ब्रिटेन और ईरान चुनाव में मौजूदा सरकार हारी, अब फ्रांस में चुनाव जारी, बढ़ रही मैक्रों की बेकरारी

डेस्क: ईरान और ब्रिटेन में चुनाव के बाद सरकार बदल गई है। अब फ्रांस में भी संसदीय चुनाव के लिए आज दूसरे चरण का मतदान प्रारंभ हो गया है। चुनाव में देश की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ‘नेशनल रैली’ अपनी अबतक की सबसे बड़ी बढ़त बनाए हुए है। फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, लेकिन यूरोपीय संघ में बड़ी हार के कारण राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने समय से पहले संसद भंग कर दी थी। इससे पहले 30 जून को पहले चरण का चुनाव हुआ था, जिसमें मरीन ले पेन नीत नेशनल रैली ने बढ़त बनाई थी।

आज के मतदान से यह तय होगा कि नेशनल असेंबली पर किसका नियंत्रण होगा और प्रधानमंत्री कौन बनेगा। अगर मैक्रों की पार्टी को बहुमत नहीं मिलता तो उन्हें यूरोपीय संघ-समर्थक नीतियों का विरोध करने वाली पार्टियों के साथ सत्ता साझा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

पहले चरण में क्या हुआ

फ्रांस संसदीय चुनावों के पहले चरण के मतदान में धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) की धमाकेदार जीत हुई है। आज दूसरे चरण का मतदान हो रहा है। मगर तमाम एग्जिट पोल के अनुसार धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) ही सरकार बनाती दिख रही है। वहीं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की विदाई अब तय मानी जा रही है। मरीन ले पेन ने फ्रांस के संसदीय चुनाव के पहले दौर में रविवार को ऐतिहासिक बढ़त हासिल करते हुए जीत हासिल की, लेकिन अंतिम परिणाम पहले चरण में जीते उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त पर भी निर्भर करेगा।

बता दें कि रन-ऑफ इप्सोस, आईफॉप, ओपिनियनवे और एलाबे के एग्जिट पोल के अनुसार ले पेन की पार्टी आरएन को लगभग 34% वोट हासिल करने की संभावना है। यह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। मैक्रों ने यूरोपीय संसद चुनावों में आरएन की जीत और अपने उम्मीदवार की हार के बाद तत्काल चुनाव की घोषणा कर दी थी। कुल वोट में आरएन का हिस्सा वामपंथी और मध्यमार्गी प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे था, जिसमें मैक्रों का टुगेदर गठबंधन भी शामिल था, जिसका ब्लॉक 20.5% -23% जीतता हुआ देखा गया था। एग्जिट पोल से पता चला कि हाल में बनाए गए वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ्रंट (NPF)को लगभग 29% वोट मिलने का अनुमान है।

यूपी के अलीगढ़ में मुस्लिम महिला ने BJP को दिया वोट तो पति ने दे दिया तीन तलाक, थाने में नहीं हो रही सुनवाई

डेस्क: यूपी के अलीगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मुस्लिम महिला को केवल इसलिए तलाक दे दिया गया क्योंकि उसने बीजेपी को वोट दिया था। महिला का कहना है कि उसने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट दे दिया, तो उसके पति ने घर आते ही उसे तलाक दे दिया। अब महिला पिछले दो महीनों से न्याय के लिए दर-दर भटक रही है।

क्या है पूरा मामला?

गांव सुनपहर एदलपुर निवासी आसिया की शादी 7 अप्रैल 2021 को बरौली निवासी सेवान मियां के साथ हुई थी। आसिया ने बताया कि शादी के समय उसके माता-पिता द्वारा करीब 8 लाख 50 हजार रुपए का दान-दहेज भी दिया गया था। आसिया का आरोप है कि उसका पति सेवानमियां पहले से ही शादी-शुदा था और उसके साथ धोखे से दूसरी शादी की गई।

शादी के बाद से ही पति व ससुरालियों द्वारा उसे अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर परेशान किया जाने लगा। जिसकी वजह से वह अपने घर आकर रह रही थी। आसिया ने बताया कि 26 जून को वह अपने भाई के साथ वोट डालकर वापस अपने घर जा रही थी, तभी रास्ते में उसका पति सेवान मियां अपने भाईयों के साथ उसे मिला और उसने पूछा कि वह किसे वोट डालकर आ रही है, जिस पर उसने कहा कि वह बीजेपी को वोट डालकर आ रही है।

इतना सुनते ही सेवान मियां आग बबूला हो गया और कहा कि समाजवादी पार्टी को वोट नहीं डाला? तभी सेवान मियां के साथ आए उसके भाई शब्बू व सादान ने सेवान मियां से कहा कि भाई इसे तलाक दे दो। इस पर सेवान मियां ने उसे तीन बार तलाक-तलाक-तलाक बोल दिया और वहां से चला गया।

आसिया ने बताया कि वह सेवान मियां के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पिछले दो महीनों से थाने-चौकियों के दर-दर चक्कर लगा रही है, पर अभी तक उसकी कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। अब उसने इसकी शिकायत तहसील दिवस में की है।

शुरू हो गया आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, दुर्गा की शक्ति की उपासना का है विधान, की जाती है 10 महाविद्याओं की साधना, जानिए, क्या है महत्व

वर्ष 2024 में आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 6 जुलाई, दिन शनिवार से हो गयी। आषाढ़ महीने की इस नवरात्रि में मां दुर्गा की शक्ति की उपासना का विधान है। इन दिनों 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। वर्ष में आदिशक्ति मां भगवती की उपासना के लिए 4 नवरात्रि आती है। इसमें 2 गुप्त एवं 2 उदय नवरात्रि होती हैं। चैत्र और अश्विन मास की नवरात्रि उदय नवरात्रि तथा आषाढ़ और माघ की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि के नाम से जानी जाती है। 

इस बार शनिवार, 6 जुलाई 2024 से गुप्त नवरात्रि का पर्व प्रारंभ होकर दिन मंगलवार, 16 जुलाई 2024 तक जारी रहेगा। 

मां दुर्गा शक्ति की उपासना का पर्व गुप्त नवरात्रि से संबंधित पौराणिक मान्यता के अनुसार इन दिनों अन्य नवरात्रि की तरह ही पूजन करने का विधान है। इन दिनों भी 9 दिन के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिपदा यानी पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए। घटस्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। 

महत्व :

देवी भागवत पुराण के अनुसार जिस तरह एक वर्ष में 4 बार नवरात्रि आती है और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा होती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेष कर तांत्रिक कियाएं, शक्ति साधनाएं, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। 

गुप्त नवरात्रि में भी नौ दिनों तक क्रमानुसार देवी के स्वरूपों की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और आसपास के इलाकों में खास तौर पर मनाई जाती है। इन दिनों में मां दुर्गा की आराधना गुप्त रूप से की जाएगी। 

10 देवियां : मां काली, तारादेवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, छिन्न माता, त्रिपुर भैरवी मां, धुमावती माता, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी।

गुप्त नवरात्रि के दौरान कई साधक महाविद्या के लिए मां दुर्गा के सभी स्वरूपों का पूजन करते हैं। तथा दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। अष्टमी-नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्रि व्रत का उद्यापन करने की मान्यता है। नवरात्रि उद्यापन में कुंआरी कन्याओं को भोजन कराकर यथाशक्ति दान, दक्षिणा, वस्त्र और आभूषण तथा श्रृंगार सामग्री भेंट करने से मां भगवती की अपार कृपा मिलती है।

महाराष्ट्र के अमरावती सेंट्रल जेल के अंदर जोरदार धमाका, रात में दो बैरकों के बाहर हुआ ब्लास्ट, जांच पड़ताल जारी

महाराष्ट्र के अमरावती सेंट्रल जेल के अंदर शनिवार की रात जोरदार धमाके हुए. हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. हादसे की जानकारी मिलते ही अमरावती सीपी-डीसीपी और बम निरोधक दस्ते के साथ पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की. बताया जा रहा है कि बैरक नंबर छह और सात के बाहर देसी बम से यह धमाके हुए. इस घटना के बाद जेल परिसर में हड़कंप मच गया. घटना की सूचना मिलते ही जेल के अधिकारियों और अमरावती के पुलिस आयुक्त और डीसीपी सहित बम निरोधक दस्ता घटनास्थल पर पहुंचे.

जांच में जुटी फॉरेंसिक टीम

घटना की जांच के लिए फौरन ही फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया. अमरावती के पुलिस आयुक्त नवीन चंद्र रेड्डी ने बताया कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि किसी बॉल के माध्यम से पटाखा या बम पड़ोस के हाईवे की पुलिया के ऊपर से फेंका गया है. फेंकने वाला शख्स कौन है और इसके पीछे का कारण क्या है. इसकी फिलहाल जांच जारी है.

देश में 18वीं लोकसभा के गठन के बाद अब मोदी सरकार इस दिन पेश करेगी बजट, हो गया तारीख का ऐलान

देश में 18वीं लोकसभा के गठन के बाद अब मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है. केंद्रीय बजट 2024 की तारीखों का ऐलान भी हो गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में बजट पेश करेंगी. दरअसल, 18वीं लोकसभा का पहला सत्र समाप्त हो चुका है. इसमें नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण हुआ और लोकसभा व राज्यसभा की संयुक्त बैठक हुई थी, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया था. अब सबकी निगाहें बजट सत्र पर टिकी हैं. 22 जुलाई से 12 अगस्त तक संसद सत्र चलेगा.

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बजट सत्र की जानकारी अपने एक्स हैंडल पर दी. उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, "भारत सरकार की संस्तुति पर भारत की माननीय राष्ट्रपति ने बजट सत्र, 2024 के लिए संसद के दोनों सदनों को 22 जुलाई, 2024 से 12 अगस्त, 2024 तक बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन). केंद्रीय बजट 2024-25, 23 जुलाई, 2024 को लोकसभा में पेश किया जाएगा."

केंद्रीय बजट 2024 की तारीखें घोषित होने के साथ ही, इस बात की काफी उम्मीदें और अटकलें लगाई जा रही हैं कि वित्त मंत्री मोदी 3.0 सरकार के तहत टैक्सपेयर्स के लिए कुछ लाभों की घोषणा कर सकती हैं. वहीं समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दो सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार केंद्रीय बजट में ग्रामीण आवास के लिए राज्य सब्सिडी बढ़ाने की तैयारी कर रही है, जिसमें पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगी.

बता दें कि इस साल दो बार बजट पेश हो रहा है. 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश किया गया था. लेकिन अब नई सरकार का गठन होने के बाद पूर्ण केंद्रीय बजट पेश होने जा रहा है. इस बार बजट पेश करने के साथ ही वर्तमान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा. कारण, ऐसा करके वह लगातार सात केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी. इस मामले में वह मोरारजी देसाई को पीछे छोड़ देंगी. देसाई ने लगातार छह बजट पेश किए थे.

यह 4 लाख से अधिक स्टूडेंट्स के भविष्य का मुद्दा, हम सबूतों के साथ कोर्ट जाएंगे...जीतू पटवारी ने भाजपा के खिलाफ खोला मोर्चा

मध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र के एक दिन बाद प्रदेश कांग्रेस चीफ जीतू पटवारी बीजेपी सरकार को घेरते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नर्सिंग स्कैम पर बीजेपी सरकार को घेरना जारी रखेगी और यह कोर्ट भी जाएगी क्योंकि यह 4 लाख से अधिक स्टूडेंट्स के भविष्य का मुद्दा है. पटवारी का यह बयान आया है जिस दौरान कांग्रेस ने मंत्री विश्वास सारंग का इस्तीफा मांगा था. उनसे कथित घोटाले के संबंध में इस्तीफा मांगा था. विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है. 

जीतू पटवारी ने कहा कि हम लड़ना जारी रखेंगे, हम सबूतों के साथ कोर्ट जाएंगे, हम सड़क पर प्रदर्शन करेंगे. हम विपक्ष के नेता उमंग सिंघार और विधायकों को बधाई देते हैं जिन्होंने विधानसभा में आक्रामक तरीके से घोटाले को उठाया. हमने मंत्री सारंग के सामने सबूत रखे लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने इसे अस्वीकार कर दिया. 

विधानसभा सत्र की छोटी अवधि पर जीतू पटवारी का हमला

पटवारी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजेपी की सरकार लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था में विश्वास नहीं करती. जीतू पटवारी ने कहा कि इस बार का सत्र पांच दिनों का ही था जो कि 20 साल के इतिहास में सबसे छोट सत्र था. फीस जमा करने और परीक्षा पास करने के बाद भी चार लाख स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में अटका हुआ है.

पेपर पर ही उपलब्ध हैं कई संस्थान

जीतू पटवारी ने कहा कि भ्रष्ट सरकार ने स्टूडेंट्स का भविष्य बर्बाद कर दिया. बता दें कि सीबीआई नर्सिंग कॉलेज के कामकाज में अनियमितताओं की जांच कर रही है क्योंकि इनमें से कई केवल पेपर पर ही उपलब्ध हैं. जांच एजेंसी ने 308 संस्थानों की जांच की जिनमें से 169 को क्लीन चिट मिल गई जबकि 73 के पास आधारभूत संरचनाओं की कमी है और 66 संस्थान के लिए फिट नहीं हैं. सांरग बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार में मेडिकल शिक्षा मंत्री थे जब यह अनियमितता सामने आई थी.

अमरनाथ यात्रा के बीच आई बड़ी खबर, अब नहीं हो पाएंगे बाबा बर्फानी के दर्शन, जान लीजिए, पहली बार हुआ कुछ ऐसा

 इस साल पूरे देश में कई जगहों पर रिकॉर्ड तोड़ गर्मी देखने को मिली है. कश्मीर में भी गर्मी ने इस साल कई रिकॉर्ड तोड़े हैं जिसका असर अमरनाथ यात्रा पर देखने को मिल रहा है. यात्रा शुरू होने के महज 7 दिन के अंदर ही बाबा बर्फानी का शिवलिंग पिघल गया है. अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यूट्यूब पर जो वीडियो जारी किए हैं उसमें बाबा बर्फानी के शिवलिंग के पिघलने की पुष्टि हो रही है. बाबा बर्फानी 30 जून के वीडियो में स्पष्ट दिख रहे हैं, लेकिन अब शिवलिंग दिखाई नहीं दे रहा है.

गौरतलब हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है कि पवित्र अमरनाथ यात्रा शुरू होने के महज सात दिन के अंदर ही बाबा बर्फानी अदृश्य हो गए हैं. 2008 में यात्रा शुरू होने के दस दिन के अंदर बाबा बर्फानी विलीन हुए थे. 2023 में बाबा बर्फानी 14 दिन में अदृश्य हो गए थे. वहीं, साल 2016 में 13 दिन बाद अदृश्य हुए थे. निसंदेह बाबा के विलीन होने के बाद अब अमरनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को सिर्फ पवित्र गुफा के ही दर्शन होंगे.

अमरनाथ यात्रा में समय से पहले बाबा बर्फानी के विलीन होने के मुख्य कारणों में मौसम एक बड़ा कारण बताया जा रहा है. पिछले साल सर्दियों कम बर्फबारी हुई थी और हाल ही में कश्मीर संभाग में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के कारण बाबा बर्फानी का आकार प्रभावित हुआ है. बता दें इस सप्ताह कश्मीर संभाग में श्रीनगर में गर्मी ने 25 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जबकि दक्षणी कश्मीर के जिलों में 35 साल का रिकॉर्ड गर्मी ने तोड़ा है.

गौरतलब है कि इस साल वार्षिक अमरनाथ जी यात्रा 29 जून 2024 से शुरु हुई थी. यह यात्रा 19 अगस्त तक जारी रहेगी. बीते 6 दिनों में बाबा बर्फानी के दर्शन करने आए भक्तों का आंकड़ा अनौपचारिक तौर पे 1.50 लाख को पार कर चुका है. मान्यता है कि अमरनाथ में पवित्र गुफा 90 फीट लंबी और 150 फीट ऊंची है. ऐसा माना जाता है कि गुफा में जल की बूंदें टपकती है, उस वजह से ही शिवलिंग बनता है. उसके बाद चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ बर्फ से बने शिवलिंग के आकार में परिवर्तन होता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कैलाश विजयवर्गीय को लिखा पत्र, जानिए ऐसा क्या कहा की गदगद हो गए विजयवर्गीय

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावारण दिवस के मौके पर बुद्ध जयंती पार्क में पौधा लगाकर “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की शुरुआत की थी। इसके बाद बीजेपी पूरे जोर शोर के साथ पौधा लगा रही है। कैलाश विजयवर्गीय ने भी इंदौर ने 51 लाख पौधे लगाने का संकल्प लिया है। इसे लेकर अब पीएम ने पत्र लिखकर कैबिनेट मंत्री की तारीफ की है।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैलाश विजयवर्गीय को पत्र में लिखा, मध्य प्रदेश के ऊर्जावान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में वृक्षारोपण महाअभियान के आयोजन के बारे में जानकर प्रसन्नता हुई। स्वच्छता की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने वाले इंदौर में 51 लाख पौधे लगाने से इस महाअभियान की शुरुआत ‘क्लीन’ के साथ ‘ग्रीन’ होने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

सुखद है कि हाल ही में की गई ‘एक पेड़ माँ के नाम’ लगाने की अपील को देशवासियों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। हरित धरा बनाने की मुहिम में मध्य प्रदेश की जनता जिस उत्साह से आगे बढ़ रही है वह सराहनीय है। एक भव्य व विकसित भारत की ओर अग्रसर राष्ट्र के सामूहिक प्रयास हरित युग का निर्माण कर रहे हैं।

वृक्षारोपण महाअभियान को समाज के विभिन्न वर्गों की महान विभूतियों से जोड़ने के विचार और इसकी सफलता के लिए व्यापक रणनीति से लोगों को जागरूक करने में मदद मिलेगी। जन-जन की भागीदारी बढ़ाने के लिए विविध गतिविधियों के आयोजन और दुनियाभर के भारतवंशियों को मुहिम का हिस्सा बनाने की पहल के बारे में जानकर खुशी हुई है।

देश आज प्रकृति की रक्षा के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर है। मुझे विश्वास है कि वृक्षारोपण महाअभियान से देश व समाज में पर्यावरण की बेहतरी के लिए योगदान देने की भावना को बल मिलेगा और एक हरित व स्वस्थ भारत का हमारा संकल्प सिद्ध होगा। वृक्षारोपण महाअभियान से जुड़े सभी लोगों को भविष्य के प्रयासों के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।

पीएम नरेंद्र मोदी के पत्र लिखने पर कैलाश विजवर्गीय ने उनका धन्यवाद किया है। मंत्री ने लिखा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सारा शहर आपके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है। आपने जो एक पेड़ मां के नाम लगाने का संकल्प लिया है, उसे इंदौर की जनता ने स्वीकार किया और आपकी प्रेरणा से यह जन संकल्प बन गया है। संभवतः इंदौर विश्व का पहला शहर होगा, जहां एक दिन में 11 लाख और एक सप्ताह में 51 लाख पौधे लगेंगे। सदैव आपके स्नेह और आशीर्वाद के लिए आकांक्षी हूं।

हम कॉलेज में मिले, पहली नजर में प्यार हुआ, सपनों का आशियाना बनाने से पहले वे तिरंगे में लिपटकर आए...रुला देगी शहीद कैप्टन अंशुमन की पत्नी की ये

कॉलेज में प्यार हुआ, 8 साल हमारी लव स्टोरी चली, 5 महीने पहले ही शादी हुई थी, लेकिन सोचा नहीं था कि अचानक और इस तरह मेरी मांग का सिंदूर मिट जाएगा। अब मेरे पास सिर्फ उनकी यादें हैं। 8 साल 5 महीने की यादें, इन्हीं के सहारे अपनी जिंदगी गुजार दूंगी। उनके सपनों को पूरा करुंगी। 18 की रात को आखिरी बात हुई थी, पर्सनल बातें हुई और कुछ फ्यूचर से जुड़ी बातें हुईं, लेकिन 19 की सुबह सारे सपने टूट गए।

एक फोन आया, जिससे वो बुरी खबर मिली और एक रात में मेरी जिंदगी बदल गई। लाल जोड़ा सफेद साड़ी में बदल गया, मांग का सिंदूर मिट गया। सपनों का आशियाना बनाना था, उससे पहले वे तिरंगे में लिपटकर आ गए। ये रुला देने वाली कहानी, उस लड़की स्मृति ने सुनाई, जिसके बलिदानी पति कैप्टन अंशुमन को उनकी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कीर्ति चक्र देकर सम्मानित किया। स्मृति का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसे सुनकर आपकी आंखें भी नम हो जाएंगी। आप भी उस जांबाज लड़की को सलाम करेंगे, जिसने सबकुछ खोकर भी जीना सीख लिया।

अपनी कहानी सुनाते हुए स्मृति ने बताया कि उनके पति कैप्टन अंशुमन कैसे बलिदान हुए? अंशुमनपंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन में थे। वे भारतीय सेना के मेडिकल कोर में डॉक्टर थे। जुलाई 2023 में वे ऑपरेशन मेघदूत का हिस्सा बने। सियाचिन में बतौर मेडिकल ऑफिसर नियुक्ति मिली। 18 जुलाई को उनसे आखिरी बात हुई थी। नए घर, बच्चों और फ्यूचर को लेकर कई प्लान बनाए थे। इतनी बातें की, जितनी पिछले 5 महीने में नहीं की थी।

19 जुलाई 2023 की सुबह करीब 3 बजे सियाचिन में आर्मी कैंप में हथियार रखने वाली जगह भीषण आग लग गई। इस आग से हुए धमाकों के बाद भड़की आग ने आस-पास बने मकानों को चपेट में ले लिया था। ऐसे ही एक मकान में फंसे लोगों को बचाते हुए कैप्टन अंशुमन ने अपनी जान गंवाई। उन्होंने लोगों को बचा लिया, लेकिन खुद बुरी तरह झुलस गए। सुबह 7 बजे अंशुमन के बलिदानी होने की खबर आ गई और पूरे परिवार की जिंदगी बदल गई।

स्मृति ने बताया कि अंशुमन शादी के 2 महीने बाद ही सियाचिन चले गए थे। ऐसे में शादी के बाद हम सिर्फ 2 महीने साथ रहे, 3 महीने से फोन पर ही बात हो रही थी। इंजीनियरिंग कॉलेज में पहली मुलाकात हुई थी। पहली नजर में मुझे वे पसंद आए थे, लेकिन सिर्फ एक महीना मुलाकातों का सिलसिला चला, फिर वे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने चले गए। एक दिन फोन आया, उसके बाद 8 साल बातें-मुलाकातें हुई।

परिवार को दोनों ने बता रखा था और वे शादी के मान गए थे। शादी हुई और 2 महीने खूब घूमे, परिवार के साथ समय बिताया। फिर अंशुमन सियाचिन चले गए। 18 जुलाई 2023 को आखिरी बात बात हुई। 19 जुलाई को वे बलिदानी हुए। 22 जुलाई 2023 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के भागलपुर में अंशुमन को आखिरी विदाई दी गई। अंशुमन चले गए, लेकिन अपनी यादें छोड़ गए। अंशुमन पर पूरे परिवार को गर्व है।

हाथरस भगदड़ मामले में राहुल गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखी चिट्ठी, मुआवजे को लेकर की ये अपील

डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेटर लिखा है। उन्होंने कहा, 'हाथरस में भगदड़ हादसे से प्रभावित पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर, उनका दुख महसूस कर और समस्याएं जान कर उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र के माध्यम से उनसे अवगत कराया। मुख्यमंत्री से मुआवजे की राशि को बढ़ाकर शोकाकुल परिवारों को जल्द से जल्द प्रदान करने का आग्रह किया। इस दुख की घड़ी में उन्हें हमारी सामूहिक संवेदना और सहायता की आवश्यकता है।'

हाथरस में क्या हुआ था?

हाथरस में दो जुलाई की शाम को एक सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी। वहीं भगदड़ के बाद से सत्संग करने वाला बाबा नारायण हरि साकार फरार चल रहा था। नारायण हरि साकार को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा कहकर भी बुलाया जाता है। 

सूरजपाल ने पहला रिएक्शन क्या दिया था?

हाथरस में हुए हादसे के बाद पहली बार सूरजपाल जब मीडिया के सामने आया तो उसने हाथरस हादसे पर दुख जताया। उसने कहा है कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई होगी, लोग प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें।

सूरजपाल उर्फ भोले बाबा ने एक वीडियो बयान में हाथरस भगदड़ की घटना पर कहा, 'हम 2 जुलाई की घटना के बाद बहुत ही व्यथित हैं। प्रभु हमें इस दुख की घड़ी से उभरने की शक्ति दें। सभी शासन और प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें। हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवकारी हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा। मैंने अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।'

दो जुलाई को यूपी के हाथरस जिले में एक सत्संग का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा शामिल हुआ। कार्यक्रम के बाद सूरजपाल के जाते समय उसकी चरण रज लेने के लिए लोग आगे बढ़े। इसी दौरान अचानक भगदड़ गई। भगदड़ मचने के बाद लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे कई लोग जमीन पर गिर गए। हादसे के बाद सामने आई मौतों का आंकड़ा चौंकाने वाला था। बता दें कि इस हादसे में 121 लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आई। वहीं हादसे के बाद से सीएम योगी आदित्यनाथ खुद मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया है। वहीं पुलिस की कई टीमें मामले की जांच में जुटी हुई हैं।