पशु चिकित्सालय का कब खुलेगा ताला, कब पशुपालकों को मिलेगी दवा
अमृतपुर फर्रुखाबाद। एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए पशु चिकित्सकों के लिए सख्त निर्देश दिए थे कि पशुओं की सही से देखभाल कर समय से टीकाकरण किया जाए लेकिन जब अस्पताल में ताला ही चढ़ा रहेगा तो कैसे पशुओं का इलाज होगा और पशुपालक प्राइवेट दवा लेने को मजबूर हैं।
विकासखंड राजेपुर की ग्राम पंचायत अमैयापुर में पशु चिकित्सालय का निर्माण सरकार द्वारा कराया गया था। वह सफेद हाथी जैसा साबित हो रहा है। लेकिन जब तक डॉक्टर कैलाश राजपूत अस्पताल में उपस्थित रहे तब तक पशुपालकों को समय से दवा उपलब्ध कराई गई। लेकिन जब से उनका ट्रांसफर अस्पताल से हुआ तब से पशुपालकों को ना तो दवा मिल रही है ना तो समय से टीकाकरण किया जा रहा है कई डॉक्टर आए चले गए। लेकिन अस्पताल का ताला तक नहीं खुला अस्पताल खंडर में साबित होता नजर आ रहा है। इस पर ना तो किसी जिला के अधिकारी की नजर है। और ना ही ब्लॉक स्तर पर बैठे पशु चिकित्सा प्रभारी इस बार बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं। पशुपालक प्राइवेट दवा लेने को मजबूर है। पुष्पेंद्र नेम सिंह मदनपाल नीरज शिवशरण आदि ग्रामीणों ने चिकित्सक पर आरोप लगाते हुए कहा कि आने वाली दवा भी प्राइवेट स्टोर वाले लोग यहां से ले जाते हैं। हम लोगों को तो किलनी मार दवाई तक नहीं मिलती है। जिससे जानवर पनप सके। वहीं गुड़ेरा निवासी सुधीर ने बताया कि मेरी भैंस के थना रोग है। मैं कई बार अस्पताल दौड़ कर गया वहां पर कोई भी नजर नहीं आया और मैं कई हजार रुपए की दवा प्राइवेट करवा चुका हूं। ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल में कोई भी डॉक्टर समय से नहीं आता है और ना ही कई महीनो से अस्पताल खुला है।
Jul 12 2024, 18:20