नीट पेपर लीक मामले में CBI ने रॉकी से की लंबी पूछताछ, कई ठिकानों पर की दबिश

डेस्क: नीट यूजी पेपर लीक मामले में रॉकी के गिरफ्त में आते ही सीबीआई की गतिविधियां तेज होने लगी है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने रॉकी को गुरुवार को पटना से गिरफ्तार किया था।

उसे कोर्ट में पेश करने के बाद 10 दिनों की रिमांड पर लिया है। रिमांड मिलने के बाद केंद्रीय जांच टीम ने शुक्रवार की सुबह से रॉकी से पूछताछ शुरू की। इस दौरान रॉकी से कई अहम जानकारियां जांच टीम को मिली हैं। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आज की पूछताछ के क्रम में रॉकी से पेपर लीक की प्लानिंग, उसे अमल में लाने के तौर तरीकों के साथ इस मामले में शामिल अन्य लोगों के नाम की जानकारी लेने के लिए अलग अलग सवाल पूछे गए।

सूत्र बता रहे हैं कि रॉकी से मिली जानकारियों को आधार बनाकर सीबीआई की अलग-अलग टीम ने पटना, दानापुर, कोलकाता समेत चार स्थानों के दस से अधिक ठिकानों पर छापा मारा। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

छापेमारी में नई गिरफ्तारी नहीं

छापेमारी के दौरान किसी नए व्यक्ति को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया। छापेमारी में कुछ स्थानों से लैपटॉप समेत कुछ दस्तावेज सीबीआई द्वारा जब्त करने की जानकारी मिल रही है। ये सभी स्थान सेटरों के ठिकाने रहे हैं या इन स्थानों पर पेपर लीक से जुड़ी गतिविधि रही है। 

सूत्रों की माने तो रॉकी से पूछा गया कि उसे प्रश्न पत्र कब कैसे और किसके माध्यम से मिला। इसे हल कहां कराया गया। सॉल्वर टीम में कौन कौन और कहां कहां के थे। जांच टीम को कोटा समेत अन्य स्थानों के कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले कुछ शिक्षकों की भूमिका के बारे में भी कुछ जानकारियां मिली हैं।

इससे जुड़े सभी पहलुओं की जांच चल रही है। इसके बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। रॉकी से खासतौर से यह जानकारी प्राप्त की जा रही है कि उसने बिहार और झारखंड के अलावा किन-किन स्थानों पर उत्तर समेत प्रश्न पत्र के पीडीएफ को भेजा था। चिंटू के अतिरिक्त जिन लोगों को पीडीएफ भेजा था उनके नाम और मोबाइल नंबर समेत अन्य जानकारी प्राप्त की जा रही है।

बड़ी खबर : बिहार कैबिनेट की बैठक में इन 48 महत्वपूर्ण एजेंडों पर लगी मुहर, सरकारी सेवकों और पेंशनरों की महंगाई भत्ता में 6% की बढ़ोतरी

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट की इस बैठक में सरकार ने विभिन्न विभागों से जुड़े 48 एजेंडों पर अपनी मुहर लगाई है। अब सरकारी कार्यालयों में भी स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाया जाएगा। 20 किलोवाट या उससे कम स्वीकृत भार वाले बिजली कनेक्शन में स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में इस बात की स्वीकृति दी गयी है। 

वही बिहार पुलिस चालक संवर्ग (संशोधन) नियमावली, 2024 के गठन की स्वीकृति दी गयी है। सेवा से बर्खास्त वाल्मिकिनगर के तत्कालीन सहायक अभियंता प्रवीण कुमार द्वारा दंड के विरुद्ध समर्पित पुनर्विचार अभ्यावेदन को अस्वीकृत किया गया। बिहार पुलिस चालक संवर्ग नियमावली को मंजूरी दे दी गई है। पटना हाई कोर्ट में नगर प्रबंधकों के 163 से अधिक पदों पर संविदा पर नियुक्ति को हरी झंडी मिल गई है।

पेंशन प्राप्त करने वाले सरकारी सेवकों की महंगाई भत्ता में 6% की बढ़ोतरी की गयी है। पूरे राज्य में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना को मंजूरी दी गई है। जल जीवन हरियाली के तहत पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर 198 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गयी है। सीवरेज सफाई कर्मियों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। 

राज सरकार पटना,मुजफ्फरपुर,गया,भागलपुर,दरभंगा के लिए कुल 400 नई बसें खरीदेगी। बस की खरीदारी के लिए मंजूरी कैबिनेट से मिल गई है। श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत अनुदेशक के 130 पद और ग्रुप अनुदेशक के 137 पदों का सृजन किया गया है। बिहार के 31 जिलों के औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की मंजूरी दी गयी है। सैप के जवानों का अनुबंध 2025 तक बढ़ा दिया गया है।

नीतीश सरकार ने यह फैसला लिया है कि सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान होने वाली मौत पर 30 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।अस्थायी विकलांगता पर 20 लाख मुआवजा का ऐलान सरकार ने किया है। इस बैठक में नगर विकास विभाग में 163 पदों पर बहाली और आईआईटी की स्थापना और 124 पदों की मंजूरी मिली है।

जयंती पर याद किए गए पूर्व सीएम स्व.सत्येन्द्र नारायण सिन्हा, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन

डेस्क : पूर्व मुख्यमंत्री स्व० सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की जयंती के अवसर पर शुक्रवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने स्व० सत्येन्द्र नारायण सिन्हा पार्क, श्रीकृष्णापुरी में आयोजित राजकीय समारोह में स्व० सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार सिंह उर्फ़ छोटू सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति, सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी स्व० सत्येन्द्र नारायण सिन्हा जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।

बता दें सत्येन्द्र नारायण सिन्हा को छोटे साहब के उपनाम से जाना जाता था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। वे 1952 से 1961 तक सांसद रहे। उन्होंने औरंगाबाद लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया था। 

सत्येन्द्र सिन्हा 1961 में बिहार के शिक्षा मंत्री, कृषि और स्थानीय प्रशासन मंत्री बने जो उप मुख्यमंत्री के हैसियत में थे। उनके ही शिक्षा मंत्री रहते हुए मगध विश्वविद्यालय की स्थापना की। औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र के सांसद के रूप में उन्होंने 1972 में महत्वपूर्ण उत्तरी कोयल परियोजना नहर का शिलान्यास किया था। उन्होंने वर्ष 1988 में ऐतिहासिक पटना तारामंडल की आधारशिला रखी, साथ ही अपने मुख्यमंत्रीत्व काल में बिहार के नवीनगर में सुपर थर्मल पावर परियोजना की सिफारिश की। वे वर्ष 1989 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे।

डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने अधिकारियों के दिए निर्देश, निर्धारित समय सीमा के अंदर कांवरिया पथ का निर्माण कार्य करें पूरा

डेस्क : बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कांवरिया पथ का ससमय निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि कांवरिया पथ का ससमय गुणवत्तापूर्ण निर्माण हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कांवरिया पथ का निर्धारित समय पर निर्माण कार्य पूरा लें। सुल्तानगंज से देवघर तक 110 किलोमीटर कच्चा कांवरिया पथ है। इसमें लगभग 84 किलोमीटर बिहार में पड़ता है।

उप मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस पथ पर कांवरियों की सुविधा के लिए बालू बिछाने का काम समय पर पूरा कराएं। इस पर पानी का छिड़काव भी नियमित कराएं। साथ ही 5 किलोमीटर के वन क्षेत्र में भी श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम बनाने पर ध्यान दें। 

मुख्य अभियंता को कहा कि कांवरिया पथ का स्वयं भी स्थलीय निरीक्षण कर कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित कराएं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देवघर बाबा भोलेनाथ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक है। शिव भारतीय सनातन संस्कृति के अराध्य देव हैं। उनकी पूजा के लिए जानेवाले सभी श्रद्धालु कांवरियों को सभी प्रकार की आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने को सरकार संकल्पित है।

गौरतलब है कि बिहार में कांवरिया पथ भागलपुर, मुंगेर एवं बांका जिले से गुजरता है। कांवरिया पथ में 4.5 मीटर की चौड़ाई एवं 50 मिलीमीटर की मोटाई में गंगा बालू का बिछाव किया जाता है। ताकि श्रावण में कावंर लेकर पैदल देवघर जाने वालें श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।

वज्रपात से 25 लोगों की मौत पर सीएम नीतीश कुमार ने जताया गहरा दुख, मुआवजे का किया एलान

डेस्क : बिहार में जोरदार बारिश के बीच आसमान से मौत बरस रही है। बीते 24 घंटे के अंदर एकबार फिर आसमानी बिजली के चपेट में आने से 25 लोगों की जान चली गई है। जबकि 31 लोग गंभीर रुप से झुलस गए है। जिनका इलाज चल रहा है। 

इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने आज ही मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है। 

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें।

बिहार में बढ़ते अपराध और गिर रहे पुलों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तकरार, दोनो के अपने-अपने दलील

डेस्क : बिहार मे इनदिनों अपराध और गिर रहे पुलों को लेकर सियासत चरम पर है। विपक्ष जहां बिहार में बीते एक महीने के अंदर दर्जन भर पुलों के धाराशायी होने और बढ़े अपराध को लेकर प्रदेश की एनडीए सरकार पर हमलावर है। वहीं सत्ता पक्ष और खासकर बीजेपी इसके लिए बार-बार विपक्षी राजद को जिम्मेवार बता रही है।

पिछले दिनों विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में बढ़े अपराध का पूरा डॉटा जारी करते हुए सरकार पर हमला बोला था। वहीं पुलों के एक के बाद एक धारासायी होने पर भी सरकार से जवाब मांगा था। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी लगातार इन मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावार है। 

वहीं सत्ता पक्ष ने इसके जवाब में लगातार लालू-राबड़ी के शासन याद दिलाते हुए प्रदेश में सबकुछ ठीक-ठाक होने का दावा कर रहा है। 

आइए अब आपको बताते है दोनो के आरोप-प्रत्यारोप में कितना दम है। इसके लिए सबसे पहले हम बिहार में अपराध की बात करते है। इसके लिए आपको को 2005 में लिए चलते है। 

बिहार में 2005 बड़ा सत्ता परिवर्तन हुआ था। राजद के शासन का अंत होकर प्रदेश में एनडीए की सरकार बनी थी। जो बीच के कुछ समय को छोड़ दिया जाए तो लगातार बनी हुई है। दरअसल जब 2005 में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, तो उन्होंने वादा किया था कि बिहार से अपराध को खत्म करके कानून व्यवस्था को लागू करेंगे। इसी वादे को आधार बनाकर उन्होंने लालू यादव परिवार के 15 साल के शासन को उखाड़ फेंका था। 

यह भी सही है कि 1990 से 2005 का दौर बिहार के लिए बड़े पैमाने पर अपराध और भ्रष्टाचार का दौर रहा था। प्रदेश के कई लोगों के जेहन से अभी भी उस वक्त का खौफ नहीं निकला है। बिहार के ज्यादातर इलाकों में लोग, जिनमें गांव से लेकर शहर तक शामिल थे, अंधेरा होते ही घरों में कैद हो जाते थे। जिसकी बात तकरीबन हर सभा में सीएम नीतीश कुमार आज भी करते है। 

यह सही है कि सत्ता हाथ में आते ही नीतीश कुमार ने जो जनता से वायदा किया था उसपर उन्होंने काम भी किया। कानून व्यवस्था को लेकर बिहार में स्थिति 2005 के मुकाबले काफी बेहतर हुई। पहले जहां दिन-दहाड़े अपहरण, हत्या, रंगदारी की मांग और लूट की घटना को अंजाम दिया जाता था। उसपर लगाम लग गया। अपराधियों को लगने लगा कि अब उनकी मनमानी नही चलेगी। लेकिन बीते कुछ वर्षों में एकबार फिर बिहार की स्थिति बदली है। प्रदेश में एकबार फिर से अपराध बढ़ रहा है। बालू माफियाओं और शराब माफियाओं के हौसले काफी बढ़ गए है। हत्या और लूट जैसी घटना में बढ़ोत्तरी हुई है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री व बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बढ़ते अपराध को लेकर अब सरकार पर ज्यादा हमलावर हैं। बीते दिनों उन्होंने महज एक हफ्ते के अंदर प्रदेश में हुई हत्या और लूट की घटना का पूरा ब्यौरा देते हुए सरकार पर हमला बोला था। तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा था... गोपालगंज में मां के सामने बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई, मधुबनी में दबंगों ने पीट-पीटकर महिला को मार डाला, मधुबनी में मजदूरी मांगने पर महिला के सिर पर वार कर हत्या कर दी,बांका जिले के चांदन प्रखंड में महिला की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी गई,जमुई में 13 साल के बच्चे की हत्या कर दी गई, बैंक डकैती तो लगातार हो रही है...यह है बिहार में डबल इंजन वाली सुशासन की सरकार।

तेजस्वी के इस हमले पर सत्ता पक्ष की ओर से पलटवार किया गया। सत्ता पक्ष ने कहा कि तेजस्वी ने अपने माता-पिता के शासनकाल को देखा नहीं है। इसलिए वे बिहार में अपराध की बात कर रहे है। बिहार में अपराध कर अपराधी बच नहीं सकते है। जो भी ऐसी घटना को अंजाम दे रहे है वे सलाखों के पीछे जा रहे है। 

वहीं अब बिहार में लगातार गिर रहे पुलों पर हो रही सियासत पर नजर डालते है। बीते दिनों महज सप्ताह भर के अंदर तकरीबन दर्जन भर पुल-पुलिया धरासायी हो गए। इसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला। सोशल मीडिया साइट एक्स पर राजद नेता तेजस्वी ने लिखा कि देखिए, कैसे आज

बड़ी खबर : बिहार में 24 घंटे के अंदर वज्रपात की चपेट में आने से 25 की मौत, 31 गंभीर रुप से झुलसे

डेस्क : बिहार में जोरदार बारिश के बीच आसमान से मौत बरस रही है। बीते 24 घंटे के अंदर एकबार फिर आसमानी बिजली के चपेट में आने से 25 लोगों की जान चली गई है। जबकि 31 लोग गंभीर रुप से झुलस गए है। जिनका इलाज चल रहा है। वज्रपात की चपेट में आने से मधुबनी जिले में 5 लोगों की मौत हो गई। औरंगाबाद जिले में 2 महिला और 2 पुरुष समेत 4 लोगों की ठनका की चपेट में जान चली गई। नालंदा में वज्रपात से पकड़िया, कतरीसराय और अस्थावां में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। सुपौल जिले में तीन लोग वज्रपात के शिकार हो गए। वहीं, लखीसराय के चानन और हलसी में एक-एक व्यक्ति ने जान गंवा दी। पटना के धनरुआ व परसा बाजार में दो लोगों की मौत हो गई। उधर सासाराम के संझौली, बेगूसराय के परिहारा, गोपालगंज, समस्तीपुर, जमुई और पूर्णिया में एक-एक की जान चली गई। शेखपुरा जिले के बरबीघा के जाफरपुर गांव में आकाशीय बिजली से छह लोग झुलस गए। इनमें पांच बच्चे शामिल हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उमेश महतो के घर में शादी समारोह था। इसी दौरान हल्की बूंदाबांदी होने लगी। बारिश से बचने के लिए घर के पास बगीचा में सभी बैठे थे तभी ठनका गिरने से झुलस गए। वहीं भोजपुर के तरारी प्रखंड के बड़कागांव प्लस टू विद्यालय से सटे ताड़ के पेड़ पर ठनका गिरने से 18 छात्राओं की हालत बिगड़ गई। दहशत के चलते छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई और सभी गिरकर तड़पने लगीं। सभी को आनन-फानन में तरारी सामुदायिक स्वास्थ्य उपकेंद्र (सीएचसी) ले जाया गया। इनमें सात को गंभीर स्थिति में रेफर कर दिया गया।
मौसम का हाल : पटना समेत जिलों में आज भी बारिश के आसार, इन जिलों में भारी बारिश के साथ वज्रपात का अलर्ट*

डेस्क : देर से ही सही अब बिहार में मानसून ने जोर पकड़ लिया है। प्रदेश के तकरीबन सभी जिलों में बारिश हो रही है। वहीं आज शुक्रवार को सूबे के सभी जिलों में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं। इस बीच मौसम विभाग ने राज्य के कुछ जिलों के लिए बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है और लोगों को बारिश के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी है। मौसम विभाग के अनुसार आज शुक्रवार को राज्य के कुछ जिलों में गरज के साथ बारिश की संभावना है। इस दौरान किशनगंज और अररिया में भारी बारिश और पटना समेत दक्षिण-मध्य और दक्षिण पूर्व के कुछ भागों में गरज के साथ बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही साथ राज्य के तराई वाले क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अलर्ट है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बारिश के दौरान वज्रपात को लेकर लोगों को सतर्क रहने को कहा है। बारिश के दौरान जरुरत पड़ने पर ही घरों से निकलने की अपील की गई है।
जदयू में शामिल हुए पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को मिली बड़ी जिम्मेवारी, बनाया गया राष्ट्रीय महासचिव

डेस्क : बीते मंगलवार 9 जुलाई को पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा जदयू में शामिल हुए थे। उनके पार्टी में शामिल होने के बाद से ही ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि पार्टी में उन्हें बड़ी जिम्मेवारी मिलेगी। जिसपर आज मुहर लग गई है। मनीष वर्मा को जदयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने इसकी घोषणा की है। 

गौरतलब है कि 2000 बैच के उड़ीसा कैडर के आईएएस मनीष वर्मा नालंदा जिले के मूल निवासी है और सीएम नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते है। 

2000 में आईएएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग उडीसा के कालाहांडी के सब कलेक्टर के तौर पर हुई थी। 2012 में जब अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति के तहत मनीष वर्मा बिहार आए थे तभी उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। 

वो पटना, पूर्णिया सहित कई जिलों के डीएम भी बने फिर नीतीश कुमार के सचिव भी रह चुके हैं लेकिन 2018 में उन्होंने वीआरएस ले लिया और रिटायरमेंट के बाद राजनीति में एंट्री करने का मन बनाया।

बिहार में नौ सड़क व एक पुल परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ, जल्द ही एडीबी को सौंपी जाएगी डीपीआर

डेस्क : बिहार में नौ सड़क व एक पुल परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इन सड़क परियोजनाओं की डीपीआर तैयार हो गई है। अब पथ निर्माण विभाग चरणवार इन परियोजनाओं की प्रशासनिक मंजूरी देगा। इसके बाद एशियन विकास बैंक (एडीबी) को डीपीआर सौंपी जाएगी। जिसके बाद ही बिहार सरकार को एडीबी से 5100 करोड़ का कर्ज मिल सकेगा। एडीबी की टीम ने कर्ज देने की सैद्धांतिक सहमति पहले ही दे दी है। बनने वाली सड़कें राजकीय उच्च पथ (स्टेट हाईवे) और एमडीआर (वृहद जिला सड़क) है। इन सड़कों को दो लेन किया जाएगा। इन सड़कों का निर्माण एडीबी से मिलने वाले कर्ज से ही होगा।

एडीबी का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल और सीएस के साथ हुई बैठक में बनी थी सहमति

दरअसल बीते दिनों एडीबी का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल बिहार दौरे पर आया था। कार्यकारी निदेशक समीर कुमार खरे के नेतृत्व में आए इस शिष्टमंडल ने मुख्य सचिव के साथ बैठक की थी। उसी बैठक में राज्य की इन सभी दसों सड़क परियोजनाओं पर काम करने की सहमति बनी थी। कुल 482 किलोमीटर सड़क परियोजनाओं के लिए 5153 करोड़ की आवश्यकता है। बिहार राज्य पथ विकास निगम के प्रस्ताव पर एडीबी के अधिकारियों ने कर्ज लेने के लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने का सुझाव भी दिया था।

दो साल में निर्माण पूरा करने का लक्ष्य 

अगर अगस्त-सितम्बर तक तक कर्ज मिलने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई तो सितम्बर-अक्टूबर तक पथ विकास निगम और एडीबी में कर्ज पर समझौता हो जाएगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। दो साल के भीतर निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।