पुतिन ने पीएम मोदी को रूसी न्यूक्लियर एनर्जी हब दिखाया, एटम सेंटर भी लेकर गए; परमाणु पनडुब्बी के मॉडल के बारे में दी जानकारी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन जंग के बीच 2 दिन के रूस दौरे पर हैं। उन्होंने यात्रा के दूसरे दिन क्रेमलिन में विश्वयुद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है। इसके बाद वे रूस के एटम पवेलियन पहुंचे। इसे रूसी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का हब कहा जाता है।

इसके पहले मोदी ने मॉस्को में भारतवंशियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा- चुनौती को चुनौती देना मेरे DNA में है। पीएम ने कहा- 'मैं अपने साथ हिंदुस्तान की मिट्टी की महक लेकर आया हूं। 140 करोड़ देशवासियों का प्यार लेकर आया हूं। भारत-रूस के बीच अनोखा रिश्ता है। रूस का नाम सुनते ही भारतीयों के मन में आता है, हमारा सुख-दुख का साथी।'

दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर नाराजगी जताई है। उन्होंने मोदी के दौरे को यूक्रेन में शांति की कोशिशों को बड़ा झटका बताया।

उन्होंने सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा, दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया के सबसे खूनी नेता को गले लगाना निराशाजनक है।
संसद के अंदर बंद करके राहुल गांधी को मारने चाहिए थे थप्पड़...भाजपा विधायक ने दिया विवादित बयान, जानें क्या है पूरा मामला


हाल ही में संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिंदू धर्म को लेकर एक बयान दिया था, जिसपर जमकर बवाल मचा. अब उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक भरत शेट्टी ने विवादित बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की संसद के अंदर बंद करके पिटाई करनी चाहिए.

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मुद्दे पर बोलते हुए मैंगलोर सिटी नॉर्थ के विधायक भरत शेट्टी ने कहा, "विपक्ष के नेता राहुल गांधी को संसद के अंदर बंद करके थप्पड़ मारना चाहिए. ऐसा करने से सात से आठ एफआईआर दर्ज हो जाएंगी. अगर विपक्ष के नेता राहुल गांधी मैंगलोर शहर आते हैं तो हम उनके लिए भी यही व्यवस्था करेंगे."


राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए बीजेपी विधायक ने कहा, "पागल को नहीं पता कि अगर भगवान शिव ने अपनी तीसरी आंख खोली तो वह (एलओपी) भस्म हो जाएंगे. उन्होंने हिंदू विरोधी नीति अपनाई है. यह स्पष्ट है कि एलओपी राहुल गांधी एक पागल है. उसे लगता है कि वह हिंदूओं के बारे में जो कुछ भी कहेगा, हिंदू चुपचाप सुन लेंगे. अगर वह संसद में बोलेगा तो स्थानीय नेता यहां अपनी दुम हिलाना शुरू कर देंगे."


भरत शेट्टी ने कहा कि हिंदू धर्म और संस्थाओं की रक्षा करना बीजेपी का कर्तव्य है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने यह संदेश देना शुरू कर दिया है कि हिंदू और हिंदुत्व अलग-अलग हैं. ऐसे नेताओं की वजह से भविष्य में हिंदुओं को खतरा होगा.” शेट्टी ने आगे आरोप लगाया कि राहुल गांधी जिस इलाके का दौरा करते हैं उसके आधार पर अपना रुख बदल लेते हैं. उन्होंने कहा, "जब वह गुजरात आते हैं तो विपक्ष के नेता राहुल गांधी भगवान शिव के परम भक्त बन जाते हैं."
पीएम मोदी को मिला रूस का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, राष्ट्रपति पुतिन ने 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से नवाजा
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से नवाजे गए हैं।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया।

रूस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। भारत-रूस की सदियों पुरानी गहरी मित्रता का उदाहरण है यह हमारी स्पेशल प्रीवलेज पार्टनरशिप का सम्मान है। पिछले लगभग ढाई दशक से आपके नेतृत्व में भारत-रूस के संबंध सभी दिशाओं में मजबूत हुए हैं। हर बार नई उंचाइयों को प्राप्त करते रहे हैं। आपने दोनों देशों के बीच जिन संबंधों की नींव रखी थी, वो और निखरी है। पारस्परिक सहयोग हमारे लोगों की बेहतर भविष्य की उम्मीद और गारंटी रहा है। हमने सभी क्षेत्रों में आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए नए और महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

सेंट एंड्रयू को जीसस का पहला दूत और रूस का संरक्षक संत माना जाता है। उन्हीं के सम्मान में साल 1698 में इस अवॉर्ड की शुरुआत सार पीटर द ग्रेट ने की थी। ये सम्मान सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए दिया जाता है।पीएम मोदी को मिला यह पुरस्कार इस बात का प्रमाण है कि रूस और भारत के बीच एक खास रणनीतिक साझेदारी विकसित करने और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में उन्होंने विशेष योगदान दिया है।
दूल्हा-दुल्हन की सुहागरात की रील वायरल, सोशल मीडिया पर मच गया तहलका, लोग बोले- अब बचा ही क्या


सोशल मीडिया का जुनून लोगों  पर कुछ इस कदर सवार है कि किसी भी हद को पर करने से बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाते हैं। आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई ऐसी फोटो और वीडियो सामने आ जाती है जिन्हें देखकर दिमाग हिल जाता है।

आज ऐसे ही वायरल हो रहे वीडियो के बारे में बता रहे हैं, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। दरअसल,व्लॉगिंग और रील का जुनून लोगों के सर पर ऐसा सवार है कि इसके लिए वह कुछ भी करने से पीछे नहीं हटते हैं। हाल ही में एक वीडियो काफी ज्यादा चर्चाओं में आ गया है, जिसमें जोड़ा अपनी सुहागरात की प्राइवेट वीडियो को शेयर कर देता है।


वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से नव विवाहित यह जोड़ा अपनी प्राइवेट सुहागरात हो पब्लिकली कर देता है। वायरल हो रहे वीडियो में वह सब चीज बताई जाती है जो नव विवाहित अपनी सुहागरात में करते हुए नजर आते हैं यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है।

वीडियो में एक कपल दिखाई दे रहा है, ऐसा लग रहा है कि दोनों की शादी हाल ही में हुई है। दूल्हा, दुल्हन से पूछ रहा है कैसी रही हमारी सुहागरात? इसपर दुल्हन ने जवाब दिया अभी हुई कहां है? इसपर दूल्हे ने कहा हां, ये बात तो है कि अभी हुई कहां है। इसके बाद दोनों बेड की ओर गए और सजावट दिखाने लगे। इस वीडियो को सुनंनदा रॉय नाम की एक महिला ने X पर शेयर किया है।


सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद से ही काफी ज्यादा चर्चाओं का विषय बना हुआ है लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नजर आ रहे हैं। कई ने तो लिखा है कि अब इसके बाद बचा ही क्या है? लोग पॉपुलर होने के चलते अपनी प्राइवेट चीजों को भी पब्लिक के साथ में शेयर कर देते हैं। इस तरह के वीडियो पहले भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सुर्खियां बटोर चुके हैं।
हाथरस में हुए भगदड़ में 121 लोगों की मौत मामले की सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, याचिका में विशेषज्ञ समिति से जांच की मांग



सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह हाथरस भगदड़ की घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की नियुक्ति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी.

अधिवक्ता विशाल तिवारी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष अपनी याचिका का उल्लेख किया. पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे. तिवारी ने कहा कि सौ से अधिक लोगों की जान चली गई है और उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि उनकी याचिका को तत्काल सूचीबद्ध किया जाए. सीजेआई ने कहा कि उन्होंने याचिका को सूचीबद्ध करने के संबंध में आदेश दे दिए हैं और इसे सूचीबद्ध किया जाएगा.

हाथरस जिले की सिकंदरा राव तहसील के रतिभानपुर गांव में एक अस्थायी तंबू में धार्मिक उपदेशक और उनकी पत्नी के संबोधन के दौरान भगदड़ मच गई. याचिका में कहा गया है कि इस तरह की घटना प्रथम दृष्टया सरकारी अधिकारियों द्वारा जिम्मेदारी की गंभीर चूक, लापरवाही और जनता के प्रति देखभाल के कर्तव्य की कमी को दर्शाती है.

याचिका में कहा गया है कि सरकारी अधिकारियों की ओर से यांत्रिक विफलता, चूक और लापरवाही बरती गई है, क्योंकि उन्होंने सभा के संबंध में सुरक्षा और बचाव उपायों की निगरानी नहीं की. याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को 2 जुलाई की घटना पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने और अधिकारियों और अन्य के खिलाफ उनके लापरवाह आचरण के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है.


याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह सभी राज्य सरकारों को निर्देश दे कि वे ब्लॉक/तहसील से लेकर जिला स्तर तक भगदड़ की घटनाओं से निपटने के लिए उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति प्रस्तुत करें. याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन उनसे कोई सीख नहीं ली गई है. इसलिए जांच करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए न्यायिक आयोग की नियुक्ति का आदेश देना महत्वपूर्ण है.

याचिका में कहा गया, ‘भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े धार्मिक आयोजनों की परंपरा है. अक्सर, हजारों भक्त एक तंग जगह पर इकट्ठा होते हैं, जहां कोई बुनियादी सुविधाएं नहीं होतीं. यहां तक कि आपातकालीन स्थिति में प्रवेश या निकास द्वार भी नहीं होते. कभी-कभी, इन आयोजनों के आयोजकों के पास स्थानीय अधिकारियों के साथ उचित संचार की कमी होती है. इसके परिणामस्वरूप अक्सर जानलेवा भगदड़ मच जाती है.’


याचिका में कहा गया है कि भगदड़ की इस भयावह घटना से कई सवाल उभर कर सामने आए हैं. इससे राज्य सरकार और नगर निगम की ड्यूटी और चूक पर सवाल उठते हैं. पिछले एक दशक से हमारे देश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें कुप्रबंधन, ड्यूटी में चूक, लापरवाह रखरखाव गतिविधियों के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है, जिन्हें टाला जा सकता था.
उत्तराखंड के जोशीमठ में पहाड़ से गिरे भारी बोल्डर, बदरीनाथ नेशनल हाईवे हुआ बंद, बड़ा हादसा टला


बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पहाड़ियों से बोल्डर गिरने से बंद हो गया है. सड़क मार्ग को खोलने का कार्य जारी है. पहाड़ से बोल्डर गिरने की घटना जोशीमठ के चुंगी धार पर हुई है. गनीमत रही कि इस दौरान कोई पहाड़ से गिरे बोल्डरों की चपेट में नहीं आया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था.


चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र जोशीमठ में मानसून की दस्तक के बाद आज मौसम खुशगवार बना हुआ है. बावजूद इसके हाईवे पर बिन बारिश पहाड़ियों से बोल्डर गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसके चलते यात्री वाहनों सहित मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों को भी खतरा बना हुआ है. दरअसल आज मंगलवार सुबह जोशीमठ के प्रवेश द्वार चुंगी धार पालिका कूड़ा डंपिंग ग्राउंड के समीप बदरीनाथ हाईवे पर चट्टान दरकने से सड़क बाधित हो गई.


यहां बिन बारिश पहाड़ियों के दरकरने का सिलसिला जारी है. बदरीनाथ हाईवे पर की ये तस्वीरें मंगलवार आज सुबह की हैं. जब जोशीमठ के निकट चुंगी धार के पास बदरीनाथ हाईवे के ऊपर चट्टान दरकी है.

सड़क पर बोल्डर गिरने से पहले धीरे धीरे पहाड़ी से चट्टान दरकने की आवाज आने ओर एक एक करके पत्थर गिरने के कारण जहां जोगी धारा प्वाइंट की तरफ मॉर्निंग वॉक करने निकले कुछ स्थानीय युवा सहित कई यात्री वाहन बाल बाल बचे. सड़क बंद होने से हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की लम्बी कतार लग गई. इधर जेसीबी मशीन द्वारा बोल्डर हटाकर सड़क खोलने का काम जारी है.
यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी ने दोस्त पुतिन को दी नसीहत, बोले-बम और बारुद से युद्ध का समाधान नहीं
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता में हिस्सा लिया।करीब 5 साल बाद रूस के दौरे पर गए पीएम मोदी ने आज मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति के साथ शिखर बैठक की। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, यूक्रेन युद्ध समेत कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। इस बैठक में उन्होंने दोस्ती वाले अंदाज में एक बार फिर यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए बातचीत का सहारा लेने की सलाह दी।

पीएम मोदी ने कहा, "पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 5 वर्ष पूरी दुनिया, पूरी मानवजाति के लिए बहुत चिंताजनक रहे और चुनौतीपूर्ण रहे और अनेक संकटों से गुजरना पड़ा। पहले कोविड के कारण और बाद में संघर्ष और तनावों के कारण। अब ऐसी स्थिति में भी भारत-रूस मित्रता के कारण, जब दुनिया फूड, फ्यूल और फर्टेलाइजर के संकट से गुजर रही थी, मैं मेरे देश के किसानों को फर्टिलाइजर में मुसीबर में नहीं आने दिया। उनकी आवश्यकता को पूरी करने में सफल रहे और इसमें रूस का मदद रहा।" पीएम मोदी ने किसानों के हितों में रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की बात की।

वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- एक मित्र के तौर पर मैंने हमेशा कहा कि युद्ध के मैदानों से शांति का रास्ता नहीं निकलता है। पीएम मोदी ने कहा, "युद्ध हो, संघर्ष हो, आतंकवादी हमले हो, मानवता में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति, जब जनहानि होती है तो बहुत पीड़ित होती है। उसमें भी जब मासूम बच्चों की मौत होती है, उन्हें मरते हुए देखते हैं तो हृदय छलनी हो जाता है। इस विषय में भी आपसे विस्तार से चर्चा हुई। मित्र के नाते हमने हमेशा कहा है कि हमारे भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए शांति सर्वाधिक आवश्यक है। लेकिन मैं यह भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं होते हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, "शांति बहाली के लिए भारत हर तरह से सहयोग करने को तैयार है। मैं आपको और विश्व समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है। ऐसा करना संभव है।''

आतंकवाद पर भारत की चिंता प्रकट करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'पिछले 40-50 सालों में भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है। आतंकवाद कितना भयानक और घिनौना है, हम 40 साल से झेल रहे हैं। मॉस्को और दागेस्तान में हुई आतंकी घटनाओं का दुख हम महसूस कर सकते हैं। मैं कल्पना कर सकता हूं कि इसका दर्द कितना गहरा होगा। मैं सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं।
कम नहीं हो रही हैं केजरीवाल की मुश्किलें, ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट ने लिया संज्ञान, प्रोडक्शन वारंट जारी
#production_warrant_issued_against_cm_arvind_kejriwal


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फिर मुसीबत बढ़ने वाली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर सप्लीमेंटरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया है।कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 12 जुलाई को पेशी का वारंट जारी किया है। राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के खिलाफ दायर सातवीं चार्जशीट पर संज्ञान लिया है।

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी द्वारा दायर ताजा आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को 12 जुलाई के लिए प्रोडक्शन वारंट भी जारी किया है। अदालत ने मंगलवार को उत्पाद शुल्क नीति के संबंध में दायर सातवें पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया।

कोर्ट ने ईडी द्वारा विनोद चौहान के खिलाफ दायर पूरक आरोपपत्र पर भी संज्ञान लिया और 12 जुलाई को कोर्ट के समक्ष उनकी उपस्थिति के लिए प्रोडक्शन वारंट भी जारी किया। ईडी ने इस चार्जशीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया था। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने आरोपपत्रों पर संज्ञान लेते हुए कहा कि आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री है और मामले को 12 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया, जब सभी आरोपियों को अदालत के सामने पेश किया जाएगा।

बता दें कि सीएम केजरीवाल शराब नीति मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें हाल ही में सीबीआई ने भी दिल्ली की तिहाड़ जेल से गिरफ्तार करके पूछताछ की थी। सीबीआई ने तिहाड़ जेल में केजरीवाल से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। यह दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पीएमएलए मामले में उन्हें दी गई जमानत पर रोक लगाने के कुछ घंटों बाद हुआ।

अदालत की अनुमति के बाद, सीबीआई ने 26 जून को कोर्ट में केजरीवाल से पूछताछ की और फिर मामले में उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी और तीन दिन की पुलिस हिरासत को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में जमानत के लिए याचिका भी दायर की है। दोनों मामलों की सुनवाई 17 जुलाई को तय की गई है।
कम नहीं हो रही हैं केजरीवाल की मुश्किलें, ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट ने लिया संज्ञान, प्रोडक्शन वारंट जारी

#production_warrant_issued_against_cm_arvind_kejriwal 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फिर मुसीबत बढ़ने वाली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर सप्लीमेंटरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया है।कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 12 जुलाई को पेशी का वारंट जारी किया है। राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के खिलाफ दायर सातवीं चार्जशीट पर संज्ञान लिया है।

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी द्वारा दायर ताजा आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को 12 जुलाई के लिए प्रोडक्शन वारंट भी जारी किया है। अदालत ने मंगलवार को उत्पाद शुल्क नीति के संबंध में दायर सातवें पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया। 

कोर्ट ने ईडी द्वारा विनोद चौहान के खिलाफ दायर पूरक आरोपपत्र पर भी संज्ञान लिया और 12 जुलाई को कोर्ट के समक्ष उनकी उपस्थिति के लिए प्रोडक्शन वारंट भी जारी किया। ईडी ने इस चार्जशीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया था। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने आरोपपत्रों पर संज्ञान लेते हुए कहा कि आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री है और मामले को 12 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया, जब सभी आरोपियों को अदालत के सामने पेश किया जाएगा।

बता दें कि सीएम केजरीवाल शराब नीति मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें हाल ही में सीबीआई ने भी दिल्ली की तिहाड़ जेल से गिरफ्तार करके पूछताछ की थी। सीबीआई ने तिहाड़ जेल में केजरीवाल से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। यह दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पीएमएलए मामले में उन्हें दी गई जमानत पर रोक लगाने के कुछ घंटों बाद हुआ।

अदालत की अनुमति के बाद, सीबीआई ने 26 जून को कोर्ट में केजरीवाल से पूछताछ की और फिर मामले में उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी और तीन दिन की पुलिस हिरासत को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में जमानत के लिए याचिका भी दायर की है। दोनों मामलों की सुनवाई 17 जुलाई को तय की गई है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को रास नहीं आई मोदी-पुतिन मुलाकात, बोले- घोर निराशा हुई
#volodymyr_zelensky_not_like_pm_modi_hugging_putin

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर नाराजागी जताई है और इस यात्रा को निराशाजनक और चिंताजनक बताया।जेलेंस्की ने पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा की आलोचना करते हुए इसे शांति प्रयासों के लिए बड़ा झटका बताया है।इसको लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बयान भी जारी किया है।

जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को मॉस्को में दुनिया के सबसे खूनी अपराधी को गले लगाते हुए देखना निराशाजक है। ये शांति प्रयासों के लिए भी झटका है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब रूस पहुंचे थे, तभी खबर आई थी कि रूस ने यूक्रेन के 5 शहरों पर 40 से ज्यादा मिसाइलों से हमला किया है। यूक्रेन का दावा है कि सोमवार को रूस ने कीव में बच्चों के अस्पताल पर हमला किया जिसमें 41 लोग मारे गए। ये सब उस वक्त हुआ जब मोदी रूस दौरे पर रवाना हो चुके थे। अमेरिकी न्यूज चैनल CNN के मुताबिक हमले के बाद अस्पताल से 600 से ज्यादा मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। हमले के कुछ ही देर बात अस्पताल की इमारत गिर गई। पुलिस ने बताया कि 3 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी घायलों का इलाज किया जा रहा है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यह हमला ऐसे समय में किया गया जब अस्पताल में भीड़ ज्यादा थी।

बता दें कि यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने कभी भी हमले का समर्थन नहीं किया, जबकि हमेशा बातचीत से हल करने की बात कही।वहीं, अपने रूस दौरे पर भी भारतीय प्रधानमंत्री ने वही बात दोहराई है।इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर अपना महत्वपूर्ण संदेश दोहराया कि 'यह युद्ध का समय नहीं है।' सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध का कूटनीतिक हल निकालने पर जोर दिया और रूसी राष्ट्रपति से कहा कि 'युद्ध के मैदान में समाधान नहीं ढूढ़ा जा सकता है।' भारत का यह रुख क्षेत्र में शांति और स्थिरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है और आग्रह करता है कि संघर्ष के बजाय बातचीत से समाधान निकालना चाहिए।

वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने निजी मुलाकात में रूसी सेना के लिए यूक्रेन में लड़ रहे भारतीयों का मुद्दा भी उठाया, जिसके बाद रूस ने सभी भारतीयों को जंग से बाहर करने का फैसला किया है। पीएम मोदी की यात्रा की यह बड़ी सफलता है।