हाथरस भगदड़ हादसे में योगी सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, SIT रिपोर्ट के बाद हुई बड़ी कार्रवाई


उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को साकार विश्व हरि के सत्संग में मची भगदड़ में एसआईटी रिपोर्ट के बाद योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। हादसे के 7 दिन बाद यूपी सरकार ने SDM, CO, इंस्पेक्टर समेत 6 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है।

सरकार ने SIT की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की। SIT ने सोमवार रात सीएम योगी को 900 पेज की रिपोर्ट सौंपी थी। एसआईटी ने अपनी 900 पेज की रिपोर्ट में इन अधिकारियों की लापरवाही बताई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएम योगी ने 6 अफसरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।


एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में 125 लोगों के बयान दर्ज किए थे। इनमें हाथरस के डीएम आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ और दो जुलाई को सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान भी शामिल थे। इस रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी पर निशाना साधा गया था, जबकि इसमें सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि का नाम ही नहीं था।

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में इस हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजक मुख्य जिम्मेदार बताया और कहा कि आयोजकों की लापरवाही से ही यह हादसा हुआ, जबकि स्थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय करने की बात कही थी। रिपोर्ट में साजिश से इनकार नहीं किया गया है और कहा गया है कि इस मामले में गहन जांच की जरूरत है।


रिपोर्ट में कहा गया कि भीड़ को आमंत्रण देकर सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए. इसके साथ ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया। जानकारी के लिए आपको बता दें इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो चुकी है।
सिहंस्थ 2028 को लेकर MP सरकार का बड़ा फैसला, अब भोपाल से नहीं उज्जैन से संचालित होगा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग



मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ से पहले बड़ा फैसला लिया है. धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को मोहन यादव सरकार ने राजधानी भोपाल से 'महाकाल की नगरी' उज्जैन शिफ्ट करने का फैसला लिया है. इसके लिए सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. सिंहस्थ से पहले यह सीएम मोहन यादव का बड़ा फैसला माना जा रहा है. साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालक को भी उज्जैन स्थानांतरित करने का फैसला लिया है.

वर्तमान में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग राजधानी भोपाल स्थित संचालनालय सतपुड़ा भवन से संचालित किया जा रहा है. किन्तु, अब यह विभाग भोपाल से संचालित नहीं होगा. धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग अब उज्जैन स्थित सिंहस्थ मेला प्राधिकरण के भवन से संचालित किया जाएगा. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार का धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग प्रदेश में वृद्ध लोगों को तीर्थ दर्शन कराने के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक मेले का आयोजन करता है. इसी विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का संचालन भी किया जा रहा है. जिसके चलते सीएम मोहन यादव ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालक को भी उज्जैन स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है.


सरकार के इस फैसले के बाद धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मुख्यालय के संचालक समेत पूरा स्टाफ उज्जैन में भी बैठेगा. इसके चलते राज्य के धार्मिक आयोजन उज्जैन से ही तय किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त सिंहस्थ की तैयारियों की रूपरेखा भी यहीं से तय होगी. 2028 के सिंहस्थ के आयोजन को लेकर सीएम मोहन यादव ने बड़ा निर्णय लिया है.
तो क्या तलाक ले रहे हैं हार्दिक-नताशा! करीबी दोस्त ने किया ये बड़ा खुलासा, जानिए, क्या है सच्चाई


T20 विश्व कप में हार्दिक पंड्या ने अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस से हर किसी का दिल जीत लिया। लेकिन बताया जा रहा है कि हार्दिक की शादीशुदा जिंदगी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। लंबे वक़्त से ऐसी चर्चा है कि अभिनेत्री नताशा स्टेनकोविक और हार्दिक पंड्या के रिश्ते में दरार आ गई है। किन्तु दोनों ने अब तक अपने रिलेशनशिप पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।


वही असमंजस के बीच हार्दिक-नताशा के करीबी दोस्त ने दोनों के रिलेशनशिप का सच बताया है। प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, नताशा एवं हार्दिक पैचअप के मूड में बिल्कुल नहीं हैं। अभी दोनों अपने आपसी गिले-शिकवे मिटाना नहीं चाहते। कपल के दोस्त ने बताया कि क्रिकेटर की कुछ गलतियों से नताशा नाराज हैं। किन्तु उनकी पति संग पैचअप करने में दिलचस्पी नहीं हैं। नताशा- हार्दिक के दोस्त ने कहा- देखिए, कोई नहीं जानता कि आने वाले वक़्त में क्या होगा।

किन्तु मौजूदा स्थिति के अनुसार हार्दिक एवं नताशा के बीच सुलह नहीं हो पा रही है। शायद, दोनों के बीच का रिलेशनशिप खत्म हो चुका है। हालांकि, हार्दिक-नताशा ने अब तक अपने रिलेशनशिप पर चुप्पी साधी हुई है। बता दें कि हार्दिक एवं नताशा ने वर्ष 2020 में सादगी से शादी रचाई थी। शादी के पश्चात कपल के घर बेटे का जन्म हुआ। फिर 2023 में दोनों ने धूमधाम से ग्रैंड वेडिंग की थी।
राहुल गांधी के गुजरात जीतने के दावों में कितना दम?

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देश में हाल ही में लोकसभा चुनाव खत्म हुआ है। अब झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में चुनाव होने हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस के फोकस में गुजरात है। अब गुजरात में 2027 में होने वाले चुनाव में बीजेपी हारने जा रही हैं। ये दावा खुद राहुल गांधी ने किया है। 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस को अप्रत्याशित सीटें जिताने वाले राहुल गांधी इस समय फुल कॉन्फिडेंस में हैं। पहले तो लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता के रूप में अपनी स्पीच में राहुल ने कहा कि हम इस बार बीजेपी को गुजरात में भी हराने जा रहे हैं। यही नहीं, संसद सत्र की समाप्ति के बाद राहुल गुजरात दौरे पर पहुंचे और वहां भी अपनी यही बात दोहराई। ऐसा राहुल ने सिर्फ कहा ही नहीं, उन्होंने कहा 'लिख कर ले लो...ऐसे में सवाल उठ रहा है कि राहुल गांधी के दावे में कितना दम है।

वैसे किसी नेता के लिए कॉन्फिडेंस अच्छी बात है। ये कॉन्फिडेंस तब और अच्छा है जब आप किसी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं में जान पूंकने के लिए ये बहुत जरूरी चीज है। हालांकि, सवाल ये है कि राहुल गांधी के इस विश्वास की नींव कितनी मजबूत है। इसके लिए हमे बीते चुनावों का विश्लेषण जरूरी हो जाता है।

गुजरात की सत्ता से कांग्रेस 29 साल पहले बेदखल हुई और अब तक बीजेपी ने उसे वापसी का कोई मौका नहीं दिया। 1995 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी सियासी जड़े ऐसी जमाई की आज तक कांग्रेस उसे उखाड़ नहीं सकी। कांग्रेस को गुजरात की सत्ता से ऐसे बाहर होना पड़ा है कि अभी तक उसका वनवास जारी है। गुजरात में बीजेपी को हराने की काट कांग्रेस नहीं तलाश सकी है और कांग्रेस धीरे-धीरे सियासी हाशिए पर पहुंच गई है।

गुजरात में बीते दो विधानसभा चुनावों की बात करें तो, 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 99 और कांग्रेस ने 77 सीट पर जीत दर्ज की थी। तब भी कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई थी जबकि नरेंद्र मोदी तब केंद्र में प्रधानमंत्री के पद पर आसीन थे। 2022 के गुजरात की विधानसभा चुनाव में 188 सीटों में से 52.50 फीसदी वोटों के साथ 156 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। कांग्रेस 27.28 फीसदी वोटों के साथ महज 17 सीटें ही जीत सके थे। 2017 की तुलना में कांग्रेस का 14 फीसदी वोट गिर गया था। इससे पहले तक कांग्रेस का राज्य में 40 फीसदी के लगभग वोट शेयर हुआ करता था, लेकिन 2022 के चुनाव में भारी कमी आई है। 

कांग्रेस गुजरात में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। केवल सीटें ही कम नहीं हो रहीं, “परिवार” भी छोटा होता जा रहा है। पिछले पांच महीनों में कांग्रेस के करीब 65 नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। 2022 के बाद से कांग्रेस के पांच विधायक पार्टी को अलविदा कह चुके हैं और 17 से घटकर 12 पर पहुंच गए हैं। कांग्रेस के विधायक रहे अरविंद लदानी, चिराग पटेल, विसीजे चावड़ा कांग्रेस की सदस्यता छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। पूर्व विधायक एवं राज्य के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेर और राज्यसभा सदस्य नाराण राठवा ने भी कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया और बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राठवा और उनके बेटे संग्राम राठवा, जोईता पटेल, चिराग कालरिया और बलवंत गढ़वी जैसे दिग्गज नेताओं के नाम पार्टी छोड़ने वालों में शामिल है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक व गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।

कांग्रेस का अपना आधार खिसकता जा रहा है और उसके विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी अपनी सियासी जड़े जमाने में जुट गई है। 2022 के चुनाव में कांग्रेस का जितना वोट घटा है, उतना ही आम आदमी पार्टी का बढ़ा है। आम आदमी पार्टी के चार विधायक है।

वैसे भी अगर राहुल गांधी के बयान पर गौर किया जाए तो उन्होंने ये नहीं बोला है कि कांग्रेस, बीजेपी को हराएगी। उन्होंने कहा है “हम यानी इंडिया” गठबंधन बीजेपी को हराने का काम करेंगे। ऐसे में गुजरात में इंडिया गठबंधन का कैसा स्वरूप होगा ये अहम सवाल है। अगर माना जाए कि दिल्ली की तरह गुजरात में भी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस से हाथ मिलाएगी तो उस स्थिति में क्या तस्वीर बन सकती है। 2022 के चुनाव को अगर पैरामीटर माना जाए तो आप और कांग्रेस का वोट शेयर मिलाने के बाद कुल आंकड़ा 40.8 प्रतिशत बैठता है। बड़ी बात यह है कि दोनों पार्टियों का मिलाने के बाद जितना वोट शेयर बैठ रहा है, उससे भी 13 फीसदी ज्यादा बीजेपी ने हासिल किया। ऐसे में पिछले चुनाव के नतीजे तो बताते हैं कि इंडिया गठबंधन के लिए वो शेयर के इस गैप को पाटना ही एक बड़ी चुनौती रहने वाला है।

जम्मू-कश्मीर में फिर सिर उठा रहा आतंकवाद, कठुवा में सेना के वाहन पर हमले में 5 जवान शहीद, 5 घायल

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जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फिर से सिर उठाता दिख रहा है।जम्मू के कठुआ में हालही में आतंकियों ने सेना के वाहन को अपना निशाना बनाया, जिसमें 5 जवान शहीद हो गए और 5 घायल हुए हैं।हाई अलर्ट और हमले के इनपुट के बीच जम्मू-कश्मीर में एक माह में सबसे बड़ा आतंकी हमला अंजाम दिया गया। हिजबुल मुजाहिदीन के दुर्दांत आतंकी बुरहान वानी की बरसी पर सुरक्षाबलों पर हमले के इनपुट सुरक्षा एजेंसियों को पिछले कुछ दिनों से लगातार मिल रहे थे। ऐसे में कठुआ जिले में भी हाई अलर्ट था।

सेना के सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबल कठुआ से करीब 123 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार ब्लॉक के माछेड़ी इलाके के बडनोटा में दोपहर 3.30 बजे पहाड़ी इलाके में पेट्रोलिंग के लिए निकले थे। रास्ता कच्चा था, गाड़ी की रफ्तार भी धीमी थी। एक तरफ ऊंची पहाड़ी और दूसरी तरफ खाई थी। आतंकियों ने पहाड़ी से घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर स्नाइपर गन से फायरिंग की। सेना ने भी काउंटर फायरिंग की, लेकिन आतंकी जंगल में भाग गए। फिलहाल सेना, आतंकियों की तलाश में हेलिकॉप्टर, स्निफर डॉग्स, येएवी और मेटल डिटेक्टर की मदद ले रही है।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, हमले में 3 से 4 आतंकियों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। वे एडवांस हथियारों से लैस हैं। ये आतंकी हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ करके आए हैं। आतंकियों को हमले में एक लोकल गाइड ने भी मदद पहुंचाई। हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है। यह संगठन प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ही एक शाखा है। संगठन की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा गया कि यह हमला 26 जून को डोडा में मारे गए 3 आतंकियों की मौत का बदला है। साथ ही बताया कि आतंकियों ने हमला हैंड ग्रेनेड और स्नाइपर गन से किया।

पिछले कुछ समय से जम्मू क्षेत्र में ऐसे हमले बढ़ते चले जा रहे हैं। जून से लेकर अब तक यहां पर कम से कम 8 ऐसे हमले हुए जिसमें सुरक्षाबलों और आतंकवादियों का सामना हुआ।अकेले कठुआ जिले में देखा जाए तो एक महीने के अंदर यह दूसरा बड़ा आतंकी हमला रहा। पिछले महीने 11 जून की रात 8 बजे आतंकवादियों ने हीरानगर के सैदा सुखल गांव में जवानों पर हमला कर दिया। हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का एक जवान शहीद हो गया था। हालांकि सुरक्षा बलों ने बाद में एनकाउंटर में 2 आतंकवादियों को मार गिराया।

कठुआ में हुए आतंकी हमले से 2 दिन (5-6 जुलाई) पहले कुलगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच भारी फायरिंग हुई। बड़े ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। 2 दिन तक चली जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने 8 आतंकवादी मार गिराए, लेकिन इस दौरान 2 जवान भी शहीद हो गए। सुरक्षाबलों ने 2 दिनों तक 2 जगहों (चिन्निगम फ्रिसल और मोडरगाम इलाके) में सर्च ऑपरेशन चलाया था। पिछले महीने 26 जून को डोडा जिले के वन क्षेत्र वाले गंदोह इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई जिसमें 3 पाकिस्तानी आतंकी मारे गए थे। कई घंटे चली गोलीबारी के बाद मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुए थे।

रूस से आई बड़ी खुशखबरी, वापस लौटेंगे रूसी सेना में शामिल भारतीय, पुतिन ने किया एलान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। पीएम मोदी को इस यात्रा से बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल, सोमवार को पुतिन के साथ डिनर के दौरान पीएम मोदी ने रूस की सेना में भारतीय सैनिकों के फंसने का मुद्दा उठाया। जिसे पुतिन ने तत्काल सुलझा दिया। रूसी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है। 

बता दें कि कई भारतीयों को धोखा देकर रूसी सेना में भर्ती करने का खुलासा हुआ था। दर्जनों भारतीय रूसी सेना में फंसे हैं और कई भारतीय रूस-यूक्रेन युद्ध में मोर्चे पर तैनात हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार शाम राष्ट्रपति पुतिन के साथ निजी रात्रिभोज में यह मुद्दा उठाया। जिस पर रूसी राष्ट्रपति अपनी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को बर्खास्त करने और उनकी भारत वापसी में मदद करने पर सहमत हो गए।

रूसी राष्ट्रपति के नोवो-ओगारियोवो निवास पर व्लादिमीर पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं ने एक अनौपचारिक मुलाकात भी की है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में मैत्रीपूर्ण रूसी-भारत संबंध, साथ ही वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई है। इसी दौरान पीएम मोदी ने रूसी सेना में भारतीयों के फंसे होने का मुद्दा उठाया।

अब रूस की सेना में शामिल भारतीयों की जानकारी और डेटा को लेकर दोनों देश मिलकर काम करेंगे। करीब 200 लोग एजेंट के झांसे की वजह से रूस-यूक्रेन वॉर जोन में फंसे हैं। नौकरी के लालच में उन्हें रूस जाने पर युद्धक्षेत्र में भेज दिया गया है। दो भारतीय व्यक्ति की युद्ध में मौत हो चुकी है।

इस साल की शुरुआत में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पंजाब और हरियाणा के कुछ लोगों को रूसी सेना की वर्दी में देखा गया था। इस वीडियो में इन भारतीयों ने दावा किया कि उन्हें यूक्रेन में युद्ध लड़ने के लिए धोखा दिया गया। इन भारतीयों ने सरकार से उनकी वतन वापसी के लिए कोशिश करने की अपील की थी। वीडियो सामने आने के बाद भारत सरकार ने रूस के समक्ष ये मुद्दा उठाया था।

पुतिन ने गले लगकर गर्मजोशी से किया पीएम मोदी का स्वागत, दोनों नेताओं के बीच शिखर वार्ता आज

#pm_narendra_modi_russia_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी रूस के दौरे पर हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार रात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपने सरकारी आवास पर स्वागत किया। पीएम मोदी और पुतिन जब मिले तो दोनों एक-दूसरे के गले लग गए। पुतिन ने इस दौरान पीएम मोदी को जीत की बधाई दी और उनके कामों की वजह से खूब तारीफ की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत भी हुई। बातचीत में पुतिन ने कहा कि परम मित्र मोदी! आपको देखकर खुशी हुई। पुतिन ने यह भी कहा कि भले ही कल हम औपचारिक बातचीत करेंगे, लेकिन इस समय हम उन मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।

राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी। पुतिन ने कहा, 'मैं आपको फिर से प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई देना चाहता हूं। यह आपके कई वर्षों के काम का परिणाम है। आप बहुत ऊर्जावान व्यक्ति हैं, आप जानते हैं कि भारत और वहां के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए कैसे काम किया जाए। इसका परिणाम भी दिखा है। आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

पीएम मोदी ने पुतिन के प्रति जताया आभार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन से कहा, 'आपने मुझे अपने घर पर बुलाया। अपने घर पर बुलाने के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।' इसके बाद पुतिन ने पीएम मोदी को अपने गोल्फ कार्ट में बिठाया। इस दौरान पुतिन खुद ड्राइव करते दिखे। इसके बाद वे पीएम मोदी अपने अस्तबल ले गए।

पुतिन के साथ मुलाकात के बाद पीएम मोदी का ट्वीट

सोमवार को पुतिन के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'आज शाम नोवो-ओगारियोवो में मेरी मेजबानी करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन का आभार। कल की हमारी वार्ता को लेकर भी उत्सुक हूं, जो निश्चित रूप से भारत और रूस के बीच मित्रता के बंधन को और मजबूत करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।

मंगलवार को होगी औपचारिक बातचीत

सोमवार को हुई नौपचारिक मुलाकात के बाद व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। शीर्ष रूसी अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह वार्ता दोनों नेताओं के बीच होने के अलावा प्रतिनिमंडलों के साथ भी होगी। सरकारी 'तास' समाचार एजेंसी ने रूसी राष्ट्रपति कार्यालय 'क्रेमलिन' के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव को उद्धृत करते हुए कहा, ''दोपहर में, पुतिन और मोदी बातचीत शुरू करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि यह निजी बातचीत होगी, साथ ही आधिकारिक नाश्ते पर रूस-भारत वार्ता भी होगी।''

जो बाइडन के खिलाफ अपनों ने ही खोला मोर्चा, क्या चुनावी रेस से होंगे बाहर?
#us_presidential_election_2024_democratic_party_mp_against_biden


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के खिलाफ उनकी अपनी पार्टी के लोग अब आवाज उठा रहे हैं। कई शीर्ष हाउस डेमोक्रेट ने राष्ट्रपति बाइडेन से 2024 के चुनाव से अलग हटने की अपील की है। पांच डेमोक्रेटिक सांसदों ने रविवार को कहा कि जो बाइडन को नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से हट जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने आगामी चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी की संभावनाओं पर उनके प्रभाव के बारे में गहरी चिंता जताई है।

अमेरिका में पांच नवंबर को चुनाव होने वाले हैं। यहां राष्ट्रपति पद के लिए दो नेताओं जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला है। दोनों ही प्रतिद्वंद्वी एक दूसरे पर हमलावर हैं। हाल ही में दोनों के बीच प्राथमिक बहस हुई थी, जिसमें बाइडन का प्रदर्शन काफी खराब रहा। 27 जून को अटलांटा में सीएनएन की बहस में डोनाल्ड ट्रंप से पिछड़ने के बाद डेमोक्रेटिक सांसदों के भीतर ही विरोध शुरू हो गया है। इसने डेमोक्रेटिक पार्टी में चिंताएं बढ़ गईं। ऐसे में अब सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी के कम से कम पांच सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जो बाइडन को बाहर करने की मांग उठा दी है।  इनमें जेरी नाडलर, मार्क ताकानो, जो मोरेल, टेड लियू और एडम स्मिथ शामिल हैं।

दरअसल, हाउस माइनारिटी लीडर हकीम जेफरीज ने डिबेट के बाद उभरते राजनीतिक परिदृश्यों पर चर्चा के लिए प्रतिनिधि सभा में अपने पार्टी सहयोगियों की एक वर्चुअल बैठक बुलाई थी। बैठक को बाइडन की उम्मीदवारी की व्यवहार्यता के बारे में सदस्यों से जानकारी पाने के लिए आयोजित किया गया था।कई शीर्ष डेमोक्रेट दृढ़ता से महसूस करते हैं कि बाइडन को रेस से हटना होगा। इस घटनाक्रम ने बाइडन के समर्थन की दीवार में बड़ी दरार कर दी है। सार्वजनिक या निजी तौर पर यह कहने वाले डेमोक्रेट्स की संख्या अब लगभग 10 हो गई कि उन्हें हट जाना चाहिए। इनमें न्यायपालिका, सशस्त्र सेवाओं और खुफिया समितियों के शीर्ष डेमोक्रेट शामिल हैं।

अब सवाल ये भी है कि अगर बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव की रेस से हटते हैं तो उनकी जगह पर डेमोक्रेटिक पार्टी से कौन उम्मीदवार हो सकता है। इसमें सबसे आगे नाम कमला हैरिस का चल रहा है। डेमोक्रेटिक पार्टी में यह भावना है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को ट्रंप के खिलाफ रेस में जो बाइडेन की जगह लेनी चाहिए। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कमला हैरिस राष्ट्रपति जो बाइडेन की स्वाभाविक उत्तराधिकारी होंगी, अगर बाइडेन बढ़ते दबाव के आगे झुक जाते हैं और 2024 के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में अपना पद छोड़ देते हैं तो कमला हैरिस को आगे बढ़ाया जाएगा।
मॉस्को पहुंचे मोदीः एयरपोर्ट पर दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर, भारत-रूस शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई से 9 जुलाई तक रूस की यात्रा पर हैं। पीएम मोदी आज रूस की राजधानी मॉस्को पहुंच गए हैं। जहां उनका जोरदार स्‍वागत क‍िया गया। एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। रूस के प्रथम डिप्टी पीएम डेनिस मंटुरोव पीएम मोदी की अगवानी करने के ल‍िए एयरपोर्ट पर मौजूद थे। वे अपनी कार में बिठाकर होटल तक ले गए। ऐसा आमतौर पर बहुत कम होता है।

मॉस्को पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ढोल नगाड़ों से स्वागत किया गया।रस‍ियन ऑर्टिस्‍ट ने हिंदी गाने पर डांस क‍िया। पीएम मोदी ने मॉस्को में रहने वाले भारतीयों से मुलाकात की। उनसे हाथ मिलाया। बच्‍चों ने तिरंगा लहराकर प्रधानमंत्री का स्‍वागत किया।

रूस पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर तस्वीरें साझा कीं। प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘मॉस्को पहुंच चुका हूं। उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और भी अधिक मजबूत होगा। रूस-मॉस्को के बीच मजबूत संबंधों से दोनों देशों की जनता का फायदा मिलेगा।

कार्यक्रम के अनुसार आज पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद दोनों नेता रात्रिभोज करेंगे। रूस रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में और बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों से लोगों का संपर्क आदि क्षेत्र शामिल हैं।

बता दें कि पीएम मोदी रूस और ऑस्ट्रिया की तीन दिवसीय यात्रा पर गए हैं। मॉस्‍को में वे भारत-रूस 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनकी व्‍यक्‍त‍िगत मुलाकात होगीय़ राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी के स्वागत में रात्रिभोज भी दे रहे हैं। मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे। बाद में पुत‍िन और मोदी के नेतृत्‍व में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी। उसके बाद पीएम मोदी ऑस्‍ट्र‍िया रवाना हो जाएंगे।जो कि 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।
नीट-यूजी विवादःसुप्रीम कोर्ट ने माना पेपर लीक हुआ है, कहा-बड़े पैमाने पर छात्र हुए प्रभावित तो रद्द होगी परीक्षा

#neet_ug_supreme_court_hearing 

नीट यूजी पेपर लीक विवाद से संबंधित 38 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को सुनवाई की।उनमें से ज्यादातर याचिकाएं नीट यूजी परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई की।शीर्ष कोर्ट ने कहा, 'एक बात तो साफ है कि प्रश्न-पत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? अगर हमें यह पता नहीं चलता कि कितने स्टूडेंट इसमें शामिल थे, तब दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ेगा।

सीजेआई ने रीटेस्ट की मांग वाली सभी याचियाओं के अधिवक्ताओं को अपने-अपने प्रत्यावेदन अधिकतम 10 पन्ने में बृहस्पतिवार, 11 जुलाई से पहले सबमिट करने के निर्देश दिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत नीट परीक्षा की 'पवित्रता' को लेकर चिंतित है ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों। यदि इसकी जांच के लिए कोई विशेषज्ञ समिति सरकार द्वारा गठित की गई है तो उसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। लीक की प्रकृति कुछ ऐसी है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि दो छात्र धांधली में शामिल थे। इसलिए हमें लीक की प्रकृति के बारे में सावधान रहना चाहिए। दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के बारे में जानना होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि हम 23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे हैं।

सीजेआई ने एनटीए को पेपर प्रिंटिंग से लेकर परीक्षा कक्ष तक पहुंचाने की प्रक्रिया से संबंधित 11 सवालों पर जवाब देने को कहा है. उन्होंने कहा कि हम यह जनना चाहते हैं कि पेपर लीक की टाइमलाइन और पेपर के बीच के अंतराल कितना है। 23 लाख से ज्यादा छात्र हैं और बड़े पैमाने पर अगर इसमें गड़बड़ी है तो हमें पेपर रद्द करना होगा। सीजेआई ने पूछा बैंक लॉकर में पेपर कब भेजे गए, क्या समय था परीक्षा का? एनटीए के वकील ने कहा कि 5 मई, दोपहर 2 बजे, देश में 4700 और 15 केंद्र विदेश में बनाए गए थे। इस परीक्षा में 24 लाख कैंडिडेट बैठे। सीजेआई ने पूछा विदेश कैसे भेजे गए? एनटीए ने कहा कि एंबेसी के जरिए।सीजेआई ने पूछा देश में किसी अधिकारी के जरिए या किस तरह शहरों में पेपर भेजे गए? एनटीए ने कहा हम जानकारी करके बताते हैं।

सीजेआई ने कहा, याचिकाकर्ताओं के अनुसार पेपर लीक के संबंध में बिहार पुलिस द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी। दूसरी ओर एडीशनल डीजीपी, ईओयू ने यह कहा गया है कि इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई थी। क्या ये चूक कुछ केंद्रों तक सीमित थी या फिर बड़े पैमाने पर. यह मामला 23 लाख से ज्यादा परीक्षा देने वाले छात्रों से जुड़ा है. इसलिए यह जरूरी है कि इस पर पूरी जानकारी हमारे पास हो।

भविष्य में पेपर लीक जैसी घटनाएं न हों, इसको लेकर कैसी तैयारियां हैं, सीजेआई ने इससे जुड़े कुछ सवाल किए। उन्होंने पूछा, साइबर क्राइम से निपटने वाली कौन सी तकनीक हमारे पास है? क्या डेटा एनालिटिक्स से हम मार्क कर सकते हैं? हम क्या कर सकते हैं जिससे भविष्य में पेपर लीक न हो? क्या हम मल्टी डिसिप्लिनरी कमेटी बना सकते हैं?