Jun 14 2024, 20:21
प्रदेश में कुल 4527 करोड़ रुपए लागत की 71 मल्टी-विलेज योजनाओं का काम शुरू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए सभी कार्यों
रायपुर- प्रदेश में भू-जल में समस्या वाले गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए जल जीवन मिशन के तहत मल्टी-विलेज योजना (Multi-Village Scheme) शुरू की जा रही है। खारे पानी, भू-जल में भारी तत्वों की मौजूदगी या जल स्तर के ज्यादा नीचे चले जाने की समस्या से जूझ रहे गांवों में इन योजनाओं के माध्यम से नदी का मीठा पानी पहुंचाया जाएगा। कुल 4527 करोड़ रुपए की लागत से राज्य के 18 जिलों में 71 मल्टी-विलेज योजनाओं का काम प्रारंभ हो चुका है। इन योजनाओं के माध्यम से 3234 गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इन गांवों के दस लाख से अधिक घरों में पाइपलाइन के जरिए स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल पहुंचाया जाएगा। उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री अरुण साव ने सभी मल्टी-विलेज योजनाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए सभी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, जिससे लोगों तक यथाशीघ्र साफ पेयजल पहुंच सके।
राज्य के अनेक जिलों में नलकूपों के गिरते हुए जल स्तर के कारण गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या आती है। ऐसे गांवों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत सिंगल-विलेज योजनाओं के लिए सफल पेयजल स्त्रोतों की कमी को देखते हुए सतही स्त्रोत पर आधारित मल्टी-विलेज योजनाएं बनाई गई हैं। राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के माध्यम से प्रदेश में 71 मल्टी-विलेज योजनाओं की स्वीकृति दी गई है। उप मुख्यमंत्री अरुण साव के निर्देश पर सभी योजनाओं के अवयवों की ड्राइंग एवं डिजाइन की चेकिंग राष्ट्रीय स्तर पर सुविख्यात आई.आई.टी. एवं एन.आई.टी. (Indian Institute of Technology & National Institute of Technology) के माध्यम से कराए जा रहे हैं।
जल जीवन मिशन के तहत इन मल्टी-विलेज योजनाओं में स्थानीय नदी पर निर्मित एनीकट, बांध एवं नहर के पानी का उपयोग किया जाएगा। जल संग्रहण के लिए इन्टेकवेल तथा जल शुद्धिकरण के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत उच्च स्तरीय एम.बी.आर. (Master Balance Reservoir) भी बनाए जा रहे हैं। इन्टेकवेल से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक डी.आई. पाइप रॉ वाटर पम्पिग मेन तथा ट्रीटमेंट प्लांट से एम.बी.आर. तक क्लियर वाटर पम्पिग मेन बिछाए जा रहे हैं। एम.बी.आर. के माध्यम से योजना से लाभान्वित होने वाले गांवों में निर्मित उच्च स्तरीय टंकियों तक पेयजल पहुंचाने के लिए डीआई/ओ-पी.वी.सी. पाइपलाइन भी बिछाए जा रहे हैं। इन योजनाओं का काम पूर्ण करने के लिए ठेकेदारों को 12 महीने का समय दिया गया है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव के निर्देश पर कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और योजनाओं को समय-सीमा में पूर्ण कराने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता तथा जल जीवन मिशन के वरिष्ठ अभियंताओं द्वारा कार्यस्थलों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। इस दौरान योजनाओं में प्रयोग की जा रही सामग्रियों, उपकरणों एवं आर.सी.सी. के कार्यों में गुणवत्ता नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। मल्टी-विलेज योजनाओं में प्रयुक्त होने वाली सभी सामग्रियों एवं उपकरणों की गुणवत्ता की जांच (टेस्टिंग) के लिए थर्ड पार्टी इन्सपेक्सन (Third Party Inspection) भी कराए जा रहे हैं।
18 जिलों के 3234 गांवों को मिलेगा साफ पेयजल
जल जीवन मिशन के अंतर्गत मल्टी-विलेज योजनाओं के माध्यम से 18 जिलों के 3234 गांवों में जलापूर्ति की जाएगी। इनमें रायगढ़ जिले के 396, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के 16, कोरबा के 245, जांजगीर-चांपा के 32, राजनांदगांव के 393, महासमुंद के 48, कबीरधाम के 31, गरियाबंद के नौ, बिलासपुर के 93, सूरजपुर के 413, मुंगेली के 240, दुर्ग के 201, बलौदाबाजार-भाटापारा के 192, बेमेतरा के 219, कोरिया के 292, बालोद के 148, सरगुजा के 190 और धमतरी जिले के 76 गांव शामिल हैं।
किस जिले में कितनी योजनाएं ?
जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश भर में अभी कुल 71 मल्टी-विलेज योजनाएं मंजूर की गई हैं। इनमें सूरजपुर जिले की 11, कोरिया की दस, दुर्ग की सात, बलौदाबाजार-भाटापारा और रायगढ़ की छह-छह, बालोद, सरगुजा, राजनांदगांव और बिलासपुर की चार-चार, बेमेतरा की तीन, धमतरी, मुंगेली, कबीरधाम और जांजगीर-चांपा की दो-दो तथा गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरबा, महासमुंद और गरियाबंद जिले की एक-एक योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं से कुल दस लाख 445 परिवार लाभान्वित होंगे।
Jun 15 2024, 11:48