*क्षेत्र में प्राइवेट हॉस्पिटल, पैथोलॉजी लैब की भरमार, प्राइवेट अस्पतालों में बट रही मौत, स्वास्थ्य विभाग मौन*
जानसठ- तहसील क्षेत्र में प्राइवेट नर्सिंग होम की भरमार है। कई अस्पतालों में महिलाओं की डिलिवरी के दौरान मौत हो चुकी है। कारवाई के नाम पर केवल औपचारिकताएं की जाती हैं। प्रशासन की ओर से कोई कठोर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जानसठ तहसील क्षेत्र के कस्बा जानसठ व कस्बा मीरापुर के निजी अस्पताल मे डिलीवरी के दौरान महिलाओं की मौत हो जाना आएं दिन अखबार की सुर्खियां में रहता हैं। अखबार की सुर्खियों में आते ही स्वास्थ्य विभाग की आंखें खुलती है और जैसे ही मामला ठंडा हुआ स्वास्थ्य विभाग फिर कुंभकरणी नींद में सो जाता है।
बता दें कि कस्बा जानसठ, मीरापुर व अन्य स्थानों पर बिना मानक, बिना रजिस्ट्रेशन के बड़े बड़े अस्पताल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी लैबोरेटरी, चल रही हैं। आखिर किसके इशारे पर ये अवैध अस्पताल व पैथोलॉजी लैबोरेट्रियां चल रही है, जो लगतार क्षेत्र मौत बांट रही हैं। जब जब क्षेत्र के निजी अस्पतालों में डिलिवरी के दौरान महिलाओं की मौत के मामले आते हैं, स्थानीय प्रशासन स्वास्थ्य विभाग हरकत में आता और क्षेत्र में चल रहे अवैध अस्पतालों पर बहुत बड़ी कार्रवाई करने के नाम पर मात्र उनको कुछ समय के लिए सीज कर दिया जाता है। समय बीत जाने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। आखिर किसके इशारे पर इतना बड़ा मामला चल रहा है जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था को लेकर अत्यंत की चिंतित हैं तथा समय-समय पर अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हैं?आखिर अधिकारी प्रदेश के मुखिया की बात पर अमल क्यों नहीं कर रहे हैं?
इसी कड़ी में एक मामला जानसठ क्षेत्र के राणा अस्पताल का सामने आया है। हालांकि इससे पूर्व में भी इसी अस्पताल पर इस तरह के मामले हो चुके हैं। शनिवार को एक बार फिर से क्षेत्र के गांव जधेडी निवासी गीता की डिलिवरी 26 जून को हुई थी तथा उसके पुत्र पैदा हुआ परिजनों का आरोप है कि डिलिवरी के दौरान महिला को स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधा उपलब्ध नहीं हुई और अधिक ब्लीडिंग होने के कारण उसकी मौत हो गयी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि प्रशासन की मिली भगत से इस तरह के प्राइवेट अस्पताल चलवाएं जा रहें हैं। उसका कहना था कि जब क्षेत्र कई बार प्राइवेट अस्पतालों में इस प्रकार के मामले हो चुके हैं तो प्रशासन के द्वारा कोई ठोस करवाई क्यों नहीं कि जा रही हैं। हालांकि बाद में पीड़ित व प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर के बीच क्षेत्र के गणमन्य लोगों के द्वारा लिखित में फैसला करा दिया गया।
Jun 30 2024, 19:18