Jharkhand

Jul 01 2024, 15:30

झारखंड विंधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति तय,राज्य के 26% आदिवासी वोट हथियाने के लिए सभी बड़े आदिवासी नेता को उतारा जयेगा मैदान में

झारखंड डेस्क

हेमन्त सोरेन की जमानत और आदिवासी समुदाय में झामुमो के प्रति सहानुभूति भाजपा के लिए अभी सबसे बड़ी चुनोती है।राज्य में आदिवासी समुदाय की 26%वोट है।पिछले लोकसभा चुनाव में जो रुझान रहा उसमे साफ तौर में दिखा कि आदिवासी वोट का प्रतिशत ज्यादा झामुमो के साथ दिखा। 

अब इधर झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गयी है। भाजपा हर हाल में विधानसभा चुनाव में जीत कर झारखंड में डबल इंजन की सरकार बनाना चाहती है।इसके लिए रणनीति की दिशा तय करने के लिए 

 बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हिमंत विश्व शर्मा ने रांची दौरे पर आए ।इस दौरे में जो भाजपा की रणनीति सामने आई उसके अनुसार यह साफ हो गया है कि भाजपा राज्य के आदिवासी वोट को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी तरह से जूट गयी है। 

इसको लेकर 29 जून को एकदिवसीय रांची दौरे पर पहुंचे हिमंत विश्व शर्मा ने पार्टी के सभी जनजातीय नेताओं के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात में जो तस्वीरें सामने आयी उससे साफ हो गया कि बीजेपी अब राज्य की 26% आदिवासी वोट को अपना बनाना चाहती है।

दरअसल हिमंत विश्व शर्मा ने रांची दौरे के दौरान बीजेपी की जिन ट्राइबल बड़े नेताओं के साथ मुलाकात की, उन सभी नेताओं को झारखंड विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए उतारा जा सकता है।इस लिस्ट में अगर अरुण उरांव को छोड़ दें तो तो चाहे वह अर्जुन मुंडा हो या फिर सुदर्शन भगत, गीता कोड़ा, सीता सोरेन या फिर समीर उरांव. इन तमाम नेताओं को लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है। लेकिन, झारखंड में यह सभी पार्टी के लिए बड़े ट्राइबल लीडर्स में एक है।

लोकसभा चुनाव में भले ही इन नेताओं का परफॉर्मेंस बहुत बेहतर नहीं रहा है।लेकिन, पार्टी इन सभी बड़े चेहरों को विधानसभा चुनाव में मौका दे सकती है। इससे पार्टी लोकसभा चुनाव में एसटी सीटों पर हार की कहानी से आगे बढ़़कर विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर एक नया मोड़ दे सकती है। इसके साथ ही 26% आदिवासी समाज के सामने एक बड़ा मैसेज भी दिया जा सकता है।दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि पार्टी के जिन बड़े नेताओं को हार मिली है अब विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका क्या होगी.वैसे इन सभी नेताओं की अपने क्षेत्र में कैडर वोट पर अच्छी पकड़ है।

फिलहाल सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है कि हिमंत विश्व शर्मा का रांची दौरा पार्टी आलाकमान के इसी मैसेज के साथ फिक्स किया गया था।आइए आपको बताते हैं कि 29 जून को हिमंत विश्व शर्मा ने जिन ट्राइबल नेताओं के साथ मुलाकात की है अगर उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा गया तो उनका क्षेत्र कौन सा हो सकता है।

समीर उरांव- गुमला

सुदर्शन भगत- लोहरदगा

अर्जुन मुंडा- खरसावां

गीता कोड़ा- जगन्नाथपुर

सीता सोरेन/जयश्री सोरेन

 ;(बेटी)- जामा

अरुण उरांव- अभी तय नहीं

इस लिस्ट में अरुण उरांव ने फिलहाल कोई चुनाव नहीं लड़ा है।हालांकि उन्होंने लोकसभा चुनाव में लोहरदगा सीट से कोशिश जरूर की थी लेकिन टिकट सुदर्शन भगत को दिया गया था। वैसे अरुण उरांव मूल रूप से गुमला के सिसई विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. ऐसे में उनकी इच्छा लोहरदगा या फिर गुमला के ही किसी विधानसभा क्षेत्र से हो सकती है।

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Jul 01 2024, 14:16

विधानसभा अपने कर्मियों को प्रोन्नत करने के लिए किया है परीक्षा का आयोजन


झारखंड विधानसभा में पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी और आलमगीर आलम के कार्यकाल में नियुक्त हुए 400 से अधिक कर्मियों की बहाली पर सवाल उठे हैं. इससे संबंधित मामला हाइकोर्ट में भी चल रहा है. इस बीच विधानसभा अपने चतुर्थवर्गीय कर्मियों को कनीय सचिवालय सहायक व निम्न वर्गीय लिपिक के साथ-साथ सुरक्षा प्रहरी पद पर प्रोन्नत करने जा रही है.

14 जुलाई को केराली स्कूल में होगी सीमित परीक्षा

प्रोन्नति के लिए 14 जुलाई को सीमित प्रतियोगिता परीक्षा केराली स्कूल में दिन के 11 से 2 बजे तक होगी. परीक्षा में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी हिस्सा ले सकते हैं. परीक्षा पास होने पर वे कनीय सचिवालय सहायक के निम्नवर्गीय लिपिक के पद पर प्रोन्नत होंगे. सुरक्षा प्रहरी के लिए शारीरिक टेस्ट भी होगा.

स्नातक या इसके समकक्ष दे पाएंगे सचिवालय सहायक की परीक्षा

झारखंड विधानसभा में सचिवालय सहायक के पद पर प्रोन्नति के लिए स्नातक या इसके समकक्ष योग्यता रखी गयी है. परीक्षा सामान्य हिंदी, सामान्य ज्ञान और गणित की होगी. कनीय सचिवालय सहायक या निम्नवर्गीय लिपिक पद के इच्छुक कर्मियों को कंप्यूटर टाइपिंग का भी ज्ञान होना चाहिए.

सुरक्षा प्रहरी के लिए दौड़, लांग जंप और हाइ जंप का प्रावधान

वहीं, सुरक्षा प्रहरी के लिए इच्छुक कर्मियों को एक किलोमीटर दौड़, छह फीट लांग जंप और तीन फीट हाइ जंप पास करना होगा. इसके लिए न्यूनतम 40 अंक लाना अनिवार्य होगा. सफल कर्मियों की सेवा आरक्षण नियम के अनुरूप तय होगी. इस पद के लिए 3 जुलाई तक आवेदन करना होगा.

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Jul 01 2024, 13:18

झारखंड की चिकित्सा व्यवस्था:राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आज भी है समुचित संसाधन,और चिकित्सक,कर्मचारी का अभाव

झारखंड डेस्क

झारखंड अलग राज्य को बने हए 24 साल पूरा होने जा रहा है। लेकिन किसी राज्य के बुनियादी ढांचा को मजबूत बनाने के लिए मौलिक चीज है चिकित्सा ,शिक्षा और रोजगार । कोई राज्य के विकास के लिए ये तीन महत्वपूर्ण व्यवस्था है।हम इस एपिशोड में चर्चा करेंगे झारखंड के चिकित्सा व्यवस्था कितना मज़बूत हो पाया है।और लगातार इस तीनो व्यवस्था में झारखंड कहाँ है।

आज हम चर्चा करेंगे राज्य सरकार द्वारा संचालित सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की।ओर सबसे क्रिटिकल चिकित्सा न्यूरो विभाग की है। 

राज्य के बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के न्यूरो सर्जरी विभाग है। यह विभाग इसीलिए सबसे ज्यादा मायने रखता है कि इस विभाग में एक साल में लगभग 1800 मरीजों की सर्जरी हुई है। इसमें 250 ब्रेन ट्यूमर और 300 स्पाइन की सर्जरी शामिल हैं। यह इलाज इतना महंगा है और इतना क्रिटिकल की गरीब जनता की निर्भरता राज्य के सरकारी अस्पताल पर हीं निर्भर रहना पड़ता है। इसलिए रिम्स जैसे अस्पतालों को इस विभाग को काफी सुविधायुक्त करना जरूरी है।लेकिन इन 24 सालों में ऐसा नही हो पाया।

यहां ओपीडी में भी हर दिन 150-200 मरीजों को परामर्श दिया जाता है।डॉक्टरों की कमी के कारण सर्जरी और मरीजों को परामर्श देने में काफी परेशानी हो रही है। इसके अलावा विभाग के ओटी में जरूरी मशीनें 12 से 15 साल पुरानी हैं, जो बीच-बीच में खराब होती रहतीं हैं. ऐसे में इन मशीनों को तत्काल बदलने की जरूरत है।

न्यूरो विभाग में अभी 3 डॉक्टर हैं जो देते हैं सेवा

विभाग में फिलहाल सिर्फ 3 डॉक्टर हैं। ऐसे में इमरजेंसी सर्जरी को प्राथमिकता देनी पड़ती है. वहीं, रूटीन सर्जरी के लिए मरीजों को रिम्स में 30 से 45 दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। वर्तमान में इस विभाग के वार्डों में 140 बेड हैं, जबकि 225 मरीज भर्ती हैं। कई मरीज कॉरिडोर और दूसरे विभागों के वार्ड में भर्ती हैं।

ओपीडी में यहां 4 दिन मरीजों को दिया जाता है परामर्श

विभाग में 4 दिन ओपीडी में मरीजों को परामर्श दिया जाता है। शनिवार को निदेशक सह न्यूरो सर्जन डॉ राजकुमार परामर्श देते हैं। विभाग में एक सीनियर चिकित्सक डॉ आनंद की यूनिट है, जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ गौतम दत्ता और डॉ सौरभ कुमार मिलकर मरीजों का इलाज और सर्जरी करते हैं. वहीं, 13 एकेडमिक सीनियर रेजीडेंट (पीजी स्टूडेंट) और दो नन एकेडमिक सीनियर रेजीडेंट हैं।

नर्सिंग स्टाफ की भी है कमी

आइसीयू में मरीजों की देखभाल के लिए जरूरत से कम नर्सिंग स्टाफ है। यहां 40 मरीजों की देखभाल का जिम्मा दो से तीन नर्सों पर है। इसके अलावा सिर्फ 2 ड्रेसर हैं। इस कारण कई मरीजों की समय पर ड्रेसिंग नहीं हो पाती है। अगर इस विभाग में एनएमसी का निरीक्षण हो जाये, यहां पीजी की सीटें घट सकती हैं।

 बार्ड के बाथरूम में दरवाजा तक है नहीं

न्यूरो सर्जरी विभाग के वार्ड में मामूली सुविधाओं का भी अभाव है. वार्ड में मरीजों की भीड़ की वजह से बेड को भी बेतरतीब तरीके से रखना पड़ रहा है। बाथरूम में दरवाजा तक नहीं है, जिससे मरीज और परिजनों को परेशानी होती है। कई वार्डों का बाथरूम जाम रहता है, जिससे परिजनों को दूसरे वार्ड में जाना पड़ता है।

मरीजों की संख्यां के अनुसार दो ओटी की है जरूरत

न्यूरो सर्जरी विभाग में 2 ऑपरेशन थियेटर (ओटी) हैं. मरीजों की भीड़ को देखते हुए यहां और 2 ओटी की जरूरत है। इसका प्रस्ताव प्रबंधन को भेजा गया है। ओटी में जरूरी मशीनें काफी पुरानी हैं, जिन्हें बदलने की जरूरत है। माइक्रोस्कोप, बाइपोलर डायथर्मी मशीन और एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन की नयी मशीनें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। सी-आर्म मशीन के लिए निविदा निकाली गयी है, लेकिन सिर्फ एक कंपनी रुचि दिखा रही है. इसकी वजह से निविदा नहीं हो पा रही है।

क्या कहते हैं रिम्स के पीआरओ

इस सम्बंध में रिम्स के पीआरओ से जानकारी लेने पर बताया कि न्यूरो सर्जरी विभाग की ओटी के लिए नयी मशीन खरीदने लिए निविदा की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. आधारभूत संरचना को दुरुस्त करने के लिए संपदा विभाग की बैठक हो चुकी है. शीघ्र बाथरूम आदि की मरम्मत की जायेगी. फैकल्टी की कमी दूर करने के लिए आवेदन निकाला गया है, जो प्रक्रिया में है.

डॉ राजीव कुमार, पीआरओ, रिम्स

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Jul 01 2024, 12:42

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन कल 2 जुलाई को 1500 करोड़ की परियोजनाओं का करेंगे शिलान्यास


झा.डेस्क

रांची : मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन दो जुलाई को राज्यवासियों को 1500 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे। इस अवसर पर जल संसाधन, पथ निर्माण विभाग व भवन निर्माण मंत्री बसंत सोरेन भी मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन दो जुलाई को राज्यवासियों को 1500 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे। इस अवसर पर जल संसाधन, पथ निर्माण विभाग व भवन निर्माण मंत्री बसंत सोरेन भी उपस्थित रहेंगे। उप राजधानी दुमका से योजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन होगा। इसका सबसे अधिक लाभ संथाल के सभी छह जिलों को मिलेगा।

इस दौरान कई महत्वपूर्ण सड़क-पुल व प्रखंड भवन सहित सिंचाई परियोजनाओं की सौगात मिलेगी। इनमें कई नई योजनाएं भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम को देखते हुए तीनों विभाग तैयारी कर रहे हैं। संंबंधित जिला प्रशासन को भी इस संबंध में दिशा-निर्देश दिया गया है।

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Jul 01 2024, 12:41

तेतुलमारी नगरीकला के झाड़ियों में मिला एक लावारिस स्कूटी*

झा. डेस्क

धनबाद : तेतुलमारी थाना क्षेत्र के नगरीकला के पास जंगली झाड़ियों में ग्रामीणों ने रविवार को ;(जेएच 10 सी डब्लु 8333) नंबर की एक लावारिस स्कूटी को देख तेतुलमारी थाना को सूचित किया तुरंत पुलिस ने मौके पर पहुँच कर उक्त वाहन को अपने कब्जे में लेकर थाना ले गयी।

वही लोगों ने बताया कि

उक्त नीले रंग की स्कूटी जिसमे कई जगह खरोंच भी लगा हुआ है 

 वह लगातार दो दिनों से झाड़ीयो के समीप देखा जा रहा था। यह देख लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चा होने लगी। कुछ लोगों का कहना था कि कहीं अपराधिक घटना को अंजाम देकर अपराधियों ने उक्त स्कूटी को झाड़ी में रखकर चल दिया हो तो किसी ने कहा कि चोरी की गई वाहन होगी जिसे झाड़ी में फेंका गया है। 

स्कूटी के समीप से पानी की खाली बोतल व वियर के बोतल भी देखा गया।

इस संबंध में तेतुलमारी थानेदार लव कुमार चौधरी ने कहा कि उक्त स्कूटी को ईस्ट बसुरिया थाना की पुलिस को सौंप दिया गया है आगे जांच पड़ताल की जा रही है।

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Jul 01 2024, 10:56

धनबाद : ऑनलाइन गेमिंग के जरिए साइबर ठगी करने वाले गिरोह के तीन साइबर ठगों को तीन थाने की पुलिस ने छापेमारी कर दबोचा

झा डेस्क 

धनबाद : जोगता थाना क्षेत्र के मोदीडीह श्यामबाजार इलाके में गुप्त रूप से संचालित साइबर ठगी का मामला उस समय प्रकाश में आया जब जिले के तीन थानो की पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर तीन युवक को धर दबोचा।

 पुलिस ने कांड अंकित कर तीनो युवक क्रमश रजनीश पांडेय, नवीन पांडेय व गौरी शंकर साव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस गिरफ्त में आए युवको के पास से गेमिंग के ठगी से खरीदी गई चारपहिया थार वाहन संख्या जेएच 09 बीजी 9191 सहित को तीन मोबाइल फोन, दो चेकबुक, कई एटीएम कार्ड, एक लेपटॉप, सीम कार्ड व अन्य सामान जब्त किया। 

गुप्त सूचना पर जोगता पुलिस हुई सक्रिय, मिली सफलता

जोगता थाना क्षेत्र में साइबर ठगी की गुप्त जानकारी मिलने के बाद पुलिस सक्रिय हुआ। थानेदार राजेश कुमार ने मामले को गंभीरतापूर्वक‌ लेते हुए अपने स्तर से जानकारी इकट्ठा की।‌ पुख्ता जानकारी मिलने के बाद एक टीम गठित कर शुक्रवार को नया श्यामबाजार में दबीश‌ दी।‌ यहां से पुलिस ने रजनीश पांडेय, नवीन पांडेय व गौरीशंकर साव को धर दबोचा।‌ इन्हे जोगता थाना न लाकर पड़ोस‌ के तेतुलमारी थाना में रख कड़ाई से पुछताछ की गई।‌

 इस दौरान इनलोगो ने कोटक महिंद्रा व फिनो बैंक सहित अन्य बैंकों से ऑनलाइन लेन-देन की बात स्वीकार किया। पकड़े गए युवको में रजनीश पांडेय मास्टर माइंड बताया जाता है। जोगता थाना प्रभारी राजेश कुमार के लिखित शिकायत पर ऑनलाइन गेमिंग के जरिए साइबर ठगी करने का मामला दर्ज कर तीनो युवक‌को जेल भेज दिया। 

पूरे मामले में जोगता सहित तेतुलमारी व लोयाबाद थानेदार की सक्रिय योगदान रहा।

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Jul 01 2024, 10:53

गोविंदपुर पुलिस ने अवैध बालू लदे पांच वाहनों को किया जब्त

*धनबाद :एनजीटी के रोक के बावजूद धनबाद जिले के विभिन्न जगहों से अवैध बालू का कारोबार फल फूल रहा है।इसी क्रम में बालू के अवैध कारोबार को रोकने छापेमारी जारी है । 

आज सुबह सहराज के समीप गोबिंदपुर पुलिस ने पांच बालू लदे वाहनों को जब्त किया है।इनमे चार ट्रैक्टर है एवम और एक वाहन शामिल है।

आपको बता दें कि एनजीटी के रोक के बावजूद प्रत्येक रोज सिजूआ एवं बेजड़ा घाट में अवैध बालू का बाजार रौशन होता है।ऐसे में सवाल उठता है कि जब प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रही है फिर भी बालू के अवैध कारोबार पर अंकुश क्यों नहीं लग रहा है ? सूत्रों के अनुसार रात के अंधेरे में भी हो रहा है अवैध बालू का कारोबार।

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Jun 30 2024, 16:42

बिहार में पुल धराशायी होने कि घटना के बाद अब झारखंड में भी एक निर्माणधीन पुल हुआ जमींदोज


झारखंड डेस्क 

बिहार में पुलों के लगातार धराशायी होने की खबर के बीच अब झारखंड में भी एक निर्माणाधीन पुल गिर गया है. गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड में अरगा नदी पर बन रहे पुल का पिलर धंस गया जिससे गार्डर टूटा और पुल जमींदोज हो गया.

यह पुल फतेहपुर-भेलवाघाटी सड़क पर कारीपहरी गांव में अरगा नदी के ऊपर बनाया जा रहा था जो मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया. 

दरअसल शनिवार की शाम में हुई मूसलाधार बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ गया था.

नदी की तेज बहाव में निर्माणधीन पुल का का पिलर धंस गया जिससे गार्डर टूट कर गिर गया. वहीं एक अन्य पिलर भी टेढ़ा हो गया है. स्थानीय ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक तेज बारिश के दौरान रात करीब आठ बजे एक पाया टेढ़ा हो गया. 

इसके बाद तेज आवाज के साथ निर्माणाधीन पुल का गार्डर टूट कर नदी में गिर गया.

आवाज इतनी तेज थी कि उसे सुनकर आसपास के घरों में रहने वाले लोग बुरी तरह डर गए. जानकारी के मुताबिक इस पुल का निर्माण पथ निर्माण विभाग द्वारा साढ़े पांच करोड़ की लागत से करवाया जा रहा था. इस पुल को बनाने का ठेका ओम नमः शिवाय नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था.

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Jun 30 2024, 16:16

पूर्व सीएम, हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन और राज्य के मुख्य मंत्री चंपई सोरेन ने हुल दिवस पर सिद्धू -क़ानू के प्रतिमा पर पुष्पाजलि कर दी श्रद्धांजलि


झारखंड डेस्क 

आज साहिबगंज जिले के बरहेट प्रखंड के भोगनाडीह में हुल दिवस का आयोजन किया गया.इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वर्तमान मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और गांडेय विधायक तथा हेमंत सोरेन कि धर्म पत्नी कल्पना सोरेन बरहेट पहुंची और सिद्धू क़ानू के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी.

 इस अवसर पर राजमहल सांसद विजय हांसदा भी मौजूद थे . आज, हूल दिवस पर वीर शहीद को नमन करने साहिबगंज जिले के बरहेट प्रखंड के भोगनाडीह में राज्य के दिग्गज नेताओं का जुटान हुआ . बता दें कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक हेमंत सोरेन जेल से निकलने के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचें. जहां कार्यकर्ताओं को संबोधित किया 

 इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां कर ली गई थी . इस अवसर पर सीएम चम्पाई सोरेन ने लाभकों के बीच पर संपत्तियों का वितरण और योजनाओं का शिलान्यास भी कर रहे हैं .

इस अवसर पर हेमंत सोरेन ने कहा कि हमें झूठे केस में फँसा कर लोकसभा चुनाव के दौरान जेल में रखा गया. लेकिन हमें आप सभी पर भरोसा है और हम लोकतान्त्रिक तरीका से जवाब देंगे. हम झुकेंगे नहीं बल्कि हम अपनी ताकत और एक जुटता से उन ताकतों से लड़गे जो हमें हमारे अधिकार से वंचित करने का प्रयास करेगा.

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Jun 30 2024, 15:43

हूल दिवस आज:भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई थी आदिवासी की हूल क्रांति जानते है इसका इतिहास


रांची:- जिस दिन झारखंड के आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठाया था, यानी विद्रोह किया था। उस दिन को 'हूल क्रांति दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध में करीब 20 हजार आदिवासियों ने अपनी जान दे दी थी।

आजादी की पहली लड़ाई.....

हालांकि आजादी की पहली लड़ाई तो सन 1857 में मानी जाती है। लेकिन झारखंड के आदिवासियों ने 1855 में ही विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया था। 30 जून, 1855 को सिद्धू और कान्हू के नेतृत्व में, मौजूदा साहेबगंज जिले के भगनाडीह गांव से विद्रोह शुरू हुआ था। इस मौके पर सिद्धू ने नारा दिया था, 'करो या मरो, अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो'।

आंदोलन का कारण.....

 मौजूदा संथाल परगना का इलाका बंगाल प्रेसिडेंसी के अधीन पहाड़ियों एवं जंगलों से घिरा क्षेत्र था। इस इलाके में रहने वाले पहाड़िया, संथाल और अन्य निवासी खेती-बाड़ी करके जीवन-यापन करते थे और जमीन का किसी को राजस्व नहीं देते थे। ईस्ट इंडिया कंपनी ने राजस्व बढ़ाने के मकसद से जमींदार की फौज तैयार की । जो पहाड़िया, संथाल और अन्य निवासियों से जबरन लगान वसूलने लगे। लगान देने के लिए उनलोगों को साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता और साहूकार के भी अत्याचार का सामना करना पड़ता था। इससे लोगों में असंतोष की भावना मजबूत होती गई। सिद्धू, कान्हू, चांद और भैरव चारों भाइयों ने लोगों के असंतोष को आंदोलन में बदल दिया। 

आंदोलन की शुरुआत.....

30 जून, 1855 को 400 गांवों के करीब 50 हजार आदिवासी भगनाडीह गांव पहुंचे और आंदोलन की शुरुआत हुई। इसी सभा में यह घोषणा कर दी गई कि , वे अब मालगुजारी नहीं देंगे। इसके बाद अंग्रेजों ने, सिद्धू, कान्हू, चांद तथा भैरव- इन चारों भाइयों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। जिस दरोगा को चारों भाइयों को गिरफ्तार करने के लिए वहां भेजा गया था, संथालियों ने उसकी गर्दन काट कर हत्या कर दी। इस दौरान सरकारी अधिकारियों में भी इस आंदोलन को लेकर भय पैदा हो गया था। 

आंदोलन का परिणाम.....

आंदोलन को दबाने के लिए अंग्रेजों ने इस इलाके में सेना भेज दी। जमकर आदिवासियों की गिरफ्तारियां की गईं और विद्रोहियों पर गोलियां बरसने लगीं। आंदोलनकारियों को नियंत्रित करने के लिए मार्शल लॉ लगा दिया गया। आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी के लिए अंग्रेज सरकार ने पुरस्कारों की भी घोषणा की थी। बहराइच में अंग्रेजों और आंदोलनकारियों की लड़ाई में चांद और भैरव शहीद हो गए। प्रसिद्ध अंग्रेज इतिहासकार हंटर ने अपनी पुस्तक 'एनल्स ऑफ रूलर बंगाल' में लिखा है, 'संथालों को आत्मसमर्पण की जानकारी नहीं थी, जिस कारण डुगडुगी बजती रही और लोग लड़ते रहे।' जब तक एक भी आंदोलनकारी जिंदा रहा, वह लड़ता रहा।

 इस युद्ध में करीब 20 हजार आदिवासियों ने अपनी जान दी थी। सिद्धू और कान्हू के करीबी साथियों को पैसे का लालच देकर दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया और फिर 26 जुलाई को दोनों भाइयों को भगनाडीह गांव में खुलेआम एक पेड़ पर टांगकर फांसी की सजा दे दी गई। इस तरह सिद्धू, कान्हू, चांद और भैरव, ये चारों भाई सदा के लिए भारतीय इतिहास में अपना अमिट स्थान बना गए।