एयर इंडिया में परोसे जाने वाले खाने के विकल्प पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर को हुई आपत्ति, जानें क्या है मामला

#congressmpmanickamtagoreraisesconcernoverairindialabellingmeal

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सोशल मीडिया पर एयर इंडिया की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए एयर इंडिया की उड़ानों में परोसे जाने वाले भोजन विकल्पों पर सवाल उठाए हैं। मणिकम टैगोर ने धर्म के आधार पर एयर इंडिया के मेन्यू रखे जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

दरअसल, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एयर इंडिया की डाइनिंग एक्सपीरियंस पेज का स्क्रीनग्रैब लिया, जिसमें खाने की कैटेगरी हिंदू मील और मुस्लिम मील के आधार पर था। एयरलाइंस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि हिंदू या मुस्लिम खाना क्या है? सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर करते हुए उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन से इसके खिलाफ कार्रवाई करने की भी अपील की है। आगे उन्होंने कहा कि क्या संघियों ने एयर इंडिया पर कब्जा कर लिया है।

केवल हिंदू मील और मुस्लिम मील ही दिखा

वैसे यहां गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर को डाइनिंग एक्सपीरियंस पेज पर केवल हिंदू मील और मुस्लिम मील ही दिखाई दिया। हालांकि इसके अलावा भी एयर इंडिया जैन और यहूदी यात्रियों के लिए भी विशिष्ट मेनू प्रदान करता है। एयर इंडिया के अलावा सिंगापुर एयरलाइन्स, एमिरेट्स एयरलाइन्स और जेट एयरलाइन्स जैसी कंपनियां भी अपने कस्टमर्स को 'रिलिजियस' मील का ऑप्शन देती हैं। रिलिजियस मील कैटिगरी के अंतर्गत 4 तरह के ऑप्शन्स होते हैं- मुस्लिम मील, हिंदू मील, जैन मील और कोशर मील।

हिंदू मील के तहत वेज और नॉन वेज

हिंदू मील के अंदर भी 2 ऑप्शन्स हैं- इंडियन वेजिटेरिअन मील और नॉन वेजिटेरिअन हिंदू मील। इंडियन वेजिटेरिअन यानी शाकाहारी मील के तहत यात्रियों को खाने में हर तरह की सब्जियां, ताजे फल, ड्राई फ्रूट्स, दाल, डेयरी प्रॉडक्ट्स, टोफू, अनाज और वेजिटेबल जिलेटिन दिया जाता है। इस शाकाहारी खाने में किसी भी तरह का मीट या मीट-बाय प्रॉडक्ट्स, मछली, शेलफिश, अंडा या ऐनिमल जिलेटिन शामिल नहीं होता।

नॉन वेज हिंदू मील बीफ सर्व नहीं किया जाता

नॉन वेज हिंदू मील की करें तो यह खाना वैसे इन-फ्लाइट पैसेंजर्स को सर्व किया जाता है जो हिंदू धर्म को मानने वाले हैं। इसमें मिलने वाले नॉन वेज खाने में यात्रियों को गोश्त, चिकन, मछली, अंडा, दूध, डेयरी प्रॉडक्ट्स और अनाज दिया जाता है जबकि बीफ या बीफ बाय-प्रॉडक्ट्स और रॉ या स्मोक्ड फिश बिलकुल सर्व नहीं किया जाता।

जैन कम्युनिटी के लिए अलग मील

इसके अलावा जैन मील जैन कम्युनिटी के लोगों को सर्व किया जाता है जो प्योर वेजिटेरिअन होते हैं। जैन मील में सिर्फ वैसे फलों और सब्जियों को शामिल किया जाता है जो जमीन के ऊपर उगते हैं। जैन मील में ऐनिमल प्रॉडक्ट्स, सी-फूड, अंडा, डेयरी प्रॉडक्ट्स, बैंगन, गोभी, ब्रॉकली और जड़ वाली सब्जियां जैसे- प्याज, मशरूम, अदरक, लहसुन आलू, गाजर, चुकंदर, मूली और हल्दी बिलकुल सर्व नहीं किया जाता।

मेडिकल और डायटरी जरूरतों के हिसाब से भी मील

ठीक वैसे पैसेंजर्स जो यहूदी कस्टम को मानने वाले होते हैं उन्हें कोशर मील सर्व किया जाता है। यहूदी को डायटरी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस मील को तैयार किया जाता है। इसके अलावा फ्लाइट्स पर पैसेंजर्स को मेडिकल और डायटरी जरूरतों के हिसाब से भी मील दी जाती है जिसमें डायबीटिक मील, ग्लूटेन-फ्री मील, लो कलेस्ट्रॉल और लो फैट मील, लो सॉल्ट मील और नॉन-लैक्टोज मील भी शामिल है।

दिल्ली के चूड़ीवाला इलाके में सड़क धंसने से भरभराकर गिरी मस्जिद, मची अफरा-तफरी



डेस्क: पुरानी दिल्ली के चूड़ीवाला इलाके में आज एक बड़ा हादसा हो गया है। यहां सड़क धंसने की वजह से एक मस्जिद अचानक भरभराकर गिर गई। इसका वीडियो भी सामने आया है। जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग मस्जिद से दूर खड़े होकर उसका वीडियो बना रहे हैं। अचानक मस्जिद गिर जाती है, जिससे अफरा-तफरी मच जाती है।

क्या है पूरा मामला?

इस मस्जिद को करीब 10 साल पहले बनाया गया था और ये संगमरमर की मस्जिद के नाम से फेमस थी। आज सुबह के वक्त पुलिस को ये सूचना मिली कि मस्जिद के सामने सड़क धंस गई। इसके बाद पुलिस ने आस-पास की दुकानों को खाली कराया, जिससे कोई अनहोनी ना हो।

दोपहर में अचानक ये मस्जिद भरभराकर गिर गई। गनीमत ये रही कि इसकी जद में कोई इंसान नहीं आया क्योंकि पुलिस ने पहले ही आस-पास के इलाके को खाली करा लिया था। अब पुलिस और प्रशासन इस बात की जांच में जुटा है कि सड़क क्यों धंसी।

इसके अलावा स्थानीय मुसलमानों का कहना है कि मस्जिद को दोबारा बनाया जाए। फिलहाल मलबे को सड़के से हटाने का काम जारी है।
शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में छाएंगे शाहरुख खान, 'डंकी' का बजेगा डंका




डेस्क: राजकुमार हिरानी अपनी फिल्मों की खूबसूरत कहानी और इमोशन को गहराई से छूने के लिए जाने जाते हैं। अब अपनी हाल ही में रिलीज हुई शाहरुख खान, तापसी पन्नू, विक्की कौशल और बोमन ईरानी स्टारर फिल्म 'डंकी' के साथ सभी को इंप्रेस करना जारी रखे हुए हैं। फिल्म ने देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी मौजूद दर्शकों का दिल जीता है और इस तरह से यह एक और उपलब्धि अपने नाम करने जा रही है। फिल्म ने न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ी है। लोगों को शाहरुख खान और बाकी कलाकारों की एक्टिंग भी खूब पसंद आई। फिल्म का असर अभी भी देखने मिल रहा है, क्योंकि राजकुमार हिरानी को शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (SIFF) में 'डंकी' फिल्म स्क्रीन करने के लिए इन्वाइट किया गया है।

तीन अलग-अलग दिन होगी प्रदर्शित

राजकुमार हिरानी को SIFF में फिल्म रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर इन्वाइट किया गया है। बता दें कि 'डंकी' को 14 से 23 जून तक होने वाले SIFF 2024 के इंटरनेशनल पैनोरमा सेक्शन के लिए चुना गया है। शंघाई इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में 15, 18 और 20 जून को 'डंकी' की स्क्रीनिंग होगी। राजकुमार हिरानी के साथ ही फिल्मी इंडस्ट्री के लिए भी ये गर्व करने का मौका है। फिल्म को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (SIFF) की स्थापना 1993 में हुई थी और इसे इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म फेस्टिवल द्वारा मान्यता प्राप्त नॉन-स्पेशलाइज्ड कॉम्पिटेटिव फिल्म फेस्टिवल में से एक माना जाता है।


बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन

फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया और विश्व बॉक्स ऑफिस पर 500 करोड़ की कमाई की। यह शाहरुख खान की 2023 की तीसरी फिल्म थी। उन्होंने 4 साल के लंबे अंतराल के बाद वापसी की। हालांकि, शाहरुख की इस साल कोई रिलीज नहीं हो रही है। अभिनेता ने अपनी आगामी फिल्मों की भी घोषणा नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि वह KGF फेम अभिनेता यश की अगली फिल्म 'टॉक्सिक' में कैमियो कर सकते हैं।


फिल्म के बारे में और जानकारी

अनजान लोगों के लिए बता दें कि 'डंकी' शब्द एक पंजाबी मुहावरा है, जिसका मतलब है एक जगह से दूसरी जगह जाना। जब लोगों को अलग-अलग देशों में रोककर अवैध तरीके से दूसरे देश भेजा जाता है तो इसे डंकी मार्ग कहा जाता है। अमेरिका, कनाडा और कुछ यूरोपीय देशों तक पहुंचने के लिए इस मार्ग या रास्ते को अवैध तरीके से प्रयोग किया जाता है। बता दें, फिल्म की कहानी से कई लोग रिलेट कर सके और यही वजह रही कि इसे काफी दर्शक मिले।
शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में छाएंगे शाहरुख खान, 'डंकी' का बजेगा डंका




डेस्क: राजकुमार हिरानी अपनी फिल्मों की खूबसूरत कहानी और इमोशन को गहराई से छूने के लिए जाने जाते हैं। अब अपनी हाल ही में रिलीज हुई शाहरुख खान, तापसी पन्नू, विक्की कौशल और बोमन ईरानी स्टारर फिल्म 'डंकी' के साथ सभी को इंप्रेस करना जारी रखे हुए हैं। फिल्म ने देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी मौजूद दर्शकों का दिल जीता है और इस तरह से यह एक और उपलब्धि अपने नाम करने जा रही है। फिल्म ने न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ी है। लोगों को शाहरुख खान और बाकी कलाकारों की एक्टिंग भी खूब पसंद आई। फिल्म का असर अभी भी देखने मिल रहा है, क्योंकि राजकुमार हिरानी को शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (SIFF) में 'डंकी' फिल्म स्क्रीन करने के लिए इन्वाइट किया गया है।

तीन अलग-अलग दिन होगी प्रदर्शित

राजकुमार हिरानी को SIFF में फिल्म रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर इन्वाइट किया गया है। बता दें कि 'डंकी' को 14 से 23 जून तक होने वाले SIFF 2024 के इंटरनेशनल पैनोरमा सेक्शन के लिए चुना गया है। शंघाई इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में 15, 18 और 20 जून को 'डंकी' की स्क्रीनिंग होगी। राजकुमार हिरानी के साथ ही फिल्मी इंडस्ट्री के लिए भी ये गर्व करने का मौका है। फिल्म को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (SIFF) की स्थापना 1993 में हुई थी और इसे इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म फेस्टिवल द्वारा मान्यता प्राप्त नॉन-स्पेशलाइज्ड कॉम्पिटेटिव फिल्म फेस्टिवल में से एक माना जाता है।


बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन

फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया और विश्व बॉक्स ऑफिस पर 500 करोड़ की कमाई की। यह शाहरुख खान की 2023 की तीसरी फिल्म थी। उन्होंने 4 साल के लंबे अंतराल के बाद वापसी की। हालांकि, शाहरुख की इस साल कोई रिलीज नहीं हो रही है। अभिनेता ने अपनी आगामी फिल्मों की भी घोषणा नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि वह KGF फेम अभिनेता यश की अगली फिल्म 'टॉक्सिक' में कैमियो कर सकते हैं।


फिल्म के बारे में और जानकारी

अनजान लोगों के लिए बता दें कि 'डंकी' शब्द एक पंजाबी मुहावरा है, जिसका मतलब है एक जगह से दूसरी जगह जाना। जब लोगों को अलग-अलग देशों में रोककर अवैध तरीके से दूसरे देश भेजा जाता है तो इसे डंकी मार्ग कहा जाता है। अमेरिका, कनाडा और कुछ यूरोपीय देशों तक पहुंचने के लिए इस मार्ग या रास्ते को अवैध तरीके से प्रयोग किया जाता है। बता दें, फिल्म की कहानी से कई लोग रिलेट कर सके और यही वजह रही कि इसे काफी दर्शक मिले।
भारत की सॉफ्ट पावर बनाम हार्ड पावर कूटनीति

#india's_soft_power_vs_hard_power_diplomacy

दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत कई दशकों से महाशक्ति का दर्जा पाने की कोशिश में लगा हुआ है। हाल के सालों में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। दुनियाभर के देशों में भारत की धमक देखी जा रही है। हाल ही में इटली में संपन्न जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने वैश्विक नेताओं का स्वागत किया। इसमें उन्होंने दो नेताओं का स्वागत नमस्ते के जरिए किया, जिसकी चर्चा अब पूरी दुनिया में हो रही है। इटली की पीएम मेलोनी ने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज और यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन को नमस्ते किया। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञ इसे भारत की सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी बता रहे हैं।

पाकिस्तानी पत्रकार कमर चीमा ने कहा, 'भारत की सॉफ्ट पावर अब ग्लोबल लेवल पर जा रही है। जॉर्जिया मेलोनी नमस्ते से यूरोपीय यूनियन के नेता का स्वागत करती हैं जो बहुत कुछ दिखाता है।'चीमा ने आगे कहा, 'कोविड के जमाने में भारत ने नमस्ते प्रमोट किया क्योंकि ये वायरस को ट्रांसफर नहीं करता। इसी लिए दुनिया भी नमस्ते करे।' उन्होंने आगे कहा, 'मेलोनी एक दक्षिणपंथी नेता हैं। अगर आज वो नमस्ते कर रही हैं तो इसमें इंडिया की सॉफ्ट पावर का रोल है। पिछले 10 साल में सॉफ्ट पावर हर तरह से भारत ने बढ़ाई है। चाहे वह योग हो या बॉलीवुड।' उन्होंने आगे कहा कि भारत के पीएम या मंत्री जहां जाते हैं उन्हें सम्मान मिलता है। लेकिन पाकिस्तानी डरे रहते हैं।उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी के जी-7 में पहुंचे से पहले मेलोनी ने उनकी सॉफ्ट पावर को एक्टिवेट कर दिया है।

सॉफ्ट पावर क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में महत्वपूर्ण साधन हैं। दक्षिण एशिया में इनकी विशेष प्रासंगिकता है। संस्कृति और सांस्कृतिक कूटनीति, आपसी संबंधों को जोड़ने, द्विपक्षीय संबंध बनाने और इतिहास और राजनीति द्वारा बनाए गए उत्साह को ठीक करने की शक्ति के रूप में उभरी है। इस तरह की प्रक्रिया को परिपक्व होने में समय लग सकता है क्योंकि हमारे कुछ पड़ोसी राज्यों और सीमाओं के पार सांस्कृतिक संपर्क को लेकर आशंकित हैं। हालाँकि, जहाँ तक भारत का सवाल है, यह प्रक्रिया जारी है और जारी रहेगी। इंटरनेट, सोशल नेटवर्किंग साइट्स, हमारे टेलीविज़न चैनल, भारतीय फ़िल्में, विशेष रूप से बॉलीवुड, और प्रशंसित संगीत और सांस्कृतिक मंडलियों और थिएटर समूहों की यात्राओं ने सीमाओं के पार सांस्कृतिक संपर्क में योगदान दिया है।

मोदी सरकार ने विदेशों में भारत की छवि सुधारने के लिए कई सॉफ्ट पावर पहल की हैं। उदाहरण के लिए, मेक इन इंडिया घरेलू विनिर्माण और विकास को प्रोत्साहित करता है। इस बीच, स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य खुले में शौच को समाप्त करना और स्वच्छता में सुधार करना है। 'आत्मनिर्भर भारत'। यह मोदी सरकार की भारत को विश्व अर्थव्यवस्था में अधिक कुशल, प्रतिस्पर्धी और लचीला बनाने की योजनाओं के लिए एक व्यापक अवधारणा है।

2014 से मोदी सरकार ने सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए संसाधनों और परियोजनाओं में पर्याप्त निवेश किया है। इनमें विदेशों में दूतावासों की संख्या बढ़ाना, आसियान, बिम्सटेक और सार्क जैसे क्षेत्रिय समूहों के साथ संबंधो को पुनर्जीवीत करना, लुक ईस्ट पॉलिसी, एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के माध्यम से पूर्वी और दक्षिण एशियाई देशों के साथ रणनीतिक, सांस्कृतिक, कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाना शामिल है। हालांकि, इन सभी का उद्देश्य मजबूत अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देना है जो भारत के लिए वाणिज्यिक और रणनीतिक लाभों में तब्दील होंगे। 

वहीं, भारत का बढ़ता सैन्य और आर्थिक कद और उसके बाजार की संभावनाएं उसके हार्ड पावर को भी दर्शाती है। सभी जानते हैं कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्दी ही वह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 15 फीसदी के बराबर है लेकिन वैश्विक वृद्धि में उसका योगदान अमेरिकी योगदान के 60 फीसदी के बराबर है क्योंकि वह चार गुना तेजी से वृद्धि हासिल कर रहा है।

भारत की सेना भी मायने रखती है, खासतौर पर हिंद महासागर में जहां उसे एक दर्जन अमेरिकी पोसेडियन विमानों तथा 31 सी गार्डियन ड्रोन्स की निगरानी और हमलावर क्षमता मिल जाए तो वह चीन की लगातार बढ़ती नौसेना का मुकाबला कर सकती है। भारत का रक्षा बजट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रक्षा बजट है और यह दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा आयातक है।

कई पश्चिमी कंपनियों को भारत में सुखद भविष्य नजर आता है। उदाहरण के लिए जनरल इलेक्ट्रिक जो हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स के साथ मिलकर भारत में तेजस मार्क 2 के लिए इंजन बनाएगी और फ्रांस की दसॉ कंपनी को 50 से अधिक नए राफेल विमानों का ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। इनमें से आधे से अधिक नए विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए होंगे।

यही नहीं, भारत बिना किसी दबाव में आए रूसी तेल खरीदते हुए पश्चिमी देशों को धता बता सकता है, उसके अधिनायकवादी और अल्पसंख्यक विरोधी रुख को लेकर पश्चिमी चिंताओं की अनदेखी कर सकता है और अब तक जिन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय क्लबों से उसे बाहर रखा गया धीरे-धीरे उनमें शामिल हो सकता है।

अभी हाल ही में तीसरी बार नरेन्द्र मोदी ने बारत के प्रधानमं6 पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में भारत के सात पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को न्योता भेजा गया। यहां गौर करने वाली बात ये है कि चीन और पाकिस्तान को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया।

ऐसे में कहा जा सकता है कि जहां योग, प्रवासियों तथा सॉफ्ट पावर का प्रदर्शन कर भारत ने अपनी शक्तियां बढ़ाई हैं, वहीं इस रिश्ते को आगे ले जाने वाला कारक हार्ड पावर है। सॉफ्ट पावर इसमें योगदान करती है।

राहुल गांधी कल करेंगे ऐलान-'रायबरेली या वायनाड', कौन सी सीट रखेंगे और कौन सी छोड़ेंगे




डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसमें से एक केरल की वायनाड लोकसभा सीट है तो वहीं दूसरी रायबरेली सीट है। अब इन दोनों में से राहुल गांधी एक सीट से इस्तीफा देंगे। अब कल यानी 18 जून को वो ऐलान करेंगे कि वे कहां के सांसद बने रहेंगे। आज 17 जून को छुट्टी है और छुट्टी के कारण  कल राहुल गांधी द्वारा सर्टिफिकेट दिया जाएगा कि कौन सी सीट रखेंगे और कौन सी सीट छोड़ेंगे। अब सबकी नजरें उनके फैसले पर टिकी हैं कि वह कौन सी सीट रखेंगे।

पहले से कहा जा रहा है कि अगर राहुल गांधी रायबरेली सीट पर बने रहेंगे तो पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वायनाड से उपचुनाव लड़ सकती हैं और अगर राहुल गांधी वायनाड सीट पर सांसद बने रहेंगे तो प्रियंका गांधी रायबरेली से उपचुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि फिलहाल इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस लोकसभा चुनाव में वायनाड और रायबरेली सीट से जीत दर्ज की है तो ऐसे में उन्हें अब इसमें से एक सीट चुननी होगी। इसे लेकर वो दुविधा में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा था कि मेरा वश चलता तो दोनों जगह से सांसद बना रहता।

राहुल गांधी हाल ही में अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड में मतदाताओं का आभार जताने के लिए पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने कहा था, ''वह दुविधा में हैं कि कौन सी सीट रखें और कौन सी सीट छोड़ें। मुझे उम्मीद है कि वो जो भी फैसला लेंगे, उससे सभी खुश होंगे।'' राहुल गांधी ने रायबरेली में बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह को हराया है और वायनाड में माकपा की एनी राजा के खिलाफ तीन लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है।
मस्जिदें तोड़ी, महिलाओं का रेप किया अब उइगर मुस्लिमों को सूअर खिला रहा चीन ! (AI) कैमरों का भी कर रहा इस्तेमाल, पर सारे इस्लामी देश चुप!

चीन का सुरक्षा प्रशासन उइगरों पर नज़र रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है, जो मुख्य रूप से मुस्लिम हैं। यह खुलासा जर्मन मीडिया आउटलेट ने किया है, जिसने शंघाई, झेजियांग प्रांत के विभिन्न शहरों और दक्षिण-पश्चिमी महानगर चेंगदू के पुलिस विभागों से दस्तावेज़ प्राप्त किए। ये दस्तावेज़ पुष्टि करते हैं कि पिछले छह वर्षों से उइगरों पर नज़र रखने के लिए AI कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनमें सबसे हालिया दस्तावेज़ 2023 के हैं।

दस्तावेजों से पता चलता है कि चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग करके उइगरों की पहचान करने के लिए चल रहे प्रयास इस समुदाय के बारे में चीन की लगातार आशंकाओं को दर्शाते हैं। वुर्जबर्ग विश्वविद्यालय के झिंजियांग विशेषज्ञ ब्योर्न अल्परमैन के अनुसार, ये दस्तावेज़ प्रदर्शित करते हैं कि चीनी सुरक्षा अधिकारी व्यवस्थित रूप से उइगरों को अपराधी और दूसरे दर्जे के नागरिक मानते हैं। जुहुई जैसी जगहों पर AI कैमरों का इस्तेमाल उइगरों की पहचान करने और उनकी बातचीत पर नज़र रखने के लिए किया जाता है। अकेले जुहुई में, छवियों को कैप्चर करने और प्रशासन को सचेत करने के लिए 3,700 कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे चेहरे की पहचान कर सकते हैं, भले ही व्यक्ति चश्मा पहने हो या दाढ़ी बढ़ाए हो। AI सिस्टम इस डेटा को एकत्र करता है और संसाधित करता है, जिससे चीनी सुरक्षा अधिकारियों को विस्तृत जानकारी मिलती है। वर्तमान में, यह सिस्टम जुहुई में 14 पुलिस स्टेशनों, हिरासत केंद्रों और यातायात पुलिस कार्यालयों में चालू है।

बता दें कि, चीन में उइगर मुसलमानों को एक खतरे के रूप में देखा जाता है। 2019 से, उइगर मुस्लिमों में से कट्टरपंथ निकालने के बहाने उन्हें हिरासत में लिए जाने की खबरें सामने आई हैं, जहाँ डिटेंशन कैम्प्स में रखकर उन्हें गंभीर यातनाएँ दी जाती हैं। कई विदेशी मीडिया आउटलेट्स ने इन दुर्व्यवहारों की रिपोर्ट की है, फिर भी किसी भी इस्लामिक देश ने सार्वजनिक रूप से चीन की कार्रवाई की निंदा नहीं की है।

चीन में विरासत के चीनीकरण के बीच, सरकार ने मस्जिदों की मीनारों और गुंबदों को भी ध्वस्त कर दिया है। मुस्लिम महिलाओं को कई तरह के दुर्व्यवहारों का सामना करना पड़ा है, जिसमें जबरन नसबंदी और शराब और सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर करना शामिल है। पिछली रिपोर्टों में विस्तार से बताया गया है कि कैसे सुरक्षा कर्मियों ने उइगर पुरुषों को हिरासत में लिया और फिर उनकी पत्नियों के साथ यौन संबंध बनाए, जिससे उइगर समुदाय द्वारा सामना किए जाने वाले गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों पर प्रकाश डाला गया।

तेलंगाना के मेडक में झड़प, BJP MLA राजा सिंह को किया गया हॉउस अरेस्ट




डेस्क: तेलंगाना के मेडक में दो समुदायों के बीच झड़प की घटना के बाद अब तेलंगाना पुलिस ने बीजेपी के विधायक राजा सिंह को हाउस अरेस्ट कर लिया है। राजा सिंह मेडक में बीजेपी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के लिए जा रहे थे। लेकिन उन्हें पुलिस ने रोक दिया और हाउस अरेस्ट कर लिया है। राजा सिंह ने खुद सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है कि उन्हें हैदराबाद एयरपोर्ट पर रोक लिया गया है। वे बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने जा रहे थे।

मेडक में फिलहाल हालात नियंत्रण में

इस मामले में अब तक BJP और भारतीय जनता युवा मोर्चा के 3 स्थानीय नेताओं सहित 10 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मेडक में फिलहाल हालात काबू में है, घटना स्थल के आस पास धारा 144 लगाई गई है, सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस पहरा लगाया गया है।


शनिवार को भड़क उठी थी हिंसा

बता दें कि तेलंगाना के मेडक जिले में शनिवार को हिंसा भड़क उठी था। कथित गौ तस्करी के आरोप लगने के बाद दो गुटों के बीच झड़प हुई। इसके बाद पुलिस को संबंधित इलाकों में धारा 144 लगानी पड़ी। पुलिस के अनुसार घटना मेडक के रामदास चौरस्ता की है। धारा 144 लागू होने के बाद चार या उससे ज्यादा एक साथ नहीं आ सकते हैं। ऐसा होने पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

धरने के कारण हुई झड़प

पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गायों को ले जा रहे लोगों को रोक दिया और शिकायत करने की बजाय धरने पर बैठ गए। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में दो लोग घायल हुए हैं। झड़प के बाद दोनों पक्षों ने सड़क पर प्रदर्शन किया। पुलिस के अनुसार जिस अस्पताल में घायलों का इलाज किया जा रहा था। वहां भी हमला किया गया।
दुश्मन का दुश्मन, दोस्त..! भारत से खरीदी ब्रह्मोस मिसाइल को फिलीपींस ने चीन की तरफ कर दिया तैनात

 फिलीपींस द्वारा भारत निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल के लिए एक बेस की स्थापना के बाद चीन को नई सुरक्षा चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है। यह दक्षिण चीन सागर की ओर लक्षित दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। पश्चिमी लूज़ोन में स्थित यह रणनीतिक बेस चीनी युद्धपोतों, ड्रोन और विमानों को निशाना बनाने की फिलीपींस की क्षमता को बढ़ाता है।

उपग्रह इमेजरी से स्पष्ट है कि इस बेस का विकास फिलीपींस द्वारा 2022 में भारत से 3131 करोड़ रुपये के सौदे में ब्रह्मोस मिसाइलों के अधिग्रहण के बाद हुआ है। फिलीपींस मरीन कॉर्प्स कोस्टल डिफेंस रेजिमेंट के पास अब चीन के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इन मिसाइलों की तीन बैटरियां हैं। हालाँकि फिलीपींस भारत से काफी छोटा है - आकार में भारत का सिर्फ़ 996% - और इसकी आबादी 11.46 करोड़ है, लेकिन ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती इसकी सैन्य ताकत को बहुत बढ़ा देती है। ब्रह्मोस एक बहुमुखी मिसाइल है, जिसे विभिन्न प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। वर्तमान तैनाती में भूमि-हमला संस्करण शामिल हैं, लेकिन फिलीपींस को एंटी-शिप वेरिएंट की भी आवश्यकता है।

ब्रह्मोस मिसाइल छह से ज़्यादा संस्करणों में आती हैं, जिनका वज़न 1200 से 3000 किलोग्राम और लंबाई 20 से 28 फ़ीट के बीच होती है। वे 200 से 300 किलोग्राम परमाणु या पारंपरिक पेलोड ले जा सकते हैं, 15 किलोमीटर तक की ऊँचाई तक पहुँच सकते हैं और उनकी रेंज 290 से 800 किलोमीटर है। समुद्र से कुछ फ़ीट ऊपर उनकी कम ऊँचाई वाली उड़ान, उन्हें रडार द्वारा पहचानना मुश्किल बनाती है। वे 3704 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से यात्रा करते हैं और चलते-फिरते लक्ष्यों पर हमला करने के लिए उड़ान के दौरान पथ समायोजन करने में सक्षम हैं। इस मिसाइल को रोकना विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है, यह अमेरिकी टॉमहॉक मिसाइल से दोगुनी रफ़्तार से उड़ती है।

343,448 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्रफल और 7641 द्वीपों से मिलकर बना फिलीपींस, दक्षिण चीन सागर में रणनीतिक रूप से स्थित है, जिसकी सीमा पूर्व में फिलीपीन सागर और दक्षिण में सेलेब्स सागर से लगती है। इसकी समुद्री सीमाओं में ताइवान, जापान, पलाऊ, इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम और चीन शामिल हैं। विश्व के 12वें सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश के रूप में, फिलीपींस की बढ़ी हुई मिसाइल क्षमताएं क्षेत्रीय सैन्य गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करती हैं।

सरकार गठन के बाद सवालों से घिरी ईवीएम, जानें क्यों बढ़ा विवाद

#evm_hacking_issue

देश में नई सरकार का गठन हो गया। बीजेपी के नेतृत्व में गठित एनडीए सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा भी गया है और कामकाज बी शुरू हो गया। हालांकि न सबके बाद अचानक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का जिन्न बोतल से बाहर निकल आया है।लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद संतुष्ट विपक्ष शांत बैठा हुआ था, लेकिन एक अखबार की रिपोर्ट सामने आने के बाद सियासी बवाल खड़ा हो गया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार रविंद्र वायकर के एक रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर को 4 जून को मतगणना के दौरान ईवीएम से ‘कनेक्ट’ मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पाया गया।इस बीच दुनिया की सबसे अमीर शख्सियतों में शुमार एलन मस्क के दावे ने आग में घी डालने का काम किया।

एलन मस्क ने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठा दिया था। उन्होंने 16 जून को चौंकाने वाला दावा किया था। कहा था कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है और इसे खत्म किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी चुनावों से ईवीएम को हटाने की मांग की थी।

शनिवार को एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में बतौर स्वतंत्र उम्मीदवार उतर रहे रॉबर्ट एफ़ केनेडी जूनियर का एक ट्वीट रीट्वीट किया। इसके साथ उन्होंने लिखा,"हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ख़त्म कर देना चाहिए। इंसान या आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए इनके हैक होने का भले ही कम, लेकिन बड़ा जोखिम है।

सोशल मीडिया पर मस्क के इस ट्वीट पर 22 हज़ार लोगों ने टिप्पणी की है, वहीं 64 हज़ार लोगों ने इसे रीट्वीट किया।टिप्पणी करने वालों में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी शामिल रहें। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गाँधी ने कहा कि ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है, जिसकी जाँच करने की किसी को इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर ‘गंभीर चिंताएं’ जताई जा रही हैं। राहुल गाँधी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “जब संस्थाओं में जवाबदेही ही नहीं होती तो लोकतंत्र दिखावा बन कर रह जाता है और धाँधली की आशंका बढ़ जाती है।” 

इस पोस्ट के साथ गाँधी ने एक खबर भी साझा कि जिसमें दावा किया गया कि मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोट से जीत दर्ज करने वाले शिवसेना के उम्मीदवार के एक रिश्तेदार के पास एक ऐसा फोन है जिससे ईवीएम में छेड़छाड़ संभव थी। कांग्रेस ने सवाल किया, "आख़िर एनडीए के कैंडिडेट के रिश्तेदार का मोबाइल ईवीएम से क्यों जुड़ा था? जहां वोटों की गिनती हो रही थी, वहां मोबाइल फ़ोन कैसे पहुंचा? चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए।"

शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट की प्रवक्ता प्रियंका ने इस विवाद में कूदते हुए चुनाव आयोग पर आंख मूंदने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर जिस मीडिया रिपोर्ट को शेयर किया है, प्रियंका ने उसी रिपोर्ट को शेयर करते हुए चुनाव आयोग को टैग किया और लिखा, "उंचे स्तर की धोखाधड़ी चल रही है और चुनाव आयोग सोया हुआ है। ‘धोखे' से जीते उम्मीदवार के रिश्तेदार मतदान केंद्र के भीतर मोबाइल फ़ोन लिए खड़े थे, ये मोबाइल फ़ोन ईवीएम को अनलॉक कर सकता था।"

"अगर चुनाव आयोग इसमें हस्तक्षेप नहीं करता तो चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में हुई धांधली के बाद ये चुनाव नतीजों में हुई सबसे बड़ी धांधली होगी और हमें ये मामला कोर्ट के दरवाज़े तक पहुंचता दिखेगा। दोषियों को सज़ा दी जानी चाहिए।"

वहीं, मुंबई में मतगणना केंद्र के ईवीएम के साथ उम्मीदवार के रिश्तेदार का फ़ोन जुड़े होने को लेकर मीडिया में आई ख़बरों को चुनाव अधिकारी के खारिज किया है। मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा क्षेत्र की रिटर्निंग अफ़सर वंदना सूर्यवंशी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "ईवीएम एक स्टैंडअलोन डिवाइस है, इसमें तार या बेतार कनेक्शन की कोई सुविधा नहीं होता है। जो ख़बर शेयर की जा रही है वो ग़लत है, आधारहीन है। सच ये है कि इसी अख़बार के एक रिपोर्टर को मैंने कल बताया था कि मोबाइल फ़ोन से कुछ नहीं होता है। मतगणना सेक्शन में रिज़ल्ट बटन दबाने के बाद ही नतीजा डिस्प्ले होता है। मतदान के बाद जिस दिन ईवीएम सील होता है उस दिन पोलिंग एजेंट साथ होते हैं और जिस दिन मतगणना होती है उस दिन काउंटिंग एजेंट होते हैं।"

उन्होंने कहा कि इस मामले में अख़बार को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग के सभी नियमों के तहत ही मतगणना का काम संपन्न हुआ है। ग़लत ख़बर के लिए हमने उस अख़बार को सेक्शन 499 और 505 के तहत नोटिस जारी किया है।"