राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने किया स्वीकार, अंचल स्तरीय कार्यालयों में बड़े पैमाने पर व्याप्त है भ्रष्टाचार
डेस्क : बिहार के अंचल स्तरीय कार्यालयों में म्यूटेशन समेत जमीन से जुड़े अन्य कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। दलालों का वर्चस्व कायम है और राजस्व कर्मचारी समेत निचले स्तर के कर्माचारी बिना पैसा लिए कोई काम नहीं करते है। इस बात को बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने खुद स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा है कि राजस्व कर्मचारी और उनके नीचे स्तर के मुंशी और दलालों ने भू-माफियाओं के साथ मिलकर स्थिति को गंभीर बना दिया है। गरीब लोगों के भी कोई काम बिना पैसा लिये नहीं हो रहे। अंचल स्तर पर हो रहे इस भ्रष्टाचार से विभाग की बदनामी हो रही है।
मंत्री ने सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में अपर समाहर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक के दौरान सभी एडीएम से सवाल किया कि क्या हम भ्रष्टाचार के इस दाग से मुक्त हो सकते हैं? उन्होंने विभागीय पदाधिकारी समेत सभी एडीएम को निर्देश दिया कि मजबूत इच्छा शक्ति से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। मंत्री ने अफसरों से अपील की कि इस महीने से भ्रष्टाचार को 10 फीसदी कम करने का अभियान शुरू करें।
बदनामी कम करने में एडीएम पहल करें
मंत्री ने कहा कि विभाग की बदनामी कम करने के लिए एडीएम को पहल करनी होगी। यह बदलाव एक दिन में नहीं होने वाला, लेकिन इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो काम मुश्किल नहीं है। एडीएम का आदेश राजस्व कार्यालय में महीनों तक लंबित पड़ा रहता है। अंचलाधिकारी या भूमि सुधार उप-समाहर्ता उनका पालन नहीं करते हैं। एडीएम का डर नीचे के पदाधिकारियों तक होना चाहिए। इसके लिए वे निचले कार्यालयों की नियमित एवं सघन जांच करें। अंचल कार्यालयों में फीफो (फर्स्ट कॉम, फर्स्ट आउट) के उल्लंघन की संख्या बहुत अधिक है। अभी इसके 11 हजार 73 मामले लंबित हैं। बिना एडीएम की अनुमति के फीफो का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। जिन अंचलों के सीओ इसका उल्लंघन करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
Jul 15 2024, 12:28