राज्य हाईवे कैसे बंद कर सकता है', हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट से लगी फटकार; शंभू बॉर्डर खोलने का आदेश


नई दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार को अंबाला के नजदीक शंभू बार्डर से बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया, जहां किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि कोई राज्य हाईवे को कैसे बंद कर सकता है।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैरराजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा ने जब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों के समर्थन में किसानों के दिल्ली मार्च की घोषणा की थी, तब फरवरी में हरियाणा सरकार ने अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड लगाए थे।

कोर्ट ने लगाई राज्य सरकार को फटकार

जस्टिस सूर्यकांत एवं जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने उक्त टिप्पणी तब की, जब हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि राज्य पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के 10 जुलाई के फैसले के विरुद्ध अपील दायर करने की प्रक्रिया में है। हाईकोर्ट ने सात दिनों में राजमार्ग खोलने का निर्देश दिया था।

जस्टिस भुइयां ने कहा, 'कोई राज्य हाईवे को कैसे बंद कर सकता है? यातायात को नियंत्रित करना उसका दायित्व है। हम कह रहे हैं कि इसे खोलिए, लेकिन नियंत्रित कीजिए।' जस्टिस कांत ने राज्य के वकील से कहा, 'आप हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती क्यों देना चाहते हैं? किसान भी इस देश के नागरिक हैं? उन्हें खाना दीजिए और अच्छी चिकित्सकीय देखभाल कीजिए। वे आएंगे, नारे लगाएंगे और वापस चले जाएंगे। मुझे लगता है कि आप सड़क पर नहीं चलते।'

सरकार को हलफनामा दाखिल करने का दिया आदेश

वकील ने जवाब दिया कि वह सड़क से ही यात्रा करते हैं। इस पर पीठ ने कहा कि तब तो उन्हें भी कठिनाई हो रही होगी। पीठ ने राज्य को लंबित मामले में आगे के घटनाक्रम पर हलफनामा दाखिल करने का आदेश भी दिया। शीर्ष अदालत हरियाणा सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें फरवरी में हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों एवं प्रदर्शनकारी किसानों के बीच संघर्ष के दौरान किसान शुभकरण सिंह की मौत के मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में समिति गठित करने के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सात मार्च के फैसले को चुनौती दी गई है।

शीर्ष अदालत ने एक अप्रैल को हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में हुए संघर्ष में बठिंडा निवासी 21 वर्षीय शुभकरण सिंह मारे गए थे और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। यह घटना तब हुई थी जब कुछ प्रदर्शनकारी किसान बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेडिंग की ओर बढ़ रहे थे और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें दिल्ली की ओर मार्च करने से रोक दिया था।

हाईकोर्ट ने दिया था ये आदेश

हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में बैरिकेडिंग हटाने का आदेश देते हुए कहा था कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने पर राज्य सरकार कानून के मुताबिक एहतियाती कार्रवाई कर सकती है। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए उसने इसी तरह के निर्देश पंजाब सरकार को भी दिए थे और कहा था कि उसकी सीमा में लगे बैरिकेड भी हटाए जाने चाहिए।

कुंवारें लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है ये गणेश मंदिर, दर्शन मात्र से हो जाती है शादी

नयी दिल्ली : भारत में स्थित सबसे पवित्र और प्रसिद्ध गणेश मंदिर का जिक्र होता है तो सिद्धिविनायक मंदिर का नाम जरूर लिया जाता है, लेकिन सिद्धिविनायक के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी कई विश्व प्रसिद्ध गणेश मंदिर हैं।

मोती डूंगरी गणेश मंदिर का इतिहास लगभग 400 वर्ष पुराना माना जाता है। कहा जाता है कि इस पवित्र और लोकप्रिय मंदिर का निर्माण 1761 के आसपास सेठ जय राम पल्लीवाल की देखरेख में हुआ था।

मोती डूंगरी गणेश मंदिर के संबंध में यह भी माना जाता है कि इसका निर्माण राजस्थान के उत्तम पत्थर से लगभग 4 महीने के भीतर पूरा किया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला भी भक्तों को खूब आकर्षित करती है। मोती डूंगरी गणेश मंदिर की कहानी बहुत दिलचस्प है। कथा के अनुसार कहा जाता है कि राजा गणेश प्रतिमा लेकर बैलगाड़ी से यात्रा करके लौट रहे थे, लेकिन शर्त थी कि बैलगाड़ी जहां भी रुकेगी, उसी स्थान पर गणेश मंदिर बनवाया जाएगा।

कहानी के अनुसार ट्रेन डूंगरी पहाड़ी के नीचे रुकी. सेठ जय राम पल्लीवाल ने उस स्थान पर एक मंदिर बनाने का फैसला किया जहां कार रुकी थी। मोती डूंगरी गणेश मंदिर बेहद खास है। यह जयपुर के साथ-साथ पूरे राजस्थान के सबसे बड़े गणेश मंदिरों में से एक है। इस पवित्र मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं।

गणेश चतुर्थी के खास मौके पर हर दिन लाखों श्रद्धालु आते हैं. कहा जाता है कि प्रत्येक बुधवार को मंदिर परिवार में एक बड़ा मेला लगता है और इसी दिन सबसे अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर परिसर में एक शिवलिंग भी स्थापित है। इसके अलावा लक्ष्मी-नारायण की मूर्ति भी स्थापित की जाती है।

मोती डूंगरी गणेश मंदिर में हर समय भक्तों का आगमन लगा रहता है। आप रोजाना सुबह 5 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। इसके बाद आप शाम 4:30 बजे से रात 9 बजे के बीच यात्रा कर सकते हैं। 

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मंदिर में जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है. इसके अलावा आपको यह भी बता दें कि गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां आना खास माना जाता है।

आज का इतिहास: महात्मा गांधी की हत्या के चलते RSS पर लगा प्रतिबंध सशर्त लिया गया था वापस, जानिए 12 जुलाई की महत्वपूर्ण घटनाएं


नयी दिल्ली : देश में 12 जुलाई की तारीख कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए याद किया जाएगा। इसी दिन नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या के आरोप के चलते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगा प्रतिबंध 12 जुलाई 1949 को सशर्त हटा लिया गया था।

12 जुलाई का दिन कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है। जनवरी 1948 में नाथुराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या किये जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर लगाये गये प्रतिबंध को 12 जुलाई 1949 के दिन ही सशर्त हटा लिया गया था।

देश दुनिया के इतिहास में 12 जुलाई की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार लेखा जोखा इस प्रकार है:-

1290 - इंग्लैंड के सम्राट एडवर्ड प्रथम के आदेश पर यहूदियों को बाहर निकाला गया।

1346 - लक्जमबर्ग के चार्ल्स चतुर्थ को रोमन साम्राज्य का शासक नियुक्त किया गया।

1673 - नीदरलैंड और डेनमार्क के बीच रक्षा संधि पर हस्ताक्षर हुए।

1690 - विलियम ऑफ ऑरेंज के नेतृत्व में प्रोटेस्टेंटों ने रोमन कैथोलिक सेना को पराजित किया।

1801 - अल्जीसिरास की लड़ाई में ब्रिटेन ने फ्रांस और स्पेन को पराजित किया।

1823 - भारत में निर्मित प्रथम वाष्प इंजन युक्त जहाज ‘डायना’ का कलकत्ता (अब कोलकाता) में जलावतरण।

1862 - अमेरिकी कांग्रेस ने मेडल ऑफ ऑनर को प्राधिकृत किया।

1912 - ‘क्वीन एलिजाबेथ’

 अमेरिका में प्रदर्शित होने वाली पहली विदेशी फिल्म बनी।

1918 - टोकायाम की खाड़ी में जापानी युद्धपोत में विस्फोट में 500 लोगों की मौत।

1935 - बेल्जियम ने तत्कालीन सोवियत संघ को मान्यता दी।

1949 - महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर लगाए गए प्रतिबंध को सशर्त हटाया गया।

1957 - अमेरिकी सर्जन लेरोय इ बर्नी ने बताया कि धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर में सीधा संबंध होता है।

1960 - भागलपुर और रांची यूनिवर्सिटी की स्थापना।

1970 - अलकनंदा नदी में आई भीषण बाढ़ ने 600 लोगों की जान ली।

1990 : प्रसिद्ध सोवियत नेता और रूसी संसद के अध्यक्ष बोरिस येल्तसिन ने सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी से इस्तीफा दिया।

1994 - फ़लस्तीनी मुक्ति संगठन के अध्यक्ष यासर अराफात 27 वर्षों का निर्वासित जीवन गुजारने के बाद गाजा पट्टी आये।

1997 : नोबल पुरस्कार से सम्मानित मलाला युसुफजई का पाकिस्तान में जन्म।

1998 : फ्रांस और ब्राजील के बीच हुए फुटबॉल विश्वकप के फाइनल को कुल 1.7 अरब लोगों ने देखा।

2001 : अगरतला से ढाका के बीच ‘मैत्री’ बस सेवा की शुरुआत।

99% लोग गलत तरीके से बना रहे हैं चाय केतली में उबाल रहे है कैंसर,जानिए सेहत के लिए है कितना खतरनाक


नयी दिल्ली : चाय प्रेमियों के बारे में क्या कहा जाए. चाय एक पेय न होकर एडिक्शन बन जाता है. जिसके बाद उसके बिना रहना नामुमकिन होने लगता है. चाय नहीं पी तो सिर में दर्द हो जाता है. चाय नहीं पी तो मोशन क्लियर होने में दिक्कत होने लगती है. तबीयत ठीक न लग रही हो चाय पीते ही टनाटन हो जाता है मिज़ाज. कुल मिलाकर चाय, चाय न होकर हर मर्ज की दवा हो जाती है।

चाय बनाने और पीने के मामले में अधिकतर लोग बड़ी गलती कर रहे हैं और यह गलती शरीर में कैंसर बना सकती है, एक्सपर्ट से जानिये चाय बनाने का सही तरीका क्या है।

भारत में चाय का सेवन सबसे ज्यादा किया जाता है। चाय बनाने के कई अलग-अलग तरीके हैं और हर कोई अपने अनुसार चाय का आनंद लेता है। भारतीय घरों में ज्यादातर दूध-पत्ती की चाय बनती है। अगर देखा जाए तो अधिकतर लोग चाय को बनाने का एक ही तरीका आजमाते हैं।

अधिकतर लोगों का मानना है कि चाय को देर तक उबालने से कड़क चाय बनती है और स्वाद भी लाजवाब आता है। हालांकि कुछ लोग दूध और चायपत्ती को भी एक साथ उबालते हैं। क्या अप जानते हैं कि चायपत्ती को देर तक उबालकर चाय बनाने का तरीका सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है।

न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा के अनुसार, अगर चाय को सही तरीके से बनाया जाए, तो इसके कई फायदे हैं जैसे- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना, वजन कम होना और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहना। ध्यान रहे कि चायपत्ती में कैफीन होता है और इसे ज्यादा उबालना सेहत के लिए हानिकारक है।

कैंसर का खतरा

एक्सपर्ट के अनुसार, चाय में टैनिन भरपूर मात्रा में होता है - यह पॉलीफेनोलिक बायोमॉलीक्यूल्स का एक ग्रुप है जो फलों, सब्जियों, नट्स, वाइन और चाय में पाया जाता है। टैनिन बड़े अणु होते हैं जो चाय, कॉफी आदि में पाए जाते हैं। ये प्रोटीन, सेल्यूलोज, स्टार्च और मिनरल्स से जुड़कर उन्हें बांध लेते हैं, जिससे शरीर के लिए आयरन को सोखना मुश्किल हो जाता है। चाय को ज्यादा उबालने (4-5 मिनट से ज्यादा) से टैनिन की मात्रा बढ़ जाती है, जो आयरन के अवशोषण को रोक सकते हैं। साथ ही, ज्यादा उबालने से चाय के पोषक तत्व कम हो जाते हैं, चाय ज्यादा खट्टी हो जाती है, एसिडिटी हो सकती है और कैंसर पैदा करने वाले तत्व भी बन सकते हैं।

पोषक तत्व हो जाते हैं कम

चायपत्ती में जरूरी पोषक तत्व और मिनरल्स पाए जाते हैं जैसे फ्लेवोनोइड्स, कैटेचिन, पॉलीफेनॉल्स, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, कैल्शियम और फ्लोराइड। एक्सपर्ट का मानना है कि ज्यादा उबालने से चाय और दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व, जैसे कैल्शियम, विटामिन बी12 और सी कम हो जाते हैं।

आयरन का अवशोषण रुकना

एक्सपर्ट ने बताया कि चाय में मौजूद टैनिन नामक तत्व पाया जाता है। यह कई फल, सब्जी और नट्स में पाया जाता है। चाय को ज्यादा देर या बार-बार उबालने इ टैनिन शरीर में आयरन के अवशोषण को रोक सकते हैं जिससे आपके शरीर में खून की कमी हो सकती है।

पेट की समस्याएं

चायपत्ती और दूध को ज्यादा उबालने से दूध के प्रोटीन नष्ट हो जाते हैं। इससे दूध पचाने में दिक्कत हो सकती है और पेट दर्द, एसिडिटी, पेट फूलना और गैस बनने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जाहिर है दूध वाली चाय को ज्यादा उबालने से उसमें जलन की सी गंध आने लगती है और पीने में कड़वी लगती है।

चायपत्ती और दूध को एक साथ ज्यादा उबालने के नुकसान

ज्यादा गरम तापमान पर दूध की लैक्टोज प्रोटीन के साथ मिलकर रासायनिक क्रिया करती है। समय के साथ ज्यादा मात्रा में पीने पर ये मिलकर शरीर के लिए नुकसानदायक चीजें बना सकते हैं। इस मिश्रण को ज्यादा उबालने से दूध में एक्रिलामाइड जैसे तत्व बन सकते हैं, खासकर जब उसमें कार्बोहाइड्रेट मौजूद हों। एक्रिलामाइड कैंसर का कारण बन सकता है।

कॉफी या चाय की क्रेविंग आपको बना सकती है एनीमिक

चाय को उबालने का सही तरीका

एक्सपर्ट के अनुसार, पत्तियों को 2 मिनट तक गर्म पानी में रखने से उनमें पाए जाने वाले पोषक तत्व पॉलीफेनोल्स ज्यादा मात्रा में मिलते हैं। इससे ज्यादा देर रखने से चाय के गुण खराब हो सकते हैं। उबालने से भले ही कोई फायदा न मिले, लेकिन इससे चाय का स्वाद कड़वा हो सकता है। चाय का स्वाद और लाभ बढ़ाने के लिए आपको चाय बनाने का सही तरीका आना चाहिए।।

चाय बनाने का तरीका

एक पैन में पानी उबालें और चर्चित फिर गैस बंद कर दें। उसमें एक चम्मच चायपत्ती डालें और 3-4 मिनट के लिए ढककर रख दें। अब इसमें थोड़ा दूध और अपनी पसंद की मीठी चीज डालकर चाय का मजा लें।

चाय की पत्तियों को पानी में उबालने से उनका पोषण, स्वाद और खुशबू कम हो जाती है।

नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

शाओमी की पहली इलेक्ट्रिक कार की भारत में इंट्री सिंगल चार्ज पर 800KM की रेंज; हुंडई और BYD से होगा मुकाबला


नयी दिल्ली : फाइनली भारत आ गई शाओमी की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज पर 800KM की रेंज; हुंडई और BYD से होगा मुकाबला चीनी कंपनी शाओमी (Xiaomi) की पहली इलेक्ट्रिक कार SU7 का इंतजार दुनियाभर को है। 

कंपनी ने कई मौके पर इसकी झलक दिखाई है। साथ ही, कई बार इसकी लॉन्चिंग से जुड़ी खबरें भी सामने आई हैं।

फाइनली भारत आ गई शाओमी की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज पर 800KM की रेंज; हुंडई और BYD से होगा मुकाबला

आज 68वें जन्मदिन पर विशेष : रील लाइफ 'बहू' से हुई थी सगाई, मीटू में दिखा 'असली चेहरा',अब कहीं नजर नहीं आते फिल्मी 'बाबूजी'!

नयी दिल्ली : टीवी और बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर आलोक नाथ 10 जुलाई को अपना 68 वां बर्थडे सेलिब्रेट करेंगे. दोनों इंडस्ट्री में अपनी दमदार एक्टिंग से सिक्का जमाने वाले आलोक नाथ पिछले काफी वक्त से सिनेमा से दूर हैं।उनके बर्थडे के मौके पर आज हम आपको एक्टर की पर्सनल लाइफ वो अनसुनी बातें बताने वाले हैं जो जानकर आए चौंक जाएंगे.

इस सीरियल से एक्टिंग में आए थे आलोक नाथ

आलोक नाथ ने अपना एक्टिंग करियर साल 1980 में आए सीरियल ‘रिश्ते-नाते’ से शुरू किया था. इस शो में उन्होंने बाबूजी का ऐसा रोल निभाया कि आगे चलकर एक्टर सबसे ज्यादा इसी किरदार में नजर आए. आलोक नाथ ने सिर्फ सिर्फ टीवी ही नहीं बल्कि बॉलीवुड में भी अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है।

आलोक नाथ को ‘मैंने प्यार किया’ और ‘हम साथ साथ हैं’ जैसी फिल्मों के लिए आज भी याद किया है. लेकिन अब वो पिछले काफी वक्त से पर्दे से गायब हैं. दरअसल एक्टर पर कुछ साल पहले ऐसे आरोपों लगे थे. जिन्होंने उनकी जिंदगी में भूचाल ला दिया था. यही वजह है कि आज वो लाइमलाइट से दूर हैं.

इस राइटर ने लगाए थे आलोक नाथ पर गंभीर आरोप

दरअसल आलोक नाथ पर प्रोड्यूसर और राइटर विंता नंदा ने कथित रेप के आरोप लगाए थे. इसके बाद एक्टर ने साल 2018 में उनपर मानहानि का केस कर मुआवजे की मांग की थी. इतना ही नहीं आलोक नाथ पर संध्या मृदुल और दीपिका आमीन ने छेड़

छाड़ करने का भी आरोप लगाया था.

आलोक नाथ ने इन आरोपों पर बात करते हुए कहा था कि अगर मैंने किसी लड़की के साथ कुछ किया है तो वो 25 साल बाद क्यों बोल रही हैं. वो पहले भी अपनी बात सबके सामने रख सकती थी. इस मामले में आलोक नाथ को अग्रिम जमानत मिल गई थी. लेकिन इस घटना के बाद इंडस्ट्री से हमेशा के लिए दूर हो गए.

अपनी ‘बहू’ को दिल दे बैठे थे एक्टर

वहीं लव लाइफ की बात करें तो आलोक नाथ का दिल सीरियल 'बुनियाद' के वक्त एक्ट्रेस नीना गुप्ता पर आया था. इस सीरियल में एक्ट्रेस ने उनकी बहू का रोल निभाया था. लेकिन सेट पर दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे. खबरों की मानें तो आलोक और नीना ने सगाई भी कर ली थी. लेकिन कुछ वक्त दोनों के रिश्ते में दरार आ गई औऱ वो अलग हो गए।

बताते चलें कि विनता नंदा रेप केस में पुलिस को आलोक नाथ के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले तो इसलिए वो केस बंद कर दिया गया था. हालांकि इसके बाद एक्टर की CINTAA से भी मेंबरशिप रद्द हो गई थी.

PM मोदी को रुस में मिला बड़ा सम्मान

नयी दिल्ली : PM मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक का सम्मान मिला है। ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल, रूस का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। PM मोदी को सम्मानित करते हुये रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने अपने हाथों से पीएम मोदी को अवार्ड पहनाया। दो दिवसीय दौरे पर रूस गये PM मोदी का वहां आज अंतिम दिन था। यहां याद दिला दें कि इस सम्मान की घोषणा साल 2019 में कर दी गई थी। दोनो देशों में काफ़ी अहम मुद्दों पर बातें हुई। रुस के बाद PM का अगला दौरा ऑस्ट्रिया का होगा। अब तक 16 देश PM मोदी को सम्मानित कर चुके हैं।

आज का इतिहास:आज के ही दिन बांग्लादेश को पाकिस्तान ने स्वतंत्र राष्ट्र स्वीकार किया


नयी दिल्ली : 1973 में पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली ने आज ही के दिन बांग्लादेश को स्वतंत्र देश स्वीकारने वाला प्रस्ताव पदस जुलाई का दिन कहने को तो 24 घंटे का एक सामान्य सा दिन ही है, लेकिन इतिहास के झरोखे में झांकें तो इस तारीख के नाम पर बहुत सी अच्छी बुरी घटनाएं दर्ज हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण घटना हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश के बारे में है. दरअसल भारत के हाथों 1971 में पाकिस्तान को मिली हार के बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हुआ था, लेकिन पाकिस्तान ने इसे एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने में दो साल का वक्त लगा दिया. 1973 में पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली ने आज ही के दिन बांग्लादेश को स्वतंत्र देश स्वीकारने वाला प्रस्ताव पारित किया. दस जुलाई की तारीख पर इतिहास में दर्ज अन्य घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1246 : नसीरुद्दीन मुहम्मद शाह दिल्ली की गद्दी पर आसीन हुआ.

1624 : हॉलैंड और फ्रांस के बीच स्पेन विरोधी संधि पर हस्ताक्षर.

1848 : न्यूयॉर्क और शिकागो के बीच पहला टेलीग्राफ लिंक शुरू.

1907 : फ्रांस और जापान के बीच चीन की स्वतंत्रता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर.

1946 : राजशाही खत्म होने के बाद इटली गणतांत्रिक राष्ट्र बना.

1965 : महिलाओं के लिए पहला एनसीसी कालेज ग्वालियर में खुला.

1966 : वायु सेना के लड़ाकू विमान ‘मिग’ का महाराष्ट्र के नासिक जिले में निर्माण शुरू.

1972 : मुम्बई के मडगांव बंदरगाह से पूर्ण वातानुकूलित पोत हर्षवर्धन का जलावतरण.

1983 : ब्रिटेन में मार्गरेट थैचर पुन: प्रधानमंत्री बनीं.

1986 : भारत ने इंग्लैंड को 5 विकेट से हराकर लॉर्ड्स में पहली टेस्ट जीत हासिल की.

1999 : जेनेवा में अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन की शुरुआत.

2002 : पाकिस्तान ने विश्व की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के-2 का नाम बदलकर ‘चोगोरी’ अथवा ‘शाहगोरी’ कर दिया.

2005 : भारत और श्रीलंका में शिक्षा एवं सामुदायिक विकास से सम्बद्ध दो समझौतों पर हस्ताक्षर.

2008 : केन्द्र सरकार ने तीनों सेनाओं के लिए ‘एकीकृत स्पेस सेल’ की घोषणा की.