क्रेशर प्लांट पर श्रमिक की मौत से आक्रोशित परिजनों ने एसपी आवास का किया घेराव
मीरजापुर। जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र के सोनपुर में स्थित क्रेशर प्लांट में बिजली के करंट की चपेट आए श्रमिक की मौत से परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो उठे हैं। बुधवार को सुबह होने पर मृत मजदूर के परिजनों ने पुलिस कप्तान के आवास का घेराव कर दिया। सिविल लाईन स्थित एसपी आवास पर पहुंचे परिजनों ने आरोप लगाया है उन्होंने अहरौरा थाना प्रभारी क्रेसर मलिक को बचाने का प्रयास कर रहें हैं। क्रेसर मालिक के रसूख के आगे नतमस्तक अहरौरा पुलिस मुक़दमे को प्रभावित कर रही है।
बताते चलें कि मंगलवार की रात्रि में अहरौरा थाना क्षेत्र के सोनपुर स्थित क्रेसर प्लांट में काम करते समय बिजली के करंट से बुरी तरह से झुलसे मजदूर सीताराम को आनन फानन में चेचरी मोड़ स्थित स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था जहां चिकित्सक ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया था। मजदूर की मौत की सूचना पर अहरौरा पुलिस ने मृत मजदूर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई में जुट गई थी। उधर जैसे ही करंट की चपेट में आए मजदूर के मौत की खबर परिजनों को हुई वैसे ही परिवार में हड़कंप मच गया था। बताया जा रहा है कि देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के दुर्गापुर गांव के रहने वाले सीताराम काफी समय से सोनपुर अहरौरा स्थित क्रेशर प्लांट में बतौर मजदूर कार्य कर रहे थे।
मृतक सीताराम की मौत को लेकर जहां ग्रामीणों में तरह तरह की चर्चा रही है, वहीं परिजनो ने मुआवजे आदि की मांग को लेकर एसपी आवास का बुधवार को सुबह घेराव करते हुए कार्रवाई की भी मांग की है। परिजनों का आरोप रहा है कि सीताराम की मौत को छुपाया जा रहा है जिसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएं। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने आक्रोशित लोगों को शांत कराते हुए जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा।
सुरक्षा मानकों के नाम पर हो रही है मनमानी
जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र के सोनपुर सहित आसपास के गांवों में संचालित होने वाले क्रेशर प्लांटों पर सुरक्षा मानकों की खुली अनदेखी करते हुए मजदूरों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बताते चलें कि इसके पूर्व भी कई हादसे घटित हो चुके हैं, लेकिन इलाकाई पुलिस की लापरवाही और क्रेशर प्लांट संचालकों के दबाव के चलते गरीब श्रमिकों की आवाज पत्थरों और पहाड़ों के तले दब कर रह गई है। जिससे उनके हौसले जहां बुलंद बने हुए हैं।
वहीं कुछ स्थानीय सफेद पोश नेताओं एवं कुछ तथा कथित लोगों की संलिप्तता के चलते मजदूरों को न्याय भी नहीं मिल पा रहा है। और मैं कुछ लोगों ने क्रेशर प्लांट संचालकों की मनमानी और लापरवाही तथा सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते श्रमिकों की होने वाली मौत को लेकर शासन प्रशासन से शिकायत भी की थी लेकिन धनबल बाहुबल के आगे शिकायतकर्ता की आवाज को दबाकर झूठी रिपोर्ट लगाकर क्रेशर संयंत्र संचालक मजदूरों के जीवन से खिलवाड़ करते हुए श्रमिकों और मानवाधिकार नियमों की भी खुली अनदेखी करते आ रहे हैं।
Jun 12 2024, 12:51