अमेठी सांसद स्मृति दीदी के अथक प्रयास से युवाओं के चेहरे पर बिखेरी मुस्कान-:इंजीनियर संजय सिंह
अमेठी- अधौगिग क्षेत्र में चार दशक पहले से स्थापित इकाईया मालविका, उषा स्टील, सम्राट साइकिल आदि बड़ी फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं और भेल व अन्य लघु उद्योगों का बुरा हाल था ऐसे में अमेठी का कोई पुरूषाहाल नही था अधिकतर इकाईयां बन्द हो गयी थीं ऐसे में युवाओ के पास आय का कोई स्रोत नही बचा था और युवा बडे़ शहरो हेतु पलायन के लिए मजबूर हो रहा था, तभी स्थानीय सांसद स्मृति जुबिन इरानी की पहल से युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने की संभावना को अंगीकृत करते हुए औद्योगिक स्थापना पर ध्यान केन्द्रित किया और इस दरम्यान लगभग 8000 करोड रू0 से अधिक की औद्योगिक स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया गया जिससे नई कंपनियां का आगाज हुआ।
नई कंपनियों में वरूण वेवरेजेज ने जहा लगभग 780 करोड रू0 की लागत से त्रिसुण्डी में प्लांट लगाया जिसमें 300 से अधिक युवाओं को समायोजित किया गया। ऐसे ही भलदोहिया फूड प्राइवेट लिमिटेड में 25 करोड का निवेश किया गया है, 1200 करोड से ग्रासिम उर्जासंयत्र, 360 करोड़ से पोल्ट्री फीड की स्थापना की गयी हंै जिसमें 8000 से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया हैं। उपरोक्त जानकारी लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष इंजी0संजय सिंह ने दी।
इंजी0संजय सिंह ने बताया कि 2014 तक जनपद के प्रत्येक ब्लाक में औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया था जिसमें यूपीसीडा की तरफ से उतेलवा इण्डस्ट्रियल एरिया और जगदीशपुर इण्डस्ट्रियल एरिया बनाया गया, जिसमें लगभग 499 लघु एवं सूक्ष्म इकाईयां ही पंजीकृत थी जिसमें उत्पादन पूरी तरह से बन्द था दीदी के आने के बाद औद्योगिक गति में तेजी से सुधार हुआ लोगों का नजरिया बदला, और इन दस सालो में लगभग 6251 लघु एवं सूक्ष्म इकाईयां पंजीकृत हो गयी हैं।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में लगभग 5000 युवाओं को 6 करोड़ से अधिक का ऋण स्वीकृत किया गया है, और इसमें लगभग 5500 से अधिक युवाओं ने अपने स्वरोजगार को प्रारम्भ किया हुआ है।
मुद्रा योजना में भी 12000 से अधिक युवाओं को रू. 200 करोड तक का ऋण दिया गया हैं जिसमें परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से लगभग 1 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला हुआ है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम(पीएमईजीपी), ओडीओपी, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में लगभग 80 करोड़ का ऋण बांटा गया है जिसमे लगभग 15000 से अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ हैं।
जनपद में पहले स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) बनती थी तों उनके पास कोई योजना नही होती थी और वे बनने के बाद विखर जाती है। ऐसे में दीदी की पहल से लगभग 2059 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिसमें 25 करोड़ से अधिक का ऋण प्रदान किया गया है, ये समूह विभिन्न क्रियाकलापों से जुड़कर उत्पादन व सेवा का कार्य कर रही है और आज समूह की महिलाएं दीदी की प्रेरणास्रोत से लखपती बन गयी है, और जनपद का नाम रोशन कर रही हैं।
लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष इंजी0संजय सिंह ने आगे बताया कि अमेठी फूड प्रोडक्टस जगदीशपुर में संचालित हो रहा है जिसमें परो़क्ष रूप से लगभग 500 युवाओं को जोड़ा गया है। इसी तरह से लेदर प्रोडक्ट के उत्पाद भी बनाये जा रहे है जिसमें 700 से अधिक युवा फैक्ट्री एवं घर से कार्य कर रहे है।
जनपद में 13 फार्मर प्रोडयूसर आर्गनाईजेशन (थ्च्व्) का संचालन किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक एफपीओं से लगभग 1000 किसानों कुल 13000 किसानों को जोड़ा गया है, और ये किसान विभिन्न सब्जियों एवं उत्पादनों में लगे हुए है और इनके उत्पादों को एक्सपोर्ट कराने का कार्य भी किया जा रहा है, साथ ही साथ लूलूूमाल लखनऊ व अन्य बिग बाजार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
जनपद में अब तक 30000 से अधिक युवाओं को कौशल विकास के अन्तर्गत विभिन्न टेªडों में प्रशिक्षित किया गया है, और ये युवा रोजगार पाकर देश के कोने कोने में और कुछ युवा विदेशों मे अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है। अमठी से अभी तक करीब 3200 प्रशिक्षणोपरान्त देश के विभिन्न संस्थानों केयर हेल्थ नर्सेस प्राइवेट लिमिटेड, गुडविल हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, आरआरआर हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, गिन्नी फिलामेन्ट प्राइवेट लिमिटेड, वेल्सपन प्राइवेट लिमिटेड मे कार्य कर रहे हैं, तथा अमेठी के बच्चों की डिमाण्ड लगातार बढ़ती जा रही है।
इण्डस्ट्रिल एरिया टिकरिया में निःशुल्क आवासीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यालय का शुभारम्भ विगत दिनों किया गया हैं जिसमें 300 युवाओं को विभिन्न टेªडों में निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। तदुपरान्त उन्हें रोजगार भी प्रदान किया जाएगा।
जनपद में राष्ट्र स्तरीय नोडल टेªेनिंग इंस्टीटयूट, एग्रीक्लिनिक एवं एग्रीबिजनेस का प्रशिक्षण सेन्टर भी है जिसमें एग्रीकल्चर के स्नातक युवाओं हेतु 45 दिवसीय निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
और ये युवा प्रशिक्षित होकर अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करते है साथ ही साथ अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान करते हैं।
सिंह ने कहा कि दीदी की सौजन्य से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के करीब औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा और इसके लिए भूमि चिन्हित कर किसानों से क्रय करने हेतु राशि भी स्वीकृत हो गयी है। इस औद्योगिक गलियारा में न्वोन्मेषी इकाईयों की स्थापना की जाएगी, ट्रान्सपोर्टेशन की सुगमता की वजह से विपणन का कार्य सहजता से किया जा सकेंगा। इन इकाईयों के स्थापित होने से हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकेंगा।
इंजी0संजय सिंह ने बताया कि ग्रामीण औद्योगिक क्षेत्रों आधुनिक सुविधाओं का विकास किया गया, जिससे कौहार, त्रिसुण्डी, टिकरिया इत्यादि में खाली पड़े भूखण्डों में उद्योगों की स्थापना का कार्य लगातार किया जा रहा है।
May 17 2024, 18:43