भारत के आम चुनाव 2024 के नतीजो पर एक रुख
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआती रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने बढ़त हासिल की है। समाचार चैनलों के अनुसार, 2024 के चुनावों में लोकसभा सीटों के लिए डाले गए वोटों की गिनती के लिए मंगलवार, 4 जून को सुबह 8 बजे शुरू हुए बड़े पैमाने पर काम के दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए ने शुरुआती रुझानों में बढ़त हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष उन्हें सत्ता से बेदखल करना चाहता है।
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अधिकांश एग्जिट पोल ने पीएम मोदी की सत्ता में वापसी की भविष्यवाणी की है, ऐसा विकास जो उन्हें जवाहरलाल नेहरू के बाद सत्ता में लगातार तीसरी बार आने वाले पहले प्रधानमंत्री बना देगा। आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों और ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना और 25 विधानसभा सीटों के उपचुनावों के नतीजे भी शुरू हो गए हैं। इस आम चुनाव में 8,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए मतगणना के सुचारू संचालन के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। लोकसभा चुनावों के लिए मतगणना शुरू हो गई है, जिसमें सबसे ज़्यादा मतदाताओं ने हिस्सा लिया है।
अब राजनीतिक स्पेक्ट्रम के कई नेताओं के चुनावी भाग्य का फ़ैसला होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मैदान में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं। पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी, एनसीपी की सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव सहित प्रमुख विपक्षी नेता भी चुनाव लड़ रहे हैं। दो सर्वेक्षणों ने भविष्यवाणी की है कि भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में जीती गई 303 सीटों से भी बेहतर प्रदर्शन करेगी। 2019 के चुनावों में एनडीए ने 353 सीटें जीती थीं, जिनमें से अकेले भाजपा ने 303 सीटें जीती थीं। विपक्षी यूपीए को सिर्फ़ 93 सीटें मिलीं, जिनमें से कांग्रेस को 52 सीटें मिलीं। भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है, जबकि विपक्ष इंडिया ब्लॉक के तहत सत्ताधारी पार्टी से सत्ता छीनने की कोशिश कर रहा है। इस बीच, सभी एग्जिट पोल ने भाजपा के शानदार बहुमत के साथ सत्ता में लौटने की भविष्यवाणी की है, साथ ही ओडिशा, पश्चिम बंगाल और दक्षिणी राज्यों में भी बढ़त हासिल की है।
लोकसभा के निचले सदन की 543 सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव हुए। मतों की गिनती मंगलवार, 4 जून को हो रही है । लोकसभा चुनाव सात चरणों में हुए थे- 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को।







चीन के इशारों पर काम करने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने बड़ा फैसला लिया। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने देश में इजरायली नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। गाजा में इजरायली हमले को लेकर मुस्लिम देश में बढ़ते विरोध के बीच इजरायली पासपोर्ट धारकों के प्रवेश को रोकने के लिए कानूनी संशोधन करने का फैसला लिया गया है। एशिया के छोटे से देश मालदीव ने ऐलान किया है कि वो अपनी सरहद में इजराइली नागरिकों के प्रवेश पर बैन लगाएगा। जिसके बाद इजराइल के विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को हिदायत दी है कि वे मालदीव की यात्रा करने से परहेज करें। राष्ट्रपति कार्यालय में एक आपातकाली प्रेस वार्ता में गृह मंत्री अल इहसुन ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने इजरायली पासपोर्ट पर मालदीव में प्रवेश पर प्रतिबंध के लिए कानून में बदलाव का फैसला किया है। इसकी निगरानी के लिए मंत्रियों की एक विशेष समिति गठित की गई है। मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू ने कैबिनेट की सिफारिश के बाद इजरायली पासपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का संकल्प लिया है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, कैबिनेट के फैसले में इजरायली पासपोर्ट धारकों को मालदीव में प्रवेश करने से रोकने के लिए आवश्यक कानूनों में संशोधन करना और इन प्रयासों की निगरानी के लिए एक कैबिनेट सब-कमिटी की स्थापना करना शामिल है। इजराइल पर यात्रा प्रतिबंध लगाने को लेकर पिछले साल इजराइल और फिलीस्तीन में जंग छिड़ने के बाद नवंबर में मालदीव के एक एमपी नशीद अब्दुल्ला ने प्रस्ताव पेश किया था।इस प्रस्ताव में सरकार से इजराइली पासपोर्ट रखने वाले नागरिकों के देश में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी। अब मालदीव की सरकार ने इजराइलियों के ट्रैवल पर पाबंदी लगी दी है। मालदीव ने ये फैसला जनता में इजराइल के खिलाफ बढ़ते गुस्से के बाद लिया है। बता दें कि इजराइल की बढ़ती आक्रामकता के बाद मालदीव में कई फिलिस्तीनी समर्थित प्रदर्शन देखने मिले हैं। बता दें कि मालदीव की आबादी 5 लाख से ज्यादा है और पूरी दुनिया से हर साल करीब 17 लाख टूरिस्ट मालदीव घूमने आते हैं। इसमें इजराइल से लगभग 15,000 पर्यटक शामिल हैं। पिछले साल करीब 11 हजार इजराइली नागरिकों ने मालदीव की यात्रा की थी। मुइज्जू के प्रतिबंध के फैसले पर सोशल मीडिया पर एक बार फिर मालदीव ट्रेंड करने लगा है। इजरायली मालदीव की जमकर आलोचना कर रहे हैं। इसके साथ ही इजरायली भारत की चर्चा करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भारत में मौजूद शानदार बीच डेस्टिनेशन की तस्वीरें शेयर की जाने लगी हैं। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर पांच हजार रॉकेट दागे थे। इसके साथ ही हमास के लड़ाके दक्षिणी इजरायल में घुस आए थे और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था। हमास के इस हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे। इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग शुरू कर दी। कुछ महीनों पहले इजरायल और हमास के बीच हुई सीजफायर डील में कई बंधकों को छोड़ दिया गया था, लेकिन अब भी दर्जनों बंधक हमास के कब्जे में हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का कहना है कि जब तक हमास का खात्मा नहीं होता, तब तक जंग जारी रहेगी। वहीं, इजरायल गाजा युद्ध का दुनियाभर के देश विरोध कर रहे हैं। कोई इजरायल का साथ दे रहा है तो कोई गाजा का समर्थन कर रहा है। इस युद्ध की वजह से इजरायल को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से भी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं।

Jun 04 2024, 08:51
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