टीएमसी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर ईवीएम का फोटो डालकर आरोप लगाया कि बांकुरा जिले में 'बीजेपी टैग वाली' ईवीएम का इस्तेमाल किया गया, मचा घमासान

 लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण की वोटिंग के दौरान जमकर बवाल हुआ। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर ईवीएम पर बीजेपी के टैग का आरोप लगाया है। टीएमसी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर ईवीएम का फोटो डालते हुए यह आरोप लगाया है कि बांकुरा जिले में 'बीजेपी टैग वाली' ईवीएम का इस्तेमाल किया गया है। ममता बनर्जी की पार्टी ने कहा कि बांकुरा के रघुनाथपुर में 5 ईवीएम पर बीजेपी का टैग मिला है। इससे यह साफ है कि चुनाव आयोग एकपक्षीय होकर मतदान को प्रभावित कर रहा है।

क्या है पूरा मामला?

टीएमसी ने एक्स पर ईवीएम के दो फोटोज पोस्ट किए हैं। इन दोनों ईवीएम में बीजेपी का टैग लगा हुआ है। बीजेपी लिखे पेपर टैग वाली ईवीएम की दो तस्वीरें साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि ममता बनर्जी ने बार-बार बताया है कि कैसे बीजेपी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करके वोटों में हेराफेरी करने की कोशिश कर रही थी। और आज बांकुरा में रघुनाथपुर में 5 ईवीएम पर बीजेपी का टैग लगा हुआ मिला। टीएमसी ने आगे लिखा कि भारत चुनाव आयोग को तुरंत इस पर ध्यान देना चाहिए और इस पर सुधारात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।

चुनाव आयोग ने दिया जवाब...

टीएमसी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने ट्वीट किया है। ईसीआई ने कहा कि कमीशनिंग के दौरान कॉमन एड्रेस टैग पर उपस्थित उम्मीदवारों और उनके एजेंटों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। चूंकि, उस दौरान कमीशनिंग हॉल में केवल भाजपा उम्मीदवार के प्रतिनिधि मौजूद थे इसलिए कमीशनिंग के दौरान ईवीएम और वीवीपैट पर उनके हस्ताक्षर लिए गए थे। हालांकि, मतदान के दौरान पीएस नंबर 56,58, 60, 61,62 में मौजूद सभी एजेंटों के हस्ताक्षर प्राप्त किए गए थे। कमीशनिंग के दौरान सभी ईसीआई मानदंडों का विधिवत पालन किया गया था। यह पूरी तरह से सीसीटीवी कवरेज के तहत किया गया था और इसकी विधिवत वीडियोग्राफी की गई थी

6वें चरण में 8 लोकसभा सीटों पर बंगाल में हुई वोटिंग

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में पश्चिम बंगाल की 8 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई। पश्चिम बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 18 सीटें जीती थीं। बीजेपी इस कोशिश में है कि वह अपना स्कोर बढ़ाए। हालांकि, सत्तारूढ़ टीएमसी इस कोशिश में है कि बीजेपी की सीटें कम हो।

WHO की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, कोविड के कारण इतने साल कम हो गई आपकी उम्र, वा पढ़िए, पूरी डिटेल रिपोर्ट

 विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण वैश्विक जीवन प्रत्याशा यानी जीने की दर में गिरावट आई है। संगठन ने कहा के कोरोना केे कारण एक दशक की प्रगति खत्म हो गई है। यूएन की इस स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 के कारण जीवन प्रत्याशा में स्थिर वृद्धि और जन्म के समय स्वस्थ जीवन प्रत्याशा की प्रवृति अब एकदम एक दूसरे के विपरीत हो गई है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि विश्व सांख्यिकी अध्ययन के अनुसार वैश्विक जीवन प्रत्याशा 1.8 वर्ष घटकर 71.4 वर्ष हो गई। जोकि 2012 के स्तर के बराबर तक पहुंच गई है। यानी कोविड के कारण मानव समुदाय एक दशक पीछे हो गया है। स्टडी के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति की औसत आयु 2021 में 1.5 वर्ष घटकर 61.9 वर्ष हो गई है। जीवन प्रत्याशा की यह दर 2012 में थी। बता दें इससे पहले लैंसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यही बात सामने आई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार महामारी के दौरान औसत जीवन प्रत्याशा 1.6 वर्ष कम हो गई।

अध्ययन को लेकर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनाॅम ने कहा कि ये आंकड़े जिनेवा में चल रहे वैश्विक महामारी सुरक्षा समझौते के महत्व को समझने के लिए काफी है। वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, लाॅन्ग टर्म निवेश के लिए प्रोत्साहित करना और सभी देशों के बीच समानता के भाव को बढ़ावा देना है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कोविड के कारण दुनियाभर की जीवन प्रत्याशा में एक जैसी गिरावट नहीं है। अध्ययन के मुताबिक कोविड के कारण अमेरिका और दक्षिण पूर्वी एशिया सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहे। इन दोनों महाद्वीपों में जीवन प्रत्याशा में लगभग 3 साल की गिरावट आई है। वहीं पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र सबसे कम प्रभावित हुआ है। यहां की जीवन प्रत्याशा में 0.1 वर्ष की गिरावट आई है।

चुनाव आयोग ने 5 फेज वोटिंग का पूरा आंकड़ा जारी किया, कहा- एक एक वोट का हिसाब है

डेस्क: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अबतक कुल पांच चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और चुनाव आयोग ने पांचों चरणों के मतदान का आंकड़ा जारी किया है। आयोग ने कहा कि कोई भी वोटों की संख्या मेंगड़बड़ी नहीं कर सकता। एक-एक वोट का हिसाब है। आयोग ने कहा कि फॉर्म 17सी के माध्यम से सभी उम्मीदवारों के मतदान एजेंटों के साथ शेयर किए गए वोटों के आंकड़े को कोई भी नहीं बदल सकता है। आयोग ने कहा कि मतदान का डेटा हमेशा उम्मीदवारों के पास और नागरिकों के लिए वोटर टर्नआउट ऐप पर 24x7 उपलब्ध था। आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को खराब करने और झूठी कहानियां गढ़ने के पैटर्न पर गौर किया है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मजबूती दी

आयोग की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि नाव आयोग द्वारा मतदान के आंकड़ों को जारी करने की प्रक्रिया पर माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों और फैसले से आयोग निश्चित तौर पर खुद को मजबूत महसूस कर रहा है। इससे आयोग पर बिना किसी विवाद के चुनावी लोकतंत्र की सेवा करने की एक बड़ी जिम्मेदारी आती है। इसलिए चुनाव आयोग ने प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की पूर्ण संख्या को शामिल करने के लिए मतदान डेटा जारी करने के प्रारूप का और विस्तार देने का फैसला लिया है। इसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया गया है। 

पूरी प्रक्रिया सटीक, किसी तरह की विसंगति नहीं

आयोग ने कहा कि डाले गए वोटों के संग्रहण और भंडारण की प्रक्रिया कठिन और पारदर्शी है। राज्यों में आयोग और उसके अधिकारी वैधानिक विचारों को ध्यान में रखते हुए, बेहतर तरीके से मतदान डेटा का प्रसार कर रहे हैं। 19 अप्रैल 2024 को मतदान शुरू होने की तारीख से मतदान के आंकड़ों को जारी करने की पूरी प्रक्रिया सटीक, सुसंगत और चुनाव कानूनों के अनुसार रही है। इसमें किसी भी तरह की विसंगति नहीं रही है। 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की उस याचिका पर निर्वाचन आयोग को निर्देश देने से मना कर दिया, जिसमें आयोग को मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को एनजीओ की याचिका पर निर्वाचन आयोग से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा था, जिसमें लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण का मतदान संपन्न होने के 48 घंटे के अंदर मतदान केंद्र-वार मत प्रतिशत के आंकड़े आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। वहीं निर्वाचन आयोग ने हलफनामा दाखिल कर एनजीओ के अनुरोध का विरोध किया और कहा कि इससे चुनावी माहौल खराब होगा और आम चुनावों के बीच चुनावी तंत्र में अराजकता पैदा होगी।

चुनाव के दिन केजरीवाल की तस्वीर लगा पाकिस्तान ने की नापाक हरकत, आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दी कड़ी नसीहत, लगाई चपत

भारत में जारी लोकसभा चुनावों पर पाकिस्तान भी पैनी नजर गड़ाए है। छठे चरण चुनाव के तहत राजधानी दिल्ली समेत देशभर की 58 सीटों पर वोटिंग जारी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपने परिवार के साथ जाकर वोट डाला। इस बीच पाकिस्तान ने भी भारतीय चुनाव में दखल देने की नापाक हरकत की है। पाकिस्तान के एक पूर्व मंत्री ने केजरीवाल की तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसको लेकर उसे खुद ही मुंह की खानी पड़ी। 'आप' मुखिया ने ही पाकिस्तानी नेता को चपत लगाते हुए आईना दिखा दिया।

दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की वह तस्वीर शेयर की जिसमें सीएम मतदान के बाद परिवार के साथ उंगली पर लगी स्याही दिखा रहे हैं। इमरान खान के करीबी फवाद चौधरी ने न केवल यह तस्वीर शेयर की, बल्कि एक संदेश भी लिखा। फवाद चौधरी ने कहा, ''शांति और सद्भाव नफरत और चरमपंथी ताकतों को हरा दें''। फवाद ने इसके साथ #मोर पावर भी लिखा। फवाद चौधरी के इस दखल पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने तुरंत जोरदार पलटवार किया और उन्हें बदहाल पाकिस्तान को संभालने की नसीहत दे डाली। 

केजरीवाल ने पाकिस्तान को दिखाया आइना

केजरीवाल ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए लिखा, ''चौधरी साहब, मैं और मेरे देश के लोग अपने मसलों को संभालने में पूरी तरह सक्षम हैं। आपके ट्वीट की जरूरत नहीं है। इस वक्त पाकिस्तान के हालात बहुत खराब हैं। आप अपने देश को संभालिये।''

केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ''भारत में हो रहे चुनाव हमारा आंतरिक मामला है। अतंकवाद के सबसे बड़े प्रायोजकों का हस्तक्षेप भारत बर्दाश्त नहीं करेगा।''

केजरीवाल ने वोट डालने के बाद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने तानाशाही, बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ वोट डाला है।

केजरीवाल की तिहाड़ जेल से रिहाई पर क्या बोले थे फवाद चौधरी

गौरतलब है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब फवाद चौधरी का केजरीवाल प्रेम उमड़ता दिखा हो। इससे पहले 11 मई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे पीएम मोदी की हार बताया था। फवाद चौधरी ने 'एक्स' पर कैप्शन के साथ केजरीवाल का फोटो पोस्ट कर कहा था कि मोदी जी एक और लड़ाई हार गए #केजरीवाल रिहा... उदारवादी भारत के लिए अच्छी खबर। फवाद चौधरी ने अपने देश में कानून के शासन की स्थिति पर भी अफसोस जताया था। उन्होंने कहा था कि नागरिक समाज, बार एसोसिएशन, मीडिया संगठन और मानवाधिकार संगठन पूरी तरह से शांत हो गए हैं।

हमारे उम्मीदवार को नजरबंद कर लिया गया, क्या यही चुनाव आयोग की निष्पक्षता है ; सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

देशभर में आज यानी शनिवार को लोकसभा चुनाव के छठे चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं. वोटिंग शाम 6 बजे तक चलेगी. जैसे-जैसे दिन का तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे बयानबाजी भी तेज हो गई है.समाजवादी पार्टी ने यूपी पुलिस पर आरोप लगाया है कि पूर्वांचल की अंबेडकर नगर सीट पर सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा को नजरबंद कर दिया गया है. पार्टी ने इसकी जानकारी एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर दी है और इलेक्शन कमिशन पर सवाल खड़े किए हैं. इस सीट से लालजी वर्मा के सामने बीजेपी ने रितेश पांडेय को उम्मीदवार बनाया है तो मायावती ने कमर हयात पर अपना भरोसा जताया है. इस सीट से कुल 8 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. सपा ने क्या आरोप लगाया समाजवादी पार्टी ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा, “सूचना है कि अंबेडकर नगर से सपा प्रत्याशी लाल जी वर्मा के घर योगी सरकार के इशारे पर पुलिस ने दल बल के साथ पहुंचकर प्रत्याशी को नजरबंद किया है और मतदान करने से दलितों पिछड़ों अल्पसंख्यकों को रोका जा रहा है.” आगे पार्टी ने चुनाव आयोग गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा, “ये किस नियम के तहत पुलिस कर रही और क्या यही आपकी निष्पक्षता है? अरे शर्म कर लो चुनाव आयोग शर्म, बेशर्मी से कब तक भाजपा की बीन पर नाचोगे ?” BSP से सपा में शामिल हुए हैं लाल जी वर्मा 2019 में इस सीट BSP के पर रितेश पांडेय ने जीत दर्ज की थी, उस समय सपा-बसपा का गठबंधन था. अब रितेश पांडेय BJP के टिकट से इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वही लालजी वर्मा भी 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले BSP से सपा में आए हैं. सपा ने उन्हें नगर की कटेहरी विधानसभा सीट से टिकट दिया था. वे इस वक्त कटेहरी सीट से विधायक हैं और अंबेडकर नगर सीट INDIA ब्लोक के उम्मीदवार
चुनाव के बीच भाजपा मंत्री का आया बड़ा बयान, पश्चिम बंगाल के बाद अब इस राज्य में OBC आरक्षण पर गिरेगी गाज!

पश्चिम बंगाल में OBC आरक्षण रद्द होने के बाद अब राजस्थान की OBC आरक्षण सूची पर भी तलवार लटक रही है। राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने OBC आरक्षण पर दोबारा विचार करने के संकेत दिए हैं। वहीं 14 मुस्लिम जातियां भी राजस्थान सरकार के निशाने पर हैं, जिन्हें OBC आरक्षण की सूची से निकाला जा सकता है।

राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत का कहना है कि 4 जून के बाद हम OBC आरक्षण सूची पर विचार करेंगे। इसमें 14 मुस्लिम जातियां भी शामिल हैं। 1997 से 2013 के बीच कुछ लोगों को OBC आरक्षण देना सही था या गलत? इसपर पुनः विचार किया जाएगा। दरअसल 4 जून को आम चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। इसके बाद देश में लागू आचार सहिंता खत्म हो जाएगी। इसलिए अविनाश गहलोत ने 4 जून के बाद OBC आरक्षण पर विचार करने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि संविधान में अंबेडकर ने लिखा है कि किसी को धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। लेकिन कांग्रेस सरकार ने तुष्टीकरण के आधार पर कुछ मुस्लिम जातियों को आरक्षण दिया। कांग्रेस सरकार ने 13 -14 मुस्लिम जातियों को 1997 से 20130 तक OBC की कैटेगरी में डाला है। जिसके सर्कुलर भी हमारे पास हैं। विभाग और सरकार अब इस पर रिव्यू करेगा।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी लखनऊ में चुनाव प्रचार के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। सीएम भजनलाल शर्मा ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षियों ने वोट बैंक की राजनीति करने के लिए सारी हदें पार कर दी हैं।

बता दें कि 22 मई 2024 को कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2010 के बाद मिलने वाले OBC आरक्षण को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने 2011 से 2014 के बीच मिलने वाले OBC आरक्षण प्रमाणपत्र को अवैध करार देते हुए नई आरक्षण सूची जारी करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले से बंगाल सरकार को भी तगड़ा झटका लगा था। इसके तहत 77 जातियों का OBC सर्टिफिकेट कैंसिल कर दिया गया था, जिसमें ज्यादातर मुस्लिम जातियां शामिल थीं।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट का फैसला मानने से इंकार कर दिया था। जाहिर है इस फैसले का लोकसभा चुनाव पर बड़ा असर पड़ सकता है। तृणमूल कांग्रेस ने OBC आरक्षण को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था मगर अब आरक्षण रद्द होने से पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है।

तो क्या कंगाल हो जाएंगे हार्दिक पांड्या? प्रॉपर्टी का 70 प्रतिशत हिस्सा ले जाएंगी नताशा! जानिए कैसे आई तलाक की नौबत

 मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पांड्या बुरे दौर से गुजर रहे हैं. पहले उनकी टीम खराब प्रदर्शन के साथ आईपीएल 2024 से बाहर हुई और अब उनका घर टूटने वाला है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पांड्या और उनकी वाइफ नताशा स्टेनकोविक तलाक लेने वाले हैं. हालांकि इसको लेकर किसी भी तरह की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आयी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पांड्या की प्रॉपर्टी का 70 प्रतिशत हिस्सा नताशा ले जाएंगी. पांड्या या नताशा की तरफ से तलाक को लेकर किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई है.

पांड्या और नताशा काफी वक्त से साथ नहीं दिखे. इन दोनों इंस्टाग्राम पर आखिरी बार 14 फरवरी को फोटो शेयर की थी. हालांकि इसके बाद एक फंक्शन के वीडियो में दोनों साथ दिखे थे. लेकिन अब तलाक की खबरों ने तूल पकड़ लिया है. रिपोर्ट की मानें पांड्या को अपनी प्रॉपर्टी का 70 प्रतिशत हिस्सा नताशा को देना होगा. इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी कई पोस्ट शेयर किए गए हैं. पांड्या करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक हैं. वे आईपीएल के लिए मिलने वाली मैच फीस के साथ-साथ और भी कई तरीकों से कमाई करते हैं.

पांड्या आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस का हिस्सा हैं. उन्हें टीम की ओर से फीस के तौर पर 15 करोड़ रुपए मिलते हैं. वे इससे पहले गुजरात टाइटंस का हिस्सा थे. गुजरात की टीम भी पांड्या को इतने ही पैसे देती थी. उन्हें इसके साथ भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से भी मैच फीस मिलती हैं. पांड्या की करोड़ों में कमाई है. इसके साथ-साथ वे ब्रांड एंडोर्समेंट से भी कमाई करते हैं. हार्दिक पांड्या ने मुंबई में एक अपार्टमेंट लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें 30 करोड़ रुपए में घर लिया था. इसके साथ ही उनके पास वडोदरा में एक पैंटहाउस है. इसकी कीमत भी करोड़ों में है. लेकिन तलाक के बाद पांड्या की स्थिति खराब हो सकती है.

केरल में भीषण बारिश, अब तक 11 लोगों की मौत, 7 जिलों में आज भी अलर्ट

 भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज शनिवार के लिए केरल के सात जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे राज्य में भारी बारिश जारी रहने की आशंका है। ये चेतावनी तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों पर लागू होती है, जहां 6 सेमी से 11 सेमी के बीच वर्षा होने की संभावना है।

राज्य के राजस्व मंत्री के राजन के अनुसार, केरल में 9 मई से 23 मई तक बारिश से संबंधित कम से कम 11 मौतें हुई हैं। इनमें छह डूबने, दो खदान दुर्घटनाएं, दो बिजली गिरने और एक घर ढहने की घटनाएं शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि शनिवार के बाद राज्य में बारिश में थोड़ी कमी आने का अनुमान है, उन्होंने लोगों से जल निकायों और तटीय क्षेत्रों से बचने का आग्रह किया है। उन्होंने छुट्टियों की अवधि के दौरान व्यक्तियों, विशेषकर बच्चों को जल निकायों में प्रवेश करने से हतोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

स्थानीय अधिकारी, अग्निशमन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर हैं, राज्य में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की दो टीमें तैनात हैं। शुक्रवार शाम तक, राज्य भर में आठ राहत शिविरों में 223 लोगों को रखा गया है।

वोटिंग के बीच धरने पर बैठी महबूबा मुफ्ती, कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने का लगाया आरोप, फोन कॉल भी रोकी गई

डेस्क : देश भर में छठवें चरण के देश लोकसभा चुनाव हो रहा है। इस बीच अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रत्याशी महबूबा मुफ्ती ने धरने पर बैठ गई हैं। महबूबा मुफ्ती ने बिजबेहरा इलाके में श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे को जाम कर दिया और हाईवे पर ही धरने पर बैठ गईं। महबूबा मुफ्ती का आरोप है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और कुछ मतदान एजेंटों को वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेने से रोकने के लिए गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने फोन की कॉलिंग सेवाओं को भी बाधित करने का आरोप लगाया है।

कार्यकर्ताओं को किया गया गिरफ्तार

वहीं धरने पर बैठी महबूबा मुफ्ती को मनाने के लिए कुछ अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस पर महबूबा मुफ्ती ने उनसे पूछा कि "मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंटों को क्यों गिरफ्तार किया गया? क्या वोटिंग प्रक्रिया में भागीदारी ही सरकार का लक्ष्य है?" उन्होंने कहा, "मैं सुबह से कोई कॉल नहीं कर पाई हूं। अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में वोटिंग के दिन सर्विस को अचानक निलंबन करने का कोई स्पष्टीकरण नहीं है।" वहीं महबूबा मुफ्ती ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पक्षपातपूर्ण होने से बचाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

एक्स पर भी उठाया मुद्दा

बता दें कि महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। इस सीट के लिए शनिवार को मतदान हो रहा है। पीडीपी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए इस मुद्दे को उठाया। एक्स पर किए गए पोस्ट में कहा गया है कि ‘‘चुनाव से ठीक पहले महबूबा मुफ्ती की मोबाइल फोन सेवा अचानक बंद कर दी गई है। मतदान क्षेत्र में कई पीडीपी कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंट को कल शाम और आज तड़के हिरासत में लिया गया।’’

आठ प्रदेशों में 58 सीटों पर वोटिंग जारी, दोपहर 1 बजे तक 39.13 फीसदी वोटिंग

#loksabhaelection_2024

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में अब तक 39.13 फीसदी मतदान हो चुका है। सबसे ज्यादा 54.80 फीसदी मतदान बंगाल में हुआ है, जबकि दिल्ली में सबसे कम 34.37 फीसदी वोटिंग हुई है।

दोपहर 1 बजे तक कहां कितने प्रतिशत वोटिंग

दिल्ली- 34.37 %

उत्तर प्रदेश- 37.23 %

हरियाणा- 36.48 %

बिहार- 36.48 %

जम्मू-कश्मीर- 35.22%

झारखंड- 42.54 %

ओडिशा- 35.69 %

पश्चिम बंगाल- 54.80%