आदिम जनजाति के उत्थान के लिए कई कार्य कर रहा है झालसा : सुजीत नारायण प्रसाद
रांची :झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विद्युत रंजन सारंगी ने कहा कि विधिक सेवा संस्थाएं लोगों को न्याय दिलाने में बेहतर कार्य कर रही हैं। झालसा ने लोगों का विश्वास हासिल किया है। झालसा के माध्यम से मामले के निपटारे में लोगों का कीमती समय बच रहा है।
पीड़ितों को मुआवजा मिलना आवश्यक है। उन्होनें मध्यस्तता एवं अतिरिक्त विवाद निपटारा प्रणाली के महत्व पर भी प्रकाश डाला। वे 13 जुलाई को झालसा के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत एवं सब-डिविशनल विधिक सेवा समिति का वर्चुअल उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सह झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने शपथ ग्रहण के बाद न्यायालय की कार्यप्रणाली के संबंध में कई दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि झालसा आदिम जनजाति के उत्थान के लिए कई कार्य कर रहा है। साथ ही, विशेष लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय से मुकदमों का बोझ भी कम कर रहा है।
इस अवसर पर अतिथियों और झारखंड उच्च न्यायालय के जजों ने झारखंड के लीगल लिटेरसी क्लब द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय पेंटिंग, लेख, भाषण, रंगोली प्रतियोगिता के विजयी छात्रों को ट्रॉफी और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।
चिल्ड्रन विद डिसएबिलिटी के लिए 45 दिनों तक चलने वाले विशेष कार्यक्रम एवं झालसा न्यूजलेटर (अप्रैल से जून, 2024) का भी विमोचन किया।
स्वागत झालसा की सदस्य सचिव कुमारी रंजना अस्थाना और धन्यवाद झालसा के उप रजिस्ट्रार-सह-उप सचिव अभिषेक कुमार ने किया। कार्यक्रम में हाई कोर्ट के कई अन्य जज और अन्य मौजूद थे।
Jul 15 2024, 14:10