मुस्लिम महिला भी पति से मांग सकती है गुजारा भत्ता, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

#sc_verdict_muslim_women_seek_maintenance_husband_under_section_125_crpc

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुस्लिम महिलाओं के हक में एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उन मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिली है जिनका तलाक हो चुका है या पति से अलग रहने को मजबूर हैं। अदालत ने कहा कि कोई भी मुस्लिम तलाकशुदा महिला पति से गुजारे भत्ता मांग सकती है। इसके लिए महिलाएं सीआरपीसी की धारा 125 के तहत याचिका दायर कर सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले पर अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि यह कानून हर धर्म की महिलाओं के लिए लागू होता है।

बता दें कि जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने इस मामले पर सुनवाई की। दोनों जजों ने अलग-अलग फैसले सुनाए। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने अलग-अलग, लेकिन एक जैसा फैसला दिया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने अपने फैसले में कहा कि कुछ पति इस तथ्य से अवगत नहीं हैं कि पत्नी, जो एक गृहिणी होती है लेकिन इन होम मेकर्स की पहचान भावनात्मक और अन्य तरीकों से उन पर ही निर्भर होती है।

न्यायमूर्ति नागरत्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा, "धारा 125 सभी महिलाओं पर लागू होगी, न कि सिर्फ विवाहित महिलाओं पर।" पीठ ने कहा कि भरण-पोषण दान नहीं बल्कि विवाहित महिलाओं का अधिकार है और यह सभी विवाहित महिलाओं पर लागू होता है, चाहे वे किसी भी धर्म की हों।

सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने एक मुस्लिम शख्स की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सीआरपीसी की धारा 125 के तहत अपनी तलाकशुदा पत्नी के पक्ष में अंतरिम भरण-पोषण आदेश को चुनौती दी गई थी। दरअसल, तेलंगाना हाईकोर्ट ने मोहम्मद अब्दुल समद को अपनी तलाकशुदा पत्नी को हर महीने 10 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने के आदेश दिया था, जिसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। मोहम्मद अब्दुल समद नाम के शख्स ने याचिका दायर की थी। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया।

ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बंगाल में सीबीआई की एंट्री मामले में केंद्र के खिलाफ याचिका पर होगी सुनवाई

#supreme_court_gives_relief_to_mamata_banerjee_govt

पश्चिम बंगाल में सीबीआई जांच के खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 1 मई को याचिका लगाई थी। कोर्ट ने 8 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज यानी 10 जुलाई को कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य माना। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया कि, यह अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को राहत दी है। 

ममता सरकार का आरोप है कि राज्य के अधीन आने वाले मामलों को सीबीआई जांच के लिए भेजी जाती है। इसके बाद उन मामलों की एकतरफा जांच होती है। वहीं, इन मामलों पर केद्र सरकार हस्तक्षेप करती है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने माना कि इस याचिका पर सुनवाई होनी चाहिए।

कोर्ट ने कहा- बंगाल सरकार ने कानूनी पहलू उठाया है जिस पर विचार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही बेंच ने कहा कि, जब राज्य सरकार ने CBI जांच के लिए दी गई अपनी परमीशन को वापस ले लिया तो फिर एजेंसी वहां के मामलों में केस क्यों दर्ज कर रही है।

बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट सीबीआई के राज्य में जांच के अधिकार क्षेत्र की समीक्षा करेगा। शीर्ष अदालत बंगाल सरकार की याचिका पर मेरिट के आधार पर आगे सुनवाई करेगी। वह 13 अगस्त को यह तय करेगी कि किन-किन मुद्दों पर सुनवाई की जाए। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सितंबर में अगली सुनवाई करेगा।

भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच बने गौतम गंभीर, देश से किया ये वादा

#gautam_gambhir_team_india_head_coach

टीम इंडिया को नया हेड कोच मिल गया है। 2007 और 2011 की टी-20 और वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन भारतीय टीम के सदस्य रहे पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के नए हेड कोच बन गए हैं। बीसीसीआई ने मंगलवार को गौतम गंबीर के नाम का मुख्य कोच के तौर पर ऐलान किया। इसके साफ ही गौतम गंभीर को लेकर लगाए जा रहे तमाम कयासों पर विराम लग गया है। गौतम गंभीर ने राहुल द्रविड़ की जगह ली जिनका कार्यकाल टी20 वर्ल्ड कप के बाद खत्म हो गया। द्रविड़ के कार्यकाल में टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनी और अब इस महाजीत के 11 दिन बाद ही टीम को गौतम गंभीर के रूप में नया हेड कोच मिल गया है।

भारतीय टीम के टी20 विश्व कप 2024 का खिताब जीतने के साथ ही राहुल द्रविड़ का बतौर हेड कोच कार्यकाल समाप्त हो गया था। इसके बाद हेड कोच की पद खाली थी और इसको लेकर लगातार चर्चा चल रही थी। गौतम गंभीर का भारत के हेड कोच बनने की रेस में नाम सबसे ऊपर था और आज इंतजार खत्म हुआ। बीसीसीआई ने गंभीर को भारत का हेड कोच बना दिया।

टीम इंडिया के हेड कोच बनने के बाद गौतम गंभीर का पहला रिएक्शन भी सामने आया है। उन्होंने अपने एक्स पर भारत के झंडे की तस्वीर के साथ कैप्शन में अपना लक्ष्य साफ बता दिया है। गौतम गंभीर ने टीम इंडिया का हेड कोच बनते ही देश के करोड़ों क्रिकेट फैंस से अपना बेस्ट करने का वादा किया। गंभीर ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘भारत मेरी पहचान है और अपने देश की सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा है। अलग कैप पहनने के बावजूद वापस आकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। लेकिन मेरा लक्ष्य वही है जो हमेशा से रहा है, हर भारतीय को गौरवान्वित करना। नीली जर्सी वाले खिलाड़ियों के कंधों पर 1.4 अरब भारतीयों के सपने हैं और मैं इन सपनों को साकार करने के लिए सब कुछ करूंगा।’

गौतम गंभीर एक अनुभवी और सफल क्रिकेट खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में बड़ी सफलताएं हासिल की। उनके पास खेल की गहरी समझ है। साल 2003 में भारतीय नेशनल टीम के लिए डेब्यू करने वाले गंभीर ने सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी दृढ़ता और कौशल से जल्द ही छाप छोड़ी। बतौर बल्लेबाज टीम इंडिया को साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप और 2011 में वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका अदा की। इसके साथ-साथ उन्होंने 6 मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की और उन्होंने हर मैच जीता. मतलब बतौर भारतीय कप्तान उनका सक्सेस रेट 100 फीसदी है। गौतम गंभीर के खेल में सौरव गांगुली की झलक दिखती है। वह ऑस्ट्रेलियाई माइंडसेट से खेलते हैं। एग्रेसिव प्लानिंग करते हैं। मैदान पर उनके बिहेवियर से लेकर फैसलों में इसकी झलक मिल जाती है। उनके खुद के खेलने का अनुभव और टीम इंडिया में भावनाओं, दबावों और जरूरतों को समझने की ताकत से गंभीर काफी आगे जा सकते हैं।

गौतम गंभीर को उनकी लीडरशिप क्षमता के लिए पहचाना जाता है। वे फील्ड पर बेहद आक्रामकता के साथ टीम लीड करते हैं। गंभीर को नेशनल टीम के साथ कप्तान के तौर पर अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने का मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने अपनी कप्तानी का लोहा तब मनवाया जब उन्होंने आईपीएल में केकेआर को दो-दो बार चैंपियन बनाया। पहली बार लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए कोचिंग में हाथ आजमाया और लगातार दो सीजन टीम प्लेऑफ में पहुंची। केकेआर का मेंटॉर बनकर टीम को तीसरा खिताब दिलाया।

मोदी-पुतिन की मुलाकात के बाद अमेरिका का बड़ा बयान, कहा-भारत के पास है रूस-यूक्रेन युद्ध रूकवाने की क्षमता

#us_says_india_pm_modi_has_ability_to_urge_russia_putin_to_end_ukraine_war 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा समाप्त हो चुकी है। पीएम मोदी के रूस दौरे पर पुरी दुनिया की नजर थी। भारत के पश्चिमी सहयोगियों के साथ-साथ चीन तक की इस पर नजर थी। रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है। ऐसे में पीएम मोदी के रूस के बाद मेरिका ने बड़ा बयान दिया है। अमेरिका ने इस बात को माना है कि भारत रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म कराने की ताकत रखता है।अमेरिका ने कहा है कि भारत का एक ऐसा देश है जो रूस से यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की अपील कर सकता है।

रॉयटर्स के मुताबिक व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरिन जीन-पियरे ने मंगलवार को कहा कि रूस के साथ भारत के रिश्ते इतने मजबूत है कि भारत रूस और यू्क्रेन के बीच युद्ध खत्म कराने की ताकत रखता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त करने का आग्रह करने की ताकत रखते हैं।

कैरिन जीन-पियरे ने भारत हमारा एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करते हैं, जिसमें रूस के साथ उनके संबंध भी शामिल हैं और हमने इस बारे में पहले भी बात की है। यह महत्वपूर्ण है कि भारत सहित सभी देश यूक्रेन के मामले में एक स्थायी और न्यायपूर्ण शांति को साकार करने के प्रयासों का समर्थन करें। इस युद्ध को समाप्त करना राष्ट्रपति पुतिन का काम है। राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध शुरू किया और वे ही इस युद्ध को समाप्त कर सकते हैं।’

व्हाइट हाउस प्रवक्ता जीन-पियरे ने यह टिप्पणी उस समय की, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि मासूम बच्चों की मौत दर्दनाक और भयावह है। यह घटना यूक्रेन की राजधानी कीव में बच्चों के अस्पताल पर हुए घातक हमले के एक दिन बाद हुई। इसे लेकर पुतिन की चहुंओर आलोचना हुई।

दरअसल, यूक्रेन-रूस जंग पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुतिन को स्पष्ट संदेश दिया है। पीएम मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं है। बम, बंदूकों और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती। पुतिन के साथ वार्ता से पहले रपीएम मोदी ने यूक्रेन में बच्चों के एक अस्पताल पर बम हमले का जिक्र किया था और कहा था कि बेगुनाह बच्चों की मौत हृदय-विदारक और बहुत पीड़ादायी है। बता दें कि एक दिन पहले ही कीव में बच्चों के एक अस्पताल पर एक संदिग्ध रूसी मिसाइल से हमला किया गया, जिस पर वैश्विक स्तर पर नाराजगी जताई गई है।

ऑस्ट्रिया पहुंचे पीएम मोदी का भव्य स्वागत, वियना में गूंजा वंदे मातरम

#pm_modi_received_a_grand_welcome_in_austria 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर ऑस्ट्रिया पहुंचे हैं। चार दशक से अधिक समय के अंतराल के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना पहुंचा है। ऐ. में ये यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। रूस के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर ऑस्ट्रिया पहुंचे। इस दौरान राजधानी वियना में पीएम मोदी का ग्रैंड वेलकम हुआ। एयरपोर्ट पर ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री एलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने मोदी का स्वागत किया। वियना एयरपोर्ट पर पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद पीएम मोदी होटल रिट्ज कार्लटन पहुंचे। होटल में पीएम मोदी के स्वागत में वंदे मातरम की धुन बजाई गई, जिससे वियाना गूंज उठा।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी स्टेट डिनर के लिए ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर से मिलने पहुंचे। डिनर के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वान डर बेले से भी मुलाकात करेंगे।

ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने ट्वीट कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वियना में आपका स्वागत है। ऑस्ट्रिया में आपका स्वागत करना हमारे लिए खुशी और सम्मान की बात है। ऑस्ट्रिया और भारत मित्र व साझेदार हैं. मैं आपकी यात्रा के दौरान हमारी राजनीतिक और आर्थिक चर्चाओं की प्रतीक्षा कर रहा हूं।

ऑस्ट्रिया पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध में ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने लिखा कि ऑस्ट्रिया की यह यात्रा विशेष है। हमारे देश साझा मूल्यों और एक बेहतर ग्रह के प्रति प्रतिबद्धता से जुड़े हुए हैं। चांसलर कार्ल नेहमर के साथ वार्ता और भारतीय समुदाय के साथ बातचीत सहित ऑस्ट्रिया में विभिन्न कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं।' 

पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और ऑस्ट्रिया राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। इस यात्रा से ऑस्ट्रिया और भारत के संबंध मजबूत होने की उम्मीद है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, 'यह यात्रा हमें आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों को संबोधित करने में मदद करने के साथ हमारी साझेदारी को व्यापक बनाने में मदद करेगी। क्वात्रा ने कहा कि ऑस्ट्रिया मध्य यूरोप का एक प्रमुख देश है। ऑस्ट्रिया बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी, स्टार्ट-अप और मीडिया और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में सहयोग के बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। क्वात्रा ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मध्य यूरोपीय देश है। यहां अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO), ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC), और यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन का मुख्यालय है। यह यात्रा फरवरी में भारत-ऑस्ट्रिया स्टार्टअप ब्रिज के लॉन्च होने के कुछ महीनों बाद हो रही है। इस ब्रिज का उद्देश्य दोनों देशों में स्टार्टअप्स के बीच सहयोग और ज्ञान को साझा करना है।

पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने तथा कई भू-राजनीतिक चुनौतियों पर करीबी सहयोग के रास्ते तलाशेंगे। पीएम मोदी का वियना का यह दौरा बेहद खास है। दरअसल, 41 साल से अधिक समय में मध्य यूरोपीय राष्ट्र ऑस्ट्रिया की यात्रा करने वाले नरेंद्र मोदी ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले 1983 में इंदिरा गांधी ने आस्ट्रिया, वियना का दौरा किया था। इस यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश मंत्री जयशंकर भी गए हैं।

पुतिन ने पीएम मोदी को रूसी न्यूक्लियर एनर्जी हब दिखाया, एटम सेंटर भी लेकर गए; परमाणु पनडुब्बी के मॉडल के बारे में दी जानकारी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन जंग के बीच 2 दिन के रूस दौरे पर हैं। उन्होंने यात्रा के दूसरे दिन क्रेमलिन में विश्वयुद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है। इसके बाद वे रूस के एटम पवेलियन पहुंचे। इसे रूसी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का हब कहा जाता है।

इसके पहले मोदी ने मॉस्को में भारतवंशियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा- चुनौती को चुनौती देना मेरे DNA में है। पीएम ने कहा- 'मैं अपने साथ हिंदुस्तान की मिट्टी की महक लेकर आया हूं। 140 करोड़ देशवासियों का प्यार लेकर आया हूं। भारत-रूस के बीच अनोखा रिश्ता है। रूस का नाम सुनते ही भारतीयों के मन में आता है, हमारा सुख-दुख का साथी।'

दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर नाराजगी जताई है। उन्होंने मोदी के दौरे को यूक्रेन में शांति की कोशिशों को बड़ा झटका बताया।

उन्होंने सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा, दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया के सबसे खूनी नेता को गले लगाना निराशाजनक है।
संसद के अंदर बंद करके राहुल गांधी को मारने चाहिए थे थप्पड़...भाजपा विधायक ने दिया विवादित बयान, जानें क्या है पूरा मामला


हाल ही में संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिंदू धर्म को लेकर एक बयान दिया था, जिसपर जमकर बवाल मचा. अब उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक भरत शेट्टी ने विवादित बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की संसद के अंदर बंद करके पिटाई करनी चाहिए.

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मुद्दे पर बोलते हुए मैंगलोर सिटी नॉर्थ के विधायक भरत शेट्टी ने कहा, "विपक्ष के नेता राहुल गांधी को संसद के अंदर बंद करके थप्पड़ मारना चाहिए. ऐसा करने से सात से आठ एफआईआर दर्ज हो जाएंगी. अगर विपक्ष के नेता राहुल गांधी मैंगलोर शहर आते हैं तो हम उनके लिए भी यही व्यवस्था करेंगे."


राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए बीजेपी विधायक ने कहा, "पागल को नहीं पता कि अगर भगवान शिव ने अपनी तीसरी आंख खोली तो वह (एलओपी) भस्म हो जाएंगे. उन्होंने हिंदू विरोधी नीति अपनाई है. यह स्पष्ट है कि एलओपी राहुल गांधी एक पागल है. उसे लगता है कि वह हिंदूओं के बारे में जो कुछ भी कहेगा, हिंदू चुपचाप सुन लेंगे. अगर वह संसद में बोलेगा तो स्थानीय नेता यहां अपनी दुम हिलाना शुरू कर देंगे."


भरत शेट्टी ने कहा कि हिंदू धर्म और संस्थाओं की रक्षा करना बीजेपी का कर्तव्य है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने यह संदेश देना शुरू कर दिया है कि हिंदू और हिंदुत्व अलग-अलग हैं. ऐसे नेताओं की वजह से भविष्य में हिंदुओं को खतरा होगा.” शेट्टी ने आगे आरोप लगाया कि राहुल गांधी जिस इलाके का दौरा करते हैं उसके आधार पर अपना रुख बदल लेते हैं. उन्होंने कहा, "जब वह गुजरात आते हैं तो विपक्ष के नेता राहुल गांधी भगवान शिव के परम भक्त बन जाते हैं."
पीएम मोदी को मिला रूस का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, राष्ट्रपति पुतिन ने 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से नवाजा
#pm_narendra_modi_awarded_russia_biggest_civilian_honour_order
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से नवाजे गए हैं।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया।

रूस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। भारत-रूस की सदियों पुरानी गहरी मित्रता का उदाहरण है यह हमारी स्पेशल प्रीवलेज पार्टनरशिप का सम्मान है। पिछले लगभग ढाई दशक से आपके नेतृत्व में भारत-रूस के संबंध सभी दिशाओं में मजबूत हुए हैं। हर बार नई उंचाइयों को प्राप्त करते रहे हैं। आपने दोनों देशों के बीच जिन संबंधों की नींव रखी थी, वो और निखरी है। पारस्परिक सहयोग हमारे लोगों की बेहतर भविष्य की उम्मीद और गारंटी रहा है। हमने सभी क्षेत्रों में आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए नए और महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

सेंट एंड्रयू को जीसस का पहला दूत और रूस का संरक्षक संत माना जाता है। उन्हीं के सम्मान में साल 1698 में इस अवॉर्ड की शुरुआत सार पीटर द ग्रेट ने की थी। ये सम्मान सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए दिया जाता है।पीएम मोदी को मिला यह पुरस्कार इस बात का प्रमाण है कि रूस और भारत के बीच एक खास रणनीतिक साझेदारी विकसित करने और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में उन्होंने विशेष योगदान दिया है।
दूल्हा-दुल्हन की सुहागरात की रील वायरल, सोशल मीडिया पर मच गया तहलका, लोग बोले- अब बचा ही क्या


सोशल मीडिया का जुनून लोगों  पर कुछ इस कदर सवार है कि किसी भी हद को पर करने से बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाते हैं। आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई ऐसी फोटो और वीडियो सामने आ जाती है जिन्हें देखकर दिमाग हिल जाता है।

आज ऐसे ही वायरल हो रहे वीडियो के बारे में बता रहे हैं, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। दरअसल,व्लॉगिंग और रील का जुनून लोगों के सर पर ऐसा सवार है कि इसके लिए वह कुछ भी करने से पीछे नहीं हटते हैं। हाल ही में एक वीडियो काफी ज्यादा चर्चाओं में आ गया है, जिसमें जोड़ा अपनी सुहागरात की प्राइवेट वीडियो को शेयर कर देता है।


वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से नव विवाहित यह जोड़ा अपनी प्राइवेट सुहागरात हो पब्लिकली कर देता है। वायरल हो रहे वीडियो में वह सब चीज बताई जाती है जो नव विवाहित अपनी सुहागरात में करते हुए नजर आते हैं यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है।

वीडियो में एक कपल दिखाई दे रहा है, ऐसा लग रहा है कि दोनों की शादी हाल ही में हुई है। दूल्हा, दुल्हन से पूछ रहा है कैसी रही हमारी सुहागरात? इसपर दुल्हन ने जवाब दिया अभी हुई कहां है? इसपर दूल्हे ने कहा हां, ये बात तो है कि अभी हुई कहां है। इसके बाद दोनों बेड की ओर गए और सजावट दिखाने लगे। इस वीडियो को सुनंनदा रॉय नाम की एक महिला ने X पर शेयर किया है।


सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद से ही काफी ज्यादा चर्चाओं का विषय बना हुआ है लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नजर आ रहे हैं। कई ने तो लिखा है कि अब इसके बाद बचा ही क्या है? लोग पॉपुलर होने के चलते अपनी प्राइवेट चीजों को भी पब्लिक के साथ में शेयर कर देते हैं। इस तरह के वीडियो पहले भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सुर्खियां बटोर चुके हैं।
हाथरस में हुए भगदड़ में 121 लोगों की मौत मामले की सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, याचिका में विशेषज्ञ समिति से जांच की मांग



सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह हाथरस भगदड़ की घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की नियुक्ति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी.

अधिवक्ता विशाल तिवारी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष अपनी याचिका का उल्लेख किया. पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे. तिवारी ने कहा कि सौ से अधिक लोगों की जान चली गई है और उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि उनकी याचिका को तत्काल सूचीबद्ध किया जाए. सीजेआई ने कहा कि उन्होंने याचिका को सूचीबद्ध करने के संबंध में आदेश दे दिए हैं और इसे सूचीबद्ध किया जाएगा.

हाथरस जिले की सिकंदरा राव तहसील के रतिभानपुर गांव में एक अस्थायी तंबू में धार्मिक उपदेशक और उनकी पत्नी के संबोधन के दौरान भगदड़ मच गई. याचिका में कहा गया है कि इस तरह की घटना प्रथम दृष्टया सरकारी अधिकारियों द्वारा जिम्मेदारी की गंभीर चूक, लापरवाही और जनता के प्रति देखभाल के कर्तव्य की कमी को दर्शाती है.

याचिका में कहा गया है कि सरकारी अधिकारियों की ओर से यांत्रिक विफलता, चूक और लापरवाही बरती गई है, क्योंकि उन्होंने सभा के संबंध में सुरक्षा और बचाव उपायों की निगरानी नहीं की. याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को 2 जुलाई की घटना पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने और अधिकारियों और अन्य के खिलाफ उनके लापरवाह आचरण के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है.


याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह सभी राज्य सरकारों को निर्देश दे कि वे ब्लॉक/तहसील से लेकर जिला स्तर तक भगदड़ की घटनाओं से निपटने के लिए उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति प्रस्तुत करें. याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन उनसे कोई सीख नहीं ली गई है. इसलिए जांच करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए न्यायिक आयोग की नियुक्ति का आदेश देना महत्वपूर्ण है.

याचिका में कहा गया, ‘भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े धार्मिक आयोजनों की परंपरा है. अक्सर, हजारों भक्त एक तंग जगह पर इकट्ठा होते हैं, जहां कोई बुनियादी सुविधाएं नहीं होतीं. यहां तक कि आपातकालीन स्थिति में प्रवेश या निकास द्वार भी नहीं होते. कभी-कभी, इन आयोजनों के आयोजकों के पास स्थानीय अधिकारियों के साथ उचित संचार की कमी होती है. इसके परिणामस्वरूप अक्सर जानलेवा भगदड़ मच जाती है.’


याचिका में कहा गया है कि भगदड़ की इस भयावह घटना से कई सवाल उभर कर सामने आए हैं. इससे राज्य सरकार और नगर निगम की ड्यूटी और चूक पर सवाल उठते हैं. पिछले एक दशक से हमारे देश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें कुप्रबंधन, ड्यूटी में चूक, लापरवाह रखरखाव गतिविधियों के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है, जिन्हें टाला जा सकता था.