बजट में सैलरीड टैक्सपेयर्स को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बड़ी उम्मीदें, क्या इस बार कम होगा इनकम टैक्स का बोझ

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वर्ष 2024 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। केंद्र सरकार की तीसरी पारी का यह पहला बजट होगा। आगामी बजट में वित्त मंत्री से विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग अपेक्षाएं हैं। सरकारी कर्मचारियों के साथ ही आम लोगों ने भी इस बजट से तमाम उम्मीदें लगा रखी हैं। सरकारी कर्मचारियों को जहां टैक्स में छूट की उम्मीद है, वहीं पर कारोबारी भी बजट में तमाम सहूलियतें चाह रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्रमम के लिए अधिक धन चाहता है। रियल एस्टेट क्षेत्र टैक्स इन्सेन्टिव्स और अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए समर्थन की उम्मीद करता है। हेल्थ केयर पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल रिसर्च के लिए अधिक बजट एलोकेशन चाहता है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कर छूट और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट चाहता है। कृषि क्षेत्र सब्सिडी और आधुनिक खेती के समर्थन की उम्मीद करता है। एमएसएमई क्षेत्र ऋण तक आसान पहुंच और कम अनुपालन बोझ की उम्मीद करता है।

पिछले वित्त वर्ष में देश में करीब 8.2 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया था, जो इसके पिछले वित्त वर्ष से 9% अधिक था। देश में टैक्स भरने वालों में एक बड़ी संख्या नौकरीपेशा लोगों की है। ऐसे में उन्हें इस बजट से खासा उम्मीदें हैं। एनालिस्ट्स का मानना है कि सैलरी पाने वाले लोगों के लिए बजट 2024 खास होने वाला हैं। सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव, धारा 80सी में छूट और चिकित्सा बीमा से जुड़े कई ऐलान कर सकती है।

वेतनभोगी एक वित्तीय वर्ष में अपनी टैक्स योग्य आय को 1.5 लाख रुपये तक कम करने के लिए धारा 80 सी के तहत दिए जाने वाले छूट का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, मुद्रास्फीति दर बढ़ने के बावजूद इसमें 2014 से कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस तरह के संशोधन से करदाताओं को मुद्रास्फीति के प्रबंधन में मदद मिलेगी और बचत और ईएलएसएस, टैक्स सेवर एफडी और पीपीएफ जैसे आवश्यक वित्तीय साधनों में निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र आगामी बजट में टैक्स को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की योजना बना रही है। अगर आयकर छूट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाता है तो इसका मतलब यह होगा कि 8.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले व्यक्ति कोई टैक्स नहीं देना होगा।

नई टैक्स व्यवस्था के तहत अधिकतम अधिभार दर वर्तमान में 25% की गई है, जो पिछले टैक्स स्ट्रक्चर में 37 प्रतिशत से काफी कम है। यह संभव है कि नई टैक्स व्यवस्था में प्रदान किए गए लाभों को पुराने टैक्स व्यवस्था में भी शामिल किया जाएगा। यदि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 80 सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाती हैं तो इससे भी मिडिल क्लास को काफी राहत मिलेगी। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार विमर्श हो सकता है।

22 जुलाई संसद का मानसून सत्र, आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक, सत्र के लिए लिस्ट किए गए 6 नए विधेयक

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कल से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। मानसून सत्र 22 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगा। मानसून सत्र के दूसरे दिन यानी 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का बजट पेश करेंगी। इस बजट से देश के आम नागरिकों को बहुत उम्मीदें हैं। माना जा रहा है कि बजट में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कई सौगातें दे सकती है।

 

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक एक्‍स पोस्‍ट में जानकारी देते हुए बताया था कि, "भारत की माननीय राष्‍ट्रपति ने भारत सरकार की सिफारिश पर बजट सत्र 2024 के लिए 22 जुलाई 2024 से 12 अगस्त 2024 तक संसद के दोनों सदनों को बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है (संसदीय कार्य की अत्यावश्यकताओं के अधीन). केंद्रीय बजट 2024-25 को लोकसभा में 23 जुलाई 2024 को पेश किया जाएगा।

संसद के मानसून सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक होगी। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी इस बैठक में शामिल होंगे। संसदीय कार्य मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू संसद के दोनों सदनों में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान आपदा प्रबंधन कानून में बदलाव के लिए एक विधेयक सहित 6 नए विधेयक पेश किए जाएंगे। वित्त विधेयक के अलावा, सरकार ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाने के लिए जरूरी प्रावधान करने को लेकर भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को भी सूचीबद्ध किया है। ये विधेयक एयरक्राफ्ट ऐक्ट 1934 की जगह लेगा।सत्र के दौरान पेश किए जाने और पारित होने के लिए सूचीबद्ध अन्य विधेयकों में स्वतंत्रता-पूर्व कानून की जगह लेने वाला बॉयलर विधेयक, कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक शामिल हैं।

ओम बिरला ने किया कार्य मंत्रणा समिति का गठन

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसदीय एजेंडा तय करने वाली कार्य मंत्रणा समिति (BAC) का भी गठन किया। अध्यक्ष के नेतृत्व वाली समिति में सुदीप बंदोपाध्याय (तृणमूल कांग्रेस), पीपी चौधरी (बीजेपी), लवू श्रीकृष्ण देवरायलु (टीडीपी), निशिकांत दुबे (बीजेपी), गौरव गोगोई (कांग्रेस), संजय जायसवाल (बीजेपी), दिलेश्वर कामत (जेडीयू), भर्तृहरि महताब (बीजेपी), दयानिधि मारन (डीएमके), बैजयंत पांडा (बीजेपी), अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी), के. सुरेश (कांग्रेस), अनुराग ठाकुर (बीजेपी) और लालजी वर्मा (समाजवादी पार्टी) सदस्य हैं।

नए सदस्यों के शपथ लेने के बाद यह संसद का पहला पूर्ण सत्र

आपको बता दें कि आम चुनावों के नतीजों के बाद 24 जून से 2 जुलाई तक आयोजित 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में नए सदस्यों के शपथ लेने के बाद यह संसद का पहला पूर्ण सत्र होगा। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद का पहला सत्र हंगामेदार रहा, जिसमें विपक्ष और सरकार के बीच NEET-UG परीक्षा विवाद समेत कई मुद्दों पर टकराव हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 27 जून को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था और लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया था।

दिल्ली हाईकोर्ट को मिला AI का सहारा, पहला हाइब्रिड कोर्ट रूम मिला, अब जजमेंट 'स्पीच टू टेक्स्ट' से लिखेंगे जज


डेस्क: दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने पहला पायलट हाइब्रिड कोर्ट रूम शुरू किया है जिसमें 'स्पीच टू टेक्स्ट' की सुविधा है. इसका उद्घाटन चीफ जस्टिस मनमोहन (Justic Manmohan), जस्टिस सुरेश कुमार कैत, जस्टि राजीव शखदर ने किया. उद्घाटन के बाद जस्टिस राजीव शखधर ने कहा कि जो काम पहले जज मैन्युअल रूप से करते थे वह काम अब मशीन करेगा. यह मशीन एक वरदान है.

जस्टिस राजीव शखधर ने मीडिया से बातचीत में कहा, ''न्यायाधीश पीड़ित द्वारा दिए गए सबूतों को अपने शब्दों में बदलते थे. अब, गवाह अपनी भाषा में बात करेगा" और यह न्यायाधीश के लिए उपलब्ध होगा. यह मशीन एक वरदान है. AI दक्षता में सुधार करेगा, समयसीमा कम करेगा और अधिक मामलों का निपटारा किया जाएगा.''

ऐप के सह-संस्थापक उत्कर्ष श्रीवास्तव ने कहा, ''यह ऐप कोर्ट के बैकलॉग को घटाने के लिए तैयार किया गया है और समय से न्याय मिले, इसके लिए इस टेक्नोलॉजी को पेश किया गया है. दो तरह के कोर्ट होते हैं एक जहां स्टेनोग्राफर हैं लेकिन रियल टाइम में टाइप करना मुश्किल होता है. जहां स्टेनोग्राफर है उनके लिए यह उनका साथी बनेगा. और जहां नहीं हैं जहां जज खुद हाथ से लिखते हैं. यह उनका साथ देगा. उनका को-पायलट बनेगा.''

उत्कर्ष ने बताया, '' मैं भी एक वकील हूं और 2012 से वकालत कर रहा हूं. हमारे जो जज और कोर्ट स्टाफ, वे किन हालातों में काम करते हैं. मुझे पता है. बहुत मुश्किल हालात में काम करते हैं. टेक्नोलॉजी की कमी है और स्टाफ की कमी है. देश के छोटे कोर्ट में देखें तो वहां स्टेनोग्राफर ही नहीं हैं तो जज खुद अपने हाथ से लिखते हैं. क्रॉस एग्जामिनेशन और जजमेंट हाथ से होता है. इतना समय नहीं मिलता कि असली न्यायिक टास्क पर ध्यान दिया जा सके. मैंने सोचा कि किस तरह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो सके और मैन्युअल टास्क जल्दी से हो सके.''

पद्मश्री कमला पुजारी का हुआ निधन, ऑर्गेनिक खेती के लिए नंगे पांव घूमकर जगाई थी अलख

डेस्क: भुवनेश्वर से इस वक्त की एक बड़ी खबर सामने आ रह है, जिसके अनुसार ऑर्गेनिक खेती के प्रति अलख जगाने वाली, पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कमला पुजारी का एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक में आज निधन हो गया.

बताया जा रहा है कि कमला पुजारी को स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां उनकी हालात में सुधार नहीं हो सका और आज उन्होंने अंतिम सांस ली.

जाकारी के मुताबिक कमला पुजारी की किडनी में बीतें कुछ दिनों से परेशानी हो रही थी, जिसके चलते उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ रहा था. वहीं अभी निधन होने की जानकारी देते हुए अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि कमला पुजारी का निधन हृदय गति रुकने से हुआ.

गाँवों में नंगे पांव घूमकर जगाई थी अलख

आपको बता दे कि पद्मश्री कमला पुजारी ऑर्गेनिक खेती के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए गांवो में नंगे पाँव घूमती थी, जिसको लेकर लोग उन्हें जानने लगे थे. वहीं इसी सराहनीय कार्य के कारण उन्हें साल 2019 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था.

सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा में जारी की AAP की 5 गारंटी, फ्री बिजली और हर महीने 1000 रुपये का वादा
डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पांच गारंटी दी हैं. आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की जनता से मुफ्त और 24 घंटे बिजली, मुफ्त इलाज, मुफ्त शिक्षा, सभी माताओं और बहनों को 1,000 रुपये प्रति माह, हर युवा को रोजगार देने का वादा किया है.

डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पांच गारंटी दी हैं. आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की जनता से

कश्मीर में आतंकियों के पास पहली बार मिली Steyr AUG राइफल, सुरक्षा एजेंसियां भी दंग, जानें कितनी खतरनाक?

डेस्क: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में गुरुवार ( 18 जुलाई) को मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के पास से सेना के जवानों द्वारा ऑस्ट्रिया में बनी स्टेयर एयूजी असॉल्ट राइफल बरामद की गई है. स्टेयर एयूजी असॉल्ट राइफल बरामद होने से सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं.

जानकारी के अनुसार, मारे गए आतंकवादियों के पास से हथियार और गोला-बारूद, युद्ध जैसे सामान और एक पाकिस्तानी पहचान पत्र बरामद किया गया.सूत्रों ने बताया कि बरामद की गई वस्तुओं में स्टेयर एयूजी भी शामिल है. 

आतंकवादी पहले से ही अमेरिका निर्मित एम-4 कार्बाइन राइफलों का उपयोग कर रहे हैं. सुरक्षा बलों ने जम्मू क्षेत्र और कश्मीर दोनों में मारे गए आतंकवादियों से इसे बरामद भी किया था. एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "एम-4 का इस्तेमाल ज्यादातर शीर्ष कमांडरों और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किया जाता है." उन्होंने बताया कि ये राइफलें काफी ज्यादा एडवांस हैं और इनमें रात में देखने वाले उपकरण होते हैं. 

पूर्व जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख एसपी वैद ने कहा, 'पाकिस्तान की आईएसआई को नार्को व्यापार के माध्यम से बहुत पैसा मिलता है. वे इसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में इस्तेमाल के लिए हथियार खरीदने के लिए कर रहे हैं.' बता दें कि गुरुवार को कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था. सेना ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया दिया था. 

जानें क्यों खतरनाक है स्टेयर एयूजी

स्टेयर एयूजी को एक मॉड्यूलर हथियार प्रणाली के रूप में डिजाइन किया गया है जिसे जल्दी से एक असॉल्ट राइफल, एक कार्बाइन, एक सबमशीन गन और एक ओपन-बोल्ट लाइट मशीन गन के रूप में कॉन्फ़िगर किया जा सकता है.

मूवी टिकट और OTT पर 2% टैक्स लगाने की तैयारी में कर्नाटक सरकार, जानिए क्या है पूरा प्लान ?

 कर्नाटक की कांग्रेस सरकार इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रही है, जिसका असर बुनियादी चीज़ों पर दिखने लगा है। राज्य सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए पहले ही पेट्रोल-डीजल 3 रुपए महंगा कर दिया है। इसके अलावा दूध और बिजली के दाम भी बढ़ा दिए हैं। अब खबर आ रही है कि, राज्य सरकार मूवी टिकटों और ओटीटी सदस्यता शुल्क पर 2 प्रतिशत उपकर लगाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। शुक्रवार (19 जुलाई) को कर्नाटक सिने और सांस्कृतिक कार्यकर्ता (कल्याण) विधेयक, 2024 राज्य विधानसभा में पेश किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि सरकार 'कर्नाटक सिने और सांस्कृतिक कार्यकर्ता सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कोष' नामक एक कोष की स्थापना करेगी जिसका उद्देश्य कर्नाटक में सिनेमा और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं की सहायता करना है। विधेयक के अनुसार, राज्य में फिल्म टिकट, सदस्यता शुल्क और संबंधित प्रतिष्ठान राजस्व पर 'सिने और सांस्कृतिक कार्यकर्ता कल्याण उपकर' लगाया जाएगा। यह उपकर सरकार द्वारा अधिसूचित 1 से 2 प्रतिशत तक होगा, तथा इसकी दर में संशोधन प्रत्येक तीन वर्ष में किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विधेयक में कहा गया है, "उपकर सरकार द्वारा अधिसूचित दरों पर लगाया जाएगा और यह सिनेमा टिकट, सदस्यता शुल्क और संबंधित प्रतिष्ठानों से उत्पन्न सभी राजस्व पर 2 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा, लेकिन 1 प्रतिशत से कम भी नहीं होगा।" राज्य का श्रम विभाग अब इस बात पर काम कर रहा है कि OTT सब्सक्रिप्शन पर उपकर कैसे एकत्र किया जा सकता है। राज्य सरकार एकत्रित उपकर को कर्नाटक सिने एवं सांस्कृतिक कार्यकर्ता कल्याण बोर्ड को देगी।

बोर्ड में श्रम विभाग के प्रभारी मंत्री, श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, श्रम आयुक्त और सिनेमा श्रमिकों सहित 17 सरकार द्वारा नामित सदस्य शामिल होंगे। विधेयक में कहा गया है कि, "सिनेमा और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं में सिनेमा क्षेत्र में कलाकार (जैसे अभिनेता, संगीतकार या नर्तक) के रूप में या किसी कुशल, अकुशल, मैनुअल, पर्यवेक्षी, तकनीकी या कलात्मक भूमिका में कार्यरत कोई भी व्यक्ति शामिल है। इसमें इस अधिनियम के तहत सरकार द्वारा घोषित गतिविधियों में लगे व्यक्ति भी शामिल हैं।"

बेटे की विरासत सौंपने की तैयारी में एमके स्टालिन, उदयनिधि को बना सकते हैं तमिलनाडु का डिप्टी सीएम

 एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार आगामी कैबिनेट विस्तार में मौजूदा खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उपमुख्यमंत्री के पद पर पदोन्नत करने पर विचार कर रही है। यह कदम उदयनिधि के सनातन धर्म पर दिए गए विवादित बयान के बाद उठाया गया है। सत्तारूढ़ DMK के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना ​​है कि उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाना 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए रणनीतिक है। 

वहीं, यह फैसला एमके स्टालिन की अपनी राजनीतिक यात्रा को दर्शाता है, क्योंकि उनके पिता एम करुणानिधि ने भी पहले उन्हें उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया था। आज एमके स्टालिन पार्टी प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री दोनों हैं। उदयनिधि स्टालिन, जो वर्तमान में चेपक-तिरुवल्लिकेनी से विधायक हैं और युवा कल्याण और खेल विकास मामलों के मंत्री हैं, और अधिक जिम्मेदारियां संभालने के लिए तैयार हैं। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस पदोन्नति का उद्देश्य एमके स्टालिन का कार्यभार कम करना है। हालांकि, अंतिम निर्णय का अधिकार पूरी तरह से एमके स्टालिन के पास है। यह भी बताया गया है कि उदयनिधि ने खुद अपनी मां से प्रभावित होकर उपमुख्यमंत्री पद की इच्छा व्यक्त की है, जो नहीं चाहती थीं कि उनके बेटे को करुणानिधि की सरकार में एमके स्टालिन के समान देरी का सामना करना पड़े। 

बता दें कि, उदयनिधि ने तमिल सिनेमा में सफल करियर के बाद 2019 में राजनीति में प्रवेश किया था। फैशन, प्रकाशन और फिल्म निर्माण में उनकी रुचि है और वे रेड जायंट्स नामक एक प्रोडक्शन कंपनी के मालिक हैं। उनकी पहली प्रमुख भूमिका 2012 में फिल्म "आधावन" में थी, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ पुरुष अभिनेता पदार्पण पुरस्कार मिला। उनकी सबसे हालिया फिल्म "मामन" (2023) को आलोचकों की प्रशंसा मिली। उदयनिधि ने पिछले साल सनातन धर्म पर टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया था। जब उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोनावायरस जैसी बीमारियों से करते हुए कहा था कि इनका विरोध करने के बजाय इनका समूल नाश करने की आवश्यकता है। उनकी इन टिप्पणियों की भाजपा ने काफी आलोचना की थी, जबकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने उन्हें मौन समर्थन दिया था।

इंदौर में प्रेमी युगल ने मंदिर की छत पर बनाए संबंध, वायरल हुआ वीडियो, लोगों में आक्रोश, जांच और कार्रवाई में जुटी पुलिस

मध्य प्रदेश के इंदौर में एक प्रेमी युगल मंदिर की छत पर ही संबंध बनाने लगे। दूर खड़े लोगों की जब संबंध बना रहे कपल पर नजर पड़ी तो उन्होंने मोबाइल से जूम कर उनका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया जो अब तेजी से वायरल हो रहा है।

वायरल वीडियो में मंदिर की छत पर कपल संबंध बनाते नजर आ रहे हैं। ये वीडियो इंदौर के राजवाड़ा स्थित मंदिर की छत का बताया जा रहा है। राजवाड़ा पर स्थित बोलिया सरकार की छतरी के नीचे भगवान का मंदिर है और उसी मंदिर की छत पर लव कपल अश्लील हरकत कर रहे थे। कपल को छत पर संबंध बनाते देख दूर खड़े लोगों ने अपने मोबाइल से जूम कर उनका वीडियो बना लिया जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

मंदिर की छत पर कपल का संबंध बनाते वीडियो अब पुलिस अधिकारियों तक पहुंच चुका है और पुलिस ने वीडियो की जांच शुरू कर दी है। युवक-युवती की फिलहाल पहचान नहीं हो पाई है, वहीं इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। बताया गया कि यह घटना इंदौर शहर के लिए शर्मनाक है। धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखना हम सबका दायित्व है। ऐसे कृत्यों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

नोट - स्ट्रीट बज इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता।

सरकार से बड़ा है संगठन...अब मैं संगठन में काम करूंगी, भाजपा को लगा तगड़ा झटका, इस मंत्री ने दिया इस्तीफा, अपनी ही सरकार पर लगाए ये गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश में सियासी तूफान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. शुक्रवार को राज्य मंत्री (दर्जा प्राप्त) सोनम किन्नर ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, सरकार की तरफ से अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है. सोनम किन्नर राज्यपाल से मिलने पहुंचीं थीं. तब से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह अपना इस्तीफा दे सकती हैं. सपा छोड़कर सोनम बीजेपी में आईं थीं.

सोनम किन्नर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा था, तो उसकी जिम्मेदारी मैं लेती हूं. उन्होंने कहा कि अब मैं संगठन में कार्य करूंगी, सरकार में नहीं. संगठन सरकार से बड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे अधिकारी कार्यकर्ताओं की नहीं सुनते हैं. बता दें कि सोनम किन्नर हमेशा से ही अफसरशाही के खिलाफ मुखर रही हैं. मालूम हो कि सोनम किन्नर शुरू से ही योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ भी आवाज उठाती रही हैं.

सोनम किन्नर ने कहा कि अधिकारियों ने सरकार का बेड़ा गर्क कर दिया है. कुछ अधिकारी तो सीएम योगी तक की नहीं सुनते हैं. अफसरों को सिर्फ पैसा कमाने से मतलब है. उन्होंने कहा कि मैंने सीएम योगी से शिकायत कर कहा है कि मेरे विभाग में कई अफसर काम नहीं करते हैं लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने मेरे बच्चे का एडमिशन करने के लिए अफसर से बोला, लेकिन वो तक नहीं हुआ. ऐसे राजा के साथ कैसे काम करूंगी, मैं इस्तीफा दूंगी और संगठन में काम करूंगी. 

उन्होंने कहा कि मैं अपने विभाग तक में हो रहे भ्रष्टाचार को नहीं रोक पा रही हूं. अगर मैं जनता का काम ही नहीं करवा पाउंगी तो मेरे मंत्री पद पर बने रहने का क्या फायदा है. उन्होंने डिप्टी सीएम की बात को दोहराते हुए कहा कि संगठन सरकार से बड़ा होता है. योगी सरकार ने सोनम किन्नर को उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड (उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड) का उपाध्यक्ष बनाया था. सोनम का पूरा नाम किन्नर सोनम चिश्ती है. बताया जाता है कि वह अजमेर से संबंध रखती हैं. पिछले कई सालों से सोनम समाज में किन्नरों को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए काम कर रही हैं. इसके अलावा वह सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी रहती हैं. बता दें कि भाजपा में आने से पहले सोनम सपा के साथ थीं.