रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी कर रही भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक, कभी-कभी देखने को मिलता है ये नजारा

 उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मानसूनी बारिश जमकर बरस रही है. ऊंचाई वाले स्थानों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गये हैं. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है. अलकनंदा नदी फिलहाल 624 मीटर पर बह रही है और खतरे का निशान 626 मीटर है. नदी किनारे स्थित सभी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं.

चमोली जिले के बदरीनाथ धाम सहित अन्य क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी उफान पर बह रही है. रुद्रप्रयाग शहर के बीच से बहने वाली अलकनंदा नदी ने विकराल रूप धारण कर दिया है. नदी के बढ़ते जल स्तर के बीच नदी किनारे के सभी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गई है. नदी अपने मूल बहाव क्षेत्र से लगभग 15 मीटर दूर तक बह रही है. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे नदी से लगभग 15 मीटर दूर भगवान शिव की 10 फीट से अधिक ऊंची मूर्ति है और नदी का पानी इस मूर्ति के गले तक पहुंच चुका है. नदी में पेड़-पौधों के साथ तमाम चीजें बहकर आ रही हैं.

रुद्रप्रयाग में पिछले तीन दिनों से सिर्फ बादल छाये हुए हैं. यदि यहां भी आफत की बारिश बरसती है तो दिक्कतें अधिक पैदा हो सकती हैं. प्रशासन ने भी नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट मोड़ पर रख दिया है. लोगों से कहा जा रहा है कि वह सतर्क रहे, ताकि नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर घरों को खाली किया जा सके. वहीं दूसरी ओर मंदाकिनी नदी भी उफान पर है. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का संगम होता है.

संगम स्थल पर बने स्नान घाट के साथ शव जलाने के स्थान भी पूरी तरह से मंदाकिनी नदी में डूब गए हैं. यहां पर होने वाली हर रोज सायं की आरती भी प्रभावित हो रही है. प्रशासन की ओर से लोगों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. खासतौर पर नदी किनारे रहने वाले लोगों को सचेत रहने को कहा गया है. पुलिस की ओर से अनाउंस के जरिए लोगों को अलर्ट किया जा रहा है.

मणिपुर में हिंसा पर राज्यसभा में खुलकर बोले पीएम मोदी, पेपरलीक पर भी विपक्ष को घेरा

#pm_modi_in_rajya_sabha_first_time_on_manipur_violence 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने पिछले 10 साल के विकास कार्यों का जिक्र किया। साथ ही मणिपुर जम्मू कश्मीर की स्थिति से लेकर पेपरलीक के मुद्दे तक अपना पक्ष रखा और विपक्ष पर जमकर प्रहार किया।

पीएम मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर मसले पर खुलकर अपनी बात रखी। संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में बुधवार को पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर में हिंसा कम हो रही और शांति बहाल हो रही है। पीएम मोदी ने मणिपुर मसले पर कांग्रेस को राजनीति न करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि जो लोग मणिपुर की आग में घी डाल रहे हैं, उन्हें मणिपुर एक दिन नकार देगा। उन्होंने कांग्रेस का नाम लेते हुए मणिपुर में लगाए गए राष्ट्रपति शासन की भी याद दिलाई। 

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग ये ना भूलें कि इन्हीं हालातों की वजह से इस छोटे से राज्य में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा है। ये हमारे कार्यकाल में नहीं हुआ है। कुछ तो वजह होगी, लेकिन फिर भी राजनीतिक फायदा उठाने के लिए वहां हरकतें हो रही हैं। हमें समझदारी के साथ स्थितियों को ठीक करने के लिए प्रयास करना है। जो भी इसमें सहयोग देना चाहें, हम सबका साथ लेने को तैयार हैं, लेकिन हम सामान्य स्थिति को बरकरार रखने और शांति लाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर में संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि 1993 में मणिपुर के हालात अधिक खराब थे। मणिपुर के लिए सरकार निरंतर कोशिश कर रही है।वहां जो घटनाएं घटीं, 11 हजार से ज्यादा FIR की गईं हैं, 500 से ज्यादा लोग अरेस्ट हुए हैं। इस बात को भी हमें स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं कम होती जा रही हैं।

वहीं, पेपरलीक पर भी विपक्ष को राजनीति ना करने की नसीहत दी। पीएम मोदी ने कहा कि हम चाहते थे कि पेपर लीक जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति न हो, लेकिन विपक्ष को इसकी आदत है। मैं भारत के युवाओं को आश्वस्त करता हूं कि नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त सजा मिले, इसके लिए एक्शन लिए जा रहे हैं।

बेतुके, दिमाग खराब है...', PM मोदी के खिलाफ दिल्ली HC में आई ऐसी याचिका तो न्यायाधीश ने फटकार लगाते हुए दिए ये निर्देश

 पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ याचिका दायर करने वाले को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किए जाने की मांग वाली याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को खारिज कर दिया है. उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाकर कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता को दिमागी स्वास्थ्य जांच की आवश्यकता है.

दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की बेंच ने कहा कि स्थानीय प्रशासन याचिकाकर्ता पर नजर रखे. दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए कहा याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप बेतुके हैं तथा वह या तो मतिभ्रम या किसी अन्य मानसिक समस्या से पीड़ित हैं तथा उन्हें चिकित्सा सहायता की जरुरत है. स्थानीय प्रशासन से कोर्ट ने आगे कहा कि यदि आवश्यकता महसूस हो तो अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मेंटल हेल्थकेयर एक्ट के तहत उसका उपचार करवायें. फिर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

कैप्टन दीपक कुमार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में यह याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ता दीपक विमान में पायलट के तौर पर तैनात थे. दरअसल, याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गलत तरीके से शपथ ली है. इस कारण उन्हें अयोग्य घोषित किया जाए. मगर आज यानी बुधवार को उच्च न्यायालय की एक सदस्यीय बेंच ने यह याचिका खारिज कर दी. उन्होंने याचिका में प्रधानमंत्री मोदी पर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने के प्रयास का भी आरोप लगाया था.

बाबा जी भगवान हैं या इंसान यही देखने आए थे', बोले हाथरस हादसे में ज़िंदा बचे लोग

हाथरस की घटना के बाद कई प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी घटना के संबंध में बातें सामने आ रही हैं। यूपी के बहराइच से बस में सवार होकर कई लोग सत्संग में आए थे. सत्संग में भगदड़ की घटना के बाद कई लोग मौके पर उपस्थित हैं. इनका कहना है कि वे पहली बार आए हैं. उन्हें पता करना था कि बाबा इंसान हैं या भगवान. बस में एक मां और बेटी भी थीं, जो लापता हैं. ये इंतजार कर रहे हैं. कुछ लोग दुर्घटना के तुरंत पश्चात् बस से घर वापस लौट आए. एक शख्स ने कहा कि हमारे सामने दो व्यक्तियों की मौत हो गई, हम खुशकिस्मत हैं, जो बचकर आ गए. जिस हिसाब से भीड़ थी और कम पुलिसकर्मी तैनात थे.

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि सत्संग समाप्त होने के बाद बाबा से मिलने के लिए महिलाएं उनकी गाड़ी के पीछे दौड़ीं, फिर भगदड़ मच गई. भीड़ बहुत अधिक थी, गर्मी काफी थी. लोग जल्दी बाहर निकलने के चक्कर में भागने लगे. वहां मिट्टी भी गीली थी, कीचड़ हो गया था. इससे कई लोग फिसल गए. यदि प्रशासन मुस्तैद होता तो दुर्घटना टल सकती थी. इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उनका कार्यक्रम कोई पहली बार नहीं हुआ है. कार्यक्रम पहले भी हुए हैं. अगर इतनी भीड़ आ रही थी तो सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की थी. लोगों को गाइड करने की जिम्मेदारी सरकार की थी. भीड़ इकट्ठा नहीं होने देने की जिम्मेदारी सरकार की थी.

सत्संग के आयोजक के तौर पर पंडाल के बाहर 78 लोगों के नाम और नंबर हैं. इनमें से एक चिकित्सक मुकेश कुमार से बात की. मुकेश का नाम नंबर 20 पर लिखा है. मुकेश कुमार ने बताया कि वो आयोजनकर्ता नहीं थे. 4 दिन पहले घर पर चंदा मांगने आए थे. उन्हें मना कर दिया था. मुझे नहीं पता, मेरा नाम क्यों लिखा. इस घटना में अब तक कुल 121 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हैं, जो चिकित्सालय में हैं. हाथरस चिकित्सालय में 32 डेड बॉडी आई हैं, 19 का आइडेंटिफिकेशन हो चुका है. पोस्टमार्टम के पश्चात् उन्हें परिजनों को सौंपा जा रहा है, उनके घर भिजवाया जा रहा है. 32 में से 11 का पोस्टमार्टम हो चुका है. एक महिला पुलिसकर्मी बेहोश हो गई थी, वह अब ठीक है, उसे घर भेज दिया गया है. 

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना बेहद दुखद एवं दिल दहला देने वाली है. स्थानीय आयोजकों ने 'भोले बाबा' का कार्यक्रम आयोजित किया था. कार्यक्रम के पश्चात जब सत्संग के प्रचारक नीचे आ रहे थे, अचानक भक्तों की भीड़ उन्हें छूने के लिए बढ़ने लगी और जब सेवादारों ने रोका तो वहां दुर्घटना हो गई. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मामले की तहकीकात के लिए हमने एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी है. उन्हें विस्तृत रिपोर्ट देनी है. घटना के मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव एवं DGP वहां कैंप कर रहे हैं. प्रदेश सरकार के तीन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह, असीम अरुण तीनों घटनास्थल पर हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ आज हाथरस पहुंचेंगे. वे यहां सत्संग में मची भगदड़ को लेकर अफसरों से जानकारी लेंगे.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हाथरस हादसा मामला, एसआईटी से जांच करने की मांग

#pil_filed_in_supreme_court_regarding_hathras_stampede

यूपी के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां फुलराई गांव में साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था।। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। कार्यक्रम में शामिल होने आए 121 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई। सीएम योगी आदित्यानाथ ने दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है तो वहीं, सत्संग करवाने वाला स्वयंभू संत भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि अब तक गायब है। इधर, सरकार ने इस मामले की जांच के लिए दो टीमें बनाई हैं। इस बीच अब हाथरस भगदड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।

सुप्रीम कोर्ट में इस हादसे को लेकर एक याचिका दायर की गई है। ये याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर ने दायर की है।दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी बनाकर जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि भविष्य में इस तरह को दोबारा घटना ना हो इसके लिए सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी किया जाएं। साथ ही घटना वाले जगह पर मेडिकल सुविधा को लेकर क्या व्यवस्था थी रिपोर्ट मांगी जाए।

याचिका में इस पूरी घटना पर यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट की मांग की गई है। याचिका में घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। याचिका में ऐसे समारोह के आयोजनों के लिए एक गाइडलाइन बनाने की मांग की गई है। 

इधर, हाथरस हादसे की जांच की रिपोर्ट को एसडीएम ने डीएम को सौंप दिया है। एसडीएम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसके मुताबिक सत्संग में दो लाख से ज़्यादा लोगों की भीड़ आई थी। रिपोर्ट में बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों को जिम्मेदार बताया गया है। सत्संग के बाद जैसे ही बाबा के चरण रज की धूल उठाने के दौरान लोगों में भगदड़ मच गई है। बाबा के काले कपड़ों में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने ही धक्का मुक्की की थी। दो लाख लोगों के कार्यक्रम की परमिशन भी प्रशासन से नहीं ली गई थी।

राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट, पीएम मोदी ने कहा- हरकतें कल फेल हो गईं, इसलिए आज बाहर गए

#oppositionwalkedoutduringpmmodispeechinrajya_sabha

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष लगातार हंगमा करता रहा। 32 मिनट की स्पीच के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ये मुझे नहीं, संविधान को पीठ दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- देश वासियों ने जो आदेश दिया है, उसे वे (विपक्ष) पचा नहीं पा रहा। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं। आज इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए।

प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की वापसी हुई है। यह घटना असामान्य है। कुछ लोग जानबूझकर के उससे अपना मुंह फेरकर बैठे रहे। कुछ को समझ नहीं आया। जिसे समझ आया उन्होंने ऐसा हो हल्ला किया जिससे देश की जनता के फैसले को ब्लैकआउट करने की कोशिश की। मैं दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर में उन्हें पराजय भी स्वीकार हो रही है और हमारी विजय भी।

पीएम मोदी ने कांग्रेस को दिया धन्यवाद

उन्होंने आगे कहा, मैं कांग्रेस के कुछ साथियों का हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

ये इंतजार में विश्वास रखते हैं, हम मेहनत में-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यहां पर बैठे कुछ लोग कहते हैं कि इसमें क्या है। ये तो होना ही हैं। ये लोग ऑटो पायलट मोड में सरकार चलाना चाहते हैं। ये इंतजार करने में विश्वास रखते हैं। हम मेहनत करना चाहते हैं। आने वाले 5 साल मूल सुविधाओं के सैचुरेशन पर ध्यान दिया जाएगा। आगामी 5 साल गरीबी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई है। हम गरीबी के लड़ाई जीत कर रहेंगे। मैं अपने 10 के अनुभव से बोल रहा हूं कि जब देश दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनेगा तो इसका प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ेगा। इस दौरान आप को विस्तार करने के लिए कई मौके मिलेंगे।

संविधान की वजह से मुझे तीसरी बार देश सेवा का मौका मिला

पीएम मोदी ने आगे कहा कि संविधान के 75 वे वर्ष में हम प्रवेश कर रहे हैं। इस सदन के लिए यह पड़ाव विशेष है, इसे भी 75 साल हुए हैं। मेरे जैसे बहुत लोग है, जिनके परिवार में कोई गांव का सरपंच नहीं रहा। राजनीति से सरोकार नहीं रहा, लेकिन वे महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचकर देश की सेवा कर रहे हैं। इसका कारण बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान है। अंबेडकर के संविधान के कारण मेरे जैसे लोगों को यहां आने का मौका मिला, जनता ने उस पर मुहर लगाई और तीसरी बार हम आए।

आजकल कुछ लोग संविधान की कॉपी लेकर कूद रहे हैं

अपने अभिभाषण में पीएम मोदी ने कहा कि संविधान हमारे लिए आर्टिकल्स का कंपाइल्स नहीं है। हमारे लिए यह मूल्यवान है। किसी भी सरकार के लिए हमारा संविधान लाइट हाउस का काम करता है। मार्गदर्शन करता है। मैंने जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो आज जो संविधान की कॉपी लेकर कूद रहे हैं, उन्होंने विरोध किया था। वे कहते थे 26 जनवरी तो है। आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूल कॉलेजों में संविधान के निर्माण और संविधान के बारे में पढ़ाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष लगातार हंगमा करता रहा। 32 मिनट की स्पीच के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ये मुझे नहीं, संविधान को पीठ दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- देश वासियों ने जो आदेश दिया है, उसे वे (विपक्ष) पचा नहीं पा रहा। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं। आज इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए।

पति ने नहीं, ससुर ने मनाई नई नवेली दुल्हन संग सुहागरात, पीड़िता ने थाने जाकर पुलिस को सुनाई आपबीती

 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है यहाँ एक नई नवेली दुल्हन ने अपने ही ससुर और सास पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं. पीड़िता का कहना है कि शादी के पश्चात् उसका पति विदेश चला गया. ससुर की उस पर पहले से ही गंदी नजर थी. पति के जाते ही ससुर ने उसके साथ बलात्कार किया. जब बहू ने इस बारे में अपनी सास को बताया तो उसने सहायता करने की जगह उसे ही धमकी दे डाली. सास ने कहा कि घर में रहना है तो सभी को खुश रखना पड़ेगा. सास के मुंह से ऐसी बातें सुनकर विवाहिता के होश उड़ गए.

वो इसके बाद अपने मायके चली गई. उसने माता-पिता को पूरी आपबीती सुनाई. फिर थाने जाकर ससुर एवं सास के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. पुलिस इस मामले की तहकीकात करने में जुट गई है. मामला कोलार थाना क्षेत्र का है. पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसकी आयु 24 वर्ष है. कुछ वक़्त पहले उसकी शादी कोलार में रहने वाले दिनेश के साथ हुई थी. दिनेश विदेश में नौकरी करता है. शादी के पश्चात् वो वापस विदेश चला गया. विवाहिता ने बताया कि उसके ससुर सेवानिवृत्त अफसर हैं. शादी के पश्चात् से उनकी उस पर गंदी नजर थी. पहले तो उसने ससुर की हरकतों को नजरअंदाज किया. किन्तु एक दिन जब वो डिनर करके अपने कमरे में गई तो ससुर उसके बेड पर आकर बैठ गया. फिर उसके साथ गंदी हरकत करने लगा. जब उसने ससुर का विरोध किया तो उसने बहू का बलात्कार कर डाला.

बहू ने बताया कि अगले ही दिन उसने पूरी बात अपनी सास को बता दी. सास ने उल्टा उसे ही धमकी दे डाली. बोलने लगी कि इस घर में रहना है तो सभी को खुश रखो. यदि इस बारे में किसी को बताने का प्रयास किया तो अंजाम बुरा होगा. विवाहिता सास की बातें सुनकर डर गई. फिर किसी बहाने वो ससुराल से बाहर निकली तथा सीधे अपने मायके जा पहुंची. उसने रोते-बिलखते पूरी घटना परिवार को बताई. परिवार समेत वो नजदीकी थाने पहुंची. यहां उसकी बातें सुनकर पुलिस वाले भी दंग रह गए. मामला कोलार थाना इलाके का था. इसलिए पुलिस ने इसे वहां ट्रांसफर कर दिया. अब कोलार पुलिस द्वारा मामले की गंभीरता से तहकीकात की जा रही है.

ड्रामा बंद नहीं किया तो मार देंगे गोली', बरसाना के मान मंदिर सेवा संस्थान के सचिव को 'प्रदीप मिश्रा' के शिष्य ने दी धमकी

कथावाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा राधा रानी पर दिए गए विवादित बयान का मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है. इसको लेकर अब मथुरा के बरसाना स्थित मान मंदिर सेवा संस्थान के सचिव को जान से मारने की धमकी दी गई है. धमकी देने वाले अपराधी ने स्वयं को कथा वाचक प्रदीप मिश्रा का शिष्य बताया है. उसने कथा वाचक के विरुद्ध आयोजित हुई महापंचायत को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. सचिव को दो मोबाइल नंबरों से गोली मारने की धमकी दी गई है. पीड़ित ने SSP को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है. मशहूर कथा वाचक प्रदीप मिश्रा पर राधारानी पर अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप है. ब्रज में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किए गए. बरसाना में इसके विरोध में महापंचायत का आयोजन किया गया था, जिसमें कथा वाचक को माफी मांगने सहित कई शर्ते रखी गईं थी. महापंचायत के पश्चात् मान मंदिर सेवा संस्थान के सचिव को जान से मारने की धमकी की घटना सामने आई है.

 मान मंदिर सेवा संस्थान के सचिव सुनील उर्फ बृज दास महाराज ने बताया कि 24 जून को मान मंदिर सेवा संस्थान के रस मंडप में कथा वाचक प्रदीप मिश्रा के खिलाफ महापंचायत हुई थी. प्रदीप मिश्रा ने बरसाना के राधा रानी के ऊपर टिप्पणी की थी. सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसको लेकर सभी बृजवासी साधु संत समाज ने इसका विरोध किया था. उनके विरोध में आयोजित हुई महापंचायत में हजारों के आंकड़े में साधु संत एवं बृजवासी एकत्रित हुए थे. उन्होंने बताया कि सभी ने प्रदीप मिश्रा का विरोध किया तथा कुछ शर्ते अंत में रखी गई जिसको लेकर प्रदीप मिश्रा को चेतावनी दी गई थी.

महापंचायत के पश्चात् मान मंदिर के सचिव सुनील को जान से मारने की धमकी दी गई. उन्होंने कहा कि उन्हें मध्य प्रदेश के नंबरों द्वारा कॉल किया गया, जिसमें बोला गया कि यह सब ड्रामा बंद कर दो नहीं तो तुमको हम गोली से उड़ा देंगे. सुनील ने बताया कि जब 24 तारीख को महापंचायत का समापन हुआ तो 25 जून को मेरे पास रात 11:30 बजे उन नंबर से फ़ोन आया. इनसे जब बात की गई तो उसने कहा कि ‘हम प्रदीप मिश्रा महाराज जी के समर्थक बोल रहे हैं. तुम लोगों ने क्या ड्रामा लगा रखा है. इसको बंद करो नहीं तो हम तुमको गोली से उड़ा देंगे. हमारे गुरुदेव ने कुछ भी गलत नहीं कहा है, उन्होंने जो कहा है सत्य कहा है.’ वही पुलिस द्वारा मामले की तहकीकात की जा रही है.

राज्यसभा में हाथरस हादसे पर जताया गया शोक, खड़गे ने की अंधश्रद्धा को लेकर कानून बनाने की मांग

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लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद आज केवल राज्यसभा की कार्यवाही होगी। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। सभापति जयदीप धनखड़ ने हाथरस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं।पूरे सदन ने मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। धनखड़ ने कहा- ऐसे आयोजनों के लिए नियमावली बननी चाहिए। सांसदों से उन्होंने अपनी राय देने के लिए कहा।

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हाथरस जैसा हादसा दुखद है। ऐसे आयोजनों को कराने के लिए कानून बनाना चाहिए। किस तरह से आयोजन हो, वहां क्या-क्या व्यवस्था हो, जिससे आयोजन हो सके। उसको ध्यान में रखते हुए ऐसे सत्संग और आयोजनों को लेकर कड़े नियम और कानून बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अंधश्रद्धा को लेकर महाराष्ट्र में भी एक कानून है, इसी तर्ज पर कानून बनना चाहिए।

खड़गे ने कहा- कई बाबा जेल में है। ऐसा कानून बनना चाहिए, जिससे अंध श्रद्धा पर रोक लगे। जो असली लोग है, उन्हें आने दो। जो नकली लोग हैं, वे आश्रम बनाकर लोगों को लूट रहे हैं।

लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में बोलेंगे पीएम मोदी, विपक्ष के आरोपों का दे सकते हैं जवाब, हंगामे के आसार

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लवोकसभा चुनाव 2024 के बाद संसद के विशेष सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार को राज्यसभा में बोलेंगे। आज पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी राज्यसभा में विपक्ष पर भी बड़ा हमला कर सकते हैं। राहुल गांधी के विवादित बयान को लेकर भी पीएम मोदी विपक्ष को जवाब दे सकते हैं। इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर कड़े प्रहार किए थे।

मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में 2 घंटे15 मिनट की स्पीच दी थी। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। आज केवल राज्यसभा की कार्यवाही होगी। इसके बाद दोनों सदनों में कार्यवाही आने बजट सत्र में दोबारा शुरू होगी।

लोकसभा के पहले सत्र में 7 बैठकें हुईं, लगभग 34 घंटे कार्यवाही चली

18वीं लोकसभा का पहला 2 जुलाई को खत्म हुआ। यह 24 जून को शुरू हुआ था। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि पहले सत्र में 7 बैठकें हुईं और लगभग 34 घंटे तक सदन की कार्यवाही चली। लोकसभा ने सत्र के दौरान 103% कार्य उत्पादकता दर्ज की गई।

27 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 18 घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा चली। इसमें 68 सदस्यों ने भाग लिया। इसके अलावा 50 सदस्यों ने अपने भाषण दिए। 2 जुलाई को प्रधानमंत्री के जवाब के साथ धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा खत्म हुई।