झारखंड अलग राज्य बनने के बाद अब तक सिर्फ रघुवर दास ने किया झारखंड में अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा


झा डेस्क 

झारखंड अलग राज्य 2000 में अस्तित्व में आने के बाद झारखंड में तमाम सियासी उथल-पुथल के बीच अब तक 12 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ हो चुकी है।

4 जुलाई को 13 वीं बार शपथ ग्रहण समारोह हुई है। हेमंत सोरेन राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिए 

यह ध्यान देने लायक महत्वपूर्ण बात है कि BJP नेता और वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास को छोड़कर झारखंड में किसी भी मुख्यमंत्री ने अपना पूरा कार्यकाल नहीं कर पाए । राज्य में हमेशा से सत्ता परिवर्तन का दौर चलता रहा है।

अब तक ये बनें झारखंड के मुख्मंत्री

अब प्रारंभ से जरा सिलसिलेवार चर्चा। 15 नवंबर 2000 को BJP के बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। इनकी सरकार लगभग ढाई साल तक रही।

इसके बाद अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाया गया। वह लगभग दो साल तक मुख्यमंत्री रहे।

इसके बाद शिबू सोरेन ने 12 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने। 12 मार्च 2005 को फिर से अर्जुन मुंडा लगभग डेढ़ साल के लिए मुख्यमंत्री बने।

इसके बाद निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा मुख्यमंत्री बने।

राष्ट्रपति शासन की स्थिति

28 अगस्त 2008 को शिबू सोरेन दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। इनका कार्यकाल सिर्फ छह माह का रहा। 

इसके बाद 19 जनवरी 2009 को राज्य में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा।

30 दिसंबर 2009 को तीसरी बार शिबू सोरेन छह माह के लिए मुख्यमंत्री बने।

1 जून 2010 को दूसरी बार राष्ट्रपति शासन लगा। 11 सितंबर 2010 को अर्जुन मुंडा तीसरी बार मुख्यमंत्री बने,

 लेकिन उन्हें लगभग ढ़ाई वर्ष में मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा।

18 जनवरी 2013 को तीसरी बार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा। इसके बाद 13 जुलाई 2013 को हेमंत सोरेन पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन इनका कार्यकाल भी डेढ़ साल का ही रहा।

BJP की पूर्ण बहुमत की सरकार

28 दिसंबर 2014 को भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार में रघुवर दास मुख्यमंत्री बने, जिन्होंने अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया।

2019 के चुनाव में JMM, कांग्रेस और RJD गठबंधन की सरकार को पूर्ण बहुमत मिली और 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।

ED की कार्रवाई की वजह से इन्हें 31 जनवरी 2024 को इस्तीफा सौंपना पड़ा। हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद चंपाई सोरेन को नया मुख्यमंत्री बनाया गया।

चंपाई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 को 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। अब हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद 3 जुलाई को उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

हेमंत तीसरी बार और राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में 4 जुलाई को शपथ लिए ।

हेमंत सोरेन 8 जुलाई को करेंगे बहुमत साबित,संख्या बल के हिसाब से अभी भी हैं मज़बूत


झा. डेस्क 

हेमंत सोरेन 8 जुलाई को सदन में बहुमत साबित करेंगे। हालांकि संख्या बल के हिसाब से उनके लिए ज्यादा परेशानी नहीं हैं 

गठबंधन के पास अभी भी पर्याप्त संख्या बल है। हालांकि कई विधायकों के लोकसभा चुनाव लड़ने की वजह से संख्या बल में कमी ज्यादा जरूर हुई है। लेकिन फिर भी हेमंत सोरेन को बहुमत साबित करने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली है। 

 लोकसभा चुनाव की वजह से झारखंड मुक्ति मोर्चा और गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिनमें झामुमो के 27, राजद का 1 और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं। झामुमो के दो विधायक-नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने बीजेपी के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। 

झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है। 

वहीं इसी तरह, विधानसभा में बीजेपी के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं। वहीं भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निष्कासित कर दिया है।

 हालांकि, पटेल ने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है. झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 76 सदस्य हैं। लिहाजा इस बार बहुमत साबित करने के दौरान आंकड़ें का दिलचस्प गणित देखने को मिलेगा।

सुनील कुमार श्रीवास्तव फिर बनाए गए मुख्‍यमंत्री के वरीय आप्‍त सचिव

रांची। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के वरीय आप्‍त सचिव फिर सुनील कुमार श्रीवास्तव बनाए गए हैं। इसका आदेश कार्मिक विभाग ने जारी कर दिया।

आदेश में कहा गया है कि सुनील कुमार श्रीवास्‍तव को 4 जुलाई, 2024 के अपराह्न के प्रभाव से मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव (वाह्य कोटा) के पद पर नियुक्त किया जाता है।

यह नियुक्ति बिल्कुल अस्थायी एवं को-टर्मिनस है। किसी भी समय बिना किसी पूर्व सूचना के समाप्त की जा सकती है। श्री श्रीवास्‍तव वे सेवानिवृत्त सहायक अभियंता हैं।

इनरव्हील क्लब ऑफ गिरिडीह सनशाइन का पदस्थापना समारोह आयोजित, सोनाली तर्वे अध्यक्ष व राखी झुनझुनवाला सचिव बनीं

झा. डेस्क
गिरिडीह। इनरव्हील क्लब ऑफ गिरिडीह सनशाइन का पदस्थापना समारोह द्वारा श्याम सेवा समिति के प्रांगण में संपन्न हुआ। समारोह की शुरुआत गणेश वंदना के साथ हुई। समारोह की मुख्य अतिथि क्लब संस्थापक पीडीसी पूनम सहाय थीं।

अध्यक्ष सुमन गौरीसरिया ने सभी का स्वागत किया और अपने कार्यकाल में किये गये कार्यों पर चर्चा की। इस दौरान पिछले कार्यकाल में बेहतर कार्य करने वाले सदस्यों को अवार्ड देकर सम्मानित किया। नये सत्र में सोनाली तर्वे ने अध्यक्ष पद की शपथ ली।नयी कार्यकारिणी का गठन किया गया।

क्लब सेक्रेटरी राखी झुनझुनवाला, वाइस प्रेसिडेंट कविता राजगढ़िया, कोषाध्यक्ष स्मृति आनंद, आइएसओ एडवोकेट सुनीता शर्मा व संपादक दीप्ति सिन्हा बनायी गयीं. मुख्य अतिथि पूनम सहाय ने क्लब के कार्यों की सराहना की और क्लब को आगे ले जाने के लिए प्रेरित किया।

पदस्थापना समारोह में क्लब की कई सदस्यों के अलावा शहर के गण्यमान्य लोग भी उपस्थित थे। समारोह में लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया। मौके पर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, संजीत तवें, गोपाल भदानी, प्रकाश सेठ, रंजना बगेड़िया, सुमन गौरीसरिया, अर्चना कुमारी, डॉ पी सहाय, डॉ संजीव कुमार, डॉ एनी, डॉ शीतल गौरीसरिया आदि भी मौजूद थे।
हेमंत सोरेन का राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह शुरू,विधायकों के साथ पिता शिबू सोरेन से आशीर्वाद लेकर पहुंचे राजभवन

झा. डेस्क
हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ  राजभवन से ले रहे. 5 बजे उनका शपथ ग्रहण समारोह  शुरू हो गया.वे तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनें. राजभवन सूत्रों के अनुसार हेमंत अकेले शपथ लें रहे हैं । हेमंत सोरेन विधायकों के साथ राजभवन पहुंच चुके हैं.

इसके पहले गुरुवार सुबह राज्यपाल राधाकृष्णन ने इंडी गठबंधन के नेताओं को मुलाकात के लिए बुलाया था। शपथ ग्रहण से पहले हेमंत सोरेन ने पिता शिबू सोरेन से मुलाकात की और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।

X पर तस्वीरें शेयर कर हेमंत सोरेन ने लिखा-आदरणीय बाबा से मिलकर आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए आशीर्वाद लिया।
NEET परीक्षा पेपर लीक मामले में धनबाद में सी बी आई ने तीन युवक को लिए हिरासत में, पूछ ताछ के लिए ले गया पटना

झारखंड डेस्क
धनबाद : NEET परीक्षा पेपर लीक मामले में धनबाद में सी बी आई  ने की बड़ी कार्रवाई, सीबीआई ने धनबाद से तीन युवकों को हिरासत में लिया हैं.

धनबाद: NEET-UG पेपर लीक मामले में  सीबीआई ने सरायढेला थाना क्षेत्र से  एक युवक को गिरफ़्तार किया हैं । वह कार्मिक नगर स्थित बिंदु अपार्टमेंट निवासी हैं,पूछताछ के लिए हिरासत में लिया हैं. दुसरा युवक बैंक मोड़ थाना क्षेत्र से गिरफतार किया गया। वह एक बहुत चर्चित व्यवसायी का बेटा है जिनका धनबाद में कई जगह इलेक्ट्रॉनिक्स के दुकान मौजूद हैं.

तीसरे की पहचान अब तक नही हो पाई। तीनों की गिरफ्तारी के बाद पटना ले जाया गया।
मांडर विधानसभा प्रखंड स्तरीय मेघा विद्यार्थी सम्मान समारोह मे मेधावी विधार्थियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। : विधायक शिल्पी नेहा तिर्की

मांडर प्रखंड स्थित संत अन्ना बालिका विधालय मांडर के हॉल मे प्रखंड स्तरीय मेघा विधार्थी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, विधायक प्रतिनिधि मंगा उरांव, जमील मल्लिक, सेरॉफीना मिंज, नसीम अंसारी, अर्जुन महतो, सरिता तिग्गा, समशुल अंसारी, तस्लीम अंसारी, बंधु उरांव एवं अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।

कार्यक्रम में लगभग 200 से अधिक होनहार बच्चों को प्रशस्ति पत्र व प्रखंड टॉपर को साईकिल देकर सम्मानित किया। बच्चे, अभिभावक व अतिथि भी इस पहल की प्रशंसा की।।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने आयोजनकर्ता की पूरी टीम को बधाई दी। सम्बोधन करते हुए बच्चों से कहा कि मेट्रिक के बाद आपकी दिशा तय होगी। आप क्या करना चाहते है, आपकी रुचि किस क्षेत्र में है, यह आपको जानना होगा। उन्होंने कहा कि हम जिस समाज में रहते है, वहां की अच्छाई को लेकर सामाजिकता को जानना भी हमारा कर्तव्य है। इसलिए पहले एक अच्छा नागरिक बने।

उन्होंने कहा कि मोबाइल में अच्छी व खराब दोनों चीजें है, आप अच्छी चीजों को ग्रहण करें। लक्ष्य की प्राप्ति तक कठोर परिश्रम करें। आज का समय ऑनलाइन का है, और दुनिया की सभी चीजों को जान सकते है, यह बेहतर ऑप्शन है, आज हर तरफ कंपटीशन है। छात्र जीवन लक्ष्य के लिए संघर्ष का समय है।
झारखंड: कुछ घंटों में जानिए इन जिलों में वज्रपात होने की हैं संभावना मौसम विभाग ने किया अलर्ट, बारिश की भी हैं संभावना

झारखण्ड डेस्क
रांची। झारखंड के कई जिलों के लिए आज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 1 से 3 घंटें में इन जिलों के कई इलाकों में वज्रपात होने के साथ आंधी चलने की आशंका है। कई जगह बारिश भी हो सकती है।

चलेगी तेज हवा

मौसम केंद्र के अनुसार कुछ स्‍थानों पर तेज गति से हवा चलने की आशंका है। इसकी स्‍पीड 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना है।

इसका रखें ख्‍याल

अलर्ट को देखते हुए सतर्क और सावधान रहें। सु‍रक्षित स्‍थान में शरण लें। पेड़ के नीचे खड़ा नहीं रहें। बिजली के पोल से दूर रहें। किसान अपने खेत में नहीं जाएं। मौसम सामान्‍य होने का इंतजार करें। बिजली के उपकरणों का उपयोग नहीं करें।

इन जिलों में असर

मौसम केंद्र के मुताबिक इसका प्रभाव चतरा, हजारीबाग, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिम सिंहभूम, रांची, पूर्वी सिंहभूम, रामगढ़ जिले के कुछ भागों में देखने को मिलेगा।
झारखंड: कुछ घंटों में जानिए इन जिलों में वज्रपात होने की हैं संभावना मौसम विभाग ने किया अलर्ट, बारिश की भी हैं संभावना

झारखण्ड डेस्क
रांची। झारखंड के कई जिलों के लिए आज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 1 से 3 घंटें में इन जिलों के कई इलाकों में वज्रपात होने के साथ आंधी चलने की आशंका है। कई जगह बारिश भी हो सकती है।

चलेगी तेज हवा

मौसम केंद्र के अनुसार कुछ स्‍थानों पर तेज गति से हवा चलने की आशंका है। इसकी स्‍पीड 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना है।

इसका रखें ख्‍याल

अलर्ट को देखते हुए सतर्क और सावधान रहें। सु‍रक्षित स्‍थान में शरण लें। पेड़ के नीचे खड़ा नहीं रहें। बिजली के पोल से दूर रहें। किसान अपने खेत में नहीं जाएं। मौसम सामान्‍य होने का इंतजार करें। बिजली के उपकरणों का उपयोग नहीं करें।

इन जिलों में असर

मौसम केंद्र के मुताबिक इसका प्रभाव चतरा, हजारीबाग, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिम सिंहभूम, रांची, पूर्वी सिंहभूम, रामगढ़ जिले के कुछ भागों में देखने को मिलेगा।
सीएम पद से इस्तीफा से चम्पई सोरेन हैं नाराज,क्या हेमंत सरकार में होंगी उनकी कोई भूमिका या देखेंगे वे पार्टी का काम काज...?

झारखण्ड डेस्क
हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले में बेल मिलने के बाद वे एक बार फिर झारखंड के सीएम बनने जा रहे हैं. इसलिए कल चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के पद पद से इस्तीफा दिलाया गया.

बुधवार को राजधानी रांची में जेएमएम, कांग्रेस और राजद की बैठक हुई जिसमे सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को फिर से सीएम बनाने पर सहमति बन गयी थी.उसके बाद पार्टी के इस फैसले के बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है.

इधर जो खबर छन कर सामने आ रही हैं उससे पता चलता  हैं कि चंपई सोरेन को पद से हटाये जाने के  इस फैसले से नाराज हैं.
हालांकि सीएम चंपई की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. उनके मन के टीस को उनके चेहरे से पढ़ा जा सकता हैं. हलाकि बीच में मीडिया में यह खबर भी आयी थी कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री के पद पर अभी शपथ नहीं लेंगे, पार्टी को मज़बूत करने और आगामी विधानसभा कि तैयारी के लिए कार्यकर्ताओं के साथ मैदान में रहेंगे.लेकिन अचानक हेमंत सोरेन का निर्णय बदला कल बुधवार को गठबंधन कि बैठक हुयी और विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद शाम को चंपाई सोरेन को इस्तीफा दिला दिया गया.
पद से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के फैसले के अनुसार हमलोगों ने यह निर्णय लिया है.

*चंपई सोरेन कि क्या हैं अहमियत क्या नाराज हो सकते हैं उनके समर्थक*

चंपई सोरेन सीएम रहते हुए अच्छा काम कर रहे थे, कई कल्याणकारी योजनाओं का उन्होंने घोषणा किया. वे
जेएमएम के कोल्हान क्षेत्र के सबसे बड़े नेता भी रहे हैं. वर्ष 1991 से विधायक बनते रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई बार विभाजन के बाद भी वे शिबू सोरेन के साथ डटे रहें. विपरित हालात में उन्होंने इसी साल फरवरी में राज्य की कमान संभाली थी. उनके सीएम बनने के दौरान पार्टी में टूट की भी चर्चा थी हालांकि उन्होंने सूझबूझ के साथ पार्टी को हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में संभाल कर रखा. साथ ही लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर रहा. 2019 में जहां जेएमएम को महज एक सीट मिली थी वहीं इस चुनाव में 3 सीटों पर जीत मिली. लंबे समय के बाद जेएमएम को कोल्हान क्षेत्र में भी एक सीट पर जीत मिली.

*अब आगे क्या होंगी चंपई सोरेन कि भूमिका*

मुख्य मंत्री चंपई सोरेन क़ी इस्तीफा के बाद उन्हें पार्टी किस भूमिका में रखेगी, वे  लंबे समय से जेएमएम में नंबर 2 की भूमिका में रहे हैं. सोरेन परिवार के बाद पार्टी में उनकी धमक रही है. हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में भी उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला था. ऐसे में महज 5 महीने के लिए सीएम बनने के बाद फिर से हेमंत सरकार में मंत्री बनना उनके लिए सहज नहीं होगा. साथ ही चर्चा इस बात की भी है कि उन्हें पार्टी उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बना  सकती है.

जेएमएम को करीब से जानने वाले लोगों का मानना  है कि सोरेन परिवार से इतर किसी व्यक्ति के पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद भी पावर सेंटर का ट्रांसफर आसान नहीं होगा. कार्यकारी अध्यक्ष के पद को लेकर चंपई सोरेन बहुत अधिक खुश नहीं होंगे.

चंपई सोरेन की नाराजगी पार्टी के लिए कितना होगा नुकसानदायक?

झारखंड में जेएमएम का आधार मुख्य रूप से राज्य के 2 हिस्सों संथाल परगना और कोल्हान में रहा है. संथाल परगना शिबू सोरेन का कार्यक्षेत्र रहा है. वहीं कोल्हान क्षेत्र में समय-समय पर पार्टी के नेता बदलते रहे हैं. पार्टी में कई बार विद्रोह भी देखने को मिला है. 2019 के विधानसभा क्षेत्र में जेएमएम ने इस क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन किया था. चंपई सोरेन इस क्षेत्र में टाइगर के नाम से चर्चित रहे हैं. ऐसे में अगर उनकी नाराजगी होती है तो जेएमएम को अगले कुछ महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है.

*हेमंत को पुनःसीएम बनने के पीछे का क्या हैं रणनीति*

हेमंत सोरेन झारखंड में कांग्रेस जेएमएम गठबंधन के सर्वमान्य नेता रहे हैं.  जेल से आने के बाद भी लोगों में उनकी अच्छी लोकप्रियता रही है. चंपई सोरेन का कोल्हान के बाहर कोई जनाधार नहीं है.

साथ ही बीजेपी की तरफ से बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद संथाल परगना और पूरे राज्य भर में उनके खिलाफ एक मजबूत नेता की जरूरत महसूस हो रही है. कांग्रेस के भी कई विधायक इस पक्ष में हैं. राजनीति के जानकारों का भी मानना है कि जेएमएम का जनाधार सोरेन परिवार के ही आसपास रहा है.

हेमंत के जेल जाने को मुद्दा बना सकती है जेएमएम
जेल से आने के बाद हेमंत सोरेन शिबू सोरेन के लुक में नजर आ रहे हैं. जेएमएम की तरफ से हमेशा से हेमंत सोरेन को निर्दोष बताया जाता रहा है. ऐसे में अदालत से जमानत मिलने के बाद पार्टी इस मुद्दे को जोरदार ढंग से पेश करना चाहती है. जेएमएम की कोशिश है कि हेमंत सोरेन को चुनाव में पोस्टर ब्वॉय बनाया जाए. झारंखड के गांवों में सोरेन परिवार का मजबूत जनाधार रहा है. 

*क्या संथाल में अपनी मज़बूती रखने में कामयाव होंगे हेमंत..?*

पिछले विधानसभा चुनाव में संथाल परगना की सीटों पर जेएमएम ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी. हालांकि पिछले कुछ दिनों में बीजेपी ने संथाल क्षेत्र में काफी मेहनत किया है. हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन जो की जामा सीट से विधायक बनते रही हैं वो बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं. वहीं बाबूलाल मरांडी भी संथाल परगना में ही राजनीति करते रहे हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता निशिकांत दुबे भी संथाल परगना की गोड्डा सीट से सांसद बनते रहे हैं ऐसे में इस तिकड़ी को रोकने के लिए भी जेएमएम हेमंत सोरेन को आगे कर सकती है.

*2019 के बाद से सियासी घटनाक्रम*

2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम कांग्रेस गठबंधन की जीत के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के सीएम बने थे.भूमि घोटाले से संबधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ केस दर्ज किया.साल 2024 के 31 जनवरी को जांच एजेंसी ने लंबी पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया.गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने पद से इस्तीफा दे दिया. 2 फरवरी 2024 को चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने.28 जून 2024 को हेमंत सोरेन जमानत के बाद जेल से बाहर आए.3 जुलाई को इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद चंपई सोरेन ने इस्तीफा दे दिया.

*क्या है मौजुदा विधानसभा में सीटों की स्थिति*

झारखंड विधानसभा में सदस्यों की संख्या 81 है. लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है जिनमें झामुमो के 27, राजद का एक और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं. झामुमो के दो विधायक-नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था. झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है.

इसी तरह, विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं.  बीजेपी ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाyई पटेल को निष्कासित कर दिया है. हालांकि, पटेल ने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है.

*सीएम बानने के बाद हेमंत के सामने क्या हैं चुनौती*

सीएम के पद पर शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन के पास  सबसे पहला चुनौती होगा  चंपई सोरेन की नाराजगी को मैनेज करना, क्योंकि कोल्हान के लोग जो चंपई के सीएम  बनने से खुश थे वे नाराज हो सकते हैं उन्हें मानना चम्पई  सोरेन को पार्टी और सरकार में सही जगह देना.