत्या है तो इसमें कोमल साहू को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने की दृष्टि से भी जांच की जाए ताकि इस मामले की सच्चाई सामने आए और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

उन्होंने आगे कहा कि पंचनामें के बाद जिस व्यक्ति के हस्ताक्षर पंचनामे में लिए गए उसी व्यक्ति के हस्ताक्षर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उपस्थित हैं परंतु वह व्यक्ति पोस्टमार्टम के पश्चात या पोस्टमार्टम के वक्त उस स्थान पर उपस्थित नहीं था, तो फिर उस व्यक्ति के हस्ताक्षर पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कैसे उपस्थित हो सकते हैं? यह भी एक जांच का विषय है और कहीं न कहीं इस घटना में व उसकी जांच में संदेह पैदा करता है। गृह मंत्रालय एवं पुलिस प्रशासन द्वारा इस घटना को गंभीरता से लेने की बात कहते हुए भावना बोहरा ने इसकी जांच जल्द करने एवं यदि यह हत्या है और अगर आत्महत्या है तो उसके लिए दुष्प्रेरित करने वाले आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग उनके द्वारा की गई। ध्यानाकर्षण के दौरान भावना बोहरा द्वारा उठाये इस विषय में कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने भी चर्चा करते हुए अपने महत्वपूर्ण सुझाव सदन में रखे।

विधायक भावना बोहरा ने प्रशन करते हुए पूछा कि पीएम श्री योजना के तहत कितने स्कूलों को स्वीकृति दी गई है, वर्तमान में कितने स्कूलों का संचालन किया जा रहा है एवं शेष स्वीकृत स्कूलों का संचालन कब तक शुरू किया जाएगा? उन्होंने जिलेवार स्कूलों की जानकारी देने के साथ ही पंडरिया विधानसभा अंतर्गत कुल कितने पीएम श्री स्कूलों को स्वीकृति दी गई है एवं उनमें से कितने स्कूल संचालित है व अन्य शेष स्कूल कब तक स्वीकृति दी जाएगी इस विषय में सदन के समक्ष प्रश्न रखा। जिसका मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लिखित में उत्तर देते हुए कहा कि प्रदेश में प्रथम चरण अंतर्गत 211 पीएमश्री शालाएं एवं तृतीय चरण में दिनांक 08.07.2024 अंतर्गत 52 शालाएं भारत सरकार से स्वीकृत हुई है। इस प्रकार से कुल 263 शालाएं स्वीकृत हैं। स्वीकृत स्कूलों में 211 स्कूलों का संचालन पीएम श्री योजना अंतर्गत किया जा रहा है। शेष 52 स्कूलों का पीएम श्री योजना अंतर्गत परियोजना अनुमोदन बोर्ड (पी.ए.बी.) से बजट स्वीकृति उपरांत शीघ्र संचालित होंगे । प्रत्येक विकासखण्ड/नगरीय निकाय में अधिकतम 02 विद्यालय के स्वीकृति का प्रावधान है। पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 02 पीएमश्री स्कूल स्वीकृत किए गये है। वर्तमान में 01 स्कूल पीएम श्री योजना अंतर्गत संचालित है। शेष 01 स्कूल का पीएम श्री योजना अंतर्गत परियोजना अनुमोदन बोर्ड (पी.ए.बी.) से बजट स्वीकृति उपरांत शीघ्र संचालन होगा।

भावना बोहरा ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश में राज्य सरकार जिन भूमि को सार्वजनिक प्रयोजन हेतु अधिग्रहित कर रही है, उससे प्राप्त सेवा शुल्क की राशि वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कितनी थी? सेवा शुल्क से प्राप्त राशि के उपयोग का क्या प्रावधान है? राशि का वितरण किन-किन विभागों को किस प्रयोजन के तहत किया जाता है ? एवं उस राशि का उपयोग किन-किन विभागीय कार्यों हेतु किया जाता है? के सन्दर्भ में प्रश्न किया जिसका उत्तर देते हुए विभागीय मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 109915981 रुपए एवं 2023-24 में 79072377 रुपए सेवा शुल्क प्राप्त हुई थी। वहीं स्वामित्व योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाला भूस्वामी अधिकार से संबंधित कितने स्वामित्व कार्ड वितरित किए जा चुके हैं ? कितने कार्ड का वितरण शेष है एवं शेष कार्ड कब तक वितरित किए जाएंगे? स्वामित्व योजना के अंतर्गत ड्रोन के माध्यम से जमीन का सर्वे का काम किन-किन जिलों में पूर्ण हो चुका है? इस विषय में जानकारी देते हुए विभागीय मंत्री ने बताया कि स्वामित्व योजना अंतर्गत राज्य में भू-स्वामी अधिकार से संबंधित स्वामित्व कार्ड का वितरण नहीं किया गया है तथा सभी 33 जिलों के आबादी ग्रामों का ड्रोन फ्लाई का कार्य पूर्ण हो चुका है।

भावना बोहरा ने आज प्रथम दिन चार प्रश्न सदन में उठाए जिसमें वन विभाग से सम्बंधित प्रश्न भी शामिल था, जिसमें उन्होंने सी.ई.आर. (कॉर्पोरेट एनवायरमेंटल रेस्पोंसिबिलीटी) के सन्दर्भ में प्रश्न करते हुए उसके लिए जारी दिशा निर्देश, दुर्ग संभाग में कितनी संस्थाओं,उद्योग व प्रोजेक्ट को सी.ई.आर. में शामिल करना उससे सम्बंधित जानकारी सार्वजानिक डोमेन में उपलब्ध करने व जिन संस्थाओं द्वारा सी.ई.आर. का प्रावधान व्यय नहीं किया गया है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है उस संबंध में प्रश्न किया।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की पबिया, पविया, पवीया जाति को अनुसूचित जनजातियों की सूची में पाव जाति के साथ शामिल करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वर्षों से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्राप्त करने की बाट जोह रही छत्तीसगढ़ की पबिया, पविया, पवीया जाति को अनुसूचित जनजातियों की सूची में पाव जाति के साथ शामिल करने के लिए संवेदनशील पहल की है। मुख्यमंत्री ने इन जातियों का नृजातीय अध्ययन प्रतिवेदन अनुशंसा सहित भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय को आगे की कार्यवाही के लिए भेजा है।

प्रदेश भर से आए पाव, पबिया, पविया, पवीया जाति के प्रतिनिधि मंडल ने विधायक रामकुमार यादव के नेतृत्व में आज विधानसभा के समिति कक्ष में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर उनकी इस संवेदनशील पहल के लिए आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधि मंडल को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों की लंबे समय से अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल होने की मांग थी। राज्य शासन द्वारा अनुशंसा सहित प्रतिवेदन भारत सरकार को भेजा गया है। उम्मीद है इसका सकारात्मक परिणाम आएगा। उन्होंने बारिश के मौसम में प्रदेश भर से रायपुर आने के लिए प्रतिनिधि मंडल को धन्यवाद दिया।

प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि मध्य प्रदेश के समय उन लोगों के अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र बन रहे थे, लेकिन मात्रात्मक त्रुटि के कारण पिछले 22 वर्षों से प्रमाण पत्र बनना बंद हो गया है, इसकी वजह से हमारे बच्चों को अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलने वाले लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। हमारे बच्चे पढ़ाई-लिखाई में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय को अनुशंसा सहित प्रतिवेदन भेजने के लिए धन्यवाद दिया।

प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि पूरे प्रदेश में इन जातियों की जनसंख्या लगभग 22 हजार है। यूं तो ये लोग पूरे प्रदेश में पाए जाते हैं लेकिन प्रमुख रूप से चंद्रपुर, रायगढ़, लैलूंगा, खरसिया, पेंड्रा, मरवाही और जशपुर में रहते हैं।

छत्तीसगढ़ के आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पाव, पबिया, पविया, पवीया जाति का नृजातीय अध्ययन करने के बाद प्रतिवेदन तैयार किया है, जिसमें इन जातियों को लक्षणों के आधार पर अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा की गई है।

विधायक रामकुमार यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं। आज उपस्थित जाति के लोग वास्तव में आदिवासी हैं, लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है। इनके हित में मुख्यमंत्री जी ने अच्छी पहल की है। उन्होंने समाज के सामाजिक भवन के लिए रायपुर में जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने नजदीक से महसूस किया है जनजातियों का दर्द

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वयं भी अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। उन्होंने बिरहोर, पहाड़ी कोरवा सहित अनुसूचित जनजातियों के लिए अपने सार्वजनिक जीवन के प्रारंभ से काम किया है, इसलिए वे जनजातियों का दर्द अच्छे से जानते हैं।

बलौदाबाजार हिंसा पर गृह मंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान, कहा- पूरे षड्यंत्र का होगा पर्दाफाश, अभी होंगी और कार्रवाइयां…

रायपुर- बलौदाबाजार हिंसा और आगजनी पर उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मान रहे हैं कि षड्यंत्र हुआ है, इसलिए इसकी जांच चल रही है. जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं. पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश होगा और अभी कार्रवाइयां होंगी. 

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मीडिया से चर्चा में बलौदाबाजार हिंसा को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश में सामाजिक लोगों की एक समिति भी बनाई गई है. समिति ने भी प्रतियुक्त सौंपा है.

कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के संबंध में विजय शर्मा ने कहा कि चर्चा करने का समय ही नहीं है. न्यायिक जांच के चलते स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकती. सदन में जितना बोला गया है, उतना ही विषय है. वहीं बलौदाबाजार हिंसा में दस्तावेजों के नुकसान पर कहा कि फॉर्मेट्स काफी जले है, लेकिन रिकॉर्ड्स जले हैं. कलेक्टर ने इसकी जानकारी दी है.

शिवरीनारायण के बेर पर कही यह बात

शिवरीनारायण के बेर अयोध्या ले जाने पर सदन में हुई बयानबाजी पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि एक बार मार्केट में देख लें कि मिलता है या नहीं. भगवान के दरबार जाना था तो शिवरीनारायण से बेर ले गए थे. अगर कल्पना होगी कि उस वृक्ष से ले गए हैं, तो यह अलग मामला है. शिवरीनारायण के बेर भगवान को समर्पित किए गए. इसलिए किए गए, क्योंकि यह भावना की बात थी. भूख मिटाने की बात है तो छत्तीसगढ़ की मातृत्वशक्ति में है.

किसान की मौत पर डिप्टी सीएम और भाजपा विधायक में तीखी बहस, सदन की कार्यवाही हुई स्थगित…

रायपुर- बिरकोना में किसान की मौत के मामले में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर और भावना बोहरा ध्यानाकर्षण लेकर आए. नारेबाजी के बीच प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के बीच तीखी बहस हुई. विपक्ष के नारेबाजी और डिप्टी सीएम और भाजपा के वरिष्ठ विधायक के बीच तीखी बहस के बीच सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

बिरकोना में किसान की मौत के मामले में अजय चंद्राकर और भावना बोहरा ने ध्यानाकर्षण लाते हुए सवाल किया कि किसान ने आत्महत्या की या हत्या. क्योंकि शरीर में चोट के निशान थे, जिसका पीएम रिपोर्ट में जिक्र नहीं है. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा से तीखे बहस के बीच भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पिपरिया थाना स्टाफ को हटाने की मांग कर रहे थे. गृह मंत्री के मांग को अस्वीकार कर दिया. इसके साथ ही आसंदी ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

अब तय नहीं करनी होगी लंबी दूरी, पहाड़ी कोरवाओं को नजदीक के दुकानों में मिलेगी राशन पूरी, कोरबा के छह दूरस्थ गांव के ग्रामीणों का सहारा बना पीडीएस

रायपुर-  बेहतर वितरण प्रणाली से देश-विदेश में अपनी पहचान साबित कर चुकी छत्तीसगढ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस ) सही मायने में ग्रामीणों के लिये वरदान साबित हो रही है। दूरस्थ अंचल तक शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित होनें से पहाडी व सरहदी इलाकों में बसने वाले ग्रामीणों को सहूलियते बढ गई है साथ ही सैकड़ों गरीब परिवारों को समय पर खाद्यान्न मिलने की गारंटी भी हो गई है। राज्य में ऐसे कई ग्राम पंचायत है जो दूरस्थ क्षेत्र में होने के साथ ही मजरा टोले एवं पारा से जुड़े है और इन ग्रामों की आबादी न तो घनी है है और न ही अधिकांश घर आस पास है। विषम परिस्थितियों के बीच बसर करने वाले ग्रामीणों का शासकीय उचित मूल्य की दुकान खाद्यान्न सहायता योजना अंतर्गत मिल रही खाद्यान्न ही एकमात्र सहारा है, जहां इन्हें प्रत्येक माह चावल समेत दूसरी सामग्री मिलने की गारंटी होती है। कोरबा जिले के सुदूर वनांचल लामपहाड़ सहित बगदरीडांड, परसाखोला, बहेरा, खोरी भावना,सरडीह के कार्डधारियों को पहले अपने ग्राम पंचायत में 12 से 17 किलोमीटर तक की दूरी तय कर खाद्यान्न लाना पड़ता था। इस दौरान उन्हें खाद्यान्न लाने के लिए किराए का वाहन तक भी लेना पड़ता था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुशार कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग ने राशन दुकान से बहुत दूर आश्रित ग्रामों के कार्डधारियों को नजदीक के राशन दुकानों में खाद्यान्न लेने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था से सबसे ज्यादा दूरस्थ क्षेत्र लाम पहाड, सरडीह, बगदरीडांड में रहने वाले पहाड़ी कोरवा लाभन्वित हुए हैं।

कोरबा विकासखंड से लगभग 80 किलोमीटर दूर ग्राम लामपहाड में बड़ी संख्या में पहाड़ी कोरवा निवास करते हैं। लामपहाड़ ग्राम पंचायत बड़गांव का आश्रित ग्राम है। जो कि बड़गांव से 12 किलोमीटर दूर है। लामपहाड़ से लगभग 4 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत अरसेना के शासकीय उचित मूल्य के दुकान में 78 राशनकार्डधारियों को खाद्यान्न प्रदान करने की सुविधा प्रदान की गई है। इसी तरह ग्राम पंचायत बेला से 6 किलोमीटर दूर परसाखोला के 66 राशनकार्डधारियों को दो किलोमीटर दूर चुईया के राशन दुकान में खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई है। ग्राम सोनगुड़ा के आश्रित ग्राम तराईडांड की दूरी 5 किलोमीटर दूर होने पर नजदीक के ग्राम 1.5 किलोमीटर दूरी पर स्थित सोनपुरी में, गढ़उपरोड़ा के आश्रित ग्राम बहेरा की दूरी 10 किमी होने पर तीन किलोमीटर दूर सतरेंगा में और ग्राम पंचायत केराकछार के आश्रित ग्राम बगदरीडांड, खोरीभावना, सरडीह की दूरी लगभग 17 किलोमीटर थी। जिसे 5 किलोमीटर दूर मदनपुर के शासकीय उचित मूल्य के दुकानों में स्थानान्तरित कर में हितग्राहियों को नजदीक के राशन दुकानों में खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा दी गई है। शासकीय उचित मूल्य की दूकान से कार्डधारी ग्रामीणों को अनाज एवं अन्य सामग्री, शक्कर, नमक तथा चना प्राप्त होता है। अलग-अलग गांव के ग्रामीणों की जरूरतों की पूर्ति महीने के निर्धारित दिनों में होती है। ग्रामीणों की माने तो पहले लंबी दूरी तय कर चावल लाना बड़ी चुनौती थी।

महीने भर की चिंता से मिलती है मुक्ति-

ग्राम लामपहाड का पहाड़ी कोरवा संतोष कुमार और उनकी पत्नी दिलेश्वरी बाई, रघुवीर कोरवा और उनकी पत्नी सुखमती बाई, मंगलू कोरवा, धनसिंह मजदूरी का काम करता है। पहाड़ी कोरवा बताते हैं कि सरहदी पहाड़ी इलाका होने की वजह से खेती कार्य आसान नही है, ऐसी स्थिति में राशन कार्ड उनके परिवार का प्रमुख सहारा है। पहाड़ी कोरवा संतोष बताता है कि महीने में एक बार 12 किलोमीटर दूर बड़गांव के राशन दुकान में जाने में बहुत समय लगता था। वहां से अनाज को उठाकर इतनी दूरी तय करना भी मुश्किल था, इसलिए किराए में वाहन करना पड़ जाता था। अब पास के ही दुकान में खाद्यान्न उपलब्ध होने से उनका समय और किराए के वाहन का पैसे भी बचेंगे।

नया ट्रांसफार्मर लगने से जगमगाया रमेशपुर, ग्रामीणों में छाई खुशी की लहर

रायपुर-    सूरजपुर जिले के अंतर्गत ग्राम रमेशपुर के ग्रामीणों में खुशी की लहर छाई है, क्योंकि नए ट्रांसफार्मर लगने से पूरा रमेशपुर जगमगा उठा है। वहां के ग्रामीण लगातार लो वोल्टेज और अघोषित बिजली कटौती, बार-बार ट्रांसफार्मर का खराब हो जाने जैसी समस्या से लंबे समय से परेशान थे। यहां के किसानों द्वारा धान की बुवाई हेतु लगाए गए थरहा पर्याप्त वर्षा न होने के कारण सुख जा रहा था, किसानों का कहना था कि यदि बिजली रहेगी तो हम मोटर पंप के जरिए धान के थरहा को सूखने से बचा सकते हैं। इन सभी समस्याओं से ग्रामवासियों ने महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को अवगत कराया।

मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने किसानों और ग्रामवासियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए बिजली विभाग के अधिकारियों को नया ट्रांसफार्मर लगाने के निर्देश दिए। मंत्री के निर्देश के 24 घंटे के अंदर ही तत्काल नया ट्रांसफार्मर लगाया गया। नए ट्रांसफार्मर के लगने से गांव में खुशी व्याप्त है और समस्त ग्रामवासियों ने मंत्री श्रीमती राजवाड़े का आभार व्यक्त किया है।

एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत राज्य सूचना आयोग में किया गया वृक्षारोपण
रायपुर-  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर एक वृक्ष माँ के नाम अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में लगातार वृक्षारोपण किया जा रहा है। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में भी एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया गया। नवा रायपुर स्थित आयोग कार्यालय के परिसर में आयोग के सचिव गोपाल वर्मा सहित उप सचिव आभा तिवारी, अवर सचिव गीता दीवान, अतुल वर्मा, प्रदीप गौर, रजनी सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने वृक्षारोपण किया। वृक्षारोपण में आम, अमरूद, जामुन, करौंदा, अनार, पीपल, बड़, नीम, सीताफल, सन्तरा, आँवला, चीकू, नीबू आदि फलदार पौधों के साथ ही पारिजात, मोंगरा, कचनार, मधुमालती गुलमोहर आदि फूलों के पौधे लगाए गए। इस दौरान सूचना आयोग के कर्मचारियों ने पौधों को अपनी माँ को समर्पित कर पौधों की सुरक्षा करने का भी संकल्प लिया।
आवासीय तीरंदाजी खेल अकादमी रायपुर के लिए चयनित 40 खिलाड़ियों की सूची जारी, मेडिकल एवं फिजिकल फिटनेस और मेरिट के आधार पर हुआ चयन

रायपुर-  खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा रायपुर में संचालित आवासीय तीरंदाजी अकादमी के लिए 20 बालक तथा 20 बालिकाओं का चयन किया गया है। राज्य स्तरीय चयन ट्रायल का आयोजन दिनांक 25 एवं 26 जून को रायपुर के स्वामी विवेकानन्द स्टेडियम एवं खेल संचालनालय परिसर तीरंदाजी एरिना में सम्पन्न हुआ।

खेल संचालक तनुजा सलाम के निर्देश पर चयन ट्रायल के नोडल अधिकारी चेतन कुमार श्रीवास प्रशासक खेल अकादमी रायपुर के द्वारा चयन ट्रायल सुव्यवस्थित तरीके से कराया गया। चयन समिति में भारतीय खेल प्राधिकरण प्रशिक्षण केन्द्र रायपुर तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग के (एन.आई.एस.) प्रशिक्षक शामिल रहे। चयनकर्ताओं के द्वारा खिलाड़ियों के फिटनेस से संबंधित मोटर एबिलिटी टेस्ट, मेडिकल टेस्ट, स्पोर्ट्स स्कील टेस्ट एवं मेंटल एबिलिटी टेस्ट लिये गए। निर्धारित मानकों को पूरा करने वाले खिलाड़ियों को ही प्रदर्शन के आधार पर मेरिट क्रमानुसार 13 से 17 वर्ष आयुवर्ग के खिलाड़ियों का चयन किया गया है।

प्रदेश भर से आए खिलाड़ियों ने चयन ट्रायल में भाग लिया, इसमें राज्य के जिले रायपुर से 05 बालिका और 09 बालक, सरगुजा से 07 बालिका, धमतरी से 02 बालक और 04 बालिका, महासमुंद से 05 बालिका और 02 बालक, नारायणपुर से 03 बालक, बिलासपुर से 01 बालक, कोण्डागांव से 01 बालक एवं गरियाबंद जिले से 01 बालिका का चयन किया गया है। इन चयनित खिलाड़ियों को 10 दिवस के भीतर अकादमी में प्रवेश दिया जाएगा। यदि चयनित खिलाड़ी में से कोई प्रवेश लेने में असमर्थ रहता है, तो प्रतीक्षा सूची में से मेरिट के आधार पर प्रवेश देने की कार्यवाही की जाएगी।

खेल अकादमी में प्रवेश लेने वाले खिलाड़ियों को खेल अकादमी संचालन नियम-2014 के अंतर्गत निःशुल्क आवास, भोजन, शैक्षणिक सुविधा, परिधान, प्लेइंग किट, दुर्घटना बीमा एवं प्रतियोगिताओं में सहभागिता आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। आवासीय खेल अकादमी के खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके लिए राज्य शासन के द्वारा एन.आई.एस. प्रशिक्षकों की भर्ती की गई है। समय समय पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाजी खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को खेल अकादमी में आमंत्रित कर विशिष्ट प्रशिक्षण का आयोजन भी कराया जाएगा।

कलेक्टर के निर्देश पर स्कूली बच्चों ने संभाली जन जागरूकता की कमान, गांवों में रैली के जरिए मलेरिया और डायरिया से बचाव का दे रहे संदेश

रायपुर-   बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर स्कूली बच्चों ने जन जागरुकता की कमान संभाली ली है। गांवों में रैली निकाल कर मलेरिया और डायरिया से बचाव का संदेश दे रहे हैं। कोटा ब्लॉक के विभिन्न गांवों में स्कूली बच्चों को प्रार्थना के समय जागरूक किया जा रहा है। बच्चे भी रैली के जरिए ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं। बच्चों को स्वच्छता अभियान के अंतर्गत डायरिया से बचाव और सुरक्षा हेतु स्कूल में भाषण और प्रेजेंटेशन के जरिए जागरूक किया जा रहा है।

इसी कड़ी में मझगांव स्कूल में मलेरिया से बचाव विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में मलेरिया के लक्षण तथा उससे बचाव की छात्रों को विस्तृत जानकारी दी गई। छात्रों की तरफ से कक्षा 12वीं से चंद्रदीप जायसवाल और कुमारी कृशा तथा कक्षा ग्यारहवीं से नितेश यादव एवं हिना ध्रुव ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर मुख्य वक्ता जीव विज्ञान विषय के व्याख्याता श्री शोभाराम पालके ने मलेरिया की रोकथाम पर विस्तृत जानकारी दी।जिसके तहत मच्छर दानी लगा कर सोने, डीडीटी का छिड़काव, मलेरिया रोधी क्रीम का प्रयोग, आसपास सफाई, रुके पानी का निस्तारीकरण, कूलर की सफाई, बुखार रहने पर खून की जांच करवाना एवं नजदीकी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाना इत्यादि बचाव के उपाय बताए गए ।