सीएम नीतीश कुमार ने किया एलान, जेपी गंगा पथ का मोकामा से कोईलवर तक होगा विस्तार

डेस्क : जेपी गंगा पथ का विस्तार मोकामा से कोईलवर तक किया जाएगा। इसके तहत दोनों ओर 122 किलोमीटर तक विस्तार होगा। इसके बाद पथ की लंबाई 143 किलोमीटर हो जाएगी। इसका एलान सीएम नीतीश कुमार ने बीते बुधवार को जेपी गंगा पथ के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान की है। उन्होंने कहा कि इसकी योजना बनाई जा रही है। कार्यक्रम में विस अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा, सांसद रविशंकर प्रसाद, सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार, नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, सीएम के सचिव अनुपम कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि, डीएम चन्द्रशेखर, पथ विकास निगम के एमडी शीर्षत कपिल अशोक आदि मौजूद थे।

पहले चरण में दीघा से दीदारगंज तक निर्माण किया जा रहा है। वहीं दूसरे चरण में दीघा से शेरपुर और दीदारगंज से करजान तक सड़क का विस्तार होगा। तीसरे चरण में करजान से मोकामा और शेरपुर से कोईलवर तक सड़क विस्तार होगा।

जेपी गंगी पथ की विस्तारीकरण योजना में पश्चिमी छोर पर दीघा-शेरपुर-कोईलवर तक 35 किलोमीटर में नया निर्माण होगा। पूर्वी छोर पर दीदारगंज-बख्तियारपुर-करजान-मोकामा तक 87.5 किलोमीटर में नयी सड़क बनेगी। इस समय जेपी गंगा पथ दीघा से दीदारगंज तक 20.5 किलोमीटर में निर्माण चल रहा है। इसमें कंगना घाट तक 15.5 किलोमीटर में आवागमन शुरू हो गया है। शेष भाग का निर्माण दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

दीघा से कोईलवर की लंबाई 35.5 किलोमीटर है। इसके तहत दीघा से शेरपुर के बीच एलिवेटेड रोड का निर्माण होगा। इसकी लंबाई 12.5 किलोमीटर है। शेरपुर से कोईलवर पुल के बीच की दूरी 23 किलोमीटर है। इसमें साढ़े चार किलोमीटर एलिवेटेड होगा और 18.5 किलोमीटर पथ-बंध (बांध पर सड़क) होगा। इस छोर पर जेपी गंगा पथ का छितनावां में चार लेन सम्पर्कता होगी। दूसरी ओर दीदारगंज से बख्तियारपुर-करजान-मोकामा कुल 87.5 किमी लंबा है। दीदारगंज से बख्तियारपुर के बीच 35 किलोमीटर एलिवेटेड होगा। बख्तियारपुर से करजान पुल तक 7.5 किमी एलिवेटेड होगा। इस छोर पर जेपी गंगा पथ का चार लेन सम्पर्कता फतुहा, खुशरूपुर, सालिमपुर व बख्तियारपुर में होगी।

बिहार में फिर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, आईए जानते है पिछले तकरीबन 45 साल से बने इस समस्या की क्या है वजह…

डेस्क : पिछले दो हफ्ते से नेपाल और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र में भारी बारिश होने के कारण नदियों के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश के बाद कोसी नदी उफना गई। इससे सुपौल, मधेपुरा और सहरसा जिले में बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है। मधेपुरा में आलमनगर तो सहरसा में सलखुआ के निचले इलाकों में पानी फैलने लगा है। खगड़िया जिले में कोसी और बागमती के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से कटाव तेज हो गया है। कटिहार जिले में महानंदा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है।

इधर, पूर्वी व पश्चिम चंपारण में गंडक उफान पर है तो सीतामढ़ी में बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर बराज से 4.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद गंडक का पानी दियारा क्षेत्र के गांवों में घुस गया है। बैरिया की बैजुआ पंचायत समेत अन्य गांवों के लोग पलायन करने लगे हैं। 

वहीं सिकटा नदी में उफान से त्रिवेणी नहर का तटबंध नौ किमी में तीन जगहों पर टूट गया है। तटबंध टूटने से सिकटा के सरेह में पानी फैल रहा है। सुपौल जिले के सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़-भपटियाही प्रखंडों के तटबंध के अंदर निचले इलाकों में पानी फैल गया है। लगभग तीन दर्जन से अधिक गांव में दो फीट पानी लोगों के आंगन और दरवाजे पर फैल गया है। 

बीते दिनों सीएम नीतीश कुमार ने जलमग्न क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। हालात का जायजा लेने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाके में तत्काल राहत पहुंचाने का सख्त निर्देश दिया। वहीं आपदा प्रबंधन विभाग को बाढ़ से निपटने को लेकर पूरी तैयारी रखने का निर्देश दिया है। 

आपदा प्रबंधन मंत्री बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा है कि आपदा विभाग स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं। गंभीर हालत होने पर आपदा से बचाव को लेकर तैयारियां पूरी है। 

पिछले तकरीबन 45 सालों बिहार लगातार हर साल बाढ़ से जूझ रहा है। हर साल सरकार की ओर से बाढ़ के निदान के बड़े-बड़े दावे किये जाते है। लेकिन बरसात का मौसम आते ही सारे दावे फेल हो जाते है। उत्तर बिहार के अधिकांश जिले और खासकर सीमांचल के इलाके में बाढ़ से भारी तबाही होती है। इस इलाके को लोगों को जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

आइए जानते हैं कि बिहार हर साल बाढ़ में क्यों डूब जाता है....

बिहार में बाढ़ के सबसे प्रमुख कारणों में पहला नेपाल में जब भी पानी का स्तर बढ़ता है वह अपने बांधों के दरवाजे खोल देता है। इसकी वजह से नेपाल से सटे बिहार के जिलों में बाढ़ आ जाती है। 

दूसरा फरक्का बराज बनने के बाद बिहार में नदी का कटाव बढ़ा है। सहायक नदियों द्वारा लाई गई गाद और गंगा में घटता जलप्रवाह समस्या को गंभीर बनाते हैं। बिहार में हिमालय से आने वाली गंगा की सहायक नदियां कोसी, गंडक और घाघरा बहुत ज्यादा गाद लाती हैं। इसे वे गंगा में अपने मुहाने पर जमा करती हैं। इसकी वजह से पानी आसपास के इलाकों में फैलने लगता है। नदी में गाद न हो और जलप्रवाह बना रहे तो ऐसी समस्या आए ही नहीं। 

तीसरा बड़ा कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई है। बिहार में जलग्रहण क्षेत्र (कैचमेंट एरिया) में पेड़ों की लगातार अंधाधुंध कटाई हो रही है। इसकी वजह से कैचमेंट एरिया में पानी रुकता ही नहीं। कोसी नदी का कैचमेंट एरिया 74,030 वर्ग किमी है। इसमें से 62,620 वर्ग किमी नेपाल और तिब्बत में है। सिर्फ 11,410 वर्ग किमी हिस्सा ही बिहार में है। पहाड़ों पर स्थित नेपाल और तिब्बत में ज्यादा बारिश होती है तो पानी वहां के कैचमेंट एरिया से बहकर बिहार में स्थित निचले कैचमेंट एरिया में आता है। पेड़ों के नहीं होने की वजह से पानी कैचमेंट एरिया में न रुककर आबादी वाले क्षेत्रों में फैल जाता है।

मानवी मधु बनीं देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने दारोगा के 1275 पदों के लिए वैकेंसी का फाइनल परिणाम किया जारी

 बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने दारोगा के 1275 पदों के लिए वैकेंसी का फाइनल परिणाम जारी कर दिया है। इस परिणाम में 3 ट्रांसजेंडर उम्मीदवार सफल हुए हैं, जिनमें बिहार की मानवी मधु कश्यप देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा बनी हैं। 3 सफल ट्रांसजेंडरों में से दो ट्रांसमेन हैं, जबकि मधु इकलौती ट्रांसवुमन हैं।

मानवी मधु कश्यप भागलपुर के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं तथा उन्होंने दारोगा भर्ती परीक्षा में चयनित होकर इतिहास रचा है। अपने चयन की खबर साझा करते हुए उन्होंने एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने कहा, "नमस्कार, मैं मानवी मधु कश्यप। आज मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरा चयन बिहार SI में हुआ है।"

मानवी ने आगे कहा, "इसके लिए मैं अपने आदरणीय मुख्यमंत्री, गुरु रहमान सर, रेशमा मैम, सुल्तान सर और अपने माता-पिता को बहुत धन्यवाद देती हूं। आज मैं बहुत खुश हूं क्योंकि ट्रांसजेंडर व्यक्ति के लिए यहां तक पहुंचना बहुत मुश्किल होता है। मेरे लिए भी यह सफर मुश्किल रहा, मगर मेरे गुरु और माता-पिता के समर्थन और हिम्मत के कारण मैं यहां तक पहुंच पाई हूं।"

बेगूसराय में सड़क हादसे में पांच लोगों की मौत पर सीएम नीतीश कुमार ने जताया गहरा शोक

डेस्क : बेगूसराय जिले के एफसीआई थाना क्षेत्र स्थित रतन चौक पर सड़क हादसे में पांच लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह घटना अत्यंत दुखद है। 

उन्होंने कहा है कि ईश्वर मृतक के परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करें।

बता दें बीते मंगलवार को बेगूसराय जिले में सड़क हादसे ने 5 परिवारों को उजाड़ दिया। मृतकों में सभी युवा थे। बेगूसराय में मंगलवार की सुबह NH-31 फोरलेन पर बीहट रतन चौक के पास कार और ऑटो में टक्कर हुई। इसमें ऑटो सवार 5 युवकों की मौत हो गई। 

ऑटो में 11 लोग सवार थे। हादसे से 1 मिनट पहले कार ने ऑटो को ओवरटेक करने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं कर पाया। इसके बाद कार ने फिर ओवरटेक करना चाहा। इसी दौरान कार की बॉडी ऑटो से टकराई और ज्यादा स्पीड होने की वजह से ऑटो पलट गया। जिसमें 5 की मौत हो गई।

मौसम का मिजाज : बिहार के सभी जिलों में आज बारिश के आसार, इन 4 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट

डेस्क : बीते मंगलवार को पटना में सुबह से ही मौसम का मिजाज बदल गया था। बादल छाए रहने के कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का एहसास हो रहा था, लेकिन दोपहर में राजधानी के कुछ जगहों पर हल्की बारिश हुई। इस कारण कुछ देर के लिए लोगों को गर्मी से राहत मिली। लेकिन उसके बाद फिर से लोगों को उमस भरी गर्मी का एहसास होने लगा। 

वहीं आज बुधवार को पटना सहित पूरे राज्य में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने किशनगंज, मधुबनी, सीतामढ़ी सुपौल में अति भारी बारिश जबकि उत्तर बिहार के कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

वहीं पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, अररिया, शिवहर, छपरा, मुजफ्फरपुर और वैशाली के अलावा बक्सर में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। दक्षिण बिहार कई स्थानों पर भी बारिश होने की संभावना जताई गई है। अधिकतम तापमान में बुधवार को दो से चार डिग्री गिरावट आ सकती है। 

पटना के अधिकतम तापमान में 0.7 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई। राजधानी का अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। हालांकि, पिछले दो दिनों से सूरज के तल्ख तेवर से लोगों को भीषण गर्मी का एहसास हो रहा था। लेकिन मंगलवार को सूरज के तल्ख तेवर में कमी आने के कारण लोगों को आंशिक तौर पर भीषण गर्मी से राहत मिली।

*जेपी गंगा पथ फेज-थ्री का आज सीएम करेंगे लोकार्पण, कंगन घाट में 400 मीटर लंबे एप्रोच रोड का हुआ है निर्माण*

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बुधवार को जेपी गंगा पथ के तीसरे फेज का लोकार्पण करेंगे। अभी जेपी गंगा पथ के 12.1 से 15.5 किलोमीटर के बीच (3.4 किमी) कंगन घाट तक बने स्ट्रेच का लोकार्पण होगा। 24 जून 2022 को पहले चरण में दीघा से पीएमसीएच तक और दूसरे चरण में पीएमसीएच से गायघाट तक 14 अगस्त 2023 को जेपी गंगा पथ लोकार्पण हुआ था। गायघाट से पटना घाट के बीच 4.5 किमी पुल निर्माण कर सड़क तैयार है। लेकिन पटना घाट में एप्रोच पथ नहीं बनने के कारण वहां तक आवागमन नहीं हो रहा है। लोग कंगन घाट के समीप बने एप्रोच रोड से थाना चौक होते हुए गुरुद्वारा के समीप तक जा सकेंगे। कंगन घाट में 400 मीटर लंबे एप्रोच रोड का निर्माण किया गया है। अशोक राजपथ को जोड़ने के लिए कृष्णा घाट के पास एप्रोच पथ बन रहा है।
रुपौली विस उपचुनाव : सुबह सात बजे से वोटिंग जारी, बूथों पर मतदाताओं की देखी जा रही लंबी कतार*


डेस्क : पूर्णिया के रुपौली विधानसभा सीट पर आज उपचुनाव हो रहा है। सुबह सात बजे से वोटिंग शुरु हो गई। मतदान के प्रति लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। सुबह से ही बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतार देखने को मिल रही है। रुपौली की जनता 11 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कर रही है। रुपौली सीट पर जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल, राजद प्रत्याशी बीमा भारती और निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह के बीच सीधा मुकाबला है। रुपौली में 321 मतदान केंद्रों पर 3 लाख 13 हजार 645 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें लोकसभा चुनाव में पूर्णिया से राजद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए रुपौली से विधायक रही बीमा भारती के विधायक पद से इस्तीफा देने से यह सीट खाली हुई थी। जिसपर आज उपचुनाव हो रहा है। बीमा भारती तीन बार जदयू के टिकट पर इस सीट से विधायक रह चुकी हैं और नीतीश कुमार ने बीमा भारती को 2015 के चुनाव के नतीजे के बाद मंत्री भी बनाया था। 2000 में भी बीमा भारती विधायक बनी थी लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वह चुनाव जीती थीं। पति अवधेश मंडल के बाहुबल के बदौलत बीमा भारती को जीत हासिल हुई थी। वहीं इसबार उन्हें पूर्णिया सांसद पप्पू यादव का भी समर्थन मिला है।
बड़ी खबर : बिहार में बड़े पैमाने पर BAS अधिकारियों का तबादला, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार में एकबार फिर बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेर-बदल किया गया है। बिहार प्रशासनिक सेवा के 22 अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

जारी अधिसूचना के अनुसार 20 अधिकारी बंदोबस्त पदाधिकारी बनाये गये हैं। ये सभी अपर सचिव, संयुक्त सचिव एवं मूल कोटि के अधिकारी हैं। वही दो जिले औरंगाबाद और सिवान के जिला परिवहन पदाधिकारी को भी बंदोबस्त पदाधिकारी बनाया गया है।

सिवान के डीटीओ कुमार विवेकानंद को पूर्वी चंपारण, मोतिहारी का बंदोबस्त पदाधिकारी बनाया गया है जबकि औरंगाबाद के डीटीओ शैलेश कुमार दास औरंगाबाद में ही बंदोबस्त अधिकारी बनाये गये हैं।

पश्चिम चंपारण, बेतिया के भूमि सुधार उप समाहर्ता कमला कांत त्रिवेदी को कैमूर भेजा गया है वही कैमूर के भूमि सुधार उप समाहर्ता आयुष अनंत को बेतिया भेजा गया है।
पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा जदयू में हुए शामिल, पार्टी में मिल सकती है बड़ी जिम्मेवारी

डेस्क : पूर्व आईएएस अधिकारी  मनीष वर्मा आज जदयू  में शामिल हो गये। जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और मंत्री विजय चौधरी ने मनीष वर्मा को पार्टी की सदस्यता दिलाई और जेडीयू में उनका स्वागत किया।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बुके देकर उनका पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि मनीष वर्मा जी का प्रशासनिक अनुभव रहा है इनका आना पार्टी के लिए और बेहतर होगा।

गौरतलब है कि 2000 बैच के उड़ीसा कैडर के आईएएस मनीष वर्मा की पहली पोस्टिंग कालाहांडी के सब कलेक्टर के तौर पर हुई थी। 2012 में जब अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति के तहत मनीष वर्मा बिहार आए थे तभी उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई।

वो पटना, पूर्णिया सहित कई जिलों के डीएम भी बने फिर नीतीश कुमार के सचिव भी रह चुके हैं लेकिन 2018 में उन्होंने वीआरएस ले लिया और रिटायरमेंट के बाद राजनीति में एंट्री करने का मन बनाया।

आज आखिरकार वो नीतीश की पार्टी जेडीयू में शामिल हो गये हैं। आज उन्होंने पार्टी सदस्यता हासिल की है। वो नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बहुत जल्द मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपेंगे।
सीएम नीतीश कुमार ने बख्तियार के विभिन्न जगहों पर चल रही योजनाओं का किया निरीक्षण, तेजी से काम पूरा करने का दिया निर्देश

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मंगलवार को अपने गृह क्षेत्र बख्तियारपुर का दौरा किया। जहां उन्होंने यहां के विभिन्न जगहों पर चलाई जा रही योजनाओं का निरीक्षण किया और तेजी से कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद संजय कुमार झा, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने बख्तियारपुर प्रखंड के घनसुरपुर स्थित गंगा चैनल के प्रस्तावित लिंक का निरीक्षण किया। घनसुरपुर से सीढ़ी घाट होते हुए रामनगर तक गंगा नदी की धारा को घाट से लिंक करने की कार्य योजना के संबंध में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्रीचैतन्य प्रसाद ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घनसुरपुर में पुराने चैनल को मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। घनसुरपुर से सीढ़ी घाट होते हुए रामनगर तक कराए जानेवाले जीर्णोद्धार तथा सुरक्षात्मक कार्यों, वृक्षारोपण, पार्क निर्माण आदि के संबंध में भी उन्होंने मुख्यमंत्री को जानकारी दी।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने बख्तियारपुर सीढ़ी घाट के पास निर्माणाधीन गंगा घाट एवं पाथ-वे का निरीक्षण किया। जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने मुख्यमंत्री को सीढ़ी घाट के समीप पक्का सुरक्षात्मक कार्य, घाट निर्माण एवं पाथ-वे निर्माण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा यहां बचपन बीता है। मैं इसी घाट पर स्नान करता था। इस घाट पर लोग धार्मिक कार्य करते रहे हैं। इसका सौंदर्गीकरण और निर्माण कार्य बेहतर ढंग से करें ताकि यहां आनेवाले लोगों को सुविधा हो। मुख्यमंत्री ने श्री राधा कृष्ण मंदिर, ठाकुरबाड़ी, सीढ़ी घाट में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-शांति की कामना की। मुख्यमंत्री ने पंडित शीलभद्र याजी मेमोरियल ट्रस्ट स्थित पंडित शीलभद्र याजी जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने बख्तियारपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया और बटन दबाकर ट्रीटमेंट प्लांट की शुरुआत की। बख्तियारपुर नगर निकाय के अंतर्गत आनेवाले 8 नालों के पानी का इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में शोधन होगा। बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से निकलनेवाले सीवरेज के पानी का भी इस प्लांट में शोधन होगा। इससे बख्तियारपुर नगर निकाय के सभी 27 वार्डों के नागरिक लाभान्वित होंगे। शोधित पानी को बगल में निर्मित पोखर में गिराया जायेगा, इससे जल संरक्षण भी होगा। यहां पौधारोपण भी करायें जिससे यह क्षेत्र हरा-भरा दिखेगा।

सीएम ने बख्तियारपुर स्थित गणेश हाईस्कूल (10+2 स्तरीय) विद्यालय भवन (Ground+4) के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्माण कार्य तेजी से और बेहतर ढंग से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि चहारदीवारी को और ऊँचा करें तथा जो जमीन नीचे है, उसमें मिट्टी भराकर उसे समतल करें ताकि जलजमाव नहीं हो। पौधारोपण भी करायें ताकि परिसर अच्छा दिखे और पर्यावरण के लिये भी यह अनुकूल रहेगा।

उन्होंने बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के पास निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज का निरीक्षण कर निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना के पूर्ण होने से बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज का 4 लेन सड़क से सीधा संपर्क स्थापित होगा और बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज तक आना-जाना आसान हो जाएगा।