मालदीव का बदला सुर, मुइज्जू के मंत्री ने चीन में किया भारत का गुणगान*
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#maldives_minister_mohamed_saeed_praises_close_ties_with_india *

मालदीव को चीन का समर्थक माना जाता है। मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव की सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते की गर्माहट कम हुई है। चीन समर्थक मुइज्जू 'भारत को बाहर करो' के नारे के साथ सत्ता में आए थे। सत्ता की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने भारत के विरोध में खूब पंख फड़फड़ाए। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद मालदीव का सुर बदलने लगा है। इसी क्रम में मुइज्जू सरकार के मंत्री मोहम्मद सईद ने चीन के सामने भारत की जमकर तारीफ की है। उन्होंने मालदीव और भारत के रिश्तों को सराहा है और कहा कि मालदीव का सबसे अहम पड़ोसी भारत है। चीन के पहले दौरे पर पहुंचे मालदीव के सीनियर मंत्री मोहम्मद सईद ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हाल की नई दिल्ली यात्रा और अपने देश की पर्यटन-निर्भर अर्थव्यवस्था के लिए भारत के साथ संबंधों के महत्व पर बात की। आर्थिक विकास और व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब राष्ट्रपति मुइज्जू के भारत दौरे के बाद माले ने नई दिल्ली के साथ संबंधों को नए सिरे से स्थापित किया है। *मुइज्जू के मंत्री ने भारत के लिए क्या कहा?* चीन के डालियान में 15वें विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में भाग ले रहे मोहम्मद सईद ने सीएनबीसी इंटरनेशनल टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘राष्ट्रपति मुइज्जू ने यह बात दोहराई है कि भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी बना हुआ है.’ भारत और मालदीव के रिश्तों में ‘तनाव’ को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सईद ने कहा, ‘भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से बेहतर संबंध हैं। भारत हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन गंतव्यों में से एक है, खासकर भारत से आने वाले पर्यटकों के मामले में। मालदीव में भारत का बहुत निवेश है, विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र में। *मुइज्जू ने भारत यात्रा को बताया था महत्वपूर्ण सफलता* इससे पहले राष्ट्रपति मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत की अपनी आधिकारिक यात्रा को मालदीव के लिए महत्वपूर्ण सफलता बताया था। मोहम्मद मुइज्जू ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध मालदीव और मालदीव के नागरिकों के लिए समृद्धि लाएंगे और उन्होंने भविष्य में सफल द्विपक्षीय संबंधों के लिए आशा व्यक्त की।
मालदीव का बदला सुर, मुइज्जू के मंत्री ने चीन में किया भारत का गुणगान*
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मालदीव को चीन का समर्थक माना जाता है। मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव की सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते की गर्माहट कम हुई है। चीन समर्थक मुइज्जू 'भारत को बाहर करो' के नारे के साथ सत्ता में आए थे। सत्ता की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने भारत के विरोध में खूब पंख फड़फड़ाए। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद मालदीव का सुर बदलने लगा है। इसी क्रम में मुइज्जू सरकार के मंत्री मोहम्मद सईद ने चीन के सामने भारत की जमकर तारीफ की है। उन्होंने मालदीव और भारत के रिश्तों को सराहा है और कहा कि मालदीव का सबसे अहम पड़ोसी भारत है। चीन के पहले दौरे पर पहुंचे मालदीव के सीनियर मंत्री मोहम्मद सईद ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हाल की नई दिल्ली यात्रा और अपने देश की पर्यटन-निर्भर अर्थव्यवस्था के लिए भारत के साथ संबंधों के महत्व पर बात की। आर्थिक विकास और व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब राष्ट्रपति मुइज्जू के भारत दौरे के बाद माले ने नई दिल्ली के साथ संबंधों को नए सिरे से स्थापित किया है। *मुइज्जू के मंत्री ने भारत के लिए क्या कहा?* चीन के डालियान में 15वें विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में भाग ले रहे मोहम्मद सईद ने सीएनबीसी इंटरनेशनल टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘राष्ट्रपति मुइज्जू ने यह बात दोहराई है कि भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी बना हुआ है.’ भारत और मालदीव के रिश्तों में ‘तनाव’ को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सईद ने कहा, ‘भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से बेहतर संबंध हैं। भारत हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन गंतव्यों में से एक है, खासकर भारत से आने वाले पर्यटकों के मामले में। मालदीव में भारत का बहुत निवेश है, विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र में। *मुइज्जू ने भारत यात्रा को बताया था महत्वपूर्ण सफलता* इससे पहले राष्ट्रपति मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत की अपनी आधिकारिक यात्रा को मालदीव के लिए महत्वपूर्ण सफलता बताया था। मोहम्मद मुइज्जू ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध मालदीव और मालदीव के नागरिकों के लिए समृद्धि लाएंगे और उन्होंने भविष्य में सफल द्विपक्षीय संबंधों के लिए आशा व्यक्त की।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी AIIMS में भर्ती, जानें कैसा है हाल*
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#senior_bjp_leader_lal_krishna_advani_admitted_aiims

*भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को बुधवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों के मुताबिक, आडवाणी को ओल्ड एज रिलेटेड प्रॉब्लम की वजह से एम्स में भर्ती कराया गया है।96 साल के आडवाणी को बुधवार देर रात अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद एम्स के यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया।उन्हें एम्स के जिरियाट्रिक डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है। जानकारी के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री को उम्र संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं।उन्हें यूरिन में भी दिक्कत बताई जा रही है। यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर की देखरेख में उनकी जांच हो रही है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है और उन्हें अभी ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में जन्मे आडवाणी को भारत सरकार ने इसी साल देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा है। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के जरिए अपने राजनीतिक करियर का आगाज किया था. वो उन नेताओं में शामिल रहे हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी।राम मंदिर आंदोलन के अगुवा नेताओं में शुमार किए जाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी ने भारतीय जनता पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर लाने में अथक प्रयास किया था। 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं। लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है।
जम्मू-कश्मीर के डोडा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, 3 दहशतगर्द ढेर

#3_terrorists_killed_in_gandoh_encounter_in_jammu_and_kashmir 

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों से साथ जारी मुठभेड़ की खबर आ रही है। जिले के गंदोह के सिनु इलाके में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हो रही है।सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। बताया जा रहा है कि मारे गए तीनों आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक हैं। गोलीबारी के दौरान एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ है। जवान को इलाज के लि+-/ए अस्पताल ले जाया गया है।

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जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों की ओर से जानकारी दी गई कि केंद्र शासित प्रदेश के पहाड़ी जिले में 11 और 12 जून को हुए डबल टेरर अटैक के बाद पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की ओर से गहन तलाशी और घेराबंदी अभियान चलाया जा रहा था। इसी बीच कई बार अलग-अलग जगहों पर संदिग्ध देखे जाने की भी सूचना मिल रही थी, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लग पा रही थी। आज मुठभेड़ स्थल क्षेत्र में फिर संदिग्ध देखे जाने के बाद घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा था। घेरा सख्त होता देख आतंकियों ने गोलीबारी की, जिसके जवाब में मुठभेड़ शुरू हो गई। इसी सर्च ऑपरेशन के दौरान बुधवार सुबह करीब 10 बजे गंडोह क्षेत्र के बजाद गांव में फायरिंग शुरू हो गई।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मुठभेड़ के बारे में बताया कि डोडा जिले के गंडोह, भद्रवाह सेक्टर में चल रहे ज्वाइंट ऑपरेशन में 3 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। उनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है. बताया गया कि मारे गए आतंकवादियों के पास से 2 एम4 और एक एके 47 राइफल बरामद हुआ है।

बता दें कि चत्तरगल्ला में एक संयुक्त जांच चौकी पर 11 जून को आतंकियों के हमले में 6 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे, जबकि अगले दिन गंदोह क्षेत्र के कोटा टॉप पर आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था। दोहरे आतंकी हमले के बाद से ही घाटी में सुरक्षाबलों ने आतंकवाद विरोधी अभियान तेज कर दिया है। उन 4 आतंकवादियों पर 5-5 लाख रुपये का नकद इनाम भी घोषित किया गया था जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे घुसपैठ के बाद जिले में सक्रिय हैं। सुरक्षाबलों ने जम्मू डिविजन के डोडा, रियासी, पुंछ राजौरी और किश्तवाड़ जिलों में विदेशी आतंकियों के खिलाफ व्यापक रणनीति तैयार की है।

केजरीवाल को बड़ा झटका, कोर्ट ने तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा, आज सुबह हुई थी गिरफ्तारी

#arvind_kejriwal_sent_to_cbi_custody_for_3_days

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। दिल्ली शराब घोटाला मामले में पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी जमानत पर रोक लगा दी और अब सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के बाद कोर्ट से केजरीवाल की न्यायिक हिरासत मांगी थी। जिस पर कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 3 दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। 

इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई को 2 दिन की पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने की अनुमति दी। विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत के आदेश के बाद सीबीआई ने सीएम को गिरफ्तार कर लिया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अदालत से केजरीवाल को गिरफ्तार करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।

पूरे मामले पर अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का भी बयान सामने आया है। सुनीता ने कहा कि 20 जून अरविंद केजरीवाल को बेल मिली। तुरंत ईडी ने स्टे लगवा लिया। अगले ही दिन सीबीआई ने आरोपी बना दिया और आज गिरफ़्तार कर लिया। सुनीता ने आरोप लगाया कि पूरा तंत्र इस कोशिश में है कि बंदा जेल से बाहर ना आ जाये। ये क़ानून नहीं है। ये तानाशाही है, इमरजेंसी है।

अमेरिका-यूरोप में बढ़ी भारत की अहमियत, क्या पड़ोसियों के साथ रिश्तों में होगा सुधार

#willpmmodiimproverelationswithneighbouring_countries 

नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने हैं।2014 में जब नरेंद्र दामोदरदास मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने, उनके शपथ ग्रहण समारोह में भारत के सभी पड़ोसी देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। संदेश स्पष्ट था भारत अच्छा पड़ोसी बनना चाहता है। अपने तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भी भारत के सात पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को न्योता भेजा गया।पड़ोसी देशों के प्रमुखों को शपथ ग्रहण में बुलाने का फैसला उन देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए किया गया है, जो दिल्ली की 'पड़ोसी प्रथम' पॉलिसी के केंद्र में हैं। हालांकि मोदी सरकार के लिए पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मधुर बनाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

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दरअसल, प्रधानमंत्री पद संभालने के तुरंत बाद नरेन्द्र मोदी ने जी 7 शिखर बैठक में शामिल होने के साथ वैश्विक रंगमंच पर शानदार आगाज किया। इसके तीन सप्ताह बाद वह शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अस्ताना, कजाकस्तान में 3-4 जुलाई को आयोजित हो रही शिखर बैठक में शामिल होंगे। अमेरिकी खेमे के संगठन जी7 में भाग लेने के एक महीने के भीतर अमेरिका विरोधी चीन और रूस की अगुआई वाले एससीओ में उनकी भागीदारी रोचक होगी।

प्रधानमंत्री मोदी का दो विरोधी गुटों की शिखर बैठक में शामिल होना साफ बताता है कि वैश्विक स्तर पर भारत की अहमियत बढ़ी है। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि मोदी के लिए पड़ोसी देशों के साथ सामान्य रिश्ते बनाए रखना बड़ी चुनौती है। तीसरा कार्यकाल संभालने से पहले जिस तरह अमेरिका, रूस और कई यूरोपीय नेताओं ने मोदी को फोन कर बधाई दी और जिस तरह चीन और पाकिस्तान के नेताओं ने उन्हें नजरअंदाज किया, उससे पता चलता है कि जहां भारत को बड़ी ताकतें अपनी ओर आकर्षित करना चाहती हैं, वहीं कुछ पड़ोसी देशों के लिए मोदी सरकार में संबंध को सुधारना मुश्किल होगा।

भारत में मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के बाद से कई सार्क देशों के साथ भारत के संबंध बिग़ड़ते चले गए हैं। पहले पाकिस्तान, नेपाल और अब बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान के साथ रिश्तों की गर्माहट कम हो रही है।

नेपाल के साथ भारत के रिश्ते

नेपाल और भारत 1750 किलोमीटर से अधिक की सीमा साझा करते हैं। कहा जाता है कि दोनों के बीच न केवल रोज़ी-रोटी का बल्कि रोटी-बेटी का संबंध रहा है। लेकिन 2015 में दोनों पड़ोसियों के बीच रिश्तों में तनाव आना शुरू हुआ। मामला जुड़ा था नेपाल के नए संविधान से। 2015 में जब वहां नया संविधान बनने वाला था, उस वक्त तराई के इलाके में रहने वाले मधेशी इसका विरोध कर रहे थे। उनका दावा था कि सरकार में उनकी भागीदारी नहीं है। विरोध बढ़ा और नेपाल ने भारत पर आर्थिक नाकेबंदी का आरोप लगाया। इस बीच नेपाल की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों ने भारत के सामने चुनौती पेश की है।ऐसे में भारत को नेपाली लोगों का विश्वास दोबारा हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। 

पाकिस्तान के साथ बिगड़े रिश्ते

रही पाकिस्तान और भारत के संबंधों की बात तो 2014 में अपने शपथ ग्रहण में पीएम मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था। यही नहीं 2015 दिसंबर में क़ाबुल से दिल्ली लौटते हुए अचानक प्रधानमंत्री मोदी लाहौर पहुंच गए। खुद पहल करते हुए मोदी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात करने पहुंचे तो माना गया कि उन्होंने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, लेकिन भविष्य कुछ और ही था।पहले पठानकोट, फिर उरी, पुलवामा और फिर बालाकोट को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ा दिया। यही नहीं, जम्मू कश्मीर को ख़ास दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के भारत सरकार के फ़ैसले ने दोनों देशों के रिश्ते को और तल्ख कर दिया।

अफगानिस्तान को किया नजरअंदाज

अफ़ग़ानिस्तान के साथ भारत के क़रीबी रिश्ते रहे हैं और ये संबंध कूटनीतिक तौर पर भी अहम माने जाते हैं। भारत आर्थिक तौर पर भी अफ़ग़ानिस्तान की काफ़ी मदद करता रहा है। लेकिन दशकों से हिंसा से जूझ रहे अफ़ग़ानिस्तान से जब अमरीका ने बाहर निकलने का ऐलान किया तो भारत शांत ही रहा। न तो वो शांति प्रक्रिया में ही शामिल हुआ और न ही किसी और मामले में।2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद से भारत और अफगानिस्तान के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं है। 

बांग्लादेश के साथ मधुर संबंध कटु होने की राह पर!

1971 में पश्चिमी पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान अलग हुआ और बांग्लादेश नाम का एक नया राष्ट्र बना। चूंकि इसके गठन में भारत की भूमिका अहम रही इस कारण भारत के साथ इसके रिश्ते भी शुरुआत से मधुर रहे। लेकिन अब आगे ऐसा होता दिख नहीं रहा।घुसपैठ ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा कर दी है। वहीं, 2011 में पश्चिम बंगाल के विरोध के कारण हम तीस्ता समझौते पर दस्तख़त नहीं कर पाए। जो दोनों देशों के रिश्तों के बीच एक नकारात्मक संदेश था। हालांकि, हाल ही एक महीने के अंदर दो बार बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत दौरा दूरीयों को मिटाता नजर आ रहा है।

भूटान के साथ संबंध

भूटान भारत के लिए भी बेहद जरूरी पड़ोसी देश है। यही कारण है कि भारत अपनी पंचवर्षीय योजना, वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज और गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना में सहायता के साथ भूटान का समर्थन करने को तैयार है।खासकर तब जब चीन अपनी शर्तों पर भूटान के साथ सीमा पर बातचीत करने को तैयार है।

दरअसल,चीन आर्थिक साझेदारी का चोला पहनकर हिंद महासागर के कई तटीय देशों के साथ संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है। भूटान इसका ही एक उदाहरण है। चीन ने भूटान के इलाकों पर हमले करके वहां के पहाड़ों को काट डाला। चीन ने वहां की जमीन पर अपने कस्बे बसा लिए। भूटान के बास सैन्य बल न होने के कारण, वह चीन द्वारा उसके भू-भाग को काटे जाने की मूकदर्शक बना हुआ है, जो सीमा वार्ता जारी रहने के बावजूद जारी है।

मालदीव के साथ तनाव के बीत संबंध जारी

मालदीव ने मोदी 3.0 के शपथ ग्रहण का न्योता स्वीकार करके साफ कर दिया कि वो भारत से बातचीत करना चाहता है। जबकि हाल ही में मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी। पिछले साल भी मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद खड़ा हो गया था। हालांकि मालदीव ने उन मंत्रियों को पद से हटा दिया था।मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू 'भारत को बाहर करो' के नारे के साथ सत्ता में आए थे।हालांकि, तनाव के बाद भी भारत की ओर से बरती गई या फिर कहें आर्थिक तौर पर चोट कानेके बाद मालदीव की सरकार भी झुकती नजर आ रही है।

श्रीलंका में भी चीन की पकड़ होगी कमजोर

श्रीलंका भारत के पड़ोसी देशों में से एक है। दोनों देशों के बीच एक ऐसा रिश्ता है जिसे 2500 साल पुराना कहा जा सकता है। भारत श्रीलंका ने आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) के लिए विकास सहायता परियोजनाओं में सहयोग की प्रगति दिखाई है, जिसने भारत श्रीलंका के बीच मैत्री बंधन को और मजबूत किया है। हाल में श्रीलंका के वित्तीय संकट से निपटने में भारत ने काफी मदद की है। भारत की कंपनियां अब श्रीलंका के बुनियादी ढांचे को डेवलेप करने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। इन योजनाओं के लिए अमेरिका भी मदद कर रहा है, जो भारत का प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि पिछले साल कोलंबो पोर्ट के एक प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी कंपनी ने 4,600 करोड़ रुपये देने का वादा किया था। इस टर्मिनल में भारत के अडाणी ग्रुप की 51% हिस्सेदारी है।

हालांकि, हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कच्चातिवू द्वीप को लेकर दोनों देश आमने-सामने आते दिखे।

मनीष सिसोदिया पर मैंने कोई आरोप नहीं लगाए...', CBI के दावों पर बोले केजरीवाल

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शराब घोटाले मामले में बुधवार को CBI ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच CBI ने दिल्ली की शराब नीति एवं इसमें केजरीवाल की भूमिका को लेकर अदालत में कई दावे किए हैं. अब इन दावों का केजरीवाल ने खंडन किया है. केजरीवाल ने अदालत में कहा कि मीडिया में कुछ चल रहा है, जो सही नहीं है. मैंने ऐसा बयान नहीं दिया है कि मनीष सिसोदिया दोषी हैं. मैने कहा था कि वो निर्दोष हैं और मैं भी निर्दोष हूं. इनका मकसद ही मीडिया में हमें बदनाम करना है. 

बता दे कि CBI ने कहा कि केजरीवाल ने कहा कि विजय नायर ने उनके साथ काम नहीं किया बल्कि उसने आतिशी एवं सौरभ भारद्वाज के तहत काम किया था. CBI का दावा है कि इस प्रकार केजरीवाल ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी की पूरी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी. केजरीवाल ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी का आइडिया उनका नहीं बल्कि मनीष सिसोदिया का था. CBI का दावा है कि हमें केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है. वह ये भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. उनका कहना है कि वह आतिशी मार्लेना एवं सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे. उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डालते हुए कहा कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए CBI का कारण यह था कि वह उस मंत्रिमंडल का हिस्सा थे जिसने शराब नीति को अनुमति दी थी. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि रिश्वत लेने के पश्चात् दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में हितधारकों के मन मुताबिक संशोधन किए गए. थोक विक्रेताओं के लिए प्रॉफिट मार्जिन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया.

In a bid to realize PM Shri @narendramodi Ji's vision of building
a #DrugsFreeBharat, the Ministry of Home Affairs is ruthlessly busting drug cartels and compassionately reaching out to drug addicts to rehabilitate them

अखिलेश यादव जी ने स्पीकर बनने पर ओम बिरला जी को बधाई दी और यह बधाई इतने मस्त अंदाज़ में थी कि
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आप भी मन ही मन में मुस्कुराओगे

अखिलेश यादव जी ने कहा कि

जिस सदन को छोड़कर आया हूं उस सदन की कुर्सी बहुत बड़ी है, मुझे उम्मीद है आप सत्ता पक्ष की तरह ही विपक्ष का भी सम्मान करेंगे और हमें अपनी बात रखने का मौका देंगे
I'm confident you'll allow the opposition to speak in the house- Rahul Gandhi
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And at the same time his alliance govt in Tamilnadu suspended the leader of opposition for the whole session...

The Irony!!!